hotaks444
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शाम को मैं घर आया और शालिनी ने बोला*
शालिनी- वेलकम बैक फ्रेन्ड*
क्या पियोगे,, चाय या काफी ?*
मन तो किया कि बोल दूं ना चाय ना काफी,,, मुझे तो दूध पीना है और वो भी तुम्हारा ,,, मगर अभी वो समय नहीं आया था,, और मैंने कहा - काफी
और मैं अपने कपड़े उतार कर सिर्फ ब्लैक वी शेप फ्रेन्ची में आ गया और कूलर के सामने बेड पर बैठकर अपना पसीना सुखाने लगा । शालिनी किचन से मुझे देख रही थी और ये देख कर मेरा लन्ड फिर बेकाबू होने लगा ।
शालिनी मेरी फ्रेन्ची की तरफ देखती है तो शायद उसकी धड़कन तेज हो जाती है, फ्रेन्ची में मेरा लंड विकराल रूप से तना हुआ था, आजकल ये तो अधिकतर समय खड़ा ही रहता है ,,, शालिनी अपने मन में सोचने लगी होगी कि कितना बड़ा पेनिस है उसके राजा भैया का !
शालिनी काफी का कप लेकर मेरे पास आकर बैठ गई और नजदीक से मेरे तम्बू को देखने लगी, दोपहर की गरम बातों से लंड से वीर्य रिसने के कारण एक धब्बा पड़ गया था, शालिनी समझ जाती है की लंड से निकलने वाले लिक्विड का धब्बा है ये, और वो सोच रही होगी कि मेरा पानी निकल गया है, लेकिन मैं तो इसकी बहन हूँ, क्या मुझे देखकर मेरे भाई का पेनिस खड़ा हुआ है ?
काफ़ी और नास्ता करके दोनों लोग फ्री हो जाते हैं।
थोड़ी बहुत मस्ती करते हुए हम दोनों खाना खाने के बाद एक एक करके नहाने के बाद बेड पर लेट गए और इधर उधर की बातें करते रहे,, शालिनी ने अपने कालेज की बातें भी बताई,, मगर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बार बार कुछ कहना चाहती है और कह नहीं पा रही है ,,,,
शालिनी शायद कोई सेक्स वाली बात पूछना चाहती थी लेकिन कैसे पूछे यही सोच सोच कर परेशान थी । लेकिन हिम्मत जुटा कर बोल ही देती है। फोन पर बात अलग थी लेकिन आमने-सामने अभी थोड़ी झिझक हो रही थी ।
शालिनी - भाई मुझे तुमसे कुछ बात करनी है?*
मैं- हां, तो बातें ही तो कर रहे हैं,,
उसके ऐसे बोलने से मुझे थोड़ी घबराहट होती है, मैं समझ जाता हूं कि शालिनी दोपहर से आगे की बात पूछेगी।
मैं - ह ह हा बोलो" घबराहट के कारण हकला जाता हूं।
शालिनी - अरे तुम इतना घबरा क्यूँ रहे हो भाई... और वो मेरा चेहरा देख कर मुस्करा देती है, मेरा डर कम हो जाता है।
मैं- नहीं यार घबरा नहीं रहा हूँ"*
शालिनी - यार भाई जबसे वो दोनो वीडियो देखें हैं ना भाई तब से बड़ा अजीब सा लग रहा है,, ये सब है क्या ? प्लीज़ फ्रेन्ड ...*
और वो नज़र नीची करके कार्नर में देखने लगी ।
मैं- तुम्हें अब क्या जानना रह गया है स्वीटू ?
करवट होकर उसकी आंखों में देखते हुए...
शालिनी- बहुत कुछ .... जैसे... जैसे ,वो लड़का जैसे तेज़ तेज़ करता है तो दर्द नहीं होता है क्या ?
मैं- हिलाने से दर्द नहीं होता है, हर लड़का अपनी कामाग्नि को शांत करने के लिए हिलाता है, इसे मुठ मारना भी कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में masturbation कहते है"*
शालिनी यह सुनकर हैरान रह जाती है, उसे यह बात बिलकुल पता नहीं थी। शायद उसकी बुर में भी अचानक सरसराहट पैदा हो गई थी,उसे अब इन बातों के बारे में सुनना बहुत अच्छा लग रहा था।
शालिनी - (उत्सुकता से) क्या तुम भी हिलाते हो उतनी ही तेज हाथ से ?"
मैं - यार, इस टापिक को बंद कर दो,मुझे शर्म आ रही है अब बताने मे ...
शालिनी- भूल गये तुम मेरे गुरु हो और अपनी शिष्या की जिज्ञासा को शांत करना हर गुरु का फर्ज है, भाई जी मेरे मन में कई सवाल है उन सवालो को किसी और से मैं पूछ नहीं सकती हूँ, एक तुम ही तो हो जिससे मैं बात कर सकती हूँ ...
शालिनी के इस तरह के सीधे सवाल सुनकर मैं हिल गया लेकिन शालिनी की बात भी मुझे ठीक लगी,आखिर अपने सवालो के जवाब किससे पूछेगी वो,*
शालिनी- वेलकम बैक फ्रेन्ड*
क्या पियोगे,, चाय या काफी ?*
मन तो किया कि बोल दूं ना चाय ना काफी,,, मुझे तो दूध पीना है और वो भी तुम्हारा ,,, मगर अभी वो समय नहीं आया था,, और मैंने कहा - काफी
और मैं अपने कपड़े उतार कर सिर्फ ब्लैक वी शेप फ्रेन्ची में आ गया और कूलर के सामने बेड पर बैठकर अपना पसीना सुखाने लगा । शालिनी किचन से मुझे देख रही थी और ये देख कर मेरा लन्ड फिर बेकाबू होने लगा ।
शालिनी मेरी फ्रेन्ची की तरफ देखती है तो शायद उसकी धड़कन तेज हो जाती है, फ्रेन्ची में मेरा लंड विकराल रूप से तना हुआ था, आजकल ये तो अधिकतर समय खड़ा ही रहता है ,,, शालिनी अपने मन में सोचने लगी होगी कि कितना बड़ा पेनिस है उसके राजा भैया का !
शालिनी काफी का कप लेकर मेरे पास आकर बैठ गई और नजदीक से मेरे तम्बू को देखने लगी, दोपहर की गरम बातों से लंड से वीर्य रिसने के कारण एक धब्बा पड़ गया था, शालिनी समझ जाती है की लंड से निकलने वाले लिक्विड का धब्बा है ये, और वो सोच रही होगी कि मेरा पानी निकल गया है, लेकिन मैं तो इसकी बहन हूँ, क्या मुझे देखकर मेरे भाई का पेनिस खड़ा हुआ है ?
काफ़ी और नास्ता करके दोनों लोग फ्री हो जाते हैं।
थोड़ी बहुत मस्ती करते हुए हम दोनों खाना खाने के बाद एक एक करके नहाने के बाद बेड पर लेट गए और इधर उधर की बातें करते रहे,, शालिनी ने अपने कालेज की बातें भी बताई,, मगर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बार बार कुछ कहना चाहती है और कह नहीं पा रही है ,,,,
शालिनी शायद कोई सेक्स वाली बात पूछना चाहती थी लेकिन कैसे पूछे यही सोच सोच कर परेशान थी । लेकिन हिम्मत जुटा कर बोल ही देती है। फोन पर बात अलग थी लेकिन आमने-सामने अभी थोड़ी झिझक हो रही थी ।
शालिनी - भाई मुझे तुमसे कुछ बात करनी है?*
मैं- हां, तो बातें ही तो कर रहे हैं,,
उसके ऐसे बोलने से मुझे थोड़ी घबराहट होती है, मैं समझ जाता हूं कि शालिनी दोपहर से आगे की बात पूछेगी।
मैं - ह ह हा बोलो" घबराहट के कारण हकला जाता हूं।
शालिनी - अरे तुम इतना घबरा क्यूँ रहे हो भाई... और वो मेरा चेहरा देख कर मुस्करा देती है, मेरा डर कम हो जाता है।
मैं- नहीं यार घबरा नहीं रहा हूँ"*
शालिनी - यार भाई जबसे वो दोनो वीडियो देखें हैं ना भाई तब से बड़ा अजीब सा लग रहा है,, ये सब है क्या ? प्लीज़ फ्रेन्ड ...*
और वो नज़र नीची करके कार्नर में देखने लगी ।
मैं- तुम्हें अब क्या जानना रह गया है स्वीटू ?
करवट होकर उसकी आंखों में देखते हुए...
शालिनी- बहुत कुछ .... जैसे... जैसे ,वो लड़का जैसे तेज़ तेज़ करता है तो दर्द नहीं होता है क्या ?
मैं- हिलाने से दर्द नहीं होता है, हर लड़का अपनी कामाग्नि को शांत करने के लिए हिलाता है, इसे मुठ मारना भी कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में masturbation कहते है"*
शालिनी यह सुनकर हैरान रह जाती है, उसे यह बात बिलकुल पता नहीं थी। शायद उसकी बुर में भी अचानक सरसराहट पैदा हो गई थी,उसे अब इन बातों के बारे में सुनना बहुत अच्छा लग रहा था।
शालिनी - (उत्सुकता से) क्या तुम भी हिलाते हो उतनी ही तेज हाथ से ?"
मैं - यार, इस टापिक को बंद कर दो,मुझे शर्म आ रही है अब बताने मे ...
शालिनी- भूल गये तुम मेरे गुरु हो और अपनी शिष्या की जिज्ञासा को शांत करना हर गुरु का फर्ज है, भाई जी मेरे मन में कई सवाल है उन सवालो को किसी और से मैं पूछ नहीं सकती हूँ, एक तुम ही तो हो जिससे मैं बात कर सकती हूँ ...
शालिनी के इस तरह के सीधे सवाल सुनकर मैं हिल गया लेकिन शालिनी की बात भी मुझे ठीक लगी,आखिर अपने सवालो के जवाब किससे पूछेगी वो,*