bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी - Page 9 - SexBaba
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bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी

रागिनी सिहर उठी और बोली: शैतान भी बड़े हैं आप. 

बिहारी: शैतानी तो अभी शुरू हुई है, आगे आगे देखती जाओ. 

रागिनी ने उसे और कस के जकड लिया. 

बिहारी: थोड़ा धीरे से चिपको जान दम घुट रहा है. 

रागिनी ने शरमाते हुए अपने बदन को ढीला किया तो बिहारी ने ड्रेस को नीचे से पकड़ते हुए तेज़ी से रागिनी के शरीर से अलग कर दिया और पिंक ब्रा मे क़ैद रागिनी के बड़े बड़े मगर सख़्त उरोज उसकी आँखों के सामने आ गये. रागिनी बिहारी की इस हरकत को देखती ही रह गई. 

रागिनी(बिहारी के सीने मे प्यार से मुक्का मारते हुए): हटो बेशरम कहीं के!!!! और यह कहते ही रागिनी बिहारी से दूर हटने ही वाली थी कि बिहारी ने उसे एक बार फिर से अपने सीने से लगा लिया. दोनो के शरीर मिलते ही एक आग दोनो के बदन मे पैदा हुई और दोनो हवा मे उड़ने लगे. दोनो के तपते हाथ एक दुसरे की पीठ पर चल रहे थे. जहाँ रागिनी के कोमल हाथ बिहारी को स्वर्ग सा सुख दे रहे थे वही बिहारी के मर्दाना हाथ रागिनी को एक अलग ही दुनिया मे ले गये थे. बिहारी जानता था कि इस वक्त रागिनी उस से कहीं ज़्यादा रोमांचित और आनंदित महसूस कर रही होगी क्यूंकी वो तो खेला खाया मर्द है लेकिन रागिनी एक दम कच्ची कली जो अभी पूरी तरह से खिली भी नहीं कि बिहारी जैसे भंवरे के पास चली आई उसे अपना रस पिलाने. 

बिहारी ने धीरे धीरे अपने हाथ रागिनी के भारी गान्ड पर रख दिए. रागिनी की तो सांस ही रुक सी गई और बिहारी उस रेशमी गान्ड को अपने हाथो से मसल्ने लगा. रागिनी सचमुच इस दुनिया से कहीं दूर निकल गई थी. 

बिहारी(बड़े प्यार से):जान. 

रागिनी:हुउऊउउंम. 

बिहारी:क्या खाती हो तुम?

रागिनी के हाथ बिहारी की पीठ पर चलते चलते रुक गये, उसने बिहारी के सीने से दूर होकर उसके चेहरे की तरफ देखा और पूछा: क्या मतलब??? 

बिहारी ने उसकी गान्ड पर ज़ोर से हाथ मारते हुए कहा: देखो यह कितनी बड़ी है. 

रागिनी ऊउच!!!

बिहारी: इसे देख कर तो मेरा नशा चार गुना हो गया है.
ऐसा सुनते ही रागिनी की आँखों मे चमक आ गई और शरम से झुक गई. बिहारी ने उसे फिर से अपने सीने से लगाते हुए कहा: बताओ ना?? 

रागिनी: आपको पसंद आई??? 

बिहारी: बहुत, जी तो करता है कि पहले यहीं से शुरू करूँ. 

रागिनी ने बिहारी की पीठ पर मुक्का मारते हुए कहा: धत्त. सच मैं विराट आप बहुत बेशरम हो. 

बिहारी ने उसे कस के जकड लिया और उसके कान के नीचे किस करते हुए धीरे से पूछा: नहीं दोगि क्या??? 

कान के नीचे विराट के किस करने से ही रागिनी मदहोश हो गई और मदहोश होते हुए बिहारी की बाहों मे गिरती हुई बोली: दूँगी ना.. 

बिहारी ने उसकी गान्ड से अपने हाथ उठाकर उसकी पीठ पर रखे और झट से उसकी ब्रा की हुक्स अलग कर दी और बोला: तो चलो फिर शुरू करें. 

रागिनी ने अपनी ब्रा की लाडियां अपनी बाहों मे झूलती हुई देखी तो बोली: विराट सारे कपड़े उतार दिए मेरे, देखो मुझे कितनी शरम आ रही है. 

बिहारी: क्यूँ, इस मे शरम कैसी?? 

अभी मैं भी तो अपना पाजामा उतारने वाला हूँ तो दोनो पूरे नंगे, कोई शरम नहीं. 

रागिनी: देखने मैं तो आप बिल्कुल भोले भले लगते हो लेकिन ...... 

बिहारी: बिस्तर पर तुम जैसी लड़की हो तो साधु भी शैतान बन जाए और मैं तो हूँ ही शैतान.

रागिनी: वो तो हो आप, बहुत ही बड़े शैतान हो. 

बिहारी: मुझ से बड़ा शैतान तो वो है जो मेरे पाजामे मे है और चिल्ला चिल्ला कर बाहर आने की ज़िद कर रहा है. 

रागिनी: तो मैं आँखें बंद कर लेती हूँ आप उस बेचारे को आज़ाद कर दो ना, क्यूँ तडपा रहे हो उस शैतान को. 
बिहारी ने रागिनी को छोड़ा और एक तकिये पर सिर रखकर और अपने घुटने उपर की तरफ कर के लेट गया.
इस वक्त बिहारी का चेहरा रागिनी की पीठ की तरफ था. 

रागिनी(जो कि अभी तक घुटनो के बल ही बैठी हुई थी): क्या हुआ??? लेट क्यूँ गये???

बिहारी: जिस ज़रूरत हो निकाल ले, मुझे तो बड़ी शरम आ रही है. 

रागिनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और बोली: मुझे तो पूरा नंगा कर दिया और अब आपको बड़ी शरम आ रही है, अभी बताती हूँ आपको. यह कह कर रागिनी घूमी और बिहारी की कमर के पास घुटने बेड पर टिका कर अपने पैरों पर बैठ गई. बिहारी की नज़र पहली बार रागिनी के उरोजो पर पड़ी जिसके निपल्स एक दम तने हुए खड़े थे.इतने कड़क वक्ष देख कर ही बिहारी के मुँह मे पानी आ गया. 

बिहारी(चौंकते हुए):यह क्या है?????????

रागिनी ने उसकी नज़र का पीछा करते हुए जब अपने वक्षो की तरफ देखा तो तेज़ी से अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए और फिर उतनी ही तेज़ी से अपने बड़े बड़े उरोजो पर. 

बिहारी की हसी निकल गई. बिहारी: क्या क्या छुपाओगी तुम अपने छोटे छोटे दो हाथो से??? तुम तो पूरी की पूरी कयामत हो. अपने हाथो से कोई और काम लो. 
 
रागिनी ने अपने उरोजो को अपने हाथो से ढकते हुए कहा: पूछ तो ऐसे रहे हो जैसे आपने तो कभी किसी के देखे ही नहीं हैं . 

बिहारी: नहीं ऐसा नहीं है, देखे तो बहुतो के हैं हैं लेकिन दूर से ही वो भी कपड़ों मे और इतने बड़े तो किसी के भी नहीं देखे. 

रागिनी: यह आप के लिए हैं विराट, इसी लिए आपके सामने बिना कपड़ों के हैं. 

बिहारी: लेकिन मुझे तो तुम्हारे मेहंदी वाले हाथ ही दिख रहे है, वो तो दिख नहीं रहे. अपने हाथो को कोई और काम दो और मुझे इन्हे जी भर के देखने दो. 

रागिनी: अच्छा जी,और हाथो से क्या काम लूँ????

बिहारी: सोच लो, जो तुम्हे इस वक्त ज़रूरी लग रहा हो वोही करो. 

रागिनी: लगता है कल सुबह तक आप मुझे पूरा अपनी तरह बेशरम बना ही देंगे विराट. 

बिहारी: अरे सुबह तक की क्या बात है, अभी जब तुम्हारे अंदर घुसाउन्गा ना तो थोड़ी देर तो तड़पोगी लेकिन उसके बाद देखना कैसे उछल उछल के कितनी बेशर्मी से और अंदर डालने के लिए बोलोगि. 

इतना सुनते ही रागिनी ने अपने मेहंदी वाले हाथ अपने चेहरे पर रख दिए. 

रागिनी: सच मुच आपसे गंदा शायद ही कोई हो, आज तक ऐसी गंदी बातें मैने किसी से नहीं सुनी.

बिहारी: साला कोई और तुमसे ऐसी गंदी बातें करेगा तो उसकी गान्ड ना चोद दूँगा. 

रागिनी ने शरम और हैरानी से एकदम अपना हाथ अपने मुँह पर रख लिया. 

बिहारी: क्या हुआ???अभी छुआ भी नहीं और उल्टियाँ आनी शुरू भी हो गई क्या?? 

रागिनी, बिहारी की छाती पर लेट गई जिस से रागिनी के नंगे उभार बिहारी की सख़्त नंगी छाती मे दब गये. रागिनी के होंटो से एक आह निकली. दोनो के नंगे जिस्म मिल जाने से दोनो आनंदित हो उठे.

रागिनी: आप तो बहुत गंदी बातें करते हो. 

बिहारी: इसी मे तो मज़ा है. इस से सेक्स का मज़ा दौगुना हो जाता है. बोलो मज़ा लेना है ना. 

रागिनी: हुउऊन्ण. 

बिहारी: तो फिर दे दे ना?

रागिनी: क्या??? 

बिहारी: अपनी दे दे ना. 

रागिनी भी समझ गई थी कि विराट भी यही चाहते हैं कि वो भी उसका पूरा साथ दे. 

रागिनी:ले लीजिए. 

बिहारी: क्या ले लूँ??

रागिनी: जो लेना है ले लीजिए. 

बिहारी: तो चल पहले पीछे से शुरू करते हैं. 

रागिनी एक दम से उसकी छाती से उठ गयी और बोली: ना बाबा ना, मैने तो ऐसे ही कहा था, आप तो सच मुच मे ही उसके पीछे पड़ गये. 

बिहारी: तुम्हारी वो है ही ऐसी कि जो देखे वो पीछे ही पड़ जाए. 

रागिनी: हटो, नहीं देती मैं. 

बिहारी: फिर तो ज़बरदस्त करनी पड़ेगी. क्या सोचोगी तुम भी कि तुम्हारे पति ने सुहागरात के दिन ही रेप कर दिया. 

रागिनी: ना बाबा ना रेप मत करना. मैं तो सारी आपकी हूँ तो फिर रेप किस लिए. 

बिहारी: तुम मना जो कर रही हो देने के लिए. 

रागिनी: वो भी लेलेना लेकिन आज नहीं. धीरे धीरे सब ले लेना, मैं कॉन सी कहीं जा रही हूँ. 

बिहारी: राजकुमारी जी एक बार मेरे लंड का चस्का पड़ गया ना तो कहीं जाने का दिल भी नहीं करेगा, हमेशा बेडरूम मे ही घुसे रहने का मन करेगा. 

बिहारी ने जैसे ही "लंड" शब्द यूज़ किया, रागिनी एक दम शरमा गई और बोली: धत्त, कैसे गंदे वर्ड्स यूज़ कर रहे हो आप.

बिहारी: देखो रानी अब जो जिसका नाम है तो उसे वोही कहेंगे ना. 

रागिनी: फिर भी, ऐसे एक दूसरे के सामने कैसे बोल सकते हैं. 

बिहारी: तो चलो फिर बाज़ार चलकर लोगों को बोलते हैं. 

रागिनी(शरमाकर मुस्कुराते हुए): विराट आप भी ना.....

बिहारी ने रागिनी को फिर से अपने उपर लिटा दिया. अब आलम ऐसा था कि रागिनी का चेहरा बिहारी के चेहरे के पास था और रागिनी के बड़े बड़े सख़्त उभार बिहारी की छाती पर. रागिनी के कान के पास अपने होंठ लेजा कर बिहारी ने उसके कान के निचले हिस्से को धीरे से काटा तो रागिनी एक दम एग्ज़ाइटेड हो उठी. [काफ़ी लड़कियाँ यह मानती हैं कि यह उनका वीक पॉइंट है. बाकियो का तो पता नहीं पर मेरा तो एक यह भी है].a
 
रागिनी ने अपना बाया हाथ विराट के दाए हाथ पर रख दिया. 

बिहारी: निकालो ना.

रागिनी(मदहोशी में):क्या???

बिहारी: उसे बाहर निकालो ना. 

रागिनी ने अपना हाथ बिहारी के हाथ पर ज़ोर से दबा दिया और अपना चेहरा बिहारी के कंधे मे और ज़्यादा छुपा कर गर्दन हिला कर ना का इशारा किया. 

बिहारी: जान निकालो ना, बहुत दर्द कर रहा है. समझा करो अब तो बहुत ही ज़्यादा अकड़ गया है. 

रागिनी को बिहारी पर दया आ गई. रागिनी : प्लीज़ आप भी मेरी हेल्प कीजिए ना, मुझसे अकेले नहीं होगा. 

बिहारी ने अपनी टाँगे सीधी की और उसका हाथ (जो कि उसके हाथ में था) उठाकर अपने पेट की लेफ्ट वाली साइड पर रख दिया और अपना हाथ अपनी राइट साइड पर रखकर पाजामे के एलास्टिक को उठा दिया. 

बिहारी: हाथ को थोड़ा से नीचे ले जाओ. 

रागिनी ने अपने हाथ को थोड़ा नीचे सरकाया और उसे पाजामे के उपर बिहारी की कमर पर टिका दिया. रागिनी के दिल की धड़कनें एक दम तेज़ हो गई थी, जिन्हे बिहारी अपने सीने पर महसूस कर सकता था. 

रागिनी: विराट, बस इस से आगे मैं नहीं कर पाउन्गी.

बिहारी: आह, रागिनी बस अब ज़्यादा ना तडपाओ, एलास्टिक मे अपनी उंगलियाँ घुसाओ. 

रागिनी ने अपनी पतली पतली उंगलियाँ जब बिहारी के पाजामे मे फँसाई तो रागिनी के दिल की धड़कने एक दम तेज़ हो गई. एक बार तो बिहारी को लगा कि कहीं लोंड़िया का हार्ट ही ना फैल हो जाए. 

बिहारी:हां रागिनी, बिल्कुल ऐसे ही, बस हो गया. 

बिहारी: अब धीरे से एलास्टिक उठा कर पाजामा नीचे कर दो, बस हो गया. 

रागिनी: विराट मुझसे नहीं होगा प्लीज़. 

बिहारी: रागिनी देखो मैं हमेशा सोचता था कि मेरी बीवी सुहागरात पर मेरे सारे कपड़े उतारे. मैने तो तुम्हे सिर्फ़ एक ही कपड़ा उतारने के लिए बोला है. क्या तुम मेरा यह सपना पूरा करने मे मेरी मदद नहीं करोगी????

रागिनी ने यह सुनते ही एक झटके मे ही बिहारी का पाजामा नीचे उसके घुटनो तक कर दिया. पाजामा नीचे होते ही बिहारी का लिंग पूरे उफान मे आकर हवा मे झूलता हुआ फन उठाकर एक जगह स्थिर हो गया, जैसे बोल रहा हो "साले बहुत तडपाया है, देख अब मेरी बारी". बिहारी का लिंग एक दम तन्कर छत की ओर देख रहा था. लिंग मे इतना तनाव कभी बिहारी ने अपनी जवानी मे भी महसूस नहीं किया था. बिहारी ने धीरे से सर उठाकर अपने लिंग पर नज़र डाली तो उसका ख़ूँख़ार रूप देख कर एक बार तो वो भी डर गया. लिंग पर नसें उभर आई थी, एक एक नस को आसानी से देखा जा सकता था.



बिहारी(मन मे सोचते हुए): यह साला तो मरवाएगा आज, इसे देख कर तो मैं भी डर गया, अगर इस बच्ची ने इसे देख लिया तो डर के मारे कहीं बेहोश ना हो जाए. 

बिहारी: रागिनी उठो और आराम से बेड पर लेट जाओ. 

रागिनी ने बिहारी को और मज़बूती से जकड़ते हुए ना मे सिर हिलाया. 

बिहारी: तो क्या तुम ही उपर आओगी मेरे???? 

रागिनी ने प्यार से बिहारी की छाती मे मुक्का मारा. 

बिहारी: लगता है आज के बाद तुम मुझे हमेशा मारती ही रहोगी. 

रागिनी: नहीं तो, मैने कब मारा. 

बिहारी: दो तीन बार तो मार के चुकी हो मेरी छाती पर. 

रागिनी: वो तो प्यार से था. 

बिहारी: लेकिन मैं तो प्यार से नहीं मारूँगा. 

रागिनी ने अपना चेहरा उपर उठा कर बिहारी की तरफ देखा और बोली: आप मुझे मारेंगे विराट??

इस वक्त रागिनी के बाल उसके चेहरे पर गिर आए थे. बिहारी ने उसके सिर के पीछे हाथ लेजा कर उसका क्लट्चर खोला और उसके बाल बिखरा कर बोला: तो तुम्हे यहाँ लाया किस लिए हूँ.??

रागिनी ने अपने चेहरे से बाल हटाए और बड़ी मासूमियत से पूछा: आप मुझे सच मे मारेंगे विराट???

बिहारी: पगली, तुम्हे थोड़े ही मारूँगा बल्कि तुम्हारी वो मारूँगा. 

रागिनी का चेहरा लाल सुर्ख हो गया. 

बिहारी: इसी लिए तो तुम्हे यहाँ इस घर मे लाया हूँ ब्याह कर. 

रागिनी: वो तो चाहे जितनी मर्ज़ी मार लेना आप विराट. 

बिहारी: लेकिन मुझे लगता है कि तुम मुझे मारने नहीं दोगि. 

रागिनी(आँखे नचाते हुए): क्यूँ,,क्यूँ????

बिहारी: मेरा लंड बहुत छोटा है, शायद तुम्हे मज़ा ना आए और तुम मुझे बार बार मारने ना दो. 

रागिनी: कैसी बाते कर रहे हैं आप. ऐसा सोचना भी मत, आप मेरे सरताज हो.आप जब चाहो जैसे चाहो मैं आप के आगे बिछने को तैयार हो जाउन्गी. 

बिहारी: लेकिन क्या मैं तुम्हे अपने छोटे लंड से मज़ा दे पाउन्गा. 

रागिनी: प्लीज़ आप अपना मन छोटा ना कीजिए, साइज़ के बड़ा या छोटा होने से प्यार मे कोई फ़र्क नहीं पड़ता और मैं तो आपके प्यार की दीवानी हूँ. 

रागिनी इस बात से बहुत खुश थी कि जिस बात से वो इतना डर रही थी वो शायद ना हो. उसे लगा कि अगर विराट का लिंग छोटा है तो कम से कम दर्द होगा.

उसके दिमाग़ मे उसके पुराने आशिक ने काफ़ी डर डाला था कि जब वो सुहाग रात पर उसकी सील तोड़ेगा तो उसे बड़ा दर्द होगा. एक बार तो उसने ज़बरदस्ती रागिनी को अपना 4.5" का लिंग दिखा भी दिया था जिसे देख कर रागिनी डर गई थी और डरती भी क्यूँ ना उस वक्त रागिनी सोहलवे साल मे ही थी और किसी भी लड़की के लिए इस उम्र में किसी पुरुष का लिंग देखना उसके दिल मे डर पैदा कर ही देता है . उसके दिल मे तब ऐसा डर बैठा कि फिर उसने कभी जावेद के साथ शादी से पहले आगे बढ़ने की सोची ही नहीं.
 
बिहारी: चलो अब आराम से लेट जाओ और मुझे अपना काम करने दो.


रागिनी, बिहारी के उपर से उठी और पीठ के बल लेट गई. बिहारी, रागिनी की तरफ पासा पलट कर लेट गया और अपनी एक टाँग रागिनी की टाँगों पर रख दी. बिहारी ने कोहनी के सहारे उठकर रागिनी के चेहरे की तरफ देखा. रागिनी की आँखें बंद थी और शरम और लज़्जत से फड़फडा रही थी और यही हाल उसके होठों का भी था. 

रागिनी का शरमाता हुआ मुस्कुराता चेहरा देख कर बिहारी बोला: रागिनी अपनी आँखें तो खोल यार. 

रागिनी ने ना मे सिर हिलाया. 

बिहारी: देखो कल को तुम पछताओगी कि इस खूबसूरत रात को, इन हसीन पलों को तुमने आँखें बंद करके ही बिता दिया. हर इंसान की ज़िंदगी मे यह रात एक ही बार आती है, इसे खूब मज़े से बिताना चाहिए. 

रागिनी: लेकिन मैं जब भी आँखें खोलती हूँ तो आप कोई ऐसी बात कर देते हैं जिस से शरम के कारण मेरी आँखें खुद ब खुद बंद हो जाती हैं.

बिहारी: अच्छा चलो अगर मेरे कारण तुम्हारी आँखें बंद हो जाती है तो फिर मैं ही तुम्हारी आँखें खोल भी देता हूँ. बिहारी धीरे से उठा औट घुटनो के बल बिल्कुल रागिनी के चेहरे के पास खड़ा हो गया. 

बिहारी: चलो एक बार अपनी आँखें खोलो तो सही, फिर देखना तुम आँखें बंद कर ही नही पाओगी. 

रागिनी: प्लीज़ विराट कोई शरारत मत करना.

बिहारी: मैं कोई शरारत नहीं कर रहा, देखो मैं तो तुम्हे हाथ भी नही लगा रहा हूँ, तुम बस एक बार अपनी आँखें खोलो लेकिन कोई चीटिंग मत करना एक दम से आँखें खोल देना. 

रागिनी: ओके, विराट मैं आँखें खोल रही हूँ. 

बिहारी: शाबाश, एकदम से खोल दो. 

रागिनी ने एकदम से आँखें खोल दी. पहले तो उसे कुछ समझ मे नहीं आया लेकिन जैसे ही उसकी नज़र के सामने बिहारी के लिंग का लाल मोटा सा सुपाडा आया तो रागिनी की आँखें फटी की फटी रह गई. उसने डर के मारे जल्दी से आँखें बंद कर दी और फिर अचानक से दोबारा खोल कर चोर नज़रों से उस विकराल लंड को शरमाकर देखने लगी.

बिहारी की हँसी छूट गई.

बिहारी: क्यूँ खुल गई ना आँखें??

रागिनी कुछ ना बोली बस एक टक उस काले नाग को देखती रही. 

बिहारी: बोलो ना कुछ. रागिनी फिर से खामोश. 

बिहारी: क्या हुआ????लेकिन कोई जवाब नहीं.

बिहारी ने धीरे से उसके चेहरे को थपथपाया तो रागिनी को होश आया और उसके होंठों से एक ज़ोरदार चीख निकली :आआआआआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईई और उसने कस कर आँखें बंद कर ली. रागिनी की साँसें तेज़ चलने लगी. 

बिहारी: क्या हुआ??? पसंद नहीं आया क्या?? 

रागिनी: यह, यह........यह क्या है विराट???? 

बिहारी: इसे लंड लौडा बोलते हैं और यह तुम्हारे पतिदेव का एकमात्र लौडा है जो ज़िंदगी भर तुम्हे चोदने वाला है. 

रागिन(बिहारी की बेशर्म बातों से बहकते हुए)आइ: लेकिन, लेकिन विराट आपने तो कहा था कि आपका.................... मगर विराट यह तो बहुत बहुत बड़ा है. 

विराट: बस आज की रात तुम्हे बड़ा लगेगा, कल से तुम घपा घप अपनी चूत मे ले लोगि इसे. बिहारी अब पूरा बेशर्मी पर उतर आया था. वो जानता था कि अगर रागिनी को जल्दी से गरम ना किया तो वो उसका लौडा लेने के लिए इनकार कर्देगि और फिर बिहारी को सारी उम्र रागिनी के नाम की मूठ ही मारनी पड़ेगी. 

रागिनी: प्लीज़ विराट ऐसा मत कहो, आपकी ऐसी बातों से मुझे कुछ हो जाता है. 

बिहारी: अरे अब तो हम पति पत्नी हैं तो एक दूसरे से कैसी शरम. तुम भी बस थोड़ी ही देर मे सब डर शर्म भूल कर इसे अपनी चूत का रास्ता दिखाओगी. 

रागिनी ने अपना चेहरा दूसरी रातरफ़ पलटकर कहा: विराट, इतना बड़ा नहीं ले पाउन्गी.प्लीज़ मुझ पर तरस खाओ. 

बिहारी: तरस तो तुम इस पर खाओ, देखो कब से तुम्हे घूर रहा है कि तुम कब इसे प्यार करोगी. 

रागिनी: प्यार??? यह तो देखने मे इतना डरावना है, इसे कोई कैसे प्यार कर सकता है. 

रागिनी की आँखों मे बार बार बिहारी का लहराता हुआ लिंग घूम रहा था. उसे एक दम से जावेद के लिंग का ख़याल आ गया. उसने सोचा कि जावेद का लिंग तो विराट के लिंग के मुक़ाबले तो काफ़ी छोटा था. आज तो उसकी खैर नहीं. 

रागिनी(मन में): हे भगवान, बस आज मुझे बचा लेना, मुझे इतनी शक्ति देना कि मैं अपने पति का पूरा साथ दे सकूँ और इनके द्वारा दिए गये दर्द को बर्दाश्त कर सकूँ. 

रागिनी ने जैसे ही आँखें खोली तो देखा कि बिहारी ने अपना काला लौडा बिल्कुल उसके गालों के करीब लाकर रख दिया है. रागिनी की आँखें शर्म से बंद होने लगी लेकिन उसकी शर्मीली मुस्कुराहट देख कर बिहारी समझ गया कि रागिनी अपने होश गँवा चुकी है.

बिहारी के लिंग की गरमाहट से ही रागिनी की चूत झर झर कर बह उठी. रागिनी ने इस बार अपनी आँखें बंद नहीं की बस शरमा दी और शरमाते हुए अपनी निगाहें बिहारी के लिंग पर टिका दी. 

बिहारी: अब बोलो कैसा है यह???

रागिनी: बहुत बड़ा है यह तो मगर बहुत प्यारा भी है. 

बिहारी: अब देखना यह तुम्हे कितना प्यार करेगा. 

रागिनी: इसे देख कर तो लगता नहीं कि यह किसी को प्यार भी कर सकता है, यह तो सिर्फ़ दर्द ही दे सकता है. 

बिहारी: तुम्हारा यह शक बहुत जल्द दूर हो जाएगा.

बिहारी: चलो अब जल्दी से इसे मुँह दिखाई दो. 

रागिनी: मुँह दिखाई????? लेकिन मेरे पास तो कुछ भी नहीं है देने को. 

बिहारी: झूठ मत बोलो रागिनी तुम्हारे पास तो ऐसा खजाना है कि जो कभी ख़तम ही ना हो और जिस पर भी लूटा दो वो दुनिया का सब से खुशनसीब इंसान बन जाए. 
 
रागिनी (शरमा कर, मुस्कुराते हुए): मेरे पतिदेव, आज से यह खजाना आपका है आपको जो चीज़ पसंद है आप मुँह दिखाई मे ले लीजिए और इस शरारती को खुश कर लीजिए. 

यह कह कर रागिनी ने अपनी बाहें खोलकर दोनो तरफ फैला दी और अपने आप को बिहारी को समर्पण कर दिया. 

बिहारी ने अपनी दोनो टाँगें रागिनी के कंधे के इर्द गिर्द रखी और अपना लिंग रागिनी के शरम से लाल हुए गाल पर रख दिया.

रागिनी शरमा कर बस मुस्कुरा दी और उसकी आँखें फिर से बंद होने लगी. 

बिहारी: यह तो मुँह दिखाई में एक चुम्मा माँग रहा है. 

रागिनी ने अधखूली आँखों से शरमाते हुए कहा: बड़ा शरारती है यह तो. लड़की देखी नहीं तो चूमने के लिए उतावला हो गया. 

बिहारी ने अपना लौडा उसके गाल से रगड़ कर लंड का सुपाडा रागिनी की नाक पर रख दिया. बिहारी के लंड की खुश्बू से रागिनी का तन बदन हिलकोरे खाने लगा. 

रागिनी: अगर इसे चूम लूँ तो क्या यह खुश होकर मुझे बक्श देगा. 

बिहारी: बक्शेगा तो यह आज तुम्हे किसी भी कीमत पर नहीं. 

रागिनी: तो फिर इसे चूमने से मुझे क्या फ़ायदा होगा?????

बिहारी: अगर इसे चूम कर तुम अगर इसे प्यार से मुँह मे ले लोगि तो इसके गीले होने से यह तुम्हारी चूत मे आसानी से चला जाएगा. 

रागिनी:छी, मुँह मैं कभी नहीं लूँगी इसे मैं, चुम्मि दे रही हूँ क्या यह कम है. 

बिहारी ने भी ज़्यादा ज़ोर ना देते हुए कहा: चलो आज चुम्मि लेकर ही बेचारा गुज़ारा कर लेगा कल से तो यह तुम्हारे हर छेड़ की सैर करेगा. 

रागिनी बस शरमा कर मुस्कुरा दी. 

रागिनी: कल की कल देखेंगे मुझे तो आज की चिंता है. यह कह कर रागिनी ने बिहारी का लिंग हल्का सा चूम लिया. 

रागिनी: बस, अब खुश????

बिहारी: यह भी कोई चुम्मा हुआ?? 

रागिनी: तो ???? 

बिहारी: चुंबन क्या होता है मैं तुम्हे सिखाता हूँ. अच्छी तरह से सीख कर तुम भी चुम्मा लेने की प्राक्टिज़ कर लो. 

यह कह कर बिहारी रागिनी के उपर से हटा और उसकी बगल मे होकर रागिनी के होंठों की तरफ देख कर बोला:कहाँ से शुरू करूँ समझ नहीं आ रहा, तुम्हारा तो एक एक अंग चूमने और चाटने लायक है.

रागिनी बिहारी की आँखों मे देखकर मुस्कुरा दी. रागिनी ने महसूस किया कि बिहारी की नज़रें उसके होंठों की तरफ हैं. बिहारी ने घुटनो के बल बैठे ही झुकना शुरू किया तो रागिनी के दिल की धड़कन तेज़ हो गई. विराट के पहले चुंबन के लिए उसके लाल सुर्ख होंठ थरथराने लगे. जैसे जैसे बिहारी उसके पास आता जा रहा था उसकी साँसों मे तेज़ी आना शुरू हो जाती है और लज़्जत तथा शर्म से आँखें अड़खुली हो जाती हैं. बिहारी के होंठ रागिनी के होंठों के बिल्कुल करीब आ चुके थे. रागिनी अपने गालों पर बिहारी की गरम साँसें महसूस कर सकती थी. वो बिहारी के मुँह से आ रही शराब की महक को महसूस करके और तड़प उठी. उसे अचानक याद आया कि विराट ने शराब इस लिए पी रखी है ताकि विराट उसे सेक्स का पूरा मज़ा दे सके.यह सोचते ही रागिनी की चूत मे एक और लहर उठी और उस कली की योनि का रास्ता और चिकना हो गया. 

दोपहर से रागिनी पाँच बार चरम सीमा तक पहुँच चुकी थी लेकिन हर स्खलन के बाद उसकी योनि और तड़प उठती. आज उसकी योनि ने भी ज़िद ठान ली थी कि आज वो बिना किसी नये मेहमान का स्वागत किए बिना आँसू बहाना बंद नहीं करेगी. 

जैसे ही रागिनी अपना चरमसुख भोग कर धरती पर आई तो उसने आँखे खोल के विराट की तरफ देखा जो कि उसे आनंद सागर मे गोते लगाता हुआ देख कर मुस्कुरा रहा था. रागिनी ने शरम से अपना चेहरे दूसरी तरफ मोड़ लिया. बिहारी ने अपने तपते होंठ अचानक उसके गले पर रख दिए और रागिनी को बेतहाशा चूमने लगा. अपने गले पर विराट के होंठ महसूस करते ही रागिनी के बदन ने एक अंगड़ाई ली और उसकी कमर बिस्तर से एक धनुष की तरह उठ गई. 
 
रागिनी:उूुुउउफफफफफफ्फ़ विराट, आपने मुझे पागल कर दिया है. 

बिहारी उसके गले के दोनो तरफ और कान के नीचे लगातार चूमे जा रहा था और रागिनी जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी. 

रागिनी:आआअहह ब्ब्ब्बाआअसस्सस्स व्वविराआाटततत्त आआआहह.

जियसे ही रागिनी के मुँह से आह निकली बिहारी ने अपने होठ उसके जलते होंठों पर रख दिए. 

विराट के होंठों को अपने होंठों पर महसूस करते ही रागिनी ने अपनी बाहें विराट की पीठ पर लपेट दी और दोनो एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे. रागिनी के होंठों का रस अच्छी तरह निचोड़ने के बाद बिहारी ने अपनी जीभ उसके मुँह मे उतार दी. रागिनी भी अब कहाँ पीछे हटने वाली थी, उसने भी अपनी जीभ विराट की जीभ से भिड़ा दी. रागिनी से यह सब बर्दाश करना मुश्किल हो गया और उसकी सांस फूलने लगी. रागिनी की योनि मे एक अजीब सी कसक उठने लगी और उसकी जांघे आपस मे रगड़ खाने लगी. रागिनी के होंठों का रस निचोड़ने के बाद बिहारी ने अपना दाया हाथ रागिनी के दूध के शिखर कलश पर रख दबा दिया और रागिनी की चीख बिहारी के मुँह मे ही दम तोड़ गई. 

बिहारी,रागिनी के बाए उरोज को कस कर मसल्ने लगा. बिहारी उसके कड़क निपल को अपनी उंगलियो से मरोड़ने लगा. रागिनी हवा मे उड़ने लगी. उसकी बैचैनि बढ़ने लगी, उसे पता नहीं चल रहा था कि उसे क्या हो रहा है.उसके बाए वक्ष को अच्छी तरह मसल्ने के बाद बिहारी ने अपने होंठ रागिनी के लाल सुर्ख हो चुके उरोजो पर रख दिए. रागिनी के मुँह से बस उूुुुउउफफफफफफफफ्फ़ आआआहह वव्ववीीईईईइइर्रर्राततत्त की आवाज़ें निकलने लगी. 

बिहारी ने उसके बाए निपल को अपनी उंगलियों मे लेकर उसे अपनी जीभ से चुबलना शुरू कर दिया. रागिनी तड़प उठी. बिहारी ने अपना हाथ उसके दूसरे शिखर कलश पर रख दिया और रागिनी के बदन को मसल्ने लगा. रागिनी के लिए अब बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो गया था. 

रागिनी: आअहह वVविरात्त, ब्बाआबसस्स्सस्स ववीयररतत्ततत्त बासस्स्स्स्स्स्स्सस्स, डाल दो अब विराट, डाल दो प्लीज़.

बिहारी: क्या???? 

रागिनी: प्लीज़ विराट मैं मर जाउन्गी, अब डाल दो. 

बिहारी: लेकिन क्या डालूं???

रागिनी: विराट आप अपने "दुष्ट राजा" को मेरी "नन्ही परी" मे डाल दो प्लीज़. 

बिहारी: मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा. 

रागिनी ने विराट को अपने उपर खींचा और अपनी टाँगें खोल दी. 

रागिनी: आ जाओ विराट, बना लो मुझे अपना. 

बिहारी: मुझे समझ नहीं आ रहा, सॉफ सॉफ बोलो रागी. 

रागिनी(काँपति आवाज़ मे): प्लीज़ विराट मत तडपाओ प्लीज़ डाल दो ना अब. 
]
बिहारी: लेकिन क्या डालूं और कहाँ डालूं??

रागिनी ने अपने हाथ नीचे ले जाते हुए बिहारी का ख़ूँख़ार लिंग पकड़ लिया और अपनी योनि पर टिका कर कहा "डाल दो इसे" विराट. 

बिहारी: मुझे तो समझ नहीं आ रहा तुम क्या करना चाह रही हो, तुम खुद ही कर लो जो करना है. 

रागिनी तड़प उठी. 

रागिनी: प्लीज़ विराट, अपना ल्ल्ल्ल्लुऊउन्ड मेरी छcचुउउउत्त्त्त्त्त में डाल दो. 

बिहारी(रागिनी को तडपाते हुए): अभी नहीं रागिनी, अभी तुम बहुत छोटी हो. शायद अभी तुम इसे झेल ना पाओ. 

रागिनी : मैं झेल लूँगी विराट, बस तुम डाल दो. 

बिहारी: अगर दर्द हुआ तो???? अगर तेरी चूत फट गई तो??? ना बाबा ना मैं इतना बड़ा लौडा तेरी चूत में कैसे घुसा सकता हूँ????

रागिनी: मैं ले लूँगी इसे अंदर, नहीं फटेगी आप डालो तो सही. 

बिहारी: नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकता, तुम मेरी बीवी हो, मेरा फ़र्ज़ है कि तुम्हे कभी कोई दुख ना दूं. 

रागिनी: विराट मुझे कोई दुख नहीं होगा अगर आप मेरी फाड़ भी दोगे, आप का मुझ पर पूरा हक है. आप मुझे जैसे चाहो रौंदो मैं उफ्फ तक ना करूँगी. 

बिहारी: रागिनी समझा करो, यह ऐसे नहीं जाएगा इसे पहले गीला करना पड़ेगा. 

रागिनी: चला जाएगा विराट, मेरी चूत काफ़ी गीली है, आप डाल कर देखें तो सही. 
 
बिहारी लगातार रागिनी के मम्मे दबाए जा रहा था और बीच बीच मे उन्हे मुँह से चूस भी लेता. रागिनी ने उसके लंड को अपनी चूत के उपर रखकर रगड़ना शुरू कर दिया.बिहारी एक पक्का खिलाड़ी था, वो जानता था कि रागिनी जैसी लड़की को जितना तडपा कर चोदेगा वो उतनी ही जल्दी उसकी गुलामी स्वीकार कर लेगी, आख़िर उसने आशना और बीना को अपने बिस्तर तक लाने का रास्ता भी तो सॉफ करना था. बिहारी चाहता था कि रागिनी उसकी किसी भी गतिविधि मे कोई काँटा ना बने और हर काम मे उसका साथ खुशी खुशी दे. रागिनी की मासूमियत, खूबसूरती, कातिल जवानी और सेक्स के प्रति इतना रुझान बड़ा काम आ सकता था. रागिनी सच मे सेक्स के प्रति काफ़ी रुझान रखने वाली लड़की थी. जिस बात से वो हमेशा डरती थी वो डर आज की रात हमेशा के लिए निकालने वाला था.और एक बार अगर किसी काम को करने का डर दिल से निकल जाए तो फिर तो उसे बार बार करने का दिल चाहता है. बिहारी भी चाहता था कि आज की रात ही रागिनी के दिल का डर भी निकाल दे और उसे एक ही रात मे इतना बेशरम बना दे कि वक्त आने पर वो किसी के भी सामने अपनी चूत परोस सके. हालाँकि इस बारे मे बिहारी ने बीना से कोई बात नहीं की थी लेकिन उसके दिल मे रागिनी को लेकर एक अलग साज़िश का अंकुर फुट चुका था.

रागिनी: प्लीज़ विराट, मैं मर जाउन्गी. 

बिहारी -- देखो रागिनी मेरा यह पहली बार है और मुझे काफ़ी डर लग रहा है, पता नहीं तुम इसे ले भी पाओ या नहीं. देखो मुझे ग़लत ना समझना, मैं भी तुम्हे प्यार करना चाहता हूँ लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरा लंड तुम्हारी चूत के लिए बना है. 

रागिनी ने दयनीय नज़रो से बिहारी को देखा और बोली: डाल दो ना विराट, ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा, मैं चीखूँगी ही ना. तुम मेरी परवाह मत करना, मैं जितना मर्ज़ी चीखू चिल्लाऊ, तुम मुझे रौन्द्ते रहना, मैं तुमसे नाराज़ नही होउंगी. 

बिहारी: यह डॉक्टर. बीना ने मुझे कहाँ फसा दिया है, ना वो मुझे तुमसे मिलाती और ना मैं तुम्हारा हुस्न देख कर तुमपर फिदा होता. 

रागिनी: अब जो हो गया सो हो गया, अब मैं तुम्हारी पत्नी हूँ. मैं खुली टाँगो से आपको आमंत्रित कर रही हूँ "विराट, आओ और तोड़ दो मेरी सील, मार लो मेरी चूत". 

रागिनी अब बिल्कुल बेशर्मी पर उतर आई थी. आख़िर एक गरम औरत सेक्स के नशे मे क्या क्या कर सकती है बिहारी अच्छे से जानता था. बिहारी ने ज़ोर से रागिनी के मम्मे दबाए तो रागिनी के हाथो से बिहारी का लंड छूट गया. 

बिहारी (मन मे सोचते हुए): साली ने कितनी ज़ोर से पकड़ा था, मेरी तो सांस ही अटक गई थी. 

बिहारी ने थोड़ा नीचे होकर रागिनी के पेट को चूमते हुए अपने तपते होंठ रागिनी की नाभि पर रख दिए. रागिनी के बदन मे तरंगे उठने लगी और उसका पूरा शरीर थर थर काँपने लगा. रागिनी का गला सूख चुका था. नाभि मे जीभ फिराते हुए बिहारी ने अपने लिंग को अड्जस्ट करते हुए अपना शरीर बेड पर टिका दिया और रागिनी की जांघे उठा कर उन्हे घुटनो से मोड़ कर उसके पैर बिस्तर पर टिका दिए. बिहारी के अगले कदम को सोच कर रागिनी ने शरम के मारे अपने आधे शरीर को कंबल से ढक लिया.इस वक्त बिहारी कंबल के अंदर उसकी टाँगो के बीच था. पेट के बल लेटे होने के कारण बिहारी की छाती के बाल रागिनी की कोमल योनि को तरंगित कर रहे थे और रागिनी की योनि का पानी बिहारी की छाती के बालो को भिगो रहा था. 

बिहारी को अपनी छाती पर गीले पन का एहसास हुआ तो उसने सोचा: बेचारी कितनी गीली हो गई है, कहीं यह लंड ना मिलने से मर ही ना जाए. रागिनी की आँखों से आँसू बहकर उसके गालो से होते हुए उसके गले से नीचे बह रहे थे. वो चुदना चाहती थी पर उसका विराट उसे इस सुख से वंचित रख रहा था. वो एक दम खामोश हो गई थी. अपने इन्ही ख़यालो मे रागिनी खोई हुई थी कि कुछ ऐसा हुआ जिस से एक उसकी बड़ी बड़ी आँखे एक दम और खुल गई, उसका सिर पीछे को मूड गया और उसके लाल सुर्ख होंठ गोलाई लेते हुए "ऊऊऊऊऊऊओह " करके खुल गये.

बिहारी ने अपने होंठ रागिनी की योनि के होंठों पर रख दिए थे. रागिनी को यह एहसास सीधा उसे जन्नत मे ले गया और बिहारी ने यूँ तो कितनी ही चूतें चकी थी लेकिन इस अन्छुइ चूत मे तो बात ही कुछ और थी. वो पागल कुत्ते की तरह रागिनी की चूत पर कूद पड़ा, उसने यह भी ना सोचा कि रागिनी उसके इस हमले के लिए तैयार भी है कि नहीं. रागिनी की तो सांस ही अटक गई. काफ़ी देर बाद जब उसे सांस आई तो उसके होंठों से बस एक ही शब्द निकला "आआआआआआआआआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआहहहहहहहहहााअ आआआआआआआआअहह उूुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अहाहाआआआआआअहहाहह ब्ब्ब्ब्ब्बबबस्साब्स्सब्बबससाआआअस" और इतना कहते ही रागिनी की चूत का बाँध टूट गया.

बिहारी उस का सारा पानी पी गया. बिहारी रागिनी की कुँवारी चूत ऐसे चाट रहा था जैसे कोई बहुत दिन से भूखा उंगलियाँ चाट चाट कर खाना खा रहा हो. रागिनी ने कस कर तकिये को अपने दाँतों मे दबोच लिया.

बिहारी ने झट से कंबल एक तरफ फैंका और रागिनी की जाँघो पर नीचे की तरफ हाथ रखकर बिहारी ने उसके पैरो को हवा मे उठाया और रागिनी की कमर को हवा मे उठाकर उसकी चूत से लेकर गान्ड के छेद तक चाटना शुरू कर दिया.

बिहारी ने अपनी जीब रागिनी की चूत से भिड़ा दी लेकिन अन्चुदि चूत मे जीभ अंदर कैसे घुसती. रागिनी का शरीर काँपने लगा. बिहारी ने अपने खुरदुरे हाथ उसकी गान्ड पर फेरते हुए अपनी जीभ रागिनी की चूत पर चलानी जारी रखी और अपनी जीभ से ही उसकी चूत चोदने लगा. बिहारी की सख़्त जीभ रागिनी की नाज़ुक योनि के मुँह पर बार बार ठोकर मार रही थी और रागिनी के नितंब अपने आप हवा मे थिरकने लगे. बिहारी ने उस गुलाबी चूत पर आक्रमण तेज़ कर दिया तो रागिनी ने भी बिहारी की जीभ से ताल मिलाते हुए अपनी गान्ड उछालना शुरू कर दिया. बिहारी ने जब देखा कि रागिनी अपनी गान्ड उछालने लगी है तो उसने 4-5 बार उसकी नन्ही सी चूत पर उपर से नीचे अपनी जीभ फेरी और रागिनी की क्लाइटॉरिस को अपने होंठों मे लेकर उसे अपनी जीभ से चुबलाने लगा.


रागिनी जैसी कुँवारी अन्छुइ लड़की यह सब बर्दाश्त ना कर पाई और उसकी चूत से कमरस छलक उठा जिसे बिहारी ने चाट चाट कर सॉफ कर दिया. रागिनी निढाल होकर बेड पर गिर गई. शाम से उसकी चूत ने इतना पानी बहाया था कि उसके बदन मे अब जान ही नहीं रही थी. बिहारी ने उसे बिना चोदे ही निहाल कर दिया था. रागिनी के दिल मे बिहारी के लिए इज़्ज़त और प्यार और भी बढ़ गया था, रागिनी सोचने लगी कि विराट कितने अच्छे इंसान हैं, मेरे डर को देखते हुए उन्होने अपना लंड मेरे अंदर नहीं डाला और मुझे बिना चोदे ही निहाल कर दिया. 

तभी उसके अंदर से आवाज़ आई "रागिनी तू इतनी सेल्फिश कब से हो गई, जिस इंसान ने तुझे सड़क से उठाकर अपने महल की रानी बनाया, तुझे इज़्ज़त दी और तेरे डर के कारण तुझे बिना चोदे ही कामसुख दिया, क्या तू उस इंसान को ऐसे हे तड़पता छोड़ देगी, धिक्कार है तुझपर रागिनी धिक्कार है.

बिहारी: रागी. 

रागिनी: जी. 

बिहारी: थक गई हो क्या? 

रागिनी:हुउन्ण, प्यास भी लगी है.

बिहारी: आज सारी प्यास भुजा दूँगा तुम्हारी.

रागिनी: आअहह, विराट पानी पीना है, गला सूख गया है. 

बिहारी: गन्ना चुसोगी???

रागिनी ने शरमा कर अपना चेहरा अपने हाथों से ढक लिया और "ना" मे गर्दन हिलाई. 

बिहारी ने उठकर उसे पानी का ग्लास दिया तो रागिनी ने झट से उसे खाली कर दिया.

बिहारी: तुम तो बहुत प्यासी हो, लेकिन लगता है अब तुम मे जान ही नहीं रही. 

रागिनी: विराट, पता नहीं क्यूँ पर बड़ी थकान महसूस हो रही है.

बिहारी:ठहरो मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने को लाता हूँ.

रागिनी: नहीं विराट, आप रहने दीजिए, मुझे बताइए मैं ले आती हूँ. 

बिहारी:आज तुम कुछ काम नहीं करोगी, आज मैं तुम्हारी सेवा करूँगा और फिर मेवा खाउन्गा. 

रागिनी: मैं तो धन्य हो गई आप को पति के रूप मे पाकर, आप जब चाहे मेरा मेवा खा सकते हैं. 

बिहारी:भूख तो मुझे भी लग गई है, तुम आराम करो मैं कुछ हल्का सा लेकर आता हूँ. 

रागिनी ने हां मे सिर हिलाया. रागिनी ने अपने शरीर को कंबल में ढका और बिहारी बाहर जाने लगा. 

रागिनी: विराट, सुनिए.

बिहारी ने पलट कर रागिनी को देखा और पूछा: "क्या"?? 

रागिनी: वो आप बिल्कुल नंगे हैं, कुछ पहन लीजिए ना. 

बिहारी: अपने ही घर मे कैसी शर्म और वैसे भी हमारे सिवा कोई और तो घर में है नही तो फिर अपनी ही बीवी से क्या शरमाना. 

रागिनी(मुस्कुराते हुए): आप सच मुच बड़े बेशरम हैं.

बिहारी: वो तो मैं हूँ ही और देखो तुम्हे भी तो बना दिया ना मैने बेशरम. 
 
रागिनी ने उसकी तरफ सवालिया नज़रों से देखा. 

बिहारी: अभी कुछ देर पहले ही तो मेरा लौडा अपनी चूत में ठूंस रही थी और मुझ से निवेदन कर रही थी कि "विराट अपने लंड को मेरी चूत मे डाल दीजिए ना"

रागिनी: विराट प्लीज़, ऐसा ना कहो वो तो मैं खुद पर काबू खो बैठी थी. 

बिहारी: रानी जब भी मेरी बाहों में आओगी तो तुम्हे पागल कर दूँगा. याद है ना अभी कुछ देर पहले अपनी गान्ड उछाल उछाल कर मेरी जीभ से चुद रही थी. 

रागिनी ने इतना सुनते ही कंबल से अपना मुँह ढक लिया. 

बिहारी: सुबह तक तुम्हे अपनी तरह बेशर्म ना बना दिया तो मुझे कभी अपनी गान्ड ना देना और यह बोल कर बिहारी नीचे चला गया. 

रागिनी(मन में सोचते हुए): आप मेरे जिस अंग को भोगना चाहे, मैं बाहें खोल कर आपका स्वागत करूँगी विराट. आप बस मुझे इशारा करते जाएँ मैं हमेशा आपके सामने अपने आप को परोस दूँगी.

करीब 20-25 मिनट के बाद बिहारी दो कॉफी और कुछ फिंगर चिप्स लेकर उपर आया. उसने रागिनी के कप मे ज़रूरत से ज़्यादा और अपने कप मे ज़ोरूरत के मुताबिक अफ़रोडियासिक मिलाई और उसे अच्छे से कॉफी मे मिक्स कर दिया था. बिहारी ने नीचे किचन मे काम करते वक्त एक प्लान सोच लिया था. अगर इस प्लान मे रागिनी उसकी मदद कर दे तो वो सारी जायदाद का इक्लोता मालिक बन सकता था. बीना से वैसे भी उसका मन भर चुका था. रागिनी और आशना जैसी कुँवारी कलियो को काबू मे करके अगर वो बीना को धोखा दे भी देता तो उसे कोई फरक नहीं पड़ता. बिहारी ने सबसे पहले रागिनी को साँचे में ढालने की सोची उसके बाद बीना को तो वो आसानी से ठिकाने लगा सकता था, आख़िर उसपर आँख मूंद कर विश्वास करती थी बीना. 

बिहारी जब कमरे मे घुसा तो उसने देखा रागिनी बेख़बर होकर बेड पर पड़ी है और थकान के कारण उसे नींद आ गई है. बिहारी धीरे से उसके पास गया और ट्रे को साइड पर रख दिया. रागिनी का चेहरा कमरे में फैली तेज़ रोशनी मे चमक रहा था. उसके चेहरे पर संतुष्टि सॉफ झलक रही थी. उसके चेहरे पर इस समय ऐसा निखार आया था जो कि सुहाग रात मनाने के बाद लड़की के चेहरे पर देखा जाता है. 

बिहारी (मन मे सोचते हुए): सिर्फ़ चूत चटवाने से यह लोंड़िया इतनी संतुष्ट है तो जब मैं इसे चोदुन्गा तो इसका तो पूरा बदन ही खिल उठेगा. 

बिहारी रागिनी के पिछली तरफ जाकर धीरे से बेड पर चढ़ा और रागिनी के उपर से कंबल हटा कर उसे कमर पर टिका दिया. बिहारी ने अपने सुस्त पड़ चुके लंड को रागिनी के चेहरे की तरफ करते हुए लंड के सुपाडे से रागिनी के माथे पर ठोकरे मारने लगा. रागिनी ने एकदम से अपनी आँखें खोली तो बिहारी के लंड को अपने चेहरे के करीब पाकर शरमा गई.

रागिनी: आप कब आए??? 

बिहारी: कब से तुमको उठा रहा हूँ लेकिन तुम उठने का नाम ही नहीं ले रही थी फिर सोचा कि जिसको इस वक्त तुम्हारी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है अगर वो उठाए तो शायद तुम जाग जाओ. 

रागिनी(बिहारी की लिंग की तरफ इशारा करते हुए): तो इस वक्त मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत इस शरारती को है. 

बिहारी ने रागिनी के लिए जगह बनाई और रागिनी उठ कर बैठ गई. बिहारी ने भी अपनी टाँगों पर कंबल डाल दिया. 

रागिनी: इसे छुपा क्यूँ रहे हो. 

बिहारी: यह नाराज़ हो गया है, अब इसे मनाना पड़ेगा. 

रागिनी: पहले कुछ खा लेते हैं फिर इसे भी मना लूँगी. हो सकता है कि यह इतना खुश हो जाए के फिर सारी रात मुझ से खेलता ही रहे और आराम ना करने दे. 

बिहारी: हां यह ठीक रहेगा. 

रागिनी: आप प्लीज़ वो ट्रे यहाँ रख दीजिए. 

बिहारी: मैं तो अब बहुत थक गया हूँ, तुम खुद ही उठाकर ले आओ. 

रागिनी: विराट मैं पूरी नंगी हूँ कंबल के अंदर. 

बिहारी: तो मैं कॉन सा कपड़े पहन कर बैठा हूँ. 

रागिनी: प्लीज़ पकड़ा दीजिए ना. 

बिहारी: जल्दी से उठा लो नहीं तो अगर कॉफी ठंडी हो गई तो नीचे किचन मे नंगी ही जाकर इसे गरम करना पड़ेगा. 

रागिनी यह सुनते ही एकदम कंबल से बाहर निकली और बेड से उतर गई. 

बिहारी: रूको. 

रागिनी(बिहारी की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई):क्या है?? 

बिहारी: रागी तुम्हारी गान्ड तो बहुत बड़ी है, मैं तो फिदा हो गया और देखो मेरे लोड्‍े ने भी गर्दन उठाना शुरू कर दिया. 

रागिनी तेज़ी से भागी और ट्रे उथाआखाऱ बेड पर रख दी. भागते हुए रागिनी की लहराती गंद मे जो सिलवटें पड़ी तो बिहारी के लंड ने ग्रीन सिग्नल देना शुरू कर दिया. रागिनी जब ट्रे उठाकर वापिस आई तो बिहारी की नज़रें रागिनी के सीने के उभारों की थिरकन पर थी. 

बिहारी(मन मे सोचते हुए): सच में बहुत ही टाइट माल है साली. मेरी बात मान ले तो मुझे पक्का यकीन है कि वीरेंदर की सारी दौलत मेरी ही होगी.

रागिनी(कॉफी का कप बिहारी की तरफ बढ़ाते हुए): यह लीजिए और जल्दी से पिलीजिए. 

बिहारी (रागिनी के बूब्स और योनि को देखते हुए): आज तो सारी रात ही पियुंगा, जल्दी क्या है???. 

रागिनी बिस्तर पर आकर अपने घुटनों को मोड़ कर अपने पैरों पर बैठ गई. रागिनी: कब से तो पी रहे थे, अभी भी मन नहीं भरा क्या?

बिहारी: जब तक इस से एक एक बूँद ना निचोड़ लूँ मेरा तो तब तक जी नहीं भरेगा. 

रागिनी: सारा रस तो निचोड़ लिया अपने. 

बिहारी: तुम चिंता ना करो, तुम्हारी चूत मैं अपना रस भर कर तुम्हारे रस की गंगा फिर से भर दूँगा. 

रागिनी: धत्त, बेशरम कहीं के. 

बिहारी और रागिनी कॉफी पीते हुए फिंगर चिप्स भी खाने लगे. कॉफी ख़तम होते होते दोनो की भूक शांत होने लगी थी. वैसे भी सेक्स की भूख के आगे पेट की भूख कम ही लगती है.

ट्रे को एक साइड रखने के बाद बिहारी ने रागिनी को अपने पास खींच लिया. रागिनी कटी पतंग की तरह बिहारी से जा चिपकी. इस वक्त रागिनी की पीठ बिहारी के सीने से सटी थी और रागिनी के नितंब बिहारी के लिंग को चूम रहे थे. बिहारी का लंड कुछ नरम पड़ चुका था. 

बिहारी(रागिनी के कान मे): देनी है क्या???? 

रागिनी की आँखें शरम से बंद हो गई और शरमाते हुए उसने गर्दन हां मे हिलाई. 

बिहारी: लेकिन मेरा लौडा तो रूठ गया है. 

रागिनी(धेमे स्वर मैं): मना लूँगी इसे. 

बिहारी: वो कैसे??? 

रागिनी: इसे इसकी सहेली से मिलवाउन्गि तो अपने आप खुश हो जाएगा. 

बिहारी: इसकी सहेली से तो यह आज मिलकर ही दम लेगा और इसकी सहेली ने इसे जितना तंग किया है उतना ही उसे रुलाएगा भी. 

रागिनी ने पलट कर शरमा कर अपना चेहरे बिहारी के सीने मे दे दिया. 

बिहारी ने रागिनी के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा: डरो मत यह अपनी सहेली को बहुत प्यार भी करेगा. रागिनी ने कस कर अपनी बाहें बिहारी के गले मे डाल दी और बेड पर लेट गई. उसे साथ साथ बिहारी भी उसके उपर गिरता चला गया. 



रागिनी पर दवाई का असर बहुत जल्दी शुरू हो गया क्यूंकी बिहारी ने काफ़ी मात्रा मे उसकी कॉफी मे अफ़रोडियासिक मिलाई थी. बिहारी की नंगी छाती अपने वक्षो पर महसूस करते ही उसकी चूत गीली होने लगी. रागिनी ने बिहारी को खींच कर अपने उपर करने की कोशिश की लेकिन बिहारी ने उसकी कोशिश बेकार कर दी. रागिनी ने सवालिया नज़रो से बिहारी की तरफ देखा. रागिनी: क्या हुआ विराट, मन नहीं है क्या???

बिहारी: मन का क्या, मन तो कभी भी ना भरे मेरा तुमसे मगर इसका क्या करूँ लोडा मुँह लटकाए बैठा है. यह कह कर बिहारी ने अपने लंड की तरफ इशारा किया. 

रागिनी: इसी को तो मना रही हूँ. 

बिहारी: ऐसे थोड़ी मानेगा यह. 

रागिनी: तो जनाब कैसे मानेंगे??? 

बिहारी: इसे प्यार करना पड़ेगा, हाथों से सहलाना पड़ेगा, चुम्मियाँ भी देनी पड़ेगी और फिर मुँह मैं लेकर इसे गीला भी करना पड़ेगा, ताकि यह तुम्हारी सहेली को भी खुश कर सके. 

यह सुनते ही रागिनी ने शरमा कर चेहरे पर हाथ रख दिए और धीरे से सिर ना मे हिलाया.

बिहारी: तो रहने दो, लेकिन यह शायद पहली बार होगा क़ि सुहागरात के दिन कोई दुल्हन बिना चुदे ही रह गई. 

रागिनी ने अचानक बिहारी के मुँह पर अपना हाथ रख दिया.
 
रागिनी: प्लीज़ ऐसी बातें मत करो मुझे कुछ हो जाता है.मैं फिर से अपना काबू खो दूँगी. 

बिहारी: वो तो होके ही रहेगा. 

रागिनी: अच्छा जी, यह बात है, तो लगी शर्त. 

बिहारी: देख लो, अगर हार गई तो मेरा लंड चूसना पड़ेगा. 

रागिनी: छीईईईईईईईईईईई गंदे.

बिहारी(हँसते हुए): तो इसका मतलब तुम्हे अपने पर भरोसा नहीं. 

रागिनी: भरोसा तो बहुत है मगर आप बातें ही इतनी गंदी करती हो. 

बिहारी: मेरा दावा है कि तुम्हे इतना पागल कर दूँगा कि तुम भी कुछ ही समय मे ऐसी बातें करोगी और मेरा लौडा चूस चूस कर इसे अपनी चूत के लिए तैयार कर लोगि. 

रागिनी ने शरमा कर अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए. 

बिहारी: तो हो जाए बेट????

रागिनी: तो ठीक है, लेकिन बस 10 मिनट और इन दस मिनटों मे आप अगर मुझे पागल ना कर पाए तो फिर कभी आप मुझे चूसने के लिए नही कहोगे. 

बिहारी: तुम्हे चूसने से इतना डर क्यूँ लगता है. 

रागिनी: डर नहीं लगता मगर गंदा लगता है. खाओ मेरी कसम के अगर 10 मिनट मे आप कुछ ना कर पाए तो फिर आप कभी मुझे ऐसा करने को नही कहोगे. 

एक बार के लिए तो बिहारी भी परेशान हो गया लेकिन फिर उसने मुस्कुरा कर कहा "रागी तुमने मुझे 10 मिनट देकर बहुत बड़ी ग़लती कर दी मैं तो कुछ ही मिनटों मे तुम्हे पागल कर दूँगा. 

रागिनी: देखते हैं. 

रागिनी: युवर टाइम स्टार्ट्स नाउ. 

बिहारी, रागिनी के वीक पॉइंट से वाकिफ़ था, उसने रागिनी का हाथ पकड़ कर उसे बिस्तर से उठा के बिठा दिया और खुद घुटनो के बल उसके पीछे बैठ गया. बिहारी ने सामने दीवार घड़ी मे टाइम देखा, 10:05 हो रहे थे. 

बिहारी: वो देखो सामने घड़ी, 10:15 से पहले अगर तुमने खुद मेरा लौडा अपने मुँह मे ना लिया तो समझ लेना कि मैं तुम्हारे लायक ही नही हूँ. इतना कहते ही बिहारी ने अपने होंठ रागिनी के कान के पीछे उसके गले पर रखकर रगड़ दिए. 

रागिनी तड़प उठी, एक ही सेकेंड मे उसकी आँखें बंद होती चली गई और उसका शरीर ढीला पड़ने लगा. वो समझ नहीं पा रही थी कि उसे एकदम से क्या हो गया. उसके बदन मे करेंट दौड़ने लगा. बिहारी ने सीधा उसके कमज़ोर अंग को चूम लिया था. वो जानता था कि कुछ ही पलों मे उसका लौडा रागिनी के मुँह की गहराई को नापने वाला है. यह सोचते ही उसके लोड्‍े मे भी तनाव आने लगा. रागिनी को अपनी पीठ पर बिहारी के लंड की चुभन महसूस हुई तो उसके मुँह से एक आह निकली जो सारे कमरे मे गूँज उठी. 

बिहारी का लिंग इस मदमस्त आह को सुनकर और सख़्त हो गया और रागिनी की पीठ मे ही छेद बनाने लगा. 

रागिनी(मदहोशी मे): विराट आपका वो चुभ रहा है. 

बिहारी: अगर इसे सही जगह ना मिलेगी तो यह तो अपने लिए खुद ही छेद बनाएगा ना. 

रागिनी: आआहह ववीरट इसके लिए मेरा छेद तैयार है. 

बिहारी: लेकिन इसे पहले किसी और छेद मे जाना है. जहाँ जाकर यह अच्छी तरह से गीला हो जाए और फिर तुम्हारे असली छेद के सारे बंधन खोल सके. 

रागिनी:उूउउफफफफफ्फ़ विराट, प्लीज़ ऐसी बातें मत करो, मैं पागल हो जाउन्गी. 

बिहारी: तो हो जाओ ना पागल मेरी रागी, मैं तुम्हे मंज़िल तक पहुँचा दूँगा. तुम्हे मंज़िल इसी से मिलेगी, इसे जितना प्यार करोगी यह तुम्हे उतना ही खुश रखेगा. 

यह कह कर बिहारी ने रागिनी को पीछे खींच कर बिस्तर के बीचो बीच लिटा दिया. बिहारी ने आगे आकर अपने दोनो पैर रागिनी के कंधे के इर्द गिर्द रखे और घुटने मोड़ कर रागिनी की कमर के इर्द गिर्द कर दिया. जैसे ही रागिनी ने अपनी कमर के आस पास हलचल को महसूस किया उसके दिल की धड़कन बढ़ गई. उसकी जांघे एक दूसरे से सट गई. बिहारी ने अपने हाथ को बड़े प्यार से रागिनी की मांसल जाँघो की दरार मे फिराया तो रागिनी की टाँगे अपने आप खुल गई. रागिनी समझ गई कि बिहारी फिर से उसे अपने मुँह से सुख देना चाहता है. 

रागिनी के मुँह से यही निकला: विराट प्लीज़, नो. 

बिहारी ने घड़ी की तरफ देखा, उसके पास अभी सात मिनट थे.बिहारी ने झुकते हुए अपनी कोहनियो को रागिनी की जाँघो के इर्द गिर्द रखा और अपने हाथो को रागिनी की जाँघो को नीचे डाल कर उन्हें उपर उठाया तो रागिनी की जांघे उपर उठने लगी और घुटने मुड़ते चले गये. बिहारी ने अपने दोनो हाथो नीचे से रागिनी की चूत के दोनो और रख कर अपने मुँह से एक गरम सांस उसकी चूत पर छोड़ी तो रागिनी कराह उठी. रागिनी अभी तक देख नहीं पाई थी कि बिहारी उस के उपर "69" के पोज़ मे है. रागिनी धड़कते दिल के साथ विराट के अगले कदम का इंतज़ार करने लगी. बिहारी ने लपक कर अपनी जीभ से रागिनी की चूत चाट ली. 

रागिनी के मुँह से निकला:उई माआ. 

बिहारी ने एक बार फिर से उस नाज़ुक चूत पर जीभ चलाई और फिर से पीछे हट गया. रागिनी इस बार भी सिहर उठी. रागिनी की आँखें ज़ोर से बंद थी और साँस गहरी होती जा रही थी. जब काफ़ी देर तक बिहारी ने कुछ ना किया तो रागिनी बोली: विराट प्लीज़ीयीईयीई. 

बिहारी: क्या????

रागिनी: करो ना. 

बिहारी: क्या करूँ??? 

रागिनी(अब तक काफ़ी गरम हो चुकी थी): चाटो ना. 

बिहारी किसे?? 

रागिनी काफ़ी उत्तेजित हो उठी. रागिनी: प्लीज़ विराट मेरी चूत को चाटो ना, बहुत मज़ा आता है. 

बिहारी ने लपक कर अपने होंठ रागिनी की रस बहती चूत पर रख दिए और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. रागिनी का शरीर खुद ब खुद हवा मे उठने लगा. जैसे ही रागिनी की कमर हवा मे उठी, उसे अपने पेट पर विराट की मर्दाना छाती का आभास हुआ. रागिनी ने हैरानी से अपनी आँखे खोली तो उसका दिल "धक्क" कर उठा. उसकी आँखों के बिल्कुल सामने बिहारी का काला लंड हवा मे झूल रहा था. बिहारी के बड़े बड़े अंडे रागिनी की नाक के तोड़ा ही उपर थे और उसका लौडा पूरे शबाब मे आकड़ा खड़ा झटके ले रहा था. 
 
बिहारी ने रागिनी की चूत चाटते हुए अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी, लेकिन रास्ता तंग होने के कारण वो अंदर नहीं जा पाई. अपनी चूत मे विराट की उंगली महसूस करते ही रागिनी हवा मे उड़ने लगी और उसके हाथ खुद ब खुद पीछे आए और बिहारी के रस भरे आंडो को सहलाने लगे. बिहारी ने झट से अपनी नज़र उठाकर घड़ी मे देखा, अभी 4 मिनट बचे थे. 

बिहारी का मुँह अपनी चूत से हट ते हुए महसूस करते ही रागिनी तड़प कर बोली. विराट प्लीज़ ऐसे अधूरा ना छोड़ो. 

बिहारी ने झट से अपना मुँह फिर से उसकी चूत पर रख दिया और अपनी जीभ से रागिनी की चूत चोदने लगा. रागिनी से जब बर्दाश्त ना हुआ तो उसने झट से बिहारी के सख़्त विशाल लोड्‍े को पकड़ कर अपने होंठों पर टिका दिया. इस बार कराहने की बारी बिहारी की थी लेकिन उसकी आह रागिनी की चूत मे गुम हो गई. बिहारी और जोश से रागिनी की चूत चाटने लगा वो समझ गया था कि रागिनी अब और ज़्यादा देर तक नही रुक सकेगी. वहीं विराट के लंड की खुश्बू से रागिनी पागल हो उठी, उसने ज़ोर से अंदर सांस खींची और विराट के लंड की खुश्बू मे मदहोश हो गई.बिहारी ने रागिनी की क्लिट को अपने होंठों मे दबाया तो रागिनी का मुँह अपने आप खुल गया और उसने बिहारी के लंड के सुपाडे को अपने सुर्ख होंठों मे क़ैद कर लिया. बिहारी की तो जैसे जान ही निकल गई उस एक पल मे. रागिनी ने उसके सुपाडे पर एक लंबी सी चुस्की लगाई और उसपर जीभ फिराने लगी. बिहारी तो सातवें आसमान मे उड़ने लगा, उसने अपने लंड को रागिनी के गले मे उतारना शुरू किया तो रागिनी की सांस फूलने लगी. रागिनी ने अपने होंठ बिहारी के लंड पर कस दिए ताकि वो और अंदर ना जा पाए.

बिहारी(रागिनी की चूत से मुँह हटाते हुए): और अंदर लो ना जान, पूरा मुँह मे लो ना. 

रागिनी ने लंड को मुँह मे रखते हुए ही"ना" मे गर्दन हिलाई. 

बिहारी: अगर तुम इसे मुँह मे लेने से इतना घबरा रही हो तो सोचो चूत मे कैसे ले पाओगी जो इतनी छोटी है. इतना सुनते ही रागिनी की चूत से कमरस की एक लहर छूट गई जिसे बिहारी ने अपनी उंगली पर महसूस किया. बिहारी ने सोचा कि आज के लिए इतना ही काफ़ी है, कहीं ऐसा ना हो कि रागिनी को बुरा लग जाए और यह वो नहीं चाहता था. रागिनी को वो सोने की मुर्गी के रूप मे इस्तेमाल करना चाहता था. वो तो इस मुर्गी के रोज़ के एक अंडे से ही खुश था. रागिनी भी यही सोच रही थी कि कहीं विराट उस से नाराज़ ना हो जाएँ. धीरे धीरे रागिनी ने बिहारी का लंड और अंदर लेना शुरू किया लेकिन बिहारी एक दम से उठा और उसके सिर के पीछे बैठ गया, रागिनी ने अभी भी उसका लंड अपने हाथों से पकड़ कर अपने होंठों पर लगा रखा था.

बिहारी उठा और रागिनी के मुँह से लंड निकाल कर उसकी बगल मे आकर बैठ गया. 

रागिनी ने मदहोश आँखों से बिहारी की तरफ देखा और पूछा "क्या हुआ विराट"???? 

बिहारी: रागिनी, मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हे ऐसा कोई भी काम करने पर मजबूर नहीं करूँगा जो तुम्हे अच्छा ना लगे. यह तो तुमसे शर्त के कारण मैने तुम्हे मजबूर कर दिया अपना लंड चूसने के लिए वरना मैं तो तुम्हे कभी कोई तकलीफ़ पहुँचने की सोच भी नहीं सकता. 

रागिनी ने विराट को अपने उपर खींच कर उसके कान मे कहा "आइ लव यू विराट, आप जो कहेंगे, जैसा चाहेंगे मैं वैसा ही करूँगी". 

बिहारी: तो चलो फिर चुदने के लिए तैयार हो जाओ. 

रागिनी की आँखें एकदम बंद हो गई और होंठ मुस्कुरा दिए. उसने गर्दन हिलाकर हां मे इशारा किया. बिहारी ने रागिनी की गंद के नीचे पड़ी फूल की पट्टियों को सॉफ किया और रागिनी के घुटने मोड़ कर उसकी टाँगे खोल दी. 

रागिनी: यह फूल क्यूँ हटा रहे हो????

बिहारी: कली को मसालने के लिए फूलों का क्या काम. 

रागिनी: उूउउन्न्ञन्, बताओ ना. 

बिहारी: मैं चाहता हूँ कि तुम्हारी औरत बनने की निशानी मैं हमेशा अपने पास संभाल के रखूं, इसीलिए यह फूल साफ कर दिए हैं ताकि तुम्हारी चूत के खून का हर एक कतरा इस बेडशीट पर गिरे. 

रागिनी ने शरमा कर अपनी गर्दन सहमति मे हिलाई. बिहारी उसकी टाँगों के बीच बैठ गया और अपने सुपाडे को नंगा करके रागिनी की चूत के पास लेगया. बिहारी ने रागिनी की आँखों मे देखा तो रागिनी का चेहरा शर्म से लाल हो गया. 

बिहारी: डाल दूं. ??

रागिनी ने आँखों से स्वीकृति दी.

बिहारी: अगर दर्द हुआ तो???

रागिनी ने धीमे से कहा: सह लूँगी. 

बिहारी: अगर फट गई तो??

रागिनी(मदहोशी मे): फट जाए. 

बिहारी ने अपने लोड्‍े के लाल हो चुके सुपाडे को रागिनी की चूत पर फिराया तो रागिनी की आह निकल गई और बिहारी का बदन भी उसकी चूत की गर्मी से सिहर उठा.इस वक्त दोनो उस दवाई के नशे मे पूरे सुरूर पर थे. बिहारी ने अपने सुपाडे को अच्छी तरस से रागिनी के चतुरस से गीला कर दिया और फिर आगे को झुक कर अपनी कोहनियाँ रागिनी की छाती के आस पास रख कर अपने खुरदुरे हाथ रागिनी के सख़्त और मुलायम वक्षों पर रख दिया. ऐसा होते ही रागिनी की कमर उठी और रागिनी की चूत बिहारी के लंड से टकरा गई. 

बिहारी: बड़ी जल्दी है चुदने की. 

रागिनी(शरमाकर मुस्कुराते हुए): हटो, बेशरम कहीं के, पिछले सात घंटों से मुझे नंगा करके रखा है और अभी तक कुछ किया भी नहीं. 

बिहारी: अच्छा कुछ नही किया, तो तुम्हारी चूत से रस की नदियाँ ऐसे ही बह रही थी. 

रागिनी ने शरमाते हुए कहा: मेरा कहने का वो मतलब नहीं था. मेरा मतलब............

अभी रागिनी इस के आगे कुछ बोल पाती, बिहारी ने अपने सुपाडे को उस गुलाबी चूत के मुंहाने पर सटा कर एक ताकतवर लेकिन छोटा सा धक्का दिया तो रागिनी की गीली चूत मे बिहारी का सुपाडा दाखिल हो गया. रागिनी की आँखें बाहर निकल आई और जब उसे समझ आया कि क्या हुआ है उसके मुँह से एक ज़ोरदार चीख निकल आआआआआआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई. 

बिहारी: अभी तो सुपाडा भी पूरा नहीं घुसा, ज़्यादा ओवेरक्टिंग मत करो. 

रागिनी: उूुउउफफफफफ्फ़ माआआ उूुुुउउफफफफफफ्फ़ आआआहह वविराआआआटततत्ट धीईर्रीईईई प्पल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीआआसस्स्सीईईई. बिहारी ने उसकी चूत पर अपना सुपाडा दबाए रखा और एक और हल्का सा झटका दिया तो आधे से ज़्यादा सुपाडा रागिनी की चूत मे परवेश कर गया. रागिनी की हालत खराब हो गई, वो छटपटाने लगी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे. बिहारी ने उसके बड़े बड़े मम्मे मसलना शुरू किया. बिहारी उसके मम्मे इतनी ज़ोर से मसल रहा था कि कुछ ही पलों मे वो एक दम अनार की तरह लाल दिखने लगे. रागिनी अपने वक्षो की इस तरह रगड़ाई से तड़प उठी. 

रागिनी: आअह विराट क्या कर रहे हो, उूफ़ुउफ्फ मुझे दर्द आआअहह....... इस से पहले कि रागिनी आगे बोलती, बिहारी ने कस कर एक धक्का मारा तो उसके लंड का सुपाडा जगह बनाता हुआ रागिनी की चूत मे पूरा घुस गया. रागिनी का मुँह खुला का खुला रह गया. उसे बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था. उसने अपने पैर हवा मे उठाकर अपने घुटने बिहारी की कमर पर कस लिए ताकि वो और धक्का ना लगा सके. 

रागिनी: बस विराट बस, बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज़ बस. 

बिहारी ने नीचे झुक कर रागिनी की आँसुओं से भीगी पलकों पर अपने होंठ रख दिए और बोला: बस रागी बस हो गया, बस अब थोड़ी देर ही दर्द होगा फिर मज़ा ही मज़ा है. 

रागिनी: कितने ज़ालिम हो विराट आप, आख़िर कर ही ली ना अपने मन की, यह भी नही सोचा कि मुझे कितनी तकलीफ़ होगी, मैं दर्द से मरी जा रही हूँ विराट. तुम्हारा वो मेरी उसमे फस गया है, महसूस करो कितना टाइट लग रहा है.बहुत जलन भी हो रही है. 

बिहारी ने अपने पेट को थोड़ा सा अंदर किया जिस से बिहारी का लंड थोड़ा सा फूला तो रागिनी उसे हैरानी से देखते हुए बोली: यह क्या कर रहे हो???

बिहारी: अपनी बीवी को चोद रहा हूँ और मज़े कर रहा हूँ. 

रागिनी ने प्यार से उसकी छाती पर मुक्का मारा और बोली: मज़े कर रहे हो , मेरी जान निकल रही है और तुम्हे मज़ा आ रहा है. 

बिहारी: सच मे चूत जितनी कसी होती है, मज़ा उतना ही ज़्यादा आता है. मुझे तो तुम्हारी कसी चूत बहुत पसंद आई. 

रागिनी शरमा गई और बोली: चलो अब ज़्यादा बातें मत करो और उठो. 

बिहारी हैरानी से उसे देखता रहा. 

रागिनी: क्या हुआ???? 

बिहारी: अरे अभी तो कुछ किया ही नहीं, अभी तो सिर्फ़ सुपाडा ही अंदर गया है लंड तो सारा बाहर है. अभी इसे पूरा डालना है और फिर ज़ोर ज़ोर से चुदाई करनी है अपनी बीवी की चूत की. 

रागिनी: हाई राम, अभी और भी डालना है क्या. कितना बाकी है अभी????

बिहारी: अभी तो 2" ही गया है 5-6 " तो अभी बाहर है. 

रागिनी(हैरानी से चिल्लाते हुए): 5-6" इंच, ना बाबा ना, अब और मत डालना, चाहे तो ऐसे ही करते रहो मगर और अंदर ना डालना. 

बिहारी: रागी, अभी मैन काम तो पीछे है. 

रागिनी: कॉन सा मेन कम.??

बिहारी: अभी तुम्हारी सील तो तोड़ी ही नहीं. 

रागिनी: क्या???? तो फिर यह अंदर कैसे गया. 

बिहारी: अरे इतना सा डालने से थोड़ी सील टूट ती है. अब जब इसे और अंदर डालूँगा तो यह तुम्हारी सील तोड़ेगा और तुम्हे थोड़ा सा दर्द होगा और हो सकता है थोड़ा खून भी आए. 

रागिनी: खून????प्लीज़ विराट मेरे साथ ऐसा मत करो. 

बिहारी: मैं ना करूँ तो किसी और को बुलाऊ क्या??? 

रागिनी का चेहरा यह सुनते ही सुर्ख हो गया.

रागिनी:आप कितने बेशरम हैं विराट. 

बिहारी: अच्छा एक काम करो, अपनी चूत की ग्रिप को थोड़ा टाइट करो. 

रागिनी: आगे ही क्या कम टाइट है???

बिहारी: थोड़ी सी करो ना मेरे लिए. 

रागिनी ने जैसे ही अपनी चूत सिकोडी उसे तेज़ दर्द हुआ और उसकी आह निकल गई. रागिनी की ऐसी हालत देख कर बिहारी की हँसी छूट गई. 

रागिनी: हां बड़ी हँसी आ रही है ना मेरी बेबसी पर. अगले जनम मैं भगवान मुझे लड़का बनाए और आपको लड़की तो पता चले कि कितना दर्द होता है विराट. 

बिहारी: यार तुम तो ऐसे बोल रही हो कि पूरी दुनिया में एक तुम्हे पहली बार चुद रही हो. 

रागिनी: यही सोच कर तो चुद रही हूँ आपसे विराट के मुझ से पहले भी कितनी चुदि है और आगे भी कितनी चुदेन्गि.बिहारी ने महसूस किया कि रागिनी फिर से शरम छोड़ कर बेशर्म बातें करने लगी है. इसका मतलब उसे भी मज़ा आने लगा है. 
 
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