hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
स्नेहा बिना कुछ बोले उसके कंधे को सॉफ करने लगी. उसकी आँखे गर्दन से होते हुए चौड़े सीने पर आ गयी और वहाँ से शॉर्ट्स के अंदर बने तंबू पर.
"आइ'म सॉरी..(गल्प).." उसने मुड़ते हुए कहा. उसके हाथ से साबुन छुटकर फर्श पर गिर पड़ा. "मैं बस.." उसने कुछ बोलना चाहा लेकिन शब्द उसके गले मे ही घुट कर रह गये.
बात को बीच मे छोड़ कर वो झुकी और साबुन को उठाने लगी. उपर उसकी ओर देखकर उसने अपने होंठो को चाटा और दोबारा उसके सीने पर साबुन लगाने लगी.
"दी, आपके कपड़े भीग रहे हैं," अरुण ने नीचे देखकर कहा. उसकी टी-शर्ट सीने से चिपक चुकी थी जिसमे से उसकी निपल सॉफ चमक रहे थे. "आप टॉप निकाल क्यूँ नही देती." उसने बिना जवाब का इंतजार किए अपने हाथो को नीचे किया और टॉप को उपर करने लगा.
स्नेहा उसे रोकने की कोशिश करने लगी और उसके हाथ हटाने लगी, वो बस सीधी बनने का नाटक नही छोड़ना चाहती थी. लेकिन तब तक अरुण के हाथ दूधो के नीचे पहुच चुके थे. अरुण ने दोबारा शर्ट पकड़कर एक ही झटके मे उतार दी. उसके नंगे शरीर पर पानी की बूंदे पड़ने लगी तो निपल और शख्त हो गये.
"गॉड.." अरुण ने थूक निगलकर बहुत ही धीमे से कहा.
स्नेहा के चेहरे पर लाली छा गयी. "क्या हुआ?"
"सॉरी," उसने नीचे देखते हुए कहा. "आप मेरी दी हो लेकिन यू'आर सो सेक्सी."
स्नेहा ने अपने होठ काट लिए. अरुण के हाथ अब उसके शॉर्ट्स पर पहुचे तो स्नेहा हटकर दीवार से सट गयी. उसने खुद पर कंट्रोल किया खुद को अरुण पर टूट पड़ने से. अरुण ने भी पैंटी सहित शॉर्ट्स को नीचे कर दिया तो उसकी सिसकी छूट गयी. फिर उसने खुद का बॉक्सर भी उतार दिया.
अरुण ने खड़े होकर उसके हाथ मे साबुन दे दिया.
"दी, मेरे पैर पर लगा दोगि? झुकने मे दिक्कत होती है," अरुण ने मासूम बन के कहा.
"स्योर," स्नेहा ने खुद को संभालते हुए कहा.
घुटनो के बल बैठकर उसने अरुण को सामने खड़ा किया. वो बेमन से उसके पैरो पर साबुन लगाने लगी. उसका ध्यान तो उसके सामने झूलते लंड पर था. उसके हाथ जब दूसरे पैर पर पहुचे तो लंड कुछ ज़्यादा ही नज़दीक आ गया उसके चेहरे के. इस बार उसकी आँखें लंड से हटने का नाम नही ले रही थी. आख़िरकार उसने उपर अरुण की आँखो मे देखा तो वो भी उसी की ओर देख रहा था.
अरुण की आँखो को देखते ही उसने अपनी नज़रे दोबारा नीचे कर ली और उसकी एडी पर हाथ चलाने लगी.
"दी, आइ'म सॉरी अबाउट माइ एग्ज़ाइट्मेंट. काफ़ी दिनो से मुझे सुकून नही मिला है ना, इसलिए."
"कोई बात नही," उसने कहा और धीरे धीरे खड़ी होने लगी. खड़े होने पर लंड कंधे, फिर दूध और पेट से टकराता चला गया. वो अपने होठ काटकर कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी. जब वो पूरे तरीके से खड़ी हो गयी तो अरुण का लंड उसके साइड मे टकरा रहा था.
कुछ सेकेंड्स तक दोनो उसी पोज़िशन मे खड़े रहे फिर स्नेहा ने नीचे देखा.
"सॉरी," उसने लंड को अपने चूतड़ से टकराते हुए देख कहा. उसने लंड को पकड़कर बीच मे कर दिया जिससे वो उसके पेट से टकराने लगा.
स्नेहा आँखे बंद करके अपने होठ को चबाने लगी.
"क्या मैं बाल भी धो दूं?" उसने अरुण की आँखो को अपने शरीर पर घूमते हुए देख पूछा.
अरुण ने सिर हिला दिया तो उसने शॅमपू को लगाने के लिए अपने पंजो पर खड़ी हो गयी. जिसकी वजह से उसका लंड उसके जाँघो के बीच पहुच गया और उसकी चूत पर दस्तक देने लगा.
"ओह्ह्ह..श..श..अम." उसके मूह से अनायास ही निकल गया और आँखें बंद होने लगी.
वो अपने सिर को हिलाकर इन विचारो को मन से निकालने लगी और खुद पर काबू करने की कोशिश करने लगी. अरुण ने अचानक अपने हाथ उसके चुतड़ों पर रख दिए और आगे झुककर एक सिड्दत भरा किस उसके होंठो पर कर दिया. किस करते हुए उसने अपनी कमर को आगे किया तो उसका लंड पहले से ही भीगी चूत मे आसानी से चला गया. स्नेहा की साँस रुक गयी और वो आँखे खोलकर उसे देखने लगी और अगले ही पल उसकी बाहों मे पिघलती चली गयी. उसका शरीर वही पर झड़ने लगा. गहरी साँसें, काँपते होंठो के साथ वो उसके कंधे पर सिर रखके उस पल का मज़ा लेने लगी और अरुण हल्के हल्के धक्के उसकी चूत मे लगाता रहा.
कुछ पॅलो बाद उसने अपनी नज़रे अरुण की नज़रो से मिलाई तो अरुण ने उसे पलटकर दीवार से सटा दिया और अपने दोनो हाथ उसके दूधो पर रख दिए और तेज़ी से लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा. जैसे ही अरुण को महसूस हुआ कि वो दोबारा झड़ने जा रही है तो वो उसकी गर्दन को चूमने लगा.
"दी, नाराज़ मत होना तो एक बात बताऊ. मेरी याददाश्त थोड़े दिन पहले ही वापस आ गयी थी," उसने तेज़ी से उसके दूधो को मसल्ते हुए कहा.
स्नेहा ने कुछ नही कहा बस अपना सिर हिला दिया.
"मैं बस सबके साथ ईक्वल टाइम चाहता था और वैसे भी तुम सबको थोड़े टॉर्चर की ज़रूरत थी. अब सिर्फ़ सोनिया को बताना बाकी है बाकी सब को पता है. और जब तक मैं नही कहता तब तक आप इस बात को सीक्रेट रखोगी." अरुण ने तेज़ी से पूरा लंड अंदर पेलते हुए कहा.
"ओके, लेकिन अब अगर ये लंड मुझसे दो पल के लिए भी दूर हुआ तो तुम्हारी खैर नही," स्नेहा की मदहोश आवाज़ उसके कानो मे पड़ी.
अरुण ने झटके और लंबे कर दिए तो स्नेहा आहें भरने लगी. वो हल्के से मूडी तो अरुण ने उसकी जाँघ को उठा दया और लंड से चूत को चोदने लगा. कुछ देर बाद वो उस पोज़ीशन से हटी और नीचे बैठकर एक ही बार मे पूरे लंड को मूह मे भरके चूसने लगी. अरुण ने नीचे देखा तो उसका खूबसूरत चेहरा बड़े प्यार से उसके लंड को चूसने मे मगन था. उसके भीगे बाल उसके चेहरे पर चिपके हुए था.
कुछ ही देर मे लंड ने अपना पानी उसके गले मे छोड़ना शुरू कर दिया और वो पूरे पानी को गटक गयी. खड़े होकर उसने एक बार उसके होंठो को चूमा फिर खुद को दूर करके एक चाँटा उसके गाल पर मारा.
"ये मुझे इतने दिन तड़पाने के लिए, कमिने.."
"ओके, आइ डिज़र्व्ड दट," अरुण ने हंसते हुए कहा.
"यॅ, यू डिड." स्नेहा ने दोबारा उसके होंठो को अपने गिरफ़्त मे लेते हुए कहा.
"यॅ,"
"अब मुझे मेरा पूरा वक़्त चाहिए," वो उसकी गर्दन को चूमते हुए बोली.
"डॉन'ट वरी," अरुण ने उसकी गान्ड को दबाते हुए कहा.
स्नेहा मुड़कर अपने कपड़े पहेनने लगी तो अरुण उसके दूधो को देखता रहा. स्नेहा ने जब उसे ऐसे देखते पाया तो पूछने लगी. "क्या?"
अरुण ने सिर हिला दिया. "कुछ नही. बस आपको देख रहा था."
स्नेहा ने एक आइब्रो उठा दी. "ग़लत ढंग से कपड़े पहेन रही थी मैं?"
अरुण हँसने लगा. "नही, आप जो करती हो अच्छा ही करती हो." वो भी शवर के नीचे से हटकर खुद को पोछने लगा.
बाहर जाने से पहले स्नेहा ने पलटकर उसे देखा. "आइ'म ग्लॅड यू'आर बॅक. अब जल्दी से मुझे चोदना, ओके."
अरुण हंस पड़ा. "न्यू फॅवुरेट?" उसने आवाज़ से पूछा.
"यू नो, मैं चारो का फन हूँ." आवाज़ ने जवाब दिया
कपड़े पहेन कर अरुण बाहर आया और डॉक पर गया तो आरोही एश को फिशिंग सिखा रही थी. रोहित और निशा साथ मे कॅबिन की ओर जा रहे थे. और देखकर कोई नही बता सकता था कि दोनो सेक्स करके आए हैं.
अरुण पास मे पहुचा तो एश उसे पुरानी बातें बता रही थी. तब तक पीछे से रोहित भागता हुआ आया और जाके सीधे पानी मे कूद पड़ा तो दोनो उस पर चिल्लाने लगी. अरुण भी हंसते हुए उसके पीछे पानी मे कूद पड़ा जबकि अभी वो शवर लेकर आया था.
कुछ देर बाद स्नेहा अपनी सेक्सी सी बिकिनी मे आई जिसमे से उसके दूध मुस्किल से ही छिपते थे.
रोहित तो खुल्लम खुल्ला आँखे फाड़कर उसे देखने लगा जबकि अरुण कनखियों से उसे देख रहा था.
"लुकिंग गुड, दी." रोहित शरारती मुस्कान के साथ बोला.
स्नेहा ने हंसकर सिर हिला दिया और पानी मे उतर आई. उसे देखकर आरोही और एश ने भी अपने टॉप्स उतारे पानी मे आ गयी.
"क्यू फिशिंग नही करनी अब?" अरुण ने हंसकर पूछा तो जवाब मे पानी मिला.
कुछ देर तैरकर वो लोग मस्ती करते रहे. ऐसे ही दोपहर हो गयी. दोपहर मे खाना खाकर सभी ऐसे ही गेम्स वग़ैरह खेलते रहे. शाम हुई तो अरुण सुप्रिया की फिश बनाने मे मदद करने लगा जाके.
खाते वक़्त रोहित कभी प्लेट की ओर देखता कभी निशा की ओर. काफ़ी देर ये करने के बाद उसने फिर प्लेट पर ही ध्यान रखा. आरोही ने अरुण को इशारे से बताया तो अरुण हंस दिया हल्के से.
कॅंपफाइयर के चारो ओर बैठकर सब बातें करने लगे खाने के बाद.
"तो अभी तक कुछ भी याद नही आया?" निशा ने अरुण से पूछा.
अरुण ने कंधे उचका दिए और सोचने लगा कि कैसे डिस्क्राइब करे.
"नही अभी पूरे तरीके से नही," उसने बोला और तुरंत ही उसके मन मे एक आवाज़ गूँज़ पड़ी. "फक,". उसे तभी ध्यान आया कि एश के साथ डेट पर उसने कहा था कि उसे सब याद आ गया है.
उसने एश की ओर देखा तो वो कन्फ्यूषन से उसे देख रही थी. वो कुछ कहने ही जा रही थी कि फिर रुक गयी.
"वेल, जल्दी ही आ जाएगी, आइ होप."
"आइ'म सॉरी..(गल्प).." उसने मुड़ते हुए कहा. उसके हाथ से साबुन छुटकर फर्श पर गिर पड़ा. "मैं बस.." उसने कुछ बोलना चाहा लेकिन शब्द उसके गले मे ही घुट कर रह गये.
बात को बीच मे छोड़ कर वो झुकी और साबुन को उठाने लगी. उपर उसकी ओर देखकर उसने अपने होंठो को चाटा और दोबारा उसके सीने पर साबुन लगाने लगी.
"दी, आपके कपड़े भीग रहे हैं," अरुण ने नीचे देखकर कहा. उसकी टी-शर्ट सीने से चिपक चुकी थी जिसमे से उसकी निपल सॉफ चमक रहे थे. "आप टॉप निकाल क्यूँ नही देती." उसने बिना जवाब का इंतजार किए अपने हाथो को नीचे किया और टॉप को उपर करने लगा.
स्नेहा उसे रोकने की कोशिश करने लगी और उसके हाथ हटाने लगी, वो बस सीधी बनने का नाटक नही छोड़ना चाहती थी. लेकिन तब तक अरुण के हाथ दूधो के नीचे पहुच चुके थे. अरुण ने दोबारा शर्ट पकड़कर एक ही झटके मे उतार दी. उसके नंगे शरीर पर पानी की बूंदे पड़ने लगी तो निपल और शख्त हो गये.
"गॉड.." अरुण ने थूक निगलकर बहुत ही धीमे से कहा.
स्नेहा के चेहरे पर लाली छा गयी. "क्या हुआ?"
"सॉरी," उसने नीचे देखते हुए कहा. "आप मेरी दी हो लेकिन यू'आर सो सेक्सी."
स्नेहा ने अपने होठ काट लिए. अरुण के हाथ अब उसके शॉर्ट्स पर पहुचे तो स्नेहा हटकर दीवार से सट गयी. उसने खुद पर कंट्रोल किया खुद को अरुण पर टूट पड़ने से. अरुण ने भी पैंटी सहित शॉर्ट्स को नीचे कर दिया तो उसकी सिसकी छूट गयी. फिर उसने खुद का बॉक्सर भी उतार दिया.
अरुण ने खड़े होकर उसके हाथ मे साबुन दे दिया.
"दी, मेरे पैर पर लगा दोगि? झुकने मे दिक्कत होती है," अरुण ने मासूम बन के कहा.
"स्योर," स्नेहा ने खुद को संभालते हुए कहा.
घुटनो के बल बैठकर उसने अरुण को सामने खड़ा किया. वो बेमन से उसके पैरो पर साबुन लगाने लगी. उसका ध्यान तो उसके सामने झूलते लंड पर था. उसके हाथ जब दूसरे पैर पर पहुचे तो लंड कुछ ज़्यादा ही नज़दीक आ गया उसके चेहरे के. इस बार उसकी आँखें लंड से हटने का नाम नही ले रही थी. आख़िरकार उसने उपर अरुण की आँखो मे देखा तो वो भी उसी की ओर देख रहा था.
अरुण की आँखो को देखते ही उसने अपनी नज़रे दोबारा नीचे कर ली और उसकी एडी पर हाथ चलाने लगी.
"दी, आइ'म सॉरी अबाउट माइ एग्ज़ाइट्मेंट. काफ़ी दिनो से मुझे सुकून नही मिला है ना, इसलिए."
"कोई बात नही," उसने कहा और धीरे धीरे खड़ी होने लगी. खड़े होने पर लंड कंधे, फिर दूध और पेट से टकराता चला गया. वो अपने होठ काटकर कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी. जब वो पूरे तरीके से खड़ी हो गयी तो अरुण का लंड उसके साइड मे टकरा रहा था.
कुछ सेकेंड्स तक दोनो उसी पोज़िशन मे खड़े रहे फिर स्नेहा ने नीचे देखा.
"सॉरी," उसने लंड को अपने चूतड़ से टकराते हुए देख कहा. उसने लंड को पकड़कर बीच मे कर दिया जिससे वो उसके पेट से टकराने लगा.
स्नेहा आँखे बंद करके अपने होठ को चबाने लगी.
"क्या मैं बाल भी धो दूं?" उसने अरुण की आँखो को अपने शरीर पर घूमते हुए देख पूछा.
अरुण ने सिर हिला दिया तो उसने शॅमपू को लगाने के लिए अपने पंजो पर खड़ी हो गयी. जिसकी वजह से उसका लंड उसके जाँघो के बीच पहुच गया और उसकी चूत पर दस्तक देने लगा.
"ओह्ह्ह..श..श..अम." उसके मूह से अनायास ही निकल गया और आँखें बंद होने लगी.
वो अपने सिर को हिलाकर इन विचारो को मन से निकालने लगी और खुद पर काबू करने की कोशिश करने लगी. अरुण ने अचानक अपने हाथ उसके चुतड़ों पर रख दिए और आगे झुककर एक सिड्दत भरा किस उसके होंठो पर कर दिया. किस करते हुए उसने अपनी कमर को आगे किया तो उसका लंड पहले से ही भीगी चूत मे आसानी से चला गया. स्नेहा की साँस रुक गयी और वो आँखे खोलकर उसे देखने लगी और अगले ही पल उसकी बाहों मे पिघलती चली गयी. उसका शरीर वही पर झड़ने लगा. गहरी साँसें, काँपते होंठो के साथ वो उसके कंधे पर सिर रखके उस पल का मज़ा लेने लगी और अरुण हल्के हल्के धक्के उसकी चूत मे लगाता रहा.
कुछ पॅलो बाद उसने अपनी नज़रे अरुण की नज़रो से मिलाई तो अरुण ने उसे पलटकर दीवार से सटा दिया और अपने दोनो हाथ उसके दूधो पर रख दिए और तेज़ी से लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा. जैसे ही अरुण को महसूस हुआ कि वो दोबारा झड़ने जा रही है तो वो उसकी गर्दन को चूमने लगा.
"दी, नाराज़ मत होना तो एक बात बताऊ. मेरी याददाश्त थोड़े दिन पहले ही वापस आ गयी थी," उसने तेज़ी से उसके दूधो को मसल्ते हुए कहा.
स्नेहा ने कुछ नही कहा बस अपना सिर हिला दिया.
"मैं बस सबके साथ ईक्वल टाइम चाहता था और वैसे भी तुम सबको थोड़े टॉर्चर की ज़रूरत थी. अब सिर्फ़ सोनिया को बताना बाकी है बाकी सब को पता है. और जब तक मैं नही कहता तब तक आप इस बात को सीक्रेट रखोगी." अरुण ने तेज़ी से पूरा लंड अंदर पेलते हुए कहा.
"ओके, लेकिन अब अगर ये लंड मुझसे दो पल के लिए भी दूर हुआ तो तुम्हारी खैर नही," स्नेहा की मदहोश आवाज़ उसके कानो मे पड़ी.
अरुण ने झटके और लंबे कर दिए तो स्नेहा आहें भरने लगी. वो हल्के से मूडी तो अरुण ने उसकी जाँघ को उठा दया और लंड से चूत को चोदने लगा. कुछ देर बाद वो उस पोज़ीशन से हटी और नीचे बैठकर एक ही बार मे पूरे लंड को मूह मे भरके चूसने लगी. अरुण ने नीचे देखा तो उसका खूबसूरत चेहरा बड़े प्यार से उसके लंड को चूसने मे मगन था. उसके भीगे बाल उसके चेहरे पर चिपके हुए था.
कुछ ही देर मे लंड ने अपना पानी उसके गले मे छोड़ना शुरू कर दिया और वो पूरे पानी को गटक गयी. खड़े होकर उसने एक बार उसके होंठो को चूमा फिर खुद को दूर करके एक चाँटा उसके गाल पर मारा.
"ये मुझे इतने दिन तड़पाने के लिए, कमिने.."
"ओके, आइ डिज़र्व्ड दट," अरुण ने हंसते हुए कहा.
"यॅ, यू डिड." स्नेहा ने दोबारा उसके होंठो को अपने गिरफ़्त मे लेते हुए कहा.
"यॅ,"
"अब मुझे मेरा पूरा वक़्त चाहिए," वो उसकी गर्दन को चूमते हुए बोली.
"डॉन'ट वरी," अरुण ने उसकी गान्ड को दबाते हुए कहा.
स्नेहा मुड़कर अपने कपड़े पहेनने लगी तो अरुण उसके दूधो को देखता रहा. स्नेहा ने जब उसे ऐसे देखते पाया तो पूछने लगी. "क्या?"
अरुण ने सिर हिला दिया. "कुछ नही. बस आपको देख रहा था."
स्नेहा ने एक आइब्रो उठा दी. "ग़लत ढंग से कपड़े पहेन रही थी मैं?"
अरुण हँसने लगा. "नही, आप जो करती हो अच्छा ही करती हो." वो भी शवर के नीचे से हटकर खुद को पोछने लगा.
बाहर जाने से पहले स्नेहा ने पलटकर उसे देखा. "आइ'म ग्लॅड यू'आर बॅक. अब जल्दी से मुझे चोदना, ओके."
अरुण हंस पड़ा. "न्यू फॅवुरेट?" उसने आवाज़ से पूछा.
"यू नो, मैं चारो का फन हूँ." आवाज़ ने जवाब दिया
कपड़े पहेन कर अरुण बाहर आया और डॉक पर गया तो आरोही एश को फिशिंग सिखा रही थी. रोहित और निशा साथ मे कॅबिन की ओर जा रहे थे. और देखकर कोई नही बता सकता था कि दोनो सेक्स करके आए हैं.
अरुण पास मे पहुचा तो एश उसे पुरानी बातें बता रही थी. तब तक पीछे से रोहित भागता हुआ आया और जाके सीधे पानी मे कूद पड़ा तो दोनो उस पर चिल्लाने लगी. अरुण भी हंसते हुए उसके पीछे पानी मे कूद पड़ा जबकि अभी वो शवर लेकर आया था.
कुछ देर बाद स्नेहा अपनी सेक्सी सी बिकिनी मे आई जिसमे से उसके दूध मुस्किल से ही छिपते थे.
रोहित तो खुल्लम खुल्ला आँखे फाड़कर उसे देखने लगा जबकि अरुण कनखियों से उसे देख रहा था.
"लुकिंग गुड, दी." रोहित शरारती मुस्कान के साथ बोला.
स्नेहा ने हंसकर सिर हिला दिया और पानी मे उतर आई. उसे देखकर आरोही और एश ने भी अपने टॉप्स उतारे पानी मे आ गयी.
"क्यू फिशिंग नही करनी अब?" अरुण ने हंसकर पूछा तो जवाब मे पानी मिला.
कुछ देर तैरकर वो लोग मस्ती करते रहे. ऐसे ही दोपहर हो गयी. दोपहर मे खाना खाकर सभी ऐसे ही गेम्स वग़ैरह खेलते रहे. शाम हुई तो अरुण सुप्रिया की फिश बनाने मे मदद करने लगा जाके.
खाते वक़्त रोहित कभी प्लेट की ओर देखता कभी निशा की ओर. काफ़ी देर ये करने के बाद उसने फिर प्लेट पर ही ध्यान रखा. आरोही ने अरुण को इशारे से बताया तो अरुण हंस दिया हल्के से.
कॅंपफाइयर के चारो ओर बैठकर सब बातें करने लगे खाने के बाद.
"तो अभी तक कुछ भी याद नही आया?" निशा ने अरुण से पूछा.
अरुण ने कंधे उचका दिए और सोचने लगा कि कैसे डिस्क्राइब करे.
"नही अभी पूरे तरीके से नही," उसने बोला और तुरंत ही उसके मन मे एक आवाज़ गूँज़ पड़ी. "फक,". उसे तभी ध्यान आया कि एश के साथ डेट पर उसने कहा था कि उसे सब याद आ गया है.
उसने एश की ओर देखा तो वो कन्फ्यूषन से उसे देख रही थी. वो कुछ कहने ही जा रही थी कि फिर रुक गयी.
"वेल, जल्दी ही आ जाएगी, आइ होप."