aamirhydkhan
New member
- Joined
- Feb 10, 2021
- Messages
- 636
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]औलाद की चाह[/font]
[/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]CHAPTER 7-पांचवी रात[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]योनि पूजा[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]अपडेट-28[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]मलाई खिलाएं और भोग लगाएं[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरुजी:- शिष्यों वह देवी योनी हैं… लेकिन वही रश्मि इस पूजा की मुख्य यजमान भी हैं और हमे उन्हें भी दुग्ध पान करवाना हैं ताकि उन्हें भी माँ योनि की पूरी कृपा मिले।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं चौंक गई थी ... शर्मिंदा थी ... "ओह माई ... ओह माय .... मैं खुद कैसे करुँगी कैसे पाने स्तनों से स्तनपान करुँगी .. नहीं गुरूजी .... मैं नहीं कर सकती ... .. ” … इससे पहले कि मैं अपनी बात पूरी कर पाती गुरूजी ने मुझसे कहा ... ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी :- रश्मि अब आप लेट जाओ और अब शिष्यों अब आप उन्हें मलाई खिलाएं और भोग लगाएं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब चारो शिष्य मेरे बदन पर लगे दूध को चाटने लगे और मेरे बदन पर लगे दूध और मलाई को चाट-चाट कर मेरे ओंठो पर अपने, मुँह से मुझे मलाई खिलाने लगे । कोई मेरे नीपल चाट रहा था तो कोई मेरे स्तन चूस रहा था और कोई मेरी नाभि और कोई मेरी योनि चाट और चूस रहा था और वहाँ पर लगा दूध और पञ्चमृत का भोग अपने मुँह में इकठ्ठा लकर मुझे मेरे ओंठो पर ओंठ लगा कर मुझे खिला कर भोग लगा रहे थे। इस कामुक हमले से मेरी हालत बहुत कामुक हो गयी थी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चार लोग अगर बदन एक साथ चूम और चूस रहे हो तो मेरी क्या हालत होगी इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं मजे से आअह्ह्ह! आअह्ह्ह! कर रही थी और मेरी कमर और चूतड़ उचक रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]parse geojson[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस कामुक चटाई से मेरी कामोतेजना और बढ़ गयी और मेरी योनि से लगातार रस बह रहा था । मुझे उस समय मेरे पति ने मेरी जो सुहागरात पर चटाई की थी वह याद आ रही थी जब मेरे पति में मेरा पूरा बदन चाट डाला था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जल्द ही मेरा पूरा बदन एक बार अकड़-सा गया और फिर उसमें अत्यंत आनन्ददायक झटके से आने लगे। पहले 2-3 तेज़ और फिर न जाने कितने सारे हल्के झटकों से मैं सिहर गई।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी योनि में कोलाहल हुआ और चूत रस की कुछ बूंदे बाहर छलक गयी और उस समय उदय मेरी योनि चाट रहा था और उसने प्यार से अपना हाथ मेरी पीठ और स्तनों पर कुछ देर तक फिराया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उस समय राजकमल मेरे ओंठो पर मलाई चटा रहा था उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपनी जीभ के ज़ोर से पहले मेरे ओंठ और फिर दांत खोले और अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया। फिर जीभ को दायें-बाएँ और ऊपर नीचे करके मेरे मुँह के रस को चूसने लगा और अपनी जीभ से मेरे मुँह का अंदर से मुआयना करने लगा। उसी समय निर्मल मेरे स्तन चूस रहा था और साथ ही उसने अपना हाथ से मेरे स्तनों को दबा रहा था और संजीव मेरी नाभि चाट रहा था और मेरे पेट पर दोबारा से हाथ घुमाना चालू कर दिया। कुछ देर राजकमल ने अपनी जीभ से मेरे मुँह में खेलने के बाद मैंने उसकी जीभ अपने मुँह में ले ली और उसे चूसने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब मैंने उसके ओंठो पर लगी मलाई चाट ली तो राजकमल की जगह निर्मल ने ले ली और निर्मल मुझे मेरे स्तनों पर लगी मलाई अपने मुँह में भर कर चटाने लगा । उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपने मुँह में मलाई का गोला बनाया और अपनी जीभ से उस गोलों को और फिर अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब मैंने निर्मल के ओंठो पर लगी मलाई चाट ली तो निर्मल की जगह संजीव ने ले ली और संजीव मुझे मेरे पेट और नाभि पर लगी मलाई अपने मुँह में भर कर चटाने लगा । उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपने मुँह में मलाई भर कर उस मलाई को और फिर अपनी जीभ के साथ मेरे मुँह में घुसा दिया और मैं उसकी जीभ चूसने लगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब मैंने संजीव के ओंठो पर लगी मलाई चाट ली तो संजीव के स्थान पर उदय आ गया और उसने मुझे मेरी योनि और जांघो पर लगी मलाई और मेरा योनि रस अपने मुँह में भर कर मुझे चटाने लगा । उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपने मुँह में वह मलाई और चुतरस का मिश्रण भर कर मुझे चटाया और फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा दी और मैं उसका मुँह चाटने और उसकी जीभ चूसने लगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: उउ...आआहह![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस तरह से जब मेरे बदन पूरा साफ़ हो गया तो गुरूजी ने मन्त्र उच्चारण किया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-"ओम ... ह्रीं, क्लीं ... ... नमः!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक बार चारो ने मुरा बदन हाथ फिर कर जांचा और अब कही दूध बाकी नहीं था और सबने बारी बार मुझे एक बार चूमा और फिर गुरूजी ने दुबारा मन्त्र उच्चारण किया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-"ओम ... ह्रीं, क्लीं ... ... नमः!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बहुत शर्मिंदा महसूस कर रही थी और बोला "सॉरी...सॉरी" ...फिर से गुरूजी बोले[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-ठीक है...बेटी ये स्वाभाविक है। तुमने बहुत अच्छा किया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरु जी ने मुझे अभी-अभी मिले कामोत्तेजना से उबरने के लिए कुछ समय दिया और फिर से शुरू कर दिया। तब तक मैं गहरी साँसे लेती हुई उस गद्दे पर लेटी रही, मेरी खुली हुई चूत, मेरी पूरी नंगी जांघें और टांगें, मेरी मिनीस्कर्ट मेरे गोल कूल्हों के नीचे थी और मेरे स्तन मेरी स्ट्रैपलेस छोटी चोली से लगभग नीचे गिर रहे थे। गुरु जी आँखे ब्नद कर कुछ "अर्चना" कर रहे थे, जबकि उनके चारों शिष्य लगातार मेरी रसीली जवानी को देख रहे थे! कुछ समय बाद गुरूजी ने आँखे खोली[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरु जी: बेटी, क्या तुम मेरी बात सुनने की हालत में हो?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अब बहुत शांत और आराम महसूस कर रही थी क्योंकि मेरा रस बह चुका था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: ये... हाँ गुरु-जी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लापरवाही से उत्तर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरु जी: बेटी, अपना ध्यान योनि पूजा के लक्ष्य से मत निकलने दो। इससे आपको फोकस्ड रहने में मदद मिलेगी। जैसा कि मैंने कहा, आपको उस यौन क्रिया का आनंद लेना चाहिए जो आप इसके दौरान प्राप्त होती है। ठीक? क्या आपने इसका आनंद लिया और साथ-साथ मन्त्र उच्चारण करती रहो ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं थोड़ा शर्माते हुए हिचकी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]
[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं:-ओ... ओके गुरु जी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने नम्रता से उत्तर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-इसमें शरमाने की जरूरत नहीं है इसमें यौन आनद भी मिलेगा और ध्यान भी भटकायेगा पर अगर तुम अपना लक्ष याद रखोगी तो उससे तुम्हे फोकसे रहने में मदद मिलेगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं:-जी गुरु जी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]
[/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]CHAPTER 7-पांचवी रात[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]योनि पूजा[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]अपडेट-28[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]मलाई खिलाएं और भोग लगाएं[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरुजी:- शिष्यों वह देवी योनी हैं… लेकिन वही रश्मि इस पूजा की मुख्य यजमान भी हैं और हमे उन्हें भी दुग्ध पान करवाना हैं ताकि उन्हें भी माँ योनि की पूरी कृपा मिले।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं चौंक गई थी ... शर्मिंदा थी ... "ओह माई ... ओह माय .... मैं खुद कैसे करुँगी कैसे पाने स्तनों से स्तनपान करुँगी .. नहीं गुरूजी .... मैं नहीं कर सकती ... .. ” … इससे पहले कि मैं अपनी बात पूरी कर पाती गुरूजी ने मुझसे कहा ... ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी :- रश्मि अब आप लेट जाओ और अब शिष्यों अब आप उन्हें मलाई खिलाएं और भोग लगाएं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब चारो शिष्य मेरे बदन पर लगे दूध को चाटने लगे और मेरे बदन पर लगे दूध और मलाई को चाट-चाट कर मेरे ओंठो पर अपने, मुँह से मुझे मलाई खिलाने लगे । कोई मेरे नीपल चाट रहा था तो कोई मेरे स्तन चूस रहा था और कोई मेरी नाभि और कोई मेरी योनि चाट और चूस रहा था और वहाँ पर लगा दूध और पञ्चमृत का भोग अपने मुँह में इकठ्ठा लकर मुझे मेरे ओंठो पर ओंठ लगा कर मुझे खिला कर भोग लगा रहे थे। इस कामुक हमले से मेरी हालत बहुत कामुक हो गयी थी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]चार लोग अगर बदन एक साथ चूम और चूस रहे हो तो मेरी क्या हालत होगी इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं मजे से आअह्ह्ह! आअह्ह्ह! कर रही थी और मेरी कमर और चूतड़ उचक रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]parse geojson[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस कामुक चटाई से मेरी कामोतेजना और बढ़ गयी और मेरी योनि से लगातार रस बह रहा था । मुझे उस समय मेरे पति ने मेरी जो सुहागरात पर चटाई की थी वह याद आ रही थी जब मेरे पति में मेरा पूरा बदन चाट डाला था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जल्द ही मेरा पूरा बदन एक बार अकड़-सा गया और फिर उसमें अत्यंत आनन्ददायक झटके से आने लगे। पहले 2-3 तेज़ और फिर न जाने कितने सारे हल्के झटकों से मैं सिहर गई।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी योनि में कोलाहल हुआ और चूत रस की कुछ बूंदे बाहर छलक गयी और उस समय उदय मेरी योनि चाट रहा था और उसने प्यार से अपना हाथ मेरी पीठ और स्तनों पर कुछ देर तक फिराया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उस समय राजकमल मेरे ओंठो पर मलाई चटा रहा था उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपनी जीभ के ज़ोर से पहले मेरे ओंठ और फिर दांत खोले और अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया। फिर जीभ को दायें-बाएँ और ऊपर नीचे करके मेरे मुँह के रस को चूसने लगा और अपनी जीभ से मेरे मुँह का अंदर से मुआयना करने लगा। उसी समय निर्मल मेरे स्तन चूस रहा था और साथ ही उसने अपना हाथ से मेरे स्तनों को दबा रहा था और संजीव मेरी नाभि चाट रहा था और मेरे पेट पर दोबारा से हाथ घुमाना चालू कर दिया। कुछ देर राजकमल ने अपनी जीभ से मेरे मुँह में खेलने के बाद मैंने उसकी जीभ अपने मुँह में ले ली और उसे चूसने लगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब मैंने उसके ओंठो पर लगी मलाई चाट ली तो राजकमल की जगह निर्मल ने ले ली और निर्मल मुझे मेरे स्तनों पर लगी मलाई अपने मुँह में भर कर चटाने लगा । उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपने मुँह में मलाई का गोला बनाया और अपनी जीभ से उस गोलों को और फिर अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब मैंने निर्मल के ओंठो पर लगी मलाई चाट ली तो निर्मल की जगह संजीव ने ले ली और संजीव मुझे मेरे पेट और नाभि पर लगी मलाई अपने मुँह में भर कर चटाने लगा । उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपने मुँह में मलाई भर कर उस मलाई को और फिर अपनी जीभ के साथ मेरे मुँह में घुसा दिया और मैं उसकी जीभ चूसने लगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर जब मैंने संजीव के ओंठो पर लगी मलाई चाट ली तो संजीव के स्थान पर उदय आ गया और उसने मुझे मेरी योनि और जांघो पर लगी मलाई और मेरा योनि रस अपने मुँह में भर कर मुझे चटाने लगा । उसने मेरे ओंठो पर ओंठ रख कर अपने मुँह में वह मलाई और चुतरस का मिश्रण भर कर मुझे चटाया और फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा दी और मैं उसका मुँह चाटने और उसकी जीभ चूसने लगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: उउ...आआहह![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस तरह से जब मेरे बदन पूरा साफ़ हो गया तो गुरूजी ने मन्त्र उच्चारण किया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-"ओम ... ह्रीं, क्लीं ... ... नमः!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक बार चारो ने मुरा बदन हाथ फिर कर जांचा और अब कही दूध बाकी नहीं था और सबने बारी बार मुझे एक बार चूमा और फिर गुरूजी ने दुबारा मन्त्र उच्चारण किया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-"ओम ... ह्रीं, क्लीं ... ... नमः!"[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बहुत शर्मिंदा महसूस कर रही थी और बोला "सॉरी...सॉरी" ...फिर से गुरूजी बोले[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-ठीक है...बेटी ये स्वाभाविक है। तुमने बहुत अच्छा किया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरु जी ने मुझे अभी-अभी मिले कामोत्तेजना से उबरने के लिए कुछ समय दिया और फिर से शुरू कर दिया। तब तक मैं गहरी साँसे लेती हुई उस गद्दे पर लेटी रही, मेरी खुली हुई चूत, मेरी पूरी नंगी जांघें और टांगें, मेरी मिनीस्कर्ट मेरे गोल कूल्हों के नीचे थी और मेरे स्तन मेरी स्ट्रैपलेस छोटी चोली से लगभग नीचे गिर रहे थे। गुरु जी आँखे ब्नद कर कुछ "अर्चना" कर रहे थे, जबकि उनके चारों शिष्य लगातार मेरी रसीली जवानी को देख रहे थे! कुछ समय बाद गुरूजी ने आँखे खोली[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरु जी: बेटी, क्या तुम मेरी बात सुनने की हालत में हो?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अब बहुत शांत और आराम महसूस कर रही थी क्योंकि मेरा रस बह चुका था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं: ये... हाँ गुरु-जी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने लापरवाही से उत्तर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरु जी: बेटी, अपना ध्यान योनि पूजा के लक्ष्य से मत निकलने दो। इससे आपको फोकस्ड रहने में मदद मिलेगी। जैसा कि मैंने कहा, आपको उस यौन क्रिया का आनंद लेना चाहिए जो आप इसके दौरान प्राप्त होती है। ठीक? क्या आपने इसका आनंद लिया और साथ-साथ मन्त्र उच्चारण करती रहो ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं थोड़ा शर्माते हुए हिचकी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं:-ओ... ओके गुरु जी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने नम्रता से उत्तर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]गुरूजी:-इसमें शरमाने की जरूरत नहीं है इसमें यौन आनद भी मिलेगा और ध्यान भी भटकायेगा पर अगर तुम अपना लक्ष याद रखोगी तो उससे तुम्हे फोकसे रहने में मदद मिलेगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं:-जी गुरु जी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]