bahan ki chudai बहन का दर्द - Page 3 - SexBaba
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bahan ki chudai बहन का दर्द

अलका उसकी आँखो मे देखती हुई, देख रवि अब बहुत मज़ाक हो गया, अब तुझे सुधर जाना चाहिए, ये तू भी जानता है कि तू ग़लत है, उसके बाद भी तू ग़लतियो से सबक लेने की बजाय ग़लती पर ग़लती करता जा रहा है, 

रवि-दीदी क्या किसी लड़की से प्यार करना ग़लत है, 

अलका -किसी लड़की से प्यार करना ग़लत नही है लेकिन अपनी बहन से प्यार करना ग़लत है, 

रवि-पर दीदी मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता, 

अलका -ये सब बेकार की बातें है, अभी तुझसे कोई लड़की फस जाएगी तो तू अपनी बहन से भी किनारा कर लेगा, 

रवि- दीदी तुम्हे अपने भाई पर भरोसा नही है,

अलका -बिल्कुल नही, 

रवि -तो मैं ऐसा क्या करूँ कि तुम्हे मुझ पर भरोसा हो जाए, 

अलका कुछ सोचते हुए, मुझे नही पता, 

रवि- अच्छा क्या तुम मुझे पसंद नही करती, 

अलका- नही, 

रवि-तो ठीक है दीदी अब मैं तुम्हे परेशान नही करूँगा, लेकिन एक बाद याद रखना की मेरा प्यार सच्चा है इसमे कोई फरेब नही है, मैं आज तुमसे जितना प्यार करता हूँ उतना ही प्यार सारी जिंदगी करता रहूँगा और मेरे दिल मे जो जगह तुम्हारे लिए है वह जगह दुनिया की कोई लड़की नही ले सकती है, रवि अपने सीने पर हाथ रख कर आइ लव यू दीदी दिल से और उसकी आँखे भर आती है और वह वहाँ से चला जाता है, 

अलका का चेहरा सीरीयस हो जाता है, और वह परेशान हो जाती है उसका दिल और दिमाग़ काम करना बंद कर देते है, वो थोड़ी देर वही खड़ी रह कर सोचती रहती है, अलका की हालत खराब हो जाती है उसके दिमाग़ मे सिर्फ़ और सिर्फ़ रवि ही घूमता रहता है, वह चिड कर बाल्कनी पर गुस्से मे अपना हाथ मारती है और बड़बड़ाती हुई इस लड़के ने तो मेरा दिमाग़ खराब कर दिया है, मैं भी पागल हूँ जब देखो इसी के ख्यालो मे डूबी रहती हूँ और अपने रूम मे आकर बेड पर लेट जाती है,


रात को खाने के वक़्त अलका रवि को देखती रहती है लेकिन रवि उसकी ओर कोई ध्यान नही देता और खाने मे बिज़ी रहता 
है, अलका खाना आधा छोड़ कर उठने लगती है तो 

रति- क्या हुआ बेटा खाना क्यो नही खाया, 

अलका-मम्मी आज मन नही कर रहा है, 

रति- तेरी तबीयत तो ठीक है ना, 

अलका- हाँ मम्मी बस आज भूक नही है, और अपने रूम की ओर चली जाती है, 

रति : बेटे रवि तुमने अलका को तो कुछ नही कहा ना, 

रवि -नही मम्मी हो सकता है उसके पेट मे दर्द हो, और रवि खाना खा कर बालकनी मे आकर खड़ा हो जाता है, रवि मन ही मन सोचता है, अलका ऐसे हाथ आने वाली नही है पर अगर यह मुझसे थोड़ा भी प्यार अगर करती होगी तो वह ज़रूर मुझे ढूढ़ती हुई इधर आएगी, 

अलका अपने बेड पर लेटी लेटी अपनी बुक पढ़ रही थी लेकिन उसे बुक मे बार बार रवि का चेहरा नज़र आ रहा था, वह बहुत बैचेनी महसूस कर रही थी, वह किताब को बंद करके रख देती है, रात के करीब 10 बज रहे थे, अलका अपने रूम से निकल कर आस पास देखती है और फिर धीरे से रवि के रूम की ओर जाती है रवि अपने बेड पर नही होता है तब अलका अपनी मम्मी के रूम की ओर जाकर अंदर देखती है उसकी मम्मी मामा के साथ गल-बहियाँ करे बैठी थी..

, अलका सोचने लगती है रवि कहाँ गया फिर वह वापस आकर बाथरूम का दरवाजा चेक करती है वह भी ओपन रहता है तभी अलका की नज़र बालकनी की ओर जाती है और वह बालकनी की ओर चल देती है,

अलका-रवि अभी तक सोया नही, 

रवि पलट कर देखता है और उसका दिल खुस हो जाता है वह झूठा गुस्सा दिखाते हुए तुम्हे इससे क्या मैं कुछ भी करूँ,

अलका -उसके पास आकर क्या बात है बहुत नाराज़ दिख रहा है, 

रवि -मुझे क्या हक है तुमसे नाराज़ होने का, 

अलका -हूँ तो ये बात है, जनाब का गुस्सा हम पर कुछ ज़्यादा ही लग रहा है, खेर मैं तो ये कहने आई थी कि 
कल हम पिक्चर देखने चले क्या, 

रवि -मुझे नही जाना पिक्चर, 

अलका -ठीक है तुम मत देखना तुम सिनिमा हाल मे सो जाना पर मुझे तो दिखा लाओ, 

रवि -कॉन सी मूवी देखनी है, 

अलका- हम दिल दे चुके सनम, 

रवि -क्या, 

अलका- अरे भाई पिक्चर का नाम है, 

रवि -ठीक है लेकिन हम कॉलेज से ही मूवी देखने चले जाएगे, 

अलका- ओके, 

रवि- ठीक है सुबह जल्दी उठ जाना कॉलेज भी चलना है, 

अलका- ओके बाबा अब मैं जाती हूँ सोने गुड नाइट, 

रवि- धीमी आवाज़ मे कितना रंग बदलती हो, 

अलका पलट कर तुमने कुछ कहा, 

रवि- नही नही गुड नाइट, 

और अलका अपनी मस्तानी गान्ड हिलाते हुए जाने लगती है और रवि मन ही मन मुस्कुराता हुआ उसकी मस्तानी गान्ड को देखते हुए दीदी अगर तुमने मुझे पलट कर देखा तो मैं समझुगा कि तुम्हारे दिल मे मैं अपनी मोहब्बत की चिंगारी लगा चुका हूँ, 
 
अलका अपने दरवाजे तक पहुच कर पलट कर रवि को देखती है, दोनो की नज़रे मिलती है और अलका एक प्यारी सी स्माइल रवि की ओर देती है और रवि उसका जवाब सिर्फ़ थोड़ा सा मुस्कुरा कर देता है, रवि मन ही मन हँसी तो फसि. रवि मन ही मन...कसम से दीदी अगर आपकी इस मस्त मस्तानी गान्ड मे लंड नहीं घुमाया तो कुछ नहीं किया...... और उसके चौड़े-चौड़े चुतड़ों को जब तक घूरता रहता है तब तक वो नज़रों से ओझल नहीं हो जाती है.

सुबह सुबह रवि और अलका तैयार होकर कॉलेज की ओर चल देते है, कॉलेज पहूचकर अलका रवि का गाल खिचते हुए, 
रवि तू रोता हुआ बिल्कुल अच्छा नही लगता है, 

रवि- मैं तो तुम्हे वैसे भी कहाँ अच्छा लगता हूँ, 

अलका -अरे तू कल की बात को अभी तक दिल से लगाए हुए हो वो तो मैने मज़ाक किया था, और रवि के गालो पर अपने हाथ से हल्की सी चपत लगाते हुए मेरा भाई तो दुनिया मे सबसे हॅंडसम है, 

रवि मुस्कुराता हुआ -सच दीदी, 

अलका- हूँ मुझे तो ऐसा ही लगता है, 

रवि -दीदी मुझे क्या लगता है पता है, 

अलका -क्या, 

रवि-यही कि तुम भी दुनिया की सबसे हसीन लड़की हो, 

अलका- चल अब ज़्यादा बाते ना बना, अब मैं जाती हूँ क्लास लेने का टाइम हो रहा है, अलका अपने मोटे मोटे चूतड़ मटकाते हुए चल देती है और 

रवि अपनी बहन की गदराई जवानी को अपने से दूर जाते हुए देखता हुआ हाई उपर वाले बहन भी दी है तो ऐसी पटाका कि 
उसी पर ये दिल मर मिटा है,

यह सच था कि रवि अपनी बहन को चोदना चाहता था लेकिन वह सचमुच अलका से बहुत प्यार भी करता था, उसका दिल 
सिर्फ़ अलका के लिए ही तड़प्ता था, अलका अपने भाई को दुखी करना नही चाहती थी इसलिए वह उसे प्रेम से हॅंडल कर रही थी लेकिन जो खास फ़ैसला उसे लेना था उस पर वह अभी भी सोच नही पाई थी, अभी तक तो उसका दिल और दिमाग़ एक साथ एक ही तरह का डिसिशन लेते थे, लेकिन अब यह वही समय था जब अलका के दिल ने अलग और दिमाग़ ने अलग राह पकड़ ली थी और यही कारण था कि अलका के दिमाग़ पर उसका दिल हावी होने लगा था. 

वो कॉलेज पास गंगा किनारे वाले पार्क मे बैठा अलका का इंतेज़ार करने लगता है .....

तभी उसे दूर से अलका आती हुई दिखाई देती है, ब्लू जीन्स और वाइट टीशर्ट मे वह बहुत पटाका लग रही थी, 

अलका रवि के पास आकर बैठते हुए, कब से बैठा है यहाँ, घर ही चला जाता, 

रवि- दीदी मेरा किसी चीज़ मे मन ही नही लगता, हर जगहा तो तुम्हारा ही चेहरा याद आ जाता है, 

अलका- फिर शुरू हो गई तेरी लव स्टोरी, 

रवि- मेरी लव स्टोरी का दा एंड अभी बाकी है, 

अलका- तेरी लव स्टोरी मैं कही ऐसा ना हो जाए कि आख़िरी में तेरी हीरोइन किसी और की हो जाए, 

रवि -दीदी अगर ऐसा हुआ तो मैं उस स्टोरी का सेकेंड पार्ट बनाउन्गा और जो मेरी हीरोइन को मुझसे ले जाएगा उसको मैं जान से मार दूँगा, 

अलका -चल चल बड़ा आया जान से मारने वाला, जब देखो तब जोश मे ही बात करता है होश मे तो रहता नही, 
अब बोल जल्दी पिक्चर चलना है ना, 

रवि -दीदी अभी मूवी शुरू होने मे 2 घंटे से ज़्यादा है तब तक हम यही बैठ कर टाइम पास करते है, सहर तक जाने मे भी टाइम लगेगा....दीदी थोड़ा करीब आकर बैठो ना, 

अलका- क्यो क्या मैं तुझे दूर से अच्छी नही लगती, 

रवि अलका की चुचियों को देखते हुए दीदी आज लगता है तूने ब्रा पहनी है, 

अलका -क्यो, 

रवि -इसलिए कि .......उसके दूध को छूते हुए तुम्हारे ये बहुत छोटे नज़र आ रहे है 

अलका-रवि चुपचाप बैठ तेरे हाथ बहुत चलने लगे है, 

रवि -अच्छा दीदी एक बात बताओ तुमने कभी ब्लू फिल्म देखी है, 

अलका- नही मैं ऐसी मूवी नही देखती, 

रवि -मेरे साथ देखोगी, 

अलका -नही, वैसे भी तू हमेशा तो मुझे नंगी करने मे लगा रहता है तेरे साथ अगर ऐसी पिक्चर देखूँगी तो पता नही तू क्या करेगा, 

रवि- दीदी एक बार देख लो बड़ा मज़ा आता है, 

अलका -मुझे नही लेना कोई मज़ा वज़ा, तू ही देख वैसे भी तूने सारे तो गंदे शोक पाल रखे है, 

रवि- दीदी इसमे गंदे शॉक वाली क्या बात है, अगर यह सब ना हो तो दुनिया कैसे चलेगी, 
 
अलका -भाड़ मे जाए दुनिया मुझे नही देखना मतलब नही देखना, 

रवि- अच्छा बाबा मत देखो लेकिन एक बार मुझे तुम तो नंगी होकर दिखा दो, 

अलका- रवि की और आँखे दिखाते हुए, तुझे शर्म नही आएगी अपनी बहन को नंगी देखने मे, 

रवि -अरे दीदी मैं तो कब से मरा जा रहा हूँ तुमको नंगी देखने के लिए, पर तुम हो कि अपने भाई का कोई ख्याल ही नही,

अलका- ज़्यादा तुझे नंगी देखने का शोक है तो अपनी बीबी को देखना मुझे नही,

रवि-दीदी मैं तुम्हे ही तो अपनी बीबी बनाना चाहता हूँ, 

अलका -मुझे नही बनना तेरी बीबी, 

रवि- दीदी एक बार बन के देखो तुम्हे जन्नत की सेर ना करा दी तो कहना, तुम्हे पता है कितना मज़ा आता 
है उन सब मे, 

अलका- क्यो तुझे बड़ा एक्सपीरियेन्स है कहाँ अपना मूह काला किया है, 

रवि-दीदी अभी तक तो नही किया पर तुम्हारे साथ करना चाहता हू, 

अलका- रवि तू चुप रहेगा, बेशर्मी की भी हद होती है अपनी बहन से ही ऐसी अनाप सनाप बाते कर रहा है, हालाँकि अलका को भी उसकी बातों मे काफ़ी लुफ्त आ रहा था और उसकी चूत कुछ गीली भी हो गई थी,

रवि-अच्छा दीदी एक बात पुछु सच सच बताना, 

अलका- पूछ, 

रवि -दीदी तुमने कभी लड़को का वो देखा है, 

अलका- झेप्ते हुए रवि तू नही मानेगा मैं जा रही हूँ 

और उठ कर जाने लगती है तो रवि उसका हाथ पकड़ कर वापस बैठाते हुए, अच्छा नही पूछता बैठ जाओ, अलका वापस बैठ जाती है, 

रवि-दीदी तुम्हे मालूम है तुम कितनी खूबसूरत हो, 

अलका- मुझे नही मालूम, 

रवि-दीदी कभी तुम पूरी नंगी होकर सीसे के सामने अपने आप को देखना तब तुम्हे पता चलेगा कि तुम्हारा भाई तुम पर क्यो मर मिटा है, 

अलका- मुझे नही देखना, 

रवि-दीदी तुम ज़रूर देखोगी मैं जानता हूँ, 

अलका- मैं नही देखूँगी, 

रवि -अच्छा बाबा मत देखना लेकिन थोड़ा मेरे पास सरक कर तो बैठ जाओ, 

अलका- नही मैं यही ठीक हूँ, 

रवि अलका का हाथ पकड़ कर खिचते हुए प्लीज़ दीदी आओ ना, 

अलका थोड़ा सा सरक जाती है, रवि भी थोड़ा सरक कर उसके पास आ जाता है अब दोनो की जांघे एक दूसरे से टच होने लगती है, 

रवि-दीदी मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लेना चाहता हूँ तुम पहनॉगी, 

अलका -क्या गिफ्ट, 

रवि -पेंटी, 

अलका- नही, 

रवि -क्यो तुम पेंटी नही पहनती,

अलका- तुझे उससे क्या मैं पहनु या ना पहनु, 

रवि -दीदी मतलब है क्यों क़ी मैं उसे उतारना चाहता हूँ...

अलका..हट बेशरम,

रवि-तुमने अभी पेंटी नही पहनी है, 

अलका उसे घूर कर आँखे निकाल कर देखती है, 

रवि -दीदी तुम जब मुझे ऐसे देखती हो ना तो मेरा दिल करता है कि तुम्हारे रसीले होंठो को चूम लूँ, 

अलका अपनी नज़रे नीचे कर लेती है, 

रवि- दीदी जब तुम ऐसे शरमाती हो तो लगता है कि तुम्हे अपनी बाहों मे भर लूँ, 
 
अलका अपने सर को झुकाए चुपचाप बैठी थी, रवि अलका के चेहरे को अपनी ओर घुमाता है अलका उसकी आँखो मे देखती है, रवि को अपनी बहन का इनोसेंट चेहरा देख कर प्यार आ जाता है और वह अलका के होंठो को चूम लेता है, अलका रवि को देखती है रवि उसके गालो पर अपनी हथेली रख कर ......

रवि-दीदी तुम बहुत खूबसूरत हो आइ लव यू, 

अलका फिर से अपना चेहरा नीचे कर लेती है, 

रवि- क्या बात है आज मैं तुमसे प्यार जता रहा हूँ तो तुम बहुत सीरीयस दिख रही हो, और अलका को अपनी ओर खीच कर उसके गले मे हाथ डाल कर लगता है तुम भी मुझसे प्यार करने लगी हो, 

अलका- रवि अब हमे चलना चाहिए, 

रवि- दीदी अभी चलते हैं....दीदी आज रात को मैं तुम्हारे रूम मे आउन्गा, 

अलका- चोन्क्ते हुए क्यो, 

रवि- दीदी आज मैं तुम्हारे साथ ही सोउंगा, 

अलका -नही बिल्कुल नही, 

रवि- मगर क्यो, 

अलका- ना बाबा तेरा कोई भरोसा नही रात को तू कुछ उल्टा सीधा करेगा, 

रवि- दीदी तुम भी ना मैं तो सिर्फ़ तुमसे बाते करने के लिए आउन्गा, 

अलका- नही नही तुझे जो बाते करना है यहीं कर ले, रात को कुछ नही और मम्मी .मामा भी घर पर हैं कहीं तेरी हरकते उन्होने देख ली तो वो तुझे तो कुछ नही कहेगी बल्कि सारा दोष मेरे मत्थे मढ़ देगे, 

रवि- पर दीदी, 

अलका- नही मतलब नही, 

रवि- अच्छा बाबा मैं तुम्हारे साथ नही सोउंगा पर तुमसे थोड़ी देर बाते करने तो आ सकता हूँ ना, 

अलका- ठीक है लेकिन तुम कुछ बदमाशी नही करोगे, क्यो कि मैं जानती हूँ तुम दिन रात मोके की तलाश मे रहते हो,

रवि-दीदी मेरी बदमाशी तुम्हे अच्छी नही लगती, 

अलका- नही, 

रवि- अलका को अपने से चिपकाते हुए दीदी एक दिन मैं तुमको पूरी नंगी करके इतना प्यार करूँगा कि फिर तुमको मेरी सारी बदमाशियाँ अच्छी लगने लगेगी, 

अलका उसको धकेलते हुए -वो दिन कभी नही आएगा, 

रवि- दीदी वो दिन ज़रूर आएगा मुझे अपने प्यार पर पूरा भरोशा है, और तुम खुद मुझसे कहोगी कि रवि आइ लव यू, 

अलका- रवि को धकेलते हुए-- ठेंगा, और उठ कर रवि अब चल भी हम कॉफी पीते है तब तक मूवी का टाइम भी हो जाएगा, और दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चल देते है, बाइक पर दोनो बैठ कर सहर के सिनिमा हाल के सामने के केफे मे जाकर कॉफी पीते है फिर रवि दो बालकनी की टिकेट लेकर दोनों सिनिमा हाल मे घुस जाते है, रवि की सीट कॉर्नर 
पर रहती है वह अलका को लास्ट मे बैठ कर उसके पास खुद बैठ जाता है, 

मूवी काफ़ी दिन से चल रही थी इसलिए उसमे भीड़ कुछ खास नही होती है, फिर मूवी शुरू हो जाती है, और लाइट्स ऑफ हो जाती है, दोनो मूवी देखने लगते है,

रवि- अलका के कंधे पर अपना हाथ रख लेता है, और धीरे से अपने हाथ को उसकी चुचियों पर ले जाता है, 

अलका- रवि तू यहाँ भी शुरू हो गया कोई देख लेगा, 

रवि- दीदी इतने अंधेरे मे कॉन देखेगा, 

अलका चुपचाप मूवी देखने लगती है, 
 
रवि अपनी दीदी की एक चुचि को अपने हाथो मे भर कर उसे धीरे धीरे दबाने लगता है, अलका उसका हाथ हटाने की 
कोशिश करती है लेकिन उसके हाथ मे कोई ज़ोर नही रहता है, रवि अलका के गालो को चूमता हुआ उसकी चुचि को मसल्ने 
लगता है, 

अलका- रवि प्लीज़ ठीक से बैठो, 

रवि- दीदी तुम अपना ध्यान मूवी मे लगाओ, रवि अलका की जाँघो को जीन्स के उपर से सहलाता हुआ दीदी ऐसे टाइम पर तुम्हे स्कर्ट पहन कर आना चाहिए था, 

अलका रवि को घूर कर देखती हुई, हाँ ताकि तुम मुझे यहीं नंगी कर सकते, 

रवि-यू आर राइट दीदी, यू आर सो स्मार्ट, इसी लिए तो मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ, 

अलका-रवि तुझे ऐश्वर्या पसंद है, 

रवि- नही, 

अलका- तो फिर तुझे कॉन सी हेरोइन पसंद है, 

रवि- जो मेरे पास बैठी है, 

अलका- हल्के से स्माइल करती हुई, तुझसे बातों में कोई नही जीत सकता, 

रवि-दीदी एक बात पुछु, 

अलका- क्या, 

रवि-दीदी क्या आज रात हम साथ नही सो सकते, 

अलका- नही, 

रवि- दीदी तुम इतना नखरा क्यो करती हो, 

अलका- मेरी मर्ज़ी,

रवि=दीदी एक बार मुझे अपनी ये दिखा दो ना अलका की चूत को जीन्स के उपर से दबाता हुआ, 

अलका उसका हाथ हटाते हुए रवि तू मार खाएगा, 

रवि अलका की चुची को दबाता हुआ दीदी बस एक बार दिखा दो फिर चाहे मुझे कितना ही मार लेना, अलका रवि चुपचाप बैठो मुझे मूवी देखने दो, 

रवि -अलका का मूह पकड़ कर उसके होंठ चूम लेता है, दीदी जब इतना मस्त माल किसी लड़के के पास बैठा हो तो वह चुप 
कैसे बैठ सकता है, 

अलका बिगड़ते हुए रवि तू अपनी दीदी के लिए कैसे शब्दो का इस्तेमाल कर रहा है, 

रवि- सॉरी दीदी, पर जब तुम जैसी हुस्न की मालिका मेरे पास होती है तो मैं बेकाबू हो जाता हूँ, 

अलका उसकी ओर मुस्कुरा कर देखते हुए, तू कभी नही सुधर सकता, 

पूरी पिक्चर में रवि अलका की चुचियाँ मसलता रहा और अलका चुपचाप बैठी मज़ा लेती हुई मूवी देखती रही, मूवी 
ख़तम होने के बाद दोनो अपने घर आ गये, रात को अलका अपने रूम मे लेटी हुई किताब पढ़ रही थी .

रति और बिरजू टीवी देख रहे थे, बिरजू अपनी बेहन के बगल मे बैठा हुआ अपनी बेहन की मोटी मोटी जाँघो को मसल रहा था, 

बिरजू-बेहन आज बहुत मन कर रहा है, 

रति- ,भैया घर पर अलका है यह सब यहाँ ठीक नही, 

बिरजू- अलका तो हमेशा ही घर पर रहती है, फिर हम क्या करे, 

रति-भैया कल सोचेगे क्या करना है, 

बिरजू- थोड़ा सा दूध तो दबाने दो, 

रति-भैया समझा करो रवि. अलका किसी भी वक़्त आ सकते है, 

बिरजू- यार बहुत दिक्कत है
बिरजू उठ कर रूम की तरफ जाने लगता है और रति को देखते हुए जब बच्चे सो जाए तो आ जाना तेरी नंगी कर के गान्ड
मारनी है....

रति- मुस्कराते हुए तो अभी तक क्या कपड़े पहना कर मारते थे....

और उधर उपर ,अलका ने स्कर्ट और टीशर्ट पहना हुआ था और अपनी अलमारी मे कपड़े रख रही थी, रवि चुपके से जाकर अलका को पीछे से पकड़ लेता है, 

अलका-रवि छोड़ ये क्या कर रहा है, 

रवि-दीदी ये हुई ना बात, 

अलका- चोन्क्ते हुए कॉन सी बात 

रवि- दीदी आज अपने सही कपड़े पहने है, 

अलका- अपने आप को रवि से छुड़ाकर बेड पर बैठते हुए रवि तू तो ऐसी बात कर रहा है जैसे मैं ये कपड़े पहली बार पहन रही हूँ, दीदी जब से मैने तुम्हे चाहा है तब से तो तुम बिल्कुल ही इन कपड़ो को भूल गई थी आज कितने दिनो बाद आपने स्कर्ट को -----उसकी स्कर्ट को जाँघो तक उठाते हुए .....ये स्कर्ट पहनी है, 

अलका- अपनी स्कर्ट को उसके हाथो से छुड़ा कर नीचे करती हुई रवि तू भी ना जब देखो तुझे एक ही बात सूझती है, क्यो आया है तू यहाँ, 

रवि- लो भूल गई आपने ही तो मुझे कहा था कि रवि रात को मेरे कमरे मे आना मैं तुझे पूरी नंगी होकर दिखाउंगी, 

अलका उसको मारते हुए 

मैने कब कहा झूठे कही के, जा यहाँ से, 

रवि- दीदी अभी आया हूँ और अभी भागने लगी, थोड़ी देर तो बैठने दो पता नही तुम्हे क्या हो गया है .
 
अलका बैठ जा लेकिन कोई शैतानी नही चलेगी, दीदी तुम लेट जाओ मैं तुम्हारे पेर दबा देता हूँ, 

अलका- नही मैं ऐसे ही ठीक हूँ, 

रवि- दीदी चलो हम दोनो लेट कर बाते करते है, 

अलका- ठीक है लेकिन तू मुझे टच नही करेगा, 

रवि- ओके, 

अलका लेट जाती है और रवि उसकी ओर मूह कर के लेट जाता है, 

रवि-दीदी तुम बहुत सेक्सी हो, 

अलका- शुरू हो गई तेरी बकवास, 

रवि- दीदी तुम बहुत घमंडी हो, 

अलका- वो क्यो, 

रवि-इसलिए कि मैं तुम्हारी तारीफ कर रहा हूँ और तुम मुझे कोई भाव ही नही दे रही हो, 

अलका-रवि तू कोई और बात कर ना, दिन भर मेरे पीछे क्यो पड़ा रहता है, 

रवि- इसलिए कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, 

अलका उसकी आँखो को पढ़ने की कोशिश करती हुई,..... अच्छा कितना प्यार करता है मुझसे,

रवि- आजमा कर देख लो, 

अलका- क्या कर सकता है मेरे लिए, 

रवि-दीदी जो तुम कहो, कहो तो अपनी जान दे कर दिखा दूं, 

अलका- रवि के मूह पर हाथ रखते हुए फालतू बातें अपने मूह से मत निकाला कर, 

रवि- अलका के हाथ को चूमता हुआ, दीदी एक बात सच सच बता दो ना प्लीज़, 

अलका -क्या, 

रवि -यही कि तुम मुझे चाहती हो कि नही, 

अलका- हाँ लेकिन एक भाई की तरह, 

रवि- पर मैं तो तुम्हे अपनी बीबी की तरह चाहता हूँ, 

अलका- तो मैं क्या करूँ ये तेरा प्राब्लम है, 

रवि- दीदी अच्छा तुम मुझसे पटने का क्या लोगि, 

अलका- तू क्या दे सकता है, 

रवि- जो तुम कहो, 

अलका- कुछ सोचते हुए, रहने दे मुझे कुछ नही चाहिए, 

रवि- दीदी तो फिर मुझसे पट जाओ ना, 

अलका -मुस्कुराते हुए, अपनी बहन को पटा नही सकता किसी दूसरी लड़की का क्या पटाएगा,

रवि-दीदी मैं दूसरी किसी लड़की को नही चाहता हूँ, मुझे तो बस तुम चाहिए, दीदी अब मैं तुम्हे किस करूँगा, 

अलका अपने होंठो पर हाथ रख लेती है, 

तभी रवि उसकी उठी हुई चुचियो के निप्पल को चूम लेता है, दीदी मैं तो यहाँ की बात कर रहा था, 

अलका- जल्दी से अपनी छातियों के आगे हाथ कर लेती है, रवि हो गई तेरी शरारत शुरू, 

रवि-दीदी एक बार तुम भी मुझे किस करो ना, 

अलका- नही, 

रवि अलका को एक दम से पकड़ कर अपने से चिपका लेता है, 

अलका- रवि छोड़ मुझे 

रवि अलका को अपनी बाँहो मे भर कर उसके रसीले होंठो को खूब कस कर चूम कर उसे छोड़ देता है, 

अलका उठकर बैठने लगती है तो रवि उसकी कमर पर अपनी टाँगे लाद कर उसका हाथ पकड़ कर वापस लेटा देता है, 

अलका-रवि तू अपनी हरकत से बाज नही आएगा, मम्मी कभी भी आ सकती है, 

रवि-दीदी तुम्हारे होंठ बहुत रसीले है, एक बार और अपने होंठो का रस पिला दो ना, 

अलका- देख रवि अगर तू अपनी हरकत बंद नही करेगा तो मैं यहा से चली जाउन्गी,

रवि- अच्छा एक बार मेरे उपर आकर लेट जाओ, 

अलका- रवि तू पागल हो गया है, 

रवि-दीदी तुम्हारी इस खूबसूरत जवानी ने मुझे पागल कर दिया है और अलका की चुचियों को अपने हाथो से पकड़ने की कोशिश करता है इतने मे अलका उठकर बेड से उतरने लगती है तभी रवि उसे पीछे से दोनो हाथों से उसकी दोनो चुचियों को दबोच लेता है, और कस कस कर उसकी चुचियो को दबाने लगता है, और अपने होंठो से उसके गले और गर्दन को चूमने लगता है
 
अलका कसमसा जाती है और रवि ये क्या कर रहा है छोड़ मुझे, 

रवि पागलो की तरह अपनी बहन की कसी हुई चुचियो को कस कस कर दबाता रहता है अलका मदहोश होने लगती है रवि 
लगातार उसकी गर्दन और उसके गुलाबी गालो को चूमता रहता है, अलका का विरोध ना के बराबर हो जाता है, 

रवि अलका के कान मे- दीदी आइ लव यू, 

अलका अपने आप को उसके बदन पर ढीला छोड़ देती है, रवि अलका के मूह को अपनी और घुमा कर उसके रसीले होंठो को अपने मूह मे भर लेता है और अलका के दूध दबाता हुआ उसके रसभरे होंठो का रस चूस चूस कर पीने लगता है, 

अलका मदहोश होकर रवि के उपर टिकी रहती है रवि धीरे से अलका के टॉप के अंदर हाथ डाल कर उसकी नंगी चुचियो को 
अपने हाथो मे पकड़ लेता है और उसकी ठोस बड़ी बड़ी चुचियो को कस कर दबाता है, 

अलका कसमसाते हुए -रवि प्लीज़ छोड़ दे मुझे, 

रवि-दीदी आइ लव यू, 

अलका-रवि प्लीज़ मत कर मुझे बहुत दर्द हो रहा है, 

रवि- दीदी तुम बहुत खूबसूरत हो, 

अलका- रवि आह मत कर रवि प्लीज़ छोड़ दे मुझे बहुत दर्द हो रहा है, 

रवि-दीदी आइ लव यू, और रवि अलका को अपनी गोद मे खड़ा होकर उठा लेता है और उसकी दोनो टाँगो को अपनी कमर मे लपेट कर उसकी छातियो को दबाते हुए उसके रसीले होंठो को चूसने लगता है,

अलका- रवि मुझे नीचे उतार दे मैं गिर जाउन्गी, 

रवि अपने हाथो को अलका की स्कर्ट मे डाल कर उसके मोटे मोटे गदराए चुतड़ों को दबाते हुए दीदी तुम बहुत सेक्सी हो आइ लव यू दीदी आइ लव यू, तभी अचानक रवि का मोबाइल बजता है और अलका को एक दम होश आ जाता है और वह रवि के उपर से उतर कर शर्म से लाल हुई अपने बेड पर जाकर उल्टी लेट जाती है,

फोन काट कर रवि अलका के पास जाता है जो अपना मूह छुपाए बेड पर उल्टी पड़ी हुई थी, रवि अलका के पास जाकर बैठता हुआ, उसकी पीठ पर हाथ रखते हुए दीदी, 

अलका- एक दम झटके से पलट कर रवि के मूह पर एक थप्पड़ मार देती है,

रवि उसे देखता रह जाता है अलका की आँखो मे आँसू थे, 

अलका- क्या कर रहा था मेरे साथ, किसी बात की हद होती है, मैं तुझे अपना भाई समझ कर कुछ बोलती नही तो तू जो मर्ज़ी आए करेगा, चला जा मेरे रूम से और अब दुबारा मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना, ये तेरे लिए लास्ट वॉर्निंग है, और फिर अलका फफक कर रोने लगती है, रवि को इस तरह की किसी भी बात की उम्मीद नही थी और वह अलका के ऐसे बर्ताव से थोड़ा टेन्षन मे आकर अपने बेड पर लेट जाता है, उसका पूरा मूड ऑफ हो जाता है, और उसे अपने पर बहुत गुस्सा आता है, और उसे अपनी दीदी पर भी बहुत गुस्सा आता है, पता नही अपने आपको क्या समझती है, जब देखो नखरा गुस्सा इसके अलावा उसको कुछ आता ही नही है एक मैं ही पागलो की तरह उससे इतना प्यार करता हूँ और उसे मेरे जज्बातो की कोई कदर ही नही है, मत करो बात आज के बाद मैं भी तुम्हे अपने दिल से निकाल दूँगा, यही सब सोचता रवि सो जाता है.
............................
और इधर नीचे..अलग ही रास लीला चल रही थी बिरजू और रति की...

जब रति को भरोसा हो गया कि रवि और अलका सो गये हैं...वो धीरे से बिरजू के रूम मे गयी....

बिरजू ने दरवाजा खोला और तुरंत बंद किया और .... रति को बाहों मे ले लिया....

रति: अरे भैया इतने बेसबरे मत हो......बच्चे हैं..... आवाज़ बाहर जा सकती हैं....

बिरजू: तू क्या समझती है कि वो नहीं समझ रहे होंगें....

दोनो फुसफुसा के बातें कर रहे थे......

रति: हां भैया...... दोनो जवान हैं सब समझ रहे होंगें.....मुझे तो बहुत शरम आ रही है...

बिरजू: हां ये बात तो है.....

रति: मेरे को तो लगता है जैसे इन दोनो के बीच में भी कुछ-कुछ चल रहा है.....

बिरजू: सच...... तुझे कैसे पता चला......

रति: ऐसे ही अंदाज से......दिन रात दोनो चिपके रहते हैं...... बार-बार बाज़ार जाते हैं....रवि भी अलका का बहुत ध्यान रखता है.....

बिरजू: तो क्या उन दोनो के बीच मे वो सब..... समझ रही हो ना मैं क्या कहा रहा हूँ.....

रति: उसका मुझे पक्का तो पता नहीं......लेकिन लगता है.....वो (सेक्स) सब अभी इन दोनो के बीच में नहीं हुआ है.....नहीं तो लड़की की चाल बदल जाती है......पर अभी अलका की चाल में लचक नहीं आई है........अगर हुआ होता तो मैं समझ जाती......

बिरजू: चलो अच्छा है....हमारी बेहन भाई की परंपरा को आगे ले जाएगे....हैं भी तो हमारा ही खून....

इतना कह कर बिरजू ने रति.....को ज़ोर से अपनी बाहों मे ले लिया.....और एक ज़ोर दार चुम्मा ले लिया...... रति ने भी अपना मुहँ बिरजू की चौड़ी छाती में छुपा लिया......और उसकी बाहों मे समा गयी...... बिरजू ने उसका ब्लाउस ढीला कर दिया...और उसकी चुचिओ को खोल दिया.....और उनका भर-पूर मर्दन करने लगा......... ना जाने कब उसने उसका पेटिकोट का भी नाडा ढीला कर दिया..... और पैरों से उसे नीचे खिसका दिया..... उसकी चूड़ियाँ खनक- खनक की आवाज़ कर रहीं थी
बिरजू ने अब तक रति को मादरजात नंगा कर दिया था....और उसकी बड़ी-बड़ी चुचिओ को दोनो हाथों से आटे की तरह गूँथने लगा............
 
रति: भैया ऐसे ज़ोर-ज़ोर से मत मस्लो....बहुत दर्द हो रहा है......

बिरजू: ओह सॉरी...ग़लती हो गयी......वो फिर उन्हे मुँह से चूसने लगता है.... उसका लंड रति की चूत के मुहाने पर कुलाची मारने लगता....है.....वो धीरे से लंड रति की चूत मे पिरो देता......है.....और डाल कर उस पर लेट जाता है....और उसके गाल चूस्ते हुए उस से बातें करना लगता है.......

रति: भैयाअ.....

बिरजू: हूँ.....

रति: अब इन दोनो के बारे मे क्या सोचा है.....

बिरजू:मैने तो अभी तक...हम दोनो के बारे मे भी नहीं सोचा....

रति: चलो हम सब के बारे मे सोचते है......अब आगे कैसे क्या करना....है...

बिरजू: पगली कल कुछ पता है...टेन्षन मत ले.... कुछ ना कुछ सोच लेंगें....

रति: आप तो हमेशा.......ऐसे ही आवारा मस्त रहते हैं...लेकिन मुझे हमारे भविष्य की चिंता है....

बिरजू: क्या आज दुनिया का आखरी दिन है....अभी सेक्स कर रहे है उस पर कॉन्सेंट्रेट कर....कल सुबह बात करेंगें ......क्या करना है....

रति: मुस्काते हुए..... कमर चलाने लगी.....और दोनो काम कीड़ा में मशगूल हो जाते हैं.......

सेक्स के पहले राउंड के बाद.... रति फिर सोच में पड़ गयी..... और मन ही मन सोचने लगी ...
क्या अलका रवि भी उन ही की तरह इन्सेस्ट सेक्स में जाएँगे... अगर गये तो उनका भविष्य क्या होगा ...?
हमारी (रति और बिरजू की) तो जैसे तैसे कट गयी..... अभी तो ये दोनो नयी दुनिया में कदम रखेगे..... कल दुनिया को क्या जबाब देगें....

बिरजू ने जब रति को इतनी गहरी सोच में देखा तो पूछा ...क्या सोच रही है पगली....

रति: भैया मेरा तो केवल वोही सवाल है ,,,अलका और रवि के बारे में सोच रही हूँ..और ये कह कर उसने करवट बदल ली.....

बिरजू रति की चौड़े-चौड़े चूतड़ो पर हाथ फेरते हुए..... लगता है तू बहुत चिंतित है दोनो के बारे में.....

रति: हां भैया ....

बिरजू: देख वॅलिंटाइन डे आने वाला है..... हम उन्हे कुछ प्राइवसी देते हैं दोनो को....देखते हैं कुछ होता है या नहीं......अभी तो हमें भी नहीं पता कि दोनो मैं कुछ है भी या नहीं....... अगर उनका प्यार सच्चा होगा तो फिर हम दोनो से बात करेगे....

रति : भैया ये वॅलिंटाइन डे क्या होता है.......

बिरजू: ये प्यार का दिन होता है... पगली पहले अंग्रेज लोग मनाते थे... कुछ सालों से इंडिया मे भी होने लगा है.....

रति: प्यार का भी कोई दिन होता है क्या......? इस तरह से तो हम रोज वॅलिंटाइन डे मानते हैं... तो क्या हमें 14थ फ़रवरी तक वेट करना पड़ेगा .....

बिरजू : हां..... पर ये शक़ तुझे कैसे हुआ कि दोनो के बीच मे कुछ चल रहा है.........

रति: पता नहीं आपने नोटीस किया या नहीं .....अलका की चुचिया और गान्ड नहीं देखी जब से रवि आया है....कितनी निखर आई है.... और आज कल वो अपने कपड़ों पर कितना ध्यान देने लगी है..... रवि भी उसे नये नये मॉडर्न कपड़े ला ला कर दे रहा है..... और बाइक पर रवि से कैसे चुचियाँ सटा के बैठ जाती है...जैसे भाई नही यार हो !

बिरजू: पगली चुचियाँ सटा के तो तू भी बैठती है मेरे साथ ....

रति: धात्त शरमाते हुए..... बैठती हूँ तो हमारे बीच में चल भी तो रहा है.....

बिरजू : हां वो तो है..... और रही बात उसकी चुचिओ और गान्ड की वो तो उसकी तेरे पर गयी है..... देख तेरी कितनी मस्तानी गान्ड है.....(रति की गान्ड पर हाथ फेरते हुए)..... जवान लौंडिया है यही तो उम्र है उसके नक्श निकलने के..... और हो सकता है उस में रवि भी हवा दे रहा हो ...इस में ग़लत क्या है..... पर ये बात तू सही कह रही है.... साली की गान्ड क्या मस्त है बिल्कुल वो जो नयी हेरोयिन आई है ना सोनाक्षी सिन्हा ...... बिल्कुल उसकी तरह गदराई और उभरी हुई गान्ड है हमारी अलका की ... आख़िर बेटी किस की है.... और ये कहते हुए उसने रति की गान्ड पर हाथ फेरा और प्यारा सा चुंबन उसके गाल पर रख दिया....

रति: हाई रे !............तुम अपनी भांजी को ऐसी नज़र से देखते हो..शरम नहीं है.....

बिरजू: वो मेरी बेटी भी है.......और इस में क्या ग़लत है..... उसकी गान्ड गदराई है तो ग़लत क्या है .... तुम भी तो बोल रही हो.....

रति : भैया सच मे बहुल बड़े लुच्चे हो ! बेहन बेटी किसी को मत छोड़ना....

बिरजू हँसने लगा और वो फिर एग्ज़ाइटेड हो गया उसके दिमाग़ मे अलका की गदराई गान्ड घूमने लगी.....
 
बिरजू ज़ोर से हंसते हुए.... ... रति की चौड़ी और उभरी हुई गान्ड से खेलने लगा......और उसकी चुचिओ को मसल्ने लगा......

रति : क्या भैया आप तो फिर से शुरू हो गये.....

बिरजू: तू साथ मे लेटी हो तो मैं हमेशा तैयार रहता हूँ..... और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुचिओ का मर्दन करने लगा और उसकी गान्ड की दरार में उंगली करने लगा.......

रत: चलिए वहाँ से हाथ हटाइए.....

बिरजू : रति मेरी प्यारी बेहन आज मुझे को गान्ड मारने का बहुत मन हो रहा है...शाम से तेरे को घाघरे मे देखा है दिमाग़ खराब हो गया है....और जब तू खेत मे मुतने बैठी थी....और गान्ड से घाघरा उठाया था...कसम से मेरा तो तभी मन कर रहा था कि वहीं.... तेरे को डाल कर गान्ड मर्दन कर दूं.....

रति: नहीं भैया ..गान्ड मरवाने में मेरे को बहुत दर्द होता है.... प्ल्स वहाँ मत डालना.... चाहो तो आगे से एक बार फिर कर्लो.... पर गान्ड को हाथ भी मत लगाना......

बिरजू ने पास पड़ी तेल की शीशी उठाई और अपने लौडे पर तेल मल लिया.....और ढेर सारा तेल.....रति की गान्ड में उंगली से डालने लगा.....

रति चिहुक गयी....और लगभग चिल्लाते हुए.... मना किया था ना.... और उठने की कोशिश करने लगी... पर बिरजू उसे अपनी टाँग के दबाव से नीचे डाले रहा.......

बिरजू लगभग गिडगिडते हुए रति से अनुरोध करने लगा.....प्ल्स मान जा मेरी प्यारी बहना....और आज मुझे करने दे.....

पर रति तैयार नहीं हो रही थी..क्यों कि उसे पता था...पिछली बार बिरजू ने जब उसकी गान्ड पिलाई की थी तो तीन दिनो तक उसकी गान्ड सूजी रही थी...और वो लंगड़ा लंगड़ा के चली थी.....

रति समझ गयी कि बिरजू आज उसकी गान्ड मारे बिना नहीं मानेगा ...और उसका गधे जैसा लंड उसके चुतड़ों की दरार में हड़कंप मचा रहा था...... उसने आखरी कोशिश की .... और बड़े प्यार से अनुरोध वाले स्वर मे बिरजू से बोली... मेरे प्यारे भैया आप चाहो तो दो बार मेरी आगे से ले लो...पर प्लीज़ गान्ड मत मारो बहुत दर्द होता है....


बिरजू : रति देख कितना तेल मल लिया है.... बड़े आराम से चला जाएगा.... तुझे ज़रा सा भी दर्द नहीं होगा.....

रति: आपने पिछली बार भी ऐसा ही कहा था ...पता है कितना दर्द हुआ था एक हफ्ते तक्क्क

बिरजू : मैं क्या अपनी प्यारी बेहन को तक़लीफ़ दूँगा.... मेरी रानी मान जा.....


रति नहीं मैं गान्ड महीन मरवाउन्गी.... चाहे कुछ भी हो जाए......

अब बिरजू को गुस्सा आ गया..... और उसने ऱौद्र रूप धारण कर लिया..... साली जब से रिक्वेस्ट पर रिक्वेस्ट कर रहा हूँ पर मानती नहीं....और उसने गुस्से में आज बोल दिया कि मारूँगा तो मारूँगा......और उसने रति को उल्टा लिटा दिया. और ज़बरदस्ती उसकी गान्ड पर चढ़ गया......

रति को बिरजू से ये उम्मीद नहीं थी..... बिरजू ने अपना लौडा रति की गान्ड के छेद पर टीकाया..... और एक झटका दिया.....तेल से सना लौडा गान्ड के छेद से हट गया और रति भी सहयोग नहीं कर रही थी..... पर बिरजू तो ज़िद्दी था शुरू का... इस बार उसने रति को अपने वजन से पूरा दबा लिया और लंड पूरा छेद पर टिकाया...... और गान्ड के छेद को खोलता हुआ ..... उसका आधा लंड रति की गान्ड को चीरता हुआा...... घुस गया...रति की एक चीईक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्ख्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकली थी,,,,, माआआआआआआआआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाआआआआआआआआआआआयययययययययययययययययीीईईई.............................

बिरजू ने आगे हाथ बढ़ा कर..... रति की चुचियों को ज़ोर से मसला..... और उसका बायें गाल को चूस्ते और काट ते हुए................... रति की गान्ड मे दूसरा धक्का दिया...... और रति की चीख गूंजीईईईईईईई .................माआआआआआआआआआआआआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाआआयययययययययययययययययययीीईईईईई...............

बिरजू को लगा जैसे ये पूरा गाओं सर पर उठा लेगी...... उसने पीछे से अपने मुहँ से रति के मुहँ को दबा लिया....... और ज़बरदस्ती उसकी जीभ और होठों को चूसने लगा...........अब रति एक तरह से निढाल हो गयी..... गान्ड फॅट चुकी थी...पर इस बार तेल लगाने की वजह से दर्द पिछली बार से कम था......... पर गान्ड का छेद संकरा होता है इस लिए दर्द तो था ही......

बिरजू अब होले होले से अपना लंड रति की गान्ड में हिला रहा था..... ज़बरदस्ती ही सही पर रति को अब मज़ा आने लगा...बिरजू ने आज एक नया सुख का दरवाजा खोल दिया था...

रति आहाा अहाआ ...आआआआआआआआ कर रही थी वो दर्द और सुख का मिश्रण था......... बिरजू ने सोचा रति थोड़ा सेट्ल हो जाए.... इस लिए वो थोड़ा ठहर गया..... उसका लौडा रति की मस्तानी गान्ड में फ़सा हुआ था........ और वो उसके गुलाबी - गुलाबी गालों को चूस रहा था और चुचिओ का मर्दन कर रहा था.................

बिरजू ने रति के कान में कहा : अभी भी दर्द है" 

रति लगभग रुआंसी होकर बोली , कोई ऐसे अपनी बेहन की गान्ड फाड़ता है , 

बिरजू ने कहा कॉन सा रोज- रोज करता हूँ आज मन हो गया एक दम से .और वो धीरे धीरे अपना लंड रति की गान्ड मे अंदर बाहर करने लगा थोड़ी देर बाद रति भी हल्के हल्के गान्ड हिला रही थी और आराम आराम से सिसकारी ले रही थी .

बिरजू अभी भी धीरे धीरे लंड अंदर बाहर कर रहा था तभी रति बोली , हाए मेरे चोदु सैयाँ जब गान्ड कुँवारी थी तो कैसे बेदर्दी से घुसा दिया और अब देखो कैसे शरीफो की तरह चोद रहा है , तेज़ धक्के मार ना भैया फाड़ दे ना इस गान्ड को ,

बिरजू सोचने लगा हाए अब तो यह रति अपनी गान्ड का गुड़गांवा बनवा के ही मानेगी.

बिरजू ने रति की कमर पकड़ी और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा , बिरजू ने देखा कैसे रति के चूतड़ उसके हर धक्के पर थिरक रहे थे , इसे देखकर तो जैसे बिरजू पागल हो गया और अपना पूरा लौडा बाहर निकाल कर फिर अंदर डालते हुए ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा......ऱति अब मस्ती मैं चिल्लाने लगी....चोद ना चोद मुझे चोदरिया ..........आहह............मुंम्म्ममममिययययययययययययाआआआआआ...भैय्ाआआआआआआआआ.....मररर नाआआअ .......चूऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्दद्ड नाआआआआअ....और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड बिरजू के लौडे पर हिलाने लगी करीब करीन 20 मिनट लगातार रति की गान्ड की खातिरदारी करने के बाद बिरजू का लौडा एकदम अकड़ने लगा और वो पागलो की तरह उसकी गान्ड मारने लगा , 

रति को तो जैसे होश नही था लेकिन रति थी हिम्मतवाली बिरजू के हर धक्के को मज़े और दर्द की सिसकारियाँ के साथ झेल रही थी.अचानक बिरजू के लंड से पिचकारियाँ रति की गान्ड मे गिरने लगी और बिरजू बुरी तरह झड़ने लगा, रति मस्ती से नहला से मेरी गान्ड अपने घोड़े जैसे लंड से , घोड़ी बनाकर चोद रहा है मेरा घोड़ा भैया मुझे हाई......इस घोड़ी की गान्ड तर कर दी तूने .........अब रति से संभलना मुश्किल हो गया य्चा शायद वो भी अपनी चूत झाड़ चुकी थी वो ऐसे ही बेड पर गिर गयी और बिरजू उसके उपर 

बिरजू- थॅंक यू रति , , मेरी जान क्या मस्त गान्ड और चूत है तेरी कहकर उस पर गिर गया और ऐसे ही काफ़ी देर उस पर पड़ा रहा.

जब थोड़ी देर बाद दोनो उठे तो देखा बिस्तर रज वीर्य से सन चुका था बिरजू के लौडे पर मल लगा था , रति की आँखों में आँसू थे और चेहरे पर पूरी संतुष्टि और मुस्कुराहट , बिरजू ने रति को चूमा और उसे गोदी मैं उठा कर सोफे पर बिठाया और फिर बेड का गद्दा और शीट चेंज करने लगा.... रति अपने भैया को बड़े प्यार से निहारने लगी आख़िर लग भाग 20-25 साल की बोंडिंग थी दोनो में.....

बिरजू ने एक कपड़ा ले कर अपना लंड पोन्छा और रति को दिया.... रति ने भी अपनी गान्ड और चूत को उस से पोंछ लिया..... वो समझ गया रति बहुत थकि है और और उसकी गान्ड में बहुत दर्द है... उसने रति से पुछा बाथरूम जाएगी ...रति कुछ बोली नही और हां में अपना सर हिला दिया.... बिरजू ने धीरे से रति को अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम मे ले आया.... रति वहीं टाय्लेट में मूतने लगी....... उसकी चूत से धार निकली .... जो अक्सर चुदासी औरतों मे चुदने के बाद निकलती है............वहीं बिरजू ने भी पेशाब कर ली..... रति से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था...बिरजू ने उसे सहारा दिया और पानी ले कर उसकी गान्ड और चूत को अच्छी तरह से धोया अपने लौडे को भी धोया और फिर तौलिए से पोंछ कर रति को फिर अपने गोद मे ले कर बिस्तर पर लिटा दिया... और बड़े प्यार से उसके चेहरे को चूमा.....

रति मन ही मन मुस्कुराती हुई बिरजू के सीने पर सिर रखकर मुस्कुराती हुई ही आँखे बंद करके उसके साथ नंगी ही सो गयी , थोड़ी देर बेहन की चूचिओ पर हाथ फिराते हुए बिरजू को भी कब नींद आ गयी उसे पता ही नही चला.

सुबह बिरजू देर तक सोता रहा और जब आँख खुली तो बेहन उसके पास नही थी बिरजू उठा बाहर हॉल में गया तो वहाँ रति दिखी वो थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी , उसकी नज़र बेहन के पैर पर गयी तो देखा उन्होने पंजे से टखने तक पट्टी बाँध रखी थी , बिरजू ने बेहन से पुछा क्या हुआ , तब रति ने कहा तुमने जो मेरी आयेज और पिछे से ठुकाई की है मेरी चाल बदलने का क्या बहाना लगाउन्गी इसीलिए यह पट्टी बाँध ली , बिरजू बेहन को गले से लगा लिया और पुछा कल कैसा लगा , रति ने शरमाते हुए मेरी छाती पर घूँसा मारा और कहा चल पागल सुबह सुबह ही शुरू हो गये तभी सीढ़ियों से किसी के आने की आवाज़ आई दोनो अलग हो गये अलका नीचे उतर रही थी ... उसने जब देखा कि माँ ने अपने पैर मे पट्टी बाँध रखी है तो उसने पुछा क्या हुआ माँ... 

रति-अरे बेटा कुछ नहीं ज़रा बाथरूम में पैर मूड गया था..

अलका-अरे डॉक्टर को दिखाते हैं 

-अरे कुछ नहीं ठीक हो जाएगा रति बोली....
 
सुबह रवि की नींद खुली... उसे अभी भी अलका का मारा हुआ चाँटा याद आ रहा था...
उसने रात आए हुए फोन पर बात की....उसका दिल सही में टूट चुका था...और लगा जैसे अलका की इस तरह बेरूख़ी से उसे लगा अब उसका यहाँ रहने का कोई मकसद ही नहीं बचा....

तभी नीचे से अलका की आवाज़ आई ... रवि मेरे को कॉलेज छोड़ कर आ जा.....

मैं नहीं आ पाउन्गा तुम चली जाओ....

ये सुन कर अलका गुस्से से तमतमाती हुई उपर रूम में आती है...और देखती है कि रवि अपना समान पॅक कर रहा है....

अलका: कहाँ जा रहा है ?

रवि: मैं जाय्न कने जा रहा हूँ... 

अलका: पर तेरी छुट्टी तो अभी बाकी है...

रवि : हां लेकिन अब यहाँ रुकने का कोई मन नहीं है....

अलका: फालतू बात मत कर रवि ...चल नीचे चल माँ बुला रही है....

रवि-मुझे नहीं आना आप देख नहीं रही मैं अपना समान पॅक कर रहा हूँ...मुझे जाना है....

अलका की कुछ समझ मे नहीं आया.... और वो पैर पटकते हुए नीचे की तरफ आई और माँ से बोली कि रवि अपनी पॅकिंग कर रहा है जाने के लिए...

मा" क्यों....अभी तो उसकी छुट्टी बाकी है...

अलका: तुम ही पुंछ लो...

माँ: तुम दोनो का क्या कोई झगड़ा हुआ है...

अलका: मुझे क्या पड़ी उससे झगड़ने की...और वो पैर पटकते हुए... कॉलेज के लिए निकल गयी....

अलका को अपने किए पर पछतावा होता है और वह चलते चलते सोचती है उसने रवि के साथ कुछ ज़्यादा ही सख्ती दिखा दी, 

उसे रवि को इतना बुरा भला नही कहना चाहिए था, आख़िर पूरी ग़लती रवि की तो नही थी उसके लिए वो भी काफ़ी हद 
तक ज़िम्मेदार है, अलका अपने आप को कोस्ती हुई कॉलेज पहुँच जाती है,




कॉलेज ख़तम होने के बाद अलका गेट पर रवि का इंतजार करती है फिर रवि अपनी बाइक लेकर अलका के पास रोकता है, 
अलका कहाँ थे आज तुम और मेरा फोन पिकप क्यों नही किया, 

रवि- बैठो, 

अलका . पहले मेरे सवाल का जवाब दो, 

रवि -ज़रूरी नही कि मैं तुम्हारे हर सवाल का जवाब दूं, 

अलका बाइक से चाबी निकाल कर अपनी ब्रा के अंदर डाल लेती है, और कल रात को ज़्यादा ज़ोर से थप्पड़ लग गया था क्या, 

रवि उसको गुस्से से देखता हुआ, तुम्हारी जगह कोई और होता तो मैं उस थप्पड़ का जवाब देता, 

अलका- तो ठीक है लो मैं अपना गाल आगे करती हूँ तुम भी मुझे मार लो, 

रवि- दीदी बेकार की बातों से कुछ नही होना है चाबी दो और बाइक पर बैठो, 

अलका- तुम खुद ही निकाल लो, रवि दीदी मैं बिल्कुल भी मज़ाक के मूड मे नही हूँ, 

अलका- पर मुझे तो तुमसे खूब मज़ाक करने का मन कर रहा है, चलो बाइक से उतरो हम थोड़ी देर पार्क मे बैठ कर 
बाते करेंगे, 

रवि- मुझे आप से कोई बात नही करना, 

अलका- पहले तुम मेरे साथ चलो बाद मे जितना गुस्सा करना है कर लेना और उसका हाथ पकड़ कर उसे बाइक से उतारने लगी, 
 
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