Adult kahani पाप पुण्य - Page 6 - SexBaba
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Adult kahani पाप पुण्य

रश्मि दीदी की शर्म भले ही ना खतम हुई हो लेकिन लगातार देर तक रिशू के सामने नंगी पड़ी रहने से उनकी झिझक खतम हो चुकी थी और अब वो अपने दोनों पैर बिस्तर पर इधर उधर बार बार फ़ैला रही थी इससे उसके नग्न शरीर की मादकता और भी बढ़ रही थी जो रिशू को और भी उत्तेजित कर रही थी.

अब रिशू ने दीदी के बिस्तर पर फ़ैले दोनो पैरों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे उसे दांए बांए फ़ैला दिया अब मुझे बाहर से भी दीदी की चूत साफ़ दिखाई देने लगी.

रिशू अब अपनी कमर को दीदी की जांघो के बीच में ले गया और अपना लंड़ दीदी की धड़कती चूत पर रगड़्ने लगा.

रिशू का गरम लंड़ अपनी चूत से टकराते ही दीदी के दिल की धड़्कन तेज हो गयी क्योंकि उन्हें फिर से रिशू के लंड़ का स्वाद जो मिलने वाला था.

अपना लंड़ रश्मि की चूत में ड़ालने से पहले रिशू अपना मुंह रश्मि दीदी के गालों के पास ले गया और उन्हें बेतहाशा चूमने लगा और फ़िर काम की उत्तेजना में बोला...रश्मि मेरी जान आज से तुम सदा सदा के लिये मेंरी हो गइ हो, आज मैं तुम्हें ऐसे चोदुंगा की तुम बार बार चुदवाने मेरे पास आओगी. तुम्हे आज इस बात का अफ़सोस होगा कि तुम आज तक इस सुख से वंचित क्यों रही?
 
ये कहकर उसने दीदी के गालों को चूम लिया. उसके बाद रिशू उठा और फ़िर से अपना लंड़ दीदी की चूत में रगड़्ने लगा.

उसका एक हाथ रश्मि दीदी की जांघो और उनकी गांड़ को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से वो दीदी की छातियों को मसल रहा था. अब रिशू के सहन शक्ति दे रही थी और उसने अपना लंड़ रश्मि दीदी की चूत के मुहाने में लगा दिया.

लंड़ के चूत में लगते ही दीदी सतर्क हो गयी और आगे होने वाली घटना का अनुभव करते हुए अपनी आंख और होठों को बुरी तरह से भींच लिया. इधर रिशू भी बेहद उत्तेजित और खुश था आखिर पिछले कई महिनों की उसकी हसरत आज पूरी जो हो गयी थी.

रिशू ने अपने लंड़ में थोड़ा सा दबाव डालकर हल्का सा धक्का दिया और अपने लंड़ का सुपाड़ा दीदी की चूत में घुसेड़ दिया.

लंड़ के अंदर जाते ही रश्मि दीदी की चूत के अंदर एक खलबली मच गयी और दर्द से उसके मुंह से एक आह निकल गयी. अभी दीदी की चूत में पहली चुदाई का दर्द बरक़रार था और रिशू ने दुबारा दीदी को चोदना शूरू कर दिया.
 
फिर कुछ क्षणों तक दीदी को दर्द से कराहते देख रिशू ने उसका मजा लिया फ़िर थोड़ा और धक्का उसने अपने लंड़ मे लगाया तो लंड लगभग आधा दीदी की चूत में चला गया.

लंड़ के आधा अंदर जाते ही रश्मि दर्द से बिलबिलाने लगी और कराहने लगी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईईईईई मां , मर गई मै तो , मांऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ, बस करो रिशू सहन नहीं हो रहा है, प्लीज छोड़ दो मुझे, निकालो न उसे बाहर. दीदी को इस तरफ़ फ़ड़्फ़ड़ाते हुए देख रिशू को मजा आ रहा था.

कुछ क्षणों तक दीदी को इस तरह देखने के बाद अचानक रिशू ने एक जोर का धक्का लगाया और उसका पूरा का पूरा मोटा लंड़ दीदी की चूत में समा गया और रश्मि दीदी के मुंह से एक चीख निकल गयी. आईईईईईईईईई मांऽऽऽऽऽऽऽऽऽ बचाओ मुझे, दीदी की आंखो में दर्द के मारे फिर से आंसू आ गए.

लंड़ को पूरी तरह से रश्मि दीदी की चूत मे उतार देने के बाद रिशू दीदी के नंगे जिस्म पर लुड़क गया और उन्हें अपनी बाहों मे जकड़ कर अपना मुंह दीदी के होठों पर लगा दिया. अब वो अपनी कमर को हौले हौले हिलाने लगा जिससे उसका लंड़ दीदी की चूत में अंदर बाहर होने लगा.

मैं सोचने लगा अब दीदी को इतना दर्द क्यों हुआ जबकि थोड़ी देर पहले एक बार तो वो चुद चुकी है. उधर रिशू अपने मकसद में कामयाब हो गया था और उसने मुझे दिखा दिया की दीदी अपनी मर्जी से उससे चुदवा रही थी. रश्मि दीदी के बेपनाह खूबसूरत नंगे जिस्म के अपने अधिकार में होने की कल्पना से रिशू की उत्तेजना और भी बढ़ गयी और उसका लंण्ड़ लोहे के समान कड़्क हो गया.

अपने लंड के और भी कड़क हो जाने से वो और भी उत्तेजित हो गया और उसने रश्मि दीदी को बुरी तरह से अपनी बाहों में भीच लिया और जोर जोर से अपनी कमर को हिलाने लगा.
 
रिशू अपना लंड इतनी जोर जोर से दीदी की चूत में ड़ाल रहा था कि चूत और लण्ड़ की इस टक्कर में फ़च फ़च बद बद की आवजे कमरे में गूंजने लगी और हर झटके के साथ रश्मि दीदी के मुंह के एक आह निकल रही थी. आहह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह उइईईईई मांम्म्म्मां बस्स्स्स्स्स ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ दीदी के मुंह के से निकलने वाली कराहों से रिशू और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया और वो पूरी मस्ती में झूम झूम कर दीदी को चोदने लगा.

दोनों की आखें बंद थी और दोनो एक दूसरे से बुरी तरह से लिपटे हुए थे, दोनों के मुह से थोड़ी थोडी देर में उह्ह आह्ह ओफ़्फ़ की हल्की से आवाजे निकल रही थी और कमरे के वतावरण को कामुक बना रही थी. दीदी का हाथ अब रिशू के पीठ पर था और वो आहिस्ता आहिस्ता उसकी पीठ पर अपना हाथ घुमाने लगी.

तभी रिशू हौले से अपना सर उपर उठाया और धीरे से अपनी आंख खोल कर रश्मि दीदी की तरफ़ देखा, उसकी आंखे काम की उत्तेजना के कारण लाल सुर्ख थी. उसने देखा कि दीदी हौले हौले अपना सर कभी दाएं तो कभी बांए घुमा रही है. वो बार बार अपने होठों को अपने दातों से दबा लेती थी. उनके ऐसा करने का मतलब साफ़ था कि वो भी चुदाई के खेल का भरपूर मजा ले रही थी.

रश्मि दीदी को इस तरह करते हुए देख रिशू ने उत्तेजना के आवेग में दो तीन जोर के झटके उनकी चूत में लगा दिए तो दीदी के मुंह से जोर से चीख निकल गयी आह्ह्ह्ह

फिर रिशू ने दीदी को जोर से भीच कर ताबड़्तोड़ उनके गालों को चूमना शुरु कर दिया. इस तरह चूमने से दीदी भी उत्तेजित हो गयी और उन्होंने भी रिशू को जोर से भींच लिया. वो और भी तेजी से उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगी.

कुछ देर तक इसी तरह से दीदी को चोदने के बाद रिशू थोडा उपर उठा और अपना बांया हाथ पलंग पर रख कर उसी के सहारे थोडा उंचा हो गया. अब वो दीदी को असानी से हरकते करते हुए देख रहा था. वो उसी अवस्था में अपनी कमर लगातार हिला रहा था और अपना लंड दीदी की चूत में अंदर बाहर कर रहा था. अब वो अपना एक हाथ दीदी के नंगे जिस्म पर घुमाने लगा
 
उसके हाथ अब दीदी के चेहरे पर घुम रहे थे कभी वो अपना हाथ उनके गालों पर घुमाता तो कभी होठों पर तो कभी बालों में. इसी तरह अपने हाथों को घुमाते हुए रिशू ने अपना हाथ धीरे से दीदी की जवानी के रस से भरी हुई छातियों पर रख दिया और दीदी को दोनों चून्चियो को बारी बारी से मसलने लगा.

कभी रिशू मेरी बहन की छाती के क्लिवेज देखने के सपने देखता था और आज उसी रश्मि की गदराई छातियां उसके सामने एकदम नंगी खुली पड़ी थी और वो उसे जोर जोर से मसले जा रहा था. ज्यादा मसले जाने के कारण रश्मि दीदी की छातिय़ां लाल हो गई थी और उसमे रिशू की उंगलियों के लाल निशान साफ़ तौर पर दिख रहे थे. अब रिशू नें थोडा निचे झुकते हुए उनके बाएं बूब्स के निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और उसे जोर जोर से चूमने लगा और अपने दूसरे हाथ से उनका दायां दूध मसलने लगा और नीचे अपने लंड़ के धक्के उसने दीदी की चूत में लगाने जारी रखे .

इस तरह बूब्स को दबाने और चूसने और अपनी चूत में लगातार लंड़ के झटके पड़ने से रश्मि दीदी भी काम उत्तेजना में झूम गयी और अपनी कमर को हौले हौले झटके देने लगी. एक दूसरे की बाहों में नग्न रश्मि और रिशू लगातार अपनी कमर को झटके दे कर चुदाई में इतने तल्लीन हो चुके थे कि कि वो दोनों ही अपनी सुध बुध खो चुके थे.

कुछ देर तक इसी तरह अपनी सुध बुध खो देने वाली चुदाई के बाद रिशू उपर उठा और दीदी की चूंची चूसना छोड़ कर अब वो उनके उपर उकडू बैठ गया. उसका लंड अभी भी दीदी की चूत में था.

अब उसने दीदी की दोनों चून्चियो को फ़िर अपने दोनों हाथों ले लिया और बुरी तरह मसलने लगा और अपने लंड़ को और भी जोर जोर से दीदी की चूत में पेलना शुरु कर दिया. दीदी का चेहरा आनंद से खिल उठा. रिशू की इस हरकत से उन्हें इतना आनंद मिला कि उसके मुंह से आहह्ह्ह्ह आहह्ह्ह्ह आहह्ह्ह्ह आउच्च्च्च्च्च्च्च ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ की अवाज निकलने लगी और वो वासना के समुन्दर में गोते लगाने लगी.
 
रिशू दुबारा उनकी ऐसी चुदाई करेगा ऐसा दीदी ने सपने में भी नहीं सोचा था.

मैंने देखा की रश्मि दीदी अब अपनी सारी हिचक और शरम को छोड़ उन्मुक्त भाव से रिशू का साथ दे रही है और अपनी हवस शांत करने के लिये उन्होंने अपना नंगा शरीर पूरी तरह रिशू को सौंप दिया है. कहीं से कोई प्रतिरोध नहीं था और दीदी ने रिशू को अपने नंगे जिस्म के साथ मनमानी करने और उससे खिलवाड़ करने की पूरी छूट दे दी थी.

रश्मि दीदी के इस उन्मुक्त समर्पण ने रिशू को और भी हब्शी बना दिया वो और भी चुदासा हो कर दीदी को चोदने लगा. रिशू और जोरों से उनकी चूत में झटके मारने लगा. दीदी की पहाड़ के जैसी चून्चियो को उसने और भी जोरों पकड़ लिया और इस तरह नोचने लगा मानों वो दीदी की छातीयों से उखाड़ कर उनके शरीर से अलग करना चाहता है.

रश्मि दीदी अपना सर बड़ी ही तेजी से इधर उधर घुमा रही थी. शायद वो फिर से झड़ने लगी. अपनी ऐसी चुदाई से अब वो हांफ़ने लगी थी और अब लंबी लंबी सांसे ले रही थी. पर रिशू उसकी इस हालत को देख उत्तेजना के सागर में डूबता चला गया और दीदी की चून्चियो को छोड़कर अब अपने दोनों हाथ उनकी पीठ के नीचे ले जाकर उन्हें आहिस्ता से उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया.

पूरी तरह से निढाल हो चुकी दीदी के दोनों हाथ दाएं बाएं झूलने लगे और वो रिशू की गोद में समा गयी. रिशू का लंड़ दीदी की चूत से बाहर नहीं आया और चूंकी वो उसकी गोद में बैठी थी इसलिये उनकी दोनों चून्चिया रिशू के मुंह के पास झूल रही थी. रिशू ने मारे उत्तेजना के दीदी के विशाल चून्चियो को अपने मुंह में भर लिया और उसमें भरे जवानी के रस को पीने लगा.
 
रिशू ने अब अपना एक हाथ दीदी की पीठ से हटा कर उनकी चिकनी गांड़ पर रखा और उन्हें हल्के हल्के से उपर उठाने और छोड़ने लगा.

दीदी अब उसकी गोद में उपर निचे होने लगी और रिशू की गोद में बैठे हुए ही उससे चुदने लगी. रश्मि दीदी को ये आभास भी नही था कि मर्द की गोद में बैठ कर भी उसका लंड अपनी चूत में लिया जा सकता है और वो इस रोमांच का भरपूर मजा ले रही थी उन्होंने अपने दोनों लटके हुए हाथ अब रिशू के कंधो पर रख लिये और वो खुद ही अपने पैरों के पंजो के सहारे उपर नीचे होने लगी इससे रिशू के हाथ थोड़ी देर के लिये खाली हो गये.

अब रिशू दीदी की गांड़ को सहलाने लगा क्योंकि दीदी खुद ही उसकी गोद में बैठ कर उसके लंड़ पर उपर नीचे हो रही थी और झटके मार रही थी. अपने हाथों से वो दीदी की चिकनी गांड़ को सहलाते हुए उसकी गांड़ का छेद तलाशने लगा और अपना हाथ उसकी गांड़ के छेद पर रख दिया.

अपनी गांड़ के छेद पर रिशू का हाथ लगते ही दीदी के शरीर में एक सनसनी दौड़ गयी और उन्होंने जोर से रिशू के कंधो को पकड़ लिया. इधर रिशू अब हौले हौले दीदी की गांड़ के छेद को अपनी उंगली से रहड़ने लगा. अपने शरीर के दोनों छेदों पर एक साथ हमले से दीदी थरथरा गयी. उनके जिस्म में ऐसी उत्तेजना होने लगी जिसे सहन करना अब उसके बस में नहीं था.
 
दीदी की गांड़ मारने की रिशू की बहुत इच्छा थी लेकिन पहले वो उसे अपने मोटे लंड़ के लिये तैयार करना चाहता था. कुछ देर तक उनकी गांड़ के छेद में अपनी उंगली रगड़्ने के बाद वो हौले से अपनी पहली उंगली को थोड़ा सा धक्का देते हुए दीदी की गांड़ मे घुसा देता है और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

गांड़ में रिशू की उंगली और चूत में उसका लंड़ अपने दोनों छेदों की इस तरह से एक साथ हो रही चुदाई से दीदी एकदम बदहवास हो गयी और उन्होंने रिशू को जोर से भींच लिया. दीदी उसे ताबड़ तोड़ चूम रही थी उन्हें ऐसा लगा कि वो फिर से झड़ने वाली है...

रिशू अब तेजी से दीदी की गांड़ में उंगली से अंदर बाहर करने लगा. थोडी देर तक इसी तरह अपनी उंगली अन्दर बाहर करने के बाद उसने अपनी उंगली को थोडा और अंदर धक्का दिया और अपनी आधी उंगली दीदी की गांड़ में घुसा दी और गांड़ में ही उसे हिलाने लगता है. कुछ देर तक अपनी आधी उंगली दीदी की गांड़ मे रखने के बाद रिशू ने एक और धक्का देते हुए उसकी पूरी उंगली ही दीदी की गांड़ मे घुसा दी.

पूरी ऊँगली गांड में घुसने से दीदी चिहुक उठी पर रिशू ने इस पर ध्यान न दिया और अपनी पूरी की पूरी उंगली गांड़ मे अंदर बाहर करने लगता है, रश्मि दीदी जैसे अपना आपा खो बैठी और अपनी कमर को जोर जोर से हिलाने लगी और उन्होंने रिशू को बुरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ लिया.
 
रिशू को लगा जैसे वो जन्नत की सैर कर रहा था. उसने सोचा की रश्मि की चूत में उसका लन्ड़, मुह में चूची और रश्मि की गांड़ मे उंगली. उसकी तो जैसे पांचो उंगलियां घी में थी.

दस मिनट तक रश्मि दीदी को इसी तरह से चोदने के बाद उसने फ़िर से उनको लिटा दिया और खुद उनके नंगे जिस्म पर लुड़क गया. रिशू अपने जिस्म की हवस तो दीदी के नंगे जिस्म से मिटा रहा था लेकिन उसके दिमाग में भी वासना की हवस भरी हुई थी और इसीलिये वो अब दीदी के साथ कामुक बातें करना चाहता था. रश्मि दीदी की चूत में लंड़ डालने से उसके शरीर को आराम मिल रहा था और उसके लंड़ की प्यास बुझ रही थी लेकिन कामुक बातें करने से उसके दिमाग को सुकुन मिलता.

रिशू रश्मि से बोला, बहुत खूबसूरत नंगी हो तुम रश्मि, तेरा ऐसा नंगा जवान जिस्म पाकर तो मैं धन्य हो गया .

दीदी जवाब में कुछ नहीं कहती के हूं कह के रह जाती है लेकिन रिशू अपनी बात कहना जारी रखता है:

रिशू : अब रोज ड़ालुंगा तेरे अंदर डार्लिग, बोलो दोगी न रोज डालने के लिये?

रश्मि : ऊउउउउउउउउउउउउउउउउउउं

रिशू : क्या ऊउउउउं ? बोलो न कुछ अपने मुंह से

रश्मि : हां

रिशू : अरे ऐसे नही बोलो " हां मै रोज डालने दूंगी" बोलो न ऐसा प्लीज.

रश्मि : मुझे शरम आती है मैं नही बोल सकती.

रिशू : अब क्या शरमाना? दो बार चुद चुकी है मुझसे, मेंरा पूरा लंड़ आधे घंटे से अपनी चूत में घोंट रखा है और कहती हो शर्म आती है. फ़िर खाली मुझे ही तो कहना है और कौन सुनेगा तेरी बात को? (उसे पता था मैं दरवाजे के बाहर खड़ा सब सुन रहा हूँ और शायद वो मुझे ही सुनवाना चाहता था) अब बोल दो प्लीज. मेंरे कान तरस रहे है ये सुनने के लिये तेरे मुंह से.
 
रश्मि दीदी थोड़ी ना नुकुर और शरमाने के बाद बोली, हा मै रोज डालने दूंगी.

रिशू : कभी मना तो नहीं करेगी मेरी जान?

रश्मि : कभी मना नहीं करुंगी , तुम्हारी जब मरजी हो ड़ाल लेना?

रिशू : जब मर्जी हो तभी मतलब

रश्मि : जब मर्जी याने सुबह, शाम, दिन या रात जब तुम कहोगे तुमको ड़ालने दूंगी कभी मना नहीं करुंगी.

रिशू : क्या ड़ालने देगी बोल न

रश्मि : जो तुम्हारी इच्छा हो.

रिशू : अरे अगर मेरी इच्छा लौकी डालने की हुई तो

रश्मि : उहू अरे जो अभी ड़ाल के रखा हुआ है.

रिशू : क्या ड़ाल के रखा हुआ है मेरी रंडी?

रश्मि : (उसकी पीठ पर चपत लगाती हुई तनिक जोर से कहती है) ऊउउउउउउउउउउउउउउउउउउउं

रिशू : फ़िर वो ही बात, बोलो न क्या ड़ाल के रखा हुआ है कुतिया?

रश्मि : मुझे नहीं पता

रिशू : बोलो न मेरी रांड क्या ड़ाल के रखा हुआ है?

रश्मि : सच मुझे नहीं पता इसका नाम.

रिशू :अच्छा!!! मैं बताता हूं इसका नाम. इसे लंड़ कहते है मेरी जान जो अभी तेरे अंदर मैंने डाल रखा हुआ है. अब बोल.

रश्मि : नहीं नहीं मैं नही बोल सकती.

रिशू: (रश्मि की गांड़ में थप्पड़ लगाते हुए) बोओओओओल जल्दी.

रश्मि: (थोड़ा और शरमाते हुए) अआह मैं तुमको रोज ल्ल्ल्ल्लंड़ ड़ालने दूंगी कभी मना नहीं करुंगी.

रिशू : कहां ड़ालने दोगी लंड़ को?

रश्मि : (गुस्से से) तुम भी न, मैं और नहीं बोलूंगी

रिशू : (प्यार से) बोल न प्लीज, अब ये मत बोलना तुझे ये भी नहीं पता की मैंने कहां ड़ाल के रखा हुअ है? ले मैं उसका भी नाम बता देता हुं उसको चूत कहते हैं रश्मि रानी जहां मेंरा लंड़ घुसा हुआ है अभी.

रश्मि (फ़िर थोड़ा हिचकते हुए) मैं रोज तुमको ल्ल्ल्लंड़ च्च्च्च्च्चूत में ड़ालने दूंगी कभी मना नही करुंगी.

रिशू : और गांड में?

रश्मि : अब मैं और कुछ नहीं बोलुंगी जो बोलना था सो बोल दिया?
 
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