hotaks444
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raj sharma stories
बात एक रात की--6
गतान्क से आगे.................
दरवाजा लगातार खड़कता रहा. जब मोहित नही उठा तो पद्मिनी ने बेड से उठ कर उसे हिलाया.
'उठो बाहर कोई है...लगातार दरवाजा खड़क रहा है तुम्हे सुनाई नही देता क्या.' पद्मिनी ने मोहित को हिलाते हुए कहा.
'क...कौन है' मोहित उठते ही हड़बड़ाहट में बोला.
'मैं हू...दरवाजा खोलो कोई कब से खड़का रहा है'
'क्या टाइम हुआ है'
'5 बज कर 5 मिनट हो रहे हैं'
'इतनी सुबह-सुबह कौन आ गया'
मोहित ने पहले की तरह लाइट बंद करके दरवाजा खोला. पद्मिनी इस बार टाय्लेट में चली गयी.
'राज तू इतनी सुबह क्या कर रहा है. बताया था ना रात मैने तुझे कि मैं थका हुआ हूँ'
'सॉरी गुरु बात ही कुछ ऐसी थी कि मुझे आना पड़ा.' राज ने कहा
'क्या हुआ अब नही दी क्या नगमा ने गान्ड तुझे'
'गुरु मज़ाक की बात नही है...बहुत सीरीयस बात है...मुझे अंदर तो आने दो'
'क्या बात है यार तू इतना डरा हुआ क्यों है'
'जब तुम्हे पता चलेगा तो तुम्हारी भी मेरी जैसी हालत हो जाएगी'
'यार पहेलिया मत बुझा सॉफ-सॉफ बता कि बात क्या है' मोहित ने कहा.
टाय्लेट में पद्मिनी भी सब कुछ बड़ी उत्सुकता से सुन रही थी. उसे लग गया था कि कोई गंभीर बात है. पहले तो उसने सोचा कि मुझे क्या लेना देना लेकिन फिर उत्सुकता के कारण उनकी बाते सुन-ने लगी.
'यार अभी थोड़ी देर पहले में नगमा को घर छ्चोड़ कर जब वापिस आया तो मैने यू ही टीवी ऑन करके देखा'
'क्या देखा टीवी में'
'यार तेरा वो दोस्त है ना विकास'
मोहित समझ गया कि टीवी पर विकास के कतल की खबर आ रही होगी पर उसने अंजान बन-ने की कोशिस की.
'क्या हुआ विकास को'
'गुरु वो सीरियल किल्लर के हाथो मारा गया'
'क्या ऐसा नही हो सकता'
'सच कह रहा हूँ तुम खुद टीवी चला कर देख लो...पर वो कमिनी बचेगी नही' राज ने कहा.
'क्या मतलब...ये कमीनी कौन है.'
'और कौन, वही जिसने विकास को मारा है. ये सीरियल किल्लर जिसने देहरादून में ख़ौफ़ मच्चा रखा है कोई आदमी नही औरत है. वो भी खूबसूरत. यकीन नही आता तो टीवी चला कर देख लो'
ये सब सुन कर पद्मिनी के होश उड़ गये. उसे पूर्वाभास हो रहा था कि हो ना हो जिस औरत की बात राज कर रहा है वो, वो खुद है. मोहित भी उतना ही सर्प्राइज़्ड था. उसने फॉरन टीवी ऑन किया.
'किस चॅनेल पर आ रही है खबर' मोहित ने पूछा.
'कोई भी चॅनेल लगा लो हर किसी पे यही खबर है.
मोहित ने आज तक चॅनेल लगा लिया. उस पर वाकाई वही खबर चल रही थी.
'ध्यान से देखिए इस खूबसूरत चेहरे को यही है वो जिसने देहरादून में ख़ौफ़ फैला रखा है' न्यूज़ आंकर चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहा था.
वो चेहरा किसी और का नही पद्मिनी का था.
'राज तू जा...हम बाद में बात करेंगे'
'क्या हुआ गुरु'
'कुछ नही मैं विकास की मौत के कारण दुखी हू तुम जाओ अभी बाद में बात करेंगे.
'ठीक है...मुझे भी बहुत दुख हुआ ये न्यूज़ देख कर. पता नही विकास के घर वालो का क्या हाल होगा भगवान उसकी आत्मा को शांति दे और इस कातिल हसीना को मौत का फंदा'
'ठीक है-ठीक है जाओ अब....'
जैसे ही मोहित ने दरवाजा बंद किया पद्मिनी फ़ौरन टाय्लेट से बाहर आई. टीवी स्क्रीन पर अपनी तस्वीर देख कर उसकी उपर की साँस उपर और नीचे की साँस नीचे रह गयी.
“ये सब क्या है मोहित?”
“पता नही क्या बकवास है…मुझे खुद कुछ समझ नही आ रहा.” मोहित ने कहा.
“मैं अभी पोलीस स्टेशन जा कर पोलीस को सब कुछ बता देती हूँ…” पद्मिनी ने कहा.
“रूको पहले पूरी न्यूज़ तो सुन लें कि माजरा क्या है…”
बात एक रात की--6
गतान्क से आगे.................
दरवाजा लगातार खड़कता रहा. जब मोहित नही उठा तो पद्मिनी ने बेड से उठ कर उसे हिलाया.
'उठो बाहर कोई है...लगातार दरवाजा खड़क रहा है तुम्हे सुनाई नही देता क्या.' पद्मिनी ने मोहित को हिलाते हुए कहा.
'क...कौन है' मोहित उठते ही हड़बड़ाहट में बोला.
'मैं हू...दरवाजा खोलो कोई कब से खड़का रहा है'
'क्या टाइम हुआ है'
'5 बज कर 5 मिनट हो रहे हैं'
'इतनी सुबह-सुबह कौन आ गया'
मोहित ने पहले की तरह लाइट बंद करके दरवाजा खोला. पद्मिनी इस बार टाय्लेट में चली गयी.
'राज तू इतनी सुबह क्या कर रहा है. बताया था ना रात मैने तुझे कि मैं थका हुआ हूँ'
'सॉरी गुरु बात ही कुछ ऐसी थी कि मुझे आना पड़ा.' राज ने कहा
'क्या हुआ अब नही दी क्या नगमा ने गान्ड तुझे'
'गुरु मज़ाक की बात नही है...बहुत सीरीयस बात है...मुझे अंदर तो आने दो'
'क्या बात है यार तू इतना डरा हुआ क्यों है'
'जब तुम्हे पता चलेगा तो तुम्हारी भी मेरी जैसी हालत हो जाएगी'
'यार पहेलिया मत बुझा सॉफ-सॉफ बता कि बात क्या है' मोहित ने कहा.
टाय्लेट में पद्मिनी भी सब कुछ बड़ी उत्सुकता से सुन रही थी. उसे लग गया था कि कोई गंभीर बात है. पहले तो उसने सोचा कि मुझे क्या लेना देना लेकिन फिर उत्सुकता के कारण उनकी बाते सुन-ने लगी.
'यार अभी थोड़ी देर पहले में नगमा को घर छ्चोड़ कर जब वापिस आया तो मैने यू ही टीवी ऑन करके देखा'
'क्या देखा टीवी में'
'यार तेरा वो दोस्त है ना विकास'
मोहित समझ गया कि टीवी पर विकास के कतल की खबर आ रही होगी पर उसने अंजान बन-ने की कोशिस की.
'क्या हुआ विकास को'
'गुरु वो सीरियल किल्लर के हाथो मारा गया'
'क्या ऐसा नही हो सकता'
'सच कह रहा हूँ तुम खुद टीवी चला कर देख लो...पर वो कमिनी बचेगी नही' राज ने कहा.
'क्या मतलब...ये कमीनी कौन है.'
'और कौन, वही जिसने विकास को मारा है. ये सीरियल किल्लर जिसने देहरादून में ख़ौफ़ मच्चा रखा है कोई आदमी नही औरत है. वो भी खूबसूरत. यकीन नही आता तो टीवी चला कर देख लो'
ये सब सुन कर पद्मिनी के होश उड़ गये. उसे पूर्वाभास हो रहा था कि हो ना हो जिस औरत की बात राज कर रहा है वो, वो खुद है. मोहित भी उतना ही सर्प्राइज़्ड था. उसने फॉरन टीवी ऑन किया.
'किस चॅनेल पर आ रही है खबर' मोहित ने पूछा.
'कोई भी चॅनेल लगा लो हर किसी पे यही खबर है.
मोहित ने आज तक चॅनेल लगा लिया. उस पर वाकाई वही खबर चल रही थी.
'ध्यान से देखिए इस खूबसूरत चेहरे को यही है वो जिसने देहरादून में ख़ौफ़ फैला रखा है' न्यूज़ आंकर चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहा था.
वो चेहरा किसी और का नही पद्मिनी का था.
'राज तू जा...हम बाद में बात करेंगे'
'क्या हुआ गुरु'
'कुछ नही मैं विकास की मौत के कारण दुखी हू तुम जाओ अभी बाद में बात करेंगे.
'ठीक है...मुझे भी बहुत दुख हुआ ये न्यूज़ देख कर. पता नही विकास के घर वालो का क्या हाल होगा भगवान उसकी आत्मा को शांति दे और इस कातिल हसीना को मौत का फंदा'
'ठीक है-ठीक है जाओ अब....'
जैसे ही मोहित ने दरवाजा बंद किया पद्मिनी फ़ौरन टाय्लेट से बाहर आई. टीवी स्क्रीन पर अपनी तस्वीर देख कर उसकी उपर की साँस उपर और नीचे की साँस नीचे रह गयी.
“ये सब क्या है मोहित?”
“पता नही क्या बकवास है…मुझे खुद कुछ समझ नही आ रहा.” मोहित ने कहा.
“मैं अभी पोलीस स्टेशन जा कर पोलीस को सब कुछ बता देती हूँ…” पद्मिनी ने कहा.
“रूको पहले पूरी न्यूज़ तो सुन लें कि माजरा क्या है…”