hotaks444
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कामेश अंदर चला गया और कामया बाहर ही रुक गई अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई दरवाजा बंद होने से पहले उसे कामेश की आवाज़ सुनाई दी
कामेश- भोला कैसे हो
भोला- जी भैया ठीक हूँ कल छोड़ देंगे भोला है
कामेश- कल क्यों आज क्यों नहीं
और दरवाजा बंद हो गया पर थोड़ी देर बाद फिर से दरवाजा खुला और
कामेश- अरे आओ ना रुक क्यों गई और कामया का हाथ पकड़कर अंदर खींच लिया
कामया लगभग लरखड़ाती हुई सी अंदर कमरे में चली गई डोर के साइड वाली बेड पर कोई लेटा था और उसके साइड से ही भोला का बेड भी था
कामया को देखते ही भोला उठने की कोशिश करने लगा
कामेश- अरे लेटा रह उठ मत
भोला- नमस्ते मेम साहब
कामया- नमस्ते
और अपनी नजर भोला से बचा कर साइड में पड़े हुए उस आदमी की ओर देखने लगी थी वो सिकुड़ कर सोया हुआ था शायद ठंड लग रही थी कंबल ओढ़े हुए हाथ पैर सिकोडे सोया था कामया कामेश के पास खड़ी हुई इधा उधर देखती हुई अपने आपको सहज करने की कोशिश में लगी थी पर जाने क्यों वो अपनी सांसों को तेज होते हुए पा रही थी यह वही राक्षस था जो उस दिन उसके सामने ही दोपहर को छत पर एक औरत के साथ ची ची क्या सोचने लगी थी वो पर एक बात तो थी कामया नजर चुरा कर भोला को एक बार देख जरूर लेती थी कामेश हँस हँस कर उससे बातें कर रहा था और भोला भी इतने में बाहर से सिस्टर आई और भोला को एक इंजेक्षन लगाने लगी भोला ने अपनी बाँह बाहर निकाली और सिस्टर को उसे इंजेक्षन लगाने में कोई दिक्कत नहीं हुई कामया ने एक बार भोला को देखा जैसे उसे कोई फरक ही नहीं पड़ा था वो एकटक कामया की ओर देख रहा था कामया थोड़ा सा झेप गई थी और कामेश को इशारा करने लगी पर सिस्टर की आवाज ने उसे चौका दिया
सिस्टर- सर वो आज या कल सुबह डाक्टेर साहब से मिल लीजिएगा
कामेश- क्यों
सिस्टर- जी सर वो डाक्टेर साहब ने ही कहा है
कामेश- हाँ… कल तो नहीं होगा अभी है क्या
सिस्टर- जी है तो
कामेश- तो चलो अभी मिल लेते है (और कामया की ओर देखते हुए कहा) तुम रूको में अभी आता हूँ
जब तक कामया कुछ कहती तब तक तो वो सिस्टर के साथ बाहर हो चुका था कामेश को भी बड़ी जल्दी रहती है सुन तो लेता कमरे में उसे बड़ा ही आजीब सा लग रहा था वो अब भी भोला के बेड के पास खड़ी हुई थी और उसकी ओर ना देखते हुए साइड में खिड़की की ओर देख रही थी उसे बड़ा ही अजीब सा एहसास धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर में छाने लगा था वो बार-बार अपने हाथों से अपनी कलाईयों से लेकर बाहों तक एक हाथ से सहलाते जा रही थी कुछ परेशान भी थी भोला उसके सामने ही बेड पर लेटा हुआ था और शायद उसी की ओर ही देख रहा था पर कामया में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो भी भोला की ओर देख सके वो तो यहां से निकल जाना चाहती थी जल्दी से बस उसे कामेश का ही इंतेजार था
पर कामेश को गये अभी तो बस एक मिनट ही हुआ होगा और इतने देर में ही कामया के सारे शरीर में एक अजीब सी उथल पुथाल मच गई थी वो बार-बार सिहर उठ-ती थी चहरे के एक्सप्रेशन को देखकर साफ लगा रहा था बड़ी ही संभाल कर अपनी सांसें छोड़ रही है इतने में
भोला- कैसी है मेमसाहब
कामया- हाँ… ठीक हूँ हमम्म्ममम सस्स्स्शह
उसके मुख और नाक से एक अजीब सी सिसकारी भरे शब्द निकले वो नीचे भोला की ओर देखा जी कि एकटक उसकी ओर ही देख रहा था बड़े ही तरीके से और बड़े ही प्यार से
भोला- आप नाराज है हम से
कामया- नहीं क्यों
भोला- जी उस दिन
कामया- चुप रहो
उसके आवाज़ में गुस्सा था शायद बाहर भी चली जाती अगर वो कुछ ऐसा नहीं करता तो अचानक ही भोला की हथेली उसकी गोरी और नाजुक कलाई को अपनी सख्त गिरफ़्त में ले चुकी थी छुरियो के ऊपर से ही कामया का पूरा शरीर एकदम से सनसना गया था वो भोला की ओर डर के मारे देखती र्रही
कामया- छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो पागल हो क्या
गुस्सा और बहुत ही धीरे उसके मुख से यह बात निकली वो नहीं चाहती थी कि पास में सोए हुए उस आदमी को कुछ पता चले कामया की पीठ दरवाजे की ओर थी सो एक बार अपने हाथों को छुड़ाने की कोशिश करती हुई उसने पलटकर भी देखा पर दरवाजा बंद था
कामया- प्लीज छोड़ो
भोला- छोड़ दूँगा मेमसाहब पहले जोर लगाना छोड़िए नहीं तो नहीं छोड़ूँगा
कामया का शरीर ढीला पड़ गया उसने जोर लगाना छोड़ दिया पर अपने दूसरे हाथों से उसकी उंगलियों को अपने कलाई से ढीलाकरने की कोशिश करती जा रही थी
कामया- प्लीज कामेश आ जाएगा प्लीज
उसकी आवाज में रुआंसी होने का साफ संकेत था वो उसकी गिरफ़्त से अपने को छुड़ाने में असमर्थ थी
भोला- मेमसाहब मैंने किसी को भी नहीं बताया कि आपने ही मुझे धक्का दिया था
कामया- ठीक है पर मुझे छोड़ो नहीं तो में चिल्ला दूँगी
भोला- चिल्लाओ मेमसाहब में भी बोल दूँगा कि मेमसाहब ने ही मुझे धक्का दिया था
कामया- प्लीज ईई अच्छा किया था तुम्हें धक्का दिया
भोला- क्यों मेमसाहब हमें जीने का हक नहीं है क्या गरीब है इसलिए
कामया- प्लीज ईयीई मेरा हाथ छोड़ो पहले
भोला- नहीं आपने मेरा जीवन खराब कर दिया है पागल हो गया हूँ में पता नहीं क्या-क्या करता जा रहा हूँ शायद कभी किसी दिन किसी का खून भी कर दूं
अचानक ही भोला की आवाज कुछ सख्त हो गई थी और थोड़ा उची आवाज में भी बोला
कामया एकदम से सन्नाटे में रह गई वो अभी अपना हाथ उसकी हथेलियो से छुड़ाना चाहती थी पर वो भोला को देख रही थी कुछ अजीब तरीके से उसने उसका जीवन खराब कर दिया कैसे
कामया- मैंने खराब कर दिया कुछ भी बोलागे तुम ,,अब उसके चहरे में भी गुस्सा था और आवाज में सख़्त पन था पर धीमे थी
भोला- जी हाँ… आपने जब से मैंने आपको देखा है में पागल सा हो गया हूँ और तो और जब मैंने आपको लाखा काका के घर में जाते हुए देखा था तब से और तभी से जब भी आपको देखता हूँ में पागल हो जाता हूँ छुप छुप कर सिर्फ़ आपको देखता रहता हूँ दिन भर पागलो के समान घूमता हूँ ना जाने कितनी ही औरतों के साथ मैंने किया पर मेमसाहब
आपको नहीं भुला पाया
भोला की आवाज में अचानक ही तेजी के बाद नर्मी आ गई थी वो शायद उससे मिन्नत कर रहा था भोला के मुख से निकली हर बात उसके जेहन में किसी तीर के माफिक उतरगई थी अब उसकी छूटने की कोशिश कुछ ढीली पड़ गई थी
भोला- तब भी मैने किसी को कुछ नहीं कहा था मेमसाहब और जब जान भी गवाने वाला था तब भी मेमसाब किसी से कुछ नहीं कहा शायद में आपसे कभी भी नहीं कहता पर क्या करू मेमसाहब इतने पास खड़ी हुई है आप कि आपकी खुशबू से ही में पागल हो गया हूँ
कामया-
चुपचाप खड़ी हुई कभी पीछे की ओर तो कभी उस आदमी की ओर देख रही थी और कभी भोला की आखों में उसे भोला की आखों में एक विनती और नर्मी देखने को मिली शायद बहुत तकलीफ में था
कामया- प्लीज भोला मुझे छोड़ दो कामेश आ जाएगा उसकी आवाज में धमकी नहीं थी मिंन्नत थी
भोला- में क्या करू मेम्साब क्या करू पागल कर देती हो आप देखो क्या हाल है मेरा
और अपने दूसरे हाथ से कंबल को हटा कर दिखाया सीने में और उसके नीचे बहुत सी खरोंचो के निशान थे कुछ गहरे तो कुछ सुख गये थे काले बालों के झुंड में उसके बलशाली शरीर का एक नमूना उसके सामने था छाती के दोनों तरफ उसकी चूची के समान उसका सीना फूला हुआ था ठोस था बिल्कुल पत्थर की तरह
भोला- देखा मेमसाहब और क्या दिखाऊ मर जाता तो आपको कभी भी नहीं बताता पर क्या करू मेमसाहब शायद बहुत पाप किया है इसलिए इतनी तकलीफ के बाद भी जिंदा हूँ
कामया- नहीं भोला तुम ठीक हो जाओगे अब प्लीज छोड़ दो मुझे कामेश आ गये तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी प्लीज
कामया बड़े ही तरीके से भोला से गुजारिश कर रही थी वो जानती थी कि जब तक भोला नहीं छोड़ेगा वो उसकी चुगल से नहीं छूट पाएगी
भोला- छोड़ दूँगा मेमसाहब मुझे भी चिंता है पर में क्या करू बताइए इसका क्या करूँ
और बिना किसी संघर्ष के ही उसने कामया के हाथ को नीचे कंबल में घुसाकर अपने लिंग के पास लेगया
कामया जब तक समझती तब तक तो सबकुछ हो चुका था उसकी हथेलियो में उसका गरम सा लिंग टच होने लगा था कामया की सांसें रुक गई थी और अपने आपको खींचकर जब तक वो संभालती तब तक तो भोला उसकी हथेली में अपने लिंग को घिसने लगा था
कामया- क्या कर रहे हो ह्म्म्म्ममममह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शह कोई आआआआजाएगा आआआआआआआअ
भोला- नहीं मेमेसाहब बस थोड़ा सा पकड़ लीजिए प्लीज ईईई
कामया- नहीं प्लीज ईईईईईईईईई छोड़ो
भोला - छोड़ दूँगा मेमसाहब पर थोड़ी देर को ही मेमसाहब प्लीज़ नहीं तो मर जाऊँगा
कामया के हाथ के चारो ओर उसका लिंग झटके से टकरा रहा था बहुत ही गरम था बड़ा था पर वो अपने हाथों को उससे बचाने की कोशिश में थी पर भोला उसे अपने लिंग को पकड़ाना चाहता था पर वो बच रही थी
भोला- अब मेमसाहब आप ही देर कर रही है एक बार पकड़ लीजिए ना प्लीज नहीं तो भैया आ जाएँगे जल्दी
कामेश के आ जाने के डर से कामया ने झट से उसके लिंग को कंबल के नीचे ही अपनी कोमल हथेली में कस कर पकड़ लिया पर भोला का लिंग इतना मोटा था कि उसकी हथेली भी उसके आकार को पूरा नहीं घेर सकी गरम-गरम लिंग के हाथों में आते ही कामया के शरीर में एक सनसना देने वाली सिहरन दौड़ गई थी वो अपना हाथ खींचना चाहती थी पर भोला ने भी अपने हाथों से उसकी कोमल और नाजुक हथेली को कस कर जकड़ रखा था
कामेश- भोला कैसे हो
भोला- जी भैया ठीक हूँ कल छोड़ देंगे भोला है
कामेश- कल क्यों आज क्यों नहीं
और दरवाजा बंद हो गया पर थोड़ी देर बाद फिर से दरवाजा खुला और
कामेश- अरे आओ ना रुक क्यों गई और कामया का हाथ पकड़कर अंदर खींच लिया
कामया लगभग लरखड़ाती हुई सी अंदर कमरे में चली गई डोर के साइड वाली बेड पर कोई लेटा था और उसके साइड से ही भोला का बेड भी था
कामया को देखते ही भोला उठने की कोशिश करने लगा
कामेश- अरे लेटा रह उठ मत
भोला- नमस्ते मेम साहब
कामया- नमस्ते
और अपनी नजर भोला से बचा कर साइड में पड़े हुए उस आदमी की ओर देखने लगी थी वो सिकुड़ कर सोया हुआ था शायद ठंड लग रही थी कंबल ओढ़े हुए हाथ पैर सिकोडे सोया था कामया कामेश के पास खड़ी हुई इधा उधर देखती हुई अपने आपको सहज करने की कोशिश में लगी थी पर जाने क्यों वो अपनी सांसों को तेज होते हुए पा रही थी यह वही राक्षस था जो उस दिन उसके सामने ही दोपहर को छत पर एक औरत के साथ ची ची क्या सोचने लगी थी वो पर एक बात तो थी कामया नजर चुरा कर भोला को एक बार देख जरूर लेती थी कामेश हँस हँस कर उससे बातें कर रहा था और भोला भी इतने में बाहर से सिस्टर आई और भोला को एक इंजेक्षन लगाने लगी भोला ने अपनी बाँह बाहर निकाली और सिस्टर को उसे इंजेक्षन लगाने में कोई दिक्कत नहीं हुई कामया ने एक बार भोला को देखा जैसे उसे कोई फरक ही नहीं पड़ा था वो एकटक कामया की ओर देख रहा था कामया थोड़ा सा झेप गई थी और कामेश को इशारा करने लगी पर सिस्टर की आवाज ने उसे चौका दिया
सिस्टर- सर वो आज या कल सुबह डाक्टेर साहब से मिल लीजिएगा
कामेश- क्यों
सिस्टर- जी सर वो डाक्टेर साहब ने ही कहा है
कामेश- हाँ… कल तो नहीं होगा अभी है क्या
सिस्टर- जी है तो
कामेश- तो चलो अभी मिल लेते है (और कामया की ओर देखते हुए कहा) तुम रूको में अभी आता हूँ
जब तक कामया कुछ कहती तब तक तो वो सिस्टर के साथ बाहर हो चुका था कामेश को भी बड़ी जल्दी रहती है सुन तो लेता कमरे में उसे बड़ा ही आजीब सा लग रहा था वो अब भी भोला के बेड के पास खड़ी हुई थी और उसकी ओर ना देखते हुए साइड में खिड़की की ओर देख रही थी उसे बड़ा ही अजीब सा एहसास धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर में छाने लगा था वो बार-बार अपने हाथों से अपनी कलाईयों से लेकर बाहों तक एक हाथ से सहलाते जा रही थी कुछ परेशान भी थी भोला उसके सामने ही बेड पर लेटा हुआ था और शायद उसी की ओर ही देख रहा था पर कामया में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो भी भोला की ओर देख सके वो तो यहां से निकल जाना चाहती थी जल्दी से बस उसे कामेश का ही इंतेजार था
पर कामेश को गये अभी तो बस एक मिनट ही हुआ होगा और इतने देर में ही कामया के सारे शरीर में एक अजीब सी उथल पुथाल मच गई थी वो बार-बार सिहर उठ-ती थी चहरे के एक्सप्रेशन को देखकर साफ लगा रहा था बड़ी ही संभाल कर अपनी सांसें छोड़ रही है इतने में
भोला- कैसी है मेमसाहब
कामया- हाँ… ठीक हूँ हमम्म्ममम सस्स्स्शह
उसके मुख और नाक से एक अजीब सी सिसकारी भरे शब्द निकले वो नीचे भोला की ओर देखा जी कि एकटक उसकी ओर ही देख रहा था बड़े ही तरीके से और बड़े ही प्यार से
भोला- आप नाराज है हम से
कामया- नहीं क्यों
भोला- जी उस दिन
कामया- चुप रहो
उसके आवाज़ में गुस्सा था शायद बाहर भी चली जाती अगर वो कुछ ऐसा नहीं करता तो अचानक ही भोला की हथेली उसकी गोरी और नाजुक कलाई को अपनी सख्त गिरफ़्त में ले चुकी थी छुरियो के ऊपर से ही कामया का पूरा शरीर एकदम से सनसना गया था वो भोला की ओर डर के मारे देखती र्रही
कामया- छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो पागल हो क्या
गुस्सा और बहुत ही धीरे उसके मुख से यह बात निकली वो नहीं चाहती थी कि पास में सोए हुए उस आदमी को कुछ पता चले कामया की पीठ दरवाजे की ओर थी सो एक बार अपने हाथों को छुड़ाने की कोशिश करती हुई उसने पलटकर भी देखा पर दरवाजा बंद था
कामया- प्लीज छोड़ो
भोला- छोड़ दूँगा मेमसाहब पहले जोर लगाना छोड़िए नहीं तो नहीं छोड़ूँगा
कामया का शरीर ढीला पड़ गया उसने जोर लगाना छोड़ दिया पर अपने दूसरे हाथों से उसकी उंगलियों को अपने कलाई से ढीलाकरने की कोशिश करती जा रही थी
कामया- प्लीज कामेश आ जाएगा प्लीज
उसकी आवाज में रुआंसी होने का साफ संकेत था वो उसकी गिरफ़्त से अपने को छुड़ाने में असमर्थ थी
भोला- मेमसाहब मैंने किसी को भी नहीं बताया कि आपने ही मुझे धक्का दिया था
कामया- ठीक है पर मुझे छोड़ो नहीं तो में चिल्ला दूँगी
भोला- चिल्लाओ मेमसाहब में भी बोल दूँगा कि मेमसाहब ने ही मुझे धक्का दिया था
कामया- प्लीज ईई अच्छा किया था तुम्हें धक्का दिया
भोला- क्यों मेमसाहब हमें जीने का हक नहीं है क्या गरीब है इसलिए
कामया- प्लीज ईयीई मेरा हाथ छोड़ो पहले
भोला- नहीं आपने मेरा जीवन खराब कर दिया है पागल हो गया हूँ में पता नहीं क्या-क्या करता जा रहा हूँ शायद कभी किसी दिन किसी का खून भी कर दूं
अचानक ही भोला की आवाज कुछ सख्त हो गई थी और थोड़ा उची आवाज में भी बोला
कामया एकदम से सन्नाटे में रह गई वो अभी अपना हाथ उसकी हथेलियो से छुड़ाना चाहती थी पर वो भोला को देख रही थी कुछ अजीब तरीके से उसने उसका जीवन खराब कर दिया कैसे
कामया- मैंने खराब कर दिया कुछ भी बोलागे तुम ,,अब उसके चहरे में भी गुस्सा था और आवाज में सख़्त पन था पर धीमे थी
भोला- जी हाँ… आपने जब से मैंने आपको देखा है में पागल सा हो गया हूँ और तो और जब मैंने आपको लाखा काका के घर में जाते हुए देखा था तब से और तभी से जब भी आपको देखता हूँ में पागल हो जाता हूँ छुप छुप कर सिर्फ़ आपको देखता रहता हूँ दिन भर पागलो के समान घूमता हूँ ना जाने कितनी ही औरतों के साथ मैंने किया पर मेमसाहब
आपको नहीं भुला पाया
भोला की आवाज में अचानक ही तेजी के बाद नर्मी आ गई थी वो शायद उससे मिन्नत कर रहा था भोला के मुख से निकली हर बात उसके जेहन में किसी तीर के माफिक उतरगई थी अब उसकी छूटने की कोशिश कुछ ढीली पड़ गई थी
भोला- तब भी मैने किसी को कुछ नहीं कहा था मेमसाहब और जब जान भी गवाने वाला था तब भी मेमसाब किसी से कुछ नहीं कहा शायद में आपसे कभी भी नहीं कहता पर क्या करू मेमसाहब इतने पास खड़ी हुई है आप कि आपकी खुशबू से ही में पागल हो गया हूँ
कामया-
चुपचाप खड़ी हुई कभी पीछे की ओर तो कभी उस आदमी की ओर देख रही थी और कभी भोला की आखों में उसे भोला की आखों में एक विनती और नर्मी देखने को मिली शायद बहुत तकलीफ में था
कामया- प्लीज भोला मुझे छोड़ दो कामेश आ जाएगा उसकी आवाज में धमकी नहीं थी मिंन्नत थी
भोला- में क्या करू मेम्साब क्या करू पागल कर देती हो आप देखो क्या हाल है मेरा
और अपने दूसरे हाथ से कंबल को हटा कर दिखाया सीने में और उसके नीचे बहुत सी खरोंचो के निशान थे कुछ गहरे तो कुछ सुख गये थे काले बालों के झुंड में उसके बलशाली शरीर का एक नमूना उसके सामने था छाती के दोनों तरफ उसकी चूची के समान उसका सीना फूला हुआ था ठोस था बिल्कुल पत्थर की तरह
भोला- देखा मेमसाहब और क्या दिखाऊ मर जाता तो आपको कभी भी नहीं बताता पर क्या करू मेमसाहब शायद बहुत पाप किया है इसलिए इतनी तकलीफ के बाद भी जिंदा हूँ
कामया- नहीं भोला तुम ठीक हो जाओगे अब प्लीज छोड़ दो मुझे कामेश आ गये तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी प्लीज
कामया बड़े ही तरीके से भोला से गुजारिश कर रही थी वो जानती थी कि जब तक भोला नहीं छोड़ेगा वो उसकी चुगल से नहीं छूट पाएगी
भोला- छोड़ दूँगा मेमसाहब मुझे भी चिंता है पर में क्या करू बताइए इसका क्या करूँ
और बिना किसी संघर्ष के ही उसने कामया के हाथ को नीचे कंबल में घुसाकर अपने लिंग के पास लेगया
कामया जब तक समझती तब तक तो सबकुछ हो चुका था उसकी हथेलियो में उसका गरम सा लिंग टच होने लगा था कामया की सांसें रुक गई थी और अपने आपको खींचकर जब तक वो संभालती तब तक तो भोला उसकी हथेली में अपने लिंग को घिसने लगा था
कामया- क्या कर रहे हो ह्म्म्म्ममममह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्शह कोई आआआआजाएगा आआआआआआआअ
भोला- नहीं मेमेसाहब बस थोड़ा सा पकड़ लीजिए प्लीज ईईई
कामया- नहीं प्लीज ईईईईईईईईई छोड़ो
भोला - छोड़ दूँगा मेमसाहब पर थोड़ी देर को ही मेमसाहब प्लीज़ नहीं तो मर जाऊँगा
कामया के हाथ के चारो ओर उसका लिंग झटके से टकरा रहा था बहुत ही गरम था बड़ा था पर वो अपने हाथों को उससे बचाने की कोशिश में थी पर भोला उसे अपने लिंग को पकड़ाना चाहता था पर वो बच रही थी
भोला- अब मेमसाहब आप ही देर कर रही है एक बार पकड़ लीजिए ना प्लीज नहीं तो भैया आ जाएँगे जल्दी
कामेश के आ जाने के डर से कामया ने झट से उसके लिंग को कंबल के नीचे ही अपनी कोमल हथेली में कस कर पकड़ लिया पर भोला का लिंग इतना मोटा था कि उसकी हथेली भी उसके आकार को पूरा नहीं घेर सकी गरम-गरम लिंग के हाथों में आते ही कामया के शरीर में एक सनसना देने वाली सिहरन दौड़ गई थी वो अपना हाथ खींचना चाहती थी पर भोला ने भी अपने हाथों से उसकी कोमल और नाजुक हथेली को कस कर जकड़ रखा था