hotaks444
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मैं तेरा आशिक़--7
गतान्क से आगे………………………..
राज ने डॉली का गला पकड़ा और कहा पर तुम लकी हो सच में बहुत फिकर करती है तुम्हारी लेकिन अफ़सोस ऊन्हे तुम्हारे प्यार की ज़रा सी भनक नही लगी मैने तुम्हे मना किया था आइ वॉर्न्ड यू राज ने डॉली से कहा चलो डिन्नर करते है
डॉली रोने लगी आज वो कितनी बेसहारा थी इस बात का अंदाज़ा उसे आज लगा था
मा के दिल में भी डॉली का यू फोन करके जल्दी काट देना ऊन्हे कुछ हजम नही हुआ वो थोड़ी परेशान थी
रात के बारह बज गये डॉली अब भी सो रही थी कि तभी राज उसके पास आके लेट गया डॉली ने अपनी आँखें धीरे धीरे खोली और पीछे मुड़कर देखा राज सो रहा था
डॉली ने करीब 26 मिनिट तक वेट किया कि कब वो गहरी नींद में जाए और वो वहाँ से भाग सके डॉली धीरे से उठी राज के ख़र्राटों की आवाज़े उसे सॉफ सुनाई दे रही थी डॉली धीमे धीमे कदमो से पलंग से नीचे उतरी और दरवाजे के पास गयी और दरवाजा धीरे धीरे खोलना चाहा दरवाजे की एक डराती हुई आवाज़ ने तो लगभग डॉली को डरा दिया डॉली ने तुरंत गेट को थोड़ा तिरछा खोला और दबे कदमो से नीचे उतरने लगी वो बार बार पीछे पलट कर राज पर भी नज़र दौड़ा रही थी कि तभी राज का हाथ एकदम से बगल मे रखा जहाँ कुछ देर पहले डॉली सो रही थी पर खैर डॉली ने वहाँ पर तकिया रख दिया था डॉली की आँखें एक दम बड़ी हो गयी पर राज अब भी गहरी नींद में था डॉली सीडियो पर बैठकर नीचे उतरने लगी वो लगभग सारी सीडिया उतर गयी बिजलिया खड़कने लगी थी बारिश हो रही थी डॉली दबे पाओ चलते हुए घर के मैन गेट के पास आई तो दरवाजे पर एक बड़ा सा लॉक लटका पड़ा था डॉली के सारे खेल पर पानी फिर चुका था डॉली वही पर दुखी होकर रोने लगी तभी उसने सामने पड़े मेज़ की ओर देखा डॉली धीरे धीरे बढ़ती चली जा रही थी उसने धीरे धीरे कवर्ड खोला उसमे डॉली को फोन था डॉली ने तुरंत फोन लिया और अपने पास रख लिया तभी डॉली की नज़र खिड़की पर पड़ी डॉली झट से खिड़की के पास आई अपना पाओ उसने एक नीचे रखा और एक पाऊ सैंटर में उसने खिड़की की चितकनी को खोलना चाहा एकदम से खट करके खिड़की खुल गयी डॉली ने धीरे धीरे खिड़की खोली खिड़की खुलते ही डॉली नीचे बाहर की ओर देखने लगी जहाँ काफ़ी किचॅड था डॉली ने पीछे पलटकर एक बार देखा और ऊपर देखा आज जो भी वो करने वाली थी उसे करना था जल्द से जल्द करना था एकदम से डॉली नीचे कूद गयी वो सीधे किचॅड में फिसलते हुए अपने आपको रोका डॉली वहाँ से अब भाग सकती थी घना कोहरा उपर ठंड और बिजली को चमकते देख वो थोड़ी डर भी गयी पर उसके कदम ज़ोर ज़ोर से भागने लगे बरसात में वो भीग रही थी उसका सफेद नाइट गाउन अब गीला हो चुका था वो पास गयी और कार की तरफ बढ़ना चाहा तभी उसने वहाँ से भागना ही ठीक समझा कुत्तो की रोने की आवाज़ें चारो तरफ से आ रही थी वो भाग रही थी चप छाप की आवाज़ उसे डरा रही थी वो रोते रोते भाग रही थी छाप छाप जैसी किचॅड की आवाज़े उसे डरा रही थी बार बार पीछे पलट कर देखा पर वहाँ कोई नही था
तभी भागते हुए वो रास्तो पर चलने लगी नंगे पैर थे उसके वो बार बार पीछे मुड़कर देखे जा रही थी डॉली सड़क पर नंगे पैर चल रही थी उसकी बस एक ही आस थी काश उसे कोई कार वाला दिख जाए या कोई इंसान जिससे मदद माँग कर वो घर जा सकती थी डॉली का पैर एक काँटे पर पड़ गया डॉली की चीख ज़ोर दार निकली और वो रोड पर ही बैठ गयी उसके पाओ में काँटा चुभ गया था लकड़ी का काँटा
डॉली ने अपना हाथ काँटे तक लाई और उसे झट से पाओ से निकालने की कोशिश की पर दर्द ने उसके आँखो से आँसू ही निकाल दिये थे वो बार बार रो रही थी उसे अब भी एक लंबा सफ़र तय करना था वो पीछे पलट कर देख रही थी कहीं अगर राज को मेरे वहाँ ना होने का पता लगा तब वो और ख़ूँख़ार जानवर की तरह पागल हो जाएगा और उसे ढूढ़ता ढूंढता उस तक पहुच जाएगा
डॉली ने अपने पाओ को कस्के एक हाथ से पकड़ा और दूसरे ही पल उसने दूसरे हाथ से उस काँटे को पकड़ा और एक ज़ोर लगाते हुए उसने दाँत पे दाँत रखा और एकदम ज़ोर से काँटे को बाहर खिच लिया खच की आवाज़ के साथ काँटा उसके हाथ में था उसके पाओ से बहता खून अब रुकने का नाम ही नही ले रहा था उसने लड़की के काँटे को फैंका और खड़ी होने की कोशिश की उसके फिरसे भागने पर भागा नही जा रहा था उसने अपने दर्द को पी लिया और दर्द को छोड़ वो फिरसे भागने लगी खून उसके पूरे पाओ से आ रहा था लंगड़ाते हुए भागकर जंगल से निकल रही थी और तेज़ बिजलियो ने सिचुयेशन को और भी डरावना बना लिया था
गतान्क से आगे………………………..
राज ने डॉली का गला पकड़ा और कहा पर तुम लकी हो सच में बहुत फिकर करती है तुम्हारी लेकिन अफ़सोस ऊन्हे तुम्हारे प्यार की ज़रा सी भनक नही लगी मैने तुम्हे मना किया था आइ वॉर्न्ड यू राज ने डॉली से कहा चलो डिन्नर करते है
डॉली रोने लगी आज वो कितनी बेसहारा थी इस बात का अंदाज़ा उसे आज लगा था
मा के दिल में भी डॉली का यू फोन करके जल्दी काट देना ऊन्हे कुछ हजम नही हुआ वो थोड़ी परेशान थी
रात के बारह बज गये डॉली अब भी सो रही थी कि तभी राज उसके पास आके लेट गया डॉली ने अपनी आँखें धीरे धीरे खोली और पीछे मुड़कर देखा राज सो रहा था
डॉली ने करीब 26 मिनिट तक वेट किया कि कब वो गहरी नींद में जाए और वो वहाँ से भाग सके डॉली धीरे से उठी राज के ख़र्राटों की आवाज़े उसे सॉफ सुनाई दे रही थी डॉली धीमे धीमे कदमो से पलंग से नीचे उतरी और दरवाजे के पास गयी और दरवाजा धीरे धीरे खोलना चाहा दरवाजे की एक डराती हुई आवाज़ ने तो लगभग डॉली को डरा दिया डॉली ने तुरंत गेट को थोड़ा तिरछा खोला और दबे कदमो से नीचे उतरने लगी वो बार बार पीछे पलट कर राज पर भी नज़र दौड़ा रही थी कि तभी राज का हाथ एकदम से बगल मे रखा जहाँ कुछ देर पहले डॉली सो रही थी पर खैर डॉली ने वहाँ पर तकिया रख दिया था डॉली की आँखें एक दम बड़ी हो गयी पर राज अब भी गहरी नींद में था डॉली सीडियो पर बैठकर नीचे उतरने लगी वो लगभग सारी सीडिया उतर गयी बिजलिया खड़कने लगी थी बारिश हो रही थी डॉली दबे पाओ चलते हुए घर के मैन गेट के पास आई तो दरवाजे पर एक बड़ा सा लॉक लटका पड़ा था डॉली के सारे खेल पर पानी फिर चुका था डॉली वही पर दुखी होकर रोने लगी तभी उसने सामने पड़े मेज़ की ओर देखा डॉली धीरे धीरे बढ़ती चली जा रही थी उसने धीरे धीरे कवर्ड खोला उसमे डॉली को फोन था डॉली ने तुरंत फोन लिया और अपने पास रख लिया तभी डॉली की नज़र खिड़की पर पड़ी डॉली झट से खिड़की के पास आई अपना पाओ उसने एक नीचे रखा और एक पाऊ सैंटर में उसने खिड़की की चितकनी को खोलना चाहा एकदम से खट करके खिड़की खुल गयी डॉली ने धीरे धीरे खिड़की खोली खिड़की खुलते ही डॉली नीचे बाहर की ओर देखने लगी जहाँ काफ़ी किचॅड था डॉली ने पीछे पलटकर एक बार देखा और ऊपर देखा आज जो भी वो करने वाली थी उसे करना था जल्द से जल्द करना था एकदम से डॉली नीचे कूद गयी वो सीधे किचॅड में फिसलते हुए अपने आपको रोका डॉली वहाँ से अब भाग सकती थी घना कोहरा उपर ठंड और बिजली को चमकते देख वो थोड़ी डर भी गयी पर उसके कदम ज़ोर ज़ोर से भागने लगे बरसात में वो भीग रही थी उसका सफेद नाइट गाउन अब गीला हो चुका था वो पास गयी और कार की तरफ बढ़ना चाहा तभी उसने वहाँ से भागना ही ठीक समझा कुत्तो की रोने की आवाज़ें चारो तरफ से आ रही थी वो भाग रही थी चप छाप की आवाज़ उसे डरा रही थी वो रोते रोते भाग रही थी छाप छाप जैसी किचॅड की आवाज़े उसे डरा रही थी बार बार पीछे पलट कर देखा पर वहाँ कोई नही था
तभी भागते हुए वो रास्तो पर चलने लगी नंगे पैर थे उसके वो बार बार पीछे मुड़कर देखे जा रही थी डॉली सड़क पर नंगे पैर चल रही थी उसकी बस एक ही आस थी काश उसे कोई कार वाला दिख जाए या कोई इंसान जिससे मदद माँग कर वो घर जा सकती थी डॉली का पैर एक काँटे पर पड़ गया डॉली की चीख ज़ोर दार निकली और वो रोड पर ही बैठ गयी उसके पाओ में काँटा चुभ गया था लकड़ी का काँटा
डॉली ने अपना हाथ काँटे तक लाई और उसे झट से पाओ से निकालने की कोशिश की पर दर्द ने उसके आँखो से आँसू ही निकाल दिये थे वो बार बार रो रही थी उसे अब भी एक लंबा सफ़र तय करना था वो पीछे पलट कर देख रही थी कहीं अगर राज को मेरे वहाँ ना होने का पता लगा तब वो और ख़ूँख़ार जानवर की तरह पागल हो जाएगा और उसे ढूढ़ता ढूंढता उस तक पहुच जाएगा
डॉली ने अपने पाओ को कस्के एक हाथ से पकड़ा और दूसरे ही पल उसने दूसरे हाथ से उस काँटे को पकड़ा और एक ज़ोर लगाते हुए उसने दाँत पे दाँत रखा और एकदम ज़ोर से काँटे को बाहर खिच लिया खच की आवाज़ के साथ काँटा उसके हाथ में था उसके पाओ से बहता खून अब रुकने का नाम ही नही ले रहा था उसने लड़की के काँटे को फैंका और खड़ी होने की कोशिश की उसके फिरसे भागने पर भागा नही जा रहा था उसने अपने दर्द को पी लिया और दर्द को छोड़ वो फिरसे भागने लगी खून उसके पूरे पाओ से आ रहा था लंगड़ाते हुए भागकर जंगल से निकल रही थी और तेज़ बिजलियो ने सिचुयेशन को और भी डरावना बना लिया था