Antarvasna Story दिव्या का सफ़र - Page 15 - SexBaba
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Antarvasna Story दिव्या का सफ़र

सलमान: मुझे कुछ नहीं पता. या तो रूम में चलो या मैं यही आपको चोदूंगा.

सलमान दिव्या को अपनी तरफ खींच कर उसके होठो को चूमने लगता है. दिव्या हल्का विरोध करती है लेकिन सलमान उसका पल्लू नीचे गिरा देता है.

दिव्या सलमान को धक्का दे देती है. सलमान दिव्या को छोड़ देता है.

दिव्या: अरे वाशरूम में कोई भी आ सकता है सलमान और मुझे आज काम करते करते बहुत देर हो गयी है. प्लीज आज मुझे जाने दो.

सलमान: अच्छा एक शर्त पर जाने दे सकता हूँ.

दिव्या: कैसी शर्त?

सलमान: सुना है फाइनल के पेपर्स आप डेट करेंगी.

दिव्या: नहीं नहीं. मैं सिर्फ सैंपल बनाउंगी बाकी तो मदन सर करेंगे.

सलमान: तो जो पेपर मदन सर फाइनल करेंगे उसकी एक कॉपी मुझे चाहिए.

दिव्या: ये मैं कैसे कर सकती हूँ.

सलमान: सोच लो मैडम. अगर पेपर्स दे दिए तो फिर जिंदगी में कभी आपको परेशान नहीं करूंगा.

दिव्या: लेकिन फाइनल पेपर्स तो मदन सर को ही पता होंगे.

सलमान: ये सब मैं नहीं जानता. अगर मुझसे पीछा छुड़ाना है तो ये तो करना ही होगा.

दिव्या: मुझे सोचने का टाइम तो दो.

सलमान: तो आप सोचो और मैं अपना काम करता हूँ.

सलमान फिर से दिव्या को पकड़ कर चूमाचाटी करने लगता है.

दिव्या: ओफ्फो सलमान. छोडो मुझे. मैं पूरी कोशिश करूंगी.

सलमान: जब तक प्रॉमिस नहीं करती तब तक नहीं छोड़ सकता. चलो रूम में न सही बगल वाली क्लास में चलो.

सलमान दिव्या को पकड़ कर बगल की क्लास में ले जाकर दरवाजा बंद कर लेता है.
 
दिव्या: प्लीज सलमान. आज रहने दो. किसी को शक हो जायेगा.

सलमान: आप ज्यादा आवाज न करना. सारे क्लास तो बंद है. किसी को क्या पता चलेगा.

सलमान दिव्या को दीवार से चिपका कर उसका बदन चूमने लगता है.

दिव्या के मम्मे सलमान के सीने में धंस जाते है. सलमान लगातार अपना लंड दिव्या की चूत में रगड़ कर उसे गरम करने की कोशिश करता है और अब दिव्या भी ज्यादा विरोध करने की स्तिथि में नहीं रहती पर फिर भी वो सलमान को मना करती है.

दिव्या: अह्ह्ह सलमान प्लीज समझो न. जो तुम कह रहे हो वो मैं करने की कोशिश करूंगी लेकिन अभी मुझे जाने दो.

सलमान: अब तो मुश्किल है मेरी जान. तेरी चूत भी तो गीली हो गयी है न.

सलमान दिव्या को डेस्क पर झुका देता है और उसकी साड़ी ऊपर उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर टिका देता है. दिव्या घोड़ी की तरह खड़े हुए पीछे देखती है की आखिर सलमान लंड डाल क्यों नहीं रहा और दिव्या के पीछे देखते ही सलमान अपना लंड एक ही झटके में दिव्या की चूत में उतार देता है.

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हर झटके के साथ दिव्या आहें भरती रहती है और चुदाई का आनंद लेती है. दिव्या भी ऐसी चुदाई के लिए तड़प रही थी जो राजेश उसे नहीं दे पाया था. अचानक सलमान दिव्या की चूत से लंड निकाल लेता है पर दिव्या उसी पोज़ में खड़ी रहती है.

दिव्या: रुक क्यों गए.

सलमान: देखना चाहता था की आप भी चुदाई चाहती हो या नहीं.
 
अब सलमान दिव्या को दीवार से सटा देता है और उसे ऊपर उठा कर उसकी चूत में लंड डाल कर उसे ठोकने लगता है. सलमान दिव्या की चूत में झटके मारते हुए अपने होठों को दिव्या की तरफ बढाता है और दिव्या उसके होठों को चूमने लगती है.

सलमान: आह मैडम ऐसे ही चूसो मेरे होठ.

इधर दिव्या सलमान की ताकत देख कर हैरान रह जाती है. जहाँ एक ओर राजेश शायद उसे सही से गोद में उठा भी नहीं सकता वही सलमान उसे दीवार में टांग कर उसकी धुवाधार चुदाई कर रहा था.

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कुछ ही देर में दिव्या सलमान के लंड पर अपना ढेर सारा रस छोड़ देती है. सलमान भी कुछ देर बाद झड़ने लगता है.

चुदाई के बाद दिव्या अपने कपडे ठीक करती है और फर्श पर पड़ी अपनी पेंटी उठाने लगती है तो सलमान उस पर अपना पैर रख देता है.

सलमान: इसको तो मेरे पास ही रहने दो मेरी जान.

दिव्या: ओफ्फो तुमको पता भी है ये कितनी महंगी आती है. जब देखो रख लेते हो.

सलमान: तुम खामखाँ इसे पहनती हो. चूत को ओपन एक्सेस में रखा करो ताकि जब मेरा मन करे लंड पेल दिया करू.

दिव्या: बकवास न करो और ये मुझे वापस दो.

सलमान: चलो अगर अपना प्रॉमिस पूरा कर दो तो ये भी दे दूंगा और बाकी सारी भी वापस कर दूंगा. अब जाओ.

दिव्या बिना कुछ और कहे वहां से निकल जाती है. उसे ये देखकर सुकून मिलता है की स्कूल में कोई नहीं है. वो अपना सामान समेत कर घर के लिए निकलती है. जैसे ही वो गेट से बाहर आती है उसे मनीष मिल जाता है.
 
मनीष: अरे मैम, आप इतनी देर तक स्कूल में क्या कर रही हैं.

दिव्या: अरे वो कुछ जरूरी काम था.

मनीष: मैं तो आपको काफी देर से ढूंढ रहा था लेकिन आप दिखी ही नहीं.

दिव्या: क्यों कुछ काम था क्या?

मनीष: नहीं वो आपकी स्कूटी देखी तो सोचा की आप स्कूल में ही होंगी तो आपको ढूँढने लगा. काफी दिनों से आपसे बात नहीं हुई थी न इसीलिए.

दिव्या: तुम्हे मैंने कितनी बार मना किया है की स्कूल में ऐसी हरकते न किया करो. कोई देखेगा तो क्या सोचेगा...

मनीष: सॉरी मैम. वो...

दिव्या: तुम घर जाओ. काफी देर हो गयी है.

मनीष: मैम अगर आप छोड़ देंगी तो...

दिव्या: बिलकुल नहीं, तुम बस से जाओ.

मनीष समझ जाता है की दिव्या क्यों मना कर रही है.

मनीष: मैम मैं वो सब नहीं करूंगा.

लेकिन दिव्या को मनीष पर बिलकुल भरोसा नहीं था. अभी भी सिर्फ दिव्या से बात करके ही मनीष के पेंट में एक हल्का सा टेंट बन गया था इसीलिए दिव्या उसे टाल देती है.

दिव्या: मुझे कुछ काम है तो आज तुम्हे ड्राप नहीं कर सकती. तुम बस से चले जाओ.

मनीष मन मार कर बस स्टैंड की तरफ चला जाता है और दिव्या अपने घर आ जाती है. घर पहुँच कर दिव्या कपडे बदल कर घर के कामों में लग जाती है. सलमान से चुदने के बाद आज उसे अपना बदन हल्का लग रहा था और न जाने क्यों आज उसे ज्यादा गिल्ट भी महसूस नहीं हो रहा था.

थोड़ी देर बाद डोर बेल बजती है. दिव्या दरवाजा खोलती है तो सामने कर्नल लाला था. दिव्या की आंखे शर्म से झुक जाती हैं क्योंकि कल रात लाला ने उसके अधनंगे शरीर के दर्शन जो किए थे.
 
दिव्या: अंकल आप?

लाला: अन्दर आ जाऊं?

दिव्या: ओह सॉरी अंकल. प्लीज आइये न.

लाला: वो राजेश जाने से पहले मुझे तुम्हारा ध्यान रखने को बोल गया था तो मैंने सोचा पूछ लूं की तुम्हे किसी चीज की कोई जरूरत तो नहीं है.

दिव्या: थैंक्स अंकल लेकिन फ़िलहाल तो ऐसी कोई जरूरत नहीं है. आप चाय या कॉफ़ी कुछ लेंगे.

लाला: जो तुम्हारा मन करे.

दिव्या किचेन में चली जाती है और थोड़ी देर में कॉफ़ी ले आती है. कर्नल कॉफ़ी की चुस्किया लेते हुए इधर उधर देखता है तो उसकी नज़र सामने रखी दिव्या और राजेश की शादी की फोटो पर पड़ती है.

लाला: ओह्ह दिव्या ये तुम दोनों हो. कितने खूबसूरत लग रहे हो. कुछ और फोटोज हो तो दिखाओ न.

दिव्या: मैं एल्बम लाती हूँ अंकल.

दिव्या जैसे ही एल्बम लाने के लिए उठती है और कर्नल के सामने से आगे जाने लगती है कर्नल उसके आगे अपना पैर अड़ा देता है. दिव्या का बैलेंस बिगड़ जाता है और वो गिरने लगती है. कर्नल सोफे पर बैठे बैठे ही उसे पकड़ लेता है तो उसका एक हाथ दिव्या की कमर पर होता है और दूसरा उसके मम्मे पर.

दिव्या सोचती है की उसको गिरने से बचाने के लिए अंकल से ऐसा हो गया होगा. दिव्या कर्नल को थैंक्स कहती है लेकिन कर्नल दिव्या को नहीं छोड़ता तो दिव्या थोडा तेज़ बोलती है तो मानो कर्नल अपने होश में आता है.

लाला (दिव्या को खड़ा करते हुए): ओह्ह दिव्या तुम्हे लगी तो नहीं?

दिव्या: नहीं अंकल आपने सही समय पर पकड़ लिया.

दिव्या कर्नल एल्बम दे कर वापस अपनी जगह बैठ जाती है लेकिन शर्म के कारण उसका चेहरा लाल हो गया है की कैसे उसकी चूंची कर्नल के हाथ में आ गयी थी.
 
लाला: तुम इस फोटो में काफी खूबसूरत लग रही हो दिव्या.

दिव्या: तो क्या मैं अब सुन्दर नहीं दिखती?

लाला: अरे ये तो कोई कह ही नहीं सकता. इन्फेक्ट मैंने तो आज तक तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत देखी ही नहीं है. तुम्हारा बदन उपरवाले ने एकदम तराश कर बनाया है. जैसे शराब पुरानी हो जाये तो और ज्यादा नशा देती है वैसे ही तुम इस पुरानी फोटो में जितनी खूबसूरत दिखती हो अभी उससे भी ज्यादा खुबसूरत हो गयी हो क्योंकि अब तुम्हारा बदन और भर गया है.

दिव्या कर्नल के मुंह से ऐसी बातें सुनकर झेंप जाती है. शर्म से उसकी नज़रें झुक जाती है.

दिव्या: आप भी न अंकल!

लाला: सॉरी अगर मैंने ज्यादा कुछ बोल दिया हो तो लेकिन तुम दोनों को देखकर मुझे अपनी वाइफ याद आ जाती है. हम भी साथ में बहुत खुश थे.

दिव्या: लगता है की आप अपनी बीवी को बहुत चाहते थे तभी आपने दुबारा शादी नहीं की.

लाला: अब भला मुझ बूढ़े से कौन शादी करेगा.

दिव्या: आप तो कितना फिट है अंकल. अगर आपको कोई पसंद हो तो वो आपको न नहीं कहेगी.

लाला: किसी से कहना नहीं लेकिन मुझे रेणुका पसंद है लेकिन वो मुझ बूढ़े में...

दिव्या: आपने उसको बताया क्या?

लाला: मुझे पता है की वो मना कर देगी.

दिव्या: क्या अंकल एक बार बोल कर तो देखिये. वो भी तो अकेली है. मान भी सकती है.

लाला: लेकिन वो उम्र में मुझसे काफी छोटी है. वो पक्का मना कर देगी.

दिव्या: अरे वो पक्का मान जाएगी. आप एकदम यंग लगते हो. कोई भी कमी नहीं है आपमें. वो क्या कोई भी मान जाएगी. आप एक बार बोल कर तो देखो.

लाला: अरे ऐसा नहीं है. अगर उसकी जगह तुम होती तो क्या मान जाती.

दिव्या: मेरी बात अलग है अंकल. मैं तो अपने पति के साथ हूँ.

लाला: अरे अपने को रेणुका की जगह रखो फिर बताओ.

दिव्या: हाँ अगर मैं रेणुका की जगह होती तो एकदम मान जाती. उम्र का क्या है. आप किसी भी यंग आदमी से ज्यादा फिट है. आपको चांस लेना चाहिए.

लाला: ऐसे सीधे सीधे उसको कैसे बोल दूं. तुम ही बताओ की कैसे बोलूं.

दिव्या: आप न उसको कोई गिफ्ट दे दीजिये. देखिये वो कैसे रियेक्ट करती है.

लाला: तो उसको एक नाईटी देता हूँ जैसी तुमने कल रात को पहनी थी. हालाँकि तुम जैसी बात तो नहीं आयेगी लेकिन फिर भी काफी अच्छी लगेगी.

दिव्या शर्मिंदा हो जाती है लेकिन अपने को संभाल कर कहती है.

दिव्या: अंकल आप भी न. वो सब देंगे तो वो कभी आपसे बात नहीं करेगी. आप एक साड़ी गिफ्ट कीजिये.

लाला: अच्छा लेकिन मेरी साड़ी की चॉइस बहुत ख़राब है.

दिव्या: कोई नहीं आप मुझे एक दो दिन दीजिये. मुझे भी शौपिंग जाना है तब मैं ले आउंगी.

लाला: अरे मेरे दोस्त की शॉप है साड़ी की यही पास वाले मॉल में. तुम मेरे साथ वहां चलो और अपने साथ साथ रेणुका के लिए भी शौपिंग कर लेना.

दिव्या: ठीक है अंकल. चलते हैं कल परसों में.

लाला: ओह दिव्या यू आर सच अ डार्लिंग.

ये बोल कर कर्नल दिव्या को अपनी तरफ खींच कर गले लगा लेता है. दिव्या को भी इसमें बुरा नहीं लगता. कर्नल वहां से चला जाता है.
 
रात को दिव्या को राजेश की बहुत याद आती है. वो ये भी जानती है की मनीष भी ऑनलाइन उसका इंतज़ार कर रहा होगा लेकिन उसको लगता है की उसको मनीष से अब बात नहीं करनी चाहिए. वो सोचती है की जबरदस्ती ही सही लेकिन सलमान उसकी जरूरत पूरी कर ही देता है तो उसको किसी और चक्कर में पड़ने की जरूरत नहीं है, उसको बस सलमान को कण्ट्रोल करना होगा और अगर उसने सलमान को एग्जाम के पेपर्स दे दिए तो सलमान भी उसका पीछा छोड़ देगा लेकिन वो पेपर्स सलमान को देगी कैसे. यही सब सोचते हुए रात बीत जाती है और सुबह तैयार होकर दिव्या स्कूल निकल जाती है.

अगले दिन मनीष भी काफी बेचैनी से दिव्या का स्कूल में इंतज़ार कर रहा था लेकिन दिव्या उसे बिलकुल इगनोर कर देती है. दिव्या क्लास के बाद सारे असाइनमेंट चेक करके मदन को देने चली जाती है. मदन इतनी जल्दी असाइनमेंट चेक करने के लिए दिव्या की बहुत तारीफ करता है जिससे दिव्या खुश हो जाती है. आज सलमान ने भी दिव्या को परेशान नहीं किया जिससे दिव्या का दिन कुल मिला कर अच्छा जाता है. छुट्टी के बाद जब सब बच्चे घर के लिए निकलने लगते है तब मौका देख कर मनीष दिव्या से मिलने स्टाफरूम में पहुँच जाता है. दिव्या अपने लाकर में किताबे रखकर लॉक करती है और वहां से जाने लगती है.

मनीष: मैम... मैम... क्या हुआ? सुनिए तो...

दिव्या: मुझे क्या होना है मनीष. तुम यहाँ क्या कर रहे हो.

मनीष: आप मुझे इग्नोर कर रही थी तो मैंने सोचा...

दिव्या: देखो मनीष मेरे पास समय नहीं है. अगर पढाई की कोई बात है तो बोलो वरना कल बात करते हैं.

मनीष: अच्छा आप रात में ऑनलाइन तो आयेंगी न.

दिव्या: मुझे नहीं पता.

इतना कह कर दिव्या वहां से निकल जाती है. कुछ दिन पहले तक मनीष को लग रहा था की जल्द ही दिव्या उसके नीचे होगी लेकिन अब दिव्या की बेरुखी से उसे अपने इरादों पर पानी फिरता नज़र आता है. थोड़ी देर में दिव्या अपने घर पहुँच जाती है. इत्तेफाक से लिफ्ट में उसे रेणुका मिल जाती है.

दिव्या: हाय रेणुका कैसी हो तुम.

रेणुका: मैं अच्छी हूँ. आप कैसी हैं.

दिव्या: मैं एकदम बढ़िया. किसी दिन मेरे घर आओ न. ढेर सारी बातें करनी हैं तुमसे.

रेणुका: जी बिलकुल आउंगी.

तब तक रेणुका का फ्लोर आ जाता है. लिफ्ट से निकलते हुए न जाने रेणुका के मन में क्या आता है की वो दिव्या से कहती है.

रेणुका: आपको अपना समझ कर एक बात कहूँ. उम्मीद है आप बुरा नहीं मानेंगी.

दिव्या: हाँ हाँ कहो.

रेणुका: आप प्लीज कर्नल साब से जरा दूर रहिएगा.

दिव्या: अरे ऐसा क्यों?

रेणुका: बस आप इससे ज्यादा कुछ न पूछिए. मुझे लगा की आप भली औरत हैं तो आपको कह दिया.

रेणुका ये बोलकर चली जाती है. दिव्या को लगता है की शायद रेणुका कर्नल को पसंद करती है इसीलिए उसको कर्नल से दूर रहने को बोल रही है.
 
दिव्या भी अपने फ्लैट में जाकर अपने काम में जुट जाती है और उस रात भी वो मनीष से ऑनलाइन चैट करने नहीं आती. अगले दिन स्कूल की छुट्टी है तो दिव्या फ्री होती है. कर्नल भी जानता है की आज दिव्या की छुट्टी है. कर्नल दिव्या को फोन करके उससे शौपिंग के लिए चलने को कहता है. दिव्या उससे आधे घंटे बाद चलने को कहती है. आधे घंटे बाद दिव्या रेडी हो कर कर्नल के फ्लैट पर चली जाती है. वो डोर बेल बजती है.

लाला: दरवाजा खुला है दिव्या अंदर आ जाओ.

दिव्या अन्दर आ जाती है पर कर्नल अभी तैयार नहीं था. वो एक टॉवल में दिव्या के सामने आ जाता है और ऐसे दिखाता है जैसे ये एकदम नार्मल है. दिव्या कर्नल का कसरती बदन नंगा देखकर शर्माती भी है और इम्प्रेस भी होती है क्योंकि इस उम्र में भी उसकी फिटनेस राजेश से ज्यादा थी.

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लाला: अरे तुम तो बहुत जल्दी आ गयी दिव्या. मुझे तो लगा था की बाकी औरतों की तरह तुम भी एक घंटा लगाओगी तैयार होने में. अच्छा मैं बस पांच मिनट में नहाकर आया तब तक तुम मेरा घर देखो.

दिव्या: ठीक है अंकल

दिव्या और कर्नल का घर एकदम एक जैसा बना था लेकिन कर्नल ने अपना फ्लैट बहुत अच्छे से सजा रखा था. दिव्या जब दुसरे रूम में जाती है तो वहां लक्ज़री शो पीसेज और सेक्सी पेंटिंग्स लगी होती है. दिव्या सोचती है की अपनी वाइफ के मरने के बाद अंकल इन्ही पेंटिंग्स से दिल बहला रहे हैं. ये सोच कर उसके चेहरे पर एक स्माइल आ जाती है.

एक रूम में ताला लगा होता है तो दिव्या उधर जाने लगती है की तभी कर्नल उसे आवाज लगा देता है.

लाला: दिव्या मुझे हेल्प चाहिए.

दिव्या: कैसी हेल्प अंकल?

लाला: मेरे लिए कपडे निकाल दो प्लीज अलमीरा से. काफी देर हो गयी है. मैं ढूढूंगा तो और लेट होगा.

दिव्या: ओके अंकल.

दिव्या कर्नल के बेडरूम में जाकर अलमीरा से कपडे निकालने लगती है तभी कर्नल टॉवल में बाथरूम से निकल आता है. दिव्या उसे देखकर शर्माती है लेकिन कर्नल नार्मल रहता है. दिव्या कर्नल के लिए एक पेंट शर्ट निकाल देती है तभी उसकी नज़र कर्नल के खड़े लंड पर पड़ती है जिसकी वजह से टॉवल में टेंट बना हुआ था. दिव्या इग्नोर करने की कोशिश करती है पर उसकी नज़र बार बार वही चली जाती है.

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दिव्या: आप चेंज कीजिये अंकल तब तक मैं बाहर वेट करती हूँ.

लाला: अरे तुमने बताया नहीं की कैसा लगा?

दिव्या ये सुन कर शॉक हो जाती है की कर्नल उससे पूछ रहा है की उसे कर्नल का लंड कैसा लगा की तभी कर्नल बात घुमा देता है.

लाला: अरे बोलो न. घर पसंद नहीं आया क्या?

दिव्या: पसंद क्यों नहीं आयेगा अंकल. काफी अच्छा है.

लाला: थैंक्स. मैं अभी तैयार होकर आया.

कुछ ही देर मेर कर्नल भी तैयार हो जाता है और दोनों एक मॉल की तरफ चल देते है. कार में भी कर्नल गियर बदलने के बहाने कई बार दिव्या की जांघ को छूता है.

लाला: वैसे रेणुका के लिए ब्लैक साड़ी कैसी रहेगी.

दिव्या: अच्छी रहेगी. वैसे मुझे लगता है की वो आपको पसंद करती है अंकल.

लाला: वो कैसे?

दिव्या: कल मुझे उसने आपसे दूर रहने को कहा था इसलिए. शायद वो आपको पसंद करती है इसिलिये उसे पसंद नहीं की कोई और आपके पास आये.

लाला: ओह रियली.
 
कर्नल दिव्या को दिखाने के लिए खुश होने का नाटक करता है लेकिन मन में सोचता है की चीटी के भी पर निकल आये हैं. वो रेणुका को इस गुस्ताखी की सजा देने के बारे में सोचने लगता है. उधर दिव्या अपने लिए कुछ कपडे खरीदती है फिर रेणुका के लिए एक साड़ी लेती है.

दिव्या: देखिये अंकल ये साड़ी कैसी लगी आपको.

लाला: अब मुझे तो समझ नहीं आता. ये तो रेणुका के पहनने पर ही पता चलेगा. एक काम करो तुम ही पेहेन कर दिखा दो तो मुझे आईडिया हो जायेगा.

दिव्या: ठीक है मैं चेंज करके आती हूँ

कुछ देर में दिव्या कर्नल को आवाज लगाती है तो दिव्या को देख कर कर्नल के होश ही उड़ जाते हैं. काली साड़ी में दिव्या का गोरा बदन मानो कहर ढा रहा था. दिव्या के ब्लाउज से झांकते हुए मम्मे और उसकी नाभि देख कर कर्नल का मन हुआ की वही चेंजिंग रूम में ही दिव्या को दबोच ले लेकिन वो अपने पर काबू पा कर दिव्या से कहता है.

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लाला: अरे दिव्या ये साड़ी तो तुम पर बहुत अच्छी लग रही है. ये तुम ले लो और रेणुका के लिए कुछ और देख लो.

दिव्या: नहीं अंकल ये रेणुका के लिए पसंद की है तो उसी के लिए लेंगे.

लाला: ठीक है. और कुछ भी लेना है क्या?

दिव्या: नहीं अंकल मेरी शौपिंग तो हो गयी.

लाला: तो चलो फिर एक मूवी देखते हैं.

दिव्या: नहीं अंकल मेरा मन नहीं है.

कर्नल के काफी कहने पर भी दिव्या मूवी देखने को तैयार नहीं होती तो कर्नल उसको साथ में खाना खाने को बोलता है. दिव्या और कर्नल खाना खाकर वापस आ जाते हैं. घर आकर दिव्या शौपिंग का सामान अलमीरा में रखने लगती है तो उसकी नज़र दो सेक्सी सी ब्रा पेंटी के सेट पर पड़ती है. ये दिव्या ने नहीं खरीदे थे. दिव्या कर्नल को फोन करती है.

दिव्या: अंकल आपके फ्रेंड ने गलती से कुछ एक्स्ट्रा कपडे मेरे बैग में डाल दिए हैं.

लाला: क्या डाल दिया उसने?

दिव्या: मैं पैक करके आपको दे देती हूँ. आप वापस कर देना.

लाला: अच्छा समझा. दिव्या वो एक्स्ट्रा नहीं है. वो मैंने तुम्हारे लिए लिया था.

दिव्या: व्हाट? अंकल आप मुझे ऐसी चीज कैसे दे सकते हैं.

लाला: दिव्या उस दिन जब मैंने तुम्हे नाईटी में देखा था तो मैंने पाया की तुम्हारे अंडरगारमेंट तुम्हारी उस नाईटी के साथ मैच नहीं हो रहे थे. नाईटी मॉडर्न थी और ब्रा पेंटी पुराने टाइप के
इसीलिए पता नहीं क्यों मैंने ये मॉल से ले लिए. तुम नाराज़ मत हो. ये तो इसलिए है की जब तुम दुबारा राजेश के लिए वो नाईटी पहनो तो साथ में इन्हें पहनना. राजेश को बहुत पसंद आयेगी. हा हा हा...

दिव्या: अंकल ये मजाक की बात नहीं है. आपको ये नहीं देना चाहिए था.

लाला: मुझे लगा की तुम मेरी इतनी हेल्प कर रही हो तो मैं भी कुछ करू तुम्हारे लिए. अगर तुमको बहुत बुरा लगा हो तो आई एम सॉरी. तुम उन्हें फेंक देना.

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दिव्या कुछ नहीं कहती और फोन काट देती है. थोड़ी देर बाद जब उसका गुस्सा शांत होता है तो वो सोचती है की इतने महंगे कपडे फेंकना ठीक नहीं होगा और वो ब्रा पेंटी ट्राई करके देखती है. वो पेंटी तो बस नाम की ही थी. उनका होना न होना बराबर था. दिव्या शीशे में खुद को देख कर शर्मा जाती है और सोचती है की कर्नल काफी ठरकी लगता है. अपनी जवानी में बीवी को बहुत सताया होगा इसने. तभी उसे कर्नल का लंड याद आ जाता है और उसके बदन में आग सी लग जाती है.
 
उधर कर्नल सोचता है की पहले रेणुका को लाइन पर लाना जरूरी है. वो रात में रेणुका के घर पहुँच जाता है. रेणुका कर्नल को देख कर चौंक जाती है क्योंकि कर्नल हमेशा उसको अपने घर बुला कर ही चोदता था.

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रेणुका: आप यहाँ कर्नल साब.

लाला: तूने दिव्या से मेरे बारे में क्या बोला है. बोल कुतिया.

रेणुका: गलती हो गयी कर्नल साब.

लाला: तू जानती है न की तेरा पति मेरे रहमो करम पर जिन्दा है. तू क्या चाहती है की वो इस दुनिया से उठ जाए.

रेणुका: गलती हो गयी कर्नल साब. प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये.

लाला: ये तेरे लिए लास्ट वार्निंग है. अगर दुबारा ऐसी गलती की तो तुझे विधवा होने से कोई रोक नहीं सकता और ये ले साड़ी. कल के फंक्शन में इसे पहन लेना समझी.

कर्नल साड़ी रेणुका के मुंह पर मार देता है.

रेणुका: जी समझ गयी.

लाला: देख तू मुझे दिव्या को पाने में मदद कर उसके बाद तू मेरी तरफ से आजाद है. और तेरे पति के जेल से निकलने में भी मदद करूंगा.

रेणुका कुछ नहीं कहती और कर्नल वहां से चला जाता है. दरअसल रेणुका को पाने के लिए कर्नल ने रेणुका के पति को ड्रग्स के झूठे केस में फसवा कर जेल भिजवा दिया था और उसे जेल में मरवाने की धमकी देकर वो रेणुका को अपने इशारे पर नचाता था. रेणुका जानती थी की कर्नल कितना खतरनाक है और किस हद तक जा सकता है इसीलिए उसने दिव्या को आगाह किया था लेकिन दिव्या ने अपने भोलेपन में ये बात कर्नल को बता दी.

रात भर कर्नल सोचता रहता है की किस तरह दिव्या को हासिल किया जाए. सिर्फ ब्रा पेंटी देने से वो इतनी नाराज हो गयी तो वो इतनी आसानी से नहीं फंसेगी. कर्नल राजेश की बातों से समझ चूका था की दिव्या सेक्स की प्यासी है लेकिन वो जल्दीबाजी में काम ख़राब नहीं करना चाहता था.
 
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