hotaks444
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उस शाम ऐसा लग रहा था, कि हमारे घर पे भगवान कुछ ज़्यादा मेहेरबान हुए हैं... गिफ्ट्स तो सब को मिले, मुझे कुछ ज़्यादा ही... मैं वहीं खड़े खड़े सोच रहा था कि विजय का नाम डॉक्युमेंट्स से कैसे निकालु, तभी सामने से मेरी उदासी का कारण आता हुआ दिखा... सामने से विजय, शन्नो और अंशु आते दिखे...
(बहनचोद... जब जब मैं खुश हुआ हूँ, ये भोसड़ी के वहाँ टपक पड़ते हैं. मैं अपने आप से बोलने लगा)
बेटे.. जनमदिन की बधाई हो... ये लो तुम्हारा गिफ्ट.." अंशु ने आगे आते हुए कहा
"थॅंक यू वेरी मच आंटी.." मैने अंशु से कहा
"अब भी आंटी बोलोगे... अब तो बेटे एक कदम आगे बढ़ो, हमारा रिश्ता जुड़ने वाला है" अंशु ने मुझे गले लगाते हुए कहा...
जैसे ही मैं अंशु से गले लगा, मेरे लंड में अकड़न आने लगी... उसके चुचे मेरी छाती में धन्से जा रहे थे... मैं झट से अंशु से अलग हुआ और शरमाने का नाटक करने लगा. इतने में पीछे शन्नो और विजय ने कहा
" बेटे... मेनी मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे.. ये गिफ्ट हम तीनो की तरफ से हैं तुम्हारे लिए
मैने उनका आशीर्वाद लिया और अपने रूम में चला गया... जैसे ही मैं रूम में पहुँचा, मैने सबसे पहले अपने बॅंक में बॅलेन्स देखा.. . देखके मुझे बहुत खुशी हुई, क्यूँ कि पापा ने सब ट्रिप के पैसे मेरे अकाउंट में डाल दिए थे.. और मेरा इन्सेंटिव और सॅलरी पेआउट भी आ चुका था... मैने जो मेरे शेअर्स बेचने के इन्स्ट्रक्षन दिए हुए थे, तुरंत वो कॅन्सल कर दिए.... अचानक मुझे दिमाग़ में आया, देखूं तो सही के इन लोगो ने मुझे गिफ्ट क्या दी है... मैं उठके अपने बेड पे गया और उनका दिया हुआ बॉक्स ओपन करने लगा... जैसे ही मैने बॉक्स ओपन किया, एक बहुत बड़ा झटका सा लगा मुझे... दिमाग़ में फिर तूफान चालू हो गया... मैं जैसे वहीं फ़्रीज़ हो चुका था... . मेरे पीछे से एक आवाज़ आई..
".. ये तो टूटने वाला था, पर मैने ऐसा करने से मना किया और वापस आपको मिला है ये" पूजा ने अंदर आते हुए कहा.
बॉक्स में मेरा आइ फोन जो कल रात को चोरी हुआ था, वो अंदर था.. न्यू कवर और न्यू स्क्रीन गार्ड के साथ... मैं बैठे बैठे फोन के अंदर के कॉंटेंट्स देखने लगा, तभी पूजा ने फिर कहा
"आपके सब कॉंटेंट्स डेलीट हैं.. क्यूँ कि आपने फोन लॉक किया था, अगर फोन लॉक्ड नहीं होता तो सब कुछ डेलीट नहीं होता... लॉक की वजह से इन्हे फोन फॉर्मॅट करना पड़ा" पूजा ने मेरे सामने बैठते हुए कहा
"पूजा... ये सब तुम जानती थी... फिर भी तुमने.." मैं पूजा से कहने लगा
"मैं नहीं, हम दोनो जानते थे ... मैने आपसे कहा था कि आप रेकॉर्डिंग ना करें, पर आप माने ही नहीं" पूजा ने बहुत ही शांति से कहा
"और मुझे पता था कि आपके बॅंक में बॅलेन्स बहुत कम है, तभी मैने मोम से कहा कि फोन को कोई डॅमेज ना हो, नही तो आपके अंकल आंटी ने तो इसको तोड़ना ही बेहतर समझा....
"हां बेटे... पूजा सही बोल रही है..." सामने से अंशु भी अंदर आ गयी...
".. अब तक पूजा और मैं जो करते हुए आए हैं उसके पीछे हमारी मजबूरी है... आज सुबह भी जब मैने शन्नो और जीजू से कहा फोन नहीं तोड़े, तो उनको मुझपे शक होने लगा.. पर मैं नहीं चाहती कि हमारी वजह से तुम्हे और तुम्हारे परिवार को कोई फाइनान्षियल नुकसान भी हो.."
मेरे सामने अंशु और पूजा बैठ गये थे....
"ठीक है मम्मी.. मैं जान चुका हूँ आप मजबूर हैं, पर क्यूँ, अब तक पूजा ने मुझे नहीं बताया... पर आप लोग मेरे साथ हैं इन सब में, मुझे यकीन है कि हम बहुत ही जल्द इस मुसीबत से बाहर आ जाएँगे..." मैने अंशु को देखते हुए कहा..
"मम्मी... तुमने मुझे मम्मी कहा.... मतलब... तुम्हे पूजा पसंद है बेटे.." अंशु ने अपनी आँखों से बहते आँसुओं को छुपाते हुए कहा..
"जी.... और आप प्लीज़ अब रोना नहीं, " मैने अंशु को जैसे हुकुम देते हुए कहा...
ये सुनके अंशु की खुशी का ठिकाना नहीं था... वो खुशी से हमारी तरफ देखने लगी और वहाँ से उठके नीचे चली गयी...
"थॅंक्स पूजा... अब ये तुम्हारा फोन ले लो..." मैने पूजा को उसका फोन वापस देते हुए कहा...
"... थॅंक्स नहीं, आपको अपना वादा याद है ना..." पूजा ने मुझे देखा
(बहनचोद... जब जब मैं खुश हुआ हूँ, ये भोसड़ी के वहाँ टपक पड़ते हैं. मैं अपने आप से बोलने लगा)
बेटे.. जनमदिन की बधाई हो... ये लो तुम्हारा गिफ्ट.." अंशु ने आगे आते हुए कहा
"थॅंक यू वेरी मच आंटी.." मैने अंशु से कहा
"अब भी आंटी बोलोगे... अब तो बेटे एक कदम आगे बढ़ो, हमारा रिश्ता जुड़ने वाला है" अंशु ने मुझे गले लगाते हुए कहा...
जैसे ही मैं अंशु से गले लगा, मेरे लंड में अकड़न आने लगी... उसके चुचे मेरी छाती में धन्से जा रहे थे... मैं झट से अंशु से अलग हुआ और शरमाने का नाटक करने लगा. इतने में पीछे शन्नो और विजय ने कहा
" बेटे... मेनी मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे.. ये गिफ्ट हम तीनो की तरफ से हैं तुम्हारे लिए
मैने उनका आशीर्वाद लिया और अपने रूम में चला गया... जैसे ही मैं रूम में पहुँचा, मैने सबसे पहले अपने बॅंक में बॅलेन्स देखा.. . देखके मुझे बहुत खुशी हुई, क्यूँ कि पापा ने सब ट्रिप के पैसे मेरे अकाउंट में डाल दिए थे.. और मेरा इन्सेंटिव और सॅलरी पेआउट भी आ चुका था... मैने जो मेरे शेअर्स बेचने के इन्स्ट्रक्षन दिए हुए थे, तुरंत वो कॅन्सल कर दिए.... अचानक मुझे दिमाग़ में आया, देखूं तो सही के इन लोगो ने मुझे गिफ्ट क्या दी है... मैं उठके अपने बेड पे गया और उनका दिया हुआ बॉक्स ओपन करने लगा... जैसे ही मैने बॉक्स ओपन किया, एक बहुत बड़ा झटका सा लगा मुझे... दिमाग़ में फिर तूफान चालू हो गया... मैं जैसे वहीं फ़्रीज़ हो चुका था... . मेरे पीछे से एक आवाज़ आई..
".. ये तो टूटने वाला था, पर मैने ऐसा करने से मना किया और वापस आपको मिला है ये" पूजा ने अंदर आते हुए कहा.
बॉक्स में मेरा आइ फोन जो कल रात को चोरी हुआ था, वो अंदर था.. न्यू कवर और न्यू स्क्रीन गार्ड के साथ... मैं बैठे बैठे फोन के अंदर के कॉंटेंट्स देखने लगा, तभी पूजा ने फिर कहा
"आपके सब कॉंटेंट्स डेलीट हैं.. क्यूँ कि आपने फोन लॉक किया था, अगर फोन लॉक्ड नहीं होता तो सब कुछ डेलीट नहीं होता... लॉक की वजह से इन्हे फोन फॉर्मॅट करना पड़ा" पूजा ने मेरे सामने बैठते हुए कहा
"पूजा... ये सब तुम जानती थी... फिर भी तुमने.." मैं पूजा से कहने लगा
"मैं नहीं, हम दोनो जानते थे ... मैने आपसे कहा था कि आप रेकॉर्डिंग ना करें, पर आप माने ही नहीं" पूजा ने बहुत ही शांति से कहा
"और मुझे पता था कि आपके बॅंक में बॅलेन्स बहुत कम है, तभी मैने मोम से कहा कि फोन को कोई डॅमेज ना हो, नही तो आपके अंकल आंटी ने तो इसको तोड़ना ही बेहतर समझा....
"हां बेटे... पूजा सही बोल रही है..." सामने से अंशु भी अंदर आ गयी...
".. अब तक पूजा और मैं जो करते हुए आए हैं उसके पीछे हमारी मजबूरी है... आज सुबह भी जब मैने शन्नो और जीजू से कहा फोन नहीं तोड़े, तो उनको मुझपे शक होने लगा.. पर मैं नहीं चाहती कि हमारी वजह से तुम्हे और तुम्हारे परिवार को कोई फाइनान्षियल नुकसान भी हो.."
मेरे सामने अंशु और पूजा बैठ गये थे....
"ठीक है मम्मी.. मैं जान चुका हूँ आप मजबूर हैं, पर क्यूँ, अब तक पूजा ने मुझे नहीं बताया... पर आप लोग मेरे साथ हैं इन सब में, मुझे यकीन है कि हम बहुत ही जल्द इस मुसीबत से बाहर आ जाएँगे..." मैने अंशु को देखते हुए कहा..
"मम्मी... तुमने मुझे मम्मी कहा.... मतलब... तुम्हे पूजा पसंद है बेटे.." अंशु ने अपनी आँखों से बहते आँसुओं को छुपाते हुए कहा..
"जी.... और आप प्लीज़ अब रोना नहीं, " मैने अंशु को जैसे हुकुम देते हुए कहा...
ये सुनके अंशु की खुशी का ठिकाना नहीं था... वो खुशी से हमारी तरफ देखने लगी और वहाँ से उठके नीचे चली गयी...
"थॅंक्स पूजा... अब ये तुम्हारा फोन ले लो..." मैने पूजा को उसका फोन वापस देते हुए कहा...
"... थॅंक्स नहीं, आपको अपना वादा याद है ना..." पूजा ने मुझे देखा