desiaks
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धर्मवीर के हर धक्के के साथ पूजा की चूत पूरी गहराई तक चुद रही थी । धर्मवीर का सुपाड़ा पूजा की चूत की दीवार को रगड़ रगड़ कर चोद रहा था।
पूजा जैसे सातवें आसमान पर उड़ रही हो ।धर्मवीर हर धाक्के को अब तेज करते जा रहे थे। लंड जब चूत मे पूरी तरह से अंदर धँस जाता तब धर्मवीर के दोनो टट्टे पूजा की गांड पर टकरा जाते थे ।
कुछ देर तक धर्मवीर पूजा को चटाई मे कस कस कर चोद्ते रहे । उनका लंड पूजा की कसी बुर मे काफ़ी रगड़ के साथ घूस्ता और निकलता था ।
मानो उस कसी हुई चूत को ढीला करने की कसम खायी हुई थी धर्मवीर ने ।
धर्मवीर को भी कसी हुई चूत का पूरा मज़ा मिल रहा था तो वहीं पूजा को भी धर्मवीर के कसरती शरीर और मोटे लंबे और तगड़े लंड का मज़ा खूब मिल रहा था। कमरे मे फच्च फच्च की आवाज़ भरने लगी।
पूजा के चूतड़ अब उपर की ओर उठने लगे और हर धक्के के साथ चटाई मे दब जाते थे । चूत से पानी भी निकलना काफ़ी तेज हो गया था इस वजह से चूत का निकला हुआ पानी पूजा की गांड की दरार से होता हुआ चटाई पर एक एक बूँद चूना शुरू हो गया ।
पूजा अब सिसकारने लगी थी ।
अचानक पूजा के शरीर मे एक ऐंठन शुरू होने लगी ही थी की धर्मवीर ने पूजा को कस कर जाकड़ लिया और उसकी गीली और चू रही काली चूत को काफ़ी तेज़ी से चोदने लगे । चुदाइ इतनी तेज होने लगी कि चूत से निकलने वाला पानी अब चूत के मुँह और लंड पर साबुन की तरह फैलने लगा।
जब लंड बाहर आता तब उसपर सफेद रंग के लिसलिसा पानी अब साबुन की झाग की तरह फैल जाता था ।
धर्मवीर पूजा को काफ़ी तेज़ी से चोद रहे थे लेकिन फिर पूजा गिड़गिडाना शुरू कर दी "...सीई....और....तेज...जी धर्मवीर जी ....जल्दी ...जल्दी........आह ।
धर्मवीर के कान मे ये शब्द पड़ते ही उनके शरीर मे झटके दार ऐंठन उठने लगी उनका कमर का हिस्सा अब झटका लेना शुरू कर दिया क्योंकि धर्मवीर जी के दोनो आंडों से वीर्य की एक तेज धारा चल पड़ी और धर्मवीर ने अपने पूरे शरीर की ताक़त लगाकर धक्के मारना शुरू कर दिया ।
अगले पल धर्मवीर पूजा के कमर को कस लिए और अपने लंड को चूत के एकदम गहराई मे चाँप कर लंड का अगला हिस्सा चूत की तलहटी मे पहुँचा दिया और लंड के छेद से एक गर्म वीर्य के धार तेज़ी से निकल कर ज्योन्हि चूत के गहराई मे गिरा कि पूजा वीर्य की गर्मी पाते ही चीख सी पड़ी " एयेए ही रे माइ रे बाप ...रे...बाप...आरी धर्मवीर बहुत मज़ा ....आ रा..हा ही रे मैया..." और पूजा की चूत से वीर्य निकल कर लंड पर पड़ने लगा ।
धर्मवीर का लंड काफ़ी देर तक झटके ले ले कर वीर्य को चूत मे उडेल रहा था । लगभग पूरी तरीके से झड़ जाने के बाद धर्मवीर ने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और अगले पल वापस चूत मे घुसेड़कर वीर्य की आख़िरी बूँद भी उडेल दी ।
अब दोनो हाँफ रहे थे और धर्मवीर ने पूजा के उपर से हट कर लंड को चूत से बाहर खींचा और चुदाइ के रस से भीग कर सना हुए लंड के बाहर आते ही चूत की दोनो काली फाँकें फिर से सटने की कोशिस करने लगी लेकिन अब चूत का मुँह पहले से कहीं और खूल कर फैल सा गया था ।
चूत की सूरत पूरी बदल चुकी थी ।धर्मवीर चूत पर एक नज़र डाले और अगले पल पूजा की दोनो जांघों के बीच से हट कर खड़े हो गये ।
पूजा अपनी दोनो जांघों को आपस मे सटाते हुए अपनी नज़र धर्मवीर के अभी भी कुछ खड़े लंड पर डाली जो की चुदाई रस से पूरी तरह से सना था। धर्मवीर ने अगले पल पूजा की पैंटी को उठाया और अपने लंड के उपर लगे चुदाई रस को पोच्छने लगे ।
पूजा ऐसा देख कर एक दम से घबरा सी गयी । लंड पर काफ़ी ज़्यादे मात्रा मे चुदाई रस लगे होने से पैंटी लगभग भीग सी गयी ।
धर्मवीर लंड पोच्छने के बाद पूजा की ओर पैंटी फेंकते हुए बोला - ले अपनी चूत को पोंच्छ कर इसे पहन लेना और कल सुबह नहाते समय ही इसे धोना...समझी ।
पैंटी पर पूजा का हाथ पड़ते ही उसकी उंगलियाँ गीले पैंटी से भीग सी गयी । लेकिन धर्मवीर अब चटाई पर बैठ कर पूजा की ओर देख रहे थे और पूजा कई बार झाड़ जाने के वजह से इतनी थक गयी थी चटाई पर से उठने की हिम्मत नही हो रही थी ।
धर्मवीर के कहने के अनुसार पूजा ने पैंटी को हाथ मे लेकर चटाई मे उठ कर बैठ गयी और अपनी चूत और झांटों मे लगे चुदाई रस को पोछने लगी । लेकिन पैंटी मे धर्मवीर के लंड पर का लगा चुदाई रस पूजा के पोंछने के जगह पर लगने लगा ।
फिर पूजा उठी और चूत को धोने और मूतने के लिए जैसे ही बाथरूम तरफ बढ़ी की धर्मवीर ने चटाई पर लेटते हुए कहा - चूत को आज मत धोना और इस पैंटी को पहन ले ऐसे ही और कल ही इसे भी धोना । इसकी गंध का भी तो मज़ा लेले घोड़ी ।
पूजा के कान मे ऐसी अजीब सी बात पड़ते ही सन्न रह गयी लेकिन उसे पेशाब तो करना ही था इस वजह से वह बाथरूम के तरफ एकदम नंगी ही बढ़ी तो धर्मवीर की नज़र उसके चौड़े चौड़े दोनो चूतड़ों पर पड़ी और वे भी एकदम से नंगे चटाई पर लेटे हुए अपनी आँख से मज़ा लूट रहे थे।
पूजा जब एक एक कदम बढ़ाते हुए बाथरूम के ओर जा रही थी तब उसे महसूस हुआ की उसकी चूत मे हल्का मीठा मीठा दर्द हो रहा था ।
बाथरूम के अंदर जा कर जैसे ही पेशाब करने बैठी तभी उसकी दोनो जांघों और घुटनों मे भी दर्द महसूस हुआ। उसने सोचा कि शायद काफ़ी देर तब धर्मवीर ने चटाई मे चुदाई किया है इसी वजह से दर्द हो रहा है।
लेकिन अगले पल ज्योन्हि वीर्य की बात मन मे आई वह फिर घबरा गयी और पेशाब करने के लिए ज़ोर लगाई । पूजा ने देखा की वीर्य की हल्की सी लार चूत के छेद से चू कर रह गयी और अगले पल पेशाब की धार निकलने लगी ।
पेशाब करने के बाद पूजा ज़ोर लगाना बेकार समझी क्योंकि चूत से वीर्य बाहर नही आ पा रहा था। उसके मन मे धर्मवीर के वीर्य से गर्भ ठहरने की बात उठते ही फिर से डर गयी और पेशाब कर के उठी और ज्योन्हि बाहर आई तो उसकी नज़र धर्मवीर पर पड़ी जो की कमरे मे नंगे खड़े थे और पूजा के बाहर आते ही वो भी बाथरूम मे घूस गये और हल्की पेशाब करने के बाद अपने लंड को धो कर बाहर आए ।
तबतक पूजा अपनी गीली पैंटी को पहन ली जो की उसे ठंढी और धर्मवीर के वीर्य और चूत के रस की गंध से भरी हुई थी।
धर्मवीर ने एक टैबलेट के पत्ते को निकाला और अपनी सलवार को पहन रही पूजा से बोला - कपड़े पहन कर इस दवा के बारे मे जान लो ।
पूजा की नज़र उस दवा के पत्ते पर पड़ते ही उसकी सारी चिंता ख़त्म हो गयी थी ।उसने अपने ब्रा और समीज़ जो जल्दी से पहन कर दुपट्टे से अपनी दोनो हल्की हल्की दुख रही चुचिओ को ढक कर धर्मवीर के पास आ कर खड़ी हो गयी ।
धर्मवीर ने दवा को अपने हाथ मे लेकर पूजा को बताया - तुम्हारी उम्र अब मर्द से मज़ा लेने की हो गयी है इस लिए इन दवा और कुछ बातों को भी जानना ज़रूरी है....यदि इन बातों पर ध्यान नही दोगि तो लेने के देने पड़ जाएँगे । सबसे बहले इन गर्भ निरोधक गोलिओं के बारे मे जान लो....इसे क्यूँ खाना है और कैसें खाना है।
धर्मवीर - वैसे तुम्हारी जैसी लड़कियाँ बहुत दीनो तक मर्दों से बच नही पाती हैं और शादी से पहले ही कोई ना कोई पटक कर चोद ही देता है । और मैंने भी आख़िर तुमको मैने तो चोद ही दिया ।
फिर धर्मवीर दवा के पत्ते की ओर इशारा करते हुए पूजा को दवा कैसे कैसे खाना है बताने लगे और पूजा धर्मवीर की हर बात को ध्यान से सुन कर समझने लगी ।
बात खत्म करते हुए हुए धर्मवीर ने बगल मे खड़ी पूजा के चूतड़ पर एक चाटा मारा और एक चूतड़ को हाथ मे लेकर कस के मसल दिया।
पूजा पूरी तरीके से झनझणा और लज़ा सी गयी।
धर्मवीर - कुतिया सुबह के 4:00 बज गए हैं एक-दो घंटे सो ले अगर सोना है तो । बहन की लोहड़ी अभी भी शर्म आ रही आ अभी भी शर्म आ रही आ रही है अभी लोड़े के नीचे गनगना कर चोदी है ।
पूजा ने धर्मवीर की की धर्मवीर की की हल्का सा मुक्का मारा मारा मुक्का मारा मारा और बोली बेशर्म ।
धर्मवीर को इतना बर्दाश्त कहां होना कहां होना कहां होना था । धर्मवीर का तो दोस्तों स्वैग ही अलग होता है । धर्मवीर की छाती में जैसे ही हल्का सा मुक्का मारा धर्मवीर ने एक जोरदार थप्पड़ पूजा के गाल पर मारा ।
धर्मवीर- मुझे बेशर्म बोलती है अपनी औकात भूल गई अभी मेरे लोड़े के नीचे रही है तू । तेरे ऊपर चढ़ा हूं मैं और तुम मुझे बेशर्म बेशर्म बोलती है ।
चल बहन की लोड़ी जा कर सो जा ।
ऐसा कहते हुए धर्मवीर ने पूजा की गांड पर लात मारी और पूजा सीधा बेडरूम में में पहुंच गई ।
पूजा अभी भी सोच में गुम थी कि आखिर धर्मवीर किस तरह का आदमी है। धर्मवीर को समझना मुश्किल है चोदता है तो हड्डियों तक तोड़ देता है । किसी पागल सांड की तरह चढ़ता है अब इतने नखरे तो धर्मवीर के झेलने ही पड़ेंगे । गांड पर लात भी खानी पड़ेगी और पड़ेगी और चूत में लौड़ा भी लेना पड़ेगा इन्हीं ख्यालों में गुम उपासना बेड पर गिर पड़ी । उसकी चाल में अजीब टेढ़ापन था बड़ी मुश्किल से एक एक कदम आगे बढ़ा पा रही थी ।
पूजा लेटे-लेटे सोचने लगी उपासना के साथ क्या हो रहा होगा। क्या उपासना दीदी और पापा सो गए होंगे या अभी दीदी की चूत पर लौड़ा बज रहा होगा , आखिर दीदी भी पूरी चुदक्कड़ है ।
एक साथ पूजा के दिल से आवाज आई तू कौन सा कम चुदक्कड़ है पूरी सुहागरात मनाई है कुत्तिया तूने भी ।
यह विचार आते ही पूजा धीरे से बोली हां हम दोनों बहन चुदक्कड़ हैं , क्या करें जब चूत पर लंड रखता है कोई तो हमारी चूत खा जाती है वह लोड़ा ।
तगड़ा से तगड़ा लंड हम दोनों बहने आराम से लील जाती है ।
और इन्हीं ख्यालों में सो गई पूजा
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कहानी जारी रहेगी आगे ।
दोस्तों कहानी कैसी चल रही है बताना जरूर।
आपके प्यार का प्यासा - रचित ।
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पूजा जैसे सातवें आसमान पर उड़ रही हो ।धर्मवीर हर धाक्के को अब तेज करते जा रहे थे। लंड जब चूत मे पूरी तरह से अंदर धँस जाता तब धर्मवीर के दोनो टट्टे पूजा की गांड पर टकरा जाते थे ।
कुछ देर तक धर्मवीर पूजा को चटाई मे कस कस कर चोद्ते रहे । उनका लंड पूजा की कसी बुर मे काफ़ी रगड़ के साथ घूस्ता और निकलता था ।
मानो उस कसी हुई चूत को ढीला करने की कसम खायी हुई थी धर्मवीर ने ।
धर्मवीर को भी कसी हुई चूत का पूरा मज़ा मिल रहा था तो वहीं पूजा को भी धर्मवीर के कसरती शरीर और मोटे लंबे और तगड़े लंड का मज़ा खूब मिल रहा था। कमरे मे फच्च फच्च की आवाज़ भरने लगी।
पूजा के चूतड़ अब उपर की ओर उठने लगे और हर धक्के के साथ चटाई मे दब जाते थे । चूत से पानी भी निकलना काफ़ी तेज हो गया था इस वजह से चूत का निकला हुआ पानी पूजा की गांड की दरार से होता हुआ चटाई पर एक एक बूँद चूना शुरू हो गया ।
पूजा अब सिसकारने लगी थी ।
अचानक पूजा के शरीर मे एक ऐंठन शुरू होने लगी ही थी की धर्मवीर ने पूजा को कस कर जाकड़ लिया और उसकी गीली और चू रही काली चूत को काफ़ी तेज़ी से चोदने लगे । चुदाइ इतनी तेज होने लगी कि चूत से निकलने वाला पानी अब चूत के मुँह और लंड पर साबुन की तरह फैलने लगा।
जब लंड बाहर आता तब उसपर सफेद रंग के लिसलिसा पानी अब साबुन की झाग की तरह फैल जाता था ।
धर्मवीर पूजा को काफ़ी तेज़ी से चोद रहे थे लेकिन फिर पूजा गिड़गिडाना शुरू कर दी "...सीई....और....तेज...जी धर्मवीर जी ....जल्दी ...जल्दी........आह ।
धर्मवीर के कान मे ये शब्द पड़ते ही उनके शरीर मे झटके दार ऐंठन उठने लगी उनका कमर का हिस्सा अब झटका लेना शुरू कर दिया क्योंकि धर्मवीर जी के दोनो आंडों से वीर्य की एक तेज धारा चल पड़ी और धर्मवीर ने अपने पूरे शरीर की ताक़त लगाकर धक्के मारना शुरू कर दिया ।
अगले पल धर्मवीर पूजा के कमर को कस लिए और अपने लंड को चूत के एकदम गहराई मे चाँप कर लंड का अगला हिस्सा चूत की तलहटी मे पहुँचा दिया और लंड के छेद से एक गर्म वीर्य के धार तेज़ी से निकल कर ज्योन्हि चूत के गहराई मे गिरा कि पूजा वीर्य की गर्मी पाते ही चीख सी पड़ी " एयेए ही रे माइ रे बाप ...रे...बाप...आरी धर्मवीर बहुत मज़ा ....आ रा..हा ही रे मैया..." और पूजा की चूत से वीर्य निकल कर लंड पर पड़ने लगा ।
धर्मवीर का लंड काफ़ी देर तक झटके ले ले कर वीर्य को चूत मे उडेल रहा था । लगभग पूरी तरीके से झड़ जाने के बाद धर्मवीर ने लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और अगले पल वापस चूत मे घुसेड़कर वीर्य की आख़िरी बूँद भी उडेल दी ।
अब दोनो हाँफ रहे थे और धर्मवीर ने पूजा के उपर से हट कर लंड को चूत से बाहर खींचा और चुदाइ के रस से भीग कर सना हुए लंड के बाहर आते ही चूत की दोनो काली फाँकें फिर से सटने की कोशिस करने लगी लेकिन अब चूत का मुँह पहले से कहीं और खूल कर फैल सा गया था ।
चूत की सूरत पूरी बदल चुकी थी ।धर्मवीर चूत पर एक नज़र डाले और अगले पल पूजा की दोनो जांघों के बीच से हट कर खड़े हो गये ।
पूजा अपनी दोनो जांघों को आपस मे सटाते हुए अपनी नज़र धर्मवीर के अभी भी कुछ खड़े लंड पर डाली जो की चुदाई रस से पूरी तरह से सना था। धर्मवीर ने अगले पल पूजा की पैंटी को उठाया और अपने लंड के उपर लगे चुदाई रस को पोच्छने लगे ।
पूजा ऐसा देख कर एक दम से घबरा सी गयी । लंड पर काफ़ी ज़्यादे मात्रा मे चुदाई रस लगे होने से पैंटी लगभग भीग सी गयी ।
धर्मवीर लंड पोच्छने के बाद पूजा की ओर पैंटी फेंकते हुए बोला - ले अपनी चूत को पोंच्छ कर इसे पहन लेना और कल सुबह नहाते समय ही इसे धोना...समझी ।
पैंटी पर पूजा का हाथ पड़ते ही उसकी उंगलियाँ गीले पैंटी से भीग सी गयी । लेकिन धर्मवीर अब चटाई पर बैठ कर पूजा की ओर देख रहे थे और पूजा कई बार झाड़ जाने के वजह से इतनी थक गयी थी चटाई पर से उठने की हिम्मत नही हो रही थी ।
धर्मवीर के कहने के अनुसार पूजा ने पैंटी को हाथ मे लेकर चटाई मे उठ कर बैठ गयी और अपनी चूत और झांटों मे लगे चुदाई रस को पोछने लगी । लेकिन पैंटी मे धर्मवीर के लंड पर का लगा चुदाई रस पूजा के पोंछने के जगह पर लगने लगा ।
फिर पूजा उठी और चूत को धोने और मूतने के लिए जैसे ही बाथरूम तरफ बढ़ी की धर्मवीर ने चटाई पर लेटते हुए कहा - चूत को आज मत धोना और इस पैंटी को पहन ले ऐसे ही और कल ही इसे भी धोना । इसकी गंध का भी तो मज़ा लेले घोड़ी ।
पूजा के कान मे ऐसी अजीब सी बात पड़ते ही सन्न रह गयी लेकिन उसे पेशाब तो करना ही था इस वजह से वह बाथरूम के तरफ एकदम नंगी ही बढ़ी तो धर्मवीर की नज़र उसके चौड़े चौड़े दोनो चूतड़ों पर पड़ी और वे भी एकदम से नंगे चटाई पर लेटे हुए अपनी आँख से मज़ा लूट रहे थे।
पूजा जब एक एक कदम बढ़ाते हुए बाथरूम के ओर जा रही थी तब उसे महसूस हुआ की उसकी चूत मे हल्का मीठा मीठा दर्द हो रहा था ।
बाथरूम के अंदर जा कर जैसे ही पेशाब करने बैठी तभी उसकी दोनो जांघों और घुटनों मे भी दर्द महसूस हुआ। उसने सोचा कि शायद काफ़ी देर तब धर्मवीर ने चटाई मे चुदाई किया है इसी वजह से दर्द हो रहा है।
लेकिन अगले पल ज्योन्हि वीर्य की बात मन मे आई वह फिर घबरा गयी और पेशाब करने के लिए ज़ोर लगाई । पूजा ने देखा की वीर्य की हल्की सी लार चूत के छेद से चू कर रह गयी और अगले पल पेशाब की धार निकलने लगी ।
पेशाब करने के बाद पूजा ज़ोर लगाना बेकार समझी क्योंकि चूत से वीर्य बाहर नही आ पा रहा था। उसके मन मे धर्मवीर के वीर्य से गर्भ ठहरने की बात उठते ही फिर से डर गयी और पेशाब कर के उठी और ज्योन्हि बाहर आई तो उसकी नज़र धर्मवीर पर पड़ी जो की कमरे मे नंगे खड़े थे और पूजा के बाहर आते ही वो भी बाथरूम मे घूस गये और हल्की पेशाब करने के बाद अपने लंड को धो कर बाहर आए ।
तबतक पूजा अपनी गीली पैंटी को पहन ली जो की उसे ठंढी और धर्मवीर के वीर्य और चूत के रस की गंध से भरी हुई थी।
धर्मवीर ने एक टैबलेट के पत्ते को निकाला और अपनी सलवार को पहन रही पूजा से बोला - कपड़े पहन कर इस दवा के बारे मे जान लो ।
पूजा की नज़र उस दवा के पत्ते पर पड़ते ही उसकी सारी चिंता ख़त्म हो गयी थी ।उसने अपने ब्रा और समीज़ जो जल्दी से पहन कर दुपट्टे से अपनी दोनो हल्की हल्की दुख रही चुचिओ को ढक कर धर्मवीर के पास आ कर खड़ी हो गयी ।
धर्मवीर ने दवा को अपने हाथ मे लेकर पूजा को बताया - तुम्हारी उम्र अब मर्द से मज़ा लेने की हो गयी है इस लिए इन दवा और कुछ बातों को भी जानना ज़रूरी है....यदि इन बातों पर ध्यान नही दोगि तो लेने के देने पड़ जाएँगे । सबसे बहले इन गर्भ निरोधक गोलिओं के बारे मे जान लो....इसे क्यूँ खाना है और कैसें खाना है।
धर्मवीर - वैसे तुम्हारी जैसी लड़कियाँ बहुत दीनो तक मर्दों से बच नही पाती हैं और शादी से पहले ही कोई ना कोई पटक कर चोद ही देता है । और मैंने भी आख़िर तुमको मैने तो चोद ही दिया ।
फिर धर्मवीर दवा के पत्ते की ओर इशारा करते हुए पूजा को दवा कैसे कैसे खाना है बताने लगे और पूजा धर्मवीर की हर बात को ध्यान से सुन कर समझने लगी ।
बात खत्म करते हुए हुए धर्मवीर ने बगल मे खड़ी पूजा के चूतड़ पर एक चाटा मारा और एक चूतड़ को हाथ मे लेकर कस के मसल दिया।
पूजा पूरी तरीके से झनझणा और लज़ा सी गयी।
धर्मवीर - कुतिया सुबह के 4:00 बज गए हैं एक-दो घंटे सो ले अगर सोना है तो । बहन की लोहड़ी अभी भी शर्म आ रही आ अभी भी शर्म आ रही आ रही है अभी लोड़े के नीचे गनगना कर चोदी है ।
पूजा ने धर्मवीर की की धर्मवीर की की हल्का सा मुक्का मारा मारा मुक्का मारा मारा और बोली बेशर्म ।
धर्मवीर को इतना बर्दाश्त कहां होना कहां होना कहां होना था । धर्मवीर का तो दोस्तों स्वैग ही अलग होता है । धर्मवीर की छाती में जैसे ही हल्का सा मुक्का मारा धर्मवीर ने एक जोरदार थप्पड़ पूजा के गाल पर मारा ।
धर्मवीर- मुझे बेशर्म बोलती है अपनी औकात भूल गई अभी मेरे लोड़े के नीचे रही है तू । तेरे ऊपर चढ़ा हूं मैं और तुम मुझे बेशर्म बेशर्म बोलती है ।
चल बहन की लोड़ी जा कर सो जा ।
ऐसा कहते हुए धर्मवीर ने पूजा की गांड पर लात मारी और पूजा सीधा बेडरूम में में पहुंच गई ।
पूजा अभी भी सोच में गुम थी कि आखिर धर्मवीर किस तरह का आदमी है। धर्मवीर को समझना मुश्किल है चोदता है तो हड्डियों तक तोड़ देता है । किसी पागल सांड की तरह चढ़ता है अब इतने नखरे तो धर्मवीर के झेलने ही पड़ेंगे । गांड पर लात भी खानी पड़ेगी और पड़ेगी और चूत में लौड़ा भी लेना पड़ेगा इन्हीं ख्यालों में गुम उपासना बेड पर गिर पड़ी । उसकी चाल में अजीब टेढ़ापन था बड़ी मुश्किल से एक एक कदम आगे बढ़ा पा रही थी ।
पूजा लेटे-लेटे सोचने लगी उपासना के साथ क्या हो रहा होगा। क्या उपासना दीदी और पापा सो गए होंगे या अभी दीदी की चूत पर लौड़ा बज रहा होगा , आखिर दीदी भी पूरी चुदक्कड़ है ।
एक साथ पूजा के दिल से आवाज आई तू कौन सा कम चुदक्कड़ है पूरी सुहागरात मनाई है कुत्तिया तूने भी ।
यह विचार आते ही पूजा धीरे से बोली हां हम दोनों बहन चुदक्कड़ हैं , क्या करें जब चूत पर लंड रखता है कोई तो हमारी चूत खा जाती है वह लोड़ा ।
तगड़ा से तगड़ा लंड हम दोनों बहने आराम से लील जाती है ।
और इन्हीं ख्यालों में सो गई पूजा
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कहानी जारी रहेगी आगे ।
दोस्तों कहानी कैसी चल रही है बताना जरूर।
आपके प्यार का प्यासा - रचित ।
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