hotaks444
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फ़िज़ा अंदर आकर रूम में देखने लगती है। अमन बेड पे लेटा हुआ था। एक बेड नीचे लगा हुआ था, मगर वो ऐसा था जैसे उसपे कोई सोया ही नहीं था। फ़िज़ा अपना सर झटक के बाहर आ जाती है।
रेहाना फ्रेश होकर नाश्ता बनाती है, और नाश्ता फ़िज़ा को देती है।
फ़िज़ा रेहाना का चेहरा देखने लगती है। शायद कुछ ढूँढ़ने की कोशिश करती है।
रेहाना-“क्या हुआ बेटा, नाश्ता करो ना…” रेहाना अंदर ही अंदर कांप रही थी पर जाहिर नहीं कर रही थी।
फ़िज़ा-“अम्मी, मैं 11:00 बजे वापस आऊँगी…” और फ़िज़ा ट्यूशन के लिये चली जाती है।
रेहाना ‘गुड-बाइ’ कहकर दरवाजा बंद करके अमन के पास आती है-“उठो अमन, फ्रेश हो जाओ। मैं भी फ्रेश होने जा रही हूँ…”
अमन उसका हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लेता है-“रेहाना, आज मियां-बीवी साथ में नहाएंगे…”
रेहाना अमन को देखती हुई-“वो हुकुम, मेरे सरताज…”
फिर दोनों बाथरूम में घुस जाते हैं। बाथरूम काफी बड़ा था। ठंडे गरम पानी का इंतेजाम भी था। दोनों एक दूसरे को देखते हुए अपने सारे कपड़े उतार देते है। अमन रेहाना को अपने पास खींचकर शावर चला देता है।
रेहाना-“अह्म्मह…” करके अपने जिस्म पे गर्म पानी और अमन की बाहों में पिघलने लगती है।
अमन-“मुँह मुंआह्म्मह मूंन्ह्म्मन…” रेहाना के होंठ चूसने लगता हैं। दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे, साथ-साथ एक दूसरे पे अपने जिस्म रगड़ रहे थे।
रेहाना साबुन लेकर अमन के पूरे शरीर पे लगाती है। उसके लण्ड पे, अपनी चूत पे, गाण्ड पे और दोनों एक दूसरे से चिपक के अपनी चूत और लण्ड घिसने लगते हैं। अमन का लण्ड खड़ा हो चुका था और रेहाना की चूत में घिस रहा था।
रेहाना-“अह्म्मह… ओह्म्मह… अमन…”
अमन रेहाना की गाण्ड पकड़कर रेहाना को अपनी गोद में उठा लेता है। रेहाना अमन की छाती से चिपक जाती है। अमन लण्ड को पकड़कर नीचे रेहाना की चूत में डाल देता है-“अह्म्मह… आह्म्मह… रेहाना…”
रेहाना-“उंह्म्मह… चोदो जी अह्म्मह… उंन्ह जानू उंह्म्मह…” और रेहाना अमन के लण्ड पे उछलने लगती है। चिकनाहट की वजह से सटासट-सटासट लण्ड रेहाना की चूत में आ जा रहा था-“ऊऊऊह्म्मह… जानू हूँ…” दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल था दोनों एक साथ पानी छोड़ देते हैं।
अमन-“रेहाना अह्म्मह…” और अमन रेहाना को नीचे उतार देता है। दोनों एक दूसरे को घिसते हुए नहाने लगते हैं। बाहर आकर अमन अपने कपड़े पहन लेता है।
रेहाना भी कपड़े पहनकर डाइनिंग टेबल पे अमन को नाश्ता देती है।
अमन रेहाना का हाथ पकड़कर अपनी गोद में बिठा लेता है-“यहाँ बैठ… आज साथ में नाश्ता करेंगे…”
रेहाना-“जी…” और दोनों नाश्ता एक दूसरे को खिलाने लगते हैं।
अमन-“मुझे चलना चाहिए, अम्मी नाराज ना हो जाएं कहीं?”
रेहाना अमन के होंठ चूमते हुए-दिल नहीं कह रहा।
अमन रेहाना के चूत पे हाथ रखकर-इसे काबू में रख।
रेहाना-“अह्म्मह… नहीं रहती, बस आपको पूछती है…”
दोनों एक दूसरे को 5 मिनट तक किस करने के बाद अलग हो जाते हैं, और अमन रेहाना को बाइ कहकर अपने घर की तरफ चला जाता है। रेहाना अमन को जाते देखती रहती है। रेहाना पूरी तरह अमन की बीवी बन चुकी थी और अपने शौहर को भूल चुकी थी। अमन उसे बहुत प्यार करता था, पर उतना नहीं जितना रेहाना।
रेहाना दिल में-“काश अमन… तुम मेरे शौहर होते तो जिंदगी जन्नत होती…” फिर अपने ख्यालों से कुछ देर बाद जागते हुए मुश्कुराते हुए दरवाजा बंद कर लेती है, और अपने घर के काम करने चली जाती है।
***** *****अमन का बर्थ-डे
अमन अपने घर में दाखिल होता है।
रजिया-आ गये अमन, नाश्ता करोगे?
अमन-नहीं अम्मी, मैं करके आया हूँ।
रजिया-“इधर दिखाओ… ये क्या, तुम्हारी आँखें लाल क्यों हो गई हैं?”
अमन-“हाँ, वो शायद इन्फेक्षन हो गया है…” और अमन अपने रूम में चला जाता है।
रजिया उसे जाता देखती रहती है। आखिर वो दिन भी आ ही गया जिसका अमन और शायद रजिया को भी बेसब्री से इंतजार था-अमन का बर्थ-डे।
रजिया ने आज अमन के बर्थ-डे को अच्छे से सेलीब्रेट करने का सोचा था, इसलिये उसने अपनी बहन हीना, शीबा, देवरानी रेहाना और फ़िज़ा को भी पार्टी के लिये इनवाइट किया था और रात में डिनर का भी इंतेजाम किया गया था।
अमन फ्रेश होकर हाल में आकर बैठ जाता है। अनुम भी वहीं पहले से टीजी देख रही थी।
अनुम-“तो लाट साहब का आज बर्थ-डे है?”
अमन उसे मुश्कुराते हुए देखता है।
अनुम-क्या गिफ्ट चाहिए तुम्हें मुझसे?
अमन-“दीदी, गिफ्ट माँगा नहीं करते… जो भी आप दिल से दोगी, मैं रख लूंगा…”
अनुम-ठीक है, सोचेगे?
वो दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे तभी रजिया किचिन से आवाज़ लगाती है-“अनुम बेटा, रात के तैयारी भी करनी है। वहाँ कहाँ बैठ गई…”
अनुम-“आई अम्मी…” और अनुम अमन को गाल पे थपथपाते हुए चली जाती है।
अमन थका हुआ था, वो सोने चला जाता है।
रेहाना फ्रेश होकर नाश्ता बनाती है, और नाश्ता फ़िज़ा को देती है।
फ़िज़ा रेहाना का चेहरा देखने लगती है। शायद कुछ ढूँढ़ने की कोशिश करती है।
रेहाना-“क्या हुआ बेटा, नाश्ता करो ना…” रेहाना अंदर ही अंदर कांप रही थी पर जाहिर नहीं कर रही थी।
फ़िज़ा-“अम्मी, मैं 11:00 बजे वापस आऊँगी…” और फ़िज़ा ट्यूशन के लिये चली जाती है।
रेहाना ‘गुड-बाइ’ कहकर दरवाजा बंद करके अमन के पास आती है-“उठो अमन, फ्रेश हो जाओ। मैं भी फ्रेश होने जा रही हूँ…”
अमन उसका हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लेता है-“रेहाना, आज मियां-बीवी साथ में नहाएंगे…”
रेहाना अमन को देखती हुई-“वो हुकुम, मेरे सरताज…”
फिर दोनों बाथरूम में घुस जाते हैं। बाथरूम काफी बड़ा था। ठंडे गरम पानी का इंतेजाम भी था। दोनों एक दूसरे को देखते हुए अपने सारे कपड़े उतार देते है। अमन रेहाना को अपने पास खींचकर शावर चला देता है।
रेहाना-“अह्म्मह…” करके अपने जिस्म पे गर्म पानी और अमन की बाहों में पिघलने लगती है।
अमन-“मुँह मुंआह्म्मह मूंन्ह्म्मन…” रेहाना के होंठ चूसने लगता हैं। दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे, साथ-साथ एक दूसरे पे अपने जिस्म रगड़ रहे थे।
रेहाना साबुन लेकर अमन के पूरे शरीर पे लगाती है। उसके लण्ड पे, अपनी चूत पे, गाण्ड पे और दोनों एक दूसरे से चिपक के अपनी चूत और लण्ड घिसने लगते हैं। अमन का लण्ड खड़ा हो चुका था और रेहाना की चूत में घिस रहा था।
रेहाना-“अह्म्मह… ओह्म्मह… अमन…”
अमन रेहाना की गाण्ड पकड़कर रेहाना को अपनी गोद में उठा लेता है। रेहाना अमन की छाती से चिपक जाती है। अमन लण्ड को पकड़कर नीचे रेहाना की चूत में डाल देता है-“अह्म्मह… आह्म्मह… रेहाना…”
रेहाना-“उंह्म्मह… चोदो जी अह्म्मह… उंन्ह जानू उंह्म्मह…” और रेहाना अमन के लण्ड पे उछलने लगती है। चिकनाहट की वजह से सटासट-सटासट लण्ड रेहाना की चूत में आ जा रहा था-“ऊऊऊह्म्मह… जानू हूँ…” दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल था दोनों एक साथ पानी छोड़ देते हैं।
अमन-“रेहाना अह्म्मह…” और अमन रेहाना को नीचे उतार देता है। दोनों एक दूसरे को घिसते हुए नहाने लगते हैं। बाहर आकर अमन अपने कपड़े पहन लेता है।
रेहाना भी कपड़े पहनकर डाइनिंग टेबल पे अमन को नाश्ता देती है।
अमन रेहाना का हाथ पकड़कर अपनी गोद में बिठा लेता है-“यहाँ बैठ… आज साथ में नाश्ता करेंगे…”
रेहाना-“जी…” और दोनों नाश्ता एक दूसरे को खिलाने लगते हैं।
अमन-“मुझे चलना चाहिए, अम्मी नाराज ना हो जाएं कहीं?”
रेहाना अमन के होंठ चूमते हुए-दिल नहीं कह रहा।
अमन रेहाना के चूत पे हाथ रखकर-इसे काबू में रख।
रेहाना-“अह्म्मह… नहीं रहती, बस आपको पूछती है…”
दोनों एक दूसरे को 5 मिनट तक किस करने के बाद अलग हो जाते हैं, और अमन रेहाना को बाइ कहकर अपने घर की तरफ चला जाता है। रेहाना अमन को जाते देखती रहती है। रेहाना पूरी तरह अमन की बीवी बन चुकी थी और अपने शौहर को भूल चुकी थी। अमन उसे बहुत प्यार करता था, पर उतना नहीं जितना रेहाना।
रेहाना दिल में-“काश अमन… तुम मेरे शौहर होते तो जिंदगी जन्नत होती…” फिर अपने ख्यालों से कुछ देर बाद जागते हुए मुश्कुराते हुए दरवाजा बंद कर लेती है, और अपने घर के काम करने चली जाती है।
***** *****अमन का बर्थ-डे
अमन अपने घर में दाखिल होता है।
रजिया-आ गये अमन, नाश्ता करोगे?
अमन-नहीं अम्मी, मैं करके आया हूँ।
रजिया-“इधर दिखाओ… ये क्या, तुम्हारी आँखें लाल क्यों हो गई हैं?”
अमन-“हाँ, वो शायद इन्फेक्षन हो गया है…” और अमन अपने रूम में चला जाता है।
रजिया उसे जाता देखती रहती है। आखिर वो दिन भी आ ही गया जिसका अमन और शायद रजिया को भी बेसब्री से इंतजार था-अमन का बर्थ-डे।
रजिया ने आज अमन के बर्थ-डे को अच्छे से सेलीब्रेट करने का सोचा था, इसलिये उसने अपनी बहन हीना, शीबा, देवरानी रेहाना और फ़िज़ा को भी पार्टी के लिये इनवाइट किया था और रात में डिनर का भी इंतेजाम किया गया था।
अमन फ्रेश होकर हाल में आकर बैठ जाता है। अनुम भी वहीं पहले से टीजी देख रही थी।
अनुम-“तो लाट साहब का आज बर्थ-डे है?”
अमन उसे मुश्कुराते हुए देखता है।
अनुम-क्या गिफ्ट चाहिए तुम्हें मुझसे?
अमन-“दीदी, गिफ्ट माँगा नहीं करते… जो भी आप दिल से दोगी, मैं रख लूंगा…”
अनुम-ठीक है, सोचेगे?
वो दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे तभी रजिया किचिन से आवाज़ लगाती है-“अनुम बेटा, रात के तैयारी भी करनी है। वहाँ कहाँ बैठ गई…”
अनुम-“आई अम्मी…” और अनुम अमन को गाल पे थपथपाते हुए चली जाती है।
अमन थका हुआ था, वो सोने चला जाता है।