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मनीष: अच्छा ठीक है लेकिन आप मुझे एक बार गले तो लगाने दीजिये न.
दिव्या फिर कोई जवाब नहीं देती तो मनीष दिव्या की तरफ बढ़ जाता है. दिव्या मनीष को रोकने के लिए उसके सीने और अपनी छाती के बीच में अपना हाथ रख देती है.
दिव्या की साँसे काफी तेज़ चल रही थी जिससे उसकी चून्चिया ऊपर नीचे हो रहे थे. मनीष अपना हाथ दिव्या की कमर पर रख देता है. दिव्या की गांड पेहले ही बेंच पर टिकी थी तो मनीष उसे बेंच पर धकेल देता है और खुद उसके ऊपर आ जाता है.
मनीष की इस हरकत से दिव्या हडबडा जाती है और मनीष को हटाने की कोशिश करती है. उसे मनीष का लंड साफ़ अपनी चूत के ऊपर रगड़ खाता महसूस होता है.
दिव्या: हट जाओ मनीष. तुमने सिर्फ हग करने को कहा था.
मनीष: हां तो आप बीच से अपना हाथ हटाइए वरना हग कैसे होगा. फिर मैं हट जाऊंगा.
दिव्या अपना हाथ अब हटा लेती है तो मनीष उसे अपनी बाँहों में जकड लेता है और उसके बदन को महसूस करने लगता है.
दिव्या के मम्मे मनीष के सीने में घंस जाते हैं. मनीष दिव्या की गर्दन चूमते हुए उसके कानों में कहता है.
मनीष: मैम कितने लकी है आपके पति और सलमान जिनके नसीब में इन्हें चूसना लिखा था. मैं जरा सा छु कर देख लूं की ये इतने बड़े कैसे हो गए हैं.
दिव्या: बस मनीष अब तुम कुछ ज्यादा ही बोल रहे हो. हग कर लिया न अब हट जाओ.
दिव्या फिर कोई जवाब नहीं देती तो मनीष दिव्या की तरफ बढ़ जाता है. दिव्या मनीष को रोकने के लिए उसके सीने और अपनी छाती के बीच में अपना हाथ रख देती है.

दिव्या की साँसे काफी तेज़ चल रही थी जिससे उसकी चून्चिया ऊपर नीचे हो रहे थे. मनीष अपना हाथ दिव्या की कमर पर रख देता है. दिव्या की गांड पेहले ही बेंच पर टिकी थी तो मनीष उसे बेंच पर धकेल देता है और खुद उसके ऊपर आ जाता है.

मनीष की इस हरकत से दिव्या हडबडा जाती है और मनीष को हटाने की कोशिश करती है. उसे मनीष का लंड साफ़ अपनी चूत के ऊपर रगड़ खाता महसूस होता है.
दिव्या: हट जाओ मनीष. तुमने सिर्फ हग करने को कहा था.
मनीष: हां तो आप बीच से अपना हाथ हटाइए वरना हग कैसे होगा. फिर मैं हट जाऊंगा.
दिव्या अपना हाथ अब हटा लेती है तो मनीष उसे अपनी बाँहों में जकड लेता है और उसके बदन को महसूस करने लगता है.

दिव्या के मम्मे मनीष के सीने में घंस जाते हैं. मनीष दिव्या की गर्दन चूमते हुए उसके कानों में कहता है.
मनीष: मैम कितने लकी है आपके पति और सलमान जिनके नसीब में इन्हें चूसना लिखा था. मैं जरा सा छु कर देख लूं की ये इतने बड़े कैसे हो गए हैं.
दिव्या: बस मनीष अब तुम कुछ ज्यादा ही बोल रहे हो. हग कर लिया न अब हट जाओ.