Bahu ki Chudai मस्त मेनका - Page 5 - SexBaba
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Bahu ki Chudai मस्त मेनका

तीनो मेनका के साथ अंदर हॉल मे आकर बैठ गये.हॉल मे कुच्छ अजीब सी बू आ रही थी.मलिका बुरा सा मुँह बनाते हुए मेनका से बोली,"कुच्छ बदबू नही आ रही?"

"नही तो."

"ये लीजिए पेपर्स,साइन कीजिए & अगले 3 दीनो मे आपके बॅंक अकाउंट्स मे सारे पैसे जमा हो जाएँगे.",जब्बार ने कुच्छ काग़ज़ मेनका की तरफ बढ़ाए.

मेनका ने काग़ज़ उठाए & बगल की टेबल से 1 लाइटर उठाकर उन पेपर्स को आग लगा दी.

"ये क्या बहुड़गी है!",जब्बार चीखा.

"नीच इंसान!तूने ये सोच भी कैसे लिया कि हम तुझे,उस इंसान को...जिसने हमारे खानदान को तबाह कर दिया,उसे अपनी अमानत बेचेंगे.",मेनका ने जलते कागज़ात सोफे पे फेंक दिए जिस से कि सोफा धू-धू कर जलने लगा.आग तेज़ी से हॉल मे फैलने लगी तो मलिका को समझ मे आया कि वो बू पेट्रोल की थी.वो घबरा गयी...आख़िर ये रानी क्या चाहती है?

"हमे यहा से निकलना चाहिए,जब्बार.ये औरत पागल हो गयी है.खुद भी मरेगी हमे भी मारेगी.",उसने जब्बार का हाथ पकड़ कर बाहर निकलने का इशारा किया.

"तुम लोग कही नही जाओगे.यही इस आग मे जल्के अपने करमो की सज़ा पाओगे.",मेनका गर्जि.

"कुतिया!",जब्बार ने झपट कर मेनका को पकड़ लिया पर तभी 1 करारा हाथ उसके जबड़े पे पड़ा.सोढी ने उसे मारा था पर सोढी कहा...ये तो ...ये तो कोई और था.सोढी ने अपनी पगड़ी उतार फेंकी थी,जब्बार ने गौर से देखा तो उसकी आँखे हैरत से फैल गयी...ये तो राजा यशवीर सिंग था.इतने दिन ये आदमी भेस बदल कर उसके पास आता रहा,बात करता रहा और वो अपने सबसे बड़े दुश्मन को पहचान नही पाया!

किसी ने सही कहा है,विनाश काले विपरीत बुद्धि.

"जब्बार,तूने हमारे दोनो मासूम बेटो को मौत की नींद सुला दिया.उनका क्या कसूर था.हमारे पिताजी की ग़लती की सज़ा हमे देता.1 मर्द की तरह सामने से वार करता.पर नही तू 1 बुज़दिल चूहा है & आज चूहे की मौत मरेगा."

आग ने पूरे हॉल को अपने आगोश मे ले लिया था.मलिका नज़र बचा कर भागने ही वाली थी कि तभी राजा साहब ने उसे पकड़ लिया,"तूने भी विश्वा की हत्या की थी.तेरे दूसरे आशिक़ कल्लन ने हमे सब बताया था.चल!",राजा साहब ने उसे 1 रस्सी से बाँध वही फर्श पे पटक दिया.मलिका अपनी जान की भीख मांगती रही पर राजा साहब & मेनका जैसे बहरे हो गये थे.

थोड़ी ही देर मे मलिका की चीखें बढ़ती लपटो मे घुट गयी.

राजा साहब ने जब्बार को 1 जलती लकड़ी से जम कर पीटा & आख़िर मे उस लकड़ी से उसके चेहरे को झुलस कर मौत के घाट पहुँचा दिया.

"मेनका,चलो यहा से निकले.सेशाद्री के आने से पहले हमे निकलना होगा.हमारा हाथ पाकड़ो.",उन्होने मेनका का हाथ पकड़ा & जलते हुए हॉल से निकलने लगे कि तभी आग से खाक हो दीवार का 1 बड़ा हिस्सा उनके सामने गिरा,"यश..!",मेनका की चीख सुनाई दी ,फिर इतना धुआँ फैला कि कुच्छ नज़र नही आया कि दोनो कहा गये-निकल भी पाए की नही उस आग के तूफान से!

चारो तरफ बस आग ही आग थी.सेशाद्री तो ये नज़ारा देख बेहोश ही हो गये.किसी तरह उन्होने अपनी जेब से मोबाइल निकाला & पोलीस को फोन मिलाने लगे.

क्रमशः...................
 
मस्त मेनका पार्ट -17 लास्ट



गतान्क से आगे.....................

10 दिन बाद

मेनका की वसीयत पढ़ी जा रही थी.राजा साहब की मौत के बाद सारी जयदाद की वो अकेली मालकिन थी & सभी लोगो को बहुत इच्छा थी ये जानने कि उसने अपनी वसीयत मे क्या लिखा था.

मेनका ने सारी जयदाद दान कर दी थी-अनाथ बच्चों,विधवा उद्धार & धार्मिक काम & ऐसे ही काई चीज़ों के लिए.उसके माता-पिता बड़ी मुश्किल से अपने दुख को झेल पा रहे थे पर अब शायद वसीयत पढ़े जाने के बाद उन्होने ने भी इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया था कि उनकी बेटी अब इस दुनिया मे नही है.

सेशाद्री साहब भी अब सायंत थे पर उनकी आखों के आगे अभी भी वो दुस्शहरे की काली रात घूम जाती थी.जब पोलीस & फिरे ब्रिगेड वाले पहुँचे तब तक महल का 1 बड़ा हिस्सा जल चुका था.पोलीस को अंदर से 1 औरत की बुरी तरह जली हुई लाश मिली थी जिसे मेनका के पिता ने शिनाख्त करके अपनी बेटी की बताया.बाहर जब्बार भी मरा पड़ा था.

छन-बीन के बात पोलीस को जब पता चला कि आग पेट्रोल से लगाई गयी थी तो उनका ये शक़ पुख़्ता हो गया कि ये जब्बार की हरकत थी.पोलीस ने सेशाद्री साहब से भी पुच्छ ताछ की & अंत मे जिस नतीजे पे पहुँची वो ये था:

जब्बार राजा साहब से बेइंतहा नफ़रत करता था & सभी जानते थे कि उनकी मिल्स को हड़पने के लिए वो पागल था.राजा साहब की मौत के बाद जब मेनका ने मिल्स को सपरू साहब को बेचने का फ़ैसला किया तो उसने मेनका को धमका कर उसे ऐसा करने से रोकने की कोशिश की पर जब मेनका नही मानी तो वो गुस्से मे पागल हो दुस्सेहरे की रात महल पहुँचा & वहा उसने जो भयानक खेल खेला उसमे उसकी खुद की भी जान चली गयी.

राजकुल की कहानी यही ख़तम हो गयी & लोगो के लिए राजपरिवार अब बस उनके दान किए गये पैसों से बनी समाज सेवा के कामो & इमारतो पे लिखा नाम रह गया. कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम

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नस्सौ,बहमास

एरपोर्ट पे मियामी से आई फ्लाइट से उतरे मुसाफिर सेक्यूरिटी चॅनेल से बाहर निकल रहे थे.ज़्यादातर अमेरिकन थे या फिर बेहेमीयन 1 लड़की के सिवा.वो कातिल फिगर वाली लड़की 1 पीले रंग की घुटनो तक की फ्लॉरल ड्रेस पहने थी.कंधो पे डोरियाँ स्ट्रॅप्स का काम कर रही थी & ड्रेस के गले मे से उसके बड़े क्लीवेज का हिस्सा एरपोर्ट पे मौजूद मर्दों की निगाहों को अपनी तरफ ललचा रहा था & औरतों को जला रहा था.

"मिस.अनिता सिंग?",कस्टम ऑफीसर ने उसके पासपोर्ट पे लगे फोटो से उसका चेहरा मिलाया.

"यस." कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम

"वेलकम तो बहमास,मॅ'म.एंजाय युवर स्टे.",उसने पासपोर्ट उसे वापस थमा दिया & 1 आखरी भर नज़र भर कर उसके सीने की दरार का दीदार किया.

"थॅंक यू."

बाहर निकलते ही उसने देखा कि 1 लंबा-चौड़ा नीग्रो उसके नाम का बोर्ड लेकर खड़ा है,वो उसके पास जा पहुँची & थोड़ी ही देर बाद 1 कार मे पीछे की सीट मे बैठी अपनी मंज़िल की तरफ रवाना हो गयी.थोड़ी देर बाद कार ने उसे जेटी पे उतार दिया.

"दिस बोट विल टेक यू तो युवर डेस्टिनेशन,मॅ'म.",उस नीग्रो ने उसका सारा समान 1 बड़ी सी याच मे चढ़ा कर उस से कहा.

"ओके.थॅंक्स"

शाम ढल रही थी & आसमान सिंदूरी हो गया था.वो बस अब जल्द से जल्द अपनी मंज़िल तक पहुँचना चाहती थी.45 मिनिट बाद याच 1 आइलॅंड पे रुकी.उतरते ही 1 और नीग्रो ने उसका समान लिया,"वेलकम,मॅ'म.मिस्टर.विजय सिंग ईज़ वेटिंग फॉर यू इन दा विला.",उसने 1 बड़े-से शानदार घर की तरफ इशारा किया.वो भागती हुई उस घर तक पहुँची & गेट मे दाखिल हो गयी.चारो तरफ तरह-2 के पौधे लगे थे,1 बड़ा सा स्विम्मिंग पूल भी था.वो उस नीग्रो के पीछे चलती हुई विला के अंदर दाखिल हो गयी.सब कुच्छ बहुत शानदार था & वैसा ही जैसा उसे पसंद था. कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम

वो नीग्रो उसका समान ले पता नही विला मे कहा गायब हो गया कि तभी 2 मज़बूत बाज़ुओं ने उसे पीछे से अपनी गिरफ़्त मे जाकड़ लिया.वो घूम कर उस इंसान के सामने हो गयी & उस से लिपट गयी.दोनो 1 दूसरे से चिपके 1 दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे.

"ओह....मेनका...आख़िरकार."

"हा,यश आख़िरकार हम फिर मिल गये.",वो अनिता सिंग और कोई नही बल्कि अपनी मेनका थी & ये विजय सिंग है राजा साहब.

दोनो 1 दूसरे को बाहों मे भरे वहा बड़े से सोफे पे बैठ गये & फिर से 1 दूसरे के होठ का रस पीने लगे.

जब अलग हुए तो मेनका ने सवाल किया,"ये सब तुमने कैसे सोचा यश?

"सब बताते हैं,मेरी जान.",राजा साहब ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया & 1 बेडरूम मे ले जाकर बिस्तर पे लिटा दिया.दरवाज़ा बंद कर वो घूमे तो मेनका ने उन्हे नज़र भर के देखा.वो 1 टी-शर्ट & हाफ-पॅंट मे थे.दाढ़ी-मूँछछ साफ करा ली थी & बहामा के सूरज ने उनके रंग को काँसे जैसा निखार दिया था.उसकी चूत गीली होने लगी.कितने दीनो बाद वो अपने प्रेमी के साथ अकेली थी पर मन मे कई सवाल घूम रहे थे & उसे उनका जवाब भी चाहिए था.
 
"बताओ ना,कैसे सोचा ये सब?"

"बताते हैं.",राजा साहब बिस्तर पे उसकी बगल मे बैठ गये & उसे बाहों मे भर उसकी आँखो मे झाँकने लगे.

"तुम्हे वो दिन याद है जब हम तुम्हारे मयके से लौटने के बाद अपने वकील से मिलने शहर गये थे?",उन्होने अपना 1 हाथ उसकी ड्रेस मे घुसा दिया & उसकी जांघे सहलाने लगे.मेनका भी मचल गयी & उनसे और सताते हुए उनकी टी-शर्ट मे हाथ घुसा उनकी पीठ पे फेरने लगी.

"हा."

"वकील के साथ जैसे ही हमारी मीटिंग ख़त्म हुई कि हुमारे दोस्त दुष्यंत का फोन आया.दुष्यंत 1 डीटेक्टिव एजेन्सी चलाता है & हमारे कहने पे वो विश्वा की मौत की छान्बीन कर रहा था.उसने उस आदमी को ढूंड निकाला था जिसपे उसे & हमे विश्वा का कातिल होने का शक़ था.",मेनका की ड्रेस उसकी कमर तक उठ चुकी थी & राजा साहब का हाथ अब उसकी पॅंटी मे घुस उसकी गंद मसल रहा था.

मेनका ने अपनी टांग उठा कर उनकी टांग पे रख दी तो राजा साहब ने भी अपनी टांग उसकी टांगो के बीच घुसा उसकी गंद को भीचते हुए अपने से इस तरह सटा लिया कि उनका लंड सीधा उसकी चूत पे रगड़ खाने लगा.मेनका ने उनकी शर्ट निकाल दी & मस्त हो उनके बालो भरे सीने को चूमने-सहलाने लगी,"फिर क्या हुआ?" कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम

"हमने किसी तरह से उस इंसान को अपने क़ब्ज़े मे इस तरह ले लिया कि दुष्यंत को पता भी ना चला.",राजा साहब ने अपना हाथ उसकी पॅंटी मे से निकाल कर उसकी ड्रेस का ज़िप खोल दिया & उसमे हाथ घुसा उसकी पीठ सहलाने लगे & बताने लगे कि कैसे उन्होने कल्लन को पकड़ा & उस से सारी बात उगलवाई.

इतने दीनो बाद अपने आशिक़ से ऐसी बेताकल्लूफ़ी से मिलने के कारण मेनका अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.उसने अपने ससुर की पॅंट निकाल दी & खुद ही खड़ी हो कर अपनी ड्रेस & पॅंटी अपने जिस्म से अलग कर दी.फिर बेड पे चढ़ि & राजा साहब को धकेल कर लिटा दिया & फिर झुक गयी उनके लंड पे.

"एयेए...आअहह!",राजा साहब की आँखे मज़े मे बंद हो गयी & वो अपनी बहू की जीभ का लुत्फ़ उठाने लगे.

"हमे समझ मे नही आ रहा था कि हम क्या करे?दिल तो कर रहा था कि कल्लन,जब्बार & मलिका को तुरंत मौत के घाट उतार दे.पर ऐसा करने से हमे सज़ा होती & हम तुम से दूर हो जाते.",राजा साहब अपनी लंड चुस्ती बहू के बाल सहला रहे थे.

"इसी पशोपेश मे ड्राइव करते हम कल्लन को बंदी बना राजपुरा लौट रहे थे जब उसने गाड़ी से भागने की कोशिश की और हमारा आक्सिडेंट हो गया & हम कार सहित खाई मे जा गिरे.",मेनका उनके लंड & आंडो पे पूरे जोश के साथ जुटी उनकी बात सुन रही थी. कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम

"भगवान की दया से हमे थोड़ी खरोन्चे ही आई थी & कोई गहरी चोट नही पर कल्लन मर चुका था.तभी हमारे दिमाग़ मे 1 तरकीब आई.हमने कल्लन को अपने कपड़े पहनाए & उसे कार मे बिठा उसमे आग लगा दी & ध्यान रखा कि उसका चेहरा पूरी तरह से जल जाए.हमने अपना ब्रेस लेट उसे पहना दिया ताकि जिस से तुम उसकी शिनाख्त हमारे नाम की कर दो.",मेनका ने लंड छ्चोड़ उनकी तरफ भारी आँखो से देखा तो राजा साहब ने उसे खीच कर अपने उपर ले लिया & बाहो मे भर उसके चेहरे पे किस्सस की बौच्हर कर दी.

"हमे माफ़ कर देना.हमने तुम्हे बहुत तकलीफ़ पहुँचाई ना उस समय?"

"कोई बात नही.अब तो सब ठीक है.",उन्होने उसके आँसू अपने होंठो से साफ कर दिए तो मेनका मुस्कुरा दी."पर उन कामीनो तक कैसे पहुँचे?",अपनी भारी छातिया उनके सीने पे दबाए हुए उसने उनके चेहरे को अपने हाथों मे ले चूम लिया.

"हम कुच्छ दीनो के लिया हमारे 1 घर मे छुप गये & दाढ़ी-मूँछ बढ़ा 1 सरदार का भेस ले लिया.फिर जब्बार की हर्कतो पे निगाह रखने लगे & 1 दिन मौका देख उस से मुलाकात कर ली.",राजा साहब उसे बाहों मे भर करवट ले उसके उपर सवार हो गये कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम & उसकी मस्त,कसी हुई बड़ी चूचियों से खेलने लगे.उसकी चूचियो को दबाने,मसलने,चूमने,चाटने & चूसने के बीच उन्होने उसे बताया कि कैसे उन्होने भाड़े के गंडो से जब्बार & मलिका पे हमला करवाया & फिर उनका विश्वास जीत लिया & कैसे जब्बार उन्हे मिल्स खरीदने राजपुरा ले गया.

वो नीचे उतर उसकी चूत चाटने लगे,"उसके बाद तो तुम्हे पता ही है कि हम गुप्त रास्ते से महल मे घुस कर तुमसे मिलने आए & ये प्लान बनाया कि सारी इल्लीगल प्रॉपर्टी & पैसों को इकट्ठा कर यहा बहामास मे सेट्ल हो जाएँ & तुम अपनी वसीयत मे अपनी मौत के बाद सबकुछ दान कर दो,ताकि हमने तुम्हे जो वादा किया था वो भी पूरा हो जाए."

"ह्म्म्म...!",मेनका उनके सर को अपनी चूत पे दबाती अपनी कमर उचकती बस इतना ही कह पाई.

"मेनका,मेरी जान!हमारा मक़सद था अपनी बची हुई ज़िंदगी तुम्हारी बाहों मे गुज़ारना & इसीलिए हमने तुम्हारे ज़रिए जब्बार को ये धोखा दिया कि तुम मिल्स उसे बेचोगी जबकि तुमने सपरू साहब के साथ डील कर ली थी. हमारे महल मे आग लगाके मालिका & उसे मौत की नींद सुलाने से हुमारा बदला तो पूरा हुआ ही,साथ मे मलिका की जाली लाश मिलने से सबने यही समझा कि वो तुम हो.",मेनका अब तक 3 बार झाड़ चुकी थी.अपने प्रेमी की हरकते ही नही उसकी बातें-जो ये ज़ाहिर करती थी कि वो उसे कितना चाहता है & केवल उसके साथ चैन से ज़िंदगी बिताने के लिए उसने इतना जोखिम उठाया-भी उसे मस्त किए जा रही थी.

उसने हाथ बढ़ा राजा साहब का सर अपनी चूत से अलग किया & खींच कर अपने उपर आने का इशारा किया.राजा साहब फ़ौरन उसके उपर आ गये तो उसने अपनी टांगे फैला दी,"उन पैसों से यहा हमने काफ़ी प्रॉपर्टी खरीदी है,जानेमन.दुनिया के लिए राजा यशवीर & मेनका मर चुके हैं पर अनिता & विजय के नाम से आज हम अपनी नयी ज़िंदगी का यहा इस खूबसूरत जगह मे आगाज़ करते हैं..",और उन्होने अपना लंड उसकी गीली चूत मे पेल दिया,मेनका ने भी कामुक-कहानियाँ.ब्लॉगस्पोट.कॉम अपनी टांगे & बाहें उनके जिस्म के गिर्द लपेट दी & दोनो प्यार के समंदर मे गोते लगाने लगे.

तो दोस्तो इस तरह दोनो ससुर बहू अब एक पति-पत्नी बनकर अपनी जिंदगी गुजारने लगे

दा एंड
 
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