Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें - Page 18 - SexBaba
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Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें

उस शाम ऐसा लग रहा था, कि हमारे घर पे भगवान कुछ ज़्यादा मेहेरबान हुए हैं... गिफ्ट्स तो सब को मिले, मुझे कुछ ज़्यादा ही... मैं वहीं खड़े खड़े सोच रहा था कि विजय का नाम डॉक्युमेंट्स से कैसे निकालु, तभी सामने से मेरी उदासी का कारण आता हुआ दिखा... सामने से विजय, शन्नो और अंशु आते दिखे...


(बहनचोद... जब जब मैं खुश हुआ हूँ, ये भोसड़ी के वहाँ टपक पड़ते हैं. मैं अपने आप से बोलने लगा)


बेटे.. जनमदिन की बधाई हो... ये लो तुम्हारा गिफ्ट.." अंशु ने आगे आते हुए कहा


"थॅंक यू वेरी मच आंटी.." मैने अंशु से कहा


"अब भी आंटी बोलोगे... अब तो बेटे एक कदम आगे बढ़ो, हमारा रिश्ता जुड़ने वाला है" अंशु ने मुझे गले लगाते हुए कहा...


जैसे ही मैं अंशु से गले लगा, मेरे लंड में अकड़न आने लगी... उसके चुचे मेरी छाती में धन्से जा रहे थे... मैं झट से अंशु से अलग हुआ और शरमाने का नाटक करने लगा. इतने में पीछे शन्नो और विजय ने कहा


" बेटे... मेनी मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे.. ये गिफ्ट हम तीनो की तरफ से हैं तुम्हारे लिए


मैने उनका आशीर्वाद लिया और अपने रूम में चला गया... जैसे ही मैं रूम में पहुँचा, मैने सबसे पहले अपने बॅंक में बॅलेन्स देखा.. . देखके मुझे बहुत खुशी हुई, क्यूँ कि पापा ने सब ट्रिप के पैसे मेरे अकाउंट में डाल दिए थे.. और मेरा इन्सेंटिव और सॅलरी पेआउट भी आ चुका था... मैने जो मेरे शेअर्स बेचने के इन्स्ट्रक्षन दिए हुए थे, तुरंत वो कॅन्सल कर दिए.... अचानक मुझे दिमाग़ में आया, देखूं तो सही के इन लोगो ने मुझे गिफ्ट क्या दी है... मैं उठके अपने बेड पे गया और उनका दिया हुआ बॉक्स ओपन करने लगा... जैसे ही मैने बॉक्स ओपन किया, एक बहुत बड़ा झटका सा लगा मुझे... दिमाग़ में फिर तूफान चालू हो गया... मैं जैसे वहीं फ़्रीज़ हो चुका था... . मेरे पीछे से एक आवाज़ आई..


".. ये तो टूटने वाला था, पर मैने ऐसा करने से मना किया और वापस आपको मिला है ये" पूजा ने अंदर आते हुए कहा.


बॉक्स में मेरा आइ फोन जो कल रात को चोरी हुआ था, वो अंदर था.. न्यू कवर और न्यू स्क्रीन गार्ड के साथ... मैं बैठे बैठे फोन के अंदर के कॉंटेंट्स देखने लगा, तभी पूजा ने फिर कहा


"आपके सब कॉंटेंट्स डेलीट हैं.. क्यूँ कि आपने फोन लॉक किया था, अगर फोन लॉक्ड नहीं होता तो सब कुछ डेलीट नहीं होता... लॉक की वजह से इन्हे फोन फॉर्मॅट करना पड़ा" पूजा ने मेरे सामने बैठते हुए कहा


"पूजा... ये सब तुम जानती थी... फिर भी तुमने.." मैं पूजा से कहने लगा


"मैं नहीं, हम दोनो जानते थे ... मैने आपसे कहा था कि आप रेकॉर्डिंग ना करें, पर आप माने ही नहीं" पूजा ने बहुत ही शांति से कहा


"और मुझे पता था कि आपके बॅंक में बॅलेन्स बहुत कम है, तभी मैने मोम से कहा कि फोन को कोई डॅमेज ना हो, नही तो आपके अंकल आंटी ने तो इसको तोड़ना ही बेहतर समझा....


"हां बेटे... पूजा सही बोल रही है..." सामने से अंशु भी अंदर आ गयी...


".. अब तक पूजा और मैं जो करते हुए आए हैं उसके पीछे हमारी मजबूरी है... आज सुबह भी जब मैने शन्नो और जीजू से कहा फोन नहीं तोड़े, तो उनको मुझपे शक होने लगा.. पर मैं नहीं चाहती कि हमारी वजह से तुम्हे और तुम्हारे परिवार को कोई फाइनान्षियल नुकसान भी हो.."


मेरे सामने अंशु और पूजा बैठ गये थे....


"ठीक है मम्मी.. मैं जान चुका हूँ आप मजबूर हैं, पर क्यूँ, अब तक पूजा ने मुझे नहीं बताया... पर आप लोग मेरे साथ हैं इन सब में, मुझे यकीन है कि हम बहुत ही जल्द इस मुसीबत से बाहर आ जाएँगे..." मैने अंशु को देखते हुए कहा..


"मम्मी... तुमने मुझे मम्मी कहा.... मतलब... तुम्हे पूजा पसंद है बेटे.." अंशु ने अपनी आँखों से बहते आँसुओं को छुपाते हुए कहा..


"जी.... और आप प्लीज़ अब रोना नहीं, " मैने अंशु को जैसे हुकुम देते हुए कहा...


ये सुनके अंशु की खुशी का ठिकाना नहीं था... वो खुशी से हमारी तरफ देखने लगी और वहाँ से उठके नीचे चली गयी...


"थॅंक्स पूजा... अब ये तुम्हारा फोन ले लो..." मैने पूजा को उसका फोन वापस देते हुए कहा...


"... थॅंक्स नहीं, आपको अपना वादा याद है ना..." पूजा ने मुझे देखा
 
"हां स्वीट हार्ट.... आइ नो, आने वेल 7 दिन, नो चिंता, ओन्ली फन" मैने झूठा मूटा उत्साह दिखाते हुए कहा..


"आने वाले 7 दिन नहीं.... आने वाली रात के साथ आने वाले 7 दिन ..." पूजा ने मस्ती में आके कहा.. उसकी आँखों में अलग सा नशा दिखा मुझे उस वक़्त.... जब तक मुझे कुछ समझ आता, पूजा वहाँ से निकल के अपने रूम में चली गयी


कुछ देर में मैं भी अपने रूम से मोम डॅड के पास चला गया और उन्होने हमारे लिए शॉपिंग की थी वो सब देखने लगा था... थोड़ी देर में पूजा भी वहाँ आ गयी और हमारे बॅग्स पॅक करने लग गयी.. बॅग्स पॅक करते करते काफ़ी टाइम बीत चुका था, और अंत में हमने हमारे पासपोर्ट्स और सब ज़रूरी डॉक्युमेंट्स , टिकेट्स, सब निकाल के साइड में रख दिए, जिससे सुबह को कोई दिक्कत ना हो...


ये सब करने के बाद हम खाना खाने टेबल पे बैठ गये और सब लोग खिलखिलाकर बातें कर रहे थे एक दूसरे से... खाते खाते मैने शन्नो से पूछा


"आंटी, ललिता नहीं दिख रही, वो कहाँ है"


मेरा सवाल सुनके शन्नो थोड़ा सा चौंक गयी, पर उस वक़्त विजय ने संभालते हुए कहा


"अरे बेटे वो अपनी फ्रेंड के वहाँ रुकी हुई है.."


"कमाल है.. कुछ दिन पहले डॉली पायल के साथ बाहर गयी थी, आंटी ने तो उसे बहुत डांटा था, आज ललिता नहीं है, तो उसको आपने पर्मिशन दे दी..."


मैने विजय से सीधा सवाल पूछा जिससे वो भी हक्का बक्का रह गया...


कुछ देर तक दोनो पति पत्नी ने जवाब नहीं दिया... वो लोग फिर खाना आधे में छोड़के टेबल से उठ गये.... तभी मेरे मोबाइल पे मुझे स्मस आया


"आप शांत नहीं बैठ सकते... इनको जितने सवाल करोगे उतनी आपके लिए मुसीबतें बढ़ेंगी..." पूजा का स्मस था


इससे पहले मैं कुछ जवाब देता, पापा मुझे डाँटने लगे


".. क्या ज़रूरत थी ये सब बोलने की.. चले गये ना... हाउ कॅन यू डू दिस हाँ"


"पापा, मुझे नहीं पता था इनको इतना बुरा लगेगा... सॉरी"


"कोई बात नहीं भाई साहब.. बच्चे हैं, मैं अभी जाके दीदी और जीजू को देखती हूँ, आप आराम से अपना खाना फिनिश कीजिए" अंशु ने पापा को कहा, और वहाँ से उठ के शन्नो और विजय के पीछे चली गयी..


अंशु के जाते ही मैने पूजा को स्मस का ज्वाब दिया.......


कुछ देर में हमने भी खाना फिनिश किया और अपने अपने काम में व्यस्त हो गये.... मैं ज़य से भी आखरी बार गले लगा, क्यूँ कि वो अगली सुबह वापस बंगलोर जाने वाला था.... 
 
कुछ देर बातें करके हम सब अपने अपने कमरे में चले गये... रूम में जाते ही मैने गेम सेट की और खेलने लगा... करीब एक घंटे बाद मुझे पूजा का स्मस आया...


"दिस ईज़ दा फर्स्ट आंड लास्ट टाइम आम डूयिंग दिस फॉर यू... इफ़ ओके, देन ओन्ली "


"ओके स्वीटी... व्हाटेवर माइ प्रिन्सेस से" मैने जवाब दिया पूजा को


"क... देअर इन 20 मिनट्स... लव पूजा XओXओ "


मैने स्मस पढ़के तुरंत गेम बंद कर दी, रूम क्लीन किया, एसी का टेंपरेचर एक दम मिनिमम किया और एर फ्रेशनेर छिड़क दिया रूम में..

एंड में अपने वॉर्डरोब से ब्लॅक लेबल की बॉटल और फ्लॅट ग्लासस निकाल के टेबल पे सजाए...


करीब 5 मिनट बाद, मेरे रूम का दरवाज़ा हल्के से नॉक हुआ...


जैसे ही मैने दरवाज़ा खोला, मैं सामने देखता रह गया.. मेरा मूह खुला का खुला रह गया..


"अब ऐसे ही देखते रहेंगे के अंदर भी आ सकते हैं हूँ" पूजा ने मुझसे पूछा..


मैं थोड़ा संभला और अंदर जाने के लिए रास्ता बनाया... मैने दरवाज़ा बंद कर दिया और टेबल की ओर बढ़ने लगा...


"क्या बात है.... ब्लॅक लेबल.. इरादा ठीक नहीं लग रहा आपका"... अंशु ने बेड पे बैठ के कहा... अपनी एक टाँग पे दूसरी टाँग चढ़ा के जैसे अंशु बैठी, मेरे मूह में पानी सा आ गया...


अंशु एक टाइट येल्लो टॉप में मेरे सामने बैठी थी जिसका सिर्फ़ एक शोल्डर था... उसके बाल खुले हुए थे, उसने अपने बाल ऐसे सेट किए थे जिससे उसकी ज़ूलफें उसके चुचों के बीच में गिर रही थी... उसके चुचे देख के मुझसे रहा नहीं जा रहा था.... नीचे उसने कुछ नहीं पहना था, उसकी मांसल जांघे एक के उपर एक पड़ी हुई थी, ऐसा लग रहा था तंदूरी मुर्गा सेका हुआ पड़ा है मेरे सामने... 


"अब क्या सिर्फ़ देखते ही रहेंगे , या जिस काम के लिए बुलाया है वो भी करेंगे..." पूजा ने मेरा ध्यान तोड़ते हुए कहा... ये सुनके मैने नज़रें अंशु से हटा के पूजा की तरफ घुमाई, तो मैं फिर उसे देखता ही रह गया
 
सामने पूजा बैठी थी, उसने उपर से एक लूज शर्ट जिसके नीचे एक सॅंडो पहना था, जिसमे से उसके आधे से ज़्यादा चुचे बाहर निकले हुए थे.. उसकी शर्ट उसके घुटनो तक थी, जिसके नीचे उसने कुछ नहीं पहना था





मैने खुद को संभाला... और पूजा को जवाब दिया


"जिस काम के लिए बुलाया है, वोई तो करना चाहता हूँ मैं.. पर लगता है मेरी सास और मेरी पत्नी मेरा ध्यान भटका रही हैं वहाँ से "


ये कहके मैं टेबल पे बैठ गया, और हमारे लिए तीन पेग बना दिए.... हम तीनो पेग उठाके पीने लगे.... तभी अंशु ने कहा


"जमाई बाबू... ये कैसी ख्वाहिश है आपकी, अपनी सास के साथ दारू पीने की, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


"इनकी ख्वाहिशें तो बहुत हैं मम्मी, आप सिर्फ़ दारू पीजिए, बाकी का ख़याल मैं रखूँगी..." पूजा ने अंशु को आँख मारते कहा


"ओफफो !!! क्या आप भी ना जमाई आ, दारू पीनी थी तो डाइरेक्ट मुझे बोलते , पूजा के थ्रू क्यूँ कहा, स्मस से ज़्यादा मज़ा फेस टू फेस आता है"


"मज़ा तो मुझे आपके साथ कैसे भी आएगा सासू मा.... पर घर वालों के सामने मैं कह नहीं सका, और मुझे लगा कहीं आप बुरा ना मान जायं" मैने अपने पेग से सीप लेते हुए कहा


"क्या जमाई जी... कोई सास अपने जमाई की बात का बुरा मान सकती है भला... आप बस हुकुम कीजिए हमें, लड़की वाले हैं, आपको निराश नहीं करेंगे"

अंशु ने अपना ग्लास खाली करते हुए कहा...


मैं और पूजा धीरे धीरे अपना ग्लास ख़तम कर रहे थे... जब हमारा पहले पेग ख़तम हुआ, तब तक अंशु ने अपने 2 पेग ख़तम कर दिए थे...


"ओफफो... कितना धीरे करते हैं आप जमाई जी... लाइए, मैं आप लोगों के लिए दूसरा पेग बना देती हूँ"


ये कहके अंशु अपनी जगह से उठी और मेरी गोद में आके बैठ के मेरे लिए पेग बनाने लगी.... मेर गोद में बैठ कर वो धीरे धीरे झुकने लगी, जिससे उसके चुचे बाहर आने लगे, और उसका टॉप पीछे से उँचा होता चला गया.. अंशु की गान्ड को मैं महसूस करने लगा... अंशु धीरे धीरे दारू मेरे ग्लास में डाल रही थी, मैं भी उतना ही धीरे उसकी गान्ड पे हाथ फेरने लगा.... ये महसूस करके

अंशु:- उम्म्म.... अहहहह जमाई अह्ह्ह....उम्म्म्मम......


जैसे ही अंशु सिसकारियाँ भरने लगी, दारू की बॉटल का बॅलेन्स बिगड़ा जिससे मेरे ट्रॅक पॅंट के साथ कुछ दारू उसके टॉप पे भी गिरने लगा...


"उफ्फ!!! ये क्या हो गया... आप का तो पेंट गीला हो गया.... लाइए मैं अभी सॉफ कर देती हूँ..." ये कहते कहते अंशु मेरे ट्रॅक पेंट के उपर से ही मेरे लंड को रगड़ने लगी....


"ओफफो.... क्या मुसीबत हो गई..." बोलते बोलते अंशु मेरे लंड को रगड़ने लगी पॅंट सॉफ करने के बहाने से..


अंशु के हाथों के स्पर्श से मेरा लंड भी धीरे धीरे अपनी औकात पे आने लगा.. 


"उम्म..... हटिए ना जमाई राजा.... देखिए मैने आपका पेंट खराब कर दिया... अहह सीईईईई.... उम्म्म्म...... आपकी सास एक काम भी नहीं कर सकती आपका.

ये कहते कहते अंशु ने मेरे लंड को पॅंट के उपर से ही मुठिया लिया और सहलाने लगी...


"उम्म्म.... देख ना पूजी... तेरा पति मुझे देखके बहक रहा है, फिर मुझे दोष मत देना..." अंशु ने पूजा को देखते हुए कहा और अपने होंठ अपने दाँतों तले दबाने लगी....


पूजा एक नज़र अंशु को देख रही थी और फिर एक नज़र मुझे.... मैं तो जैसे सातवें आसमान पे था... बस हल्की हल्की सिसकारियाँ भर रहा था....


'चलिए जमाई बाबू... आपका पेग तो बन गया, अब ज़रा मेरी बेटी का पेग भी बना लूँ, नहीं तो वो मुझसे नाराज़ हो जाएगी.." ये कहके अंशु वहाँ से उठ के पूजा के पास चली गयी.. पूजा के पास जाके अंशु भी उसके पास बैठ के उसका ग्लास भरने लगी... अंशु एक दम मदहोश हो चुकी थी..

हम दोनो के ग्लास भर के अंशु वापस अपनी जगह पे आ गयी... अपनी जगह पे आते ही अंशु ने अपने तीसरा पेग बनाया और हम फिर से एक बार पीने में व्यस्त हो गये... पीते पीते अंशु ने कहा...


"अरे ये क्या...मेरा टॉप भी तो गीला हो चुका है, क्या जमाई राजा, मैने आपका पॅंट सॉफ किया तो आपका भी तो फ़र्ज़ बनता है ना मेरा ख़याल रखने का... खैर छोड़िए अब, मैं खुद ही सॉफ किए देती हूँ अपने कपड़े"


इतना कहते ही अंशु ने अपने टॉप को एक झटके में उतार फेंका और वो सिर्फ़ अपनी पेंटी में बैठी हमारे सामने शराब पीने लगी...


"ऊप्स !!! जमाई जी, मेरा टॉप पूरा खराब हो गया था... इसलिए मैने उतार दिया, उम्मीद है आपको कोई दिक्कत नहीं है...."
 
इसके जवाब में मैने सिर्फ़ ग्लास में से एक सीप लेके अंशु की आँखों में देखा


अंशु को ऐसे देख मेरा लंड हिचकोले खाने लगा.. गला सूखने लगा था, मैं अंशु को आँखों में देखते देखते अपने लंड को उपर से ही रगड़ने लगा.... ये देख पूजा ने कहा...


"आप चिंता नही कीजिए इसकी... इसके लिए तो मैं हूँ ना..." ये कहके पूजा ने अपना ग्लास टेबल पे रखा और अदा से चलके मेरे पास आके नीचे ज़मीन पे बैठ गयी.... ज़मीन पे बैठ के उसने एक नज़र अंशु को देखा, एक नज़र मुझे... और फिर अपना हाथ मेरे पॅंट में बने तंबू पे घुमाने लगी...


"उम्म्म... शैतान कहीं का.. अपनी सास को देख के ऐसी हालत, हरामी कहीं का.... लगता है इसे शांत करना ही पड़ेगा अब...."


ये कहके पूजा मेरा पॅंट को उतारने लगी, और जैसे ही मेरा पॅंट नीचे उतरा, 





मेरे लंड को पूजा हाथ में लेके मूठ मारने लगी...


"उम्म.... अहहाहाहा साले हरामी, मेरी मा को देख के खड़ा हो गया अहहहाहा... उम्म्म्मममम... अहाहम्म्म्म म.....ससीसीसीई अहाहाहाहा..."

पूजा मेरे लंड को हिलाते हिलाते बोलने लगी.... जहाँ पूजा ये सब कर रही थी, मैने अंशु को इशारा करके मेरे पास बुलाया... जैसे ही अंशु मेरे पास आई, मैने उसका एक चुचा अपने मूह में ले लिया और उसे चूसने लगा...


'अहहहहाहा सीसीसिस.... चूस लो ना जमाई राजा अहहाहा.... उम्म्म.... दूध पियो ना इनका अहहाहा..... उम्म्म...... और ज़ोर से चूसो ना अहहाहा" अंशु बकने लगी...


"उम्म्म्म अहाहहाहः मेरी सासू मा.... आहहः सीईईईईई... तेरी बेटी ने मना किया था तुझे चोदने के लिए अहाहहाः... तो कैसे चोदु तुझे अहहहहा... उम्म... पूजा आहहहहा अब लंड ले भी लो ना मूह में अहहहहा...." मैं मा बेटी का साथ देने लगा..


"हां जी आहहा.... आप का हुकुम सर आँखो पर मेरे पति जी अहहहा.... " ये कहके पूजा मेरे लंड को मूह में लेके चूसने लगी और मेरे टट्टों पे थप्पड़ भी मारने लगी....


"अहहहहः... धीरे चूस भडवि कहीं की अहहहहा.... मार मत तेरी मा को चोदु आहहहः...." मैं आनंद लेने लगा था....


"हॅट दूर साली निकम्मी कहीं... मैं मेरे जमाई राजा को खुश करती हूँ, सीख मुझसे...." ये कहके अंशु मुझसे दूर होके नीचे बैठी और पूजा के मूह से मेरे लंड को छीन के उसे लॉलीपोप की तरह चूसने लगी...


"उम्म्म.....स्लर्प स्लर्प अहाहहाः.... आहहाेंम्म्मम स्लर्प अलुर्प अहहहहहा... " अंशु मेरा लंड चूसने लगी, और पूजा उसे देखती रही नीचे बैठ के



"उम्म्म हां माँ अब मुझे भी दो ना... अहहहहा लंड तो दो, मेरे पति का है ये अहहहाहा..... ये कहके पूजा और अंशु बारी बारी लंड चूसने लगी.... जब अंशु मेरे लंड को मूह में लेती, तब पूजा मेरे टट्टों को चाटने लगती... ऐसा नज़ारा देखते ही बनता था....





"उम्म्म अहहहहा.... मेरी पत्नी और आहहहहा सीसीसीसिस मेरी सास. अहहाहा मेरी रंडियों आहहाहा......" मैं बस येई बोल पा रहा था


"उम्म.. अहाहहाः सीईईई.. हम तो हैं ही रंडिया मेरे जमाई बाबू.. उम्म्म्मम, देखो ना मेरी बेटी को अहहहहहा.. कैसे तड़प रही है आपके लंड के लिए अहहहाहा...."


"उम्म्म्म अहहहहा माआंम्म्म.... तुमपे ही गयी है तुम्हारी बेटी अहहहहः अब लंड दो मुझे जल्दी से अहहहहहा......"
 
मैने पूजा को नीचे से उठाया, और गोद में लेके उसे बेड पे ले गया... बेड पे ला जाके, मैने उसका टॉप उतारा, उसका सॅंडो उसके शरीर से अलग किया..

उसके चुचे फुदक के जैसे बाहर आ गये.. मैने ज़्यादा देरी ना करते हुए, उसके चुचे मूह में ले लिए, एक को चूसना चालू रखा और एक को मसल्ने लगा..मैं पूजा के चुचे चूसने में लगा हुआ था, नीचे मेरा लंड पूजा की चूत के दरवाज़े पे दस्तक दे रहा था.... अंशु ने आके मेरी टी- शर्ट भी उतार दी, और नीचे से जाके उसने अपनी जीभ पूजा की चूत पे लगाई... अंशु पूजा की चूत और मेरे लंड को चूसने में व्यस्त हो गयी...


"उम्म्म्म आहहहाहा... माँ धीरे आहाहहहहः चूस ना अहहहहाहा...... अहहहाहा मैं पागल हो रही हूँ मा अहाहहाः..... आहहहाः , 
अहहाहाः , मुझे किस करो ना अहहहहाअ...... पूजा मेरे लिप्स को लेके उन्हे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी...


"उम्म्म आहाहः स्लर्प स्लर्प अहहहहः गुणन्ं गुणन्ं अहाहहाहा.... ओह्ह्ह अहहाहा आएेस्स्स आममाआआ.. माँ और चूसो ना अहहहहा... भडवे अहहहः... चूस ना मेरे होंठों को साले अहहहाहः..... उम्म्म अहाहहाः स्लर्प सुर्प अहहहहहाहहा....." पूजा पागल होके बड़बड़ाये जा रही थी.. 

नीचे से अंशु हम दोनो को चाटने में लगी हुई थी.. चाट चाट के उसने मेरे लंड और पूजा की चूत को एक दम गीला कर दिया था....

"आहाहहहाः मेरी बेटी तड़प रही है लंड के लिए अहहा,,,,,. सीसीईइ.... ये ले मेरी बिटिया, तेरे पति का लंड तेरी चूत में.." ये कहके अंशु ने मेरे लंड को पूजा की चूत में डाल दिया.... जैसे ही मुझे महसूस हुआ मेरा लंड पूजा की चूत के अंदर, मैं धीरे धीरे मेरे लंड को अंदर डालने की कोशिश करने लगा.... 


"अहहहः... डाल दो ना अंदर पूरा मेरे पति राजा अहहहहा.... " ये कहके पूजा जो मेरे शरीर पे झुकी हुई थी, उसने अपना पूरा वज़न पीछे शिफ्ट किया और एक ही झटके में अपनी चूत को मेरे लंड में घुसा दिया.... लंड के अंदर जाते ही पूजा तो जैसे जोश में आ गयी और मेरे लंड की सवारी करने लगी....


"उम्म्म्म अहहहहहाहा माअमममा....... अहहहहाहा आपका लंड मेरी हलक तक आ रहा है अहहहहा...... मेरी माँ की चूत इतनी गरम है क्या , जिसे देख के इतना जोश अजाहहः... और चोद मुझे अहहहः और चोदो अजहहहहा... " पूजा मेरे लंड पे कूद कूद के चुदवाते बोलने लगी...
 
इधर अंशु भी आगे आ गई और एक हाथ से पूजा के चुचे को मसल्ने लगी, और अपना एक चुचा मेरे मूह में दे दिया....


"उम्म्म्म अहहहहहा चूस लो ना बेटा... अहहहाहाः, मेरे जमाई बाबू.. अहाहहा.. मेरी बेटी अहहहहहा, तेरे चुचे कितने मस्त हैं हहहहहा.."


रूम में सेक्स का तूफान सा आया हुआ था.... पूजा की चूत के अंदर बाहर जाता मेरा लंड "थप थप अहाहहाः फुक्क फुक्क अहाजाहजाह... उम्म्म्मम और 
डालो ना आजाजजाजा थप्प थॅप पूच पूचाहह्हाह्ह" इन सब आवाज़ों से रूम गूँज उठा था...


"उम्म्म.. आहाहाहा मेरी बेटी, अब मेरे जमाई का लंड मुझे भी चखा दे ज़रा....." अंशु ने पूजा से कहा, जिसे सुनके पूजा मेरे लंड से उतरी...

पूजा के उतरते ही अंशु मुझे बेड से उठाके सोफे पे ले गयी.. सोफे पे जाते ही अंशु घोड़ी बन गयी, और मैने पीछे से उसकी चूत मारना स्टार्ट किया..

"अहहहाहा जमाई बाबू... चूत ही चोदोगे क्या अहहहः... वो तो मेरी बेटी से भी मिल जाएगी आपको अहहहहः...."


मैने तुरंत अपना लंड अंशु की चूत से निकाला और अंशु की गान्ड के छेद पे लंड सेट किया.... ये देखते ही पूजा आगे जाके अपनी मा के होंठ चूसने लगी , और मुझे इशारा किया उसकी गान्ड में लंड डालने का.... जैसे ही मैने अंशु की गान्ड में लंड डाला अंशु की चीख निकल गयी जो पूजा के होंठों की वजह से दब गयी...


"अहहहहहा... उम्म्म्मम अर्र्घह अहहाहाहमम्म..... निकालो इसे स्लुप्रप स्लर्प अहहहाहाः... निकालो बाहर अहहहः...ओईंम्म्ममममममममम"


एक पल के लिए तो मैं भी डर के रुक गया था.. पर आगे से पूजा ने इशारा किया चालू रखने का... 

मैं फिर फुल फोर्स में आके अंशु की गान्ड मारने लगा,, और आगे पूजा अंशु के होंठों को चूस्ते चूस्ते उसके चुचे भी मसल रही थी..
 
धीरे धीरे अंशु शांत हुई.. और मज़े लेके बोलने लगी...


"अहाहहाहा... और चोद ना मेरे राजा अजजजजाजज... उम्म बिटिया, होंठ चूस ना अहहहहा.. उम्म्म्म अहहहाहा फक मी अहाहाहा एस अहहहहहहहहा"


अंशु की ये खुशी शायद पूजा से देखी नहीं गयी.. उसने मुझे रुकने का इशारा किया और अंशु को सीधा होने के लिए कहा... 


पूजा ने मुझे सोफे पे सुलाया, और अंशु को मेरे उपर लेटा दिया, अंशु के उपर आते ही, पूजा ने मेरा लंड को अंशु की गान्ड के छेद पे सेट किया.. ये देखते ही मैने अपना लंड अंदर बाहर पेलना शुरू किया




"उम्म्म अहहहहः.. भडवि साली दर्द दे रही है कि मज़ा अहहहहा.. तेरी मा की अहहहहाहा बहनचोद साली अहहहहहहाहा....."


"चुप कर माआ अहहहहः रंडी तू हाया अहहहहा.... " ये कहके पूजा ने अपनी मा की चूत चाटना भी शुरू कर दिया..


"आहहहहाहाः सीसीसीसी अहहहहहा.... कितनी अहहहहहा खुश नसीब हूँ मैं अहहहहहहा.... मेरे जमाई और बेटी अहहहहहः दोनों उम्म्म्म
अहहहहहहा... यअहहस अहहहहहाहा यआःहाहः मेरी सेवा में लगे हुए हैं अहहहहहहा... फक मी हार्ड ना बेटा अज्जजजज्जा.. ज़ोर से चोदो नाहः"



करीब 10 मिनट की गान्ड चुदाई के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था... मैने अंशु को अपने उपर से उठाया.. और अपना पूरा लंड उसके मूह में ठूंस दिया..

"उम्म्म अहहहहाहा... हां दो ना मुझे अहहहहः मेरा है ये अहहहाहा.... मुझे पानी पिलाओ अहहहहहहा...." अंशु लंड को हिलाते हिलाते बकने लगी..


"आहहाहहा... मैं आ रहा हूँ सासू माँ हाआहहा...... अहहहहहहहहहावह"




इस चीख के साथ मैने अपना पूरा पानी अंशु के मूह में छोड़ दिया, जिससे अंशु ने अच्छी तरह पी लिया और एक बूँद भी बाहर नहीं गिरने दी..


इतनी देर की चुदाई के बाद अंशु ने अपने आप को संभाला.... 5 मिनट बाद अंशु अपने कपड़े पहन के बिना कुछ बोले अपने रूम की तरफ चली गयी...


"यू आर दा बेस्ट ." पूजा ने चिड के कहा..


"उम्म्म्म बेबी... आहहाहम्‍म्म्ममम स्लर्प स्लर्प अहहः.... यौर टेस्ट सो गुड..." मैने पूजा को करीब लाके उसके होंठ चूमते हुए कहा


"उम्म्म.... अहहः... लीव मी... लाइयर, मेरी मा के आगे तो मुझे देख भी नहीं रहे थे... मैं तो प्यासी रह गयी ना.." पूजा ने मुझसे दूर होते हुए कहा..


"ओह स्वीट हार्ट... कल से 7 दिन हम साथ ही हैं ना.. आंड तुमने ही कहा था दिस वाज़ लास्ट टाइम.. तो मेरी फॅंटेसी अच्छी तरह पूरी करनी थी ना मुझे" मैने पूजा को मनाते हुए कहा...
 
कुछ देर में पूजा भी अपने कपड़े पहन के नीचे रूम में चली गयी.... पूजा के जाते ही कुछ देर में मैने विस्की की बॉटल रख दी,, रूम सॉफ करके, बेड पे गया, और एसएमएस किया..


"दे आर डन... "


सामने से जवाब आया..


"सी यू टुमॉरो डॉग... " 

अगले दिन सुबह जल्दी उठ के मैने सब डॉक्युमेंट्स और मेरा पूरा सामान चेक किया जो मुझे इंडोनेषिया ले जाना था... मैं ये सब चेक कर ही रहा था, तभी पूजा का एसएमएस आया मेरे मोबाइल पे


"आइ लव स्ट्रॉबेरी.. लव पूजा "


मैने तुरंत रिप्लाइ किया


"डोंट वरी बेबी.. तुम स्ट्रॉबेरी खा खा के थक जाओगी.."


जवाब देके मैने जल्दी से सामान उठाया और नीचे जाने लगा.... नीचे जाते ही मैने पूजा को देखा, ग़ज़ब की खूबसूरत लग रही थी...

ब्लॅक कलर की ड्रेस में उसके खुले बाल एक दम शाइन मार रहे थे.. उसकी वाइट स्किन उसकी ड्रेस के कलर को एक दम कॉंप्लिमेंट कर रही थी... 

उसकी हाइ हील्स में वो और मज़ेदार लग रही थी... थोड़ा जल्दी होने की वजह से मैने उससे नज़रें हटाई और मोम डॅड से मिलने चला गया...


"गुड मॉर्निंग बेटे... हॅव आ सेफ ट्रिप" मोम ने मुझे आशीर्वाद देते हुए कहा..


"क्या तुम भी बूढो का आश्रीवाद दे रही हो... बेटे, हॅव आ सूपर ट्रिप ओके, कीप रॉकिंग, आंड हॅव फन राइट..." डॅड ने मुझे गले लगाते हुए कहा...


"थॅंक्स मोम डॅड.... ज़य निकल गया क्या..." मैने नज़रें घूमाते हुए पूछा


'हां बेटे.. वो तो सुबह 5 बजे ही निकल गया था,... उसकी फ्लाइट तो अभी 2 घंटे बाद की है, पर हमसे कहा कि उसे कहीं ज़रूरी काम है" मोम ने किचन से बाहर निकल के कहा


बाहर आके हम डाइनिंग टेबल पे बैठ गये जहाँ अंशु हमारा वेट कर रही थी.. मुझे देखते ही अंशु नज़रें चुराने लगी... शायद कल रात की वजह से.... मैं चेर पे बैठा और पूजा के आने का वेट करने लगा... जैसे ही पूजा और बाकी सब लोग आए, हमने नाश्ता स्टार्ट किया और बातें करने लगे...


मैने देखा, अंशु बार बार मुझे घूर रही थी, पर जब मैं उसे देखता तो वो नज़रें घुमा लेती... ये शायद पूजा ने भी नोट किया, और इग्नोर करके अपने नाश्ते पे कॉन्सेंट्रेट करने लगी....


नाश्ता फिनिश करके हमंसे सबसे गुड बाइ कहा, और कार में बैठ गये, वैसे तो हम पुणे के हैं, पर फ्लाइट मुंबई से ली थी, क्यूँ कि पुणे से जकार्ता की फ्लाइट 21 घंटे लेती है.. मुंबई से 8 घंटे... इसलिए डॅड हमे मुंबई छोड़ने आ रहे थे.. जब तक डॅड आते, तब तक पूजा के साथ अंशु बाहर आई थी उसे कुछ इन्स्ट्रक्षन्स देने.. 


"मम्मी... कुछ हुआ है क्या" मैने अंशु को देखते हुए पूछा..


"नहीं .. क्या होगा," अंशु फिर नज़रें घुमा के बोलने लगी


"देखिए मम्मी... कल रात जो हुआ, वो आपकी और पूजा की मर्ज़ी से हुआ है, और अगर आपको इतना बुरा लगा है इस बात का तो प्लीज़ माफ़ कीजिएगा... लेकिन मैने कुछ ग़लत काम नहीं किया... मैने मेरी बीवी की मर्ज़ी से किया है, और उसे कोई दिक्कत नहीं है इस बात से" मैने विश्वास से पूजा की तरफ देखते हुए कहा


"मोम... डोंट वरी, आइ विल बी फाइन.. आंड सही कह रहे हैं... कल जो हुआ वो पहली और आखरी बार था.. आप निश्चिंत रहें" पूजा ने अंशु को गले लगा के कहा..
 
इतने में डॅड बाहर आए और पूजा और मैं गाड़ी में बैठ गये.... बातें करते करते हम मुंबई एरपोर्ट पहुँचे,जहाँ पे मैने डॅड से आशीर्वाद लिया और हम चेक इन करने चले गये.... 

चेक इन करके, हमारी फ्लाइट में अभी 2 घंटे का टाइम था, इसलिए हम एरपोर्ट के किंगफिशर लाउंज में बैठ के वेट करने लगे.. अनाउन्स्मेंट होते ही हम बोर्ड करने चले गये... 

करीब 8 घंटे की फ्लाइट में, 10 घंटे हम जकार्ता पहुँचे... 10 घंटे की फ्लाइट के बाद हम में बहुत आलस आ चुका था.. पूजा और मैं दोनो बहुत थक चुके थे... फ्लाइट से उतरते ही हमे हमारे होटेल से कॅब रिसीव करने आई थी... हम कॅब में बैठ गये और ड्राइवर को जल्दी होटेल पहुँचने को कहा... 


मुंबई से लेके इंडोनेषिया तक पूजा और मैने काफ़ी बातें की थी.. उसकी फेव बुक से लेके मेरी फेव सेक्स पोज़िशन तक.. मेरी फेव कॉफी से लेके उसकी फेव सेक्स पोज़िशन तक... इतनी देर बातें करने के बाद हमारे पास कुछ बचा ही नहीं था बोलने को.. इसलिए एरपोर्ट से होटेल तक का सफ़र एक दम शांति से गुज़रा... करीब 40 मिनट्स की ड्राइव के बाद हम होटेल पहुँचे... कॅब के बाहर उतरते ही, पूजा और मैने साथ में कहा

"वॉवववववववव!!!!"


"ये बाहर से इतना खूबसूरत है , तो अंदर से कैसा होगा ना.. वेरी प्रेटी..." पूजा ने मेरी बाहों में आते हुए कहा...


"तुमसे ज़्यादा खूबसूरत नहीं है जान..." मैने पूजा को फोर्हेड पे चूमते हुए कहा... हमने जल्दी ही चेक इन किया और रूम्स में सेट्ल हो गये.

पूजा और मेरे अलग अलग रूम्स थे.. लेकिन हमने डिसाइड किया था हम एक ही रूम में रहेंगे.. इसलिए पूजा ने अपने रूम में समान तो रखवाया पर, जल्द से मेरे रूम में आ गयी....


"... यहाँ के रूम्स भी बहुत अवेसम हैं..." पूजा ने मेरे पास सोफे पे आते हुए कहा..


मैं थकान की वजह से कुछ बोल नहीं रहा था. मैने सिर्फ़ "ह्म्म्मे'' में जवाब दिया..


"क्या हुआ ... आप बहुत थक गये हैं ?" पूजा ने सीधे होके कहा


"हां यार... आइ नीड आ मसाज.. मैं अभी कॉल करता हूँ होटेल में कि कोई मसाज की फेसिलिटी है कि नहीं" मैने रूम के फोन की तरफ बढ़ते हुए कहा..


"उः ओह... मिस्टर वीरानी.. कमाल है, इधर आपकी बीवी बैठी है, और आप मसाज के लिए दूसरी औरत को बुलाएँगे हाँ.." पूजा ने मुझे सोफे पे धक्का देते हुए कहा..


"अरे मेरी जान.. तुम भी तो थक गयी होगी ना बहुत... तुम रेस्ट करो, और मैं किसी आदमी से मसाज करवाता हूँ माइ लव.. डोंट वरी" 


"रुकिये..." पूजा ने कहा और खुद फोन की तरफ बढ़ गयी...


"हेलो.... रिसेप्षन, यस कॅन यू प्लीज़ सेंड मी आ गुड मसाज आयिल आंड आ टेबल फॉर इट... यस, दट बी इट... थॅंक यू वेरी मच, बाइ" 


"मैं नहीं थकि हूँ बेटू.. आप चिंता नहीं कीजिए, रिलॅक्स फील कीजिए बस... आप चेंज कीजिए, तब तक मैं भी कपड़े चेंज कर लेती हूँ, ओके ना जान"पूजा ने मेरे सर पे हाथ फेरते हुए कहा


ये कहके पूजा वॉशरूम में चली गयी और मैं भी बाहर अपने कपड़े चेंज करने लगा... कपड़े उतार के सोचा, कुछ और क्यूँ पहनु, तेल लगने से कुछ खराब क्यूँ हो.. इसलिए मैं सिर्फ़ जीन्स पहन के पूजा का वेट करने लगा.... करीब 5 मिनट बाद पूजा आई बाथरूम से... 

जैसे ही मैने उसे देखा मेरे लंड का चीखना चालू हो गया... आई ही ऐसे रूप में थी... 




इतने में डोर बेल भी बजी.. पूजा को छोड़ मैने दरवाज़ा अटेंड किया तो देखा ...............
 
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