hotaks444
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राज- कमिने मूह संभाल कर बोल हम कही नही जा रहे थे बस गाँव तक जाना था,
हरिया- बंदूक की नोक राज के गले मे गाढ़ता हुआ, धीमी आवाज़ मे बोलो बाबू नही तो अभी सुनसान जगह मे
धाय की आवाज़ गूँज जाएगी,
हमे तो लगता हौ तुम इसे इसी बगीचे मे चोदने के चक्कर मे लाए हो माल तो बड़ा जोरदार लेकर आए हो यही
बात है ना सच सच बता दो,
रति- अरे कमिने शरम कर कुच्छ तो सोच समझ कर बोल,
हरिया- अच्छा तो तुम ऐसे नही मनोगे, अब तुम जो करने आए थे वह यही करोगे नही तो आज यही तुम दोनो का
खेल ख़तम कर के चला जाउन्गा और फिर क्या था हरिया ने बंदूक मम्मी के गले मे रखी और मेरी ओर देख
कर बोलने लगा
हरिया- चल बे लोंडे उतार अपनी पेंट,
राज- देखो यह तुम ठीक नही कर रहे हो,
हरिया- उतारता है या उड़ा दू इसे,
रति- नही बेटे मार देने दे इसे गोली पर तू ऐसा मत करना,
हरिया- आख़िरी बार पूछता हू उतारता है कि मार दू गोली,
मैने जल्दी से अपनी पेंट उतार दी
हरिया- वेरी गुड चल अब जल्दी से चदढ़ि भी उतार दे,
राज- यह तुम क्या कह रहे हो
हरिया- अबे चढ्ढि पहने पहने कैसे चोदेगा इस मस्तानी को और फिर हरिया ने मम्मी के गोरे गोरे गालो को
पकड़ कर खींच दिया,
मम्मी के चेहरे पर अब शर्म के भाव उभर आए थे और वह खामोश खड़ी मुझे देख रही थी,
हरिया- अबे उतारता है कि मार दू गोली और फिर मैने अपनी पेंट भी उतार दी, मेरा लंड लटका हुआ था और मम्मी
दूसरी तरफ मूह करके खड़ी थी,
क्रमशः........................
हरिया- बंदूक की नोक राज के गले मे गाढ़ता हुआ, धीमी आवाज़ मे बोलो बाबू नही तो अभी सुनसान जगह मे
धाय की आवाज़ गूँज जाएगी,
हमे तो लगता हौ तुम इसे इसी बगीचे मे चोदने के चक्कर मे लाए हो माल तो बड़ा जोरदार लेकर आए हो यही
बात है ना सच सच बता दो,
रति- अरे कमिने शरम कर कुच्छ तो सोच समझ कर बोल,
हरिया- अच्छा तो तुम ऐसे नही मनोगे, अब तुम जो करने आए थे वह यही करोगे नही तो आज यही तुम दोनो का
खेल ख़तम कर के चला जाउन्गा और फिर क्या था हरिया ने बंदूक मम्मी के गले मे रखी और मेरी ओर देख
कर बोलने लगा
हरिया- चल बे लोंडे उतार अपनी पेंट,
राज- देखो यह तुम ठीक नही कर रहे हो,
हरिया- उतारता है या उड़ा दू इसे,
रति- नही बेटे मार देने दे इसे गोली पर तू ऐसा मत करना,
हरिया- आख़िरी बार पूछता हू उतारता है कि मार दू गोली,
मैने जल्दी से अपनी पेंट उतार दी
हरिया- वेरी गुड चल अब जल्दी से चदढ़ि भी उतार दे,
राज- यह तुम क्या कह रहे हो
हरिया- अबे चढ्ढि पहने पहने कैसे चोदेगा इस मस्तानी को और फिर हरिया ने मम्मी के गोरे गोरे गालो को
पकड़ कर खींच दिया,
मम्मी के चेहरे पर अब शर्म के भाव उभर आए थे और वह खामोश खड़ी मुझे देख रही थी,
हरिया- अबे उतारता है कि मार दू गोली और फिर मैने अपनी पेंट भी उतार दी, मेरा लंड लटका हुआ था और मम्मी
दूसरी तरफ मूह करके खड़ी थी,
क्रमशः........................