hotaks444
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बिहारी: तो ठीक है, मैं बाहर निकाल देता हूँ. बाकी का कल कर लेंगे.
रागिनी ने झट से अपने पैर बिहारी की कमर पर रख दिए और शरमाते हुए "ना" मे गर्दन हिलाई.
बिहारी: क्यूँ अभी तो कह रही थी बस करो अब निकालने भी नहीं दे रही.
रागिनी(मदहोश होकर): विराट, अब अच्छा लग रहा है, प्लीज़ ऐसे ही लेटे रहो.
बिहारी: लेकिन इतना सा डालने मे मुझे मज़ा नहीं आ रहा. मेरा लौडा तुम्हारी चूत की बलि माँग रहा है इसका क्या करूँ.
रागिनी: इसे कहो कि अभी इतने में ही खुश रहे, धीरे धीरे सब मिलेगा.
बिहारी ने सुपाड़ा अंदर रखे ही धीरे धीरे अपनी कमर चलाना शुरू कर दिया. सुपाड़ा थोड़ा सा बाहर निकलता और फिर अंदर घुस जाता. रागिनी का दर्द और मज़े के मारे बुरा हाल था. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो रोए या खुश होये. धीरे धीरे उसकी आँखें बंद होने लगी और एक वक्त ऐसा आया जब उसे कोई होश ना रही और बिहारी को अपनी बाहों मे जकड कर वो चिल्लाई: आआआआआआआआहह ववववववीीईईईईइइर्र्र्र्ररराततत्त, आइ आइ आइ आअम्म्म ककुउँमिईननगगगगगगगगगगगगगग आआआहहहहा आहह विराट अहहहहा फक मी, फक मी आहह विराट.
इसके साथ ही उसकी चूत ने बिहारी के सुपाडे को अपने पानी से भिगो दिया. बिहारी, रागिनी की चूत से निकलते गरम लावे को अपने सुपाडे पर महसूस कर रहा था. एक बार के लिए तो उसे भी लगा कि वो भी झड़ने के करीब है लेकिन उसने अपने आप को कंट्रोल करते हुए रागिनी से कहा:रागिनी मैं तुम्हारी चूत खोलने जा रहा हूँ.
रागिनी अभी अपने स्खलन से उभर भी नहीं पाई थी और इस से पहले के वो कुछ समझ पाती, बिहारी ने उसकी जाँघो को पकड़ कर और अपना मुँह उसके मम्मों पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा. धक्का इतना बलशाली था कि बिहारी का लंड रागिनी की चूत की झिल्ली फाड़ता हुआ करीब करीब 5" तक खचाक्क से अंदर घुस गया. रागिनी का कोमार्य भंग होते ही उसकी चूत मे दर्द की एक तेज़ लहर उठी और उसके गले से एक ऐसी दर्दनाक चीख निकली कि पूरा "शर्मा निवास" दहल गया. रागिनी की चीख इतनी पीड़ादायक थी कि एक पल के लिए बिहारी भी कांप गया. रागिनी ने अपने हाथ अपने सिर के पास लेजाते हुए तकिये मे अपनी उंगलियाँ गढ़ा दी. यह तो गनीमत थी कि बिहारी ने रागिनी की जांघे कस कर पकड़ रखी थी वरना रागिनी इस वक्त ऐसे तड़प रही थी कि बिहारी कहीं दूर जा गिरता. बिहारी ने रागिनी का स्तन अपने मुँह मे लेकर तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया.
रागिनी की चीखें लगातार जारी थी, उसकी आँखें छल छल कर बह रही थी और कुछ देर बाद रागिनी के गले से आवाज़ निकलना भी बंद हो गई. रह रह कर उसका बदन बिहारी के नीचे थिरक रहा था और आँखों से आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. रागिनी को शांत होते देख बिहारी ने अपना सिर उठाकर रागिनी की तरफ देखा तो उसके बहाल चेहरे को देख कर एक बार के लिए तो वो सहम गया. रागिनी का थोड़ा सा खुला मुँह गवाही दे रहा था कि रागिनी अभी भी तकलीफ़ में है और शायद उसकी सांस अटक जाने से उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. रागिनी की आँखें छत मे शून्य को घूर रही थी और आँखों से पानी ऐसे बह रहा था जैसे कि पानी की बारीक सी धार किसी नल से बह रही हो. बिहारी ने रागिनी की दोनो आँखों को बारी बारी से चूम लिया. बिहारी ने अपने शरीर को अपने घुटनों और कोहनियो पर उठाकर अपने हाथ रागिनी के लाल हो चुके वक्षो पर रख दिए और उन्हे धीरे धीरे मसल्ने लगा. कुछ देर बाद उसने रागिनी के बाए वक्ष पर अपने होंठ रख दिए तो रागिनी के गले से एक लंबी आह निकली और कुछ पलों के लिए रुकी हुई साँसे फिर से लय मे आ गई.
रागिनी की आँखों से आँसू बहना बंद होने लगे थे लेकिन उसकी चूत से खून अभी भी रिस रिस कर बिस्तर पर बिछी हल्की गुलाबी चद्दर को अपने रंग मे रंग रहा था. रागिनी की टाँगो का जोड़ और उसके विशाल नितंबों का कुछ हिस्सा खून से बिल्कुल लथपथ हो गया था. धीरे धीरे रागिनी का शरीर ढीला पड़ने लगा और रागिनी की बाहें अपने सिर के पास से उठकर बिहारी की पीठ पर आ गई. रागिनी की बाहों की गिरफ़्त बिहारी की पीठ पर कसने लगी तो बिहारी ने रागिनी की आँखों में देखा. काफ़ी देर की खामोशी के बाद रागिनी के गले से आवाज़ निकली. काँपति हुई आवाज़ मे रागिनी बोली: चोद दिया ना मुझे आपने विराट.
बिहारी: अभी कहाँ अभी तो सिर्फ़ चूत फटी है, चोदना तो अभी बाकी है और यह कह कर बिहारी ने रागिनी को आँख मार दी.
रागिनी ने बिहारी की पीठ पर मुक्का मारा और बोली: चलो बेशरम कहीं के, अपनी बीवी के साथ कोई ऐसा करता है क्या. कितनी बुरी हालत कर दी मेरी आपने, मेरी तो सांस ही रुक गई थी.
बिहारी: कोई बात नहीं अभी नीचे से पंप मार के तुम्हारी साँसें फिर से ठीक कर देता हूँ और ऐसा कह कर बिहारी ने अपनी कमर थोड़ी सी हिलाई.
रागिनी: आउच!!!!
बिहारी: क्या अभी भी दर्द हो रहा है.
रागिनी(शरमाते हुए):थोड़ा थोड़ा.
बिहारी: अभी ठीक हो जाएगा और यह कह कर वो अपने हाथ प्यार से रागिनी के नाज़ुक जिस्म पर फिराने लगा. रागिनी के बदन मे सिहरन पैदा होने लगी और उसे मज़ा आने लगा. बिहारी ने देखा कि रागिनी मस्त हो रही है तो उसने अपनी कमर तो थोड़ा सा उपर उठाकर एक और ज़ोरदार धक्का लगाया और अपना सारा लंड रागिनी की चूत मे जड़ तक फसा दिया. सारा लंड घुसते ही बिहारी के बड़े बड़े टटटे रागिनी की गंद से चिपक गये और खून से लथपथ हो गये. इस धक्के से रागिनी एक बार फिर चीखी लेकिन इस बार उसकी चीख सिर्फ़ कमरे तक ही रही और उसके मेहंदी वाले हाथो की उंगलियाँ बिहारी की पीठ मे धँस गई जिस से बिहारी भी कराह उठा.
बिहारी: लो जी घुस गया पूरा जड तक अंदर, तुम ऐसे ही डर रही थी कि बहुत बड़ा है नहीं जाएगा.
रागिनी: आपने तो घुसा दिया लेकिन मैं जानती हूँ कि मुझे कितनी तकलीफ़ हुई इस जंगली को अपने अंदर लेते हुए.
बिहारी: आज के बाद तुम्हे कभी दर्द नहीं होगा बस अब कुछ दिनो की बात है यह तुम्हारी चूत मे ऐसे सैर करेगा जैसे तुम्हारी चूत और इसका जनम जनम का साथ हो.
रागिनी ने शरमा कर बिहारी को अपने साथ कस लिया.
रागिनी: आइ लव यू विराट.
बिहारी: आइ लव यू टू रागी.
रागिनी: अब दर्द बिल्कुल कम हो गया है विराट प्लीज़ चोदिये ना और यह कह कर उसने अपनी गान्ड उठा दी.
बिहारी,रागिनी की आँखों मे देखने लगा.
रागिनी: क्या देख रहे हैं विराट.
बिहारी: यही कि एक 18 साल की छुई मुई सी लड़की जो पहले इतना शरमा रही थी अब खुद मुझे कह रही है कि "चोदिये ना".
रागिनी का चेहरा शरम से लाल हो गया और उसने बिहारी के कंधे पर अपना सर छुपा लिया.
बिहारी: पता है जब तुम ऐसी बातें करती हो तो मुझे बहुत मज़ा आता है.
रागिनी ने झट से अपने पैर बिहारी की कमर पर रख दिए और शरमाते हुए "ना" मे गर्दन हिलाई.
बिहारी: क्यूँ अभी तो कह रही थी बस करो अब निकालने भी नहीं दे रही.
रागिनी(मदहोश होकर): विराट, अब अच्छा लग रहा है, प्लीज़ ऐसे ही लेटे रहो.
बिहारी: लेकिन इतना सा डालने मे मुझे मज़ा नहीं आ रहा. मेरा लौडा तुम्हारी चूत की बलि माँग रहा है इसका क्या करूँ.
रागिनी: इसे कहो कि अभी इतने में ही खुश रहे, धीरे धीरे सब मिलेगा.
बिहारी ने सुपाड़ा अंदर रखे ही धीरे धीरे अपनी कमर चलाना शुरू कर दिया. सुपाड़ा थोड़ा सा बाहर निकलता और फिर अंदर घुस जाता. रागिनी का दर्द और मज़े के मारे बुरा हाल था. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो रोए या खुश होये. धीरे धीरे उसकी आँखें बंद होने लगी और एक वक्त ऐसा आया जब उसे कोई होश ना रही और बिहारी को अपनी बाहों मे जकड कर वो चिल्लाई: आआआआआआआआहह ववववववीीईईईईइइर्र्र्र्ररराततत्त, आइ आइ आइ आअम्म्म ककुउँमिईननगगगगगगगगगगगगगग आआआहहहहा आहह विराट अहहहहा फक मी, फक मी आहह विराट.
इसके साथ ही उसकी चूत ने बिहारी के सुपाडे को अपने पानी से भिगो दिया. बिहारी, रागिनी की चूत से निकलते गरम लावे को अपने सुपाडे पर महसूस कर रहा था. एक बार के लिए तो उसे भी लगा कि वो भी झड़ने के करीब है लेकिन उसने अपने आप को कंट्रोल करते हुए रागिनी से कहा:रागिनी मैं तुम्हारी चूत खोलने जा रहा हूँ.
रागिनी अभी अपने स्खलन से उभर भी नहीं पाई थी और इस से पहले के वो कुछ समझ पाती, बिहारी ने उसकी जाँघो को पकड़ कर और अपना मुँह उसके मम्मों पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा. धक्का इतना बलशाली था कि बिहारी का लंड रागिनी की चूत की झिल्ली फाड़ता हुआ करीब करीब 5" तक खचाक्क से अंदर घुस गया. रागिनी का कोमार्य भंग होते ही उसकी चूत मे दर्द की एक तेज़ लहर उठी और उसके गले से एक ऐसी दर्दनाक चीख निकली कि पूरा "शर्मा निवास" दहल गया. रागिनी की चीख इतनी पीड़ादायक थी कि एक पल के लिए बिहारी भी कांप गया. रागिनी ने अपने हाथ अपने सिर के पास लेजाते हुए तकिये मे अपनी उंगलियाँ गढ़ा दी. यह तो गनीमत थी कि बिहारी ने रागिनी की जांघे कस कर पकड़ रखी थी वरना रागिनी इस वक्त ऐसे तड़प रही थी कि बिहारी कहीं दूर जा गिरता. बिहारी ने रागिनी का स्तन अपने मुँह मे लेकर तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया.
रागिनी की चीखें लगातार जारी थी, उसकी आँखें छल छल कर बह रही थी और कुछ देर बाद रागिनी के गले से आवाज़ निकलना भी बंद हो गई. रह रह कर उसका बदन बिहारी के नीचे थिरक रहा था और आँखों से आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. रागिनी को शांत होते देख बिहारी ने अपना सिर उठाकर रागिनी की तरफ देखा तो उसके बहाल चेहरे को देख कर एक बार के लिए तो वो सहम गया. रागिनी का थोड़ा सा खुला मुँह गवाही दे रहा था कि रागिनी अभी भी तकलीफ़ में है और शायद उसकी सांस अटक जाने से उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. रागिनी की आँखें छत मे शून्य को घूर रही थी और आँखों से पानी ऐसे बह रहा था जैसे कि पानी की बारीक सी धार किसी नल से बह रही हो. बिहारी ने रागिनी की दोनो आँखों को बारी बारी से चूम लिया. बिहारी ने अपने शरीर को अपने घुटनों और कोहनियो पर उठाकर अपने हाथ रागिनी के लाल हो चुके वक्षो पर रख दिए और उन्हे धीरे धीरे मसल्ने लगा. कुछ देर बाद उसने रागिनी के बाए वक्ष पर अपने होंठ रख दिए तो रागिनी के गले से एक लंबी आह निकली और कुछ पलों के लिए रुकी हुई साँसे फिर से लय मे आ गई.
रागिनी की आँखों से आँसू बहना बंद होने लगे थे लेकिन उसकी चूत से खून अभी भी रिस रिस कर बिस्तर पर बिछी हल्की गुलाबी चद्दर को अपने रंग मे रंग रहा था. रागिनी की टाँगो का जोड़ और उसके विशाल नितंबों का कुछ हिस्सा खून से बिल्कुल लथपथ हो गया था. धीरे धीरे रागिनी का शरीर ढीला पड़ने लगा और रागिनी की बाहें अपने सिर के पास से उठकर बिहारी की पीठ पर आ गई. रागिनी की बाहों की गिरफ़्त बिहारी की पीठ पर कसने लगी तो बिहारी ने रागिनी की आँखों में देखा. काफ़ी देर की खामोशी के बाद रागिनी के गले से आवाज़ निकली. काँपति हुई आवाज़ मे रागिनी बोली: चोद दिया ना मुझे आपने विराट.
बिहारी: अभी कहाँ अभी तो सिर्फ़ चूत फटी है, चोदना तो अभी बाकी है और यह कह कर बिहारी ने रागिनी को आँख मार दी.
रागिनी ने बिहारी की पीठ पर मुक्का मारा और बोली: चलो बेशरम कहीं के, अपनी बीवी के साथ कोई ऐसा करता है क्या. कितनी बुरी हालत कर दी मेरी आपने, मेरी तो सांस ही रुक गई थी.
बिहारी: कोई बात नहीं अभी नीचे से पंप मार के तुम्हारी साँसें फिर से ठीक कर देता हूँ और ऐसा कह कर बिहारी ने अपनी कमर थोड़ी सी हिलाई.
रागिनी: आउच!!!!
बिहारी: क्या अभी भी दर्द हो रहा है.
रागिनी(शरमाते हुए):थोड़ा थोड़ा.
बिहारी: अभी ठीक हो जाएगा और यह कह कर वो अपने हाथ प्यार से रागिनी के नाज़ुक जिस्म पर फिराने लगा. रागिनी के बदन मे सिहरन पैदा होने लगी और उसे मज़ा आने लगा. बिहारी ने देखा कि रागिनी मस्त हो रही है तो उसने अपनी कमर तो थोड़ा सा उपर उठाकर एक और ज़ोरदार धक्का लगाया और अपना सारा लंड रागिनी की चूत मे जड़ तक फसा दिया. सारा लंड घुसते ही बिहारी के बड़े बड़े टटटे रागिनी की गंद से चिपक गये और खून से लथपथ हो गये. इस धक्के से रागिनी एक बार फिर चीखी लेकिन इस बार उसकी चीख सिर्फ़ कमरे तक ही रही और उसके मेहंदी वाले हाथो की उंगलियाँ बिहारी की पीठ मे धँस गई जिस से बिहारी भी कराह उठा.
बिहारी: लो जी घुस गया पूरा जड तक अंदर, तुम ऐसे ही डर रही थी कि बहुत बड़ा है नहीं जाएगा.
रागिनी: आपने तो घुसा दिया लेकिन मैं जानती हूँ कि मुझे कितनी तकलीफ़ हुई इस जंगली को अपने अंदर लेते हुए.
बिहारी: आज के बाद तुम्हे कभी दर्द नहीं होगा बस अब कुछ दिनो की बात है यह तुम्हारी चूत मे ऐसे सैर करेगा जैसे तुम्हारी चूत और इसका जनम जनम का साथ हो.
रागिनी ने शरमा कर बिहारी को अपने साथ कस लिया.
रागिनी: आइ लव यू विराट.
बिहारी: आइ लव यू टू रागी.
रागिनी: अब दर्द बिल्कुल कम हो गया है विराट प्लीज़ चोदिये ना और यह कह कर उसने अपनी गान्ड उठा दी.
बिहारी,रागिनी की आँखों मे देखने लगा.
रागिनी: क्या देख रहे हैं विराट.
बिहारी: यही कि एक 18 साल की छुई मुई सी लड़की जो पहले इतना शरमा रही थी अब खुद मुझे कह रही है कि "चोदिये ना".
रागिनी का चेहरा शरम से लाल हो गया और उसने बिहारी के कंधे पर अपना सर छुपा लिया.
बिहारी: पता है जब तुम ऐसी बातें करती हो तो मुझे बहुत मज़ा आता है.