hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
चोदु अंकल और छिनाल मम्मी
स्नेहा गुप्ता है और मैं 19 साल की खूबसूरत लड़की हूँ. मेरे पिता की नौकरी हमारे घर से 50 किमी दूरी पर है और वो घर हफ्ते में सिर्फ़ एक बार ही आते हैं. मेरे पिता जी गोपी नाथ हैं और उनकी उमर 50 साल की है जब कि मेरी मा सुमित्रा केवल 40 साल की है. मेरा एक भाई करण है जो हॉस्टिल में पढ़ता है. उसकी उमर 21 साल है. मैं अपनी मा की तरह बहुत सेक्सी हूँ. सुमित्रा साँवली है और उसका कद 5 फीट 4 इंच है.
मेरी मा को चुदाई की लत है और वो चुदवाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. उसकी चुचि काफ़ी बड़ी है और चूतड़ कुच्छ भारी हैं जिसको मर्द लोग हसरत भरी नज़र से घूरते हैं. मैं अपनी मा जैसी दिखती हूँ सिर्फ़ मेरा रंग गोरा है और शरीर कुच्छ पतला. मा कहती है कि जवानी में वो बिल्कुल मेरे जैसी दिखती थी.
मुझे अश्लील बुक्स और ब्लू फिल्म्स का शौक मेरी एक सहेली ने डाला था. मैं अपने कमरे में अश्लील किताबें पढ़ती और ब्लू फिल्म्स देखती हूँ. मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ और रात को 8 बजे ट्यूशन पढ़ कर घर लौटती हूँ. सुमित्रा मुझे कई बार छेड़ती है कि मेरा किसी लड़के के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा? मैं शरमा कर रह जाती हूँ. मा बहुत खुले विचारों वाली औरत है. वो कहती है,”
अगर तेरा चक्कर है तो मुझे ज़रूर बता देना. मुझे अपनी मा नहीं सहेली समझना. अपनी तज़ुर्बेकार मा की मदद ले लेना नहीं तो शरमाती रह जाए गी. स्नेहा बेटी, औरत तो तभी संपूर्ण औरत बनती है जब उसका संभोग मर्द से होता है. भगवान ने इस लिए तो मर्द और औरत को अलग अलग बनाया है. तुमने कभी मर्द का साथ लिया है? अगर नहीं लिया तो कुच्छ नहीं देखा ज़िंदगी में.”
मैं रात को अक्सर चुदाई की कहानियाँ पढ़ती और बुर में उंगली डाल कर मज़े लेती. एक दिन मेरे टीचर की बीवी की तबीयत खराब हो गयी और उन्हों ने हम को छुट्टी दे दी और मैं 6 बजे ही घर चली आई. घर के बाहर मेरे पापा के दोस्त छबरा साहिब की कार खड़ी थी. मैं चुप चाप अपने कमरे की तरफ चल दी क्योकि मा छबरा अंकल से बातें कर रही होगी. लेकिन मा का कमरा बंद था और छबरा अंकल दिखाई नहीं दे रहे थे.
मैने सोचा कि शायद मा को पता ही नहीं चला कि अंकल आए हुए हैं तो मैं मा को बताने उसके कमरे में चली गयी. मैं अभी कमरे के दरवाज़े को खटखटाने ही लगी थी कि मा की आवाज़ सुनाई पड़ी,” भैया, कितनी देर इस तरह छुप छुप के चुदवाति रहूं गी मैं तुझ से? अगर किसी को पता चल गया तो मैं तो मारी जाउन्गि, तेरा तो कुच्छ नहीं जाएगा. तू तो अपनी छिनाल बीवी वीना को चोद लेगा लेकिन मेरा घर तबाह हो जाएगा.
और अगर मेरे ख़सम को पता लग गया कि जिसको मैं भैया कह कर पुकारती हूँ,वो ही मुझे चोद रहा है तो मुझे घर से निकाल देगा.” अंकल हंस पड़े और बोले,” सुमित्रा, मेरी बहना, मेरी जान, गोपी को मैं रोज़ फोन करता हूँ और वापिस आने का प्रोग्राम पुछ लेता हूँ और कह देता हूँ कि तुम अपने घर बाद में जाना, पहले मेरे घर आना क्योंकि मेरी बीवी वीना तुम को बहुत याद करती है. गोपी मादरचोद मेरी बीवी पर नज़र रखता है और सोचता है कि मुझे कुच्छ पता नहीं है.
वीना भी उसको लिफ्ट देती है. शायद दोनो चुदाई भी करते हों लेकिन मुझे पूरा यकीन नहीं है कि वो वीना को चोद चुका है या नहीं. मेरी अपनी बीवी को चोदने की कोई इच्छा नहीं है. दिलचस्प बात ये है कि मैं गोपी की पत्नी को चोदना चाहता हूँ और वो मेरी पत्नी को. खैर मैं तो उसकी खूबसूरत पत्नी, यानी अपनी सुमित्रा बेहन को अब भी चोद रहा हूँ, गोपी का पता नहीं कि उसने मेरी पत्नी को चोदा है या नहीं.”
मेरा दिल धक धक कर रहा था अपनी मा और अंकल की बात सुन कर.” तो फिर तुम दोनो वाइफ स्वापिंग क्यो नहीं कर लेते? चारों खुश हो जाएँगे और चोरी चोरी चुदवाने का डर भी नहीं रहेगा, और तुम अपनी सुमित्रा रानी को बहनजी कहे बिना मेरे ख़सम के सामने चोद लोगे.” मा की आवाज़ थी.मेरा बदन पसीना पसीना हो रहा था. इसका मतलब है कि मा और अंकल प्रेमी थे और शायद अभी भी चुदाई कर रहे थे. धड़कते दिल से मैने आँख दरवाज़े के छेद पर लगा दी.
अंदर का नज़ारा देख कर मेरी चूत से रस की नदी बह निकली. सुमित्रा रानी बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी और उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था. मा की नुकीली चुचि कड़ी थी जिस पर अंकल के हाथ चल रहे थे. मा के निपलेस एकदम कड़े हो चुके थे. अंकल का हाथ कभी कभी मा की चूत पर चलने लगता जिस को मा ने शायद आज ही शेव किया था. मेरी मा की जांघों को अंकल सहला रहे थे और मा के लिप्स को किस कर रहे थे. छबरा अंकल भी नंगे थे और उनका काला लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था.
मा उनके लंड को हाथ से उपर नीचे कर रही थी. तभी अंकल मा के कान में कुच्छ बोले और मा कहने लगी,” अच्छा भैया, चाट लो, मैने भी कयि दिनो से चूत पर तेरे होंठ स्पर्श नहीं किए. चूस लो अपनी बेहन का छोला, लेकि देर मत करना, स्नेहा भी आने वाली है. उसके आने से पहले मैं चुदवा लेना चाहती हूँ. तेरे जैसा मस्त लंड ना जाने कब नसीब होगा मुझे इसके बाद. भैया, मैं भी तेरा लंड चूसना चाहती हूँ. तुम मेरे उपर क्यो नहीं चढ़ जाते और हम 69 कर लेते हैं, मैं तेरा लंड चूस लेती हूँ और तू मेरी चूत चाट ले!”
अंकल मुस्कुरा कर बोले,” ठीक है बहना. आज ही मैं गोपी से बात कर के बात करता हूँ और अगर उसको मेरा विचार पसंद आया तो मैं अपनी बीवी को उस से चुदवा लूँगा और तुझे उनके सामने चोदुन्गा. लेकिन अब मुझे पहले अपनी चुत का नमकीन रस पीला दो मेरी बहना. तेरी चूत का तो मैं दीवाना बन चुका हूँ.” मेरे देखते ही अंकल मा के नंगे जिस्म पर चढ़ गये और उनका काला लंड मा के होंठों से स्पर्श करने लगा.
स्नेहा गुप्ता है और मैं 19 साल की खूबसूरत लड़की हूँ. मेरे पिता की नौकरी हमारे घर से 50 किमी दूरी पर है और वो घर हफ्ते में सिर्फ़ एक बार ही आते हैं. मेरे पिता जी गोपी नाथ हैं और उनकी उमर 50 साल की है जब कि मेरी मा सुमित्रा केवल 40 साल की है. मेरा एक भाई करण है जो हॉस्टिल में पढ़ता है. उसकी उमर 21 साल है. मैं अपनी मा की तरह बहुत सेक्सी हूँ. सुमित्रा साँवली है और उसका कद 5 फीट 4 इंच है.
मेरी मा को चुदाई की लत है और वो चुदवाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. उसकी चुचि काफ़ी बड़ी है और चूतड़ कुच्छ भारी हैं जिसको मर्द लोग हसरत भरी नज़र से घूरते हैं. मैं अपनी मा जैसी दिखती हूँ सिर्फ़ मेरा रंग गोरा है और शरीर कुच्छ पतला. मा कहती है कि जवानी में वो बिल्कुल मेरे जैसी दिखती थी.
मुझे अश्लील बुक्स और ब्लू फिल्म्स का शौक मेरी एक सहेली ने डाला था. मैं अपने कमरे में अश्लील किताबें पढ़ती और ब्लू फिल्म्स देखती हूँ. मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ और रात को 8 बजे ट्यूशन पढ़ कर घर लौटती हूँ. सुमित्रा मुझे कई बार छेड़ती है कि मेरा किसी लड़के के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा? मैं शरमा कर रह जाती हूँ. मा बहुत खुले विचारों वाली औरत है. वो कहती है,”
अगर तेरा चक्कर है तो मुझे ज़रूर बता देना. मुझे अपनी मा नहीं सहेली समझना. अपनी तज़ुर्बेकार मा की मदद ले लेना नहीं तो शरमाती रह जाए गी. स्नेहा बेटी, औरत तो तभी संपूर्ण औरत बनती है जब उसका संभोग मर्द से होता है. भगवान ने इस लिए तो मर्द और औरत को अलग अलग बनाया है. तुमने कभी मर्द का साथ लिया है? अगर नहीं लिया तो कुच्छ नहीं देखा ज़िंदगी में.”
मैं रात को अक्सर चुदाई की कहानियाँ पढ़ती और बुर में उंगली डाल कर मज़े लेती. एक दिन मेरे टीचर की बीवी की तबीयत खराब हो गयी और उन्हों ने हम को छुट्टी दे दी और मैं 6 बजे ही घर चली आई. घर के बाहर मेरे पापा के दोस्त छबरा साहिब की कार खड़ी थी. मैं चुप चाप अपने कमरे की तरफ चल दी क्योकि मा छबरा अंकल से बातें कर रही होगी. लेकिन मा का कमरा बंद था और छबरा अंकल दिखाई नहीं दे रहे थे.
मैने सोचा कि शायद मा को पता ही नहीं चला कि अंकल आए हुए हैं तो मैं मा को बताने उसके कमरे में चली गयी. मैं अभी कमरे के दरवाज़े को खटखटाने ही लगी थी कि मा की आवाज़ सुनाई पड़ी,” भैया, कितनी देर इस तरह छुप छुप के चुदवाति रहूं गी मैं तुझ से? अगर किसी को पता चल गया तो मैं तो मारी जाउन्गि, तेरा तो कुच्छ नहीं जाएगा. तू तो अपनी छिनाल बीवी वीना को चोद लेगा लेकिन मेरा घर तबाह हो जाएगा.
और अगर मेरे ख़सम को पता लग गया कि जिसको मैं भैया कह कर पुकारती हूँ,वो ही मुझे चोद रहा है तो मुझे घर से निकाल देगा.” अंकल हंस पड़े और बोले,” सुमित्रा, मेरी बहना, मेरी जान, गोपी को मैं रोज़ फोन करता हूँ और वापिस आने का प्रोग्राम पुछ लेता हूँ और कह देता हूँ कि तुम अपने घर बाद में जाना, पहले मेरे घर आना क्योंकि मेरी बीवी वीना तुम को बहुत याद करती है. गोपी मादरचोद मेरी बीवी पर नज़र रखता है और सोचता है कि मुझे कुच्छ पता नहीं है.
वीना भी उसको लिफ्ट देती है. शायद दोनो चुदाई भी करते हों लेकिन मुझे पूरा यकीन नहीं है कि वो वीना को चोद चुका है या नहीं. मेरी अपनी बीवी को चोदने की कोई इच्छा नहीं है. दिलचस्प बात ये है कि मैं गोपी की पत्नी को चोदना चाहता हूँ और वो मेरी पत्नी को. खैर मैं तो उसकी खूबसूरत पत्नी, यानी अपनी सुमित्रा बेहन को अब भी चोद रहा हूँ, गोपी का पता नहीं कि उसने मेरी पत्नी को चोदा है या नहीं.”
मेरा दिल धक धक कर रहा था अपनी मा और अंकल की बात सुन कर.” तो फिर तुम दोनो वाइफ स्वापिंग क्यो नहीं कर लेते? चारों खुश हो जाएँगे और चोरी चोरी चुदवाने का डर भी नहीं रहेगा, और तुम अपनी सुमित्रा रानी को बहनजी कहे बिना मेरे ख़सम के सामने चोद लोगे.” मा की आवाज़ थी.मेरा बदन पसीना पसीना हो रहा था. इसका मतलब है कि मा और अंकल प्रेमी थे और शायद अभी भी चुदाई कर रहे थे. धड़कते दिल से मैने आँख दरवाज़े के छेद पर लगा दी.
अंदर का नज़ारा देख कर मेरी चूत से रस की नदी बह निकली. सुमित्रा रानी बिस्तर पर पीठ के बल लेटी हुई थी और उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था. मा की नुकीली चुचि कड़ी थी जिस पर अंकल के हाथ चल रहे थे. मा के निपलेस एकदम कड़े हो चुके थे. अंकल का हाथ कभी कभी मा की चूत पर चलने लगता जिस को मा ने शायद आज ही शेव किया था. मेरी मा की जांघों को अंकल सहला रहे थे और मा के लिप्स को किस कर रहे थे. छबरा अंकल भी नंगे थे और उनका काला लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था.
मा उनके लंड को हाथ से उपर नीचे कर रही थी. तभी अंकल मा के कान में कुच्छ बोले और मा कहने लगी,” अच्छा भैया, चाट लो, मैने भी कयि दिनो से चूत पर तेरे होंठ स्पर्श नहीं किए. चूस लो अपनी बेहन का छोला, लेकि देर मत करना, स्नेहा भी आने वाली है. उसके आने से पहले मैं चुदवा लेना चाहती हूँ. तेरे जैसा मस्त लंड ना जाने कब नसीब होगा मुझे इसके बाद. भैया, मैं भी तेरा लंड चूसना चाहती हूँ. तुम मेरे उपर क्यो नहीं चढ़ जाते और हम 69 कर लेते हैं, मैं तेरा लंड चूस लेती हूँ और तू मेरी चूत चाट ले!”
अंकल मुस्कुरा कर बोले,” ठीक है बहना. आज ही मैं गोपी से बात कर के बात करता हूँ और अगर उसको मेरा विचार पसंद आया तो मैं अपनी बीवी को उस से चुदवा लूँगा और तुझे उनके सामने चोदुन्गा. लेकिन अब मुझे पहले अपनी चुत का नमकीन रस पीला दो मेरी बहना. तेरी चूत का तो मैं दीवाना बन चुका हूँ.” मेरे देखते ही अंकल मा के नंगे जिस्म पर चढ़ गये और उनका काला लंड मा के होंठों से स्पर्श करने लगा.