hotaks444
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मैं सुबह से ही हमारे पहले मिलन को लेकर रोमांचित थी तो भूख तो मुझे थी ही नहीं. मैने खाना नहीं खाया और बिस्तर पर लेटे लेटे ही सो गई. शाम को करीब 5:00 बजे मेरी नींद खुली जब कोई डोर नॉक कर रहा था. मैं खुशी से चहक उठी कि शायद जावेद आ गया है लेकिन दरवाज़ा खोलकर देखा तो जावेद नहीं कोई और था. कोई 40-45 साल का एक आदमी सूट बूट मैं दरवाज़े पर खड़ा था. मेरी तरफ देख कर और फिर कमरे की सजावट देख कर बोला: लगता है जावेद भाई ने आज बहुत कुछ मिस कर दिया है. मैने घबरा कर उसकी ओर देखा तो वो बोला: अरे परेशान मत होइए भाभी जी मैं जावेद का दोस्त हूँ, उसी ने मुझे आपको लेने के लिए भेजा है. मैने उस से पूछा कि जावेद कहाँ है तो उसने कहा कि वो मेरे घर पर है, मैने ही उसे ज़िद करके वहाँ रोक लिया और कहा कि अपनी होने वाली भाभी को मैं खुद लेकर आउन्गा. उस आदमी के बार बार मुझे भाभी कहने से शरम आ रही थी. उम्र के हिसाब से वो मेरे पापा के बराबर था जिस से मैं काफ़ी अनकंफर्टबल फील कर रही थी.
बीना: ऐसा होता है जब एक लड़की की शादी हो जाती है तो नये रिश्तों मे अड्जस्ट होने मे उसे शुरू शुरू मे थोड़ा अजीब लगता है.
बीना: तो फिर तुम चली गई.
रागिनी: जी हां, मैने जो लाल जोड़ा पहन रखा था वो बाथरूम मे जाकर चेंज किया और वही कपड़े पहन लिए जो घर से भागते वक़्त पहने थे.
आदमी: भाभी जी चेंज क्यूँ किया, ऐसे ही चल पड़ती आप काफ़ी अच्छी लग रही थी. मैने कहा कि ट्रेन के सफ़र मे यह ड्रेस काफ़ी अनकंफर्टबल हो जाता.
आदमी: हां वो तो है ही. मैने अपना बॅग उठाया और उस आदमी को चलने के लिए बोला. काउंटर पर जाकर उस ने पेमेंट की और हम बाहर आ गये.
बाहर एक बड़ी सी गाड़ी हमारा वेट कर रही थी. मैने मन मे सोचा कि जावेद तो बड़ी पहुँची हुई चीज़ निकला, इतने मालदार लोगों से दोस्ती है उसकी तो. थोड़ी देर के बाद हम एक आलीशान बंगले के बाहर जाकर गाड़ी से उतर गये.
मैने उस से पूछा कि जावेद कहाँ है तो उस ने कहा कि अंदर तो चलो वो वहीं है. मैं घर के अंदर आ गई. अंदर आते ही मेरी आँखें चौंधिया गई. कोठी देखने मे जितनी बाहर से सुंदर थी, अंदर से तो बिल्कुल स्वर्ग थी.
मैने हैरान होकर पूछा: यह कोठी आपकी है??
आदमी: कोठी कहाँ भाबी जी, यह तो छोटा सा मकान है, ऐसे ही कई मकान हैं मेरे इस शहर और यहाँ से बाहर भी.
मैने पूछा कि आपके बीवी बच्चे नहीं हैं क्या घर पर?
आदमी: बीवी तो कब की छोड़ कर चली गई भगवान को और बच्चा पैदा करने लायक शायद वो थी ही नहीं. शादी के 15 साल तक भी जब वो माँ ना बन सकी तो यह गम उसे भी ले गया. इतना कह कर वो चुप हो गया.
मैने पूछा जावेद दिखाई नहीं दे रहा.
आदमी: यहीं तो छोड़ कर गया था, पता नहीं कहाँ चला गया. अभी उसे फोन करता हूँ. उसने नंबर. डाइयल करके फोन कान से लगाया तो बोला "यह लो तुम्हारे जावेद का तो फोन ही स्विचऑफ हो गया है, शायद बॅटरी डेड हो गई होगी."तुम चिंता ना करो अभी आ जाएगा.
आदमी: तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाइ/कॉफी का इंतज़ाम करता हूँ.
मैने कहा कि तकलीफ़ की कोई ज़रूरत नहीं है.
आदमी: अरे इस मे तकलीफ़ कैसी.
तो मैने बोला: आप मुझे किचन दिखा दीजिए, मैं खुद ही बना देती हूँ अपने लिए भी और आपके लिए भी. मैं उसके साथ किचन मे आ गई और बोली: आप सारा काम खुद ही करते हैं तो शादी क्यूँ नहीं कर लेते दोबारा.
आदमी: नहीं आज नौकर छुट्टी पर है और रही बात बीवी की तो उसकी कमी तो पूरी कर ही लेता हूँ. उसकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कन एक दम तेज हो गई. मैने चाइ बनाई और वो वहीं खड़ा रहा. उसके वहाँ खड़ा रहने से मैं काफ़ी अनकंफर्टबल फील कर रही थी. मैने झट से चाइ बनाकर एक कप उसे दिया और एक कप खुद लेकर सिट्टिंग हॉल मे आ गई. चाइ पीते हुए मैं उसकी नज़र सॉफ अपने बदन पर महसूस कर रही थी.
मैं जल्द से जल्द यहाँ से निकलना चाहती थी. मैने बोला आप एक काम करो आप मुझे रेलवे स्टेशन ही छोड़ दो शायद जावेद वहीं चला गया होगा.
आदमी: वो वहाँ भी नहीं मिला तो? मैने कहा कि जब हमे घर पर नहीं देखेगा तो वो भी वहीं आ जाएगा.
आदमी: लेकिन अब तक तो ट्रेन निकल भी गई होगी.
मैं हैरानी से उसे देखती रही.
आदमी: मैं खुद उसे ट्रेन मे चढ़ाकर आपको लेने आया था.
मैं झट से वहाँ से खड़ी हो गई और बोली तो अपने मुझे पहले क्यूँ नही बताया.
आदमी: चुप चाप बैठी रह, ज़्यादा आवाज़ की तो ज़ुबान खींच लूँगा. उसके चहरे के बदलते तेवर से मैं कांप उठी और रोने लगी.
आदमी: रो ले जितना रोना है साली. तेरा आशिक़ तुझे 2 लाख मे बेच कर यहाँ से चला गया है और तेरा सारा समान भी ले गया है. उसने मुझ से वादा किया है कि तू एकदम कोरा माल है, और अगर साला झूठ हुआ तो भोपला मे जाकर उसकी गान्ड मार लूँगा.
इतना सुनते ही मेरे होश उड़ गये. जिस लड़के के लिए मैने अपना घर छोड़ा वो मुझे एक आदमी को बेच कर मेरा सब कुछ लेके निकल गया. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूँ.
मैने रोते हुए उस आदमी से अपनी इज़्ज़त की भीख माँगी "देखिए मैं आपकी बेटी जैसी हूँ, प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए मैं किसी को मूह दिखाने लायक नहीं रहूंगी".
वो आदमी ज़ोर से हंसा और बोला: चिंता ना कर आज से मैं तुझे मेरी बीवी बना कर रखूँगा. बेटी जैसी है तो क्या हुआ, मेरे बच्चे पैदा करके मुझे बाप बनने का सुख दे दे, यकीन मान मैं तुझे रानी की तरह रखूँगा. उसकी बातें सुनकर मुझे चक्कर आने लगे. वो फिर बोला: अगर प्यार से मान जाएगी तो ठीक वरना तेरे दोनो छेदो को उधेड़ कर तुझे किसी कोठे पर बिठा दूँगा. मैं रोए जा रही थी मगर वो कमीना इंसान हँसता ही जा रहा था. वो मेरी तरफ झपटा तो मैं खिसक कर उस से दूर हट गई.
बीना: ऐसा होता है जब एक लड़की की शादी हो जाती है तो नये रिश्तों मे अड्जस्ट होने मे उसे शुरू शुरू मे थोड़ा अजीब लगता है.
बीना: तो फिर तुम चली गई.
रागिनी: जी हां, मैने जो लाल जोड़ा पहन रखा था वो बाथरूम मे जाकर चेंज किया और वही कपड़े पहन लिए जो घर से भागते वक़्त पहने थे.
आदमी: भाभी जी चेंज क्यूँ किया, ऐसे ही चल पड़ती आप काफ़ी अच्छी लग रही थी. मैने कहा कि ट्रेन के सफ़र मे यह ड्रेस काफ़ी अनकंफर्टबल हो जाता.
आदमी: हां वो तो है ही. मैने अपना बॅग उठाया और उस आदमी को चलने के लिए बोला. काउंटर पर जाकर उस ने पेमेंट की और हम बाहर आ गये.
बाहर एक बड़ी सी गाड़ी हमारा वेट कर रही थी. मैने मन मे सोचा कि जावेद तो बड़ी पहुँची हुई चीज़ निकला, इतने मालदार लोगों से दोस्ती है उसकी तो. थोड़ी देर के बाद हम एक आलीशान बंगले के बाहर जाकर गाड़ी से उतर गये.
मैने उस से पूछा कि जावेद कहाँ है तो उस ने कहा कि अंदर तो चलो वो वहीं है. मैं घर के अंदर आ गई. अंदर आते ही मेरी आँखें चौंधिया गई. कोठी देखने मे जितनी बाहर से सुंदर थी, अंदर से तो बिल्कुल स्वर्ग थी.
मैने हैरान होकर पूछा: यह कोठी आपकी है??
आदमी: कोठी कहाँ भाबी जी, यह तो छोटा सा मकान है, ऐसे ही कई मकान हैं मेरे इस शहर और यहाँ से बाहर भी.
मैने पूछा कि आपके बीवी बच्चे नहीं हैं क्या घर पर?
आदमी: बीवी तो कब की छोड़ कर चली गई भगवान को और बच्चा पैदा करने लायक शायद वो थी ही नहीं. शादी के 15 साल तक भी जब वो माँ ना बन सकी तो यह गम उसे भी ले गया. इतना कह कर वो चुप हो गया.
मैने पूछा जावेद दिखाई नहीं दे रहा.
आदमी: यहीं तो छोड़ कर गया था, पता नहीं कहाँ चला गया. अभी उसे फोन करता हूँ. उसने नंबर. डाइयल करके फोन कान से लगाया तो बोला "यह लो तुम्हारे जावेद का तो फोन ही स्विचऑफ हो गया है, शायद बॅटरी डेड हो गई होगी."तुम चिंता ना करो अभी आ जाएगा.
आदमी: तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाइ/कॉफी का इंतज़ाम करता हूँ.
मैने कहा कि तकलीफ़ की कोई ज़रूरत नहीं है.
आदमी: अरे इस मे तकलीफ़ कैसी.
तो मैने बोला: आप मुझे किचन दिखा दीजिए, मैं खुद ही बना देती हूँ अपने लिए भी और आपके लिए भी. मैं उसके साथ किचन मे आ गई और बोली: आप सारा काम खुद ही करते हैं तो शादी क्यूँ नहीं कर लेते दोबारा.
आदमी: नहीं आज नौकर छुट्टी पर है और रही बात बीवी की तो उसकी कमी तो पूरी कर ही लेता हूँ. उसकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कन एक दम तेज हो गई. मैने चाइ बनाई और वो वहीं खड़ा रहा. उसके वहाँ खड़ा रहने से मैं काफ़ी अनकंफर्टबल फील कर रही थी. मैने झट से चाइ बनाकर एक कप उसे दिया और एक कप खुद लेकर सिट्टिंग हॉल मे आ गई. चाइ पीते हुए मैं उसकी नज़र सॉफ अपने बदन पर महसूस कर रही थी.
मैं जल्द से जल्द यहाँ से निकलना चाहती थी. मैने बोला आप एक काम करो आप मुझे रेलवे स्टेशन ही छोड़ दो शायद जावेद वहीं चला गया होगा.
आदमी: वो वहाँ भी नहीं मिला तो? मैने कहा कि जब हमे घर पर नहीं देखेगा तो वो भी वहीं आ जाएगा.
आदमी: लेकिन अब तक तो ट्रेन निकल भी गई होगी.
मैं हैरानी से उसे देखती रही.
आदमी: मैं खुद उसे ट्रेन मे चढ़ाकर आपको लेने आया था.
मैं झट से वहाँ से खड़ी हो गई और बोली तो अपने मुझे पहले क्यूँ नही बताया.
आदमी: चुप चाप बैठी रह, ज़्यादा आवाज़ की तो ज़ुबान खींच लूँगा. उसके चहरे के बदलते तेवर से मैं कांप उठी और रोने लगी.
आदमी: रो ले जितना रोना है साली. तेरा आशिक़ तुझे 2 लाख मे बेच कर यहाँ से चला गया है और तेरा सारा समान भी ले गया है. उसने मुझ से वादा किया है कि तू एकदम कोरा माल है, और अगर साला झूठ हुआ तो भोपला मे जाकर उसकी गान्ड मार लूँगा.
इतना सुनते ही मेरे होश उड़ गये. जिस लड़के के लिए मैने अपना घर छोड़ा वो मुझे एक आदमी को बेच कर मेरा सब कुछ लेके निकल गया. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूँ.
मैने रोते हुए उस आदमी से अपनी इज़्ज़त की भीख माँगी "देखिए मैं आपकी बेटी जैसी हूँ, प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए मैं किसी को मूह दिखाने लायक नहीं रहूंगी".
वो आदमी ज़ोर से हंसा और बोला: चिंता ना कर आज से मैं तुझे मेरी बीवी बना कर रखूँगा. बेटी जैसी है तो क्या हुआ, मेरे बच्चे पैदा करके मुझे बाप बनने का सुख दे दे, यकीन मान मैं तुझे रानी की तरह रखूँगा. उसकी बातें सुनकर मुझे चक्कर आने लगे. वो फिर बोला: अगर प्यार से मान जाएगी तो ठीक वरना तेरे दोनो छेदो को उधेड़ कर तुझे किसी कोठे पर बिठा दूँगा. मैं रोए जा रही थी मगर वो कमीना इंसान हँसता ही जा रहा था. वो मेरी तरफ झपटा तो मैं खिसक कर उस से दूर हट गई.