hotaks444
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निशा का माथा घूम जाता हैं. वो समझ जाती हैं कि बात कुछ और हैं. फिर कार्यक्रम शुरू हो जाता हैं और करीब 7 बजे तक चलता हैं. राहुल का शपथ ग्रहण होता हैं और फिर एसीपी की पदवी उसे दी जाती हैं और साथ में वीरता और ईमानदारी का मेडल भी मिलता हैं. राहुल तो आज राधिका के वहाँ नहीं जा सकता था क्यों कि आज रात में डिन्नर का भी प्रोग्राम था. वो सीधा निशा के पास आता हैं और आकर उससे कहता हैं.
राहुल- निशा थॅंक्स जो तुम यहाँ पर आई. मगर राधिका नहीं आई इसका मुझे दुख हैं. तुम एक काम करो अगर थोड़ा फ्री हो तो जाते वक़्त राधिका के घर चली जाना उसका तबीयात में अगर सुधार नही हुआ होगा तो मैं ख़ान को बोलकर राधिका को हॉस्पिटल भेजवा दूँगा. जैसे हो मुझे फोन करके बताना.
निशा- ठीक हैं राहुल मैं ज़रूर जाउन्गि.
और इतना कहकर निशा वहाँ से निकल पड़ती हैं. आज निशा के मन में हज़ार सवाल उठ रहे थे. उसका दिल बार बार इस बात को नहीं मान रहा था कि राधिका ने ऐसा क्यों किया. वो तो राहुल से बे-इंतेहाः प्यार करती हैं. उसे तो सबसे ज़्यादा खुश होना चाहिए. मगर क्या वजह हैं जो वो यहाँ पर नहीं आई. क्या हैं इसके पीछे
निशा ऑटो करके थोड़ी देर में राधिका के घर पहुँच जाती हैं. शाम के करीब 7:30 बज रहे थे. वो डोरबेल बजती हैं. राधिका अभी भी नशे की हालत में बे-सुध बिस्तेर पर पड़ी हुई थी. जब 3 बार निशा बेल बजाती हैं तब जाकर राधिका को होश आता हैं. और वो उठती हैं और अपना मूह धोकर दरवाजा खोलने चली जाती हैं. नशे की हालत में उसके पाँव डगमगा रहे थे.
जैसे ही वो दरवाजा खोलती हैं सामने निशा को देखकर राधिका चौंक जाती हैं.
राधिका- निशा.....त....तुम.???
निशा जब राधिका की हालत देखती हैं तो उसके पाँव तले ज़मीन खिसक जाती हैं.
निशा- ये तुमने अपनी क्या हालत बना रखी हैं राधिका. और तुमने तो शराब पी रखी हैं. ओह माइ गॉड. आइ कॅन'ट बिलीव. और इतना कहकर निशा राधिका को सहारा देकर उसे उसके बेडरूम में ले आती हैं.
राधिका- बता ना निशा कैसे आना हुआ. राहुल की पार्टी ठीक रही ना. अरे आने से पहले कम से कम एक फोन तो कर दिया होता.
निशा का गुस्सा सातवे आसमान पर था उसे बिल्कुल बर्दास्त नहीं होता और वो कसकर एक जोरदार थप्पड़ राधिका के गाल पर जड़ देती हैं. राधिका के आँख से आँसू छलक पड़ते हैं. राधिका अपने गाल पर हाथ रखकर अपना सिर नीचे झुका लेती हैं.
निशा- और कितना नीचे गिरगी तू राधिका. बदल तो तुम बहुत पहले ही चुकी हो. मगर इतना बदल जाओगी मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. कल तक जो राधिका अच्छे बुरे में फ़र्क समझती थी आज तुमने उस राधिका को मार डाला हैं. क्या मैं पूछ सकती हूँ कि राहुल के इतना बुलाने पर भी तुमने वहाँ जाना ज़रूरी क्यों नही समझा. क्या मैं पूछ सकती हूँ कि तुमने शराब को हाथ क्यों लगाया. क्या मैं पूछ सकती हूँ कि आख़िर तुम अपने आप को किस बात की सज़ा दे रही हो. मुझे इसका जवाब चाहिए.
राधिका चुप चाप गम्सम सी रहती हैं मगर कोई जवाब नही देती. तभी राहुल का फोन आता हैं. निशा फोन रेसीव करती हैं.
राहुल- कैसी हैं मेरी राधिका. अगर तुम उसके पास हो तो मुझे उससे बात करवाओ.
निशा एक नज़र राधिका को देखती हैं फिर बोलती हैं- राहुल मैं इस वक़्त राधिका के पास ही हूँ. वो बिल्कुल ठीक हैं. घबराने की कोई बात नहीं है. अभी दवाई ली हैं और आब वो सो रही हैं. तुम्हारे पार्टी का क्या हुआ.??
राहुल- ठीक हैं निशा वेरी वेरी थॅंक्स तुमने मेरी टेन्षन ख़तम कर दी. चलो मैं कल राधिका से मिल लूँगा. और अभी गेस्ट्स आए हुए हैं. पार्टी देर रात तक चलेगी. तुम भी अपने घर चली जाना. इतना कहकर राहुल फोन रख देता हैं.
फिर निशा एक कॉल अपने घर पर करती हैं और अपने मम्मी को बता देती हैं कि वो आज रात घर नहीं आएगी. वो आज राधिका के पास रुकेगी उसकी तबीयत खराब हैं. उसकी मम्मी भी उसको पर्मिशन दे देती हैं और निशा फोन रख देती हैं.
राधिका एक नज़र निशा को देखती हैं फिर अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं.
राधिका- तुमने झूट क्यों बोला राहुल से. राधिका सवालियों नज़र से निशा की ओर देखते हुए बोली.
निशा- तो ये बता देती कि तुम इस वक़्त शराब के नशे में हो. और तुमने शराब पी रखी हैं. अगर ये बात राहुल को पता लगती तो जानती हो उसके दिल पर क्या बितति. मुझे समझ नही आ रहा तुम ऐसा क्यों कर रही हो.
राहुल- निशा थॅंक्स जो तुम यहाँ पर आई. मगर राधिका नहीं आई इसका मुझे दुख हैं. तुम एक काम करो अगर थोड़ा फ्री हो तो जाते वक़्त राधिका के घर चली जाना उसका तबीयात में अगर सुधार नही हुआ होगा तो मैं ख़ान को बोलकर राधिका को हॉस्पिटल भेजवा दूँगा. जैसे हो मुझे फोन करके बताना.
निशा- ठीक हैं राहुल मैं ज़रूर जाउन्गि.
और इतना कहकर निशा वहाँ से निकल पड़ती हैं. आज निशा के मन में हज़ार सवाल उठ रहे थे. उसका दिल बार बार इस बात को नहीं मान रहा था कि राधिका ने ऐसा क्यों किया. वो तो राहुल से बे-इंतेहाः प्यार करती हैं. उसे तो सबसे ज़्यादा खुश होना चाहिए. मगर क्या वजह हैं जो वो यहाँ पर नहीं आई. क्या हैं इसके पीछे
निशा ऑटो करके थोड़ी देर में राधिका के घर पहुँच जाती हैं. शाम के करीब 7:30 बज रहे थे. वो डोरबेल बजती हैं. राधिका अभी भी नशे की हालत में बे-सुध बिस्तेर पर पड़ी हुई थी. जब 3 बार निशा बेल बजाती हैं तब जाकर राधिका को होश आता हैं. और वो उठती हैं और अपना मूह धोकर दरवाजा खोलने चली जाती हैं. नशे की हालत में उसके पाँव डगमगा रहे थे.
जैसे ही वो दरवाजा खोलती हैं सामने निशा को देखकर राधिका चौंक जाती हैं.
राधिका- निशा.....त....तुम.???
निशा जब राधिका की हालत देखती हैं तो उसके पाँव तले ज़मीन खिसक जाती हैं.
निशा- ये तुमने अपनी क्या हालत बना रखी हैं राधिका. और तुमने तो शराब पी रखी हैं. ओह माइ गॉड. आइ कॅन'ट बिलीव. और इतना कहकर निशा राधिका को सहारा देकर उसे उसके बेडरूम में ले आती हैं.
राधिका- बता ना निशा कैसे आना हुआ. राहुल की पार्टी ठीक रही ना. अरे आने से पहले कम से कम एक फोन तो कर दिया होता.
निशा का गुस्सा सातवे आसमान पर था उसे बिल्कुल बर्दास्त नहीं होता और वो कसकर एक जोरदार थप्पड़ राधिका के गाल पर जड़ देती हैं. राधिका के आँख से आँसू छलक पड़ते हैं. राधिका अपने गाल पर हाथ रखकर अपना सिर नीचे झुका लेती हैं.
निशा- और कितना नीचे गिरगी तू राधिका. बदल तो तुम बहुत पहले ही चुकी हो. मगर इतना बदल जाओगी मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. कल तक जो राधिका अच्छे बुरे में फ़र्क समझती थी आज तुमने उस राधिका को मार डाला हैं. क्या मैं पूछ सकती हूँ कि राहुल के इतना बुलाने पर भी तुमने वहाँ जाना ज़रूरी क्यों नही समझा. क्या मैं पूछ सकती हूँ कि तुमने शराब को हाथ क्यों लगाया. क्या मैं पूछ सकती हूँ कि आख़िर तुम अपने आप को किस बात की सज़ा दे रही हो. मुझे इसका जवाब चाहिए.
राधिका चुप चाप गम्सम सी रहती हैं मगर कोई जवाब नही देती. तभी राहुल का फोन आता हैं. निशा फोन रेसीव करती हैं.
राहुल- कैसी हैं मेरी राधिका. अगर तुम उसके पास हो तो मुझे उससे बात करवाओ.
निशा एक नज़र राधिका को देखती हैं फिर बोलती हैं- राहुल मैं इस वक़्त राधिका के पास ही हूँ. वो बिल्कुल ठीक हैं. घबराने की कोई बात नहीं है. अभी दवाई ली हैं और आब वो सो रही हैं. तुम्हारे पार्टी का क्या हुआ.??
राहुल- ठीक हैं निशा वेरी वेरी थॅंक्स तुमने मेरी टेन्षन ख़तम कर दी. चलो मैं कल राधिका से मिल लूँगा. और अभी गेस्ट्स आए हुए हैं. पार्टी देर रात तक चलेगी. तुम भी अपने घर चली जाना. इतना कहकर राहुल फोन रख देता हैं.
फिर निशा एक कॉल अपने घर पर करती हैं और अपने मम्मी को बता देती हैं कि वो आज रात घर नहीं आएगी. वो आज राधिका के पास रुकेगी उसकी तबीयत खराब हैं. उसकी मम्मी भी उसको पर्मिशन दे देती हैं और निशा फोन रख देती हैं.
राधिका एक नज़र निशा को देखती हैं फिर अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं.
राधिका- तुमने झूट क्यों बोला राहुल से. राधिका सवालियों नज़र से निशा की ओर देखते हुए बोली.
निशा- तो ये बता देती कि तुम इस वक़्त शराब के नशे में हो. और तुमने शराब पी रखी हैं. अगर ये बात राहुल को पता लगती तो जानती हो उसके दिल पर क्या बितति. मुझे समझ नही आ रहा तुम ऐसा क्यों कर रही हो.