desiaks
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राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।
राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।
अब आगे....
अभी राज का हाथ सरिता की सुडौल चुंचियों के नीचे पहुंचा ही था कि रानी की आवाज आती है।
रानी: मम्मी.....
सरिता एक दम से चोंक जाती है। वहीं राज भी अपने मदहोशी के आलम से बाहर निकल आता है। दोनो अपने अपने स्थान पर स्तब्ध खड़े ये विचार कर रहे थे कि आखिर वो दोनों क्या करने जा रहे थे। सरोता और राज दोनो ग्लानि से भर पड़ते है। तभी रानी की आवाज एक बार फिर से आती है। जिसे सुनकर राज पीछे को होता है और सरोता आगे को। जब सरिता और राज दोनो अपने अपने स्थान से दूर हटतें है तब राज को सरिता की गाँड़ की गहराई का एहसास होता है। और सरिता को राज के लन्ड की लंबाई का। दोनो एक दूसरे को महसूस कर पा रहे थे। राज का लन्ड 4 इंच के करीब सरिता की गाँड़ में धंसा था। जो दोनो के हटने से एकदम स्लो मोशन में बाहर निकलता है।
तभी रानी सीढ़ियों से उतरते हुए किचन के बाहर तक आ जाती है।
रानी: मम्मी वो खाना ( रानी ने अभी इतना ही कहा था कि सामने राज को खड़ा देख कर रानी एक बार फिर से बाथरूम वाली घटना को याद कर बैठती है और वही हाल राज का था।)
जहां एक तरफ रानी बाथरूम की घटना को याद करके शर्मा रही थी। वही दूसरी और राज रानी के जिस्म को याद करके गर्म हो रहा था। राज का लन्ड पहले ही सरिता के स्पर्श से खड़ा था अब राज को रानी के साथ वाली घटना की याद ने और तड़पा दिया था।
सरिता तुरंत किचन से एक आधे घण्टे में खाना बनाकर सबको खिलाती है। और खुद भी खा लेती है। सब लोग खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले जाते है।
आज तीनों कमरों में हवस की आग की आप्टे जोरों से भड़क रही थी। रानी और सोनिया राज को महसूस करके उसे और महसूस करना चाहती थी। वही सरिता अपनी जिस्म की गर्मी से मजबूर होकर राज को पाना चाहती थी। वही राज आज दिनभर की घटना और अपनी हरकतें याद कर कर के गर्म हो रहा था। राज को अब कीसी भी हाल में चुदाई करनी थी। मगर कैसे?
राज को लता वाला इंसिडेंट याद आता है। राज तुरंत आईना निकाल कर लता को याद करने लगता है। लेकिन बार बात राज के जेहन में रानी और सरिता आ रही थी। इस लिए जब भी राज लता के साथ सेक्स करने की सोचता आईना उसे रानी और सरिता के समीप ले जाता।
आज राज का मन और दिमाग दोनो स्थिर नहीं थे।
राज ने आईना चुप चाप वापस अपने बैग में रख दिया। राज के मन मे अभी तक अपनी बहन या माँ के साथ शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एकदम स्पष्ट नही हुआ था। राज बिस्तर पर लेटे लेते अपनी लन्ड को मसलने लगता है। वही काम रानी और सोनिया और सरिता अपनी अपनी चुतों को मसलने का अपने अपने कमरे में कर रही थी। सब एक दूसरे से चिप कर एक पर्दे के पीछे। जो शायद कभी भी उठ सकता था या गिर सकता था। देखते ही देखते रात कब सुबह हो गयी लाता ही नहीं चला।
सुबह होते ही सब नॉर्मल खाना खाकर अपने अपने काम पर चल दिये। आज ये राज का पहला दिन था अपनी स्कूल में। राज जब स्कूल पहुंचा तो ज्यादातर उसके साथी जो पिछले साल थे वही उसकी क्लास में थे। लेकिन कुछ 3-4 नई लडकिया और 2 नए लड़कों ने एडमिशन लिया था। राज को ये बात किसी पुराने सहपाठी ने बताई।
राज जब क्लास में गया तो देखता ही रह गया। राज की स्कूल के वो दो बच्चे कोई और नहीं बल्कि मंगल और श्याम थे।राज ने जब उन दोनों को देखा तो बहुत खुश हुए वही हाल उन दोनों का भी था। मंगल और श्याम भी राज को देख कर बहुत खुश हुए और एक दूसरे के वाले लग गए।
सुबह से 3 क्लास तो ना जाने कब खत्म हुई पता ही नहीं चला। लेकिन इंटरवेल में कुछ ऐसा हुआ कि उसके बाद राज का दिमाग चलने लगा। दरअसल इंटरवेल मैं जब राज कैंटीन में अपने दोस्तों के साथ गया तो वहां उसे दो लड़कियां जानी पहचानी दिखी। एक थी छोटू की बहन।
अरे वही जिसे गांव में देखा था।
और दूसरी लड़की थी चंचल की छोटी बहन।
मंगल और श्याम ने राज की मुलाकात छोटू की बहन से करवाई। जो कि नवीन क्लास में थी। राज को पता चला कि छोटू के बाबा का देहांत हो गया था जिसके कारण से छोटू की बेहन 9 वीं की परीक्षा नही दे पाई इस लिए यहाँ पर वो नवीं में पढ़ रही थी। वही राज ने जब चंचल की चोटी बहन की तरफ इशारा करके पूछा तो छोटू की बहन ने बताया कि वो तो उसी की क्लास में है। बहुत रहीस लोगो के परिवार से लगती है। बहुत नखरे भी करती है। पढ़ने से लेकर के क्लास में सीट पर बैठने तक इसके नखरे होते है।
श्याम और मंगल भी चंचल की चोटी बहन की तरफ देखते है। (तभी राज छोटू की बहन से मुस्कुराते हुए उसका नाम पूछता है। छोटू की बहन अपना नाम बताती है।)
राज: नाम क्या है?
छोटू की बहन: जी मेरा नाम अनिता है।
राज: अनिता मैं तुम्हारा नाम नहीं पूछ रहा था उस लड़की का क्या नाम है? ( मुस्कुराते हुए)
अनिता: ( अपनी सर पर हाथ मारकर जीभ बाहर निकल लेती है) जी उसका नाम ? उसका नाम श्रेया है।
राज: श्रेया हां! हम्मssss चलो तुम मन लगा कर पढ़ना।
अब आप सब अंदाजा तो लगा ही सकते है 9 वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की की उम्र क्या होगी। लेकिन मैंने छोटू की बहन के बारे में तो आपको पहले ही बता दिया था। चलो चंचल की बहन के बारे में बताता हूँ।
चंचल की बहन 5 फिट 4 या 3 इंच के करीब की लंबाई की होगी। लंबे लंबे हल्के भूरे रंग के बाल है। जो कि उसकी कमर तक आ रहे थे। हल्की हल्की उठी हुई चुंचिया नोक बाहर निकाले हुए और रंग एक दम गोरा। चंचल से तो 21 है। और गाँड़ लगभग तीन इंच ऊपर की और उठी हुई। कुछ भी कहूं एक दम सांचे में ढली हुई। और सबसे कमाल की बात है उसका चेहरा। 9 वीं मैं पढ़ रही श्रेया का चेहरा 9वीं क्लास की लड़की जैसा नहीं बल्कि कोई 5-6 मैं पढ़ने वाली मासूम बच्ची जैसा चेहरा।
राज ने बहुत गौर से श्रेया के बदन को देखा था। राज ने उसके हाथों को देखा तो वहां पर अभी तक हल्के भूरे रंग की रोयें तक नहीं आयी थी। श्रेया को।देखते देखते ही अचानक से राज के दिमाग मे चंचल आ जाती है। और तभी राज वही खड़े खड़े बदले।का प्लान बनाने लगता है। या यूं कहूँ की उसकी सफलता के बारे में सोचने लगता है।
छोटू की बहन के जाने के बाद भी राज एक तक चंचल की बहन श्रेया को अपनी सहेलियों के साथ हंसते खेलते देख रहा था। और मुस्कुरा रहा था। राज के इस तरह से श्रेया को घूरते देख श्याम हल्के से राज के कान में बोलता....
श्याम: राज तुम श्रेया को चौदना चाहते हो ना?
राज ना जाने कैसे लेकिन आटोमेटिक अपनी गर्दन हाँ में हिला देता है। फिर राज को एहसास होता है कि उसने क्या किया तभी मंगल और श्याम दोनो राज की बात पर हँसने लगते है।
मंगल: लेकिन वो चिड़िया इसके हाथ नहीं लगेगी।
श्याम: अरे चिड़िया को फसाने के दो तरीके होते है। एक चिड़िया को धीरे धीरे दाना डालो और जाल में फंसा लो। दूसरा उड़ती चिडया पर सीधी जाल फेंकों।
मंगल: एक तरीका और है?
राज और श्याम दोनो मंगल की और देखते है। और मंगल अपनी जेब से एक ड्रग की डिब्बी निकालता है। एक दम विक्स जैसी लग रही थीं ।
मंगल: राज भाई ये ऐसा ड्रग है अगर किसी 90 साल की बूढ़ी औरत की चूत में भी इसे लगा दो ना तो वो भी झरने की तरह बहने लगेगी। वैसे तो इसे किसी की पेंटी पर लगा दो टैब भी छूट खुजाने लगेगी लेकिन अगर डायरेक्ट चूत में लगा दिया तो समझो लड़की चुदने के लिए थोड़े से प्रयास में तैयार हो जाएगी। ये उसकी छूट मैं हवस की आग लगा देगी।
राज: यार तुम ना कुछ भी बकवास कर रहे हो?
श्याम: एक मिनट बकवास? अच्छा एक बात बताओ तुम स्कूल किस चीज से आये थे।
राज: हम्म कार से , दीदी ने ड्राप किया!
श्याम: अब घर हमारे साथ चलना। बस में! तुम्हे कुछ दिखाना है।
राज:क्या?
मंगल: अरे चलो तो सही फिर तुम्हे वो भी पता चल जाएगा।
यूँहीं क्लास का पहला दिन खत्म हो गया। हर क्लास का पहले दिन कुछ टीचर्स आये कुछ नहीं आये। जो आये उन्होंने सबका परिचय लिया और खुद का परिचय देते हुए जाते रहे। सभी अध्यापकों ने मिलकर डिसाइड किया कि इस सप्ताह के गुरुवार से बच्चो की पढ़ाई शुरू करवा दी जाए। और यही सब होते होते क्लास की छुट्टी हो गयी।
राज अपने दोस्तों के साथ बस में घर के लिए रवाना हो गया। हाँ बस में जाने से पहले राज ने रानी को मश्ग कर दिया था कि वो बस से घर जा रहा है। राज बेग में अपना मोबाइल भी छुपा कर लाया था। वैसे तो 12 क्लास तक आज भी कई जगह मोबाइल अल्लाउ नहीं है।
राज मंगल और श्याम के साथ जिस बस में चढ़ा था उसी बस में कुछ और भी लडकिया चढ़ि थी। जिनमे ज्यादातर 9 से 10 की लग रही थी। 11 और 12 कि लड़कियां तो घर से कुछ व्हिकल लेकर आती थी और कुछ उन्ही के साथ निकल लेती थी।
मंगल और श्याम ने एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कान बिखेर दी। और राज की तरफ देख कर मंगल सामने खड़ी एक लड़की की तरफ इशारा करके बोलता है। देख अब ये ड्रग मैं उस लड़की की चूत पर लगाऊंगा। थोड़ी देर बाद अगर मैं उसे चौद भी लूं तो उसे कोई दिक्कत नही होगी।
मंगल ने इशारा करके राज और श्याम का ध्यान एक लड़की की और किया।
श्याम मंगल की तरफ देख कर बोलता है।
श्याम: जा मेरे शेर जा, पूरा जंगल तेरा है।
मंगल धीरे धीरे करके उस लड़की के ठीक पीछे खड़ा हो जाता है। चलती बस में वैसे ही आगे पीछे होने की जगह नहीं थी। मंगल जा कर पहले तो लड़की के धीरे धीरे कमर और पीठ पर हाथ फेरने लगा। जब लड़की को ये पता लगा कि कोई उसे छू रहा है तो उसने पीछे मुड़ कर मंगल को देखा और अपनी आंखें दिखाई जैसे अभी शोर मचा कर उसे पब्लिक से पिटवा देगी।
मंगल फिर भी कहां मानने वाला था आखिर उसके दोस्तों के सामने उसकी नाक कट जाती । मंगल ने धीरे से उस लड़की की गाँड़ पर हाथ फेरा। लड़की ने तुरंत उसका हाथ झटक दिया। मंगल धीरे से उस लड़की के कान में बोलता है। सिर्फ छू कर चला जाऊंगा।
लड़की मंगल की ये बात सुनकर गुस्से से मंगल की तरफ देख कर दो कदम आगे चली जाती है। इस वक़्त लड़की के सामने एक कुर्सी रखी और पीछे मंगल और बाजू में श्याम खड़ा हो गया और दूसरे बाजू में बस की दीवार। मंगल के लिए इस से अच्छा और क्या मौका होता मंगल ने तुरंत लड़की की स्कूल की स्कर्ट को ऊपर किया। स्कर्ट ऊपर होते ही नीचे पेंटी थी। मंगल ने उस लड़की की पेंटी नीचे करने की खूब कोशिश की मगर सफल नहीं हो पाया। क्योंकि लड़की को जब लगा कि मंगल उसकी पैंटी खोलना चाह रहा है तो उसने अपनी दोनो टांगों को सिकोड़ लिया।
अंततः जब सारे प्रयास असफल हो गए तो मंगल ने उस लड़की को हल्का सा आगे की और धक्का दिया। लड़की जैसे ही गिरने वाली हुई एक आध कदम आगे चली। लड़कि के आगे चलने से उसकी दोनो टांगे खुल गयी। बस इसी का फायदा उठाकर मंगल ने उसकी दोनों टांगों के बीच अपनी टांगे फंसा दी। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं ने अपनी स्कर्ट और पेंटी को अपनी कमर पर केस कर पकड़ लिया ताकि मंगल उसकी पैंटी ना उतार पाए।
मंगल को जब इस बात का पता लगा तो मंगल ने तुरंत उस लड़की की पेंटी उतारने की बजाय उसकी चूत के ऊपर से साइड में कर दिया। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं हल्की सी चिहुंकि लेकीन टैब तक देर हो चुकी थी। मंगल ने अपनी उंगली पट विकस की तरह लगा ड्रग तुरंत उस लड़की की चूत पर मल दिया। मंगल उसे ऐसे लगा रहा था जैसे उसकी छूट का उंगली से ब्रश कर रहा हो। एक दम छूट के बाहर और अंदर तक। उंगली घुमा घुमा कर।
मंगल को अभी 10 सेकंड भी नही गुजरे थे कि लड़कीं चीख पड़ी। लड़कीं के चीखते ही मंगल ने लड़कीं को छोड़ दिया। मंगल के छोड़ते ही लड़कीं तुरंत पलटी और मंगल के गाल पर चटाकsssssssss एक जोर दर थप्पड़ मारकर आगे चली गयी जहां पर 2-3 और भी लडकिया थी।
मंगल अपना गाल पकड़े राज और श्याम के पास गया। राज अपनी हंसी बहुत मुश्किल से दबा रखा था। लेकिन क्या करता जब मंगल को अपना गाल पकड अपनी तरफ आते देखा तो खुद बा खुद राज की हंसी फुट पड़ी। राज को हंसता देख श्याम भी अपनी हंसी पर से काबू खो दिया और वो भी हँसने लगा।
मंगल ने जब अपने दोनों दोस्तो को अपने ऊपर हंसते देखा तो पहले तो मंगल का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। लेकिन जल्द ही खुद मंगक भी अपने दोस्तों के साथ हंसते हुए बोला।
मंगल: साली ने झापड़ ही धर दिया।
श्याम: (हंसते हुए) काम हुआ।
मंगल: वो तो तुम दोनों देख लेना। अब से 2 मिनट बाद उसे पसीना आएगा। अगले 2 मिनट में वो अपनी जाँघे आपस मे रगड़े गई। और उसके अगले दो मिनट में उसकी चूत झरने के जैसे पानी ना फेंके तो नाम बदल लूंगा।
राज: तू पहले अपना गाल बदल नाम बालन मैं तूने अभी 6 मिनट बात दिया।
मंगल और श्याम दोनो हँसने लगे। मंगल ने अपने बैग से वो ड्रग की 5-6 डिब्बियां निकाल कर राज के बैग में रख दिया। राज ने जब मंगल की तरफ देखा तो मंगल ने राज से कहा।
मंगल: रखले यार तेरे काम आएगी। वो कच्ची काली तेरे हाथ एवें ही नहीं आने वाली।
अभी कुछ 2 मिनट ही गुजरे थे कि लड़कीं बुरी तरह से गर्मी महसूस करने लगी। कभी अपने हाथों से हवा करने लगती तो कभी बस की खिड़की से आती हवा की तरफ जाने का प्रयास करती लेकिन भीड़ इतनी थी कि ना तो हवा उस तक पहुंच पा रही थी और ना ही वो अपनी जगह से हिल पा रही थी।
राज अपने दोस्तों मंगल और श्याम के साथ एक जगह बैठा उस ड्रग का कमाल देख रहा था।
थोड़ी देर बाद करीब 2 मिनट ही हुए थे कि लड़कीं बुरी तरह से पसीनों में भीग गयी थी। उसकी स्कूल शर्ट जगह जगह से पसीनों से भीग कर उसके बदन पर चिपक गयी थी। राज अभी भी उस लड़की के चेहरे के भावों को देखे जा रहा था। उसके चेहरे भाव साफ साफ उसके मादक होने का चिन्ह थे।
राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।
राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।
अब आगे....
अभी राज का हाथ सरिता की सुडौल चुंचियों के नीचे पहुंचा ही था कि रानी की आवाज आती है।
रानी: मम्मी.....
सरिता एक दम से चोंक जाती है। वहीं राज भी अपने मदहोशी के आलम से बाहर निकल आता है। दोनो अपने अपने स्थान पर स्तब्ध खड़े ये विचार कर रहे थे कि आखिर वो दोनों क्या करने जा रहे थे। सरोता और राज दोनो ग्लानि से भर पड़ते है। तभी रानी की आवाज एक बार फिर से आती है। जिसे सुनकर राज पीछे को होता है और सरोता आगे को। जब सरिता और राज दोनो अपने अपने स्थान से दूर हटतें है तब राज को सरिता की गाँड़ की गहराई का एहसास होता है। और सरिता को राज के लन्ड की लंबाई का। दोनो एक दूसरे को महसूस कर पा रहे थे। राज का लन्ड 4 इंच के करीब सरिता की गाँड़ में धंसा था। जो दोनो के हटने से एकदम स्लो मोशन में बाहर निकलता है।
तभी रानी सीढ़ियों से उतरते हुए किचन के बाहर तक आ जाती है।
रानी: मम्मी वो खाना ( रानी ने अभी इतना ही कहा था कि सामने राज को खड़ा देख कर रानी एक बार फिर से बाथरूम वाली घटना को याद कर बैठती है और वही हाल राज का था।)
जहां एक तरफ रानी बाथरूम की घटना को याद करके शर्मा रही थी। वही दूसरी और राज रानी के जिस्म को याद करके गर्म हो रहा था। राज का लन्ड पहले ही सरिता के स्पर्श से खड़ा था अब राज को रानी के साथ वाली घटना की याद ने और तड़पा दिया था।
सरिता तुरंत किचन से एक आधे घण्टे में खाना बनाकर सबको खिलाती है। और खुद भी खा लेती है। सब लोग खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले जाते है।
आज तीनों कमरों में हवस की आग की आप्टे जोरों से भड़क रही थी। रानी और सोनिया राज को महसूस करके उसे और महसूस करना चाहती थी। वही सरिता अपनी जिस्म की गर्मी से मजबूर होकर राज को पाना चाहती थी। वही राज आज दिनभर की घटना और अपनी हरकतें याद कर कर के गर्म हो रहा था। राज को अब कीसी भी हाल में चुदाई करनी थी। मगर कैसे?
राज को लता वाला इंसिडेंट याद आता है। राज तुरंत आईना निकाल कर लता को याद करने लगता है। लेकिन बार बात राज के जेहन में रानी और सरिता आ रही थी। इस लिए जब भी राज लता के साथ सेक्स करने की सोचता आईना उसे रानी और सरिता के समीप ले जाता।
आज राज का मन और दिमाग दोनो स्थिर नहीं थे।
राज ने आईना चुप चाप वापस अपने बैग में रख दिया। राज के मन मे अभी तक अपनी बहन या माँ के साथ शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एकदम स्पष्ट नही हुआ था। राज बिस्तर पर लेटे लेते अपनी लन्ड को मसलने लगता है। वही काम रानी और सोनिया और सरिता अपनी अपनी चुतों को मसलने का अपने अपने कमरे में कर रही थी। सब एक दूसरे से चिप कर एक पर्दे के पीछे। जो शायद कभी भी उठ सकता था या गिर सकता था। देखते ही देखते रात कब सुबह हो गयी लाता ही नहीं चला।
सुबह होते ही सब नॉर्मल खाना खाकर अपने अपने काम पर चल दिये। आज ये राज का पहला दिन था अपनी स्कूल में। राज जब स्कूल पहुंचा तो ज्यादातर उसके साथी जो पिछले साल थे वही उसकी क्लास में थे। लेकिन कुछ 3-4 नई लडकिया और 2 नए लड़कों ने एडमिशन लिया था। राज को ये बात किसी पुराने सहपाठी ने बताई।
राज जब क्लास में गया तो देखता ही रह गया। राज की स्कूल के वो दो बच्चे कोई और नहीं बल्कि मंगल और श्याम थे।राज ने जब उन दोनों को देखा तो बहुत खुश हुए वही हाल उन दोनों का भी था। मंगल और श्याम भी राज को देख कर बहुत खुश हुए और एक दूसरे के वाले लग गए।
सुबह से 3 क्लास तो ना जाने कब खत्म हुई पता ही नहीं चला। लेकिन इंटरवेल में कुछ ऐसा हुआ कि उसके बाद राज का दिमाग चलने लगा। दरअसल इंटरवेल मैं जब राज कैंटीन में अपने दोस्तों के साथ गया तो वहां उसे दो लड़कियां जानी पहचानी दिखी। एक थी छोटू की बहन।
अरे वही जिसे गांव में देखा था।
और दूसरी लड़की थी चंचल की छोटी बहन।
मंगल और श्याम ने राज की मुलाकात छोटू की बहन से करवाई। जो कि नवीन क्लास में थी। राज को पता चला कि छोटू के बाबा का देहांत हो गया था जिसके कारण से छोटू की बेहन 9 वीं की परीक्षा नही दे पाई इस लिए यहाँ पर वो नवीं में पढ़ रही थी। वही राज ने जब चंचल की चोटी बहन की तरफ इशारा करके पूछा तो छोटू की बहन ने बताया कि वो तो उसी की क्लास में है। बहुत रहीस लोगो के परिवार से लगती है। बहुत नखरे भी करती है। पढ़ने से लेकर के क्लास में सीट पर बैठने तक इसके नखरे होते है।
श्याम और मंगल भी चंचल की चोटी बहन की तरफ देखते है। (तभी राज छोटू की बहन से मुस्कुराते हुए उसका नाम पूछता है। छोटू की बहन अपना नाम बताती है।)
राज: नाम क्या है?
छोटू की बहन: जी मेरा नाम अनिता है।
राज: अनिता मैं तुम्हारा नाम नहीं पूछ रहा था उस लड़की का क्या नाम है? ( मुस्कुराते हुए)
अनिता: ( अपनी सर पर हाथ मारकर जीभ बाहर निकल लेती है) जी उसका नाम ? उसका नाम श्रेया है।
राज: श्रेया हां! हम्मssss चलो तुम मन लगा कर पढ़ना।
अब आप सब अंदाजा तो लगा ही सकते है 9 वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की की उम्र क्या होगी। लेकिन मैंने छोटू की बहन के बारे में तो आपको पहले ही बता दिया था। चलो चंचल की बहन के बारे में बताता हूँ।
चंचल की बहन 5 फिट 4 या 3 इंच के करीब की लंबाई की होगी। लंबे लंबे हल्के भूरे रंग के बाल है। जो कि उसकी कमर तक आ रहे थे। हल्की हल्की उठी हुई चुंचिया नोक बाहर निकाले हुए और रंग एक दम गोरा। चंचल से तो 21 है। और गाँड़ लगभग तीन इंच ऊपर की और उठी हुई। कुछ भी कहूं एक दम सांचे में ढली हुई। और सबसे कमाल की बात है उसका चेहरा। 9 वीं मैं पढ़ रही श्रेया का चेहरा 9वीं क्लास की लड़की जैसा नहीं बल्कि कोई 5-6 मैं पढ़ने वाली मासूम बच्ची जैसा चेहरा।
राज ने बहुत गौर से श्रेया के बदन को देखा था। राज ने उसके हाथों को देखा तो वहां पर अभी तक हल्के भूरे रंग की रोयें तक नहीं आयी थी। श्रेया को।देखते देखते ही अचानक से राज के दिमाग मे चंचल आ जाती है। और तभी राज वही खड़े खड़े बदले।का प्लान बनाने लगता है। या यूं कहूँ की उसकी सफलता के बारे में सोचने लगता है।
छोटू की बहन के जाने के बाद भी राज एक तक चंचल की बहन श्रेया को अपनी सहेलियों के साथ हंसते खेलते देख रहा था। और मुस्कुरा रहा था। राज के इस तरह से श्रेया को घूरते देख श्याम हल्के से राज के कान में बोलता....
श्याम: राज तुम श्रेया को चौदना चाहते हो ना?
राज ना जाने कैसे लेकिन आटोमेटिक अपनी गर्दन हाँ में हिला देता है। फिर राज को एहसास होता है कि उसने क्या किया तभी मंगल और श्याम दोनो राज की बात पर हँसने लगते है।
मंगल: लेकिन वो चिड़िया इसके हाथ नहीं लगेगी।
श्याम: अरे चिड़िया को फसाने के दो तरीके होते है। एक चिड़िया को धीरे धीरे दाना डालो और जाल में फंसा लो। दूसरा उड़ती चिडया पर सीधी जाल फेंकों।
मंगल: एक तरीका और है?
राज और श्याम दोनो मंगल की और देखते है। और मंगल अपनी जेब से एक ड्रग की डिब्बी निकालता है। एक दम विक्स जैसी लग रही थीं ।
मंगल: राज भाई ये ऐसा ड्रग है अगर किसी 90 साल की बूढ़ी औरत की चूत में भी इसे लगा दो ना तो वो भी झरने की तरह बहने लगेगी। वैसे तो इसे किसी की पेंटी पर लगा दो टैब भी छूट खुजाने लगेगी लेकिन अगर डायरेक्ट चूत में लगा दिया तो समझो लड़की चुदने के लिए थोड़े से प्रयास में तैयार हो जाएगी। ये उसकी छूट मैं हवस की आग लगा देगी।
राज: यार तुम ना कुछ भी बकवास कर रहे हो?
श्याम: एक मिनट बकवास? अच्छा एक बात बताओ तुम स्कूल किस चीज से आये थे।
राज: हम्म कार से , दीदी ने ड्राप किया!
श्याम: अब घर हमारे साथ चलना। बस में! तुम्हे कुछ दिखाना है।
राज:क्या?
मंगल: अरे चलो तो सही फिर तुम्हे वो भी पता चल जाएगा।
यूँहीं क्लास का पहला दिन खत्म हो गया। हर क्लास का पहले दिन कुछ टीचर्स आये कुछ नहीं आये। जो आये उन्होंने सबका परिचय लिया और खुद का परिचय देते हुए जाते रहे। सभी अध्यापकों ने मिलकर डिसाइड किया कि इस सप्ताह के गुरुवार से बच्चो की पढ़ाई शुरू करवा दी जाए। और यही सब होते होते क्लास की छुट्टी हो गयी।
राज अपने दोस्तों के साथ बस में घर के लिए रवाना हो गया। हाँ बस में जाने से पहले राज ने रानी को मश्ग कर दिया था कि वो बस से घर जा रहा है। राज बेग में अपना मोबाइल भी छुपा कर लाया था। वैसे तो 12 क्लास तक आज भी कई जगह मोबाइल अल्लाउ नहीं है।
राज मंगल और श्याम के साथ जिस बस में चढ़ा था उसी बस में कुछ और भी लडकिया चढ़ि थी। जिनमे ज्यादातर 9 से 10 की लग रही थी। 11 और 12 कि लड़कियां तो घर से कुछ व्हिकल लेकर आती थी और कुछ उन्ही के साथ निकल लेती थी।
मंगल और श्याम ने एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कान बिखेर दी। और राज की तरफ देख कर मंगल सामने खड़ी एक लड़की की तरफ इशारा करके बोलता है। देख अब ये ड्रग मैं उस लड़की की चूत पर लगाऊंगा। थोड़ी देर बाद अगर मैं उसे चौद भी लूं तो उसे कोई दिक्कत नही होगी।
मंगल ने इशारा करके राज और श्याम का ध्यान एक लड़की की और किया।
श्याम मंगल की तरफ देख कर बोलता है।
श्याम: जा मेरे शेर जा, पूरा जंगल तेरा है।
मंगल धीरे धीरे करके उस लड़की के ठीक पीछे खड़ा हो जाता है। चलती बस में वैसे ही आगे पीछे होने की जगह नहीं थी। मंगल जा कर पहले तो लड़की के धीरे धीरे कमर और पीठ पर हाथ फेरने लगा। जब लड़की को ये पता लगा कि कोई उसे छू रहा है तो उसने पीछे मुड़ कर मंगल को देखा और अपनी आंखें दिखाई जैसे अभी शोर मचा कर उसे पब्लिक से पिटवा देगी।
मंगल फिर भी कहां मानने वाला था आखिर उसके दोस्तों के सामने उसकी नाक कट जाती । मंगल ने धीरे से उस लड़की की गाँड़ पर हाथ फेरा। लड़की ने तुरंत उसका हाथ झटक दिया। मंगल धीरे से उस लड़की के कान में बोलता है। सिर्फ छू कर चला जाऊंगा।
लड़की मंगल की ये बात सुनकर गुस्से से मंगल की तरफ देख कर दो कदम आगे चली जाती है। इस वक़्त लड़की के सामने एक कुर्सी रखी और पीछे मंगल और बाजू में श्याम खड़ा हो गया और दूसरे बाजू में बस की दीवार। मंगल के लिए इस से अच्छा और क्या मौका होता मंगल ने तुरंत लड़की की स्कूल की स्कर्ट को ऊपर किया। स्कर्ट ऊपर होते ही नीचे पेंटी थी। मंगल ने उस लड़की की पेंटी नीचे करने की खूब कोशिश की मगर सफल नहीं हो पाया। क्योंकि लड़की को जब लगा कि मंगल उसकी पैंटी खोलना चाह रहा है तो उसने अपनी दोनो टांगों को सिकोड़ लिया।
अंततः जब सारे प्रयास असफल हो गए तो मंगल ने उस लड़की को हल्का सा आगे की और धक्का दिया। लड़की जैसे ही गिरने वाली हुई एक आध कदम आगे चली। लड़कि के आगे चलने से उसकी दोनो टांगे खुल गयी। बस इसी का फायदा उठाकर मंगल ने उसकी दोनों टांगों के बीच अपनी टांगे फंसा दी। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं ने अपनी स्कर्ट और पेंटी को अपनी कमर पर केस कर पकड़ लिया ताकि मंगल उसकी पैंटी ना उतार पाए।
मंगल को जब इस बात का पता लगा तो मंगल ने तुरंत उस लड़की की पेंटी उतारने की बजाय उसकी चूत के ऊपर से साइड में कर दिया। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं हल्की सी चिहुंकि लेकीन टैब तक देर हो चुकी थी। मंगल ने अपनी उंगली पट विकस की तरह लगा ड्रग तुरंत उस लड़की की चूत पर मल दिया। मंगल उसे ऐसे लगा रहा था जैसे उसकी छूट का उंगली से ब्रश कर रहा हो। एक दम छूट के बाहर और अंदर तक। उंगली घुमा घुमा कर।
मंगल को अभी 10 सेकंड भी नही गुजरे थे कि लड़कीं चीख पड़ी। लड़कीं के चीखते ही मंगल ने लड़कीं को छोड़ दिया। मंगल के छोड़ते ही लड़कीं तुरंत पलटी और मंगल के गाल पर चटाकsssssssss एक जोर दर थप्पड़ मारकर आगे चली गयी जहां पर 2-3 और भी लडकिया थी।
मंगल अपना गाल पकड़े राज और श्याम के पास गया। राज अपनी हंसी बहुत मुश्किल से दबा रखा था। लेकिन क्या करता जब मंगल को अपना गाल पकड अपनी तरफ आते देखा तो खुद बा खुद राज की हंसी फुट पड़ी। राज को हंसता देख श्याम भी अपनी हंसी पर से काबू खो दिया और वो भी हँसने लगा।
मंगल ने जब अपने दोनों दोस्तो को अपने ऊपर हंसते देखा तो पहले तो मंगल का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। लेकिन जल्द ही खुद मंगक भी अपने दोस्तों के साथ हंसते हुए बोला।
मंगल: साली ने झापड़ ही धर दिया।
श्याम: (हंसते हुए) काम हुआ।
मंगल: वो तो तुम दोनों देख लेना। अब से 2 मिनट बाद उसे पसीना आएगा। अगले 2 मिनट में वो अपनी जाँघे आपस मे रगड़े गई। और उसके अगले दो मिनट में उसकी चूत झरने के जैसे पानी ना फेंके तो नाम बदल लूंगा।
राज: तू पहले अपना गाल बदल नाम बालन मैं तूने अभी 6 मिनट बात दिया।
मंगल और श्याम दोनो हँसने लगे। मंगल ने अपने बैग से वो ड्रग की 5-6 डिब्बियां निकाल कर राज के बैग में रख दिया। राज ने जब मंगल की तरफ देखा तो मंगल ने राज से कहा।
मंगल: रखले यार तेरे काम आएगी। वो कच्ची काली तेरे हाथ एवें ही नहीं आने वाली।
अभी कुछ 2 मिनट ही गुजरे थे कि लड़कीं बुरी तरह से गर्मी महसूस करने लगी। कभी अपने हाथों से हवा करने लगती तो कभी बस की खिड़की से आती हवा की तरफ जाने का प्रयास करती लेकिन भीड़ इतनी थी कि ना तो हवा उस तक पहुंच पा रही थी और ना ही वो अपनी जगह से हिल पा रही थी।
राज अपने दोस्तों मंगल और श्याम के साथ एक जगह बैठा उस ड्रग का कमाल देख रहा था।
थोड़ी देर बाद करीब 2 मिनट ही हुए थे कि लड़कीं बुरी तरह से पसीनों में भीग गयी थी। उसकी स्कूल शर्ट जगह जगह से पसीनों से भीग कर उसके बदन पर चिपक गयी थी। राज अभी भी उस लड़की के चेहरे के भावों को देखे जा रहा था। उसके चेहरे भाव साफ साफ उसके मादक होने का चिन्ह थे।