Sex Story ऐश्वर्या राई और फादर-इन-ला - SexBaba
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Sex Story ऐश्वर्या राई और फादर-इन-ला

hotaks444

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ऐश्वर्या राई और फादर-इन-ला



लेखक - ab1993

हर लड़की शादी करके सेटल हो जाने की तमन्ना रखती है। ऐश्वर्या भी उनमें से ही एक लड़की थी। बालीवुड में एंट्री करने के बाद उसने अपने लाइफ में बहुत उतार चढ़ाव देखे थे। बहुत सारी हिट फिल्में करने के बाद उसने सोचा की अब सेटल हो जाना ही बेहतर है और फिर उसने शादी का मन बना लिया।

उस समय उसका बायफ्रेंड सलमान खान था, लेकिन ऐश उसके साथ सेटल होने की सोच भी नहीं रही थी, क्योंकी सलमान के लण्ड के आलवा ऐश को सलमान का कुछ भी अच्छा नहीं लगता था, तो उसने फिर उसके साथ ब्रेक-अप किया। फिर उसकी लाइफ में विवेक आया और वो उसे दिल से चाहती थी, लेकिन वो ऐश की चूत को संतुष्ट नहीं कर पा रहा था तो ऐश ने उसे भी ड्रॉप कर दिया।

फिर जाकर उसे अभिषेक मिला जिसमें ऐश की पसंद वाली सारी खूबियां थी, वो अमीर था, वो शरीफ भी था। और ऐश की चूत की प्यास भी बुझा पाता था। वो जब चोदना शुरू करता तो ऐश 3-4 बार झड़ने के बाद ही झड़ता था। तो ये खूबी ऐश को बहुत पसंद आई और फिर एक दिन अभिषेक ने ऐश को प्रपोज कर दिया। फिर क्या था... ऐश भी इसी का इंतेजार कर रही थी और वो भी झट से मान गयी फिर उनकी शादी हो गई।

सुहगरात वाली रात को तो अभिषेक ने ऐश को चोद-चोद के उसकी जान ही निकल दी थी। पूरी रात अभिषेक ने ऐश को चोदा था और अगले दिन ऐश की चूत, गाण्ड और मुँह अभिषेक के लण्ड की ठुकाई से दर्द कर रहे थे। ऐश की जिंदगी बहुत आराम से कटने लगी थी, लेकिन अचानक एक हादसा हो गया। शादी के एक महीने बाद ही अभिषेक का एक फिल्म की शूटिंग के समय आक्सिडेंट हुआ।
 
उस समय तो उसे कुछ महसूस नहीं हुआ। लेकिन जब वो डाक्टर के पास गया और पूरी बाडी का चेकअप करके डाक्टर ने बताया की लण्ड पे गिरने से उसके लण्ड की नशें अनबैलेन्स हो गई हैं, और अब लण्ड कभी खड़ा नहीं हो पाएगा। ये सुनकर तो मानो जैसे अभिषेक के पैरों के नीचे से जमीन निकल गयी हो। लेकिन डाक्टर ने उसे संभाला और कहा की विदेश में इसका इलाज हो सकता है। ये सुनकर उसमें थोड़ी जान आ गई। फिर अभिषेक ने घर पे जाकर बताया।

ये सुनकर घर वाले बहुत नाराज हो गए, लेकिन सबसे ज्यादा दुख तो सिर्फ ऐश की चूत को हुआ था। फिर उसने अपने आपको संभाला की बस 1-2 महीने की बात है यू.एस.ए. में जाकर ट्रीटमेंट लेने से सब कुछ ठीक हो जाएगा। तो समय न बरबाद करते हुये दूसरे ही दिन अभिषेक और उसका सारा परिवार यू.एस.ए. के लिए रवाना हो गये। यू.एस.ए. जाने के बाद उसको एक बड़े से हास्पिटल में शिफ्ट कर दिया और कुछ एक कि.मी. की दूरी पर एक मकान किराए में ले लिया।

अभिषेक की ट्रीटमेंट अब शुरू हो चुकी थी। तो तीनों ने (ऐश्वर्या, अमिताभ और जया) ने नाइट और ई शिफ्ट के लिए पारी लगाई (एक शिफ्ट 6 घंटे की तय हो गई)। 6 घंटे अमिताभ हास्पिटल में रुकता, कभी जया तो कभी ऐश। ऐसे करते-करते अब एक महीना हो चुका था। लेकिन अभिषेक की ट्रीटमेंट से कोई फायदा नहीं हुआ था। डाक्टर्स भी इसका इलाज़ करने में असफल थे। अभिषेक को तो किसी और हास्पिटल में शिफ्ट भी नहीं कर सकते थे क्योंकी यही हास्पिटल यू.एस.ए. का सबसे मशहुर हास्पिटल था। तो फिर अमिताभ ने फैसला कर लिया की ट्रीटमेंट जारी रखेंगे और हिम्मत नहीं हारेंगे।

लेकिन हाँ, ऐश अब बहुत मायूस रहने लगी थी, शादी के बाद एक महीने तो बहुत मजा किया था उसने अभिषेक के साथ। लेकिन अब एक महीना पूरा खाली गया। अब उसकी चूत बहुत खुजली करने लगी थी, लेकिन ऐश । करती तो क्या करती। वहां तो उसका कोई जान पहचान वाला भी नहीं था की उसकी चूत की प्यास बुझा सके।
 
ऐसे ही दिन कटने लगे, फिर एक दिन सुबह-सुबह शिफ्ट जया की आई। तो जया हास्पिटल जाने के लिए तैयार हो गई और जाने लगी। तभी अमिताभ ने उसे रोका और कहा की चलो साथ में जाएंगे हम दोनों और 12 घंटे रुकेंगे फिर रात को ऐश जाएगी।

तो जया और अमिताभ चल दिए हास्पिटल में। अब ऐश्वर्या अकेली थी तो वो नहाने के लिए चली गई और नहाकर बस तौलिया से बदन को लपेटे बाहर आ गयी। और उसने टीवी चालू कर दिया। टीवी पर एक अडल्ट फिल्म लगी हुई थी और मूवी में सेक्स सीन शुरू हो गया। ये देखकर ऐश बिल्कुल गरम हो गई (लगभग 1 महीने से उसी चूत भूखी थी) और उसका हाथ अपने आप ही चूत पर चला गया और वो अपनी चूत को सहलाने लगी।

सहलाते हुए वो इतनी गरम हो चुकी थी की कब उसका तौलिया बदन से हट गया और वो नंगी हो गई ऐश को पता ही नहीं चला। और वो जोर-जोर से अपनी चूत के होंठों को हाथों से सहलाने लगी और आवाज निकालने लगी- “आअह्ह... ओहह..” फिर ऐश ने अपने दोनों पैर फैला दिए और एक उंगली चूत में डाल दी। 


उंगली अंदर घुसते ही ऐश के शरीर में जैसे बिजली का करेंट दौड़ गया हो, वो काँप उठी और उंगली को अंदर-बाहर करने लगी। वो अपने आपको संतुष्ट करने की कोशिश कर रही थी।

अब वो झड़ने के एकदम कगार पर आ चुकी थी तो जोर-जोर से चूत में उंगली करने लगी और एक हाथ से एक मुम्मे को दबाने लगी। तभी अचानक.......

दरवाजा खुला और सामने ऐश के ससुर अमिताभ आ गये (रात के टाइम भी उन्हें आना जाना पड़ता था तो हरेक के पास घर की चाबी थी)। और वो ऐसे पोज में थी कि ऐश की चूत बिल्कुल अमिताभ की सीधी नजर में

आ गई, चूत पूरी काले बालों से भरी हुई थी और बालों पे कुछ पानी की बूंदें चिपकी हुई थीं और ऐश की एक उंगली उसकी चूत में थी।
 
ये देखकर तो अमिताभ एकदम से चौक गया और उसके मुँह से ‘सारी' ये शब्द बाहर आया।

तो ऐश ने अपना सिर उठाकर देखा तो वो एकदम से हड़बड़ा गई और झट से चूत से उंगली निकाली और अपने बदन को तौलिया से ढकते हुए उठकर बैठ गयी। अब दोनों ही एकदम चुप थे, दोनों को ही पता नहीं चला की क्या बोलना है?

फिर अमिताभ ने कहा- “बहू डाक्टर्स ने दवाई लेने भेजा तो मैं पैसे लेने के लिए आया हूँ..”

ये सुनते ही ऐश झट से अंदर कमरे में चली गई और झट से कपड़े पहने और पैसे लेकर आई और अमिताभ को दे दिए। लेकिन वो अब अमिताभ से नजरें नहीं मिला पा रही थी। पैसे लेकर अमिताभ चला गया फिर हास्पिटल में। वैसे तो ऐश को पता था की अमिताभ कितना ठर्की है, लेकिन अब उनके ससुर बन जाने के कारण उनको इज़्ज़त देनी पड़ती थी।

अमिताभ के वहां से जाने के बाद ऐश के मन में अजीब सी बातें आने लगी, वो मन ही मन में कहने लगी- “ये। मैंने क्या कर दिया? मैं इतनी चुदक्कड़ क्यों हूँ? बस दो महीने की ही तो बात थी, दो महीने भी मुझसे रुका नहीं गया? अब पापा ने भी मेरी चूत देख ली, वो भी एकदम फैली हुई और गीली, एक उंगली के साथ...” ये सोच-सोचकर ऐश शरम के मारे बस बेड पर लेटे सोचती रही की अब पापा के घर में आने के बाद कैसे बर्ताव करना चाहिए।

इधर अमिताभ के मन में कुछ अजीब सी बातें आने लगीं। वो समझ गया था की बहू बहुत दिनों से प्यासी थी और इसीलिए उंगली डाल रही थी चूत में, और ये सोचकर अमिताभ को अच्छा लगा की बहू ने पराए मर्द से । नाता नहीं जोड़ा और खुद ही अपनी उंगली से ही प्यास बुझा रही थी। फिर अमिताभ ने दवाइयां हास्पिटल में दे दी और फिर शाम होते ही जया और अमिताभ घर आ गये और ऐश हास्पिटल के लिए चल दी।
 
घर पे आते ही जया और अमिताभ ने खाना खाया जो की ऐश ने बनाकर रखा था और वो दोनों सोने चले गये। अब वो दोनों बेड पे अगल बगल में लेट गये और सोने लग गये। और फिर जया एक बाजू मोड़ी और अमिताभ की छाती पे हाथ रख दिया और चिपक के सोने लगी। लेकिन जया की इस हरकत से अमिताभ की कामवासना जाग गई और उसका लण्ड एकदम खड़ा हो गया, तो अमिताभ ने अपना हाथ जया की चूत पर रख दिया और कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने लगा।

तो जया बोली- “क्यू जी, बूढ़े हो गए हो लेकिन मर्दानगी नहीं गई आपकी...” ये कहते हुए जया ने भी जवाब में अमिताभ के खड़े लण्ड को हाथों में भर लिया। फिर जया और अमिताभ चुदाई के मजे लेने लगे। जया के लिए तो ये अब नार्मल हो चुका था और वो ज्यादा उत्तेजित तो नहीं थी लेकिन पति को संतुष्ट करना पत्नी धर्म होता है तो बस अमिताभ का लण्ड चूत में ले रही थी।
लेकिन अमिताभ अब पूरा जोश में आ चुका था और अब उसके बूढ़े दिमाग ने अपना रंग दिखा दिया था। वो । चोद तो जया को रहा था लेकिन उसके मन में ऐश (बहू) की चूत दिख रही थी और मन में जया की नहीं अपने बहू की चूत को पेल रहा था। कुछ 30 मिनट बाद अमिताभ ने अपना पानी छोड़ दिया, और फिर दोनों सोने लगे।

लेकिन अमिताभ सो नहीं पा रहा था। अब उसके दिमाग ने खेल खेलना शुरू कर दिया था। एक दिमाग कहता। की बहू है, भूल जाओ दिन में घटी हुई घटना को और दूसरा दिमाग कहता की बहू बहुत प्यासी है, उसे लण्ड की जरूरत है, बुझा दो ऐश की प्यास। ये सोचते हुए ही वो सो गया।

सुबह करीब 7:00 बजे वो उठे। फिर जया ने खाना बना लिया और उसने कहा की अब मैं जा रही हूँ हास्पिटल में, और दोपहर को आ जाऊँगी फिर तुम चले जाना।
अमिताभ ने हामी भर दी।

फिर ऐश करीब 8:00 बजे हास्पिटल से घर आई तो जया चली गई थी। आते ही ऐश अपने कमरे में चली गई

और अमिताभ से कहा- पापाजी, मैं नहाने जा रही हूँ..” और वो नहाने के लिए बाथरूम में चली गई। बाथरूम में जाते ही उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और नंगी हो गई और उसने शावर ओन कर दिया। लेकिन शावर से पानी नहीं आ रहा था। ऐश ने दो तीन बार ट्राइ किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

तो ऐश ने तौलिया लिया और अपने बदन से लप्पेट लिया और बाथरूम का दरवाजा खोलकर अमिताभ को बुलाने लगी- “पापाजी..."
 
अमिताभ ने भी जवाब दिया- “आया बह..." और वो बाथरूम के दरवाजे के सामने आ गया। उसने पहले भी बहू को कई बार सिर्फ़ तौलिया लपेटे देखा था तो बहू को उस हालत में देखकर उसे कुछ महसूस नहीं हुआ।

तो ऐश बोली- “देखो ना पापा, ये शावर से पानी नहीं आ रहा है...”

तो अमिताभ बाथरूम के अंदर आया और ऊपर देखने लगा तो उसे शावर के छेदों में कुछ अटका हुआ दिख गया- “बहू, शावर में कुछ अटका है, उसे निकलना पड़ेगा.." और वो अपने हाथ से निकालने लगा, लेकिन वो नाकाम रहा। फिर उसने ऐश से कहा- “मेरे नाखून कटे हुए हैं, तुम्हारे बड़े हैं तो तुम ट्राइ करो...”

लेकिन ऐश का कद छोटा होने के कारण उसका हाथ शावर तक नहीं जा रहा था।

ये देखकर अमिताभ बोला- “रुको बहू, मैं कुर्सी लेकर आता हूँ..." और फिर अमिताभ कुर्सी लेकर आ गया और कुर्सी को रखकर कहा- “मैं कुर्सी संभलता हूँ तुम ऊपर चढ़ जाओ और निकालो...”

ऐश कुर्सी पर चढ़कर हँसी हुई चीज को शावर से निकालने लगी और अमिताभ कुर्सी पकड़े हुए था। तभी अचानक उसकी नजर ऐश की टांगों पर पड़ी, जो एकदम अमिताभ के मुँह के सामने थी और ऐश की आधी जाँचें भी खुली थीं। ऐश की जांघे एकदम गोरी और चिकनी थी, उनको देखकर तो किसी भी मर्द के अरमान जाग जाते। और अमिताभ भी तो एक मर्द था, वो तो उन्हें घूरे ही जा रहा था और ऐश कचरा निकालने में व्यस्त थी।

लेकिन शावर से वो कचरा निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था तो ऐश ने उस कचरे को नाखून से पकड़कर अपने हाथ को एक झटका मारा, इस झटके से ऐश का बैलेन्स बिगड़ गया और वो कुर्सी से गिरने लगी, लेकिन अमिताभ ने अपने होश संभाले और झट से बहू की दोनों जांघों को अपने हाथ से कसकर पकड़ लिया तो ऐश के मुँह से ‘आअहह पापाजी' निकल गया।
 
वो गिरने से बच तो गयी लेकिन अमिताभ के कसकर पकड़ने से उसके शरीर में एक हलचल सी उठा दी। तकरीबन डेढ़ महीने बाद किसी पुरुष ने उसकी जांघों को पकड़ा था, तो ऐश के अरमान जाग खड़े हुए। था तो वो उसका ससुर लेकिन वो बेचारी क्या करती... वो भी तो एक औरत ही थी और वो भी एकदम प्यासी।


अमिताभ को भी ऐश की जांघों ने पागल कर दिया और वो वैसे ही पकड़े हुए कहने लगा- “बहू, मैंने तुझे पकड़ा है अब जल्दी से कचरा निकालो शावर से...”

ऐश फिर से कोशिश करने लगी लेकिन उसका ध्यान अब अपनी जांघों पर था तो उससे वो कचरा नहीं निकल । रहा था। लेकिन ऐश ने अब कचरे को पकड़कर अपना पूरा जोर लगा दिया तो झट से वो कचरा ऐश के हाथ में आ गया और वो कुर्सी से फिसल गई, और वो गिरने लगी। तो फिर से अमिताभ ने अपने हाथ फैला दिए, ऐश को पकड़ने के लिए। किश्मत का खेल देखिये कि ऐश के गिरते वक़्त उसका तौलिया एक नल के हैंडल में फँस गया और तौलिया ऐश के बदन से सरक गया।

तभी अमिताभ ने उसे अपनी गोद में पकड़ लिया। तौलिया खिसक जाने के कारण ऐश के मम्मे एकदम खुल गये और बस तौलिया उसके पेट और चूत को ढके हुए था और वो अमिताभ की बाहों में थी, तो एकदम से ऐश के दोनों मम्मे अमिताभ के मुँह के सामने आ चुके थे। अमिताभ ने देखा कि ऐश के मम्मे एकदम कसे हुए थे और निपल्स एकदम गुलाबी। एक बार तो अमिताभ को लगा की चूस दें मेरी बहू के मुम्मों को लेकिन उसने कंट्रोल किया, और ऐश को उतार दिया।

ऐश ने झट से तौलिया फिर से लप्पेट लिया और और वो भाग खड़ी हुई अपने कमरे में। और अमिताभ भी अपने कमरे में चला गया।
 
अब दोनों के मन में अजीब से खयाल आने लगे। लेकिन आग अब दोनों तरफ लग चुकी थी, अमिताभ के हाथों का स्पर्श अभी भी ऐश को गरम किए जा रहा था और अमिताभ ने तो अपनी बहू को पूरा नंगा ही देख लिया था, कल उसकी चूत और आज उसके मम्मे। लेकिन बस दोनों चुप रहे। शायद बीच में ससुर-बहू का रिश्ता जो आ रहा था। कुछ देर बाद ऐश अपने कपड़े बदलकर बाहर आई।


अमिताभ अब टीवी देख रहा था, उसने ऐश को आते हुए देख लिया, 

ऐश धीरे-धीरे आने लगी और उसका एक हाथ कमर पर था और ऐश के चेहरे पे दर्द साफ दिख रहा था, तो अमिताभ ने पूछा- क्या हुआ बहू?

तो ऐश बोली- कुछ नहीं पापा, फिसलने के कारण मेरी कमर में शायद लचक भर गयी और मेरी कमर दर्द करने लगी है।

ये सुनकर अमिताभ बोला- “लाओ मैं तुम्हारे कमर की मालिश कर देता हूँ.”

तो ऐश बोली- “नहीं पापा रहने दो, ठीक हो जाएगा..."

अमिताभ बोला- “नहीं बहू, मालिश कर देता हूँ, तुम्हें शाम को हास्पिटल भी जाना है अभिषेक के पास..”

तो ऐश को ये सही लगा और फिर उसने हाँ कर दी।

फिर अमिताभ ने मूव लिया और कहा- “चलो बेडरूम में..."

वो दोनों बेडरूम में आ गये। फिर ऐश पेट के बल पे सो गई। फिर अमिताभ ऐश के बगल में बैठ गया और ऐश की साड़ी को एक तरफ करके उसकी कमर पे मूव लगाया और हाथ फेरना शुरू कर दिया। ऐश के जवान शरीर का स्पर्श होते ही अमिताभ का लण्ड टाइट होने लगा। ऐश ने साड़ी पहनी थी तो अमिताभ उसके बगल में ऐसे बैठा हुआ था की उसका लण्ड खड़ा हुआ तो उसकी जांघों के साइड को छूने लगा।

ऐश को ये जानने में देरी नहीं लगी की बस उसके कमर ने ही एक बूढ़े आदमी के लण्ड को खड़ा कर दिया। अब ऐश भी अपने पुराने रंग में आने लगी। शादी से पहले तो उसने बहुत रंडीबाजी की थी लेकिन शादी के बाद उसने वो सब छोड़ दिया था। लेकिन अब फिर से उसे मजबूर कर दिया अपनी ही चूत की प्यास ने।

तभी अमिताभ बोल पड़ा- “बहू उस दिन के लिए सारी...”

ऐश बोली- किस दिन के लिए?

अमिताभ बोला- उस दिन जब मैं बिना पूछे अंदर आ गया था और तुम्हें उस हालत में देखा था।

तो ऐश बोली- “कोई बात नहीं पापा जी, मुझे वैसा नहीं करना चाहिए था...”

मैं समझ सकता हूँ बहू कि तुम पिछले डेढ़ महीनों से प्यासी हो और अपनी प्यास बुझा रही थी...”
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अमिताभ की इन बातों से ऐश मन में कहने लगी- “ठक बूढ़ा कहीं का, अपनी बहू से ऐसे बात कर रहा है...” लेकिन वो कुछ ना बोली, और वैसे ही पड़ी रही।
 
अमिताभ की इन बातों से ऐश मन में कहने लगी- “ठक बूढ़ा कहीं का, अपनी बहू से ऐसे बात कर रहा है...” लेकिन वो कुछ ना बोली, और वैसे ही पड़ी रही।

तो अमिताभ ने उससे कहा- “बहू यहां बैठकर मैं अच्छे से तुम्हारी कमर की मालिश कर नहीं पा रहा हूँ। मैं तुम्हारे ऊपर आ जाता हू..” और ऐश के जवाब का इंतेजार किए बिना ही, ये कहकर वो झट से ऐश के ऊपर आ गया और और ऐश की कमर पे हाथ फेरने लगा।

अमिताभ का लण्ड टाइट होने की वजह से इस पोजीशन में आते ही ऐश की गाण्ड के बीच में हल्का सा टच हो गया। अब ऐश समझ चुकी थी की बूढ़ा अपनी बहू को गरम करने की कोशिश कर रहा है, और वो भी तो यही चाहती थी कि जल्द से कोई उसकी चूत को लण्ड से मसल दे। लेकिन उसने अपनी मर्यादा को ध्यान में रखते हुए कुछ बोला नहीं और धीरे से अपनी गाण्ड ऊपर उठा दी, 

तो अमियाभ का लण्ड ऐश की गाण्ड तो अच्छे से चिपक गया। बस ऐश की गाण्ड और लण्ड के बीच दोनों के कपड़ों का ही अंतर था।

अमिताभ ऐश की हरकत से खुश हुआ और फिर धीरे-धीरे अमिताभ ने हाथ को ऊपर ले जाते हुए ऐश की पीठ पर सहलाने लगा। अमिताभ की इस हरकत से ऐश पूरी गरम होने लगी थी और उसकी चूत से पानी टपकने लगा था। फिर अमिताभ ने धीरे से ऐश के नीचे हाथ लाए और ऐसे कि दोनों मम्मे पर हाथ रख दिए और ऐश के दोनों मम्मों को मसल दिया, तो ऐश के मुँह से एकदम से ‘आह पापाजी' निकला और उसकी सांसें तेज होने लगीं।
 
ये देखकर अमिताभ को हरा सिग्नल मिल चुका था और उसने अब जोर-जोर से ऐश के मम्मों को दबाना शुरू किया और ऐश ने भी जवाब में अपनी गाण्ड ऊपर करके अमिताभ के लण्ड को रगड़ने लगी। तभी उन्हें घर में किसी के आने की आहट सुनाई दी तो दोनों झट से उठ गये।।

और अमिताभ ऐश के कमरे से बाहर आ गया और अपने कमरे में चला गया। तभी जया कमरे में आ गयी। उसे देखकर अमिताभ ने घड़ी देखी तो दोपहर के 1:00 बज चुके थे। 

कमरे में आने के बाद भी अमिताभ का लण्ड एकदम टाइट था और साफ पैंट के ऊपर से ही दिख रहा था। जया ने वो देखते ही कहा की रात को तो मुझे चोदा फिर भी टाइट क्यों है? ।

तब जाकर अमिताभ को महसूस हुआ की उसका लण्ड अभी भी खड़ा है और उसने हँसते हुए जया से कहा- “ये तो ऐसे ही तुम्हारी याद में खड़ा हो गया है..”


ये सुनकर जया हँस पड़ी और बोली कुछ नहीं। लेकिन उसे क्या पता था की ये लण्ड तो ऐश की गाण्ड के रगड़ने से खड़ा हुआ है। फिर तीनों ने खाना खाया और अमिताभ हास्पिटल चला गया। लेकिन यहां ऐश की चूत में जो आग भड़की थी उसका क्या? वो तो बस अब चुदवाने के इंतेजार में थी। हास्पिटल में भी अमिताभ का ध्यान भी बस ऐश की तरफ ही था।

फिर जैसे तैसे शाम हो गई और अमिताभ घर आया और रात को तीनों ने मिलकर खाना खाया। लेकिन जब अमिताभ हास्पिटल में था तो ऐश ने अपना जाल फैला रखा था। उसने जया को बताया था की वो रात को नहीं जा सकती हास्पिटल में, उसकी कमर बहुत दर्द कर रही है। जया ने भी ये मान लिया था और कहा था की वो चली जाएगी।


करीब रात के 8:00 बजे अमिताभ हास्पिटल से घर आया, और फिर तीनों ने मिलकर खाना खाया। खाना खतम होने के बाद जया बोली- “बहू की तबीयत ठीक नहीं है तो मैं चली जाती हूँ रात को। आप भी अब थक गये होंगे...”
 
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