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- Dec 5, 2013
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उसने जल्दी-जल्दी फूलों की बेलों की ओट में तीन बम लगाकर बैग का बोझ हल्का कर लिया। उसे इस बात का भी डर था कि कहीं कोई वक्त से पहले उसके बैग को न टटोल ले।
- जब वह अन्तिम बम लगाकर पलटा तब जग्गू जगलर को उसने मोड़ से उतर आते देखा।
उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। वह सोचने लगा कि कहीं जग्गू ने उसे बम लगाते देख तो नहीं लिया। कहीं उसकी चोरी पकड़ी तो नहीं गई।
वह अपने अंदर की बौखलाहट छिपाने की कोशिश म बाउंड्री वॉल की ओर मुड़कर इस प्रकार देखने लगा मानो वहां के हिस्से का निरीक्षण कर रहा हो।
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"क्या बाप...इधर से अब्बी कोई आने वाला नेई...अपुन इधर का भी इंतजाम कर डालेगा...क्या! जग्गू जगलर जो भी काम चालू किया न तो उसे खल्लास कर को छोड़ा। सब बरोबर हो जाएंगा। वो भूतनी का आया न तो सीधा टपका डालेंगा अपुन उसक...टपका डालेंगा।"
"मैं ये सोच रहा हूं जग्गू कि ये दीवार छोटी है
___"ऐ बिडू तेरे को कितनी बार बोला दीवार छोटी हो या बड़ी...जग्गू जगलर का नाम पूरा बोलना मांगता क्या! जग्गू बोलने से अपुन का इमेज डाउन होता न...तो तेरे कू समझकर बोलने का बाप!
"अबे हां...जग्गू जगलर...जग्गू जगलर! बस! अभी जगलर की दुम लगा देने से बहुत बड़ा तीरंदाज बन गया तू।"
"ऐई...अपुन से पंगा हूं...अपुन से पंगा नेई । अपुन का भेजा घूम गया न तो उप्पर से छ: इंच छील डालेगा। भोंत डेंजर आदमी है अपुन।"
"फोन लगाऊं क्या छोटे साहब को?"
"ने....ऐसा फोकटी का काम कभी नेई करना। बोल इधर का मामला फिट है न...अरे हाथ मिला न बिडू...जग्गू जगलर दिलखुश आदमी है। मन में मैल नेई रखता ...क्या!"
"इधर दो आदमी फिट कर।"
"बरोबर बोलता...अगर बड़ा साहब के पास वो मिलने के वास्ते आया तो पिच्छू से ही आएंगा।"
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"दो साइड में...बाकी सामने।"
"बाकी का हिसाब भी देख ले...सब ठीक है न?"
"हवा के घोड़े पर सवार होकर नहीं देखने वाला। आराम-आराम से देखूगा। कोई जल्दी नहीं है। चार बजने में अभी बहुत देर है।"
"देख ले बाप...पहले तू ही देख ले। छोटा सावन्त देखेगा और उसका जरिए कमी निकली तो अपुन का नौकरी खलास होने का चक्कर हो जाएंगा।" जग्गू जगलर उल्टे कदमों से वापस लौट चला।
जोगलेकर कोठी के सामने वाले भाग में पहुंचा। उस घड़ी पोर्टिको में उसे एक बम लगाने का अवसर मिल गया।
जग्गू जगलर तब कोठी के अंदर था।
चार गनर ड्राइव वे से लेकर सामने के लॉन वाले भाग में पहले से सैट थे। और ! चार ही गनर फाटक पर थे।
फाटक के बाहर की स्थिति का निरीक्षण करते जोगलेकर ने चारों गनर्स को कोठी की बाउंड्री वॉल बाहर से देखने के लिए भेजकर एक बम वहां फाटक के पास ही फिट कर दिया।
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अब उसके बैग में तीन बम बाकी थे। एक उसने फव्वारे के पास छिपाया, दूसरा लॉन की फुलवारी में और अन्तिम बम वह कोठी के अंदर कॉरीडोर के बीच में लगाकर संतुष्ट हो गया।
___एक कठिन काम उसके द्वारा पूरा हो गया था। उसने राहत की सांस ली।
फिर वह लॉन की बैंच पर बैठकर सिगरेट सुलगाने लगा।
तभी! जग्गू जगलर वहां वापस आ गया। कोठी के अंदरले भाग की सैटिंग के बाद वह खुली हवा में वापस लौटा था।
"कर आया काम पूरा...?" जोगलेकर सिगरेट फूंकता हुआ बोला।
"एकदम फिट...।"
'कहीं कोई कमी?"
"जग्गू जगलकर हमेशा फिट काम करेला है...क्या! अपुन कोई एइसा वइसा चलता पुरजा फिसलता टफेरी नेई । अपुन फुल ट्रेनिंग शुदा मवाली नम्बर वन है। अक्खी मुम्बई जग्गू जंगलर को भाई बोलती समझा क्या...! ये तो ते है। अपुन का सगेवाला...तेरी जगह कोई दूसरा होता तो कब का लुढ़का डालता बाप...क्या! अपुन भोत डेंजर आदमी है...पैगा नेई लेना। अपुन जग्गू...जग्गू जगलकर। मुम्बई का मवाली लोग अपुन का नाम से इधर थर-थर कांपता है।"
"बड़ा सावन्त के आने पर किसी बिल की तलाश मत करने लग जाना।"
"नेईं करेगा...पन क्या ..!" बोलता बोलता जग्गू जगलर अचानक ही ठिठककर खामोश हो गया। उसकी नजर जोगलेकर के खाली बैग पर टिककर रह गई थी।
- जब वह अन्तिम बम लगाकर पलटा तब जग्गू जगलर को उसने मोड़ से उतर आते देखा।
उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। वह सोचने लगा कि कहीं जग्गू ने उसे बम लगाते देख तो नहीं लिया। कहीं उसकी चोरी पकड़ी तो नहीं गई।
वह अपने अंदर की बौखलाहट छिपाने की कोशिश म बाउंड्री वॉल की ओर मुड़कर इस प्रकार देखने लगा मानो वहां के हिस्से का निरीक्षण कर रहा हो।
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"क्या बाप...इधर से अब्बी कोई आने वाला नेई...अपुन इधर का भी इंतजाम कर डालेगा...क्या! जग्गू जगलर जो भी काम चालू किया न तो उसे खल्लास कर को छोड़ा। सब बरोबर हो जाएंगा। वो भूतनी का आया न तो सीधा टपका डालेंगा अपुन उसक...टपका डालेंगा।"
"मैं ये सोच रहा हूं जग्गू कि ये दीवार छोटी है
___"ऐ बिडू तेरे को कितनी बार बोला दीवार छोटी हो या बड़ी...जग्गू जगलर का नाम पूरा बोलना मांगता क्या! जग्गू बोलने से अपुन का इमेज डाउन होता न...तो तेरे कू समझकर बोलने का बाप!
"अबे हां...जग्गू जगलर...जग्गू जगलर! बस! अभी जगलर की दुम लगा देने से बहुत बड़ा तीरंदाज बन गया तू।"
"ऐई...अपुन से पंगा हूं...अपुन से पंगा नेई । अपुन का भेजा घूम गया न तो उप्पर से छ: इंच छील डालेगा। भोंत डेंजर आदमी है अपुन।"
"फोन लगाऊं क्या छोटे साहब को?"
"ने....ऐसा फोकटी का काम कभी नेई करना। बोल इधर का मामला फिट है न...अरे हाथ मिला न बिडू...जग्गू जगलर दिलखुश आदमी है। मन में मैल नेई रखता ...क्या!"
"इधर दो आदमी फिट कर।"
"बरोबर बोलता...अगर बड़ा साहब के पास वो मिलने के वास्ते आया तो पिच्छू से ही आएंगा।"
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"दो साइड में...बाकी सामने।"
"बाकी का हिसाब भी देख ले...सब ठीक है न?"
"हवा के घोड़े पर सवार होकर नहीं देखने वाला। आराम-आराम से देखूगा। कोई जल्दी नहीं है। चार बजने में अभी बहुत देर है।"
"देख ले बाप...पहले तू ही देख ले। छोटा सावन्त देखेगा और उसका जरिए कमी निकली तो अपुन का नौकरी खलास होने का चक्कर हो जाएंगा।" जग्गू जगलर उल्टे कदमों से वापस लौट चला।
जोगलेकर कोठी के सामने वाले भाग में पहुंचा। उस घड़ी पोर्टिको में उसे एक बम लगाने का अवसर मिल गया।
जग्गू जगलर तब कोठी के अंदर था।
चार गनर ड्राइव वे से लेकर सामने के लॉन वाले भाग में पहले से सैट थे। और ! चार ही गनर फाटक पर थे।
फाटक के बाहर की स्थिति का निरीक्षण करते जोगलेकर ने चारों गनर्स को कोठी की बाउंड्री वॉल बाहर से देखने के लिए भेजकर एक बम वहां फाटक के पास ही फिट कर दिया।
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अब उसके बैग में तीन बम बाकी थे। एक उसने फव्वारे के पास छिपाया, दूसरा लॉन की फुलवारी में और अन्तिम बम वह कोठी के अंदर कॉरीडोर के बीच में लगाकर संतुष्ट हो गया।
___एक कठिन काम उसके द्वारा पूरा हो गया था। उसने राहत की सांस ली।
फिर वह लॉन की बैंच पर बैठकर सिगरेट सुलगाने लगा।
तभी! जग्गू जगलर वहां वापस आ गया। कोठी के अंदरले भाग की सैटिंग के बाद वह खुली हवा में वापस लौटा था।
"कर आया काम पूरा...?" जोगलेकर सिगरेट फूंकता हुआ बोला।
"एकदम फिट...।"
'कहीं कोई कमी?"
"जग्गू जगलकर हमेशा फिट काम करेला है...क्या! अपुन कोई एइसा वइसा चलता पुरजा फिसलता टफेरी नेई । अपुन फुल ट्रेनिंग शुदा मवाली नम्बर वन है। अक्खी मुम्बई जग्गू जंगलर को भाई बोलती समझा क्या...! ये तो ते है। अपुन का सगेवाला...तेरी जगह कोई दूसरा होता तो कब का लुढ़का डालता बाप...क्या! अपुन भोत डेंजर आदमी है...पैगा नेई लेना। अपुन जग्गू...जग्गू जगलकर। मुम्बई का मवाली लोग अपुन का नाम से इधर थर-थर कांपता है।"
"बड़ा सावन्त के आने पर किसी बिल की तलाश मत करने लग जाना।"
"नेईं करेगा...पन क्या ..!" बोलता बोलता जग्गू जगलर अचानक ही ठिठककर खामोश हो गया। उसकी नजर जोगलेकर के खाली बैग पर टिककर रह गई थी।