hotaks444
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raj sharma stories
बात एक रात की--15
गतान्क से आगे.................
बॅक टू फार्म हाउस :-..........
मैं सच कह रही हूँ सर, इसने मुझे चाकू दीखया था" पूजा ने चौहान से कहा.
"रामू तू पागल है क्या, इतनी हसीन लड़की को लंड दीखाया जाता है ना कि चाकू" चौहान ने हंसते हुए कहा.
"बिल्कुल सही कहा यार, रामू तू जा अपना काम कर" परवीन ने कहा.
"क्या धूप खिली है तेरे बर्तडे पे यार, इस धूप में इसका बदन सोने जैसा चमक रहा है" चौहान ने कहा.
"हां यार आज दिन खिला-खिला है, चल काम शुरू करें"
"जैसे तेरी मर्ज़ी, मैं तो लंड चुस्वाउंगा पहले इस से बाद मारूँगा इसकी" चौहान ने कहा.
"ठीक है तू लंड चुस्वा मैं इसकी गान्ड मारूँगा" परवीन ने कहा.
"मुझे थोड़ा आराम तो दो, अभी दर्द है हर जगह" पूजा गिड़गिडाई.
"कहा दर्द है मेरी गुलबो सॉफ-सॉफ बता ना, मैं मालिस कर दूँगा" परवीन ने कहा.
"हां-हाँ बोलो मैं भी मालिस करने के लिए तैयार हूँ" चौहान ने भी चुस्की ली.
"आप दोनो को सब पता है, मज़ाक मत करो, सच में दर्द हो रहा है" पूजा ने कहा.
"हमे कुछ नही पता समझाओ तो कुछ" परवीन ने कहा.
"इतने बड़े-बड़े पूरे के पूरे डाल दिए मेरे अंदर, दर्द नही होगा क्या?" पूजा झल्ला कर बोली.
"यार चौहान लड़की ठीक कह रही है इसकी चूत और गान्ड फाड़ डाली हमने आज. इसकी चूत और गान्ड को मालिस की शख्त ज़रूरत है" परवीन ने कहा.
"चल फिर दोनो एक साथ मालिस करते हैं" चौहान घिनोनी हँसी के साथ बोला.
"मुझे कुछ समझ नही आ रहा, वाहा मालिस कैसे होगी" पूजा ने उत्सुकता में पूछा.
पूजा की बात सुनते ही दोनो हँसने लगे. चौहान ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा और उसे हिलाते हुए बोला, "पूजा जी बहुत भोली हो आप, ये देखिए ये लंड है ना मालिस के लिए, कब से तैयार खड़ा है आपके लिए. मेरा मन तो तुम्हारे मूह में देने का था, अब जब तुम्हारी गान्ड में दर्द हो रहा है तो चलो थोड़ी मालिस ही कर देता हूँ"
पूजा ने चौहान के हाथ में हिलते हुए लंड को देखा और अपनी नज़रे झुका ली. वो समझ गयी कि दौनो फिर से एक साथ घुस्साने वाले हैं उसके अंदर. "कमीना है ये इनस्पेक्टर, ऐसे पोलीस वाले होंगे तो देश का क्या होगा," पूजा ने मन ही मन कहा.
"तू गान्ड की मालिस करेगा?" परवीन ने कहा.
"अगर तुझे गान्ड चाहिए तो मैं चूत संभाल लूँगा, जैसी तेरी मर्ज़ी, आख़िर तू बर्तडे बॉय है"
"नही कोई बात नही, बाद में पोज़िशन चेंज कर लेंगे" परवीन ने कहा.
परवीन पूजा के पास आया और उसे बाहों में भर लिया. उसका तना हुआ लंड पूजा के पेट से टकरा रहा था. परवीन ने पूजा के होंटो को अपने होंटो में दबा लिया.
"उम्म्म"
"क्या हुआ मेरी गुलाबो अभी तो लंड तेरी चूत में घुसा ही नही पहले ही चिल्लाने लगी"
"दाँत लग गये आपके मेरे होन्ट पर"
"कोई बात नही गुलाबो, घर जाएगी तो तुझे याद आएगा कि किसी मर्द से पाला पड़ा था"
पूजा ने कुछ नही कहा
चल मेरी गोदी में आजा तुझे हवा में झोते दे दे कर चोदुन्गा" परवीन ने कहा और पूजा को उपर उठा कर उसकी चूत में लंड घुस्सा दिया.
"आअहह धीरे से" पूजा कराह उठी.
चौहान पूजा के पीछे आ गया और उसकी गान्ड पर अपना लंड टीका दिया.
"सर धीरे से डालना" पूजा ने चौहान से कहा.
"घबराओ मत पूजा जी, अब आपकी गान्ड खुल चुकी है, आराम से जाएगा ये लंड इस बार" चौहान ने कहा और एक झटके में पूरा का पूरा लंड पूजा की गान्ड में उतार दिया.
"उूउऊययययययीीईईई माआ" पूजा कराह उठी.
"अब 2 लंड तेरे अंदर हैं कैसा लग रहा है मेरी गुलाबो"
"पहली बार से दर्द कम है" पूजा ने कहा.
"देखा काम आ रही है ना मालिस, बेकार में डर रही थी" चौहान ने कहा.
पूजा के दोनो हाथ परवीन के गले पर लिपटे थे. परवीन उसे दौनो हाथो से हवा में उठाए था. चौहान पूजा की गान्ड में लंड फँसाए खड़ा था. बहुत ही अजीब सी पोज़िशन बन रही थी तीनो की.
परवीन ने पहला धक्का मारा पूजा के अंदर
"आआहह"
"क्या हुआ पूजा जी मज़ा आ रहा है क्या चूत में" चौहान ने कहा.
पूजा ने कोई जवाब नही दिया. लेकिन उसकी 'आअहह' सारी कहानी कह रही थी
चौहान ने अपना लंड पूजा की गान्ड की गहराई से बाहर की ओर खींचा और ज़ोर से वापिस अंदर धकेल दिया और बोला, "ले तेरी गान्ड में भी मज़ा ले"
"आआहह"
"चल अब एक साथ मारेंगे" परवीन ने कहा.
"ठीक है.... वन, टू, थ्री.... लेट्स फक दा बिच"
और पूजा के अंदर आगे पीछे दोनो तरफ से लंड के धक्को की बोचार शुरू हो गयी.
"आआअहह....ओह....नूऊओ....यस"
"पूजा जी.... व्हाट यस?" चौहान ने हंसते हुए पूछा.
"नतिंग.....आआअहह"
हर एक धक्का पूजा के अंदर तूफान मच्चा रहा था.
"नूऊऊओ......प्लीज़ स्टॉप......" पूजा का पानी छूट गया था.
"अभी तो शुरूवात है मेरी गुलाबो, बहुत बार पानी छोड़ॉगी तुम" परवीन ने कहा.
"नही प्लीज़.....आआआहह एक बार और हो गया रूको ना...."
"हा...हा...हे...हे" दाओनो खिलखिला कर हँसने लगे.
पूजा ने आँख खोली तो उसने देखा की दूर हरी झाड़ियों के पीछे रामू खड़ा था. "ये कमीना नौकर हमे देख रहा है" पूजा धीरे से बड़बड़ाई. वो ये बात बताना ही चाहती थी की.......
"आआअहह नही......" एक और ऑर्गॅज़म ने पूजा को कराहने पर मजबूर कर दिया.
पूजा जब होश में आई तो उसने दुबारा रामू की और देखा. रामू अपनी पंत की ज़िप खोल रहा था.
"बस्टर्ड......" पूजा के मूह से निकल गया.
परवीन और चौहान पूजा की छूट और गान्ड मारने में इतने व्यस्त थे की उन्हे पूजा की गाली सुनाई ही नही दी.
अगले ही पल पूजा फिर ज़ोर से छील्लाई "ऊऊओह.....म्म्म्ममम" एक और ऑर्गॅज़म ने उसे घेर लिया.
जब पूजा ने दुबारा आँखे खोली तो पाया की रामू झाड़ियों में अपनी ज़िप खोले खड़ा है और उसकी ज़िप में से भारी भरकम लंड लटक रहा है. लंड रामू के रंग की तरह काले नाग की तरह काला था. रामू का लंड पूजा को बिल्कुल उस हबसी के लंड की तरह लग रहा था जिसको उसनो होटेल में पॉर्न मोविए में देखा था.
"ओह गोद वो तो और भी बड़ा है" पूजा बदबाआई.
"क्या बड़ा है मेरी जान" चौहान ने इस बार उसकी आवाज़ शन ली
"झाड़ियों में वो नौकर मुझे अपना वो दिखा रहा है" पूजा ने कहा.
"कहा है?" चौहान ने कहा.
"वो वही था सच कह रही हूँ" पूजा ने कहा.
"तू क्यों बेचारे रामू के पीछे पड़ी है, कभी कहती है उसने चाकू दिखाया और कभी कहती है कि लंड दिखाया. तू अपनी चूत और गान्ड की चुदाई पे ध्यान दे" परवीन ने कहा.
पूजा फिर से परवीन और चौहान के धक्को में खो गयी.
"दोस्त मैं तो अपना पानी छोड़ने जा रहा हूँ, तू कब तक मारेगा गान्ड" परवीन ने कहा.
"मैं भी फीनिस करने वाला हूँ, चल दोनो स्पीड से चोदते हैं" चौहान ने कहा.
फिर पूजा की चूत और गान्ड में लंड के धक्को की वो बोचार सुरू हुई कि पूजा की साँसे फूलने लगी.
"आआअहह.......ऊऊऊहह......म्म्म्ममम....." एक के बाद एक ऑर्गॅज़म होता रहा.
अचानक दोनो लंड थम गये. पूजा को अपने अंदर हॉट लावा सा महसूस हुआ.
"आआहह मज़ा आ गया यार मस्त लड़की है ये" परवीन ने कहा.
"मैं तो इसकी गान्ड का दीवाना हो गया हूँ, क्या गान्ड है साली की" चौहान ने कहा.
पूजा अपनी आँखे बंद किए परवीन की गोदी में अटकी रही. परवीन और चौहान के लंड अभी भी उसके अंदर फँसे थे.
"मज़ा आ गया कसम से" चौहान ने कहा.
पूजा परवीन और चौहान के बीच हवा में झूल रही थी. दोनो के लंड अभी भी पूजा के अंदर फँसे थे.
"यार मुझे ड्यूटी भी करनी है, मुझे जाना होगा अब, इस किल्लर के केस ने परेशान कर रखा है नही तो आज पूरा दिन यही रहता" चौहान ने कहा और एक झटके में अपना लंड पूजा की गान्ड से बाहर खींच लिया.
"मुझे भी ज़रूरी काम है, मैं भी निकलता हूँ" परवीन ने भी अपना लंड पूजा की चूत से बाहर खींच लिया.
"तुझे क्या काम है?" चौहान ने पूछा
"और क्या काम होगा, ज़रूर नये शिकार की तलाश में निकलेगा ये खूनी" पूजा ने मन ही मन कहा.
"है कुछ ज़रूरी काम बाद में बताउन्गा" परवीन ने कहा.
"चलो पूजा जी कपड़े पहन लो कहीं हमारा मन ना बदल जाए" चौहान ने हंसते हुए कहा.
पूजा ने बिना कुछ कहे जल्दी से घास पर बिखरे अपने कपड़े बटोरे और जल्दी से पहन लिए.
परवीन पूजा के पास आया और बोला, "जो बात चौहान को बताई है, किसी और को बताई तो तुम्हारी खैर नही"
"क्या कह रहा है बेचारी के कान में" चौहान ने पूछा.
"कुछ नही, पूछ रहा था की दुबारा कब मिलोगि?"
पूजा कुछ नही बोली.
"उस दिन तुम दोनो सहेलियों को देख कर मन मचल उठा था मेरा. देखो क्या किस्मत पाई है मैने आज खूब रगड़ रगड़ कर मारी है मैने तुम्हारी"
क्रमशः..............................
बात एक रात की--15
गतान्क से आगे.................
बॅक टू फार्म हाउस :-..........
मैं सच कह रही हूँ सर, इसने मुझे चाकू दीखया था" पूजा ने चौहान से कहा.
"रामू तू पागल है क्या, इतनी हसीन लड़की को लंड दीखाया जाता है ना कि चाकू" चौहान ने हंसते हुए कहा.
"बिल्कुल सही कहा यार, रामू तू जा अपना काम कर" परवीन ने कहा.
"क्या धूप खिली है तेरे बर्तडे पे यार, इस धूप में इसका बदन सोने जैसा चमक रहा है" चौहान ने कहा.
"हां यार आज दिन खिला-खिला है, चल काम शुरू करें"
"जैसे तेरी मर्ज़ी, मैं तो लंड चुस्वाउंगा पहले इस से बाद मारूँगा इसकी" चौहान ने कहा.
"ठीक है तू लंड चुस्वा मैं इसकी गान्ड मारूँगा" परवीन ने कहा.
"मुझे थोड़ा आराम तो दो, अभी दर्द है हर जगह" पूजा गिड़गिडाई.
"कहा दर्द है मेरी गुलबो सॉफ-सॉफ बता ना, मैं मालिस कर दूँगा" परवीन ने कहा.
"हां-हाँ बोलो मैं भी मालिस करने के लिए तैयार हूँ" चौहान ने भी चुस्की ली.
"आप दोनो को सब पता है, मज़ाक मत करो, सच में दर्द हो रहा है" पूजा ने कहा.
"हमे कुछ नही पता समझाओ तो कुछ" परवीन ने कहा.
"इतने बड़े-बड़े पूरे के पूरे डाल दिए मेरे अंदर, दर्द नही होगा क्या?" पूजा झल्ला कर बोली.
"यार चौहान लड़की ठीक कह रही है इसकी चूत और गान्ड फाड़ डाली हमने आज. इसकी चूत और गान्ड को मालिस की शख्त ज़रूरत है" परवीन ने कहा.
"चल फिर दोनो एक साथ मालिस करते हैं" चौहान घिनोनी हँसी के साथ बोला.
"मुझे कुछ समझ नही आ रहा, वाहा मालिस कैसे होगी" पूजा ने उत्सुकता में पूछा.
पूजा की बात सुनते ही दोनो हँसने लगे. चौहान ने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा और उसे हिलाते हुए बोला, "पूजा जी बहुत भोली हो आप, ये देखिए ये लंड है ना मालिस के लिए, कब से तैयार खड़ा है आपके लिए. मेरा मन तो तुम्हारे मूह में देने का था, अब जब तुम्हारी गान्ड में दर्द हो रहा है तो चलो थोड़ी मालिस ही कर देता हूँ"
पूजा ने चौहान के हाथ में हिलते हुए लंड को देखा और अपनी नज़रे झुका ली. वो समझ गयी कि दौनो फिर से एक साथ घुस्साने वाले हैं उसके अंदर. "कमीना है ये इनस्पेक्टर, ऐसे पोलीस वाले होंगे तो देश का क्या होगा," पूजा ने मन ही मन कहा.
"तू गान्ड की मालिस करेगा?" परवीन ने कहा.
"अगर तुझे गान्ड चाहिए तो मैं चूत संभाल लूँगा, जैसी तेरी मर्ज़ी, आख़िर तू बर्तडे बॉय है"
"नही कोई बात नही, बाद में पोज़िशन चेंज कर लेंगे" परवीन ने कहा.
परवीन पूजा के पास आया और उसे बाहों में भर लिया. उसका तना हुआ लंड पूजा के पेट से टकरा रहा था. परवीन ने पूजा के होंटो को अपने होंटो में दबा लिया.
"उम्म्म"
"क्या हुआ मेरी गुलाबो अभी तो लंड तेरी चूत में घुसा ही नही पहले ही चिल्लाने लगी"
"दाँत लग गये आपके मेरे होन्ट पर"
"कोई बात नही गुलाबो, घर जाएगी तो तुझे याद आएगा कि किसी मर्द से पाला पड़ा था"
पूजा ने कुछ नही कहा
चल मेरी गोदी में आजा तुझे हवा में झोते दे दे कर चोदुन्गा" परवीन ने कहा और पूजा को उपर उठा कर उसकी चूत में लंड घुस्सा दिया.
"आअहह धीरे से" पूजा कराह उठी.
चौहान पूजा के पीछे आ गया और उसकी गान्ड पर अपना लंड टीका दिया.
"सर धीरे से डालना" पूजा ने चौहान से कहा.
"घबराओ मत पूजा जी, अब आपकी गान्ड खुल चुकी है, आराम से जाएगा ये लंड इस बार" चौहान ने कहा और एक झटके में पूरा का पूरा लंड पूजा की गान्ड में उतार दिया.
"उूउऊययययययीीईईई माआ" पूजा कराह उठी.
"अब 2 लंड तेरे अंदर हैं कैसा लग रहा है मेरी गुलाबो"
"पहली बार से दर्द कम है" पूजा ने कहा.
"देखा काम आ रही है ना मालिस, बेकार में डर रही थी" चौहान ने कहा.
पूजा के दोनो हाथ परवीन के गले पर लिपटे थे. परवीन उसे दौनो हाथो से हवा में उठाए था. चौहान पूजा की गान्ड में लंड फँसाए खड़ा था. बहुत ही अजीब सी पोज़िशन बन रही थी तीनो की.
परवीन ने पहला धक्का मारा पूजा के अंदर
"आआहह"
"क्या हुआ पूजा जी मज़ा आ रहा है क्या चूत में" चौहान ने कहा.
पूजा ने कोई जवाब नही दिया. लेकिन उसकी 'आअहह' सारी कहानी कह रही थी
चौहान ने अपना लंड पूजा की गान्ड की गहराई से बाहर की ओर खींचा और ज़ोर से वापिस अंदर धकेल दिया और बोला, "ले तेरी गान्ड में भी मज़ा ले"
"आआहह"
"चल अब एक साथ मारेंगे" परवीन ने कहा.
"ठीक है.... वन, टू, थ्री.... लेट्स फक दा बिच"
और पूजा के अंदर आगे पीछे दोनो तरफ से लंड के धक्को की बोचार शुरू हो गयी.
"आआअहह....ओह....नूऊओ....यस"
"पूजा जी.... व्हाट यस?" चौहान ने हंसते हुए पूछा.
"नतिंग.....आआअहह"
हर एक धक्का पूजा के अंदर तूफान मच्चा रहा था.
"नूऊऊओ......प्लीज़ स्टॉप......" पूजा का पानी छूट गया था.
"अभी तो शुरूवात है मेरी गुलाबो, बहुत बार पानी छोड़ॉगी तुम" परवीन ने कहा.
"नही प्लीज़.....आआआहह एक बार और हो गया रूको ना...."
"हा...हा...हे...हे" दाओनो खिलखिला कर हँसने लगे.
पूजा ने आँख खोली तो उसने देखा की दूर हरी झाड़ियों के पीछे रामू खड़ा था. "ये कमीना नौकर हमे देख रहा है" पूजा धीरे से बड़बड़ाई. वो ये बात बताना ही चाहती थी की.......
"आआअहह नही......" एक और ऑर्गॅज़म ने पूजा को कराहने पर मजबूर कर दिया.
पूजा जब होश में आई तो उसने दुबारा रामू की और देखा. रामू अपनी पंत की ज़िप खोल रहा था.
"बस्टर्ड......" पूजा के मूह से निकल गया.
परवीन और चौहान पूजा की छूट और गान्ड मारने में इतने व्यस्त थे की उन्हे पूजा की गाली सुनाई ही नही दी.
अगले ही पल पूजा फिर ज़ोर से छील्लाई "ऊऊओह.....म्म्म्ममम" एक और ऑर्गॅज़म ने उसे घेर लिया.
जब पूजा ने दुबारा आँखे खोली तो पाया की रामू झाड़ियों में अपनी ज़िप खोले खड़ा है और उसकी ज़िप में से भारी भरकम लंड लटक रहा है. लंड रामू के रंग की तरह काले नाग की तरह काला था. रामू का लंड पूजा को बिल्कुल उस हबसी के लंड की तरह लग रहा था जिसको उसनो होटेल में पॉर्न मोविए में देखा था.
"ओह गोद वो तो और भी बड़ा है" पूजा बदबाआई.
"क्या बड़ा है मेरी जान" चौहान ने इस बार उसकी आवाज़ शन ली
"झाड़ियों में वो नौकर मुझे अपना वो दिखा रहा है" पूजा ने कहा.
"कहा है?" चौहान ने कहा.
"वो वही था सच कह रही हूँ" पूजा ने कहा.
"तू क्यों बेचारे रामू के पीछे पड़ी है, कभी कहती है उसने चाकू दिखाया और कभी कहती है कि लंड दिखाया. तू अपनी चूत और गान्ड की चुदाई पे ध्यान दे" परवीन ने कहा.
पूजा फिर से परवीन और चौहान के धक्को में खो गयी.
"दोस्त मैं तो अपना पानी छोड़ने जा रहा हूँ, तू कब तक मारेगा गान्ड" परवीन ने कहा.
"मैं भी फीनिस करने वाला हूँ, चल दोनो स्पीड से चोदते हैं" चौहान ने कहा.
फिर पूजा की चूत और गान्ड में लंड के धक्को की वो बोचार सुरू हुई कि पूजा की साँसे फूलने लगी.
"आआअहह.......ऊऊऊहह......म्म्म्ममम....." एक के बाद एक ऑर्गॅज़म होता रहा.
अचानक दोनो लंड थम गये. पूजा को अपने अंदर हॉट लावा सा महसूस हुआ.
"आआहह मज़ा आ गया यार मस्त लड़की है ये" परवीन ने कहा.
"मैं तो इसकी गान्ड का दीवाना हो गया हूँ, क्या गान्ड है साली की" चौहान ने कहा.
पूजा अपनी आँखे बंद किए परवीन की गोदी में अटकी रही. परवीन और चौहान के लंड अभी भी उसके अंदर फँसे थे.
"मज़ा आ गया कसम से" चौहान ने कहा.
पूजा परवीन और चौहान के बीच हवा में झूल रही थी. दोनो के लंड अभी भी पूजा के अंदर फँसे थे.
"यार मुझे ड्यूटी भी करनी है, मुझे जाना होगा अब, इस किल्लर के केस ने परेशान कर रखा है नही तो आज पूरा दिन यही रहता" चौहान ने कहा और एक झटके में अपना लंड पूजा की गान्ड से बाहर खींच लिया.
"मुझे भी ज़रूरी काम है, मैं भी निकलता हूँ" परवीन ने भी अपना लंड पूजा की चूत से बाहर खींच लिया.
"तुझे क्या काम है?" चौहान ने पूछा
"और क्या काम होगा, ज़रूर नये शिकार की तलाश में निकलेगा ये खूनी" पूजा ने मन ही मन कहा.
"है कुछ ज़रूरी काम बाद में बताउन्गा" परवीन ने कहा.
"चलो पूजा जी कपड़े पहन लो कहीं हमारा मन ना बदल जाए" चौहान ने हंसते हुए कहा.
पूजा ने बिना कुछ कहे जल्दी से घास पर बिखरे अपने कपड़े बटोरे और जल्दी से पहन लिए.
परवीन पूजा के पास आया और बोला, "जो बात चौहान को बताई है, किसी और को बताई तो तुम्हारी खैर नही"
"क्या कह रहा है बेचारी के कान में" चौहान ने पूछा.
"कुछ नही, पूछ रहा था की दुबारा कब मिलोगि?"
पूजा कुछ नही बोली.
"उस दिन तुम दोनो सहेलियों को देख कर मन मचल उठा था मेरा. देखो क्या किस्मत पाई है मैने आज खूब रगड़ रगड़ कर मारी है मैने तुम्हारी"
क्रमशः..............................