hotaks444
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मोंम की बात सुनकर सोनिया मुस्कुरा दी..
वो बोली : "मोंम ...आप सीधा क्यो नही बोलती की काश सोनू होता यहां ...''
मोंम के चेहरे के एक्सप्रेशन और ख़तरनाक हो गये..
वो बोली : "उम्म्म्म........ काश.....ऐसा हो पाता...... तो क्या ग़लत है और क्या सही...उसकी परवाह किए बिना...अभी के अभी.....यही...बाथरूम में ..... उसके लंड को अपनी चूत में घुस्वा लेती मैं....''
उफफफ्फ़.....
कितने सैक्सी तरीके से उन्होने ये बात कही थी....
काश सोनिया के पास कोई रिकॉर्डर होता तो वो बात रिकॉर्ड कर लेती और बाद में सोनू को सुनाती की देख ले भाई, तेरी माँ को मैने कैसे तेरे लंड के लिए तैयार कर दिया है...
सोनिया ने जितना सोचा था, उससे कही ज़्यादा रंडीपन भरा हुआ था उसकी माँ में.
सोनिया : "उसकी तो आप फ़िक्र ही ना करो मोंम .... आप देखना...जल्द ही सोनू का लंड यहां पर होगा...''
उसने मोंम की चूत में अपनी 3 उंगलियाँ एक साथ घुसा कर उनकी क्लिट को रगड़ डाला..
वो तड़पकर सोनिया से लिपट गयी.....
और उसके कान को मुँह मे लेकर चुभलाने लगी और बोली : "वो तो जब होगा...तब होगा.....अभी क्या करू..... प्लीज़ कुछ कर दे.....सोनिया...कुछ कर दे....''
बेचारी सीधा ये भी नही बोल पा रही थी की मेरी चूत चूस ले बेटी...
पर सोनिया के पास उससे भी बढ़िया एक उपाय था...
उसने अपना बेग उठाया और अंदर वाली जीप खोलकर उसने कुछ निकाला...
मोंम देख तो नही पाई पर कुछ लंबा-2 सा दिखा ज़रूर और उसे देखकर कुछ समझ भी नही पाई..
सोनिया ने वो लंबा-2 सा ले जाकर अपनी मोंम की चूत पर लगा दिया...
वो उसका डिल्डो था..
वही डिल्डो जो उसके हॉस्टिल में उसका सच्चा साथी था....
जिसे अपनी चूत से मसलकर उसने कई राते रंगीन की थी.
वही डिल्डो जिसे अपनी सहेली तनवी के साथ उसने कई बार शेयर किया था...
और सोनू ने भी उसे 1-2 बार उसे अपनी चूत में लेते हुए देखा था.
और आज वो उसी डिल्डो को मार्केट भी ले आई थी...
शायद वो जानती थी की मोंम के साथ आज ऐसी स्थिति बन सकती है.
छूट पर लंड जैसी कठोरता का एहसास मिलते ही मोंम तड़प उठी...
और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनिया ने उसका स्विच ओंन कर दिया और वो वाइब्रेट होने लगा....
उन्होने तो सपने में भी नही सोचा था की सोनिया अपनी पॉकेट में डिल्डो लेकर घूमती है...
पर अच्छा हुआ जो ये उसके पास था...
वरना इस तड़पन में वो लड़की भला क्या कर लेती..
ज़्यादा से ज़्यादा फिंगरिंग करके या सकिंग करके शांत कर देती...
पर ये डिल्डो जब अंदर जाएगा और वो भी तिरकते हुए तो चूत रानी की तो बल्ले-2 हो जानी है...
आवेश में भरकर मोंम ने सोनिया को एक गहरी स्मूच दे डाली और बोली : "वाउsssssss ...... अब मज़ा आएगा..... इसका इनाम मैं तुझे घर जाकर दूँगी....पर अभी के लिए....ये घुसा दे.....मेरे अंदर....पूरा अंदर...''
सोनिया : "यससस्स मोंम ..... तभी तो ये लाई थी मैं अपने साथ.... पर आप इसे प्लास्टिक का ना समझ कर सोनू का असली लंड समझो..तभी आपको भी ज़्यादा मज़ा आएगा....''
मोंम ने तड़पकर कहा : "ये बार-2 सोनू का नाम लेकर तू मुझे ज़्यादा मत तरसा...वरना यही मॉल में किसी को पकड़ कर उसका ले लूँगी अंदर...सोनू का समझकर...समझी...''
मोंम का पागलपन देखकर सोनिया को पक्का विश्वास हो गया की अब वो जाल में पूरी तरह से फँस चुकी है....
इसलिए उसने भी उन्हे ज़्यादा तरसाना सही नही समझा...
पर उससे पहले वो एक काम और करना चाहती थी....
उसने मोंम के सारे कपड़े निकालने शुरू कर दिए...
हालाँकि उन्होने मना किया पर सोनिया नही मानी और कुछ ही देर में उन्हे पूरी नंगी कर दिया...
और बाद में उसने खुद भी अपने कपड़े उतार दिए...
एक छोटे से बाथरूम में कितना कुछ हो रहा था और किसी को कुछ पता भी नही था...
अब दोनो माँ बेटियां वहां पूरी नंगी होकर खड़ी थी....
एक दूसरे के नंगे शरीर को निचोड़ती हुई..
सोनिया की नज़रें उनके रसीले बदन पर थी और मोंम की नज़रें कोमोड के उपर पड़े डिल्डो पर....
सोनिया ने उसे हाथ मे पकड़ा और उसपर थूक लगा कर उसे चिकना बना दिया...
अब वो लंड शक्ल का डिल्डो अच्छे से चमक रहा था
मोंम : "उम्म्म्ममममम....जल्दी डाल इसे.....मुझसे और बर्दाश्त नही हो रहा ....''
एक औरत जब ये शब्द बोलती है की ''जल्दी डाल'' तो इसका मतलब है वो सैक्स को अच्छे से एंजाय करने वालो में से है....
मोंम का भी यही हाल था इसलिए सोनिया उन्हे ज़्यादा तरसाना नही चाहती थी...
उसने उसे ओंन किया और उस थिरकते हुए टॉय लंड को अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया...
पूरा का पूरा
''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उम्म्म्मममममममममममममम....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......''
और ये आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर खड़ी एक लड़की को भी सुनाई दे गयी, जो कुछ देर पहले ही बाथरूम में आई थी और शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बूब्स को सही कर रही थी..
चीख सुनते ही वो समझ गयी की बाथरूम केबिन में कुछ चल रहा है....
वो भी पहुँची हुई चीज़ थी...
वो साथ वाले टाय्लेट में घुसी और कोमोड पर खड़ी होकर अंदर का नज़ारा देखने लगी...
वहां जो उसने देखा वो देखकर वो खुद अपनी चूत में उंगली किए बिना नही रह सकी...
अपनी ही उम्र की लड़की को , अपनी माँ के साथ नंगी होकर वो सब करते देखकर, वो भी गर्म हो गयी...
इन सबसे अंजान दोनो अपने काम में लगी हुई थी.
सोनिया ने आज ही अपने डिल्डो में नई बेटरी डाली थी और उसी का कमाल था की वो मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था....
मोंम की आँखे बंद थी और उन बंद आँखो के पीछे वो अपने बेटे से चुदाई करवा रही थी...
पूरी दुनिया से अंजान इस वक़्त वो गर्म माँ अपनी ही दुनिया में खोई हुई सिसकारिया मारती हुई, सोनू के बारे में सोच रही थी...जो उसे, उसी के बेड पर, पागलो की तरह चोद रहा था..
और जैसे ही उसे वो एहसास अंदर तक महसूस हुआ
उसकी चूत की कलई खुल गयी
और अंदर से नर्म-गर्म पानी निकल कर सोनिया के डिल्डो का अभिषेक करने लगा..
''आआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह बैबी...... ......माय सोनिया........ अहह......''
और उन्होने उन्माद में भरकर सोनिया के गुलाबी बूब्बे को मुँह में लेकर ज़ोर से काट लिया...
वो भी तड़प उठी...
''आआआआआआआआअहह.... धीरे मोंम ......धीरेए..... अभी तो बहुत काम आने है ये...''
मोंम भी अपने ऑर्गॅज़म से उभर चुकी थी ...
वो मुस्कुराते हुए बोली : "हाँ ..हाँ ....अपने भाई से चुसवाएगी ना इन्हे.... उसी के लिए संभाल कर रख रही है ना....''
सोनिया अब उन्हे क्या बोलती
सोनू के लिए संभाल कर रखी इस अमानत को वो कब का उसके हवाले कर चुकी थी....
अब तो उसे खुद भी याद नही था की पिछले 15 दिनों में सोनू ने कितनी बार उसके बूब्स को चूसा है...
पर, वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही साथ वाली टाय्लेट में , कोमोड के उपर चड़कर उनका तमाशा देख रही वो लड़की बोल पड़ी : "वो भाई के लिए संभाल रही है और आप अपने उसी बेटे के लिए.... भई, कमाल की फ़ेमिली है आपकी...काश मैं भी इसका हिस्सा बन पाती...''
दोनो माँ बेटी ने चोंकते हुए उसकी तरफ देखा....
और एक अंजान लड़की को अपना शो इतनी बेशरमी से देखते हुए वो हैराना रह गयी...
उन्होने तो सोचा भी नही था की इस मस्ती भरे पल का कोई गवाह बन जाएगा..
और वो भी एक अंजान सी लड़की..
दोनो के चेहरो पर शर्म और भय सॉफ दिख रहा था...
वो बोली : "मोंम ...आप सीधा क्यो नही बोलती की काश सोनू होता यहां ...''
मोंम के चेहरे के एक्सप्रेशन और ख़तरनाक हो गये..
वो बोली : "उम्म्म्म........ काश.....ऐसा हो पाता...... तो क्या ग़लत है और क्या सही...उसकी परवाह किए बिना...अभी के अभी.....यही...बाथरूम में ..... उसके लंड को अपनी चूत में घुस्वा लेती मैं....''
उफफफ्फ़.....
कितने सैक्सी तरीके से उन्होने ये बात कही थी....
काश सोनिया के पास कोई रिकॉर्डर होता तो वो बात रिकॉर्ड कर लेती और बाद में सोनू को सुनाती की देख ले भाई, तेरी माँ को मैने कैसे तेरे लंड के लिए तैयार कर दिया है...
सोनिया ने जितना सोचा था, उससे कही ज़्यादा रंडीपन भरा हुआ था उसकी माँ में.
सोनिया : "उसकी तो आप फ़िक्र ही ना करो मोंम .... आप देखना...जल्द ही सोनू का लंड यहां पर होगा...''
उसने मोंम की चूत में अपनी 3 उंगलियाँ एक साथ घुसा कर उनकी क्लिट को रगड़ डाला..
वो तड़पकर सोनिया से लिपट गयी.....
और उसके कान को मुँह मे लेकर चुभलाने लगी और बोली : "वो तो जब होगा...तब होगा.....अभी क्या करू..... प्लीज़ कुछ कर दे.....सोनिया...कुछ कर दे....''
बेचारी सीधा ये भी नही बोल पा रही थी की मेरी चूत चूस ले बेटी...
पर सोनिया के पास उससे भी बढ़िया एक उपाय था...
उसने अपना बेग उठाया और अंदर वाली जीप खोलकर उसने कुछ निकाला...
मोंम देख तो नही पाई पर कुछ लंबा-2 सा दिखा ज़रूर और उसे देखकर कुछ समझ भी नही पाई..
सोनिया ने वो लंबा-2 सा ले जाकर अपनी मोंम की चूत पर लगा दिया...
वो उसका डिल्डो था..
वही डिल्डो जो उसके हॉस्टिल में उसका सच्चा साथी था....
जिसे अपनी चूत से मसलकर उसने कई राते रंगीन की थी.
वही डिल्डो जिसे अपनी सहेली तनवी के साथ उसने कई बार शेयर किया था...
और सोनू ने भी उसे 1-2 बार उसे अपनी चूत में लेते हुए देखा था.
और आज वो उसी डिल्डो को मार्केट भी ले आई थी...
शायद वो जानती थी की मोंम के साथ आज ऐसी स्थिति बन सकती है.
छूट पर लंड जैसी कठोरता का एहसास मिलते ही मोंम तड़प उठी...
और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनिया ने उसका स्विच ओंन कर दिया और वो वाइब्रेट होने लगा....
उन्होने तो सपने में भी नही सोचा था की सोनिया अपनी पॉकेट में डिल्डो लेकर घूमती है...
पर अच्छा हुआ जो ये उसके पास था...
वरना इस तड़पन में वो लड़की भला क्या कर लेती..
ज़्यादा से ज़्यादा फिंगरिंग करके या सकिंग करके शांत कर देती...
पर ये डिल्डो जब अंदर जाएगा और वो भी तिरकते हुए तो चूत रानी की तो बल्ले-2 हो जानी है...
आवेश में भरकर मोंम ने सोनिया को एक गहरी स्मूच दे डाली और बोली : "वाउsssssss ...... अब मज़ा आएगा..... इसका इनाम मैं तुझे घर जाकर दूँगी....पर अभी के लिए....ये घुसा दे.....मेरे अंदर....पूरा अंदर...''
सोनिया : "यससस्स मोंम ..... तभी तो ये लाई थी मैं अपने साथ.... पर आप इसे प्लास्टिक का ना समझ कर सोनू का असली लंड समझो..तभी आपको भी ज़्यादा मज़ा आएगा....''
मोंम ने तड़पकर कहा : "ये बार-2 सोनू का नाम लेकर तू मुझे ज़्यादा मत तरसा...वरना यही मॉल में किसी को पकड़ कर उसका ले लूँगी अंदर...सोनू का समझकर...समझी...''
मोंम का पागलपन देखकर सोनिया को पक्का विश्वास हो गया की अब वो जाल में पूरी तरह से फँस चुकी है....
इसलिए उसने भी उन्हे ज़्यादा तरसाना सही नही समझा...
पर उससे पहले वो एक काम और करना चाहती थी....
उसने मोंम के सारे कपड़े निकालने शुरू कर दिए...
हालाँकि उन्होने मना किया पर सोनिया नही मानी और कुछ ही देर में उन्हे पूरी नंगी कर दिया...
और बाद में उसने खुद भी अपने कपड़े उतार दिए...
एक छोटे से बाथरूम में कितना कुछ हो रहा था और किसी को कुछ पता भी नही था...
अब दोनो माँ बेटियां वहां पूरी नंगी होकर खड़ी थी....
एक दूसरे के नंगे शरीर को निचोड़ती हुई..
सोनिया की नज़रें उनके रसीले बदन पर थी और मोंम की नज़रें कोमोड के उपर पड़े डिल्डो पर....
सोनिया ने उसे हाथ मे पकड़ा और उसपर थूक लगा कर उसे चिकना बना दिया...
अब वो लंड शक्ल का डिल्डो अच्छे से चमक रहा था
मोंम : "उम्म्म्ममममम....जल्दी डाल इसे.....मुझसे और बर्दाश्त नही हो रहा ....''
एक औरत जब ये शब्द बोलती है की ''जल्दी डाल'' तो इसका मतलब है वो सैक्स को अच्छे से एंजाय करने वालो में से है....
मोंम का भी यही हाल था इसलिए सोनिया उन्हे ज़्यादा तरसाना नही चाहती थी...
उसने उसे ओंन किया और उस थिरकते हुए टॉय लंड को अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया...
पूरा का पूरा
''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह उम्म्म्मममममममममममममम....... एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.......''
और ये आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर खड़ी एक लड़की को भी सुनाई दे गयी, जो कुछ देर पहले ही बाथरूम में आई थी और शीशे के सामने खड़ी होकर अपने बूब्स को सही कर रही थी..
चीख सुनते ही वो समझ गयी की बाथरूम केबिन में कुछ चल रहा है....
वो भी पहुँची हुई चीज़ थी...
वो साथ वाले टाय्लेट में घुसी और कोमोड पर खड़ी होकर अंदर का नज़ारा देखने लगी...
वहां जो उसने देखा वो देखकर वो खुद अपनी चूत में उंगली किए बिना नही रह सकी...
अपनी ही उम्र की लड़की को , अपनी माँ के साथ नंगी होकर वो सब करते देखकर, वो भी गर्म हो गयी...
इन सबसे अंजान दोनो अपने काम में लगी हुई थी.
सोनिया ने आज ही अपने डिल्डो में नई बेटरी डाली थी और उसी का कमाल था की वो मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था....
मोंम की आँखे बंद थी और उन बंद आँखो के पीछे वो अपने बेटे से चुदाई करवा रही थी...
पूरी दुनिया से अंजान इस वक़्त वो गर्म माँ अपनी ही दुनिया में खोई हुई सिसकारिया मारती हुई, सोनू के बारे में सोच रही थी...जो उसे, उसी के बेड पर, पागलो की तरह चोद रहा था..
और जैसे ही उसे वो एहसास अंदर तक महसूस हुआ
उसकी चूत की कलई खुल गयी
और अंदर से नर्म-गर्म पानी निकल कर सोनिया के डिल्डो का अभिषेक करने लगा..
''आआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह बैबी...... ......माय सोनिया........ अहह......''
और उन्होने उन्माद में भरकर सोनिया के गुलाबी बूब्बे को मुँह में लेकर ज़ोर से काट लिया...
वो भी तड़प उठी...
''आआआआआआआआअहह.... धीरे मोंम ......धीरेए..... अभी तो बहुत काम आने है ये...''
मोंम भी अपने ऑर्गॅज़म से उभर चुकी थी ...
वो मुस्कुराते हुए बोली : "हाँ ..हाँ ....अपने भाई से चुसवाएगी ना इन्हे.... उसी के लिए संभाल कर रख रही है ना....''
सोनिया अब उन्हे क्या बोलती
सोनू के लिए संभाल कर रखी इस अमानत को वो कब का उसके हवाले कर चुकी थी....
अब तो उसे खुद भी याद नही था की पिछले 15 दिनों में सोनू ने कितनी बार उसके बूब्स को चूसा है...
पर, वो कुछ बोल पाती, इससे पहले ही साथ वाली टाय्लेट में , कोमोड के उपर चड़कर उनका तमाशा देख रही वो लड़की बोल पड़ी : "वो भाई के लिए संभाल रही है और आप अपने उसी बेटे के लिए.... भई, कमाल की फ़ेमिली है आपकी...काश मैं भी इसका हिस्सा बन पाती...''
दोनो माँ बेटी ने चोंकते हुए उसकी तरफ देखा....
और एक अंजान लड़की को अपना शो इतनी बेशरमी से देखते हुए वो हैराना रह गयी...
उन्होने तो सोचा भी नही था की इस मस्ती भरे पल का कोई गवाह बन जाएगा..
और वो भी एक अंजान सी लड़की..
दोनो के चेहरो पर शर्म और भय सॉफ दिख रहा था...