Sex Hindi Kahani चोदु अंकल और छिनाल मम्मी - SexBaba
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Sex Hindi Kahani चोदु अंकल और छिनाल मम्मी

hotaks444

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चोदु अंकल और छिनाल मम्मी

स्नेहा गुप्ता है और मैं 19 साल की खूबसूरत लड़की हूँ. मेरे पिता की नौकरी हमारे घर से 50 किमी दूरी पर है और वो घर हफ्ते में सिर्फ़ एक बार ही आते हैं. मेरे पिता जी गोपी नाथ हैं और उनकी उमर 50 साल की है जब कि मेरी मा सुमित्रा केवल 40 साल की है. मेरा एक भाई करण है जो हॉस्टिल में पढ़ता है. उसकी उमर 21 साल है. मैं अपनी मा की तरह बहुत सेक्सी हूँ. सुमित्रा साँवली है और उसका कद 5 फीट 4 इंच है. 
मेरी मा को चुदाई की लत है और वो चुदवाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. उसकी चुचि काफ़ी बड़ी है और चूतड़ कुच्छ भारी हैं जिसको मर्द लोग हसरत भरी नज़र से घूरते हैं. मैं अपनी मा जैसी दिखती हूँ सिर्फ़ मेरा रंग गोरा है और शरीर कुच्छ पतला. मा कहती है कि जवानी में वो बिल्कुल मेरे जैसी दिखती थी.
मुझे अश्लील बुक्स और ब्लू फिल्म्स का शौक मेरी एक सहेली ने डाला था. मैं अपने कमरे में अश्लील किताबें पढ़ती और ब्लू फिल्म्स देखती हूँ. मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ और रात को 8 बजे ट्यूशन पढ़ कर घर लौटती हूँ. सुमित्रा मुझे कई बार छेड़ती है कि मेरा किसी लड़के के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा? मैं शरमा कर रह जाती हूँ. मा बहुत खुले विचारों वाली औरत है. वो कहती है,”
अगर तेरा चक्कर है तो मुझे ज़रूर बता देना. मुझे अपनी मा नहीं सहेली समझना. अपनी तज़ुर्बेकार मा की मदद ले लेना नहीं तो शरमाती रह जाए गी. स्नेहा बेटी, औरत तो तभी संपूर्ण औरत बनती है जब उसका संभोग मर्द से होता है. भगवान ने इस लिए तो मर्द और औरत को अलग अलग बनाया है. तुमने कभी मर्द का साथ लिया है? अगर नहीं लिया तो कुच्छ नहीं देखा ज़िंदगी में.”
मैं रात को अक्सर चुदाई की कहानियाँ पढ़ती और बुर में उंगली डाल कर मज़े लेती. एक दिन मेरे टीचर की बीवी की तबीयत खराब हो गयी और उन्हों ने हम को छुट्टी दे दी और मैं 6 बजे ही घर चली आई. घर के बाहर मेरे पापा के दोस्त छबरा साहिब की कार खड़ी थी. मैं चुप चाप अपने कमरे की तरफ चल दी क्योकि मा छबरा अंकल से बातें कर रही होगी. लेकिन मा का कमरा बंद था और छबरा अंकल दिखाई नहीं दे रहे थे.
मैने सोचा कि शायद मा को पता ही नहीं चला कि अंकल आए हुए हैं तो मैं मा को बताने उसके कमरे में चली गयी. मैं अभी कमरे के दरवाज़े को खटखटाने ही लगी थी कि मा की आवाज़ सुनाई पड़ी,” भैया, कितनी देर इस तरह छुप छुप के चुदवाति रहूं गी मैं तुझ से? अगर किसी को पता चल गया तो मैं तो मारी जाउन्गि, तेरा तो कुच्छ नहीं जाएगा. तू तो अपनी छिनाल बीवी वीना को चोद लेगा लेकिन मेरा घर तबाह हो जाएगा.
और अगर मेरे ख़सम को पता लग गया कि जिसको मैं भैया कह कर पुकारती हूँ,वो ही मुझे चोद रहा है तो मुझे घर से निकाल देगा.” अंकल हंस पड़े और बोले,” सुमित्रा, मेरी बहना, मेरी जान, गोपी को मैं रोज़ फोन करता हूँ और वापिस आने का प्रोग्राम पुछ लेता हूँ और कह देता हूँ कि तुम अपने घर बाद में जाना, पहले मेरे घर आना क्योंकि मेरी बीवी वीना तुम को बहुत याद करती है. गोपी मादरचोद मेरी बीवी पर नज़र रखता है और सोचता है कि मुझे कुच्छ पता नहीं है.
वीना भी उसको लिफ्ट देती है. शायद दोनो चुदाई भी करते हों लेकिन मुझे पूरा यकीन नहीं है कि वो वीना को चोद चुका है या नहीं. मेरी अपनी बीवी को चोदने की कोई इच्छा नहीं है. दिलचस्प बात ये है कि मैं गोपी की पत्नी को चोदना चाहता हूँ और वो मेरी पत्नी को. खैर मैं तो उसकी खूबसूरत पत्नी, यानी अपनी सुमित्रा बेहन को अब भी चोद रहा हूँ, गोपी का पता नहीं कि उसने मेरी पत्नी को चोदा है या नहीं.”
मेरा दिल धक धक कर रहा था अपनी मा और अंकल की बात सुन कर.” तो फिर तुम दोनो वाइफ स्वापिंग क्यो नहीं कर लेते? चारों खुश हो जाएँगे और चोरी चोरी चुदवाने का डर भी नहीं रहेगा, और तुम अपनी सुमित्रा रानी को बहनजी कहे बिना मेरे ख़सम के सामने चोद लोगे.” मा की आवाज़ थी.मेरा बदन पसीना पसीना हो रहा था. इसका मतलब है कि मा और अंकल प्रेमी थे और शायद अभी भी चुदाई कर रहे थे. धड़कते दिल से मैने आँख दरवाज़े के छेद पर लगा दी.
अंदर का नज़ारा देख कर मेरी चूत से रस की नदी बह निकली. सुमित्रा रानी बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी और उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था. मा की नुकीली चुचि कड़ी थी जिस पर अंकल के हाथ चल रहे थे. मा के निपलेस एकदम कड़े हो चुके थे. अंकल का हाथ कभी कभी मा की चूत पर चलने लगता जिस को मा ने शायद आज ही शेव किया था. मेरी मा की जांघों को अंकल सहला रहे थे और मा के लिप्स को किस कर रहे थे. छबरा अंकल भी नंगे थे और उनका काला लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था.
मा उनके लंड को हाथ से उपर नीचे कर रही थी. तभी अंकल मा के कान में कुच्छ बोले और मा कहने लगी,” अच्छा भैया, चाट लो, मैने भी कयि दिनो से चूत पर तेरे होंठ स्पर्श नहीं किए. चूस लो अपनी बेहन का छोला, लेकि देर मत करना, स्नेहा भी आने वाली है. उसके आने से पहले मैं चुदवा लेना चाहती हूँ. तेरे जैसा मस्त लंड ना जाने कब नसीब होगा मुझे इसके बाद. भैया, मैं भी तेरा लंड चूसना चाहती हूँ. तुम मेरे उपर क्यो नहीं चढ़ जाते और हम 69 कर लेते हैं, मैं तेरा लंड चूस लेती हूँ और तू मेरी चूत चाट ले!”
अंकल मुस्कुरा कर बोले,” ठीक है बहना. आज ही मैं गोपी से बात कर के बात करता हूँ और अगर उसको मेरा विचार पसंद आया तो मैं अपनी बीवी को उस से चुदवा लूँगा और तुझे उनके सामने चोदुन्गा. लेकिन अब मुझे पहले अपनी चुत का नमकीन रस पीला दो मेरी बहना. तेरी चूत का तो मैं दीवाना बन चुका हूँ.” मेरे देखते ही अंकल मा के नंगे जिस्म पर चढ़ गये और उनका काला लंड मा के होंठों से स्पर्श करने लगा.
 
मा ने उनका मोटा सुपाडा मूह में ले लिया और चूसने लगी. अंकल का मूह मा की चूत में छुप गया . मुझे अंकल का काला जिस्म दिखाई दे रहा था जब कि मा के बदन की झलक भी मिल रही थी.”आह…..ओह…..आआ….उफ़फ्फ़” आवाज़ें मुझे सुनाई पड़ रही थी. कुच्छ देर के बाद वो दोनो अलग हुए तो मा की चूत और अंकल का लोड्‍ा थूक से भीग चुका था. अंकल ने मा को गहरी किस कर ली और फिर मा अपने आप पलंग के हेड रेस्ट पर हाथ रख कर कुतिया की तरह झुक गयी.
मा के मांसल नितंब उपर उठ चुके थे जिन पर अंकल ने प्यार से हाथ फेरा. सच में मेरी मा के चूतड़ बहुत सेक्सी लग रहे थे और मेरा खुद का मन कर रहा था कि मा के गुदाज़ चूतड़ सहला लूँ. अंकल नीचे झुक कर मा के चूतड़ को किस करने लगे. यहाँ तहाँ मा के चूतड़ पर वो किस करते वहाँ वहाँ उनके थूक की लाइन नज़र आती. तभी मा बोल उठी” भैया, अब देर मत करो, तुम्हारी बेहन बहुत गरम हो चुकी है….ओह्ह्ह्ह भैया अब तो पेल दो अपना मस्त लंड मेरी बुर के अंदर….प्यास बुझा दो मेरी प्यासी चूत की मेरे भाई…..
मेरी चूत जल रही है तेरे लंड के लिए छॅबू भैया….जल्दी से चोद डालो मुझे!? अंकल ने अपना मूह मा के चूतड़ से अलग कर लिया और लंड को हाथ में थाम कर उसके सुपाडे को मा के चूतड़ की दरार में से उसकी चूत पर टिका दिया,” ओह्ह्ह्ह भैया, धकेल दो मेरी चूत में…..चोदो अपनी बहन को, मेरे चुड़क्कड़ भैया…..डाल दो अपना लंड मेरी चूत में…..बुझा दो मेरी चूत की प्यास….” अंकल ने अपनी गान्ड आगे की तरफ कर के जोरदार धक्का मारा और फ़च की आवाज़ से उनका मोटा हथियार मा की चूत में घुस गया .
अंकल के हाथ मा की चुचि को दबाने लगे और मा के मुख से अजीब आवाज़ें निकलने लगी,” उम्म्म…..अरगगगगगगगगग….उर्र्र्र्ररर…आअररह….हाय्ाआ……उउउंम”अंकल ने अपना लंड आगे बढ़ा दिया और मा के चूतड़ आगे पीच्छे होने लगे. मेरा हाथ अपनी चूत पर चला गया और मैं अपनी चूत को सहलाने लगी. मेरी चूत से पानी टपकने लगा. मैने अपनी सलवार से अपनी चूत में उंगली डाल दी और मेरा हाथ मेरे चूत रस से भीग गया .
मेरे मन में इच्छा जाग रही थी कि काश मैं मा की जगह चुदवा रही होती! वास्तविक चुदाई मेरी नज़र पहली बार देख रही थी. है भगवान मेरी चूत को लंड कब मिलेगा? अंकल जोश में भर गये और तेज़ी से चुदाई करने लगे,” ओह्ह्ह्ह सुमित्रा…..मैं बहुत प्यार करता हूँ तुझे….मैं तेरे प्यार के लिए तुझे बहन तक कह रहा हूँ और ये भी बर्दाश्त कर रहा हूँ कि तू मुझे भैया कहती है……तेरे लिए मुझे सब मंज़ूर है मेरी बहना,
मेरी प्रेमिका. तू मेरा प्यार है सुमित्रा. तुझे चोदते हुए ऐसा लगता है जैसे तुम मेरी पत्नी हो. तुझे चोद कर मुझे जन्नत का मज़ा मिलता है रानी, काश मेरी शादी तुझ से हुई होती!” मा भी भावुक हो उठी और अपनी गान्ड को पीछे धकेलने लगी. अंकल का लंड अब तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था. मा अपने चूतड़ अंकल के लंड पर ज़ोर ज़ोर से मार रही थी. लंड और चूत का संगीत कमरे में गूँज रहा था. मेरी उंगलियाँ मेरी चूत को चोद रही थी. अंकल झुक कर मा की पीठ को चूम लेते और मा ”
अफ…..हाीइ…..एयाया…..ह्म्म” कर उठती. अब मेरी दो उंगलियाँ मेऱी चूत में थी और मैं तेज़ी से अपनी कुँवारी चूत को चोद रही थी. मेरी साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी. उधर उतेजना में आ कर अंकल ने मा के बाल खींच कर उस्खी गर्दन को पीछे खींच लिया जैसे कोई घोड़ी की लगाम खींच रहा हो,” ओह….सुमित्रा बहुत मज़ा आ रहा है….मेरा लंड तेरी चूत की गहराई में पहुँच चुका है…..ओह…बेह्न्चोद…..मैं तुझे हमेशा के लिए पा लेना चाहता हूँ….गोपी मदेर्चोद कितना खुशकिस्मत है जिस्खो तेरे जैसी पत्नी मिली है!”
मा भी पसीने से भीग चुकी थी. वो चिल्ला रही थी,: हां भैया, पेलो अपनी प्रेमिका को….अपनी बेहन को चोदो…. मैं तुझे अपना पति ही समझती हूँ…गोपी तो नाम का ही पति है मेरा…असल में तुझे ही अपना पति माना है मैने …..डाल दो अपना लंड मेरी चूत में. ज़ोर से चोदो अपनी बेहन को…..मेरे छॅब्बू राजा, तेरी सुमित्रा झड़ने को है….मेरी चूत पानी छोड़ रही है….ओह मेरे बेह्न्चोद यार…..चोद लो अपनी बेहन को आज….छोड़ दो अपने लंड का रस मेरी चूत में..” मा हान्फते हुए बोल रही थी.
अंकल का भी लंड छूटने वाला लगता था. उनके धक्के और भी तेज़ हो चुके थे. कुच्छ देर में अंकल का लंड पानी छोड़ने लगा तो उन्हों ने लंड बाहर खींच लिया और लंड की मूठ मारने लगे. सफेद क्रीम लंड से निकल कर मा के खूबसूरत चुतडो पर गिरने लगी. कुच्छ बूँद क्रीम मा की पीठ पर गिरी. मेरी चुत भी उसी वक्त पानी छोड़ने लगी. मेरा हाथ मेरी चूत के रस से भीग गया .
कमरे के अंदर की चुदाई ख़त्म हो चुकी थी. मैं चुपके से अपने कमरे में चली गयी. अंकल और मा नंगे लेटे हुए थे. मेरे सेल पर भैया का फोन आया और करण बोला कि वो कल घर पहुँच जाएगा. करण 6 फीट लंबा हॅंडसम नौजवान है जिस पर मेरी सहेलिया लाइन मारती रहती हैं. मेरा ध्यान अब अपने भाई की तरफ चला गया और मुझे एक महीना पहले का सीन याद आ गया जब मेरा भाई नहा कर बाथरूम से निकला और उसने टवल लपेटा हुआ था.
वो जब झुका तो टवल खुल गया और मैने उसका लंड देख लिया था. उसके लंड के आस पास काले घने बाल थे और खूबसूरत लंड मुझे नज़र आ रहा था. बेशक लंड अभी खड़ा नहीं था फिर भी काफ़ी बड़ा लग रहा था. उस नज़ारे को याद कर के मेरी चूत से पानी बहने लगता है. मेरे सपने में मुझे वो ही लंड चोदता है और असल ज़िंदगी में मुझे उस लंड की तमन्ना थी.
अब अपनी जवानी का भार मुझ से उठाया नहीं जा रहा था.. मेरा हाथ मेरी चूत को बुरी तरह से मसल रहा था. उधर फोन बज उठा और मैने उठा लिया. उससी वक्त दूसरे कमरे में फोन मा ने उठा लिया.
“हेलो” मा बोली. दूसरी तरफ पिता जी थे,” हेलो, सुमित्रा कैसी हो. मेरा दोस्त छबरा तो नहीं आया. उस बेह्न्चोद को मैने कहा था कि तेरा दिल लगा कर रखे और बोर ना होने दे. लेकिन उस बेह्न्चोद का कुच्छ पता नहीं. हो सकता है साला अपनी बीवी की गोद में बैठा हो, बहुत कमीना है वो” मा बोली,” नहीं, छबरा भैया तो यहीं हैं. बहुत ख्याल रखते हैं मेरा. मैं उनसे ही बातें कर रही थी.
आप कब आ रहे हैं, मैं आपकी बात भैया से करवाती हूँ.” पिताजी की आवाज़ सुनाई पड़ी” रानी मैं कल दोपहर को पहुँच जाउन्गा. ऐसा करते हैं छबरा और वीना को डिन्नर पर बुला लेते हैं. चारों मिल कर सेलेब्रेट करेंगे. हम सब का मन बहाल जाए गा, क्यो कैसा लगा मेरा विचार?” मा बोली “ठीक है, लो भैया से बात कर लो,”
“अर्रे मदेर्चोद छबरा, आज तो ठीक से मेरी पत्नी की ड्यूटी दे रहे हो, इस लिए माफ़ कर रहा हूँ. कल को वीना को लेकर हमारे घर आ जाना. विस्की पिएँगे और बिवीओ को भी पीला देंगे फिर मौज करेगे. बोल ठीक है?” पिता जी ने कहा और अंकल खुश हो कर बोले” हां यार ठीक है. वीना तुझे बहुत मिस कर रही थी. उसने तो बॅस गोपी भैया की रट लगा रखी है. ना जाने तुमने क्या जादू कर रखा है उस पर.
साले कहीं उस पर नज़र तो नहीं रखी हुई तुमने. तेरा नाम सुन कर उसके चहरे पर रौनक आ जाती है. बहनचोद कोई चक्कर तो नहीं चला रहा उसके साथ? मैं तो सुमित्रा बेहन के साथ बैठ कर गॅप मार रहा था. सच यार तेरी पत्नी बहुत अच्छी है,” पिताजी बोले” ठीक है बेह्न्चोद, कल का प्रोग्राम याद रखना.”
मैं कुच्छ समझ नहीं रही थी. लेकिन मुझे लग रहा था कि कल दोनो जोड़े स्वापिंग करने की कोशिश करेगे. मेरा मन कल्पना कर के भड़क उठा. अगर ऐसा हुआ तो मैं भी बिना चुदे तो नहीं रहूंगी. मैने भी अपनी चुदाई की योजना बना डाली. अगले दिन भैया और पिता जी दोनो पहुँच गये. भैया अब और भी हॅंडसम दिख रहे थे. उनकी कमीज़ से उनके बालों भरी छाती बहुत सेक्सी लग रही थी.
 
मैं झट से भैया के गले से लिपट गयी और भैया को आलिंगन में ले लिया. मेरी भरपूर चुचि भैया की छाती में धँस रही थी. भैया के जिस्म के स्पर्श से मेरी चूत में खुजली होने लगी और उसने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. भैया ने मेरे बालों में हाथ फेरा और उनका दूसरा हाथ मेरे नितंभ सहलाने लगा. उतेज्ना से मेरा जिस्म ऐंठ गया और मैने अपनी आँखें बंद कर ली.” भैया मैं आपको बहुत मिस कर रही थी.
आप अपनी बेहन से बिल्कुल प्यार नहीं करते. देखो मैं आप से कितना प्यार करती हूँ. देखो मेरा दिल कैसे धक धक कर रहा है. भैया मेरे दिल पर हाथ रख कर तो देखो.” मैने भैया से प्यार जताने के इरादे से उनका हाथ पकड़ कर अपनी चुचि पर टिका दिया. मेरी चुचि कड़ी हो चुकी थी और भैया मेरी हरकत से बोखला गये, लेकिन उन्हों ने अपना हाथ नहीं हटाया. मेरी पतली सी टीशर्ट में से मेरी चुचि की गर्मी भैया को महसूस हो रही थी और ना चाहते हुए भी भैया ने मेरी चुचि मसल डाली. मैने अपनी नज़र झुका ली और देखा कि भैया का लंड भी सिर उठाने लगा था. मैने भैया की छाती पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और भैया ने मेरी चुचि को रगड़ना शुरू कर दिया.”स्नेहा तू तो बहुत बड़ी हो गयी है……तेरी चू…..बहुत बड़ी हो गयी है…..अब तू बच्ची नहीं रही…..अब तो तेरी शादी कर देनी चाहिए….किसी से तेरा चक्कर तो नहीं चल रहा…..है तो बता देना” भैया बोल पड़े और मैं मुस्कुरा पड़ी,”
भैया कहते हुए रुक क्यो गये कि मेरी चुचि बड़ी हो गयी है…..मेरी एक ही चीज़ बड़ी नहीं हुई…….आपका ल…भी तो बड़ा हो गया है…..और हां आप भी तो जवान हैं….आपका भी चक्कर चल रहा है क्या? मेरी तो सहेलिया आप पर मरती हैं…..उनको आपका लू….पसंद है” भैया भी शरत से हंस पड़े” अब तू क्यो मेरा लंड कहने से शरमाती है मेरी बहना…….ठीक है तेरी चुचि वाकई ही बहुत मस्त हो चुकी है…..अगर तेरी सहेलिओं को मेरा लंड पसंद है तो तुमको नहीं है क्या?
अगर तुमको भी पसंद है तो बाहर क्यो तलाश करें किसी की. तेरी जवानी भी काफ़ी मस्त है बहना. क्यो तेरी चूत का महुरत हुआ है कि नहीं अभी तक. अगर नहीं हुआ तो अपने भैया को मौका दे दो और तुझे जन्नत की सैर करा देता हूँ, स्नेहा.” मैं जान बुझ कर शरमा गयी और बोली,” भैया, तुम नहीं जानते कि इस घर में क्या हो रहा है. मा तो छबरा अंकल से चुदवा रही है और शायद आज रात पापा और अंकल अपनी पत्नियाँ बदलने का प्रोग्राम बना रहे हैं. भैया आज हम छुप कर मम्मी पापा और अंकल आंटी का चुदाई कार्यकरम देखेंगे और मैं तुझे अपनी जवानी की पहली चुदाई का तोहफा दूँगी”
भैया ने मुझे हैरत से देखा और शरारत से मुस्कुरा पड़े,” मेरी छोटी बहना तो बहुत जवान हो गयी है और जब से मैने तुझे देखा है मेरा लंड नहीं बैठ रहा. चल स्नेहा, मेरे कमरे में हम अभी चुदाई करते हैं,” मेरी चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए भैया ने कहा. मैने भी भैया का लंड हाथ में ले लिया लेकिन मुस्कुरा कर कहा,” भैया इतने उतावले क्यो हो रहे हो. मैं कौन सी भागी जा रही हूँ.
अपनी चुदाई रात को होगी, तुम रात तक अपनी बेहन का इंतज़ार नहीं कर सकते? मेरी चूत भी चुदने को उतावली है लेकिन रात ही हमारे लिए सेफ टाइम होगी जब मा पापा और अंकल आंटी भी चुदाई में व्यस्त होंगे.” भैया मान गये और हम अपने अपने रूम में चले गये. शाम को अंकल आंटी भी पहुँच गये और पापा भी आ गये. पापा ने मुझे गले लगा लिया और मैने देखा कि पापा का लंड मेरे पेट में चुभ रहा था.
शायद पापा चुदाई के लिए बेकरार हो रहे थे. मैने भी अपनी मस्त चुचियाँ पापा की छाती से रगड़ डाली. मैं और भैया मेरे कमरे में बैठ कर टीवी देख रहे थे जब अंकल और आंटी आए. हम ने चोरी से देखा कि पापा ने वीना आंटी को गले से लिपट कर कहा”हे, मेरी प्यारी बेहन वीना, कितनी देर के बाद मिल रही हो तुम. अपने भैया को एक प्यार की जॅफी तो दो.
 
अर्रे छबरा, मदेर्चोद कहाँ छुपा कर रखते हो अपनी पत्नी को अपने यार से, साले मैं कहीं उसको भगा तो नहीं ले जाउन्गा. वीना, सच कहता हूँ अगर ये बेह्न्चोद तुझ से शादी ना कर चुका होता तो मैं तुझे ना छोड़ता और देखो इससे शादी तेरी हुई है और तू मेरी बहन बन गयी है.” अंकल बेशर्मी से हंस पड़े.” मादरचोद अपनी बीवी सुमित्रा को भूल गये, साले वो मेरी भी तो बेहन है. ऐसी सेक्सी औरत तेरी भी तो पत्नी है जिसको मेरी बेहन बना दिया है क्यो कि वो तेरी पत्नी है.
और एक बात मेरे दिमाग़ में आई है, गोपी यार, कि आज हम दोनो बेह्न्चोद भाई बन जाएँ. तू मेरी वीना के साथ और मैं सुमित्रा बेहन के साथ…..यानी कि एक रात के लिए पत्नियाँ बदल जाएँ तो तुझे कोई एतराज़ तो नहीं…..सुमित्रा बेहन आपका क्या विचार है, वैसे तो साला गोपी भी वीना पर आशिक है, देखो बेहन कैसे घूर रहा है मेरी पत्नी को आपका पति.” माँ भी बेशर्मी से मुस्कुराती हुई बोली,”
छबरा भैया, आप भी तो कम नहीं हैं. जब भी मौका मिलता है मुझ पर हाथ फेर लेते हैं. मुझे कोई एतराज़ नहीं है इस में. क्यो वीना, तुझे मेरा पति पसंद है तो आज अदला बदली कर ही लेते हैं. इस तरह हमारी दोस्ती और भी मज़बूत हो जाएगी.” वीना आंटी बस मुस्कुरा पड़ी और कुच्छ कहने की ज़रूरत नहीं थी. भैया ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर अपनी तरफ खींच कर मुझे लिप्स पर किस कर लिया और उतेज़ित स्वर में बोले,”
मम्मी पापा का प्रोग्राम शुरू होने को है, हम छुप कर देखते हैं. स्नेहा, तुम अपने कमरे की लाइट ऑफ कर दो ता कि कोई हम को देख ना सके और हम उनका सारा चुदाई का खेल देख सकें” मैने कमरे की बत्ती बंद कर दी और अपने कमरे की खिड़की से हॉल का नज़ारा देखने लगी. पापा और अंकल ने कुर्ता पाजामा पहना हुआ था और मम्मी और आंटी ने सारी पहनी हुई थी. अंकल ने मा को अपनी गोद में खींच कर मा को किस करना शुरू कर दिया जब कि पापा ने
वीना के चूतड़ पर हाथ मारा और मज़ाक से बोले,” छबरा, साले हरामज़ादे, जब मैं अपनी पत्नी तुझे देने को राज़ी हूँ तो जल्द बाज़ी क्यो कर रहा है. मेरी गरम पत्नी आज की रात तेरी है, साले भाग नहीं जाएगी कहीं. असल चुदाई शुरू करने से पहले कुच्छ जाम वाम हो जाए. क्यो वीना, विस्की पीओ गी. सुमित्रा अगर तुम औरतें भी दो दो पेग पी लो तो सभी के सामने चुदाई में कोई जीझक महसूस ना होगी.
मैं अभी पेग बना कर लता हूँ.” लेकिन वीना आंटी और मा ने ज़िद की कि पेग बनाना औरतों का काम है और वो दोनो डाइनिंग टेबल पर पेग बनाने लगी. पापा और अंकल सोफे पर आमने सामने बैठ गये. जब मा वापिस आई तो उसके हाथ में दो ग्लास थे. अंकल ने हाथ मा की कमर पर डाल कर अपनी गोद में बिठा लिया और पेग पी कर मा की मस्त चुचि को मसल्ने लगे. उधर पापा ने वीना आंटी की सारी खोलनी शुरू कर दी. वीना आंटी के बारे में आपको बता दूं. वीना आंटी का कद छोटा है, बस 5 फीट 2 इंच लेकिन वो हैं बहुत गोरी और उनकी गान्ड बहुत गोल गोल और मांसल है. उनकी चुचि भारी है और निपल्स ब्राउन रंग के हैं.
वीना आंटी भी पापा के स्पर्श से उतेज़ित होने लगी और उनके पाजामे को खोलने लगी. पापा ने अंडरवेर नहीं पहना था और उनका मोटा काला लंड बाहर नुकाल आया.”भैया आपका लंड देखो कैसे व्याकुल हो रहा है अपनी बेहन को चोदने के लिए, इतना गरम तो ये पहले कभी नहीं हुआ. और भैया मैं आपको कई बारी कह चुकी हू लेकिन आप इसकी शेव क्यो नहीं करते. मुझे आपका लंड बहुत पसंद है, बस इसकी शेव कर लो.”
वीना आंटी नशे में बोल रही थी. “तो इसका मतलब है कि मेरी पत्नी वीना तू पहले से मेरे यार से चुदवा रही हो. खैर कोई बात नहीं, मैं और सुमित्रा बेहन भी कुच्छ वक्त से चुदाई का खेल खेल रहे हैं. यानी कि बाहर से बेहन भाई, अंदर से चारपाई. ये भी अच्छा ही हुआ कि अब हम चारों में कोई ग़लत फहमी नहीं बची है. सुमित्रा आज से हम को चुदाई छुप के नहीं करने की ज़रूरत. सच गोपी, तेरी बीवी की चूत बस माखन है माखन, मुझे तो इसकी चूत का रस नशा कर चढ़ा है.” पापा बोले,”
वीना भी कम नहीं है साले, ये मेरा लंड जिस तरह चुस्ती है, कोई रंडी भी नहीं चूस सकती. आ मेरी वीना, मूह में डाल ले मेरे लंड को और बजा दे बाँसुरी.”पापा वीना की सारी उतार चुके थे और मा भी नंगी हो चुकी थी. मा ने नये पेग बना लिए और सभी चुस्की लेते हुए एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. मेरी मा अंकल का लंड चूस रही थी और अंकल मा की चुचि को मसल रहे थे.
दूसरे सोफे पर पापा आंटी की जांघों को चौड़ा कर के उनकी चूत पर अपने होंठ से किस कर रहे थे. भैया की उतेज्ना का कोई हिसाब ना रहा और उन्हों ने मेरी पाजामी को नीचे खींच दिया. अंदर का सीन मुझे इतना गरम कर चुका था कि अब मैं इंतज़ार नहीं कर सकती थी. अंधेरे कमरे में भैया ने मुझे आगोश में भर के किस करना शुरू कर दिया.” ओह भैया…..मैं जल रही हूँ……मा और अंकल को देख कर मुझे बहुत उतेज्ना हो रही
है……मेरे बदन खेलो जैसे पापा आंटी के जिस्म से खेल रहे हैं…..आआ…..एमेम…..उफफफ्फ़….भीयया…..मुझे अपना बना लो, मुझे अपनी बाहों में भर लो…..मेरी आग शांत कर दो मेरे भैया….ओह भैया आपका हाथ मेरी चूत को और भी गरम कर रहा है….भैया मुझे अपना लंड चूसने का मौका दे दो….मेरी आग भड़क चुकी है……..मेरी चूत फड़फदा रही है….मेरे छोले को शांत कर दो, भैया….मेरी सील तोड़ दो, प्लीज़ी.” मैं चिल्ला रही थी.
भैया ने मेरी चूत में एक उंगली और फिर दो उंगलियाँ डाल दी और अंदर बाहर करने लगे. मेरी चूत से रस की गंगा बह रही थी. हॉल से पच पुच की आवाज़ें आ रही थी.”हे राम…..आआआअ….ओह…..बस करो पेल दो अब तो….अब और नहीं रहा जाता भैया….चोद डालो मुझे….मैं नहीं रुक सकती…..चोद डालो मुझे नहीं तो मैं मर जाउन्गि…हॅयियी”
 
यह आवाज़ मा की थी और उधर पापा भी शायद आंटी की चुदाई करने वाले थे क्यो क़ि मैने सुना” वीना, मैं नीचे लेट जाता हूँ और तुम अपने भैया के लंड की सवारी करो…..मैं तेरी गान्ड को पकड़ कर नीचे से चोदु गा और उपर से तेरी चुचि को चुसूंगा….चल सवार हो जा अपने भाई के लंड पर….उहह….हाई” भैया की उंगलिओ से मेरी चुदाई हो रही थी जैसे कोई लंड मेरी चुदाई कर रहा हो. मैने भैया का लंड हाथ में लेकर मूठ मारनी शुरू कर दी. हमरे घर में संपूर्ण रूप से चुदाई की सुगंध, चुदाई की सिसकारियाँ और चुदाई का माहौल बना हुआ था.
भैया के काँपते हुए होंठ अब मेरे निपल पर जा टीके. मेरी चुचि उतेज्ना वश कड़ी हुई थी और भैया के भीगे होंठ ने मेरी उतेज्ना को और भी बढ़ा दिया,” चूसो अपनी बेहन की चुचि, भैया….मुझे लगता है कि तेरे हाथ और होंठ से मैं झाड़ जाउन्गि…..ऊऊऊ भैया तेरे हाथ में, तेरे होंठों में क्या जादू है, मुझे अब चोद डालो भैया मैं वेट नहीं कर सकती.”
मैं ऊँची आवाज़ में बोल रही थी क्यो कि मुझे अपने आप पर कोई कंट्रोल नहीं था. भैया ने अपना दूसरा हाथ मेरे होंठों पर रख दिया,” चुप साली स्नेहा, अगर ऐसे ही शोर मचाएगी तो पापा और मम्मी सुन लेंगे की तू अपने भाई से चुदवा रही है..चुदवाना ही है तो चुप चाप चुदवाओ, मेरी बहना”
मेरी चूत की आग इतनी बढ़ गयी थी कि मुझे किसी चीज़ की परवाह नहीं थी. मैं भैया के लंड को खींच कर अपनी चूत पर रगड़ रही थी,” ओह्ह्ह्ह भैया…..सोचो मत….डरो मत….मा और पापा भी तो चोद रहे हैं….तुम क्यो डरते हो…..हमारे मा बाप तो अदला बदली कर रहे है….जब उनको डर नहीं है तो हम क्यो डरें, भैया, तुम मुझे चोदो और फिकर मत करो, तुम्हारी बेहन चुदासी हो रही है, अब जल्दी करो.”
मैने भैया के लंड को अपनी चूत पर रगड़ते हुए कहा. तभी भैया ने बत्ती जला दी और मेरे नंगे शरीर को वासना भरी नज़र से देखते हुए मेरी चुचि और निपल्स को चूसने लगे,” भैया, बत्ती क्यो जला ली तुमने, कहीं पापा की नज़र पड़ गयी तो क्या होगा? और मुझे शरम भी आ रही है आप से,” मैने कहा तो भैया बोल उठे,” साली, मेरी बेहन को शरम भी आती है?
अभी तो चुदवाने के लिए तड़प रही थी और अभी शरम आ रही है? तेरा भाई बेह्न्चोद बन रहा है और बहना को शरम आ रही है. तुम को डर नहीं है कि पापा सुन लेंगे हमारी आवाज़ तो फिर देखना है तो देख लें कि मैं अपनी बेहन को चोदने वला हूँ. स्नेहा, जब तक मैं तेरा नंगा जिस्म ना देखूं तो उजहे मज़ा नहीं आएगा. तेरी फूली हुई चूत मुझे बहुत सेक्सी लगती है बहना, अब अपनी टांगे चौड़ी कर लो ता कि मैं अपनी बेहन की पहली चुदाई कर सकूँ”
मैने टाँगें खोल दी और भैया ने अपने लंड का सूपड़ा मेरी चूत पर रख दिया. मुझे लगा जैसे किसी ने मेरी चूत पर जलता हुआ अंगारा रख दिया हो. भैया का सूपड़ा दहक रहा था और मेरी चूत भी चुदासी हो कर कुलबुला रही थी. भैया ने मेरी टाँगों को अपने कंधों पर उठा लिया और अपना गरम लंड मेरी चूत में धकेल दिया.
मेरे प्यारे भैया ने मेरी गान्ड को उपाऱ उठा लिया और मेरी चूत में उनका सूपड़ा घुस गया,” उफफफ्फ़…..ओह…भैया…..धीरे पेलो, मेरे भाई….हाईए…दर्द हो रहा है…..आआआ…भैया आपका लंड बहुत मोटा है….धीरे भैया,” मैं चिल्लाई लेकिन भैया ने लंड अंदर पेलना जारी रखा और मेरी चूत में बेशक दर्द हो रहा था, मैं बर्दाश्त करती रही क्यो कि मज़ा भी आ रहा था.
मैने ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं किया था. लंड महाराज मेरी चूत रानी की दीवारों को फैलाते हुए अंदर समा रहे थे और मेरी चूत मेरे भैया के लंड का स्वागत करती हुई चुदाई आनंद लेने लगी. भैया जानते थे कि दर्द थोड़ी देर में कम हो जाएगा. वो ज़ोर ज़ोर से मेरे निपल्स का चूमने लगे और लंड को अंदर पेलते रहे,” ओह स्नेहा, बहुत टाइट है तेरी चूत मेरी बहना…..बहुत मज़ा आ रहा है मुझे……पहली बार चोदने का सौभाग्य तेरे भैया को मिल रहा है तेरी चूत चोदने का….मेरी बहना मैं धन्य हो गया तेरी चूत की सील तोड़ कर.”
मैं चुदाई आनंद लेने लगी और भैया अपना लंड बे-धड़क मेरी चूत में डालने लगे. मैं भी अपने चूतड़ उपर उठाने लगी ता कि उनका लंड मेरी चूत की गहराई में उतर सके,” ओह भैया अब तो तुम मेरे भैया नहीं बलमा बन गये हो, चोद लो अपनी रानी बहना को….. मैने अपना कुँवारापन अपने पति को सौंपने का सोचा था.
अब तो तुझे दे दिया है पहली चुदाई का हक….भैया अब तुम ही मेरे पति हो….मुझे अपनी पत्नी स्मझ कर चोद लो अपनी बेहन को, मेरे बलमा, मेरे पति देव….आपका लंड नहीं मेरे लिए तो जन्नत है ये!” भैया मेरी चूत में अपना लोड्‍ा पेलते रहे और मुझे आनंद देते रहे. उतेज्नावश एक बार तो भैया ने मेरी चुचि को काट खाया.” उफफफफफफ्फ़ भैया धीरे से चोदो…अपनी बेहन की चुचि चूस लो, काटो मत…उसकी चूत चोदो, चुचि चूसो, मेरे भैया, ”
भैया बोले” सॉरी स्नेहा, मैं बहुत उतेज़ित हूँ, तेरे जैसी लड़की मैने आज तक नहीं देखी, तू कितनी सेक्सी हो मेरी बहना, तेरी चूत ने मेरा लंड कस के जाकड़ रखा है और मेरे
लंड को निचोड़ रही है तेरी चूत, बहना मेरा लंड जल्द ही झड़ने वाला है”
भैया के धक्के पूरी रफ़्तार से लगाने लगे. मेरी चूत से रस टपक रहा था और अचानक मेरी चूत से रस का फॉवरा बहने लगा. मैं गान्ड उठा कर भैया के धक्खो का जवाब दे रही थी और उनका लंड मेरी बच्चेदानी को ठोकर मार रहा था. फिर अचानक भैया ने अपना लंड पूरा चूत से बाहर निकल लिया. मैं नहीं चाहती थी कि मेरी चूत से लंड निकले. लेकिन भैया ने मेरी टाँगों को कंधों से नीचे कर के फिर से लंड मेरी चूत में पेल दिया,” रानी बहना, अपनी जंघें मेरी कमर पर लपेट लो.
कंधों पर टाँगें रखना मेरी बेहन के लिए आरामदायक नहीं था. अब इस नये पोज़ में चोदता हूँ अपनी प्यारी बहना को. खूब ज़ोर से मारो अपनी चूत को मेरे लंड के उपर…ओह बहुत मज़ा आ रहा है मुझे” मैने अपनी टाँगें भैया की कमर पर डाल कर चुदवाना जारी रखा. हम दोनो पसीने से भीग चुके थे. तभी मेरे बालों में किसी की उंगलियाँ फिरने लगी. मैने गर्दन घुमा कर देखा तो वीना आंटी खड़ी थी और हम को देख पर मुस्कुरा रही थी. उनकी बगल में मा खड़ी थी और दोनो मादर जात नंगी थी.
शाबाश बेटा, अच्छी तरह चोदो अपनी बेहन को. मैने कई बार पूछा था इस से कि किसी से इसका चक्कर तो नहीं है और अगर है तो इसको चुदाई की ट्रैनिंग दे दूं. खैर अब तो इसका अपना भाई ही चोद रहा है इसको, मुझे चिंता की ज़रूरत नहीं है. और फिर बेटा तेरा लंड भी कमाल का है. अगर कहीं वक्त मिले तो मुझे और अपनी आंटी को भी इस जवान लंड का स्वाद चखा देना. स्नेहा की शकल बता रही है कि तू इसकी ज़बरदस्त चुदाई कर रहा है.
पेलो बेटा अपनी बेहन को. जी भर के चोदो. तेरे पापा और अंकल तो थक गये हैं एक बार हम को चोद कर. क्यो वीना, कैसा लगा मेरे बेटे का लंड ?” वीना मुस्कुरा पड़ी और भैया को चूमने लगी. भैया भी आंटी को किस करने लगे और भैया ने मेरी चुचि को छोड़ कर मा की चुचि से खेलना शुरू कर दिया. हम चारों पूरी तरह से बेशरम हो चुके थे. तभी भैया मा की चुचि को छोड़ कर उसकी गान्ड को सहलाते हुए तेज़ी से मुझे चोदने लगे.”
मम्मी, मैं अपनी बेहन की चूत में झड़ने को हूँ. आपकी गान्ड का सपर्श मुझे बहुत उतेज़ित कर रहा है. वीना आंटी आप भी मेरे अंडकोष को चूस लो. मेरे अंडकोष रस उगलने वाले हैं, वीना आंटी, प्लीज़,” वीना आंटी झुक कर भैया के अंडकोष चूमने लगी. भैया तो बस पागल हो चुके थे.
“शाबाश मेरे लाल, चोद अपनी बेहन को, चोद मेरी बेटी को. मेरे बेटे ने आज अपना भाई होने का फ़र्ज़ अदा कर दिया है, चोद ले मेरी बेटी को, बेटे” भैया के लंड से गरम लावा फुट पड़ा और मेरी चूत में गिरने लगा. मैने अपनी चूत को भैया के लंड पर ज़ोर से मारना शुरू कर दिया,” हां भैया, पेल डालो मुझे, चोद डालो अपनी बेहन को, गिरा दो अपना रस मेरी चूत में. आप की बेहन की चूत भी झाड़ रही है, डाल दो अपना पूरा लंड अपनी बेहन की चूत में.
पिला दो अपनी बेहन की चूत को अपने लोड्‍े का रस. ओह बेह्न्चोद मेरे भाई, मैं झड़ी” भैया के लंड ने आखरी बूँद भी मेरी चूत में गिरा दी और हम शांत हो कर गिर पड़े.” गोपी, तेरा बेटा तो जवान हो गया है, अब ये बेटी स्नेहा और और अपनी मा और आंटी का भी ख्याल रख सकता है. गोपी हमारी पत्निओ को तो हर वक्त लंड की तलाश रहती ही है, चलो अब एक लंड और इनके संपर्क में आ गया .
और गोपी, स्नेहा बेटी भी बहुत कामुक है, बिल्कुल अपनी मा पर गयी है. अगर इजाज़त हो तो मैं इसको चोदना चाहता हूँ,” अंकल कह रहे थे और पापा खड़े मुस्कुरा रहे थे,” मादरचोद छबरा, पहले नयी चूत, यानी कि स्नेहा को पहले मैं चोदु गा. तुमको अगर चोदना है तो अपनी बेटी को चोदो. जब तुम अपनी बेटी मुझ से चुदवाओगे तो स्नेहा को चोद लेना, पत्नी के बदले पत्नी, बेटी के बदले बेटी. ठीक है ना?”
 
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