bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी - Page 16 - SexBaba
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bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी

रागिनी: बट दिस डील ईज़ ओन्ली फॉर यू सर. चाचू को कानो कान खबर नहीं होनी चाहिए. 

वीरेंदर: ओह रागिनी, एक दिन मे ही तुमने मेरा दिल जीत लिया है. 

रागिनी: बस दिल ही?????

वीरेंदर ठहाका मार के हंसा और बोला " और बताओ क्या चाहिए?" 

रागिनी: सब कुछ. 

यह सुनते ही वीरेंदर रागिनी की तरफ देखता रहा. रागिनी और वीरेंदर की आँखें मिली और दोनो एक दूसरे को काफ़ी देर तक देखते रहे.रागिनी ने शरमा कर नज़रें झुकाई और बोली "मुझे बहुत भूख लगी है". 

वीरेंदर हड़बड़ा गया और गाड़ी गियर मे डाल कर आगे बढ़ गया. वीरेंदर के दिल-ओ-दिमाग़ मे काफ़ी उथल पुथल मच चुकी थी. वो रागिनी को एक अच्छे दोस्त की तरह मान रहा था मगर उसे रागिनी की आँखूं मे उस से कहीं ज़्यादा उम्मीद नज़र आ रही थी. वीरेंदर की आँखों मे बार बार आशना का चेहरा घूम रहा था. उसे लग रहा था कि वो आशना को धोखा दे रहा है. लेकिन उसका दिल कह रहा था कि यह हेल्ती फ्लर्ट है. बिज़्नेस को बढ़ाने के लिए उसे यह सब मॅनेज करना पड़ेगा. शायद इसी की कमी के कारण वो केपर एलेक्ट्रॉनिक से पिछड़ रहा था. वीरेंदर ने अपने दिमाग़ से सवालो को झटका और बोला: क्या खाओगी????

रागिनी: जो आप खिलाएँगे. 

रागिनी और वीरेंदर ने लंच किया और फिर ऑफीस आकर डील के लिए डॉक्युमेंट्स तैयार करने मे जुट गये. अगले दिन के लिए मोहित को कोर्ट की फॉरमॅलिटीस पूरी करने के लिए कह कर वीरेंदर और रागिनी शाम को घर पहुँचे तो आशना ने वीरेंदर का ज़ोर शोर से स्वागत किया. आशना काफ़ी खुश थी कि टेंडर वीरेंदर को मिल गया है. रागिनी अपने कमरे मे जाकर सो गई और वीरेंदर भी थोड़ी देर अपने कमरे मे आराम करने के बाद आशना के रूम मे आ गया.

वीरेंदर: आशना, बोलो कहाँ चलें डिन्नर करने????

आशना: घर पर ही एंजाय करते हैं. रात को कहाँ जाएँगे. 

वीरेंदर: आज तो ट्रीट बनती है. टेंडर मिला है, आख़िर इस खुशी मे मुँह तो मीठा होना ही चाहिए. 

आशना, वीरेंदर का मतलब समझ कर शरमा दी. आशना: तो जनाब को मुँह मीठा करने की ज़्यादा पड़ी है, मेरी ट्रीट की नहीं. 

वीरेंदर: तुम मेरा मुँह मीठा करवा दो तो मैं तुम्हे ट्रीट करवा देता हूँ. 

आशना: हटो लोफर कहीं के. ज़्यादा मीठा खाने से दाँत खराब भी हो जाते हैं. 

वीरेंदर: तो चलो, दाँत नहीं लगाता, होंठो से ही चूस लूँगा. 

आशना बुरी तरह झेंप गई. 

वीरेंदर: सोच लो, यहीं पेर मुँह मीठा करवाना है या गाड़ी में. 

आशना: आप तैयार हो जाइए, मैं तैयार होकर आपको आपके रूम मे ही मिलती हूँ. 

वीरेंदर: यह मेरे सवाल का जवाब नहीं है. 

आशना: अरे इस बार मुँह मीठा मैने करवाना है तो मेरी मर्ज़ी मैं कहीं भी करवाऊ. अपने रिक्वेस्ट डाल दी है, देखते हैं कि कब हमारा मूड करता है. 

वीरेंदर: मूड की तो ऐसी की तैसी और यह कहकर वीरेंदर आशना पर झपटा. 

आशना:वीरेंदर, छोड़ो मुझे, दिस ईज़ नोट फेर. 

वीरेंदर: एवरयतिंग ईज़ फेयर इन लव आंड ...... 

आशना: आंड?????

वीरेंदर: लव. 

आशना: तो इस तरह से प्यार जताते हैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ. आप ने तो बेचारी को डरा ही दिया. अब उसे सोचना पड़ेगा के उसके लिए यह लोफर ठीक भी रहेगा या नहीं. 

वीरेंदर(आशना की बाज़ू छोड़ते हुए): तो क्या सोचा मेरी गर्लफ्रेंड ने???

आशना: आँखें बंद करो. 

वीरेंदर ने आँखें बंद कर दी. थोड़ी देर कुछ ना हुआ. 

वीरेंदर: आँखें खोल दूं. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. 

वीरेंदर: मैं आँखें खोलने वाला हूँ. 

तभी आशना की हँसने की आवाज़ आई. वीरेंदर ने झट से आँखें खोली. आशना अपने हाथ मैं कपड़े लिए वॉशरूम के दरवाज़े पर खड़ी थी. 

आशना: बड़े आए ज़बरदस्ती करने वाले. अब तो अपनी मर्ज़ी से ही मुँह मीठा करवाउन्गा और यह कहकर आशना वॉशरूम मे घुस गई और दरवाज़ा लॉक कर दिया. 

वीरेंदर(मन मे): पोपट बना गई यह लड़की तेरा तो बच्चे. भाग ले यहाँ से और जल्दी से तैयार हो जा. 

वीरेंदर अपने रूम मे आ गया और तैयार होकर अपने रूम मे ही बैठ गया. थोड़ी देर बाद आशना वीरेंदर के रूम के दरवाज़े पर आई और बोली: अगर जनाब का मूड हो तो चलें और यह कहकर वो सीडीयो की तरफ भागी. वीरेंदर भी कमरे का दरवाज़ा बंद करके नीचे आ गया. 

वीरेंदर: बिहारी काका, हम बाहर जा रहे हैं. आप और रागिनी डिन्नर कर लीजिएगा, हम लेट हो जाएँगे. 

बिहारी: जी अच्छा. 

आशना हाल से बाहर निकली और वीरेंदर उसके पीछे जैसे ही बाहर निकलने को हुआ उसकी नज़र रागिनी के रूम की तरफ पड़ी. रागिनी एक लोंग वाइट स्कर्ट और रेड टॉप मे दरवाज़े पर खड़ी वीरेंदर की तरफ देख रही थी. दोनो की नज़रें मिली और वीरेंदर के कदम वहीं रुक गये. रागिनी बहुत ही कामुक नज़रों से वीरेंदर को देख रही थी. उसके टॉप के उपेर के दो बटन खुले थे जिस से उसकी गहरी क्लीवेज वीरेंदर को सॉफ नज़र आ रही थी. वीरेंदर की रगों मे खून का संचार तेज़ होने लगा.

इस से पहले कि वो कोई रिक्षन करता, बाहर से आशना की आवाज़ आई " वीरेंदर जल्दी आइए ना". वीरेंदर ने रागिनी की तरफ देखा और उसे इशारे से कहा कि " शी वाज़ लुकिंग हॉट". रागिनी के चेहरे पर एक स्माइल आ गई और उसने वीरेंदर को बाइ का इशारा किया. वीरेंदर बाहर की तरफ बढ़ा तो आशना कार स्टार्ट कर चुकी थी. वीरेंदर आशना के साथ वाली सीट पर बैठ गेया और दोनो बाहर की तरफ चल दिए.


बिहारी अपने कमरे से बाहर निकला, वो बिल्कुल नंगा था. बिहारी: वाह रे नारी, तेरा कोई अंत नहीं. साला एक ही दिन मे लट्टू बना लिया तूने उसे. 

रागिनी: मेरे कारण इसे टेंडर जो मिला है तो मेरा दीवाना क्यूँ नहीं बनेगा यह उल्लू. 

बिहारी: वो सब तो ठीक है लेकिन कल अगर मेजर ने तुम्हारे सामने कोई ऐसा वैसा प्रस्ताव रखा तो???

रागिनी: तो क्या, वीरेंदर का विश्वास जीतने के लिए कुछ भी कर जाउन्गी. एक बार उसे मुझ पर अंधविश्वास हो जाए तो देखना फिर प्रॉपर्टी के पेपर्स ज़्यादा दूर नहीं रह जाएँगे. 

बिहारी: तो क्या तुम उस बुड्ढे मेजर से चुदवा भी लोगि, वीरेंदर पर यकीन बनाने के लिए. 

रागिनी: उस बुड्ढे को तो मैं अपने जलवे दिखाकर ही झाड़ दूँगी. सला कब तक टीकेगा मेरे आगे. 

बिहारी: अगर वो ऐसे ना माना तो. 

रागिनी: तो क्या, लंड चूसना तो अपने सीखा ही दिया है मुझे. तब तक उसका लंड मुँह से नहीं निकालूंगी जब तक साला दम ना तोड़ दे. 

बिहारी: तो तू उस बुड्ढे का लंड चूसेगी???

रागिनी: उस बुड्ढे का भी और अगर ज़रूरत पड़ी तो वीरेंदर का भी लेकिन फिकर मत करो, चुदवाउन्गी सिर्फ़ तुमसे. 

यह कहकर रागिन ने अपनी स्कर्ट उतारी और बिस्तर पर लाइट कर अपनी टाँगे खोल दी. बिहारी, रागिनी की खुली टाँगो के बीच बैठा और उसकी तपती चूत पर अपने होंठ रख दिए. रागिनी आ कर उठी. 
 
बिहारी: यह तो पहले से ही काफ़ी गीली हो चली है, इसे और गीला करना बेकार है. 

रागिनी: तो डाल दे ना अपना लोड्‍ा मेरी चूत मैं. दिन भर आँसू बहाती रही है तेरी याद मे. 

बिहारी ने अपने लंड का सुपाडा रागिनी की चूत पर सेट करके ज़ोर से धक्का मारा और एक ही वॉर मे पूरा 7" अंदर पेल दिया. 

रागिनी:आआअहह, मज़ा आ गया विराट. अब चोदो मुझे ज़ोर से. 

बिहारी: मेजर का तो कह नहीं सकता लेकिन वीरेंदर से तू ज़रूर चुदवा लेगी मुझे लगता है. 

रागिनी पहले से ही काफ़ी गरम थी, बोली: मेरे बॉस हैं, अगर कहेंगे तो उन्हे मना कैसे कर सकती हूँ. 

बिहारी: चल तू आज़ाद है लेकिन इतना याद रहे कि तेरे पेट मे उसका बच्चा नहीं ठहरना चाहिए. 

रागिनी: चिंता ना कर, बच्चे तो मैं सिर्फ़ तेरे ही पैदा करूँगी मेरे बिहारी. 

बिहारी: कहीं तू अभी मेरा लोड्‍ा लेकर यह तो नहीं सोच रही कि यह वीरेंदर का ही लोड्‍ा है जो तेरी चूत मे सटासट जा रहा है .

रागिनी ने एक हुंकार बाहरी और बोली " यस सर फक मी, फक मी, फक युवर डार्लिंग सर" .

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एक होटेल के पास पहुँच कर आशना ने गाड़ी पार्क की और दोनो होटेल मे चल दिए. जहाँ वीरेंदर आशना को किस करने के लिए तड़प रहा था वहीं आशना उसकी रिक्वेस्ट को बार बार इग्नोर कर रही थी. वीरेंदर और आशना ने डिन्नर किया और बिल देकर दोनो गाड़ी मैं बैठ गये. 

आशना: क्या हुआ, खाना अच्छा नहीं लगा क्या, बड़ा मुँह लटकाए बैठे हो????

वीरेंदर: तुमसे मतलब, हर बार मेरी शराफ़त का फ़ायदा उठाती हो. 

आशना: ओह हो, मिस्टर. शरीफ, किसी लड़की को इतनी ज़ोर से पकड़ना और फिर उस से ज़बरदस्ती किस माँगना कहाँ की शराफ़त है???

वीरेंदर: वो तो मैने ऐसे ही पकड़ा था, कुछ किया थोड़े ही. 

आशना: तो क्या करते आप, हमे भी तो पता लगे. 

वीरेंदर: घर चलो, आज बता देता हूँ कि क्या कर सकता हूँ. 

आशना: आईला, धमकी, मैं तो डर गई. 

वीरेंदर ने जब देखा कि आशना उसी का डायलॉग मार रही है तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई. 

आशना: ऐसे ही हँसते रहा करो, हंसते हुए अच्छे लगते हो. 

वीरेंदर: लेकिन तुमसे मेरी खुशी देखी नहीं जाती.

आशना: वो तो है और यह कहकर गाड़ी घर की तरफ दौड़ा दी. 

रास्ते मैं आशना बोली: मुझे आइस क्रीम खानी है. 

वीरेंदर: सीट के साथ टेक लगाते हुए: खा लो. 

आशना ने हैरानी से वीरेंदर की तरफ देखा और बोली: "बेशरम". मुझे सच मे आइस्क्रीम खानी है. 

वीरेंदर: चलती जाओ घर के पास एक आइस्क्रीम पार्लर है, वहाँ से ले लेना. लेकिन तुमने मुझे बेशरम क्यूँ कहा??? 

आशना का चेहरा शरम से लाल हो उठा और बोली " मैं कोई छोटी बच्ची हूँ क्या जो मैं तुम्हारी बात नहीं समझूंगी". 

वीरेंदर: छोटी किसने कहा, तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो. तभी तो कह रहा हूँ कि यह आइस्क्रीम छोड़ो और असली चीज़ का मज़ा लो. 

आशना झेंप गई और चुपचाप गाड़ी चलाने लगी. 

थोड़ी खामोशी के बाद आशना मुँह बनाकर बोली: ' गंधे कहीं के". 

वीरेंदर बस मुस्कुरा दिया, उसे आशना को चिडाने मे बहुत मज़ा आ रहा था. शाम से वो उसे चिड़ाकर मज़ा ले रही थी अब जाकर उसकी बारी आई थी. 

वीरेंदर: अगर बच्चों वाली आइस्क्रीम खानी है तो लेफ्ट टर्न ले लो नहीं तो गाड़ी साइड पर पार्क करके मेरी तरफ टर्न ले लो. 

आशना(शरमाते हुए): जाओ मैं नहीं बोलती आपसे, कट्टी. 

वीरेंदर: बोल तो तुम वैसे भी नहीं पओगि. 

आशना ने लेफ्ट टर्न लिया और बोली, ऐसी बातों मैं तो आप सबके राजा हैं. 

वीरेंदर: कैसी बातें????. 

आशना ने आइस-क्रीम पार्लर के पास जाकर ब्रेक लगाई और बोली: जाओ मेरे लिए आइस-क्रीम लेकर आओ. 

वीरेंदर: जो आग्या राजकुमारी जी.
 
गाड़ी से उतार कर वीरेंदर ने झुक कर अपनी गर्दन गाड़ी के अंदर घुसाइ और बोला: सोच लो, यह वाली जल्दी ख़तम हो जाएगी. 

आशना: शट अप आंड मेरे लिए कोन लाना. 

वीरेंदर: ओह वाउ, कोन. आइ लाइक गर्ल्स हू लव कोन्स.

वीरेंदर के जाने के बाद आशना मुस्कुराइ और बोली " बस दो दिन और अपने दिल पेर पत्थर रख लीजिए वीरेंदर, आपके सारे अरमान पूरे कर दूँगी. 

आइस-क्रीम खाने के बाद दोनो घर की तरफ चल दिए.जब तक आशना-वीरेंदर घर पहुँचे, रागिनी -बिहारी खाने के बाद दूसरा राउंड लगाकर अपने अपने कमरे मे घुस चुके थे. 

आशना-वीरेंदर जब अपने कमरे के पास पहुँचे तो आशना बोली: थॅंक्स फॉर दा लग्जरी डिन्नर आंड टॅंटलाइज़िंग आइस-क्रीम. 

वीरेंदर: और मेरा मेहनताना????

आशना: मतलब????

वीरेंदर: अरे यार अब तो मुँह मीठा करवाना बनता है. 

आशना: अरे अभी तो आइस-क्रीम खाई, कितना मुँह मीठा करोगे. 

वीरेंदर: जितना तडपाओगी, शादी के बाद उतना ही तड़पोगी, देख लेना. आशना(चेहरे पर आई लट को उड़ाते हुए) : हुह, देख लेंगे, शादी के बाद भी कॉन तड़प्ता है और यह कहकर आशना अपने कमरे की तरफ भागी. 

वीरेंदर उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे भागा और आशना के कमरे के दरवाज़े के पास उसने आशना को पकड़ लिया. वीरेंदर ने आशना को पकड़ कर अपनी तरफ पलटा और आशना को अपने करीब खींच लिया. आशना का चेहरा शरम से लाल हो गेया. 

आशना: की आँखें बंद होने लगी. 

आशना: प्लीज़ वीरेंदर, प्लीज़, आइ लव यू बुत प्लीज़ अंडरस्टॅंड माइ प्राब्लम. 

वीरेंदर की पकड़ आशना की कमर से ढीली हुई. 
वीरेंदर: प्राब्लम?????

आशना: वीरेंदर, ट्राइ टू अंडरस्टॅंड, आइ आम आ गर्ल. 

वीरेंदर: तो यह कोई प्राब्लम थोड़ी है, यह तो बहुत अच्छी बात है. 

आशना: वीरेंदर आक्च्युयली, आइ हॅव फीमेल प्राब्लम, यू नो "मेनास". 

वीरेंदर(थोड़ी उँची आवाज़ में): सो व्हाट?????? अरे यार मैं तुम्हारे होंठो से मुँह मीठा करना चाहता हूँ.

आशना को जैसे ही यह बात समझ आई वो बोली: यू, लोफर और दरवाज़ा खोलकर अंदर घुस गई. 

वीरेंदर: गुड नाइट. 

आशना: गुड नाइट, स्वीट ड्रेस ऑफ माइन आंड थॅंक यू. 

वीरेंदर: देवी जी जाते जाते मुझे यह तो बता दो कि मुझे कितने दिन तक ब्रहंचारी रहना पड़ेगा. 

आशना(हंसते हुए): खुद ही बता दूँगी, नाउ गो टू स्लीप, सुबह ऑफीस भी तो जाना है. 

वीरेंदर अपने कमरे की तरफ बढ़ा. अचानक उसने गॅलरी से नीचे हाल की तरफ तरफ देखा और उसकी नज़र सीधा रागिनी पर पड़ी जो कि अपने रूम के दरवाज़े से बाहर खड़ी थी. रागिनी एक लोंग टी-शर्ट मे अपने दरवाज़े के पास खड़ी होकर वीरेंदर की तरफ देख रही थी. वीरेंदर का दिल एक दम से धक कर उठा जैसे कि वो कोई चोरी कर रहा हो. 

वीरेंदर ने उसे फीकी सी स्माइल दी. रागिनी ने भी उसे स्माइल दी और उसे नीचे आने का इशारा किया. वीरेंदर के दिल की धड़कन एक दम से तेज हो गई. उसने ना मे गर्दन हिलाई. रागिनी ने उसे प्लीज़ का इशारा किया. रागिनी ने प्लीज़ इतने सेक्सी स्टाइल मे कहा कि वीरेंदर ने बिना कुछ सोचे समझे उसे कुछ देर बाद आने का इशारा कर दिया. 

वीरेंदर अपने कमरे मे आकर फ्रेश हुआ और थोड़ी देर बैठ कर सोचता रहा कि नीचे जाए या नहीं. वो जानता था कि रागिनी उसके लिए एक तुरुप का इक्का है, वो उसे नाराज़ भी नहीं करना चाहता था मगर नीचे जाकर आशना को धोखा भी नहीं देना चाहता था. फिर उसने अपने दिल को मज़बूत किया और एक लोवर, टी-शर्ट पहन कर रागिनी के कमरे की तरफ़ चल दिया. 

नीचे आकर उसने धीरे से दरवाज़ा नॉक किया तो रागिनी ने झट से दरवाज़ा खोला और वीरेंदर अंदर आ गया. रागिनी ने फिर से दरवाज़ा बंद कर दिया. वीरेंदर अंदर आकर सीधा एक चेयर पर बैठ गया. 

रागिनी: आइ आम सॉरी सर बट मुझे कुछ अजीब सी फीलिंग्स हो रही थी तो सोचा आप से बात कर लूँ. रागिनी बहुत धीमे से बात कर रही थी.

वीरेंदर(धीमी आवाज़ मे): क्या हुआ, तुम टेन्स क्यूँ हो???

रागिनी: सर यह मेरी पहली जॉब है और मैं किसी भी कीमत पर इसे खोना नहीं चाहती. 

वीरेंदर: अरे क्या हो गया है तुम्हे??तुम्हे किसने कहा कि तुम यह जॉब खो दोगि???

रागिनी: सर मुझे लगा कि शायद आप मुझसे नाराज़ हैं, आज दोपहर की बात को लेकर. 

वीरेंदर ने चेहरे पर स्माइल लाते हुए कहा "तुम बिल्कुल पागल हो, अरे तुम तो मेरे लिए लकी हो. देखो आज पहले दिन तुम ऑफीस आई और मुझे इतना बड़ा टेंडर मिला. लेकिन मैं इस बात से परेशान हूँ कि मेजर पांडे पता नहीं इस के बदले क्या प्रपोज़ल रखें. 

रागिनी: वो सब आप मुझ पर छोड़ दीजिए सर, आप बस मेरी पार्टी तैयार रखें, यह टेंडर कल मैं आपको 100% दिलवा कर रहूंगी. मैने मेजर पांडे के मनोभाव को पढ़ लिया है और मुझे पूरा एकीन है कि टेंडर आप ही पूरा करेंगे. 

वीरेंदर ने खुशी के मारे खड़े हो कर रागिनी को अपनी बाहों मे जकड लिया. रागिनी के दिल से एक आह निकली लेकिन उसने उसे अपने अंदर ही दफ़न कर दिया. 

वीरेंदर: लेकिन मैं नहीं चाहता कि एक टेंडर के कारण तुम पर कोई आँच आए. 

रागिनी: सर आप चिंता ना करें, मैं सब संभाल भी लूँगी और मेजर को खुश भी कर दूँगी. 

वीरेंदर: मुझे यकीन नहीं होता कि तुम यह सब मेरे लिए कर रही हो रागिनी. 

रागिनी: आपके लिए नहीं, अपने लिए सर. 

वीरेंदर ने उसका चेहरा उठाकर पूछा: मतलब???
 
रागिनी ने शरमाने का नाटक किया और आँखें बंद करके कहा "सर उसके बाद आप मेरा मुँह मीठा करवाएँगे ना" वीरेंदर की पकड़ रागिनी से एकदम छूट गई. रागिनी ने आँखें खोलकर वीरेंदर की तरफ देखा और बोली "मुझे पता है सर दीदी ने आपको ऐसे ही छोड़ दिया, क्या मैं इस काबिल हूँ कि आपकी ज़रूरत पूरी कर सकूँ". 

वीरेंदर(असमंजस मे पड़ते हुए): रागिनी, अब तुम सो जाओ. 

हम कल ऑफीस मे इस बारे मे बात करेंगे. 

रागिनी: जी सर. गुड नाइट, स्वीट ड्रीम ऑफ आशना दीदी और उसके बाद अगर टाइम मिले तो मेरे भी.

वीरेंदर बिना किसी जवाब के रागिनी के कमरे से बाहर निकला और अपने कमरे मे चला गया. 

रागिनी(मन मे): दाना तो डाल दिया है, देखती हूँ कब तक खाली पेट रहोगे मिस्टर. वीरेंदर.

अपने कमरे मे आकर वीरेंदर बेड पर बैठ गेया और अपना सिर पकड़ लिया. यह सब क्या हो रहा है, उसे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था. वो आशना को धोखा नहीं देना चाहता था मगर रागिनी एक दम से उनके बीच आ गई थी और बहुत जल्द वो वीरेंदर तक का सफ़र तय कर रही थी. वीरेंदर इस वक्त बहुत ही परेशान था. एक बिज़्नेसमॅन होने के नाते वो पॉज़िटिव और नेगेटिव दोनो प्रॉस्पेक्ट्स पर गहरी सोच रखता था. रागिनी के नेगेटिव पायंट्स ज़्यादा थे मगर उसका एक पॉज़िटिव प्रॉस्पेक्ट ऐसा था जिस से वीरेंदर को काफ़ी फ़ायदा होने वाला था. वो जानता था कि यह टेंडर उसे सिर्फ़ रागिनी ही दिला सकती है. काफ़ी देर तक वीरेंदर इस बारे मे सोचता रहा फिर उसे ना जाने कब नींद ने अपने आगोश मे ले लिया.

सुबह आशना को थोड़ा फीवर हो गया था. आशना को अक्सर पीरियड के लास्ट दिन फीवर हो जाता था. उसका सारा शरीर दुखने लगता और काफ़ी कमज़ोरी महसूस करती. वीरेंदर के लाख कहने पर भी आशना ने डॉक्टर. को चेक करवाने के लिए मना कर दिया. आशना ने उसे बताया कि इन दिनों मे अक्सर उसके साथ ऐसा होता है और शाम तक वो बिल्कुल ठीक हो जाएगी. वीरेंदर ने उसे हिदायत दी कि आ ज सारा दिन वो आराम करेगी और बिहारी काका को भी कह दिया कि आज आशना को कोई भी काम ना करने दे. रागिनी और वीरेंदर नाश्ता करके ऑफीस के लिए निकल गये.

आशना: काका, आप मेरा नाश्ता उपेर ही ले आयें, मेरे शरीर मे काफ़ी दर्द है. 

बिहारी: बिटिया मैं मालिश कर दूँ. 

आशना: जी????

बिहारी: मेरा मतलब, मैं आपके सिर की मालिश कर दूं????? काफ़ी आराम मिलेगा. 

आशना: नहीं काका, नाश्ता करने के बाद मैं कुछ देर सोना चाहती हूँ, किसी चीज़ की ज़रूरत होगी तो आपको बता दूँगी. 

बिहारी मन मार कर आशना के लिए नाश्ता लेने नीचे चला गया. 

बिहारी(मन मे): साली जितना आराम करना है कर ले, एक बार वीरेंदर को रागिनी के जाल मे फँसने दे, फिर देख कैसे तेरे अंग अंग को निचोड़ कर सारा दर्द तेरी चूत और गान्ड मे भरता हूँ. 

रागिनी और वीरेंदर गाड़ी मे बैठ कर ऑफीस की तरफ जा रहे थे. दोनो खामोश थे. दोनो मे से किसी को भी बात करने की हिम्मत नहीं पड़ रही थी. रागिनी वीरेंदर को शो करना चाहती थी कि वो परेशान है और वहीं वीरेंदर भी कल रात को रागिनी से हुई बातों को लेकर गहरी सोच मे था.

वीरेंदर ने हिम्मत करके रागिनी से पूछा. वीरेंदर(नॉर्मल होने का दिखावा करते हुए): आज शाम को पार्टी मे क्या खाना पसंद करोगी???

रागिनी(टेन्स होने का नाटक करते हुए): जी, सर जो आपको पसंद हो.

वीरेंदर: आज जो तुम बोलोगि, आज शाम की पार्टी स्पेशल तुम्हारे लिए ही है. 

रागिनी(थोड़ा सा नॉर्मल होने का नाटक करते हुए): आप इस टेंडर को लेकर इतना परेशान थे???

वीरेंदर: टेंडर को लेकर परेशानी इतनी नहीं थी. अगर यह टेंडर मुझे ना भी मिलता तो कोई बात नहीं थी मगर मैं चाहता था कि यह टेंडर किसी भी कीमत पर "केपर एलेक्ट्रॉनिक्स" को ना मिले. 

रागिनी: कोई ख़ास दुश्मनी????

वीरेंदर: बिज़्नेस रिवल्स, यू नो. 

रागिनी: ओह आइ सी. 

वीरेंदर: पिछली बार भी उसने टेंडर मेरे हाथ से छीन लिया था. पिछले मेजर ने तो हमारी कोटेशन्स देखे बिना ही टेंडर "केपर एलेक्ट्रॉनिक्स" को दे दिया था. 

रागिनी: दिस टाइम यू स्नाच दा टेंडर फॉर्म हिम. 

वीरेंदर: यॅ बट दट वाज़ नोट पासिबल विदाउट युवर हेल्प, क्रेडिट गोस टू यू. 

रागिनी: आइ आम ऑल्वेज़ अट युवर सर्विस सर. जस्ट ऑर्डर मी, आइ विल डू एवेरितिंग टू प्लीज़ यू. 

वीरेंदर ने रागिनी के चेहरे की तरफ देखा तो रागिनी उसे मुस्कुराते हुए देख रही थी. 

वीरेंदर: एनी रीज़न फॉर दा फेवर????

रागिनी: आइ आम वेरी हॅपी टू गेट आ हॅंडसम मॅन ऐज माइ बॉस. 

वीरेंदर: ओह माइ गोद, आइ आम फ्लॅटर्ड. 

रागिनी हँसने लगी और वीरेंदर भी उसके साथ हँसने लगा. 

रागिनी: लेकिन ध्यान रहे कि चाचू को यह सब पता ना लगे. 

वीरेंदर: नो प्राब्लम बट अगर मेजर ने तुम्हारे सामने कोई इल्लीगल प्रपोज़ल रखा तो??? 

रागिनी: बोला ना, एवेरितिंग फॉर यू. 

वीरेंदर: मगर मेरे लिए इतना सब, मेरा मतलब तुम्हारी अपनी लाइफ भी तो है. 

रागिनी: डॉन'ट वरी, आइ विल मॅनेज. 

वीरेंदर: मगर पता नहीं मुझे क्यूँ लग रहा है कि कुछ ग़लत ना हो जाए. 

रागिनी: कुछ ग़लत नहीं होगा सर, मैं कोई बच्ची नही हूँ, बड़ी हो गई हूँ अब. 

बातों बातों मे दोनो ऑफीस पहुँचे. ऑफीस का सारा स्टाफ टेंडर को लेकर काफ़ी उत्साहित था. 

12:00 बजे तक मोहित भी सारे डॉक्युमेंट्स तैयार करवाकर ऑफीस पहुँच चुका था. वीरेंदर ने सारे स्टाफ के साथ एक मीटिंग करके सबको मिलकर विदिन टाइम काम करने के लिए प्रेरित किया और सबको बोनस देने का प्रॉमिस भी किया. मीटिंग ख़तम करके जैसे ही वीरेंदर अपने कॅबिन मे पहुँचा, उसने देखा कि रागिनी एक ब्लॅक लेदर शॉर्ट स्कर्ट और उसी कलर की टाइट जॅकेट मे बैठी है. 

विरेडनेर: वाउ, यू लुक हॉट रागिनी बट तुमने चेंज कब किया. 

रागिनी यह ड्रेस मैं घर से ही लेकर आई थी. आइ नो दा ओकॅस्षन वाज़ स्पेशल. सो, आइ मस्ट लुक स्पेशल. 

विरेडनेर: यू लुक गॉर्जियस रागिनी. यू हॅव गॉट नाइस कुवर्व्स. 

रागिनी ने जॅकेट की ज़िप खोली. अंदर उसने एक स्पोर्ट्स ब्रा पहनी थी डार्क ऑरेंज कलर की. 

वीरेंदर: ओह माइ गॉड, मेजर ईज़ गोयिंग टू बी सो लकी. 

रागिनी: लेट'स सी हू विल बी दा लकी गाइ टुडे और यह कहकर वो कॅबिन से बाहर चली गई. 

वीरेंदर ने उसे पीछे से देखा तो उसकी गान्ड की गोलाइयाँ देख कर उसके लंड ने अपना सिर उठाकर सलामी दी. वीरेंदर रागिनी की गान्ड के ख़यालो मे खोया हुआ था जब उसका मोबाइल बजा. वीरेंदर ने कॉल पिक की और बोला "यस मेजर, हाउ आर यू???. 

मेजर: होप, बोथ ऑफ यू विल बी इन टाइम. 

वीरेंदर: स्योर सर , कोई शक????

वीरेंदर ने फाइल्स उठाई और अपना लॅपटॉप लेकर बाहर निकला. उसने रागिनी को अपने साथ चलने का इशारा किया और दोनो एक बजे से कुछ मिनट्स पहले ही वो मेजर पांडे के रेसिडेंट के बाहर थे. 

रागिनी: वीरेंदर अंदर कॉन कॉन होगा???

वीरेंदर: 5-6 अफीशियल लोग तो होंगे उसके साथ. 

रागिनी: बाप रे, फिर मेरा क्या होगा???

वीरेंदर ने ठहाका लगाया और बोला: मिस रागिनी, मेरे अंदाज़े से मेजर पांडे बिल्कुल अकेला होगा. हाइ प्रोफाइल लोग ऐसे सौदे बड़े छुप कर करते हैं. 

रागिनी: आप ने तो मुझे डरा ही दिया था. 

वीरेंदर: अभी कहाँ डराया. 

रागिनी: तो कब डराओगे, बोलो ना????

वीरेंदर, रागिनी की तरफ देखता रहा और रागिनी ने शरमा कर अपनी नज़रें झुका ली. 
 
गेट से एंटर करते ही मेजर पांडे उन्हे बाहर लॉन मे बैठा हुआ मिल गया. मेजर पांडे इस वक्त लॉन मे बैठा शराब पी रहा था. 

मेजर पांडे: वेलकम टू माइ होम मिस्टर. शर्मा आंड मिस रागिनी. 

वीरेंदर और रागिनी ने मेजर से हाथ मिलाया और उसके सामने रखी चेयर पर बैठ गये. 

मेजर: क्या लेंगे आप मिस्टर. शर्मा विस्की या वाइन????

वीरेंदर: थॅंक्स बट मैं शराब नहीं पीता. 

मेजर: अरे यार, मैं तो शराब भी पीता हूँ और लड़कियो का शौक भी रखता हूँ, देखो फिर भी अभी तक सेहतमंद हूँ. 

मेजर की बातें सुनकर रागिनी और वीरेंदर दोनो की नज़रें झुक गई. दोनो के लिए एक दूसरे के सामने ऐसी बातें सुनना बड़ा अजीब सा था. 

मेजर: रागिनी, बेबी तुम तो लोगि ना एक ड्रिंक. 

रागिनी: शराब तो मैं भी नहीं पीती कुछ और पिलाएँगे तो ज़रूर पी लूँगी. 

वीरेंदर ने अचानक सिर उठाकर रागिनी की तरफ देखा. रागिनी ने उसे आँखो से खामोश रहने का इशारा किया. 

मेजर: तो हमारी रागिनी बेबी क्या पीना पसंद करेगी. 

रागिनी: आप अंदर तो चलिए सब बताती हूँ. 

मेजर की आँखें चमक उठी. मेजर: तुम तो बहुत समझदार गुड़िया हो. 

रागिनी: तो चलो अंदर और खेलिए इस गुड़िया से जब तक मन ना भर जाए आपका. 

मेजर झट से अपनी सीट से उठा. उसने एक लंबा सा गाउन पहना था जो कि कमर से एक डोरी से बँधा था. वीरेंदर ने सॉफ देखा कि रागिनी की बातों से मेजर का लंड अकड़ गया है. 

मेजर: कम बेबी, पापा विल लव टू प्ले विद डॉल. 

रागिनी: यू जस्ट गो आंड रिलॅक्स, आइ विल कम इन फ्यू सेकेंड्स. 

मेजर अंदर जाने लगा. 

रागिनी: वीरेंदर, आप पेपर्स मुझे दे दीजिए मैं अभी आती हूँ. 

वीरेंदर ने रागिनी का हाथ पकड़ लिया और उसकी तरफ देखने लगा.
 
रागिनी मुस्कुराइ और बोली: डॉन'ट वरी इसका काम तो मैं चुटकी मे ही तमाम कर दूँगी. आप शाम की पार्टी का मेनू डिसाइड करिए मैं अभी आई. 

रागिनी ने वीरेंदर से फाइल्स ली और उसे बाइ बोल कर घर के अंदर चल दी. जाते हुए रागिनी की लहराती हुई गान्ड देख कर वीरेंदर के भी लंड मे तनाव आ गया.

वीरेंदर: एक मिनट रागिनी. 

रागिनी ने पीछे मुड़कर सवालिया नज़र से देखा. 

वीरेंदर: थॅंक्स आंड कम फास्ट, आइ विल वेट फॉर यू. 

रागिनी मुस्कुराइ और बोली: आइ विल ऐज आइ हॅव टू सर्व माइ बॉस इन दा एवनिंग.

तभी अंदर से आवाज़ आई: बेबी कम हियर, पापा ईज़ वेटिंग टू प्ले वित हिज़ डॉल. 

रागिनी तेज़ कदमो से अंदर चली गई. तेज़ चलने से उसकी गान्ड ऐसे बलखा रही थी जैसे चक्की के दो पाट आपस मे टकरा कर थिरकते हैं.

अंदर जाते ही रागिनी ने देखा कि मेजर मदरजात नंगा होकर सोफे पर पसरा पड़ा है और उसका 6" लेकिन काफ़ी लोटा लंड सीधा खड़ा है. 

रागिनी: ओह माइ गॉड, पापा ईज़ इन सो मच पेन ड्यू टू हिज़ बेबी. 

मेजर: यॅ, वेरी मच पेन. इट्स गोयिंग टू ब्रस्ट वेरी सून, इफ़ बेबी डज'ट हॅंडल इट. 

रागिनी: अरे ऐसी भी क्या बात है, मैने दर्द दिया है तो मैं ही तो मिटाउंगी. चलिए अच्छे पापा की तरह पहले पेपर्स साइन कर दीजिए तब तक मैं अपने कपड़े उतार कर कंफर्टबल हो जाउ. 

यह कहकर रागिनी ने फाइल्स मेजर के पास रखी और अपनी जॅकेट उतार दी. मेजर की आँखे स्पोर्ट्स ब्रा के अंदर क़ैद उसके बड़े बड़े मम्मे देख कर फैल गई. 

मेजर: वाउ, यंग आंड राइप. 

रागिनी: जूसी भी बहुत हैं, जल्दी से अपना काम ख़तम कीजिए और फिर मुझे अपना काम करने दीजिए. 

मेजर ने पहले पेपर पर साइन किया. 

मेजर: नेक्स्ट. 

रागिनी: यू नॉटी ओल्ड मॅन. यू वाना सी यू लील डॉल न्यूड. 

मेजर: ऑफ कोर्स, हाउ कॅन आइ फक यू वित दा क्लोद्स ऑन??

रागिनी: मैं तो चुदने को तैयार हूँ पापा मगर क्या आप मेरी भूख शांत कर पाएँगे??

मेजर के बदन में रागिनी के मुँह से ऐसे बातें सुनकर एक सिहरन उठी और बोला: तू तो बातों से ही मुझे खल्लास कर देगी बेटी. जल्दी से कपड़े खोल और मेरी गोद मे आजा. 

रागिनी: मैं कहाँ देर लगा रही हूँ, आप ही जल्दी से साइन नहीं करते और यह कहते ही रागिनी ने अपनी स्कर्ट (जो कि एलास्टिक वाली थी) उसे नीचे खिसका दिया. 

रागिनी: पापा प्लीज़ जल्दी कीजिए, अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा. 

मेजर: तो है तो अभी बहुत छोटी मगर है बहुत गरम चीज़. 

रागिनी: आप भी तो अपनी उम्र देखो और अपने लोड्‍े मे सख्ती देखो. आप मैं इतनी गर्मी है, मैं तो फिर भी जवान हूँ.

मेजर ने उठ कर रागिनी को बाहों मे जकड लिया, वो उसकी बातों से पागल हो उठा था. आज तक किसी लड़की ने उस के साथ इतनी खुल कर बात नहीं की थी. 

रागिनी: पापा, धीरज रखिए, सब कुछ आप के लिए हे है. बस जल्दी से मेरा काम कीजिए और फिर देखिए मेरा कमाल. 

मेजर काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो चुका था, उस से रुकना अब मुश्किल हो गया था. उसने झट से सारे पेपर्स साइन किए और रागिनी के हाथ में फाइल देकर कहा: ले मैने अपना वादा पूरा किया, अब आजा बिस्तर पर. 

रागिनी: पापा, आपका लोड्‍ा तो बहुत मोटा है. इसे पहले गीला करना पड़ेगा नहीं तो यह मेरी चूत ही फाड़ देगा. 

मेजर ने उसे गोद मे उठाकर बेड पर बिठा दिया. 

मेजर: तो पापा का लोड्‍ा चूस कर इसे गीला कर दे ताकि तेरी नन्ही सी चूत इसे निगल सके. 

रागिनी ने मेजर का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर खींचा और उसे बेड पर लिटा दिया. 

रागिनी: अब आप आराम से लेट जाइए और देखिए अपनी डॉल का कमाल. 

मेजर अपनी आँखें बंद करके लाइट गया. रागिनी ने अपने नरम हाथों से मेजर का कड़क लंड पकड़ा तो मेजर के गले से एक आह निकली. रागिनी ने अपनी उंगलियो का छल्ला बना कर मेजर के लंड पर कस के लपेटा और अपनी जीभ से उसके सुपाडे को हल्का सा चाट लिया. मेजर की कमर अपने आप हवा में उठ गई. 

रागिनी: कंट्रोल कीजिए पापा, इस तरह तो आप मेरे मुँह में ही झाड़ जाएँगे लेकिन मुझे आपके लंड का पानी अपनी चूत में चाहिए. 

रागिनी मेजर को झटके पर झटके दे रही थी. वो बिल्कुल एक रांड़ की तरह बातें कर रही थी जिस से मेजर काफ़ी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो चुका था. रागिनी भी यही चाहती थी कि वो जल्द से जल्द झड जाए और वो यहाँ से निकले. रागिनी ने मेजर का लोड्‍ा मुँह मैं लिए ही अपनी नाज़ुक उंगलियाँ मेजर के टट्टों पर फिराई तो मेजर का दम निकल गया. 

उसका लंड रागिनी के मुँह मे फूला और इस से पहले कि उसके लंड का माल रागिनी के मुँह मे गिरता, रागिनी ने अपना मुँह उपर खींच लिया और मेजर के लंड को दबा कर बोली: नहीं पापा, अभी नहीं मेरी चूत प्यासी रह जाएगी. प्लीज़ होल्ड इट. 

इतना सुनते ही मेजर का लंड उबल पड़ा. उसके लंड से लावा बहकर रागिनी के हाथों से होता हुआ मेजर के पेट और जाँघो पर फैलने लगा. मेजर लंबी लंबी साँसें लेने लगा. उसका लंड एक दम सुस्त पड़ गया. 

रागिनी: ओह पापा, यह क्या कर दिया, अपनी बेटी को प्यासा ही छोड़ दिया. अब मैं यह गरम चूत लेकर कहाँ जाउन्गी. अब मैं किस से चुदवाउन्गी. आप मैं इतना भी सबर नहीं कि आप कंट्रोल करते और मेरी चूत मे झाड़ते. कम से कम आपके गरम वीर्य से मेरी चूत की प्यास तो भुजती. यह क्या किया आपने????मेजर हैरानी से रागिनी को देख रहा था. 

रागिनी ने उसका मुरझाया लंड पकड़ कर हिलाना शुरू किया. 

मेजर: अब कोई फ़ायदा नहीं होगा मिस रागिनी, आइ आम टू ओल्ड टू गेट आन एरेक्षन टू सून.

रागिनी: मगर मैं तो प्यासी ही रह गई ना. आपका मोटा लंड देख कर दिल खुश हो गया था कि आज बहुत मज़ा आएगा चुदवाने में, लेकिन आपने मेरे अरमानो का गला घोंट दिया पापा. 

मेजर: सम्भालो अपने आप को.मैं करता भी क्या, तुमने मुझे इतना एग्ज़ाइटेड कर दिया कि मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ. 

रागिनी: फक यू आंड युवर डिक. जवान लड़की को गरम करके चोद दिया, अब मैं सारा दिन कैसे निकालूंगी. 

मेजर: आइ आम सॉरी, कपड़े पहन लो, वीरेंदर हमारा वेट कर रहा होगा. 

यह कह कर मेजर ने रागिनी को पीछे धकेला और उठ कर अपना गाउन पहनने लगा. 

रागिनी ने भी मायूस होने का दिखावा करते हुए कपड़े पहने और बोली: अगर दम नहीं था तो फिर क्यूँ मुझे गरम किया???

मेजर ने उसकी तरफ निराश नज़रों से देखा और बोला: होप हम जल्द ही फिर कभी मिलेंगे. 

रागिनी(गुस्से से): माइ फुट, तुमसे दोबारा मिलने से अच्छा है कि मैं किसी मोमबत्ती से अपनी प्यास भुजा लूँ. 

मेजर सर झुकाए बाहर की तरफ चल दिया. फाइल उठाकर उसके पीछे पीछे रागिनी भी मुस्कुराती हुई बाहर की तरफ चल दी. 

वीरेंदर ने जैसे ही दोनो को बाहर आते देखा, वो हैरान रह गया. उन्हे गये अभी सिर्फ़ 15 मिनट ही हुए थे. रागिनी ने मुस्कुराते चेहरे से वीरेंदर को अपना थंब अप करके दिखाया तो वीरेंदर ने राहत की साँस ली. मेजर मुँह लटकाए कुर्सी पर बैठा तो वीरेंदर बोला: आइ होप कि हमारे साथ डील करके आप घाटे में नहीं रहे होंगे. मेजर ने फीकी सी स्माइल दी. 

वीरेंदर: रागिनी, लेट'स गो आंड सेलेब्रेट. 

रागिनी: बाइ मेजर पांडे. होप यू विल बी प्लीज़्ड. 

वीरेंदर: बाइ मेजर पांडे और दोनो ने एक दूसरे से हाथ मिलाया. 

वीरेंदर और रागिनी जैसे ही गाड़ी मे बैठकर मेजर के घर से बाहर निकले, रागिनी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. वीरेंदर हैरानी से रागिनी को देखने लगा. वैरेंदर के चेहरे पर भी स्माइल आ गई लेकिन उस से रहा ना गया और उसने पूछा: क्या हुआ, क्यूँ हंस रही हो?????

रागिनी(हँसी को कंट्रोल करते हुए): कुछ नहीं. 

वीरेंदर: मतलब?????

रागिनी: अरे कुछ भी तो नहीं हुआ और हमारा काम भी हो गया. 

यह सुनकर वीरेंदर की आँखूं मे चमक आ गई.

वीरेंदर: तो इसका मतलब..................

रागिनी: मतलब यह कि अभी मैने सिर्फ़ जॅकेट और स्कर्ट ही उतारी थी कि मेजर पानी पानी हो गया. बेचारा, अब ज़िंदगी भर मुझसे नज़रें भी नहीं मिला पाएगा. 
 
रागिनी के ऐसा कहने से वीरेंदर के लंड मे खून खून का बहाव तेज़ होना शुरू हो गया. 

वीरेंदर: तुम बहुत बेशरम हो. 

रागिनी: तो आप को क्या लगा, वो मेजर मुझे अंदर पूजा करने के लिए ले गया होगा?????

वीरेंदर: इतना तो मुझे यकीन था कि तुम पेपर्स पेर साइन भी करवा लोगि और किसी तरह से बच निकलोगी लेकिन इस तरह से उसे जॅलील कर दोगि, मैने यह नहीं सोचा था. 

रागिनी: अरे अभी अपने मेरा जलवा देखा कहाँ है. 

वीरेंदर: लेकिन फिर भी यार, किसी के सामने ऐसे कपड़े उतारने के लिए भी बहुत बड़ी हिम्मत चाहिए. 

रागिनी: बॉस, प्राइवेट सेक्टर में इतना कॉंप्रमाइज़ तो करना ही पड़ता है ना. 

वीरेंदर: आइ डॉन'ट बिलीव कि उसने तुम्हे छुआ भी नहीं और और उसका............................. 

रागिनी: आपसे किसने कहा कि उसने मुझे छुआ नहीं. अरे उसने तो मुझे कस के अपने साथ सटा लिया था. लेकिन जैसे ही मैने उसे वहाँ पर छुआ उसकी बोलती बंद हो गई. 

वीरेंदर: यू नॉटी गर्ल, तुमने तो उसकी साँस ही बंद कर दी होगी. 

रागिनी: ही ईज़ सच अन इमपेशियेन्स ओल्ड मॅन. मेरे हाथ लगते ही उसने सीधा ब्लोजॉब करने के लिए कहा. 

वीरेंदर के लंड यह सुनकर तनाव मे आने लगा. 

वीरेंदर: ब्लोजॉब??????? इट मीन्स यू हॅड ........................ 

रागिनी(मायूस होते हुए): कहाँ सर, आइ मिस्ड दट, जैसे ही मैं उसकी टाँगों के बीच बैठी, ही जस्ट ब्रस्ट. 

वीरेंदर: ओह, सच आ ट्रॅजिडी फॉर बोथ ऑफ यू. सपोज़ ही विल नोट ब्रस्ट, देन????

रागिनी: आइ विल डेफनेट्ली गिव हिम व्हाट ही वांट्स. आफ्टर ऑल, आइ आम यंग. आइ टू हॅव सम एमोशन्स . वैसे भी, ब्लॉजोब विल नोट बी न्यू टू मी,ई आम नोट 100% वर्जिन. 

वीरेंड़े(हैरानी से आँखें फाडे हुए): मीन्स??? 

वीरेंदर पर रागिनी की बातों का असर सिर चढ़कर बोलने लगा था. उसकी नसों में खून भरने लगा था. 

वीरेंदर(हैरानी से): कब???? और किस के साथ???

रागिनी: जस्ट टू डेज़ बॅक. जब देल्ही आने का डिसिशन लिया तो मेरे बाय्फ्रेंड को खुश करने के लिए उसे पहली बार ब्लॉजोब देना पड़ा. 

वीरेंदर: ओह माइ गॉड, यू आर अमेज़िंग रागिनी. 

रागिनी: उसने भी यही कहा था. 

वीरेंदर : किसने????

रागिनी: मेरे बाय्फ्रेंड ने, जब उसे मैने ब्लॉजोब दिया. 

वीरेंदर: लेकिन मैने तो पहले ही कह दिया, मेरा मतलब कि मैने तो ऐसे ही.................

रागिनी ने झट से अपनी उंगली अपने होंठो पर रखकर वीरेंदर को चुप रहने का इशारा किया. वीरेंदर एकदम चुप हॉ गया. रागिनी ने वीरेंदर की पॅंट की तरफ देखा जहाँ एक बड़ा सा टेंट बन चुका था. 

रागिनी ने होंठो पर जीभ फिराई और कहा: बाद मे भी कहोगे. 

वीरेंदर: कब, मेरा मतलब क क्क्या???

दोनो की नज़रें मिली और आँखो ही आँखो मे दोनो के बीच काफ़ी बातें हो गई. 

रागिनी: ऑफीस चलो सब बताती हूँ. 

वीरेंदर ने ऑफीस की तरफ गाड़ी मोड़ दी. 

रागिनी: होप आशना दीदी डिड्न'ट माइंड. 

वीरेंदर(अब तक काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो चुका था): होप यू वन'ट टेल हर. 

रागिनी: डील, आप चाचू को नहीं बताना मैं दीदी को नहीं बताउन्गी. 

वीरेंदर: ओके डन. 

रागिनी: लेकिन सिर्फ़ ब्लो जॉब बस और कुछ नहीं.

वीरेंदर: और अगर मेजर ने इस के आगे डिमॅंड रखी होती तो. 

रागिनी: उस बुड्ढे मैं इतना दम नहीं था. 

वीरेंदर: लेकिन मैं तो जवान हूँ, मेरा क्या???

रागिनी: उूउउम्म्म्मम सोचूँगी लेकिन आज नहीं. आज सिर्फ़ ब्रेकफास्ट होगा. लंच और डिन्नर फिर कभी. 

वीरेंदर: कब???

रागिनी: अरे इतने उतावले ना बनो बॉस, कुछ टाइम तो दो. आख़िर इतने सालों से संभाल रखी है यह जवानी. प्रॉमिस सबसे पहले आप को ही दूँगी. क्या पता रात को ही मूड बन जाए. 

वीरेंदर(खुशी से): रात को सब के सोते हे मैं तुम्हारे कमरे मे आ जाउन्गा. 

रागिनी: जी नहीं, अगर मेरा मूड हुआ तो मैं खुद ही आ जाउन्गी. 

वीरेंदर: चलो अब तो आपकी हर बात माननी ही पड़ेगी. 

रागिनी मन ही मन अपनी कामयाबी पर खुश हो रही थी. लेकिन उसे एक डर यह भी था कि विराट को वो यह सब कैसे बता पाएगी. उसने तो विराट को बस यही कहा था कि वो वीरेंदर के सिर्फ़ करीब जाएगी मगर उसे कभी छूने नहीं देगी. रागिनी ने मन मैं डिसाइड किया कि वो विराट को यही बताएगी कि वीरेंदर उस पर फिदा हो गया है लेकिन वो उसे बस तडपाएगी और उस से आगे कुछ भी नहीं करने देगी. रास्ते मे वीरेंदर ने आशना को टेंडर मिल जाने की खूसखबरी दी और तबीयत का पूछ कर उसे शाम को घर मे ही सेलेब्रेट करने का प्रॉमिस भी किया.

ऑफीस पहुँचते ही वीरेंदर ने सारे स्टाफ को एक छोटी सी पार्टी दी. सबने मिलकर लंच किया और फिर वीरेंदर ने टेंडर मिलने की खुशी मे सबको छुट्टी कर दी. 4:00 बजे तक सारा शोरुम खाली हो गया था. शोरुम का मेन गेट लॉक करके वीरेंदर जैसे ही अपने कॅबिन मे आया, उसने देखा कि रागिनी वहाँ नहीं है. 

वीरेंदर: रागिनी कहाँ हो तुम??

रागिनी: सर मैं वॉश रूम मे हूँ. जस्ट कमिंग, यू टेक दा सीट आंड जस्ट रिलॅक्स. 

वीरेंदर आराम से सोफे पर बैठ गेया. आगे आने वाले लम्हो के बारे मे सोचते हुए उसके लंड मे तनाव बढ़ने लगा. थोड़ी देर बाद रागिनी वॉशरूम से बाहर निकली और बाहर निकलते ही उसने अपनी स्पोर्ट्स ब्रा वीरेंदर की तरफ उछाल दिया. वीरेंदर ने ब्रा को हवा मे कॅच किया और उसे सूंघ कर कहा "लव्ली फ्रेग्रेन्स" रागिनी ने जॅकेट पहनी थी और उसकी सारी ज़िप बंद करके रखी थी. वीरेंदर जानता था कि ज़िप खुलते ही उसकी आँखो को ज़िंदगी मे पहली बार किसी लड़की के वक्षो के दर्शन होने वाले थे. रागिनी एक सेक्सी चाल के साथ उस के पास पहुँची और वीरेंदर के आगे खड़ी हो गई. वीरेंदर ने नज़र उठाकर रागिनी की तरफ देखा तो रागिनी का चेहरा शरम और सेक्स के बुखार मे लाल हो चुका था.

वीरेंदर: रागिनी, अगर तुम किसी मजबूरी मे यह सब..........रागिनी ने अपने होंठो पर उंगली रखकर वीरेंदर को चुप रहने का इशारा किया. 

रागिनी:श्श्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, आप आराम से लेट जाइए और मुझे आपकी पर्सनल सेक्रेटरी होने का सबूत देने दीजिए. 

यह बात रागिनी ने इतने कामुक अंदाज़ मे कही कि वीरेंदर का रहा सहा डर भी ख़तम हो गया. 

[नोट: आइ अंडरस्टॅंड कि कुछ रीडर्स को यह बात बहुत बुरी लगेगी कि वीरेंदर-रागिनी के बीच ऐसे रीलेशन नहीं बनने चाहिए, लेकिन सच्चाई को छिपा देने से स्टोरी की महत्व कम हो जाएगा. यह बात पढ़ने मे बहुत बुरी लगेगी लेकिन "मेल मेंबर्ज़" समझ सकते हैं कि इस सिचुयेशन मे बहुत ही कम लोग पीछे हट पाते हैं. मैं नहीं जानती कि वीरेंदर ने यह सब करके ग़लत किया या नहीं, जो है सो आपके सामने है].


वीरेंदर सोफे पर बैठा रागिनी के चेहरे को देखे जा रहा था जैसे उसे विश्वास ही नहीं हो रहा हो. रागिनी, वीरेंदर के सामने नीचे फर्श पर घुटने रखकर बैठ गई और वीरेंदर की आँखूं मे देख कर अपनी आँखो के इशारे से कहा "रिलॅक्स". रागिनी ने अपने हाथ वीरेंदर के गले के पास लेजाकर वीरेंदर की टाइ ढीली की और उसे उतार कर एक साइड पर रख दिया. 

रागिनी के चेहरे पर एक सेक्सी स्माइल थी और वीरेंदर उस मे डूब गया था. रागिनी ने उठकर वीरेंदर का कोट उतारा और उसे सलीके से एक साइड पर रख दिया. कोट रखने के लिए जैसे ही रागिनी पीछे को मूडी तो वीरेंदर की नज़र रागिनी की उभरी हुई गान्ड पर गई, वीरेंदर का दिल तड़प उठा उसे मसल्ने के लिए. वीरेंदर का दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहा था कि ऐसा लग रहा था कि उसका दिल मुँह के रास्ते बाहर निकल आएगा. रागिनी वापिस वीरेंदर के पास आई और उसे कॉलर से पकड़ कर सोफे से उठा दिया. 
 
वीरेंदर और रागिनी के बीच का फासला काफ़ी कम था जिसे रागिनी ने एक कदम आगे बढ़ कर कर ख़तम कर दिया. रागिनी का चेहरा वीरेंदर के सीने तक ही पहुँच रहा था. रागिनी ने अपनी बाजुएँ वीरेंदर की कमर के इर्द गिर्द लपेट ली और अपनी कड़क हो चुकी चूचियाँ वीरेंदर के मर्दाना जिस्म से सटा दी. वीरेंदर के हाथ भी अनायास ही रागिनी के बदन के इर्द-गिर्द लिपट गये और उसने उसे कस कर जकड लिया. 

रागिनी: ओऔच, धीरे सर. अभी छोटी हूँ, मार डालोगे क्या????

वीरेंदर: तुम तो संभाल कर रखने वाली चीज़ हो, मारूँगा क्यूँ?????

रागिनी(वीरेंदर को हल्का से पीछे धकेलते हुए): हटो, संभाल कर कहाँ रखोगे मुझे, आशना दीदी को पता लग गया तो धक्के मार कर निकल देंगी वो मुझे. 

वीरेंदर: डार्लिंग तुम्हे तो मैं सच मे संभाल कर रखूँगा और अगर आशना को हम पर शक हो भी गया तो मैं तुम्हे देल्ही मे ही एक अलग फ्लॅट लेकर अड्जस्ट कर दूँगा.

रागिनी: अच्छा जी, तो मुझे अपनी रखैल बना कर रखना चाहते हैं मेरे बॉस. 

वीरेंदर: रखैल क्यूँ???जान बनाकर रखूँगा. 

रागिनी: और आशना दीदी?????

वीरेंदर: जान तो वो भी है मगर प्यार तो मैं दोनो को बराबर ही करूँगा. 

रागिनी: सच????

वीरेंदर: कोई शक????

रागिनी: आइ लव यू सर. 

वीरेंदर ने उसे दोबारा अपने साथ सटा लिया. 

रागिनी: इतना कस कर जकड़ोगे तो मेरा तो दम ही निकल जाएगा. छोड़ो मुझे और यह कह कर रागिनी वीरेंदर से दूर हो गई. 

वीरेंदर ने उसे बेचारगी भरी नज़र से देखा तो रागिनी आँखें मटका कर बोली: क्या????, क्या चाहिए??????

वीरेंदर: मैं भी कहना चाहता हूँ "रागिनी यू आर अमेज़िंग". 

वीरेंदर का मतलब समझते ही रागिनी ने शरमाने का नाटक करते हुए पलट कर अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए. वीरेंदर के सामने रागिनी की गान्ड आती है वीरेंदर और कामोत्तेजित हो गया. उसने आगे बढ़ कर रागिनी की कमर मे अपनी बाहें लपेट दी और अपना तना हुआ लंड रागिनी की गंद पर दबा दिया. वीरेंदर की हाइट ज़्यादा होने से उसका लंड रागिनी की पीठ से टकरा रहा था. 

रागिनी: आआहह सर, प्लीज़, मैं बहक जाउन्गी. 

वीरेंदर: तो बहक जाओ ना, किसने रोका है. 

वीरेंदर ने अपने हाथ रागिनी की कमर से उठाकर रागिनी के उभारों पर रखने चाहे तो रागिनी ने झट से उसके हाथ पकड़ लिए और सेक्सी आवाज़ मे बोली "नही ना सर प्लीज़". 

वीरेंदर ने ज़ोर लगा कर अपने हाथ रागिनी की जॅकेट के उपेर रख कर उसके वक्ष जकड लिए. वीरेंदर के हाथ मे रागिनी के उभार आते ही रागिनी के होंठों से एक सिसकारी निकली और उसके हाथ उठकर अनायास ही वीरेंदर के चेहरे पर आ गये. वीरेंदर, रागिनी की सख़्त गोलाईयों को ज़ोर से मसल्ने लगा. 

रागिनी: आआहह उूुउउफफफफफ्फ़ सर धीरे. 

वीरेंदर ने आगे झुक कर अपने होंठ रागिनी के गले से चिपका दिए और अपने लेफ्ट हाथ से जॅकेट की ज़िप पकड़ ली.

रागिनी ने फॉरन अपना हाथ वीरेंदर के लेफ्ट हाथ पर रख दिया और पलट कर वीरेंदर की तरफ शरारती नज़रों से देख कर उसे "ना" का इशारा किया. इस वक्त रागिनी के चेहरे से सेक्स की प्यास छलक रही थी. वीरेंदर ने ज़ोर लगा कर थोड़ी सी ज़िप नीचे की तो रागिनी वीरेंदर के सीने से चिपक गयी जिस से वीरेंदर उसकी ज़िप और नीचे ना कर सका. 

वीरेंदर : प्लीज़, दिखा दो ना. 

रागिनी ने ना मैं गर्दन हिलाई और अपना चेहरा उसके सीने मे और दबा दिया. वीरेंदर ने अपने हाथ रागिनी के गले पर रखकर उसके चेहरे को उपर उठाया तो मस्ती मे रागिनी की आँखें बंद हो गई. वीरेंदर ने अपने चेहरे को रागिनी के चेहरे की तरफ झुकाया तो रागिनी के दिल की धड़कन तेज़ हो गई. 

रागिनी( बंद आँखों से): नो सिर, प्लीज़ सर प्लीज़........... और वीरेंदर ने अपने होंठ उसके तपते होंठो पर रख दिए.

रागिनी के गले से एक घुटि हुई चीख निकली जो कि दोनो के होंठों में ही दब कर रह गई. रागिनी ने अपने हाथ वीरेंदर के बालों में फसा दिए और दोनो एक दूसरे को बेहताशा चूमने लगे. स्मूच इतना पॅशनेट था कि दोनो के मुँह से गून-गून पुच-पुच की आवाज़ें आने लगी. कभी रागिनी की जीभ वीरेंदर के मुँह में तो कभी वीरेंदर की जीभ रागिनी के मुँह मे सफ़र कर रही थी. दोनो की साँसें फूलने लगी और साँस लेने मे दिक्कत होने लगी तो दोनो के होंठ जुदा हुए. 

दोनो की नज़रें मिली तो रागिनी ने शरम के मारे नज़रें झुका ली. वीरेंदर ने भी नज़रें झुका कर नीचे देखा तो जॅकेट की ज़िप थोड़ी से खुल जाने से रागिनी की गहरी क्लीवेज सॉफ दिखाई दे रही थी. क्लीवेज नज़र आते ही वीरेंदर के लंड ने झटका लेकर एक सलामी दी. रागिनी ने वीरेंदर के लंड की हरकत अपनी नाभि के पास महसूस की तो अचानक अपनी नज़रें उठाकर वीरेंदर की तरफ देखा और उसे अपनी क्लीवेज देखते हुए शरमा कर मुस्कुरा उठी. 

रागिनी: बेशरम कहीं के. 

वीरेंदर : अभी बेशर्मी कहाँ दिखाई. 

बेशर्मी तो इसे कहते हैं और यह कहते ही उसने झटके से सारी ज़िप नीचे खींच दी. रागिनी ने झट से जॅकेट के दोनो तरफ अपने हाथ क्रॉस कर के रख दिए और बोली: हाई राम. 

वीरेंदर:"अब चाहे राम आए या श्याम, मैं तो खा कर रहूँगा तेरे आम". 
 
रागिनी का चेहरा सुर्ख लाल हो गेया. वो इस वक्त काम पिपासा मे तड़प रही थी मगर वीरेंदर के सामने उसे यही शो करना था कि वो एक दम कुँवारी कली है और उसे इस सब मे काफ़ी शरम आ रही है. वीरेंदर ने अपनी कमीज़ के बटन खोलना शुरू किया. दोनो की नज़रें आपस मे मिली हुई थी और रागिनी शरमा कर धीरे धीरे गर्दन "ना" मे हिला रही थी. सारे बटन खोल कर वीरेंदर ने झटके से अपनी शर्ट उतार दी. 

वीरेंदर की बालों से भरी मर्दाना छाती देख कर रागिनी के सीने मे एक हूंक उठी और उसने शरमा कर अपने हाथ अपने चेहरे पर रख दिए. जॅकेट छोड़ते ही रागिनी की मोटी कड़क चूचियाँ की एक झलक देख कर वीरेंदर की आँखों मे चमक आ गई. रागिनी को जब अपनी ग़लती का एहसाह हुआ तो वो फॉरन पलट दी. वीरेंदर ने आगे बढ़कर रागिनी की जॅकेट के दोनो सिरों को पकड़ा और उसे खींच कर दूर फैंक दिया. रागिनी टॉपलेस हो गई थी, वो एक दम स्टॅच्यू की तरह खड़ी रही. वीरेंदर ने झट से रागिनी को अपनी बाहों में भर कर उसके मुलायम लेकिन सख़्त मम्मों पर अपने सख़्त हाथ रख दिए. रागिनी कराह उठी और वीरेंदर का सिर घूमने लगा. उस से अब रुक पाना नामुमकिन था. 

उसने रागिनी को अपनी तरफ घुमाया और उसके बड़ी बड़ी मोटी चूचियों के भरपूर दर्शन करने लगा. शरम के मारे रागिनी की आँखें बंद हो गई और उसकी साँसों की रवानगी तेज़ हो गई. वीरेंदर ने उसके वक्षो का भरपूर नज़ारा लेने के बाद रागिनी को अपनी गोद मे उठा लिया. रागिनी कटी पतंग की तरह उसकी गोद मे आ गई और अपनी बाहें वीरेंदर के गले मे डाल दी. वीरेंदर ने उसे उठाकर ऑफीस टेबल पर लिटा दिया और इस से पहले कि रागिनी कुछ समझ पाती, वीरेंदर ने अपने होंठों को रागिनी के उभर चुके निपल्स पर रख दिया. रागिनी पहले तो छटपटाइ और फिर अपना बदन ढीला छोड़ कर अपने हाथ वीरेंदर के बालो में फसा दिया. 

वीरेंदर ने अपना दूसरा हाथ रागिनी के दूसरे मम्मे पर रख कर उसे निचोड़ना शुरू कर दिया. रागिनी की पैंटी चूत रस से भीग चुकी थी और वो मदहोश होती चली गई. उसकी चूत रो रो कर लंड लंड पुकार रही थी मगर अभी वक्त नहीं आया था. रागिनी इतनी गरम हो उठी कि वो अपनी जांघे आपस मे रगड़ने लगी. वीरेंदर ने जब देखा कि रागिनी मदहोश हो चुकी है तो उसने अपना दूसरा हाथ रागिनी की कमर पर रख कर उसकी स्कर्ट नीचे करनी चाही. रागिनी ने झट से वीरेंदर का हाथ पकड़ लिया और बोली "नो सर यह नहीं प्लीज़". 

वीरेंदर(मदहोशी मे): नहीं दोगि क्या????

रागिनी: अया सर, दूँगी. आपको ही दूँगी लेकिन आज नहीं, प्लीज़. 

वीरेंदर: क्यूँ, तुम्हे मुझ पर भरोसा नहीं है क्या????

रागिनी: बहुत भरोसा है सर मगर किसी को पता लग गया तो मैं मर जाउन्गी सर. 

वीरेंदर: किसी को पता नहीं चलेगा, यहाँ पर कोई नहीं है. 

रागिनी: सर अपनी वर्जिनिटी खोने के बाद जब मैं घर पहुँचुँगी तो आशना दीदी और चाचू मेरी चल देख कर ही समझ जाएँगे कि मैं कुँवारी नहीं रही सर, प्लीज़ अभी नहीं. 

वीरेंदर: किसी को पता नहीं चलेगा रागिनी, प्लीज़ आज मुझे अपनी चूत देदो. 

रागिनी: आआहह सर नहीं, ऐसे मत कहिए मुझे शरम आती है. 

वीरेंदर: दे दे ना अपनी चूत रागिनी, देख मेरा लोड्‍ा कैसे खड़ा है इसे चोदने के लिए. 

रागिनी:अयाया सर, आप बहुत गंदे हैं. किसी लड़की के साथ क्या कोई ऐसे बात करता है???

वीरेंदर: एक बार चूत दे दे जो कहेगी वोही करूँगा. 

रागिनी: प्रॉमिस सर, ज़रूर दूँगी मगर अभी नहीं, मुझे थोड़ा वक्त दीजिए सर. 

वीरेंदर ने भी मोके की नज़ाकत देखते हुए रागिनी पर ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया. वीरेंदर (पीछे हट ते हुए): तो इस लोड्‍े का क्या करूँ मैं????

रागिनी(टेबल से उठकर नीचे खड़े होते हुए): अब यह मेरा है सर, मैं जानती हूँ कि यह कैसे मानेगा. आप सोफे पर आराम से बैठ जाइए, मैं इसकी सारी अकड़ निकाल दूँगी. 

रागिनी, वीरेंदर का हाथ पकड़ा और उसे सोफे के पास ले गई. सोफे के पास पहुँच कर रागिनी बोली: सर मैं इतनी एक्सपीरियेन्स्ड तो नहीं लेकिन पूरे दिल से आपके इस को खुश करने की कोशिश करूँगी. रागिनी ने वीरेंदर की बेल्ट खोली और उसकी पॅंट की हुक खोल कर पॅंट को घुटनों तक कर दिया. वीरेंदर को धक्का देकर उसे सोफे पर बिठा कर रागिनी ने पॅंट को वीरेंदर के पैरो से आज़ाद कर दिया. अब वीरेंदर एक जॉकी मे था. 
 
रागिनी: सर आपका यह तो बहुत बड़ा है.

वीरेंदर: क्या, लोड्‍ा?????

रागिनी: धत्त, कैसे कैसे शब्द बोलते हैं आप.

वीरेंदर(हंसते हुए): अब लोड्‍े को लोड्‍ा ना बोलूं तो क्या डंडा बोलूं. 

रागिनी: डंडा नहीं सर बहुत बड़ा डंडा. पता नहीं यह किस के अंदर कैसे जा पाएगा. 

वीरेंदर: जब तुम्हे चोदुन्गा तो देख लेना कैसे जाएगा तुम्हारी चूत मे. 

रागिनी: ना बाबा ना, मैं तो मर ही जाउन्गी. 

वीरेंदर: अरे मरने थोड़ी दूँगा तुझे. तुझे तो ज़िंदगी भर रानी बनाकर रखूँगा. 

रागिनी: सारे मर्द ऐसा ही कहते हैं. एक बार काम हो जाए तो फिर चेहरा भी नहीं देखते. 

वीरेंदर: सबका तो पता नहीं लेकिन तुझे तो मैं अपनी रानी ही बनाउन्गा. 

रागिनी: देखते है कि आप मुझे क्या बनाते हो, मैं तो दिल से आपको अपना मान चुकी हूँ. अगर धोखा भी मिल गया तो अपनी ही ग़लती मान कर यहाँ से चुप-चाप निकल जाउन्गी. 

वीरेंदर सोफे के साथ टेक लगा कर बैठ गया और बोला: चलो खुश करो अब मेरे लोड्‍े को, बहुत दुख रहा है अब. 

रागिनी: आप आँखें बंद कर लीजिए ना प्लीज़. 

वीरेंदर: अरे यार इतने नखरे ठीक नहीं, मैं कॉन सा तुम्हे चोद रहा हूँ, लंड ही तो चुस्वा रहा हूँ. 

रागिनी(शरमाते हुए): मुझे लगता है कि आप के साथ मुझे भी बेशरम बनना ही पड़ेगा.

वीरेंदर: वो तो बनना ही पड़ेगा. 

रागिनी ने लंबी सी साँस खींच कर एक झटके मे ही वीरेंदर की जॉकी खींच दी. वीरेंदर का फनफनाता हुआ 9" लोड्‍ा रागिनी की आँखो के आगे झूल उठा. रागिनी मुँह पर हाथ रखकर चीख उठी. 

वीरेंदर(हंसते हुए): क्या हुआ????पहली बार थोड़े ही देख रही हो. अभी कुछ देर पहले तो एक देखा था और उस से पहले अपने बाय्फ्रेंड का भी. 

रागिनी: लेकिन इतना बड़ा किसी का नहीं था सर. यह तो बहुत ही बड़ा और मोटा है. 

वीरेंदर: अब तो जैसा भी है, तुम्हारा ही है.

रागिनी: मुझे तो यह सोच कर हैरानी होती है कि आशना दीदी इसे कैसे अंदर ले पाती होगी. 

वीरेंदर: अरे अभी तक ऐसा मोका ही नहीं मिला. 

रागिनी: मतलब?????

वीरेंदर: मतलब बाद मैं सम्झाउन्गा, पहले जो काम करने के लिए बोला है वो करो. 

रागिनी: अच्छा जी, अगर ना करूँ तो??????

वीरेंदर: तो तुम्हारी नौकरी गई. 

रागिनी(मुँह बनाते हुए):एहसानफ़रमोश कहीं के, एक तो आपको टेंडर दिलाने के लिए उस मेजर के सामने कपड़े खोले और फिर उसे निपटाया भी. यह तो गनीमत थी कि वो मेरे जलवे से नहीं पाया, नहीं तो मैं तो अब तक औरत बन चुकी होती. 

वीरेंदर: औरत तो तुम्हे में ही बनाउन्गा, देख लेना. 

रागिनी: ना बाबा ना, इसे अंदर लेने की हिम्मत नहीं है मुझ मे. मैं तो ऐसे ही ठीक हूँ. ज़िंदगी भर आपको ब्लॉजोब देकर खुश रख लूँगी लेकिन इसे तो मैं कभी अपने अंदर ना लूँ. 

वीरेंदर: तो क्या मैं सारी उमर बिना चूत मारे ही रहूँगा. 

रागिनी: ऐसा क्यूँ????आशना दीदी है ना. 

वीरेंदर: हां वो तो हमेशा के लिए है मगर टेस्ट चेंज करने का मन किया तो कहाँ जाउन्गा. 

रागिनी: हटो, आप ने मुझे बस टेस्ट चेंज करने के लिए ही रखा है.

वीरेंदर: नाराज़ क्यूँ होती हो छम्मकछल्लो, आशना से तो मैं शादी करूँगा, लेकिन तुझे भी तो बीवी की तरह रखूँगा. 

रागिनी: बीवी की तरह रखोगे ना बीवी थोड़े ही बनाओगे. 

वीरेंदर: वो तो है, आशना से मैं प्यार करता हूँ और शादी भी उसी से करूँगा. 

रागिनी: तो फिर वहीं जाओ, यहाँ क्या कर रहे हो. यह कह कर रागिनी पीछे हटी. 

वीरेंदर(एकदम ताव में आते हुए): चुप चाप लोड्‍ा चूस साली, ज़्यादा नाटक ना कर. 

वीरेंदर के अचानक बदलते तेवर देख कर रागिनी एक दम सन्न रह गई. 
 
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