desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
शायद उसे विश्वास नहीं रहा होगा कि वो इतनी जल्दी सब कुछ करने को तैयार हो जायेगी। नमिता हल्की सी नीचे झुकी और ब्रा को ऊपर करते हुए अपने चूची को बाहर निकाल कर अमित को दिखाने लगी। जैसे ही अमित ने उसकी चूँची को छूने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया, नमिता तुरन्त ही सीधी खड़ी हो गई। उसने करीब चार से पाँच बार यही हरकत अमित के साथ दोहराई, नमिता झुककर अपनी ब्रा को हटाकर अपनी चूची आजाद करती और जैसे ही अमित उसकी चूची छूने को अपना हाथ आगे बढ़ाता वैसे ही नमिता सीधी खड़ी होकर फिर से अपनी चूची को ब्रा के अन्दर ढक लेती। नमिता का इस तरह से अमित को तड़पाना मुझे काफी अच्छा लग रहा था।
अमित परेशान था बल्कि उसने नमिता को डराने के लिये बोला भी- लाईट जल रही है, कोई इस तरह देख लेगा।
नमिता उसे फ्लांईग किस देते हुए बोली- जानू तुम डर रहे हो। तुम्हें तो रोशनी में मजा आता है और तुम तो मुझे पूर्ण रूप से नंगी देखना चाहते हो ना... और मैं अभी पूरा नंगी कहाँ हुई हूँ!
कहते हुए वो एक बार फिर झुकी और अपने ब्रा को हटाने लगी, तभी तेज हाथ चलाते हुए अमित ने उसकी पीठ को जकड़ लिया और ब्रा की हुक खोल कर उसके जिस्म से ब्रा हटा दी। नमिता के दो गोल गोल चूचे लटकने लगे जिनको अमित ने अपने हथेलियो में जकड़ लिया और तेज तेज मसलने लगा। नमिता कसमसाने लगी, लेकिन अमित कहाँ मानने वाला था उसे लगा कि शिकारी हाथ से छूट न जाये। वो नमिता के निप्पल को लेकर मुँह में चूसने लगा।
नमिता ने बहुत कोशिश की कि अमित से वो अपने चूचे छुड़ा ले पर सफल न हो पाई तो थक कर वो बैठ गई जिससे अमित उसके निप्पल को आसानी से चूस सके। अमित इस समय एक ऐसा भूखा इंसान नजर आ रहा था जिसके सामने खाने की थाली काफी दिनों के बाद रखी गई हो और वो अब उसे छोड़ने के मूडमें नहीं है। नमिता बड़े प्यार से उसके बालों को सहला रही थी। चूची चूसते चूसते जब अमित थक गया तो उसका हाथ नमिता की पैन्टी की तरफ बढ़ने लगा,
नमिता ने तुरन्त ही उसके हाथों को पकड़ा और बोली- अमित, आज मैं खुद सब कुछ दिखाऊँगी।
कहकर वो एक बार फिर खड़ी हो गई और अपनी पैन्टी को एक झटके से उतार दिया।
अमित आंखें फाड़े हुए उसकी बाल रहित चूत के दर्शन करने लगा और बड़े ही आश्चर्य से उसके चूत को सहलाने लगा। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो औरत आज तक उसको इतना तरसाये हुए थी वो आज सब कुछ बिना कोई प्रश्न किये अपने आपको पूर्ण रूप से नंगी कर चुकी थी। नमिता के हाथ अभी भी अमित के बालों को सहला रहे थे।
बाल सहलाते हुए बोली- अमित, इसको प्यार नहीं करोगे?
अचकचाते हुए अमित बोला- क्यों नहीं, कितना तरसाने के बाद आज तुमने वो सुख दिया है कि मैं तुम्हारा गुलाम हो गया हूँ।
कहने के साथ ही अमित के होंठ नमिता की चूत को चूमने लगे।
नमिता के मुँह से निकलने वाली तेज सांसें यह बताने के लिये काफी थी कि उसको भी काफी मजा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद खुद ही नमिता बोली- अमित, थोड़ा रूको और मेरा पिछवाड़ा भी देख लो।
(मुझे लगा कि उसके मुँह से गांड, चूत शब्द निकलेगा पर वो शायद चाह कर भी नहीं बोल पा रही थी।)
अमित ने तुरन्त अपना मुँह हटा लिया और नमिता पलटी और थोड़ा झुक कर खड़ी हो गई। अमित नमिता के पुट्ठे को सहला रहा था।
नमिता ने भी अपने हाथ अपने पुट्ठे पर रख लिया और उसको शायद थोड़ा सा फैला दी और अमित से बोली- अमित इस छेद को भी देखो, कैसा लग रहा है।
अमित ने उस जगह को चूमते हुए बोला- डार्लिंग, आज तुम मुझे जिन्दा मार दोगी।
नमिता - 'ये क्या कह रहे हो?'
'सही कह रहा हूँ!' अमित बोला- इतने दिन हो गये हैं शादी को, सुहागरात से जो तुम शर्मा रही हो आज अचानक तुम सब मेरे मन की बात कर रही हो। मेरा हार्ट अटैक नहीं होगा तो क्या होगा।
नमिता - 'आज से ये सब तुम्हारा है। जिसको जब तुम चाटना चाहो तुम चाट सकते हो।'
अमित उसकी गांड को शायद चाट रहा था और
नमिता बोले जा रही थी- अमित, और चाटो... बहुत मजा आ रहा है।
अमित परेशान था बल्कि उसने नमिता को डराने के लिये बोला भी- लाईट जल रही है, कोई इस तरह देख लेगा।
नमिता उसे फ्लांईग किस देते हुए बोली- जानू तुम डर रहे हो। तुम्हें तो रोशनी में मजा आता है और तुम तो मुझे पूर्ण रूप से नंगी देखना चाहते हो ना... और मैं अभी पूरा नंगी कहाँ हुई हूँ!
कहते हुए वो एक बार फिर झुकी और अपने ब्रा को हटाने लगी, तभी तेज हाथ चलाते हुए अमित ने उसकी पीठ को जकड़ लिया और ब्रा की हुक खोल कर उसके जिस्म से ब्रा हटा दी। नमिता के दो गोल गोल चूचे लटकने लगे जिनको अमित ने अपने हथेलियो में जकड़ लिया और तेज तेज मसलने लगा। नमिता कसमसाने लगी, लेकिन अमित कहाँ मानने वाला था उसे लगा कि शिकारी हाथ से छूट न जाये। वो नमिता के निप्पल को लेकर मुँह में चूसने लगा।
नमिता ने बहुत कोशिश की कि अमित से वो अपने चूचे छुड़ा ले पर सफल न हो पाई तो थक कर वो बैठ गई जिससे अमित उसके निप्पल को आसानी से चूस सके। अमित इस समय एक ऐसा भूखा इंसान नजर आ रहा था जिसके सामने खाने की थाली काफी दिनों के बाद रखी गई हो और वो अब उसे छोड़ने के मूडमें नहीं है। नमिता बड़े प्यार से उसके बालों को सहला रही थी। चूची चूसते चूसते जब अमित थक गया तो उसका हाथ नमिता की पैन्टी की तरफ बढ़ने लगा,
नमिता ने तुरन्त ही उसके हाथों को पकड़ा और बोली- अमित, आज मैं खुद सब कुछ दिखाऊँगी।
कहकर वो एक बार फिर खड़ी हो गई और अपनी पैन्टी को एक झटके से उतार दिया।
अमित आंखें फाड़े हुए उसकी बाल रहित चूत के दर्शन करने लगा और बड़े ही आश्चर्य से उसके चूत को सहलाने लगा। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो औरत आज तक उसको इतना तरसाये हुए थी वो आज सब कुछ बिना कोई प्रश्न किये अपने आपको पूर्ण रूप से नंगी कर चुकी थी। नमिता के हाथ अभी भी अमित के बालों को सहला रहे थे।
बाल सहलाते हुए बोली- अमित, इसको प्यार नहीं करोगे?
अचकचाते हुए अमित बोला- क्यों नहीं, कितना तरसाने के बाद आज तुमने वो सुख दिया है कि मैं तुम्हारा गुलाम हो गया हूँ।
कहने के साथ ही अमित के होंठ नमिता की चूत को चूमने लगे।
नमिता के मुँह से निकलने वाली तेज सांसें यह बताने के लिये काफी थी कि उसको भी काफी मजा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद खुद ही नमिता बोली- अमित, थोड़ा रूको और मेरा पिछवाड़ा भी देख लो।
(मुझे लगा कि उसके मुँह से गांड, चूत शब्द निकलेगा पर वो शायद चाह कर भी नहीं बोल पा रही थी।)
अमित ने तुरन्त अपना मुँह हटा लिया और नमिता पलटी और थोड़ा झुक कर खड़ी हो गई। अमित नमिता के पुट्ठे को सहला रहा था।
नमिता ने भी अपने हाथ अपने पुट्ठे पर रख लिया और उसको शायद थोड़ा सा फैला दी और अमित से बोली- अमित इस छेद को भी देखो, कैसा लग रहा है।
अमित ने उस जगह को चूमते हुए बोला- डार्लिंग, आज तुम मुझे जिन्दा मार दोगी।
नमिता - 'ये क्या कह रहे हो?'
'सही कह रहा हूँ!' अमित बोला- इतने दिन हो गये हैं शादी को, सुहागरात से जो तुम शर्मा रही हो आज अचानक तुम सब मेरे मन की बात कर रही हो। मेरा हार्ट अटैक नहीं होगा तो क्या होगा।
नमिता - 'आज से ये सब तुम्हारा है। जिसको जब तुम चाटना चाहो तुम चाट सकते हो।'
अमित उसकी गांड को शायद चाट रहा था और
नमिता बोले जा रही थी- अमित, और चाटो... बहुत मजा आ रहा है।