Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - Page 9 - SexBaba
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Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास

राज- मेरी रानी चिंता मत करो जब किसी औरत की ऐसी दर्द भरी चुदाई होती है तब उसे खूब मज़ा आता है, तेरा

भैया तेरी चूत मारते हुए तुझे जितना अपने लंड से दर्द पहुचाएगा देखना तुझे बाद मे उतना ही मज़ा

आएगा और तू कहेगी ओह भैया खूब कस कस कर चोदिये अपनी बहन की चूत को,

मैं आगे हाथ लेजाकार संगीता के दूध को खूब कस कर दबाते हुए उसकी चूत मे सतसट लंड पेलने लगा और

फिर जब संगीता की चूत खूब चिकनी हो गई तब मैने ताबड़तोड़ धक्के मार मार के जल्दी से अपना पानी उसकी गुलाबी

चूत मे छ्चोड़ दिया और फिर कुच्छ देर हाफने के बाद हम दोनो ने हाथ मूह धोया और बाहर आ गये,

थोड़ी देर

बाद मम्मी मेरे लिए चाइ लेकर आई और संगीता किचन मे जाकर काम करने लगी, मम्मी मेरे बगल मे बैठ

गई और मैं चाइ की चुस्किया लेते हुए मम्मी के बदन के उतार चढ़ाव को देखने लगा,

मेरे लंड मे थोड़ा सा ताव आ गया और मैने लूँगी के उपर से अपने लंड को जैसे ही चाइ पीते हुए मसला

मम्मी की नज़र एक दम से मेरे हाथ की ओर चली गई और उन्होने मुझे अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया और

जब उनकी नज़रे मुझसे मिली तो उन्होने अपनी नज़रे चुराते हुए दूसरी तरफ नज़र घुमा ली,

मम्मी आज कुछ ज़्यादा

ही खूबसूरत लग रही थी दिल कर रहा था कि रंडी का मूह पकड़ कर चूम लू, मम्मी का गोरा गोरा पेट आज कुछ

ज़्यादा ही उठा हुआ लग रहा था और उसकी गहरी नाभि इतनी बड़ी लग रही थी कि लंड का टोपा उसकी नाभि मे घुसाना

चाहो तो घुस जाए,

कुच्छ देर ऐसे ही बाते करने के बाद मम्मी ने हम लोगो को खाना दिया और फिर जब काफ़ी

रात हो गई तो मम्मी और संगीता दोनो अपने रूम मे चली गई और मैं बैठ कर टीवी देखने लगा, कुच्छ देर बाद

मुझे पायल की आवाज़ सुनाई दी और मैने पलट कर देखा तो मम्मी मेरी ओर चली आ रही थी,

रति- बेटे आज नींद नही आ रही है क्या

राज- बस मम्मी अब सोने ही वाला था और फिर मैने मम्मी से कहा आओ बैठो ना,

रति- रुक जा ज़रा मैं बाथरूम होकर आती हू और फिर मम्मी बाथरूम मे घुस गई लेकिन दरवाजा थोड़ा सा ही

लगाया,

मैं जल्दी से उठ कर बाथरूम के पास जाकर खड़ा हो गया तभी मेरे कानो मे मम्मी के मूतने की

मस्त आवाज़ सुन कर मेरी आँखो के सामने मम्मी की फूली हुई चूत कैसे मोटी पेशाब की धार मार रही होगी यह

नज़ारा नाचने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए तड़पने लगा, कुच्छ देर बाद मैं वापस

आकर बैठ गया और थोड़ी देर बाद मम्मी बाहर आ गई जब मम्मी बाहर आई तो उन्होने अपने हाथो से एक बार

मॅक्सी के उपर से अपनी चूत को दबोचा जैसे पानी पोछ रही हो और फिर मेरे बिल्कुल करीब मुझसे सॅट कर बैठ गई

और मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी बेटा अब तू जवान हो गया है अब तेरे लिए कोई सुंदर सी लड़की भी

देखनी पड़ेगी,
 
रति- पर कही तेरी शादी कर दी तो तू अपनी मम्मी को ही मत भूल जाना

राज- मैने मम्मी की बात सुन कर सोचा आज मम्मी इतनी रोमांटिक क्यो हो रही है मैं कुच्छ समझ नही पाया

और फिर मैने भी सोचा मैं बेकार इतना डर रहा हू आख़िर है तो मेरी मम्मी अगर मैने थोड़ा बहुत उसे च्छू

भी लिया तो वह कुच्छ नही कहेगी और अगर उसे बुरा लगा तो सॉरी कह दूँगा, मैने मम्मी के गालो को चूमते

हुए कहा,

राज- भला कोई बेटा अपनी मम्मी को भूल सकता है क्या

रति- मूह बनाते हुए रहने दे अभी बीबी नही है तो तेरे यह हाल है की कभी अपनी मम्मी का तुझे ध्यान ही

नही रहता है और कही बीबी आ गई तो क्या याद रखेगा,

मेरा मन मम्मी के गुदाज उठे हुए पेट और उसकी गहरी नाभि छुने का बहुत मन कर रहा था और मैने

बहाने से अपना हाथ मम्मी की चिकनी कमर मे फेर कर सहलाते हुए कहा, आप जैसी सुंदर मम्मी के लिए

तो ऐसी 100 बिबिया भी कुर्बान है मम्मी, और फिर मैने मम्मी की मोटी जाँघो को उसकी मॅक्सी के उपर से सहलाना

शुरू कर दिया,

रति- बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा है पर कभी यह भी सोचा है तेरी मम्मी का भी मन कभी कभार

घूमने फिरने का होता है लेकिन तुझे मेरी और ध्यान ही कहाँ रहता है, अपनी बहन को तो घुमा फिरा लाता है

पर कभी मम्मी का भी ख्याल आता है,

राज- अच्छा बाबा सॉरी आइ अड्मिट माइ मिस्टेक अब आगे से आपका बेटा आपका पूरा ख्याल रखेगा और आपको कभी

शिकायत का मोका नही देगा, आप की जो भी इच्छाए है वह मुझे आप बता दो मैं आपकी सभी ख्वाहिशे पूरी

करने की कोशिश करूँगा,

रति- राज संगीता गाँव के गन्ने की बड़ी तारीफ कर रही थी क्या सचमुच बहुत मस्त और बड़े बड़े गन्ने है वहाँ

पर,

राज- हाँ मम्मी बहुत मस्त गन्ने है आप जब चुसोगी तो एक दम मस्त हो जाओगी,

रति- मुस्कुराते हुए अच्छा मुझे कब ले चलेगा अपने साथ गन्ने चुसवाने, या अपनी भरी भरकम मम्मी

को अपनी बाइक पर बैठा कर लेजाने मे तुझे शरम आएगी,

मैं मम्मी की जाँघो पर सर रख कर उसकी मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर उसकी जाँघो को चूमते

हुए,

मम्मी आप भी ना, आप इतनी सुंदर है और आपको लेकर जाने मे मुझे भला क्यो शरम आएगी मैं एक

दो दिन मे आपको भी ले कर चलता हू,

रति- मेरा मतलब था बेटे कि मैं एक तो इतनी मोटी हो गई हू तो मैने सोचा शायद तुझे अच्छा ना लगे मुझे ले

जाना,

राज- नही मम्मी आप नही जानती मुझे आपके जैसी औरते ही अच्छी लगती है, आप मेरी शादी भी करो तो अपने जैसे

भरे बदन वाली औरत से ही करना,

रति- मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए मेरे सीने के बाल को सहलाते हुए मुस्कुराकर कहने लगी, मैं अपने जैसे

बदन वाली औरत तेरे लिए ला दूँगी तो तू कही मुझे अकेला छ्चोड़ कर उसके साथ ही मत चला जाना,

मैं उठ कर मम्मी के बगल मे बैठ कर उनकी चिकनी कमर मे हाथ डाल कर मैने उनको चूमते हुए कहा,

मम्मी आपको तो मैं जिंदगी भर अपने साथ ही रखूँगा चाहे मेरे लिए आप कितनी भी सुंदर औरत ले आओ,

रति- इतनी अच्छी लगती है क्या तेरी मम्मी तुझे
 
राज- मेरी मम्मी मुझे दुनिया की हर औरत से खूबसूरत लगती है

मम्मी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए एक दम से टीवी मे आती न्यूज़ देखने लगी जिसमे बता रहे थे कि एक महिला

के साथ कुच्छ लोगो ने गॅंग रॅप किया, मम्मी न्यूज़ सुनने लगी और मैं उनसे बाथरूम होकर आने का कह कर

बाथरूम मे जाने लगा, मैं यह सोच सोच कर बैचन हो रहा था कि मम्मी आज इतनी खुल कर कैसे बात कर रही

है ज़रूर कुच्छ ना कुच्छ वजह है, जब मैं बाथरूम के अंदर गया तो जैसे ही मुतना चालू किया मेरी नज़र

मम्मी की गुलाबी पॅंटी पर पड़ गई जो बाथरूम मे पड़ी थी मैने झट से उनकी पॅंटी उठा कर देखा तो मैने

गौर किया की अभी मम्मी मॅक्सी के अंदर यही पॅंटी पहने थी जब वह किचन मे झुकी हुई थी,

इसका मतलब यह

था कि मम्मी ने अभी जब वह मूतने आई थी तब अपनी पॅंटी उतरी है, और अभी सोफे पर मॅक्सी के अंदर पूरी नंगी

ही बैठी है, इसका मतलब यह था कि मम्मी आज बहुत चुदासी हो रही है और खूब लंड लेने के लिए तरस रही

है, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि मम्मी इतनी चुदासी हो गई है और मुझसे भी बड़ी रंगीन बाते कर रही है,

मैने मम्मी की पॅंटी को फैला कर देखा और तो उसकी चूत के यहाँ से पूरी पॅंटी गीली हो रही थी मैं समझ

गया कि मम्मी की चूत से पानी च्छुटा होगा और फिर मैं मम्मी की पॅंटी यह सोच कर सूंघने लगा कि

मम्मी की चूत की खुश्बू उसमे से आ रही होगी, वाकई मम्मी की पॅंटी से उसकी चूत की मस्त मादक गंध और

उसके पेशाब की गंध दोनो तरह की खुश्बू से मेरा लंड तन कर सलामी देने लगा, कुच्छ देर मे मम्मी की

पॅंटी को खूब सूंघ सूंघ कर देखता रहा फिर मैं वापस उनकी पॅंटी वही रख कर बाहर आ गया,

मैं वापस मम्मी के पास जाकर बैठ गया मम्मी सोफे पर अपनी गंद टिकाए अपने एक पेर को मोड़ कर बैठी थी

और खुद ही अपनी मॅक्सी उठा अपने घटनो तक चढ़ा कर अपनी गोरी गोरी पिंदलिया मसल रही थी, मुझे तो वह एक

भरा पूरा माल नज़र आ रही थी जिसे पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदना चाहिए, मम्मी टीवी की न्यूज़ को

बड़े ध्यान से देखने के बाद कहने लगी आज कल तो जहाँ देखो बस बलात्कार की ख़बरे ही रहती है और उपर से लोग

अब अपनी गहर की औरतो को भी नही छ्चोड़ते है देख क्या दिखा रहे है बाप ने अपनी ही बेटी को रात को नंगी करके

उसके साथ रॅप किया,

राज- मम्मी यह सब तो रोज की ख़बरे है आप अपने पेर ऐसे क्यो दबा रही है लगता है आपकी पिंदलिया दर्द कर

रही है आप आराम से सोफे पर लेट कर अपने पेर मेरी जाँघो पर रख कर बैठ जाओ आज आपका बेटा आपके पेरो का

सारा दर्द दूर कर देगा, मेरी बात सुन कर मम्मी वही पसर गई और अपनी एक टांग उठा कर मेरी जाँघो पर जैसे

ही रखा मम्मी के पेर की एडी का वजन सीधे मेरे लंड पर पड़ गया और मैं सच मुच मस्त हो गया,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--37

गतान्क से आगे......................

मम्मी की मॅक्सी को धीरे से मैने थोड़ा सा उपर कर दिया और अब मेरी रंडी मम्मी की गोरी गोरी गुदाज पिंदलिया और उनकेघुटने तक का हिस्सा मेरे सामने था और मैं उनकी गोरी गोरी पिंदलियो को सहलाता हुआ मज़े ले रहा था,

मम्मी बराबर टीवी देखे जा रही थी और मैने सोचा कि मम्मी तो मॅक्सी के नीचे पॅंटी पहनी नही है पूरी

नंगी है क्यो ना थोड़ा उनका पेर उठा कर उनकी फूली चूत देखने की कोशिश की जाय और मैने मम्मी के पेरो को

थोड़ा सा मोड़ कर थोड़ा फैला दिया और जैसे ही मैने मम्मी की मॅक्सी के अंदर देखा तब उनकी गुदाज मोटी

मखमल जैसी जंघे जो इतनी मोटी थी की उनका पेर चौड़ा करने के बाद भी उनकी भरी हुई जंघे एक दूसरे से

चिपकी थी,

तब मैने उनके पेरो को थोड़ा और मोड़ दिया और जब फिर से मैने मॅक्सी के अंदर देखा तो मेरे होश

उड़ गये, मम्मी की पाव रोटी की तरह फूली हुई चूत और बीच मे एक बड़ी सी गहरी लकीर देख कर मेरा लंड

झटके देने लगा, मम्मी की चूत तो सुधिया की चूत से भी ज़्यादा मासल और गुदाज लग रही थी और फूली इतनी लग

रही थी कि पूरी हथेली खोल कर अपने पंजो मे दबोचना पड़े,

मैं तो अपनी मम्मी की मस्तानी चूत देख कर मस्त हो गया और उनकी गोरी टाँगो को खूब कस कस कर मसल्ने

लगा,

जब मैं उनकी टाँगो को दबाता तब उनकी पायल ऐसे बजने लगती जैसे किसी औरत की चूत मारते हुए पायल बजती

है, जब मैने देखा की मम्मी ने अब आँखे बंद कर ली है तब मैने उनकी जाँघो को धीरे से अपने हाथो मे

भर कर दबाया तो उनकी मोटी जाँघो के स्पर्श से एक बार तो ऐसा लगा कि अभी मेरे लंड से पानी निकल आएगा,

तभी मम्मी ने आँखे खोली और कहा बेटे मुझे नींद सी आ रही है जा अब तू भी सो जा और मैं भी सोने जा

रही हू,

मैने कहा आप कहो तो और पेर दबा दू आपके

रति- नही बेटे अब रहने दे मुझे सच मुच झपकी आने लगी है,मैने मायूस होकर कहा ठीक है मम्मी और

फिर मैं वहाँ से अपने रूम मे आ गया और लेट गया, मुझे नींद नही आ रही थी और मैने सोचा चलो थोड़ी

देर अपनी सेक्स बुक ही पढ़ा जाए और मैने जैसे ही तकिये के निच्चे हाथ डाला मुझे वहाँ कुच्छ नही मिला और

मैं उठ कर बैठ गया और जल्दी से तकिया हटा कर देखने लगा लेकिन किताब वहाँ नही थी,

तभी मेरे दिमाग़ मे

यह बात आई कि कही मम्मी के हाथ तो नही लग गई और शायद मम्मी उस किताब वो पढ़ भी चुकी थी जिसमे खूब

बेटे द्वारा अपनी मा को चोदने की कहानिया लिखी हुई थी और कुच्छ कहानिया ऐसी भी थी जिसमे मा खुद अपने बेटे

को अपनी चूत दिखा दिखा कर उत्तेजित करती है और फिर उससे अपनी चूत खूब मरवाती है,

मैं चुपके से अपने रूम से बाहर आ गया और दबे पाँव मम्मी के रूम के बाहर जाकर खिड़की से अंदर

देखा तो मेरा शक बिल्कुल सही निकला मम्मी अंदर वही किताब खोल कर पढ़ रही थी और संगीता घोड़े बेच कर

उसके बगल मे लेटी हुई थी, मम्मी किताब पढ़ते हुए अपनी मॅक्सी के उपर से अपनी चूत धीरे धीरे सहला रही थी,

यह सब नज़ारा देख कर मैं एक दम से खुश हो गया और सोचने लगा कि मेरी मम्मी की चूत तो खूब पानी

छ्चोड़ रही है, इसको चोदने मे तो ज़्यादा परेशानी आनी नही चाहिए, क्या गजब का माल है मेरी मम्मी, जब

मुझसे एक बार चुद जाएगी तब फिर रंडी को दिनभर घर मे नंगी ही रखूँगा और नंगी ही घर के सारे काम

करवाउँगा,

और जब मन होगा उसकी गंद मे अपना लंड डाल कर उसे खूब कस कस कर चोदुन्गा,
 
अभी मैं यही सब खड़ा खड़ा सोच रहा था और अपने लंड को मसल रहा था तभी मम्मी ने एक बार संगीता की

ओर देखा और फिर अपनी गंद लेटे लेटे उठा कर अपनी मॅक्सी अपनी गुदाज मोटी गंद को उठा कर उसने उपर चढ़ा

लिया और जब उसने अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत पर मेरे सामने हाथ फेरा तो मेरा लंड

इतना कड़ा हो गया कि मुझे उसे अपनी लूँगी से बाहर निकालना पड़ा और उसे खूब कस कस कर सहलाना पड़ा,

मेरी मम्मी अपनी चूत मे एक उंगली धीरे धीरे सरकाती हुई किताब पढ़ रही थी और उसका चेहरा पूरा लाल नज़र आ

रहा था, मैं मम्मी की चूत और नंगी भरी गंद को देख कर खूब ज़ोर ज़ोर से लंड हिला रहा था और अपने

ख्यालो मे अपनी मम्मी को चोद रहा था, आज तक अपनी मम्मी की नंगी चूत और गंद मैने देखा नही था

इसलिए मुझे उनका ज़्यादा ख्याल कभी आया ही नही लेकिन अब मुझे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी मम्मी को ही चोदने का मन

हो रहा था और मैं बस उसे चोद्ते हुए उसके रसीले होंठ गुलाबी गालो को चूमना चाटना चाहता था,

कुच्छ देर बाद मैने देखा मम्मी की चूड़ियो की आवाज़ ज़ोर ज़ोर से आने लगी थी क्यो कि मम्मी अब अपनी चूत मे

ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली पेलने लगी थी, तभी वह एक दम से बिस्तेर पर मूतने की स्टाइल मे बैठ गई और जब उसका

भोसड़ा खुल कर मेरी आँखो के सामने आया तो मम्मी की बड़ी सी बिना बालो वाली चिकनी गुलाबी चूत देख कर

मेरे मूह मे पानी आ गया और ऐसा लगने लगा कि जाकर अपनी मम्मी की चूत मे मूह डाल कर खूब उसकी चूत

चूस लू,

मम्मी अब तेज़ी से अपनी उंगली चला रही थी और मैं भी उसकी चूत देख कर अपना लंड हिला रहा था, तभी

अचानक मुझे ध्यान नही रहा और मेरे पास मे एक छ्होटा सा गमला रखा हुआ था और मेरे हाथ का धक्का

उस गमले मे लग गया मैने उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन वह गमला धदाम से गिर कर टूट गया और मेरे

होश उड़ गये, आवाज़ सुन कर मम्मी एक दम से रुक गई और उसने आवाज़ लगाई कौन है वहाँ,
 
मेरी तो गंद फट गई

और मैं चुपके से वहाँ से भाग कर अपने रूम मे आ गया,

मैं बहुत देर तक जागता रहा कि शायद मम्मी मुझे देखने आएगी लेकिन मम्मी नही आई तब मुझे कुच्छ

राहत हुई और मैं सो गया, जब सुबह हुई तो मैने देखा संगीता चाइ लेकर खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी, मैने

उससे धीरे से पूछा मम्मी कहाँ है,

संगीता- मम्मी बाथरूम मे पूरी नंगी होकर नहा रही है

राज- हस्ते हुए तुझे सुबह से ही मस्ती चढ़ि है क्या

संगीता- मेरे लंड को लूँगी के उपर से पकड़ कर दबाते हुए, जिसकी चूत मे इतना मोटा लंड घुसने लगेगा उसको

सुबह से मस्ती नही चढ़ेगी तो क्या होगा, और आप सुबह सुबह मम्मी को क्यो याद कर रहे हो कही यह मूसल

मम्मी को चोदने के ख्वाब देख कर तो नही तना हुआ है,

राज- हस्ते हुए क्यो तेरे भैया का लंड अगर मम्मी की चूत मे घुसेगा तो तुझे बुरा लगेगा क्या

संगीता- हस्ते हुए मुझे क्यो बुरा लगेगा, अच्छा है बेचारी मम्मी भी जब से पापा हमे छ्चोड़ कर गये

है तब से खूब चुदने के लिए तड़पति होगी, सच भैया एक बार जो तुम अपने इस मूसल से मम्मी को पूरी नंगी

करके चोद दो तो सचमुच मम्मी तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो जाएगी और दिन रात तुम्हारे लंड के लिए अपनी

चूत उठाए घूमेगी,

मैने संगीता की बात सुन कर उसके मोटे मोटे दूध को पकड़ उसे अपनी गोद मे बैठा कर पकड़ लिया और उसके दूध

दबाते हुए कहा मेरी रंडी बहना मैं अगर तुझे और मम्मी को दोनो को दिन भर घर मे नंगी रख कर

दोनो को एक साथ चोदु तो,

संगीता- फिर तो मज़ा आ जाएगा भैया, मैं भी देखना चाहती हू कि तुम मम्मी को कैसे पूरी नंगी करके

चोद्ते हो, मम्मी पूरी नंगी बड़ा मस्त माल लगती है उसकी चूत चूस कर ही तुम तो मस्त हो जाओगे, मैने संगीता

की चूत को च्छू कर देखा तो उसमे से पानी बह रहा था मैने उसे चूमते हुए कहा गुड़िया रानी आज दोपहर मे

ही मैं आ जाउन्गा फिर तेरी चूत का पानी चाटूँगा अभी मुझे जल्दी से चाइ बना कर दे दे तब तक मैं तैयार हो

जाता हू उसके बाद मैं तैयार हो गया और जब मम्मी मेरा खाना लेकर आई तो उनका चेहरा काफ़ी तनाव मे लग

रहा था और शायद वह कुच्छ कहना चाहती थी,

रति- संगीता जा मैने कपड़े जो धोकर रखे है उन्हे ज़रा छत पर डाल कर आ जा,

संगीता वहाँ से चली गई और मैं चाइ पीने लगा,

राज- क्या बात है मम्मी आप कुच्छ परेशान लग रही है,

रति- बेटे मुझे तुझसे कुच्छ पुच्छना था,

राज- बोलो ना मम्मी

रति- बेटे कल रात मेरे रूम के बाहर तू ही था ना

मम्मी की बात सुन कर मैं एक दम से सकपका गया और मेरी चोरी पकड़ी जा चुकी थी मैं अपनी नज़रे नीचे करके

केवल इतना ही कह सका सॉरी मम्मी,

रति- बेटे तुझे अपनी मम्मी को नंगी नही देखना चाहिए था, तूने यह ग़लत किया है,

तुझे अपनी मम्मी पर

ऐसी नज़रे नही रखना चाहिए, तू एक समझदार लड़का है और तुझे सोचना चाहिए कि मैं तेरी मम्मी हू फिर

भले ही मैं तुझे कितनी ही सेक्सी और जवान लगू लेकिन किसी बेटे को अपनी मम्मी पर ऐसी नज़रे नही डालना चाहिए,

अगर मैं तेरे जैसे सोचने लागू तो ना जाने कितने ग़लत कदम उठा चुकी होती
 
राज- मम्मी अब आगे से ऐसा नही होगा, आइ आम रेआली सॉरी,

रति- मुस्कुराते हुए बेटा माइंड मत करना यह सामानया बात है इसलिए मैने तुझसे खुल कर डिसकस कर लिया चल

अब अपना खाना ले, और फिर मम्मी अपनी मोटी गंद मतकाते हुए जाने लगी और मैं उसके भारी चूतादो का

मटकना देख कर उनकी गंद मे खोने लगा तभी मम्मी ने पलट कर मेरी ओर देखा और फिर मुस्कुरा कर

चली गई, मेरा पूरा मूड सुबह से खराब हो चुका था और मैं यह सोचने लगा कि यह मुझे इतनी आसानी से

चूत देने वाली नही है और कोई भरोसा भी नही कि यह मुझे कोशिश करने पर भी चोदने को दे देगी,

यह खुद भी तडपेगी और मुझे भी अपनी जवानी दिखा दिखा कर तडपाएगी, मैने गुस्से मे मोटेर्बयके स्टार्ट की

और गाँव की ओर चल दिया और रास्ते भर यही सोचता रहा कि जो भी हुआ वह ग़लत नही था मम्मी खुद तो अपनी

चूत खूब उंगली से सहला लेगी और मैं अपना लंड पकड़े उसकी जवानी को दूर से देखता हुआ जलता रहूँगा, मैं रास्ते

भर यही सोचता रहा कि अब क्या करू, मैने जब से मम्मी का मस्त भोसड़ा और मोटी चोदने लायक गंद देखी

थी तब से बस मैं उसे चोदने केलिए मरा जा रहा था, जब मेरी बाइक थोड़े सुनसान इलाक़े से निकली तब मुझे

पेशाब लगी और मैं बाइक रोक कर मूतने लगा और लगातार मेरे दिमाग़ मे बस मम्मी रति की चूत कैसे मारू

यही चल रहा था,

लेकिन कोई भी रास्ता नज़र नही आ रहा था, मैं जैसे ही पलट कर बाइक के पास जाने लगा तभी

पेड़ के उपर से धम्म से दो आदमी मेरे सामने कूद पड़े और मैं कुच्छ समझ पाता उससे पहले ही एक ने मेरे

गले पर चाकू आड़ा दिया और दूसरे ने मेरी गर्दन पिछे से कस कर पकड़ ली,

राज- अरे भाई कौन हो तुम लोग छ्चोड़ो मुझे,

तब चाकू जिसने अड़ा रखा था वह बोला ऐ बाबू चल जल्दी से माल निकाल नही तो अभी चाकू अंदर पेल देंगे

मैने कहा भाई मेरे पास तो कोई माल नही है, तभी दूसरे ने मेरी जेब मे रखा पार्स निकाल लिया और उसमे

लगभग 1000 रुपये रखे थे वह उसने निकाले और खुस होते हुए मुझे एक दम से धक्का देकर जंगल की ओर

भाग गये,

मैं दूसरी चिंता मे ज़्यादा था इसलिए मुझे उनके द्वारा रुपये छिनने का कोई गम नही हुआ और मैं

वापस बाइक पर आकर बैठा, तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया और मैं उन दोनो बदमाशो को दुआ देते हुए

वाह मेरे भाइयो क्या सही मोके पर मुझे लूटा है यह सोचते हुए मैं सीधे साइट पर पहुच गया और वहाँ

काम लगाने के बाद सीधे हरिया के खेतो की ओर चल दिया,

हरिया के खेत मे आज रुक्मणी, चंदा और सुधिया तीनो बैठी थी लेकिन हरिया कही नज़र नही आ रहा था, मैने

जैसे ही दूर से रुक्मणी और सुधिया को एक साथ देखा मेरी गंद फट गई, मैने सोचा कही इन दोनो ने मुझे

पहचान लिया तो बहुत मारेंगी की बाबा जी की दाढ़ी मुछ सब गायब हो गई और चिकना लंडा बन गया यह तो,

क्रमशः........
 
गन्ने की मिठास--38

गतान्क से आगे......................

मैने सोचा अब क्या करू, तभी चंदा की नज़र मुझ पर पड़ गई और मैने उसे चुप रहने का इशारा करते हुए

उसे चुपके से अपने पास बुला लिया और फिर उससे मैने पुछा तेरे बाबा कहाँ है,

चंदा- वह तो रामू भैया के साथ तालाब की ओर गये है और कह रहे थे कि आपसे मिलने जा रहे है, मैने

पुछा क्या रामू की तबीयत ठीक हो गई है तब चंदा ने कहा हाँ रामू भैया अब बिल्कुल ठीक है, मैं उल्टे पाँव

तालाब की ओर चल दिया तब मुझे दोनो एक पेड़ के नीचे बैठे नज़र आ गये और मैं उनके पास पहुच गया,

हरिया- आइए बाबूजी, कल तो आप बिना मिले ही चले गये मैं कितनी देर तक आपकी राह देखता रहा,

राज- अरे हरिया दोस्त कल बगीचे मे ही बहुत देर हो गई थी और मैने सोचा अब तुम्हे क्यो परेशान करू इसलिए

मैं सीधे घर चला गया था,

हरिया- मुस्कुराते हुए फिर बाबू जी कल तो आपको मज़ा आ गया होगा

राज- हाँ हरिया कल जैसा मज़ा तो भूल नही सकता हू वाकई बहुत मज़ा आया मुझे संगीता को चोद कर,

रामू- बाबूजी हमे भी अपनी बहन निम्मो को चोदने मे बड़ा मज़ा आता था,

हरिया- हमे भी बाबूजी तरह तरह की औरतो को चोदने मे बड़ा मज़ा आता है,

राज- हरिया और रामू तुम दोनो को मेरे लिए एक काम करना होगा,

हरिया- आप बोलिए तो सही बाबूजी हम दोनो आपके लिए हमेशा तैयार है, क्यो रामू

रामू- बिल्कुल काका, बोलिए बाबूजी क्या बात है,

राज- तो फिर मेरी बात बड़े ध्यान से सुनना और जो मैं कह रहा हू उसमे ज़रा भी चूक नही होनी चाहिए एक बार

यह प्लान सक्सेस हो गया फिर तो मज़ा आ जाएगा और फिर मैने उन दोनो को बड़े बारीकी से अपने प्लान के बारे मे

सभी बाते समझा कर मैं वहाँ से वापस घर आ गया घर आने के बाद मैने कुच्छ ज़रूरी काम निपटाने के

बाद अगले दिन मैं सुबह सुबह साइट पर जाने से पहले सीधे अपने नौटंकी वाले दोस्त राजन के पास पहुच गया,

राजन- क्या बात है राज बहुत दिनो बाद दोस्त की याद आई है ज़रूर साले कुच्छ काम होगा मुझसे,

राज- अबे बिना काम के भला मैं तुझे क्यो परेशान करने लगा,

राजन- चल अब ज़्यादा होशियारी मत दिखा और मुद्दे की बात कर जिसके लिए तू यहाँ आया है,

राज- यार राजन मुझे एक दिन के लिए दो जोड़े वह ड्रेस चाहिए जिन्हे पहन कर तू डाकू बनता है और साथ मे तेरी

वह नकली बंदूक भी चाहिए,

राजन-अबे तू कोई फिल्म तो नही बना रहा है पहले साधु के कपड़े ले गया अब डाकू के कपड़े लेने आया है लगता

है तू साधु और डाकू नाम की फिल्म बना रहा है,

राज- हस्ते हुए अरे नही यार बस यह समझ ले थोड़ी सी आक्टिंग हमे भी करने का मन कर रहा है बस तू जल्दी

से सारा समान निकाल दे, उसके बाद राजन ने मुझे जो जो समान की ज़रूरत थी वह निकाल कर दे दिया,

वहाँ से मैं साइट पर पहुच गया और फिर सीधे हरिया और रामू के खेतो मे जा पहुचा उसके बाद मैने सभी

समान हरिया और रामू को देते हुए उन्हे सारी बाते समझाने लगा,

हरिया- एक बात समझ मे नही आ रही बाबूजी, इतना सब करने के बजाय आप अपने घर मे ही अपनी मम्मी को

फसा कर चोदने की कोशिश क्यो नही कर रहे है, क्यो कि जो आइडिया आप बता रहे है वह थोड़ा कठिन है,

राज- देखो हरिया मैं अच्छी तरह जानता हू मेरी मम्मी सीधी तरह अपनी चूत नही मरवाने वाली है इसलिए

हमे यह करना ही पड़ेगा, तुम लोग ठीक समय पर पहुच जाना और अच्छी आक्टिंग करना, प्लानिन्नग मेरी

ख़तरनाक ज़रूर थी लेकिन थी सटीक, जैसे तैसे मैने दिन काटा और फिर अपने घर पहुच गया,
 
रात को मैं और संगीता छत पर खड़े होकर बाते कर रहे थे और संगीता को मस्ती सूझ रही थी और उसने लूँगी

मे हाथ डाल कर मेरे लंड को मसल्ते हुए कहा

संगीता- भैया कितने दिनो से तुमने मुझे पूरी नंगी करके चोदा नही है, और फिर बच्चो जैसा मूह बना कर

कहने लगी आपको ज़रा भी ख्याल नही है अपनी बहन का, मैने उसके गालो को खिचते हुए उसके मोटे मोटे दूध

को मसल्ते हुए कहा,

राज- मेरी रानी कल से तुझे मैं घर मे ही चोदुन्गा, कल से तू चाहे जब अपने भैया का लंड ले सकती है

संगीता- उच्छल कर मुझे चूमती हुई वाह भैया पर ऐसा क्या करने वाले हो कि हमे मम्मी का भी डर नही

रहेगा,

राज- मेरी रानी कल से हम चुदाई करेगे लेकिन बिना डर के और फिर मैने संगीता के रसीले होंठो को अपने मूह

मे भर कर चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर दबाना शुरू कर दिया, संगीता ने मुझसे

जानने की कोशिश की लेकिन मैने उसे बाद मे बताने का कह कर टाल दिया और फिर मैं मम्मी के रूम मे जाने

लगा,

मेरी तो हालत ऐसी थी कि मेरा लंड सिर्फ़ मम्मी का सुंदर चेहरा देख कर ही खड़ा होने लगा था फिर अभी

तो मम्मी मेरे सामने ही खड़ी थी,

रति- आ राज वहाँ क्यो खड़ा है बेटे,

मैं मोम के पास गया और उनके सामने बिस्तेर पर बैठ गया वह आराम से तकिये पर सर रख कर लेटी हुई थी,

मैने मम्मी के एक पेरो की गोरी पिंडलियो को पकड़ कर कहा, मम्मी कल सुबह आप रेडी हो जाना मैं आपको

भी अपनी साइट दिखाना चाहता हू, बहुत अच्छी जगह है आप बहुत खुश होगी वहाँ जाकर,

और फिर मैने उनकी

पिंदलियो को दबाते हुए कहा, क्या कहती है बोलिए,

रति- मुश्कूराते हुए, क्या बात है तुझे आज कल अपनी मम्मी का बड़ा ख्याल रहता है, मुझे भी ऐसी जगहो पर

घूमना खूब अच्छा लगता है जहा खेत, छ्होटे मोटे जंगल और बाग बगीचे हो, कल हम वहाँ ज़रूर जाएगे

बेटा, लेकिन राज यह बता कल मैं कपड़े कौन से पहनु,

मम्मी की यह बात सुन कर मैने मन मे सोचा मेरी रानी चाहे जो कपड़े पहन लेना उतारना तो है ही और फिर

मैने मम्मी को कहा आप जो भी पहन लो मम्मी चलेगा क्योकि गाँव मे इतने लोग आपको नही दिखाई देंगे,
 
रति- फिर भी राज तुझे क्या अच्छा लगता है तू बता दे मैं वही पहन लेती हू,

राज- ओके मम्मी आप साडी और ब्लौज पहन कर चलो

रति- ओके यह ठीक रहेगा,

चूँकि संगीता रात को मम्मी के साथ ही सोती थी इसलिए उसे रात मे भी चोदना मुश्किल रहता था रात जैसे तैसे

कटी और सुबह मैं जल्दी से तैयार हो गया और उधर मम्मी तो बिल्कुल लाल साडी और ब्लौज मे दुल्हन की तरह नज़र

आ रही थी, मम्मी ने संगीता को घर मे ही रहने की हिदायत देते हुए मेरी बाइक पर बैठ कर मेरे साथ चल

दी,

सीट पर बिल्कुल जगह नही थी मम्मी के भारी चूतादो ने पूरी गाड़ी की सीट को कवर कर लिया था, मम्मी जब

बैठी थी तो आधी मेरे उपर ही टिकी हुई थी और उनके जिस्म से एक बड़ी चुदास वाली गंध आ रही थी और उनके

मुलायम बदन के स्पर्श से मैं काफ़ी अच्छा महसूस कर रहा था,

हम मज़े मे चलते हुए आ रहे थे जब मैं रोड से नीचे गाँव का कच्चा रास्ता चालू हुआ तो वह आम के

बड़े से बगीचे जहाँ संगीता चुदी थी उसी बगीचे मे काफ़ी सन्नाटा था और मैं अपनी बाइक बड़े धीरे चलाते

हुए चला जा रहा था मा भी सामने देख रही थी इतने मे सामने के पेड़ से दो आदमी हमारे सामने कूदे और

मैने बाइक रोक दी और मम्मी एक दम से नीचे उतर गई, सामने हरिया और रामू डाकू वाला भेष बना कर

बंदूक लिए खड़े थे हरिया तो शकल से ही डकैत नज़र आ रहा था,

हरिया ने मेरे गले पर बंदूक की नली अड़ा दी और कहने लगा,

हरिया- क्यो बे लोंडे इस मस्त लोंड़िया को ले कर कहाँ जंगल मे चला जा रहा है,

राज- इज़्ज़त से बोलो वह मेरी मा है

हरिया- बहुत खराब मूह बना कर, अबे साले हमे चोदना सिखाता है ज़रा सी उंगली दबा दी तो दो मिनिट मे

तोहरी गर्दनिया मे होल बन जाएगा, और फिर हरिया ने रामू की ओर देख कर, क्यो करिया मोड़ दे अपनी उंगली,

रामू- ज़्यादा टे टे करे सरदार तो मोड़ दो, साले यही ढेर हो जाएगे,

रति- कौन हो तुम लोग और क्या चाहते हो,

मम्मी काफ़ी डर रही थी और मुझसे बिल्कुल सॅट कर मुझे पकड़ कर खड़ी थी,

हरिया- ठहाका लगा कर हस्ते हुए रामू की ओर देख कर उसकी पीठ मे मारते हुए, अरे करिया देख ये मस्तानी

लोंड़िया कैसे हमसे मज़ाक कर रही है, साली के सामने डाकू खड़ा है और यह पुच्छ रही है कौन हो तुम हा हा

हा हा हा .........हा ....

राज- देखो सरदार हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है हमारे पास तो धन दोलत भी नही है हमे जाने दो,

हरिया- देख लोंडे हम डाकू ज़रा अलग किसम के है, हमे तुझे लूटना होता तो अब तक धाय से गोली दाग कर लूट

कर चले जाते बट का है ना हम आदमी ज़रा दूजे किसम के है, हमे तुम यह बता दो कि इस गदराए माल को लेकर

कहाँ जा रहे हो,
 
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