Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है - Page 5 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

फिर मैं अपने लंड पे दबाव बढ़ाता गया और मेरा लंड अपी की गांद मे कोई 4,, के करीब घुस गया और बाजी का रोना भी बढ़ता गया

अब वो नैईईईईईईईई भाईईईईईईईईईई मुझे नही मरवानी अपनी गांद प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बाहर निकालूऊऊओ मैं मर जाउन्गि भाईईईईईई मेरी फॅट जाए गििईईईईईईईईईईईईईईईईई

हयीईईईईईई अम्मिईीईईईईईईईई मुझे बचऊूऊ भाई मेरीइईईईईईई फाड़ दे गाआा अम्मिईीईईईईईईईईईईईईई नैईईईईईईईईईईईई मुझे बचा लो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

अम्मी ने अपी के चुतडो को छोड़ दिया और आगे जा के अपी को कहा कि बेटी बस हो गया है जो दर्द होना था बस अभी दर्द ख़तम हो जाएगा और अपी को किस करने लगी और अम्मी ने किस करते हुए अपी को अपने साथ बड़ी ज़ोर से जाकड़ लिया और मैने एक ज़ोर का झटका मारा जिस से अपी के जिस्म को भी एक ज़ोर का झटका लगा और अपी बड़े ज़ोर से मचलने लगी और खुद को अम्मी और मुझ से छुड़वाने लगी

अपी की आवाज़ तो नही निकल रही थी लेकिन वो गुओन्न्न्न गूऊओ कर के अपने आप को छुड़ाने मे लगी हुई थी

मैं भी अपी की गान्ड को बड़ी ताक़त से अपने हाथों से जाकड़ के अपने लंड को गान्ड से निकलने से रोका हुआ था

उस वक़्त मेरा पूरा 8.5 का लंड अपी की गांद मे समा चुका था

फिर अपी भी आहिस्ता आहिस्ता पर सकुन होने लगी और फिर अम्मी ने अपी को छोड़ दिया तो अपी ने रोते हुए कहा भाई प्लज़्ज़्ज़ बाहर निकालो मुझे नही करवाना

अम्मी ने कहा मेरी जान अब तो हो गया है जो होना था अब क्या बचा है बाकी बस मज़े करो अब

अपी ने कहा नही अम्मी मुझे दर्द हो रहा है मैने नही करना भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बाहर निकालो

मैने कहा अम्मी अगर अपी नही करना चाहती तो ठीक है मैं बाहर निकाल लेता हूँ और अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और अम्मी को कहा अम्मी आप अपी के चुतडो को खोलो ताकि मैं अपने लंड को बाहर निकाल सकू अम्मी ने अपी के चुतडो को फिर से पकड़ के खोला और मैं अपी की गांद मे आराम से इन आउट करने लगा जिस से अपी को फिर दर्द होने लगा और अपी रोने लगी कहने लगी भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ नही करो मुझ से अब बर्दाश्त नही हो रहा बाहर निकालो लो ना

मैने कहा अपी जहाँ आप ने इतना बर्दाश्त किया है वहाँ बस 2 3 मिंट और कर लो प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

अपी ने कहा भाई दर्द हो रहा है मैने कहा अपी अब नही हो गा दर्द और इस के साथ ही अपी की गांद मे इन आउट भी करता रहा

और अपी हयीईईई भाईईईईईईईईईई बुसस्स्स्स्सस्स करूऊऊऊ दर्द हूऊऊऊ रहा हाईईईईईईईईईईईई मुझीईईई नही करना लेकिन अब अपी की आवाज़ों से पता चल रहा था के अब अपी को दर्द ख़तम हो रहा है क्योकि मेरी गान्ड चुदाई के साथ अम्मी भी अपी के नीचे घुसी अपी के बूब्स को चूस रही थी

फिर मैने अपी को लग भाग 10 मिंट आराम आराम से चुदता रहा अब अपी भी अपनी गांद को हिला के मेरा साथ दे रही थी

मैने क्योकि गोली खाई हुई थी इस लिए मैं तो जल्दी फारिघ् होने वाला नही था और अपी भी हान्ंनणणन् भाईईईईईईई इसी तरह करो अब कुछ कुछ मज़ा आ रहा है

अम्मी भी अपी की बात सुन के अपने एक हाथ से अपी की फुददी मैं उंगली करने लगी और खुद अपी के बूब्स को चुस्ती रही जिस से अपी पागल हो रही थी

फिर जैसे ही अपी की फुद्दि से पानी निकाला अम्मी भी पीछे हट के मुझे कहा नसीर अब बस करो उस का हो गया है अब मेरी बारी है

मैने अपना लंड जब अपी की गांद से निकाला तो अपी की गांद को देख कर मुझे अपी पे बड़ा तरस आया क्योकि मुझे सॉफ अपी की गांद मे एक तरफ हल्का सा कट नज़र आ रहा था और ब्लड भी काफ़ी निकला था

फिर अम्मी ने कहा इसे अब बाद मे देख लेना और चलो मुझे भी ठंडा करो

फिर मैने अम्मी को जो कि पहले ही डोगी स्टाइल मे थी और गांद को आयिल भी लगा चुकी थी अपने लंड को सोराख पे रखा और ज़ोर से झटका दिया

जिस से मेरा पूरा लंड अम्मी की गांद मे घुस गया और अम्मी के मुँह से चीख निकल गई आईईईईईईईईईई मॅदर चोद आराम से नही डाल सकता था क्या

मैने कहा साली जब मेरी बेहन की गान्ड फॅट रही थी तो तुझे कितना मज़ा आ रहा था अब क्या हुआ साली कुतिया की बच्ची

और इस के साथ ही पूरी ताक़त से अम्मी की गांद मारने लगा और अम्मी भी अहह हरामी आहिस्ता कर मैं मर गैइइ

मैने कहा चुप कर साली ज़्यादा ड्रामा ना कर नही तो आज मैं तेरी गान्ड फाड़ दूँगा तभी अपी ने कहा हां भाई और ज़ोर से चोदो इस कुतिया को

और मैं अपनी पूरी ताक़त से अपनी अम्मी9 की गान्ड मारने लगा अम्मी की गान्ड मारते और एक दूसरे को गालियाँ देते हुए इतना मज़ा आ रहा था कि मैं कोई 10 मिंट से ज़्यादा अम्मी को नही चोद सका और अम्मी की गान्ड मैं ही फारिघ् हो गया

फिर अम्मी ने मुझे पीछे हटाया और कहा चल जा अभी वॉशरूम से फ्रेश हो के आराम कर ले क्योकि सुबह कहीं जाना है तू ने

मैने कहा अम्मी कहाँ जाना है

अम्मी मने कहा सुबह बताउन्गि अभी जा और सो जा
 
मैं उठा और वॉशरूम से फ्रेश हो के आ गया और अपने रूम मे चला गया

फिर जब सुबह आँख खुली तो 9 बज रहे थे मैं बाहर आया और मुँह हाथ धो के अपी को आवाज़दी और कहा अपी नाश्ता दे दो

अपी ने कहा अच्छा भाई बैठो मैं अभी लाती हूँ फिर मैने नाश्ता किया और अपी से अम्मी का पूछा तो अपी ने कहा अभी आ जाएँगी

अम्मी 11 बजे के करीब आई तो उन को देखते ही मैने कहा अम्मी क्या काम था कहाँ जाना है मुझे

अम्मी ने कहा बेटा अब नही जाना है

मैने कहा क्यो अम्मी क्या हुआ और जाना कहाँ था तो अम्मी ने कहा बेटा वो मेरी सहेली है उस के पास जाना था कुछ काम से लेकिन अब नही

मैने कहा क्यो अम्मी अब किया हुआ है और काम किया था

अम्मी ने हंसते हुए कहा बेटा जब तो ईद के बाद जाएगा तो तुझे पता चल जाएगा

मैं भी चुप हो गया किओं कि मुझे पता लग गया था कि अम्मी अभी कुछ भी नही बताएँगी बाहर निकल गया और अपने एक दोस्त के पास चला गया

मैं उस के पास गया तो उस ने मुझे कहा यार तेरा भाई बहुत बिगड़ गया है उसे संभाल सकते हो तो अभी वक़्त है

मैने कहा यार किया हुआ है अली को

मेरा दोस्त जिस का नाम हामिद है उस ने कहा यार वो अब कॉलेज तो जाता नही बस लड़कियो के पीछे ही फिरता है

मैने कहा यार क्यो मज़ाक कर रहे हो

अभी तो वो बच्चा है अभी उस की इतनी उमर नही हुई

हामिद ने कहा यार मैं मज़ाक नही कर रहा तू ने अगर देखना ही है तो चल मेरे साथ अभी मैं तुझे दिखा सकता हूँ

मैने कहा यार क्या बोलता है अभी तो कॉलेज भी बंद हैं तो वो कहाँ उन्हे छेड़ने जाता है

हामिद नही माना और मुझे कॉलेज ले गया क्योकि बाज़ार मे ईद का रश लगा हुआ था और अली भी वहीं लड़कियों के साथ छेड़ छाड़ मे लगा हुआ था

मैने हामिद से कहा चलो यार चलते हैं यहाँ से अली से घर मे ही बात करूँगा यहाँ ठीक नही

फिर मैं सीधा घर आया और अम्मी और अपी को साइड मे बुला के उन को अली के बारे मे सब बता दिया और कहा कि इस का कुछ सोचो

अम्मी ने कहा तू ने अच्छा किया जो हमे बता दिया अब मैं इसे भी काबू मे करने के लिए कुछ सोचती हूँ

फिर रात को मैने अपी को इशारा किया अपने रूम मे आने का लेकिन अपी ने मना कर दिया और चली गई मुझे समझ नही आ रहा था कि हुआ क्या है

क्योकि मैं अम्मी या अपी को जिसे भी कहता सेक्स के लिए तो वो कहती कि अभी सबर करो

फिर ईद के दोसरे दिन मुझे अम्मी ने बुला लिया और कहा बेटा अब अली भी हमारे साथ मिलने के लिए तैयार हो गया है

मैने अम्मी से कहा वो किस तरह

अम्मी ने कहा इतने दिन जो तुम्हारी अपी तुम से नही मिली तो वो अली को ही मेरे कहने पे सेट कर रही थी

मैने कहा अम्मी आप ने कॉन सा मुझे अपने साथ कुछ करने दिया है

अम्मी ने कहा मेरी जान आज रात तुम्हारे अबू और नेलु को गोलियाँ खिला के हम चारों ही मस्ती करेंगे

फिर मैं रात का वेट करने लगा और रात थी कि आ ही नही रही थी

रात का खाना खा के मैं अपने रूम मे चला गया कोई 11 बजे अम्मी मेरे रूम मे आई और कहा नसीर चलो टाइम हो गया है मेरी जान

और मैं अम्मी के साथ चल पड़ा अम्मी ने मुझे अपी के रूम के बाहर रोका और कहा क़ि पहले मुझे जाने दो तुम10 मिंट के बाद आना

मैं वहीं रुक गया और अम्मी अंदर चली गई फिर जब मैं रूम मे दाखिल हुआ तो अम्मी खड़ी हुई अपी और अली को घूर रही थी और अपी अली बेड से नीचे बैठे अम्मी से माफी माँग रहे थे मैं अंदर जाते ही सारी बात समझ गया

मैने कहा अम्मी यहाँ क्या हो रहा है और अपी और अली ने कपड़े क्यो नही पहने हुए है

अम्मी ने कहा बेटा देख लो अब हमे ये भी देखना था कि एक भाई अपनी ही बेहन के साथ इस तरह ये सब कर रहा है कि मैं क्या बताऊ और साथ ही मुझे आँख मार दी

मैं समझ गया कि अम्मी किया चाहती हैं मैने अम्मी को कहा अम्मी क्या आप भी इन बिचारों को डाँट रही हो ये तो अच्छा है ना कि ये जो भी कर रहे हैं घर मे ही कर रहे हैं इस तरह घर की बात घर मे ही रह जाएगी

अम्मी ने कहा नसीर ये तू क्या कह रहा है

मैने कहा हाँ अम्मी ये ही सच है अगर अपी बाहर किसी के साथ ये सब करती तो क्या हमारी बदनामी नही होती और क्या फिर आप अपी की शादी कहीं कर सकती थी

फिर मैने हंसते हो कहा और अम्मी आप अपने आप को ही देख लो क्या आप मेरे साथ चुदाई नही करती हो

मेरी बात सुनते ही अली ने मेरी तरफ देखा तो मैने उसे आँख मार दी

अब अली भी मेरी बात सुन के कुछ रिलॅक्स हो गया और बोला हाँ अम्मी हम किसी और के साथ नही बल्कि आपस मे ही तो कर रहे हैं ताकि किसी को पता ना चले

तो मैने कहा अम्मी क्या आप भी अब छोड़ो भी और अपनी ड्रेस उतारो और आ जाओ आज हम चारों मिल के प्यार के खेल खेलते हैं

अली ने भी मेरी हां मे हां मिलाई और मैने आगे बढ़ के अम्मी की ड्रेस उतार दी और अपनी ड्रेस भी उतार के नंगा हो गया

फिर मैने अम्मी को अली की तरफ धकेल दिया और खुद मैं अपी की तरफ हो गया और अपी को पकड़ के किस करने लगा

और अपी के बूब्स को प्रेस करने लगा 2सरी तरफ अम्मी भी अली को किस करने लगी लेकिन अली अभी अम्मी से शरमा रहा था

फिर मैने अपी को नीचे लिटाया और अपी की टाँगों को खोल दिया और अपना मुँह अपी की फुद्दि पे रख दिया और चूसने लगा

अम्मी अब नीचे बैठ गई थी और अली का लंड जो कि अभी 7 का ही था बड़े मज़े से चूसने लगी और अली अह्ह्ह्ह अम्मी की आवाज़ों के साथ हमारी तरफ देखने लगा

मैं भी अपी की फुद्दि को बड़े प्यार से चूस रहा था और हल्का से काट भी लेता जिस से अपी मेरे बालों को पकड़ लेती और उन्मह भाई नैईईईईईई

और फिर मैं अपनी ज़ुबान को अपी की फुद्दि के सोराख मे घुसाने की कोशिश करने लगा और अपी मेरे सर को अपनी चूत पे दबाने लगी

और आहह भाई हान्ंनननणणन् इसी तरह खा जाओ पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई आहह मज़ा आ रहा है खा जाओ भाई अपनी बेहन की फुद्दि को

अब अली ने भी शरम को छोड़ा और अम्मी को लिटा लिया और अम्मी की फुद्दि को बड़े ज़ोर और प्यार से चूसने लगा अम्मी भी हां बेटा अहह उन्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अली तो अपने भाई से भी ज़्यादा प्यार से फुद्दि को चूस्ता है मेरी जान
 
फिर मैं उठा और अपी की फुद्दि के सोराख पे अपने लंड को रख के एक ही झटके मे पूरा लंड अपी की फुद्दि मे घुसा दिया और अपी सीईई की आवाज़ के साथ ही बोली भाई आज कितने दिन बाद मज़ा आ रहा है

और मैने अपनी स्पीड को तेज़ कर दिया और अपी की सिसकियाँ भी उसी रफ़्तार से बढ़ने लगीं अहह भाई और तेज़ चोदो उन्मह हान्ंनननननणणन् भाई फाड़ दो मेरी फुद्दि को और अपनी गान्ड को उपर उठा के मेरे लंड पे मारने लगी

2सरी तरफ अली भी अम्मी की टाँगों को उठा के बड़े ज़ोर से चोदे रहा था और अम्मी भी अली के बालों मे अपनी उग्लियाँ घुमा रही थी और हाआंन्‍ननननननननननणणन् मेरी जान चोदो अपनी माआआआआआआआआआआआआआआआआ को अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेटा और ज़ोर से उन्मह हाईईईई बेटा मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

फिर मैं उठा और अम्मी के पास आ गया और अली को अपी की तरफ भेज दिया और अम्मी को डोगी स्टाइल मे कर के अम्मी की गांद पे थूक लगाया

और अपने लंड को अम्मी की गांद मे एक ही झटके मे घुसा दिया जिस से अम्मी नसीर्र्र्र्र्ररर मैं मर गैिईईईईईई नियकालो बाहर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर

लकिन मैने अम्मी की एक ना सुनी और बड़े ज़ोर से अम्मी की गान्ड मारने लगा और अम्मी भी अहह नसीर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी जान आहिस्ता

लेकिन मैं अभी स्लो होने के मूड मे नही था और उसी रफ़्तार से अपनी अम्मी को चोदने मे लगा रहा और अम्मी हाईईईईईई बेटा मैं मर गैिईईईईईईई

की आवाज़ों के साथ मुझे रोकने की कोशिश करती रही और उधर अपी और अली अपनी चुदाई को भूल के हमारी ज़ोर दार चुदाई को देखने मे लगे हुए थे

फिर अम्मी का दर्द भी जो कि इस तरह अचानक शुरू होने वाली चुदाई से हुआ था अब ख़तम हो गया तो अम्मी भी अपनी गान्ड को मेरे लंड की तरफ धकेलने लगी

और मुझे गलियाँ भी देने लगी हाआंन्‍ननननणणन् मा चोदे कुत्ते अब चोदो हरामी की औलाद अहह उन्मह

और मैं भी अम्मी को जबाबी गलियाँ देता हुआ हाआंन्‍ननणणन् साली गश्तिईईईईईई ये ले आअहह साली कुतिया तेरा क्या बनता है एक 2 लौन्डो से हरामज़ादी और अम्मी के बालो को पकड़ लिया और ज़ोर से पकड़ के अपनी अम्मी को चोदने लगा और फिर उसी तरह ही अम्मी की गान्ड मे फारिघ् हो गया

फिर मैं पीछे हट गया और साइड मे लेट गया कुछ देर बाद देखा तो अली अपी भी फारिघ् हुए लेटे थे और मेरी तरफ ही देख रहे थे

कुछ देर इसी तरह लेटे रहने के बाद जब अम्मी ने कहा कि चलो नसीर अब तुम नैइला के पास जाओ और अली मेरे साथ करे गा तो अचानक मेरे ज़हन मे एक ख्याल आया

मैने अम्मी को कहा नही अम्मी आप लोग करो मैं जा रहा हूँ अपने रूम मे मेरी तबीयत ठीक नही है और अपने रूम मे आ गया

कुछ देर के बाद मैं निकला और नेलु के रूम मे चला गया और उसे हिला के देख तो वो बेहोश सो रही थी जिसे देख के मेरे दिल मे शैतान जागने लगा

फिर मैं वापिस मुड़ा और जा के रूम का डोर क्लोज़ कर दिया और नेलु के पास आ गया

फिर मैने अपने खुश्क होंठो पे अपनी ज़ुबान फेरते हुए अपने हाथ को आगे बढ़ा के नेलु के नरम बूब्स पे रख दिया

उउफफफफ्फ़ मैं बता नही सकता कि उस वक़्त मेरा डर और मज़े से कितना बुरा हाल हो रहा था लेकिन नेलु बे खबर सो रही थी

फिर मैने अपने अंदर हिम्मत पैदा की और नेलु की कमीज़ के अंदर अपने हाथ को घुसाने की कोशिश करने लगा

लेकिन नेलु ने ज़रा फिटिंग वाली क़मीज़ पहनी हुई थी जिस की वजह से मेरा हाथ उस की क़मीज़ मे पूरी तरह नही घुस सका क्योकि उस के जागने का खतरा भी था और मैं नही जानता था कि अम्मी ने नेलु को कितनी गोलियाँ खिलाई हुई हैं

फिर मैने नेलु की क़मीज़ को जितना ऊपर कर सका कर के उसे थोड़ा सा ऊपर उठा क्र उस क्र बूब्स तक ऊपर कर ही लिया लेकिन नेलु की ब्रा अब मेरे सामने थी

फिर मैने ब्रा को उतारने की बजाय उस के बूब्स को ब्रा मे से बाहर निकाल लिया क्या बताऊ कि उस वक़्त मेरी क्या हालत हो रही थी

उस वक़्त मेरा पसीना पानी की तरह बह रहा था और मेरे दिल की धड़कन भी बहुत ज़्यादा तेज़ हो रही थी

फिर मैने अपने आप को संभालते हुए अपनी प्यारी और छोटी बेहन के बूब्स पे अपने हाथ को जैसे ही रखा मेरा जिस्म कांप गया

मुझे उस वक़्त इतना मज़ा आ रहा था कि बता नही सकता लेकिन डर भी रहा था कि कहीं नेलु जाग ना जाय

फिर मैने अपने हाथों को नेलु के बूब्स पे रब करना शुरू कर दिया जिस से पता नही क्यो मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा था

इतना मज़ा मुझे कभी अपी या अम्मी के साथ नही आया शायद ये इस वजह से था कि मैं अपनी बेहन की बेहोशी का फ़ायदा उठा कर उस क्र साथ ये सब चोरी छुपे कर रहा था

फिर मैने अपने एक हाथ को हटा लिया और अपने मुँह को अपनी बेहन के नरम और कोमल बूब्स पे रख दिया और चूसने लगा

कुछ देर नेलु के बूब्स को चूसने और दबाने के बाद मैं उठा और नेलु की शीलवार को नीचे करना शुरू कर दिया और उसे नेलु के घुटनों तक कर दिया

जब मैं ने नेलु की टाँगों को थोड़ा सा खोला और मेरी नज़र उस की फुद्दि पे पड़ी तो मेरे मुँह से उउफफफफफ्फ़ की आवाज़ निकल गई

क्योकि नेलु ने अपनी फुद्दि के बॉल साफ नही किए हुए थे जो कि हल्के हल्के उस की फुद्दि पे सॉफ नज़र आ रहे थे

फिर मैने उस की टाँगों को थोड़ा सा और खोला तो नेलु एक दम से हिली और उस ने अपनी साइड चेंज कर ली मैं फॉरन वहाँ से पीछे हट गया

फिर कोई 5 मिंट के बाद मैने नेलु को आवाज़ दी लेकिन उस ने कोई जबाब नही दिया और ना ही हिली तो मैं फिर से अपनी जगह पे आ गया

और नेलु को बड़े ही प्यार और आहिस्तगी से फिर से सीधा लिटा लिया और खुद उस की टाँगों के बीच मे आ गया और आराम से उस की टाँगों को खोल के अपने मुँह को उस की फुद्दि पे रख दिया

लेकिन उस की फुददी मे से हल्की सी स्मेल आ रही थी जिस की मैने कोई परवाह नही की और उस की फुद्दि को चूसने लगा लेकिन वहाँ भी ये ही हाल था

मुझे कुछ समझ नही आई कि आख़िर इस की फुददी से इतनी स्मेल क्यो आ रही है और इस की फुद्दि का ज़ायक़ा भी अजीब सा है

फिर मुझे हिम्मत ही नही हुई कुछ करने की और मैं नेलु के बूब्स को हाथ मे ले के दबाने लगा और मूठ मारने लगा

क्योकि अगर मैं अम्मी के रूम मे जाता तो उन्हे शक भी हो सकता था इस लिए मैने मूठ . और नेलु के कपड़े ठीक कर के अपने रूम मे चला गया

क्रमशः......................................
 
10

सुबह मुझे अपी ने आ के उठाया तो मैं उठ के बातरूम मे चला गया वापिस आया तो अपी मेरा नाश्ता ले के आई थी

मैं नाश्ता करने लगा तो अपी ने कहा भाई क्या तुम रात नेलु के रूम मे गये थे

अपी की बात सुन के मेरे हाथ से नीवाला गिर गया मैने कहा क्या मैं क्यो जाउन्गा नेलु के रूम मे मुझे वहाँ क्या काम

अपी ने मुझे घूरते हुए कहा नसीर कमिने मैं तुझे अच्छी तरह जानती हूँ तो सुधर जा क्या मैं और अम्मी तुझे कम हैं कि अब तो नेलु को भी

मैने कहा नही अपी ऐसी बात नही है बस पता नही रात मुझे क्या हुआ था कि मैने ये हरकत कर दी अब मैं दोबारा ऐसा नही करूँगा

अपी ने भी और कुछ नही कहा और वहाँ से चली गई

अपी के जाने के बाद अम्मी मेरे रूम मे आ गई और मुझे कहा देख बेटा अगर मैने तेरी अपी को तुझ से करने के लिए मना लिया है तो मैं नेलु को भी तेरे साथ करवा दूं गी लेकिन अभी वक़्त नही आया

मैने कहा जी अम्मी सॉरी अब मैं दोबारा नही करूँगा

फिर मैं घर से निकल गया जब दुपहर को वापिस आया तो घर का डोर लॉक था जब मैने बेल बजाई तो कोई 5 मिंट के बाद डोर खुला तो अम्मी थी

अम्मी ने मुझे देखते ही कहा अच्छा हुआ तू भी आ गया और मुझे अंदर खींच लिया जब मैं अम्मी के रूम मे गया तो

वहाँ का मंज़र देख कर मैं समझ गया कि डोर खुलने मे इतनी देर क्यो हुई

अली उस वक़्त अपी की गांद मार रहा था और मुझे देखते ही थोड़ा शर्मा गया अम्मी ने कहा चल नसीर तू भी अपनी ड्रेस उतार दे और खुद भी कपड़े उतारने लगी

फिर मैने भी अपने कपड़े उतारे और अपने लंड को अपी के मुँह मे दे दिया जो कि डोगी बनी अली के लंड को अपनी गांद मे घुसा के चुदवा रही थी

अपी भी लोलप्प्प्प्प्प लोलप्प्प्प्प्प की आवाज़ों के साथ मेरे लंड को चूसने लगी और मैं अपी के बालो को पकड़ के अपने लंड को अपी के मुँह मे घुसने लगा और अहह अप्पीईईईईईईई

और अम्मी ने जब ये देख तो अली को अपी की गांद मे से अपना लंड निकालने को कहा जब अली ने अपी की गांद मे से अपने लंड को निकल लिया तो अम्मी ने अली को लिटा के अपनी गांद को अली के लंड पे सेट किया और एक ही झटके मे पूरा लंड अपनी गांद मे ले लिया

अली का लंड जैसे ही अम्मी की गांद मे पूरा घुसा अम्मी की आईईईईईई अलईइीईईईईई की आवाज़ निकली

और अली ने अम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और अपने सीने से लगा लिया और अम्मी के होंठो को चूसने लगा

इधर अपी बड़े मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी फिर मैने अपी को नीचे लिटा लिया और उस की टाँगे उठा के अपने लंड को एक ही झटके मे अपी की फुद्दि मे घुसा दिया

अपी आहह कमिने आहिस्ता नही कर सकता किया उन्मह भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे तेज़ी से चोदो मेरे भाई अहह

और मैं भी अपनी पूरी ताक़त से अपी की फुददी मारने लगा और ये साली रंडी अहह और चुदा मा चोद कुतिया उफफफफफफफफफ्फ़ अहह

अपी भी भाई मुझे चोदो भाई तेरी बेहन की फुद्दि बड़ी गरम है भाई अहह अम्मिईीईईईईईई मैं गैिईईईईई उन्मह

और उधर अब अली भी अम्मी को अपने लंड पे बिठा के अम्मी की गांद मार रहा था और अहह अम्मी मज़ा आ रहा है

और अम्मी भी अली के बालों मे अपनी उंगलियाँ को फेर रही थी और अली के लंड पे ऊपर नीचे हो रही थी

इधर अब मेरा फारिघ् होने वाला था मैने बड़ी ज़ोर से बाजी को डबोच के उस की फुद्दि मार रहा था और अपी को गालियाँ भी दे रहा था

अहह साली गश्ती मैं गया उन्मह अपी मेरी रंडी बेहन साली मैं आने वाला हूँ

अपी भी हां भाई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे इसी तरह चोदा करो अहह भाई मेरा भी होना वाला है भाई तेरी बेहन की फुद्दि को ठंडा हो लेने देना भाई

और इस के साथ ही हम दोनो बेहन भाई भी फारिघ् हो गये और मैं अपी के ऊपर ही लेट गया

उधर अली भी अम्मी की गांद मे फारिघ् हो चुका था और वो दोनो मा बेटा भी इसी तरह एक दूसरे के ऊपर ही लेटे हुए थे
 
[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]फारिघ् होने के बाद हम सब ऐक दूसरे से अलग बे सुध हो कर लेट गये. मैं ने अम्मी से पूछा नेलु कहा है तो अम्मी ने बताया वो शायद ज़ारा की तरफ गई हे. फिर हम सब बारी बारी वॉशरूम से फारिघ् होने के बाद बाहर इकट्ठे बैठ कर बातें करनी लगे. मेरी नज़र अपी के बूब्स पर टिक कर रह गई थी. ऑर अपी के बूब्स के मुतलिक सोच सोच कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था. अम्मी ने मेरी नज़रों का पीछा किया तो मुस्करा कर बोली नसीर बेटा क्या सोच रहे हो.मे चोंक गया ओर बोला "कुछ नही अम्मी जान" "कोई तो बात है क्या अपनी अपी का दूध पीने को दिल कर रहा है??" मे जवाब मे सिर्फ़ मुस्करा दिया मेरी मुस्कराहट को देखती ही अपी भी बोल पड़ी " बेचारा मेरा भाई इतनी मेहनत तो करता है, अगर उस का दिल कर रहा है तो पिला देना चाहिए, पियेगा नही तो जान कैसे आएगी ,ऑर जान नही हो गी तो फिर हमे मज़ा कॉन दे गा" अपी का इतना कहना था कि हॉल हमारी हँसी से गूँज उठा, इतनी मे दरवाज़े पे दस्तक हुई तो मे ने दरवाज़ा खोला सामने नीलू ही खड़ी थी.जानी क्यू मे चाह कर भी अपनी छोटी बहेन से नज़रें नही मिला पा रहा था, शायद अपनी उस दिन की हरकत की वजह से. खैर दोपहर का खाना तैयार हुआ ऑर हम सब ने मिल कर खाना खाया ऑर इधेर उधर की बातों मे मसरूफ़ हो गये .बातों बातों मे मैं ने अपी से रात के मुतलिक पूछा तो उन्होने ने आज के लिया मना कर दिया. मे भी यही चाहता था.रोज़ रोज़ की चुदाई से सेहत बिगड़ने का भी ख़तरा होता है. ईद ऐसे ही गुज़र गई ऑर मेरी जॉब फिर से स्टार्ट हो गई.जॉब पे जाते ही सफदार ने पकड़ लिया ऑर ईद पे ना मिलने का शिकवा करने लगा . मगर मे तो दिल ही दिल मे मुस्करा रहा था कि दोस्त जब 2 2 फुद्दियाँ सामने हों तो दुनिया वालो को कॉन पूछता है .उस वक़्त तो अपनी भी बेगानी हो जाती हैं.दिन तेज़ी से गुज़रने लगे ऑर सारा दिन जॉब पर होने की वजह से अपी ऑर अम्मी की फुद्दि लिए काफ़ी दिन गुज़र गये .सनडे को अबू भी घर होते तो हफ्ते की रात भी कुछ करना मुश्किल होता, ऑर बाकी दिनो मे मजे जॉब से फ़ुर्सत नही मिलती थी.इक रात मे जल्दी ही जॉब से घर वापिस आ गया तो अम्मी ने दरवाज़ा खोला . .[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"अच्छा हुआ तुम आ गये नसीर"अम्मी ने मुझे देखती ही मुस्करा कर कहा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"क्यू ख़ैरियत क्या चल रहा है" मे ने सवालिया नजरो से पूछा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"कुछ भी नही ब्स प्यार की होली खेली जा रही हे"[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"अबू घर नही हैं क्या " मे ने जल्दी जल्दी मे पूछा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"नही, हों भी तो क्या फ़र्क पड़ता है, नींद की गोलिया उनकी मोजूदगि का हल है ना" अम्मी ने आँख मारते हुए कहा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मे मुस्करा कर अम्मी से लिपट गया ऑर दरवाज़े पर ही उनके कपड़े उतारने लगा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"इतनी भी जल्दी क्या है , अभी आए हो, फ्रेश तो हो जाओ"[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मे जल्दी से अपनी रूम मे गया ऑर नहा के सीधा अम्मी के रूम मे चला.रूम मे दाखिल होते ही मे हक्का बक्का रह गया क्यू कि आज मेरी जगह मामू ने ले ली थी. अली ऑर मामू दोनो अपी ऑर अम्मी को जम के चोद रहे थे. मतलब मेरी गैर मोजोदगि का भरपूर फ़ायदा उठाया जा रहा था.सब नंगे ही बेड ऑर सोफे पर ऐक दूसरे के लंड ऑर फुद्दि से खैल रहे थे. इतने दिन चुदाई ना करने की वजाह से मे तो पहली ही बहुत एग्ज़ाइट था ,ऑर मेरा लंड फुल हार्ड था. मगर कमरे का नज़ारा देख और तन गया.अम्मी मामू की टाँगो के दरम्यान बैठी उसके लॅंड को कभी अपने होंटो से टच करती ऑर कभी होंटो से लगाती, ऑर साथ साथ कहती मेरा शायरर्र्ररर . . . अभी तुम ने मुझे बोह्त मज़ा देना है. ऑर अपना जूस भी पिलाना है .बचपन की यादें ताज़ा करनी हैं . . .[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अपी की नज़र मुझ पर पड़ी जो अपनी फुद्दि मे अली का लंड लिए इर्द गिर्द से बे खबर अपनी चुदाई मे मसरूफ़ थी ,अब फारिघ् हो कर ऐक तरफ लेट गई थी.[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"भाई क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हैं,पहले कभी नही देखा क्या हमे ?? "[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]नही अपी, मे सोच रहा हूँ मेरे लॅंड की प्यास इस वक़्त कोन बेहतर भुजा सकता है" मे ने आँख मारते हुए कहा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अपी मुस्करा दी" अभी आपकी अपी मे इतना दम है कि आप के शोनी मोनी शायर की प्यास को अपनी फुददी से ख़तम कर सके"[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अभी मे ने खुशी मे मेरा अपना ऐक कदम अपनी अपी की तरफ बढ़ाया ही था कि दरवाज़े पर दस्तक की आवाज़ आई,ऑर हम सब परेशान हो गये कि इस वक़्त कॉन आ सकता है!!!![/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अम्मी जो मामू का लॅंड फुद्दि मे डाल चुकी थी, फॉरन से उछल पड़ी ऑर मुझे कहा " नसीर देखना इस वक़्त कॉन आगया है कही तुम्हारे अबू ही ना आ गये हों" ऑर हम ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन'ने लगे.मामू को मे ने अपने कमरे मे अली के साथ भेज दिया ऑर अपी अपनी कमरे मे चली गई.मे जल्दी से दरवाज़े की तरफ दौड़ा ,दरवाज़ा खोला तो अबू ही थे.शूकर कि हम ने दरवाज़े की कुण्डी भी लगा रखी थी वरना गेट की चाबी तो अबू के पास मोजूद थी.[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"आज बहुत जल्दी आ गये आप"मे ने सलाम का जवाब देते हुए पूछा[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]"हाँ बेटा, आज काम कुछ ज़्यादा नही था,जल्दी छुट्टी हो गई"[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मे मायूस अपने कमरे मे वापिस आ गया. मंज़िल के बहुत करीब आकर मंज़िल को खो देने का कितना दुख होता है आज इस बात का ठीक से अंदाज़ा हो रहा था.अबू के डर की वजह से ऑर आने वेल ख़तरे के डर से मेरा उठा हुआ लंड भी बैठ चुका था ऑर दिल की धड़कन जो तेज हो चुकी थी अब काफ़ी हद तक नॉर्मल हो चुकी थी.[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अबू आते ही रूम की तरफ चले गये और मैं डोर को लॉक कर के अपने रूम मे आ गया और अबू को कोसने लगा कि आख़िर थोड़ा और लेट नही आ सकते थे क्या[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]कुछ देर के बाद अपी मेरे रूम मे खाना ले के आ गई तो मैने कहा अपी मेरा कुछ सोचो प्लज़्ज़्ज़[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अपी ने मुस्कुराते हुए कहा मेरे भाई क्या हो गया है मैं हूँ ना[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैने कहा अपी अब हम कैसे करेंगे क्योकि अबू भी घर पे ही हैं अब तो[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अपी ने कहा भाई वो अपने रूम मे ही रहेंगे रात को मेरे रूम मे नही[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अपी की बात सुन कर मैं खुश हो गया और बोला लेकिन अपी नेलु भी तो हो गी ना वहाँ[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]अपी ने कहा तो क्या हुआ मेरी जान अम्मी के पास नींद की गोलियाँ जो पड़ी हैं वो कब काम आएँगी[/font]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif]मैं खुश हो गया और उठ कर अपी से लिपट गया और उन्हे किस करने लगा तो अपी ने मुझे पीछे धकेल दिया और बोली अभी नही रात को 11 बजे के बाद मेरे रूम मे[size=large]फारिघ् होने के बाद हम सब ऐक दूसरे से अलग बे सुध हो कर लेट गये. मैं ने अम्मी से पूछा नेलु कहा है तो अम्मी ने बताया वो शायद ज़ारा की तरफ गई हे. फिर हम सब बारी बारी वॉशरूम से फारिघ् होने के बाद बाहर इकट्ठे बैठ कर बातें करनी लगे. मेरी नज़र अपी के बूब्स पर टिक कर रह गई थी. ऑर अपी के बूब्स के मुतलिक सोच सोच कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था. अम्मी ने मेरी नज़रों का पीछा किया तो मुस्करा कर बोली नसीर बेटा क्या सोच रहे हो.मे चोंक गया ओर बोला "कुछ नही अम्मी जान" "कोई तो बात है क्या अपनी अपी का दूध पीने को दिल कर रहा है??" मे जवाब मे सिर्फ़ मुस्करा दिया मेरी मुस्कराहट को देखती ही अपी भी बोल पड़ी " बेचारा मेरा भाई इतनी मेहनत तो करता है, अगर उस का दिल कर रहा है तो पिला देना चाहिए, पियेगा नही तो जान कैसे आएगी ,ऑर जान नही हो गी तो फिर हमे मज़ा कॉन दे गा" अपी का इतना कहना था कि हॉल हमारी हँसी से गूँज उठा, इतनी मे दरवाज़े पे दस्तक हुई तो मे ने दरवाज़ा खोला सामने नीलू ही खड़ी थी.जानी क्यू मे चाह कर भी अपनी छोटी बहेन से नज़रें नही मिला पा रहा था, शायद अपनी उस दिन की हरकत की वजह से. खैर दोपहर का खाना तैयार हुआ ऑर हम सब ने मिल कर खाना खाया ऑर इधेर उधर की बातों मे मसरूफ़ हो गये .बातों बातों मे मैं ने अपी से रात के मुतलिक पूछा तो उन्होने ने आज के लिया मना कर दिया. मे भी यही चाहता था.रोज़ रोज़ की चुदाई से सेहत बिगड़ने का भी ख़तरा होता है. ईद ऐसे ही गुज़र गई ऑर मेरी जॉब फिर से स्टार्ट हो गई.जॉब पे जाते ही सफदार ने पकड़ लिया ऑर ईद पे ना मिलने का शिकवा करने लगा . मगर मे तो दिल ही दिल मे मुस्करा रहा था कि दोस्त जब 2 2 फुद्दियाँ सामने हों तो दुनिया वालो को कॉन पूछता है .उस वक़्त तो अपनी भी बेगानी हो जाती हैं.दिन तेज़ी से गुज़रने लगे ऑर सारा दिन जॉब पर होने की वजह से अपी ऑर अम्मी की फुद्दि लिए काफ़ी दिन गुज़र गये .सनडे को अबू भी घर होते तो हफ्ते की रात भी कुछ करना मुश्किल होता, ऑर बाकी दिनो मे मजे जॉब से फ़ुर्सत नही मिलती थी.इक रात मे जल्दी ही जॉब से घर वापिस आ गया तो अम्मी ने दरवाज़ा खोला . .
[/font][/size]


[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"अच्छा हुआ तुम आ गये नसीर"अम्मी ने मुझे देखती ही मुस्करा कर कहा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"क्यू ख़ैरियत क्या चल रहा है" मे ने सवालिया नजरो से पूछा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"कुछ भी नही ब्स प्यार की होली खेली जा रही हे"[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"अबू घर नही हैं क्या " मे ने जल्दी जल्दी मे पूछा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"नही, हों भी तो क्या फ़र्क पड़ता है, नींद की गोलिया उनकी मोजूदगि का हल है ना" अम्मी ने आँख मारते हुए कहा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]मे मुस्करा कर अम्मी से लिपट गया ऑर दरवाज़े पर ही उनके कपड़े उतारने लगा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"इतनी भी जल्दी क्या है , अभी आए हो, फ्रेश तो हो जाओ"[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]मे जल्दी से अपनी रूम मे गया ऑर नहा के सीधा अम्मी के रूम मे चला.रूम मे दाखिल होते ही मे हक्का बक्का रह गया क्यू कि आज मेरी जगह मामू ने ले ली थी. अली ऑर मामू दोनो अपी ऑर अम्मी को जम के चोद रहे थे. मतलब मेरी गैर मोजोदगि का भरपूर फ़ायदा उठाया जा रहा था.सब नंगे ही बेड ऑर सोफे पर ऐक दूसरे के लंड ऑर फुद्दि से खैल रहे थे. इतने दिन चुदाई ना करने की वजाह से मे तो पहली ही बहुत एग्ज़ाइट था ,ऑर मेरा लंड फुल हार्ड था. मगर कमरे का नज़ारा देख और तन गया.अम्मी मामू की टाँगो के दरम्यान बैठी उसके लॅंड को कभी अपने होंटो से टच करती ऑर कभी होंटो से लगाती, ऑर साथ साथ कहती मेरा शायरर्र्ररर . . . अभी तुम ने मुझे बोह्त मज़ा देना है. ऑर अपना जूस भी पिलाना है .बचपन की यादें ताज़ा करनी हैं . . .[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अपी की नज़र मुझ पर पड़ी जो अपनी फुद्दि मे अली का लंड लिए इर्द गिर्द से बे खबर अपनी चुदाई मे मसरूफ़ थी ,अब फारिघ् हो कर ऐक तरफ लेट गई थी.[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"भाई क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हैं,पहले कभी नही देखा क्या हमे ?? "[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]नही अपी, मे सोच रहा हूँ मेरे लॅंड की प्यास इस वक़्त कोन बेहतर भुजा सकता है" मे ने आँख मारते हुए कहा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अपी मुस्करा दी" अभी आपकी अपी मे इतना दम है कि आप के शोनी मोनी शायर की प्यास को अपनी फुददी से ख़तम कर सके"[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अभी मे ने खुशी मे मेरा अपना ऐक कदम अपनी अपी की तरफ बढ़ाया ही था कि दरवाज़े पर दस्तक की आवाज़ आई,ऑर हम सब परेशान हो गये कि इस वक़्त कॉन आ सकता है!!!![/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अम्मी जो मामू का लॅंड फुद्दि मे डाल चुकी थी, फॉरन से उछल पड़ी ऑर मुझे कहा " नसीर देखना इस वक़्त कॉन आगया है कही तुम्हारे अबू ही ना आ गये हों" ऑर हम ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन'ने लगे.मामू को मे ने अपने कमरे मे अली के साथ भेज दिया ऑर अपी अपनी कमरे मे चली गई.मे जल्दी से दरवाज़े की तरफ दौड़ा ,दरवाज़ा खोला तो अबू ही थे.शूकर कि हम ने दरवाज़े की कुण्डी भी लगा रखी थी वरना गेट की चाबी तो अबू के पास मोजूद थी.[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"आज बहुत जल्दी आ गये आप"मे ने सलाम का जवाब देते हुए पूछा[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]"हाँ बेटा, आज काम कुछ ज़्यादा नही था,जल्दी छुट्टी हो गई"[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]मे मायूस अपने कमरे मे वापिस आ गया. मंज़िल के बहुत करीब आकर मंज़िल को खो देने का कितना दुख होता है आज इस बात का ठीक से अंदाज़ा हो रहा था.अबू के डर की वजह से ऑर आने वेल ख़तरे के डर से मेरा उठा हुआ लंड भी बैठ चुका था ऑर दिल की धड़कन जो तेज हो चुकी थी अब काफ़ी हद तक नॉर्मल हो चुकी थी.[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अबू आते ही रूम की तरफ चले गये और मैं डोर को लॉक कर के अपने रूम मे आ गया और अबू को कोसने लगा कि आख़िर थोड़ा और लेट नही आ सकते थे क्या[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]कुछ देर के बाद अपी मेरे रूम मे खाना ले के आ गई तो मैने कहा अपी मेरा कुछ सोचो प्लज़्ज़्ज़[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अपी ने मुस्कुराते हुए कहा मेरे भाई क्या हो गया है मैं हूँ ना[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]मैने कहा अपी अब हम कैसे करेंगे क्योकि अबू भी घर पे ही हैं अब तो[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अपी ने कहा भाई वो अपने रूम मे ही रहेंगे रात को मेरे रूम मे नही[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अपी की बात सुन कर मैं खुश हो गया और बोला लेकिन अपी नेलु भी तो हो गी ना वहाँ[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]अपी ने कहा तो क्या हुआ मेरी जान अम्मी के पास नींद की गोलियाँ जो पड़ी हैं वो कब काम आएँगी[/font][/size]

[font="Lucida Grande", "Trebuchet MS", Verdana, Helvetica, Arial, sans-serif][size=large]मैं खुश हो गया और उठ कर अपी से लिपट गया और उन्हे किस करने लगा तो अपी ने मुझे पीछे धकेल दिया और बोली अभी नही रात को 11 बजे के बाद मेरे रूम मे[/font][/size]
 
मैं अपी की बात मान गया और बैठ कर खाना खाने लगा और फिर अपी मेरे रूम मे आ गई और बर्तन उठा लिए और जाते हुए मुझे देखते हुए बोली भाई 11 बजे ठीक है ना

मैने हां मे सर हिला दिया और लेट कर 11 बजे का इंतज़ार करने लगा ठीक 11 बजे मैं बेड से उतरा और अपी के रूम की तरफ चल पड़ा

अपी के रूम को बाहर से मैने हल्का सा दबाव दिया तो वो बिना किसी आवाज़ के खुलता चला गया और मैं रूम मे इन हो गया अपी ने रूम की लाइट बंद की हुई थी

अपी मुझे डोर पर खड़ा देखते ही स्लो आवाज़ मे बोली भाई डोर को लॉक कर के आ जाओ वहाँ क्यों खड़े हो

मैने डोर को लॉक कर दिया और बेड के पास चला गया और बेड पे अपी के पास जाने से पहले मैं अपनी ड्रेस उतार दी और नंगा हो गया

फिर मैं अपी के पास बेड पे चला गया तब तक अपी भी अपनी ड्रेस उतार के बैठ चुकी थी मैने अपी की टाँगों को पकड़ के अपनी तरफ खींचा और उन की टाँगों को खोल दिया

अपी मेरे इस तरह करने से बेड पे लेट गई और मैने अपना मुँह अपी की सॉफ फुद्दि पे रख दिया और चाटने लगा कभी अपी की फुद्दि को चाटता और कभी मैं अपनी ज़ुबान अपी की फुद्दि मे घुसाने की कोशिश करने लगता

अपी मेरी इस हरकत से काफ़ी गरम हो रही थी और फिर अपी मेरे सर को अपनी फुद्दि पे दबाने लगी और आहह भाईईईईईईईईईई तुम कितना प्यार करते हो अपनी बड़ी बेहन सीईईईई उन्मह हान्ंननणणन् भाईईईईईईईई खा जऊऊऊओ आज्ज्जज्ज मेरिइईईई फुद्दि कूऊऊऊऊ आहह

मैने अपने सर को अपी की फुद्दि से हटा लिया और बोला अपी क्या करती हो अगर अबू ने सुन लिया तो क़यामत आ जाएगी घर मे आराम से बोलो

अपी ने मुझे अपनी फुद्दि की तरफ खींच लिया और बोली ठीक है भाईईइ अभी तो तुम अपना काम करो चूसो मेरी फुद्दी को मैं अब आवाज़ नही करूँगी

मैं अब फिर से अपी की फुद्दि को चूसने और चाटने लगा और अपी फिर से आहह मेरे सोहनय्यययययययी भाईईईईईईईई हान्ंणणन् इसी तरहााआ से करूऊऊ

मैं फिर उठने लगा तो अपी ने अपने हाथों के साथ अपनी टाँगों मे भी मुझे दबोच लिया और सिसकते हुए बोली नैईईईईईई भाईईइ अभी और करूऊऊऊ

मैने उठने की काफ़ी कोशिश की लेकिन नाकाम रहा और फिर से अपी की फुद्दि को चूसने लगा तो 2 मिंट मे ही अपी आहह मेरे भाईईईईईईईई उन्मह आहह गैिईईईईईईईईईईई मैं भाईईईईईईईईई

इस के साथ ही अपी के जिस्म को 2 3 झटके से लगे और अपी की फुद्दि से पानी का सेलाब बहने लगा जो कि सारा मेरे मुँह पे ही आ रहा था जिसे मैं मज़े से पी गया

अब अपी ने अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया था जिस से मैं भी उठने मे कमियाब हो गया और उठते ही लंबी सी सांस ली और अपी की तरफ देखा

अपी उस वक़्त आँखे बंद किए लंबी साँसे ले रही थी

मैने अपी को कुछ भी नही कहा और खुद उन की टाँगों को उठा कर अपने लंड को अपी की फुद्दि पे सेट किया और एक ही झटके मे पूरा घुसा दिया

मेरे लंड के घुसते ही अपी ने आँखे खोल के मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी

अब मैने अपने लंड को अपी की फुद्दि मे इन आउट करना शुरू कर दिया और अपी भी थोड़ा सा अपनी गांद को उठा के मेरा साथ देने लगी

मैने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अपी के बूब्स को दबाने लगा ज़ोर से

अपी मेरे इस तरह करते ही सिसक पड़ी और आऐईयईईईईईईई हरमिीईईईईई आराम सीईईई करूऊऊओदार्ड होता हाईईईईईईईई आअहह भाईईईईईई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

मैने अपी की बात का कोई जवाब नही दिया और अपी के बूब्स को ज़ोर से मसल्ते हुए तेज़ झटके भी लगाता रहा और हाआँ अब बोल्ल्ल्ल रनडिीईई सलिइीईईईईई किया होवााा हाईईईईईई तुझीईए

अपी की आँखों में अब आँसू भी आ गये थे क्योकि मैं अपनी पूरी ताक़त से झटके लगा रहा था और साथ ही उन के बूब्स को भी मसल रहा था जिस से अपी को तकलीफ़ हो रही थी

अपी ने कहा भाई क्या कर रहे हूऊ पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आराम से प्यार से दबऊऊऊ ना दर्द होता हाईईईईईईईईईई उउफफफफफफ्फ़

मैने अपने हाथों की गरिफ्त ढीली की और बोला साली जब मैं कह रहा था कि आहिस्ता बोलो कोई सुन ले गा तो असर नही हो रहा था और मुझे अपनी टाँगों के साथ दबा लिया था

अपी भाईईईईई मैं तुम्हारे फुद्दि चाटने से पिघल गई थी अपने होश में नही थी पता नही मुझे क्या हो गया था
 
मैने कहा अगर अबू सुन लेते या फिर नेलु उठ जाती तो क्या होता ये नही सोचा और इस के साथ झटको की रफ़्तार बढ़ा दी और आहह साली तू बेहन कम और मेरी रंडी ज़ियादा है

अपी ने कहा हां भाई मैं तेरी रंडी हूँ तू जो भी कहे गा मैं करूँगी उन्मह भाईईईईई हाआंन्‍ननणणन् अब मज़ा आ रहा हाईईईईईईई मुझीई और तेज़ करूऊऊ

हम दोनो बेहन भाई इसी तरह कोई 10 मिंट तक चुदाई करते रहे और फिर एक साथ ही फारिघ् हो गये और मैं अपी की साइड मे लेट गया और लंबी साँसे लेने लगा

कुछ देर के बाद मैं उठा और लाइट ऑन कर के अपनी ड्रेस उठा कर पहन ली और जाने लगा तो अपी ने कहा भाई बैठो ज़रा मैने आप से बात करनी है

मैं बैठ गया तो अपी ने सर उठा के मेरी आँखों मे देखा और बोली भाई क्या आप नेलु को चोदना चाहते हो

मैं अपी की इस बात के लिए तैयार नही था इस लिए थोड़ा घबरा गया और बोला न..नही तो क्यो पूछ रही हो

अपी ने कहा भाई अगर तुम ने नही चोदना तो ठीक है फिर क्योकि आज से 4 दिन बाद इस की सील अली से टूटने वाली है

अपी की बात सुन के मैं हक्का बक्का रह गया और बोला क्या मतलब

अपी ने कहा अगर नेलु को डेट नही आई होती तो आज कल मे ही काम हो जाना था

मैने कहा अपी क्या आप मेरे इसे तैयार कर सकती हो

अपी ने कुछ देर मेरी तरफ़देखा और बोली भाई मुझे तो नही भूल जाओ गे

मैने अपी को सीने से लगा लिया और कहा ये भला कैसे हो सकता है कि मैं तुम्हे भूल जाऊ

अपी ने कहा ठीक है कल नही परसो रात को तुम इस के साथ कर लेना

मैने कहा क्या नेलु तैयार हो जाएगी

अपी ने कहा हां हो जाएगी तुम टेन्षन नही लो ये मेरा काम है

मैने अपी को एक किस किया और नेलु की तरफ देखते हुए जाने लगा तो अपी ने कहा किस कर लो अगर दिल कर रहा है तो

मैं अपी की तरफ कुछ देर देखता रहा और फिर नेलु के पास चला गया और उस के लिप्स के साथ अपने लिप्स को मिला दिया और किस करने लगा

लेकिन उस वक़्त मुझे झटका लगा जब नेलु भी मेरी किस के जबाब मे मुझे किस करने लगी मैने नेलु को किस करते हुए तिरछी नज़रों से देखा तो वो भी मुस्कुरा रही थी

मैं समझ गया कि नेलु पहले से ही जाग रही थी और सोने का बहाना कर के हमारी चुदाई को एंजाय कर रही थी

फिर मैं उठा और अपी को बोला अपी मेरी इस प्यारी सी गुड़िया को तुम तैयार रखना अब मैं परसों इस के साथ सुहाग रात मनाउन्गा ठीक है

मेरी बात सुन के अपी मुस्कुरा दी और नेलु ने अपना मुँह को दूसरी तरफ घुमा लिया क्योकि वो शर्मा गई थी

फिर मैं अपी को एक किस करने के बाद थॅंक्स बोल के रूम से बाहर आ गया और अपने रूम मे आ कर लेट गया और ख्यालों मे नेलु की चुदाई करने लगा

क्रमशः..................................................
 
11

मैं सुबह उठा और नहा के ड्रेस चेंज की और नाश्ते के बाद काम पर चला गया लेकिन वहाँ लेबर के झगड़े की वजह से काम बंद पड़ा था

मैं वहाँ से घर की तरफ आने लगा तो पीछे से सफदार ने मुझे आवाज़ दे के रोका

मैं रुक गया और सफदार को देख के खुश हो गया और उसे सीने से लगा के मिला और हॉल चाल पूछा तो उस ने कहा चल घर चल के बैठते हैं

मैं उस के साथ घर आ गया और कहा भाई क्या बात है आज यहाँ ले के आए हो क्या आप की बाजी यहाँ आई हुई है

सफदार ने कहा नही यार वो लोग दूसरे शहर शिफ्ट हो गये हैं

मैने कहा यार ये तो बहुत बुरा हुआ तेरे साथ अब क्या सिर्फ़ भाभी के साथ ही गुज़ारा हो रहा है

सफदर ने मेरी तरफ देखते हुए कहा यार अब तुझ से क्या छुपाना बात ये है कि तेरी भाभी तो मुझे अपने पास भी नही आने देती

मैं उस की बात सुन के हेरान हुआ और बोला भाई वो क्यो क्या सब ठीक है ना

सफदार ने हां मे सर हिला दिया और कहा बस यार वो कहती है कि अब बच्चे बड़े हो रहे हैं इस लिए शरम किया करो

मैने कहा हां यार बच्चे होने के बाद औरत अपने शोहार पे कम और बच्चो से ज़ियादा प्यार करने लगती है और ये तो सब के साथ होता है

सफदार ने मेरी तरफ देखते हुए कहा यार कुछ सोच ना

मैने कहा यार सफदार मैं अब इस मे क्या कर सकता हूँ भाभी को तो समझा नही सकता

सफदार ने कहा नही यार किसी लड़की का बंदोबस्त कर ना यार पैसे मिला के उसे दे देंगे

मैं सफदार की बात सुन के चुप हो गया और सोचने लगा तभी सफदार ने फिर से कहा यार देख मैं भी तो तेरी ऐश करवाता रहा हूँ और वो भी अपनी सग़ी बेहन के साथ

मैने सफदार की तरफ देखते हुए कहा लेकिन यार उसे ले के कहाँ जाएँगे

सफदार ने कहा यार यहाँ करीब ही मेरे दोस्त का मकान है वहाँ बुला लो उसे

मैने कहा क्या तुम्हारा दोस्त भी हो गा क्या वहाँ

सफदार ने कहा नही यार वो गाओं गया हुआ है और मकान की चाबी मेरे पास है बस हम दोनो ही होंगे वहाँ और है भी साइड मे किसी को पता नही चले गा

मैने कहा चलो मुझे वो मकान दिखा दो मैं कोशिश करता हूँ कि काम बन जाए

सफदार ने मुझे मकान दिखा दिया और मैं उसे वहीं रुकने का बोल के घर की तरफ चल पड़ा

घर मैं अम्मी के साथ अपी और नेलु भी थी मैने अम्मी को रूम मे आने का इशारा किया और उन से कहा कि अम्मी मैं अपी को अपने साथ ले जा रहा हूँ शाम को हम वापिस आ जाएँगे

अम्मी ने कहा क्यों बेटा कहाँ जाना है तुम ने अपनी अपी को ले कर

मैने अम्मी की तरफ देखते हुए मुस्कुरा दिया और बोला अम्मी आज मैं अपी को अपने एक दोस्त के पास ले जा रहा हूँ जहाँ हम मिल के अपी को चोदेन्गे

अम्मी ने कहा अच्छा तो ये बात है लेकिन बेटा अपनी अम्मी का भी ख्याल रखा करो

मैने कहा अम्मी आप तो खुद ही उस्ताद हैं पता नही कितने ले चुकी हो और कितने अभी लो गी

अम्मी ने मुझे एक हल्का सा थप्पड़ मारा और मुस्कुराते हुए बोली क्यों मेरे बेटे को एतराज़ है क्या इस मे

मैने कहा नही अम्मी भला मैं क्यो एतराज़ करूँ ये आप की लाइफ है आप अपना अच्छा भला हम से ज़्यादा समझ सकती हैं

अम्मी ने कुछ देर मेरी तरफ देखा और कहा ठीक है बेटा ले जाओ लेकिन ज़रा जल्दी आ जाना

मैं अम्मी को अच्छा अम्मी बोलता हुआ बाहर निकला और अपी से कहा चलो अपी आप तैयार हो जाओ आप ने मेरे साथ जाना है

अपी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा भाई कहाँ जाना है

मैने कहा अपी बाद मे बता दूँगा आप को अभी जल्दी से तैयार हो जाओ

अपी उठी और रूम की तरफ जाने लगी तो नेलु भी उन के साथ ही उठ गई और रूम मे चली गई और कोई 20 मिंट के बाद ही अपी तैयार हो के आ गई

फिर मैं अपी को ले के सफदार की तरफ चल पड़ा रास्ते मे अपी बार बार मुझ से पूछती रही कि भाई आप मुझे कहाँ ले जा रहे हो बता तो दो

लेकिन मैने कहा अपी आप को मसला क्या है क्या मुझ पे ऐतबार नही है

मेरी बात से अपी चुप हो गई और फिर जब तक हम सफदार के पास पहुच नही गये अपी ने कोई बात नही की मेरे साथ

सफदार ने हमारे अंदर आते ही डोर को लॉक कर दिया और अपी की तरफ देखते हुए बोला यार रंडी भी तो कमाल की लाया है कितने मे बात हुई है इस के साथ

मेरे बोलने से पहले अपी ने हेरान नज़रों से मेरी तरफ देखा तो मैने उसे इशारे से चुप करवा दिया और कहा यार अपने मुहल्ले की है और ये रंडी नही है बस कुछ पैसों की ज़रूरत है इस को जो हम देंगे रख ले गी बेफिकर रह
 
सफदार मेरी बात सुन के खुश हो गया और अपी को अपनी तरफ खींच लिया और उस के बूब्स को पकड़ के दबाने लगा और साथ ही किस भी करने लगा

मैं ये देख कर अपनी ड्रेस उतारने लगा और ड्रेस उतार के अपी के पास चला गया और सफदार को हटा के अपी की ड्रेस उतारने लगा और सफदार ने भी ड्रेस उतार दी

अब अपी हमारे दरमियाँ नंगी खड़ी थी और हमे देख रही थी कि मैने उसे बेड पे लिटा दिया और उस की टाँगे खोल के फुद्दि चूसने लगा

सफदार ने अपने लंड को अपी के मुँह से लगा दिया जिसे अपी मज़े से चूसने लगी अब मैं अपी की फुद्दि के लिप्स को खोल के उस मे अपनी ज़ुबान को घुसाने की कोशिश करता

मेरे इस तरह करने से अपी ने सफदार के लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और आअहह जानुउऊुुुुउउ उन्मह ये किय्ाआआ कर रहीई हूऊऊ हान्ंननणणन् घुसा डूऊऊ मेरिइइ फुद्दिईईईई मैं अपनी ज़ुबान कूऊऊ आहह हून्णन्न् मज़ा आ रहा हाईईईईईई भाईईईईईईईईईईईईई

अपी के मुँह से भाई सुनते ही मैने अपना सर उठा लिया और अपी को देखने लगा लेकिन अपी तो अपनी ही मस्ती मे थी लेकिन सफदार फटी आँखों के साथ मेरी तरफ देख रहा था

मैने फिर से अपने सर को झुका लिया और अपी की फुद्दि चाटने लगा क्योकि अब मुझ मे सफदार की तरफ देखने की हिम्मत नही थी

और अपी थी कि आहह भाईईईईईईई खा जऊऊओ मेरिइईई फुद्दिईईईई कूऊऊऊ उन्मह हाआंन्‍ननणणन् भाई मज़ा आ रहा है मुझीईईई

कुछ देर के बाद अपी के जिस्म को झटके लगे और अपी की फुद्दि ने पानी छोड़ दिया जो कि सारा मेरे मुँह मे ही गया और मैं उसे पी गया

जब मैने सर उठाया और सीधा हो के अपी की फुद्दि पे अपने लंड को सेट किया तो सफदार की आवाज़ सुनाई दी वो कह रहा था यार क्या ये तेरी बेहन है

उस वक़्त पता नही मैने कैसे बोल दिया कि नही यार हम्साइ है और मैं इस के अबू को चाचा जान कहता हूँ और इस का कोई भाई नही है तो ये मुझे भाई बुलाती है

सफदार ने और कुछ नही कहा और अपी के मुँह मे अपना लंड घुसा दिया जिसे अपी लोलप्प्प्प लोल्लप्प्प्प्प की आवाज़ के साथ चूसने लगी

और मैने अपने लंड को एक ही झटके मैं अपी की फुद्दि की सैर करवा दी

अब सफदार मेरी बेहन के मुँह मे लंड डाल के चुस्वा रहा था और मैं अपी की फुद्दि मार रहा था

कुछ देर के बाद मैने अपना लंड अपी की फुद्दि निकल लिया तो सफदार फॉरन मेरे पास आ गया मैने कहा यार तो अब लेट जा और इसे अपने लंड पे बिठा ले

सफदार लेट गया और अपी उस के लंड पे बैठ गई तो मैने अपी की गांद पे ढेर सारा थूक लगा के अपने लंड को अपी की गांद मे घुसने लगा

अपी नीचे से मचलि और कहा नही भाई इस तरह नही पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे दर्द हो गा

मैने कहा चुप कर साली रंडी की औलाद और आराम से लेटी रह अभी तो तुझे शाम तक चोदना है हम दोनो ने मिल कर

सफदार ने भी अपी को नीचे से कस के पकड़ लिया था और मैने भी अपने लंड को आराम आराम से अपी की गान्ड मे घुसाना जारी रखा

अपी अब नाइईईईईईईईई भाईईईईईईई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बहिर्र्र्र्ररर निकालूऊऊ मेरिइई फॅट जये गििईईईईईईई भाईईईईईईई आऐईयईईईईईईईईईईई अम्मिईीईई मेरी फॅट गैिईईईईईईईईईईईईईई

लेकिन मैने अपी की कोई भी बात नही सुनी और अपने लंड को अपी की गान्ड मे घुसाना जारी रखा और कोई 5 मिंट मे मैने अपना पूरा लंड अपनी बेहन की गान्ड मे घुसा दिया क्योकि सफदार पहले ही अपी की फुददी मे अपने लंड को घुसा के बैठा हुआ था

जिस की वजह से मुझे इतना टाइम लगा जिस से कि अपी को जितनी तकलीफ़ होनी चाहिए थी नही हुई लेकिन फिर भी अपी की आँखे लाल हो चुकी थी और तकलीफ़ चेहरे से सॉफ नज़र आ रही थी
 
अपी अब रोते हो मुझे रोकने को बोल रही थी आऐईयईईईईईईई भाईईईईईई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ दर्द हो रहा है रोक जऊऊओ आहह अम्मिईीईईईईई मुझे बचा लूऊऊऊ नही तो मैं आज मर जाउ गििईईईईईईई

अब मैने अपने लंड को आहिस्ता से इन आउट करना शुरू कर दिया था जिस से कुछ ही देर मे मेरा लंड अपी की गांद मे आराम से इन आउट होने लगा

अब अपी को भी तकलीफ़ नही हो रही थी और वो भी आअहह भाईईईईईईईई अब कुछ आराम हाईईईईईईई उन्मह हान्ंनणणन् भाईईईईईई आहिस्ताआआ पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आहह उन्मह

इस के साथ ही सफदार ने भी नीचे से अपने लंड को अपी की फुद्दि मे हिलाना शुरू कर दिया था जिस से अपी को और भी मज़ा आने लगा

वो अब हून्ंनननणणन् और थोड़ा सा तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ करूऊऊऊ आअहह अम्मिईीईईईईई उन्मह मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईई

मैने अब अपनी स्पीड काफ़ी बढ़ा दी थी जिस से लज़्जत मे भी बे पनाह इज़ाफ़ा हो गया था और मैं भी अब हां सलिइीईईईईईईई रनडिीईईईईईई बड़ा शौक हाईईईईईई ना तुझे चुदनीईए कााआ ये लीईई आअहह हाआंन्‍णणन् बोल मेरी कुतिया मज़ाआआ आ रहा हाईईईईईईईईई आअहह की लंबी आवाज़ के साथ ही मैं अपी की गान्ड मे ही फारिघ् हो गया और साइड मे हो कर लेट गया

अब सफदार ने अपी को अपने उपर से उतरा और अपी को डॉग्गी बना लिया और लंड अपी की गान्ड मे घुसा दिया और तेज़ झटके देने लगा

अपी आहह अब अच्छा लग रहा हाईईईईईईईईई उन्मह और तेज़ करूऊऊऊ आअहह मैं गैिईईईईईई हान्ंनननणणन् और इस के साथ ही अपी की फुद्दि ने भी पानी छोड़ दिया और सफदार ने भी 3 4 झटको के साथ ही अपी गान्ड मे अपना पानी छोड़ दिया

शाम तक हम ने अपी को 2 बार मैने और 3 बार सफदार ने चोदा और शाम को जब हम घर के लिए निकले तो अपी से ठीक तरह से चला भी नही जा रहा था

हम घर पहुचे तो अबू सामने ही बैठे हुए थे और हमे देखते ही बोले हां भाई नसीर कहाँ से आ रहे हो तुम दोनो और नैइला को किया हुआ है

अपी मुझ से पहले ही बोल पड़ी वो अबू मैं अपनी सहेली के घर गई हुई थी और भाई मुझे वहाँ छोड़ने गये थे और वापिस भी लाना था इस लिए भाई वहीं बैठे रहे

अबू अजीब सी नज़रों से हमे देखते रहे और फिर सर को झुका लिया और हम वहाँ से रूम की तरफ खिसक लिए

मैने तो अपने रूम मे आते ही एक लंबी सांस छोड़ी क्योकि मुझे लग रहा था कि अबू को कोई शक हो गया है हम पर

थोड़ी ही देर गुज़री थी कि मुझे अबू की ज़ोर ज़ोर से अम्मी को आवाज़ देने की आवाज़ सुनी जो कि अम्मी को रूम मे आने के लिए कह रहे थे

मेरी तो हालत ही पतली हो रही थी कि पता नही क्या बात है कि तभी अपी भी मेरे रूम मे आ गई और बोली भाई अबू को कहीं कोई शक तो नही हो गया

मैने अपी की तरफ देखते हुए कहा अपी लगता तो कुछ ऐसा ही है

अपी और मैं मेरे रूम में बैठे हुए परेशानी मे एक दूसरे का मुँह ही देखे जा रहे थे

कोई 2 घंटे के बाद मुझे अम्मी के रूम का डोर ज़ोर से खुलने और बंद होने की आवाज़ सुनाई दी तो मैं फॉरन बाहर निकला तो अबू थे जो बाहर जा रहे थे

मैं लपक के अम्मी के रूम मे गया देखा तो अम्मी बेड पे बैठी हुई थी मुझे देखते ही बोली आओ मेरे शेर क्या बात है मुँह क्यो लटका हुआ है आज

मैने कहा अम्मी अबू क्या कह रहे थे अभी आप से

अम्मी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और कहा तुम्हे क्या लगता है क्या बात हो गी

मैने कहा अम्मी मुझे लगता है कि अबू को कोई शक हो गया है हम पे

अम्मी ने कहा हां यही बात है लेकिन तुम परेशान नही हो मैं संभाल लूँगी

मैने कहा लेकिन अम्मी अबू तो बड़े गुस्से मे लग रहे थे कहीं कोई मसला ना हो जाए देख लेना
 
Back
Top