hotaks444
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रामा बेटी… कहाँ हो सब लोग…?
उनकी आवाज़ सुनकर, हम तीनों को जैसे साँप सूंघ गया, जो जिस पोज़िशन में था, वहीं जम गया…
फिर भाभी को जैसे होश आया हो, वो झटपट मेरे मुँह से उठी, और दीदी से बोली –
रामा तुम जल्दी से नीचे चलो, मे दो मिनिट में आती हूँ…
दीदी लपक कर उठी, और गेट खोलकर नीचे भागती हुई चली गयी…
भाभी भूंभुनाते हुए अपनी मेक्सी पहनने लगी – ये बाबूजी को भी अभी आना था, थोड़ी देर बाद नही आ सकते थे…
हम दोनो की हालत हद से ज़्यादा खराब थी, हम ऐसी स्थिति में थे जहाँ से लौट पाना हर किसी के वश में नही होता…
लेकिन मेरे लिए खड़े लंड पे धोका (कलपद) कहो या, भाभी के लिए गीली चूत पे धोका (गक्पद).. हो ही गया था…दीदी तो बेचारी अभी शुरू ही हुई थी.
वो मेक्सी पहन कर थोड़ा अपने बाल वाल सही कर के, मेरे नंगे लंड को चूमकर जो किसी टोपे की तरह अभी भी सीधा खड़ा था बोली..
कोई बात नही बच्चू, तुझे मे बाद में देखती हूँ, और स्माइल कर के वो भी नीचे चली गयी…
आज हमें भैया का गौना करने जाना था.. सुबह से ही घर में चहल-पहल थी… दोनो भाई कल शाम को ही घर आ चुके थे..
दो गाड़ियों से हम भाभी के घर पहुँचे… एमएलए साब ने हम लोगों की खूब खातिरदारी की…
कामिनी भाभी ने जाते ही मेरा गिफ्ट मुझे दे दिया… ये एक बहुत ही वेल नोन ब्रांड का स्मार्ट फोन था जो अभी-2 लॉंच हुआ था…
मेने भाभी के गालों को किस कर के थॅंक्स कहा… तो वो मुस्कराते हुए बोली – ये तो आपका उधार था जो मेने पटाया है.. इसका थॅंक्स में आपसे कैसे ले सकती हूँ..
उसी दिन शाम को हम भाभी को लेकर विदा हो लिए… एमएलए साब ने विदा के तौर पर भैया और भाभी को एक शानदार रेनो फ्लूयेन्स कार गिफ्ट में दी…जिसे अच्छे से डेकरेट कर के नव बधू को विदा किया…
भैया खुद गाड़ी चलके लाए और उनकी दुलहानियाँ उनके आगोश में थी…
बड़े भैया तो दूसरे दिन ही अपनी ड्यूटी पर निकल गये…, छोटे भैया भी दो दिन अपनी दुल्हन को भरपूर प्यार देकर अपनी ड्यूटी लौट गये…
वो अब एसपी प्रोमोट हो चुके थे…, तो लाज़िमी है, ज़िम्मेदारियाँ भी बढ़ गयी थी.. इसलिए वो ज़्यादा समय नही दे पाए अपनी नव व्यहता पत्नी को…
लेकिन उनका प्लान था.. कि कुछ दिनो के बाद वो भाभी को साथ रखने वाले थे… इसमें घर पर भी किसी को एतराज नही था…!
इधर कॉलेज में रागिनी मुझसे हर संभव मिलने का मौका ढूढ़ती रहती…
मुझे नही पता कि उसके मन में क्या चल रहा था… लेकिन कुछ तो था जो मेरी समझ से परे था…
छोटी चाची की प्रेग्नेन्सी को भी पूरा समय हो चुका था… जिससे मोहिनी भाभी ज़्यादातर उनके पास ही रहती थी…
आक्शर मे भी उनके पास चला जाता, उनकी खैर खबर लेने, या कोई बाज़ार का अर्जेंट काम हो तो, ये सब जानने के लिए.
लेकिन शायद इतना काफ़ी नही था, कोई तो एक ऐसी अनुभवी औरत चाहिए थी, जो अब 24 घंटे उनके पास रह सके…
सो चाचा अपनी ससुराल जाकर अपने छोटे साले की पत्नी (सलहज) को ले आए…जो चाची की उमर की ही थी…
30 वर्षीया सरला मामी, भरे पूरे बदन की मस्त माल थी, खास कर उनकी गान्ड देख कर किसी का भी लंड ठुमके लगाने पर मजबूर हो जाए..
उनकी आवाज़ सुनकर, हम तीनों को जैसे साँप सूंघ गया, जो जिस पोज़िशन में था, वहीं जम गया…
फिर भाभी को जैसे होश आया हो, वो झटपट मेरे मुँह से उठी, और दीदी से बोली –
रामा तुम जल्दी से नीचे चलो, मे दो मिनिट में आती हूँ…
दीदी लपक कर उठी, और गेट खोलकर नीचे भागती हुई चली गयी…
भाभी भूंभुनाते हुए अपनी मेक्सी पहनने लगी – ये बाबूजी को भी अभी आना था, थोड़ी देर बाद नही आ सकते थे…
हम दोनो की हालत हद से ज़्यादा खराब थी, हम ऐसी स्थिति में थे जहाँ से लौट पाना हर किसी के वश में नही होता…
लेकिन मेरे लिए खड़े लंड पे धोका (कलपद) कहो या, भाभी के लिए गीली चूत पे धोका (गक्पद).. हो ही गया था…दीदी तो बेचारी अभी शुरू ही हुई थी.
वो मेक्सी पहन कर थोड़ा अपने बाल वाल सही कर के, मेरे नंगे लंड को चूमकर जो किसी टोपे की तरह अभी भी सीधा खड़ा था बोली..
कोई बात नही बच्चू, तुझे मे बाद में देखती हूँ, और स्माइल कर के वो भी नीचे चली गयी…
आज हमें भैया का गौना करने जाना था.. सुबह से ही घर में चहल-पहल थी… दोनो भाई कल शाम को ही घर आ चुके थे..
दो गाड़ियों से हम भाभी के घर पहुँचे… एमएलए साब ने हम लोगों की खूब खातिरदारी की…
कामिनी भाभी ने जाते ही मेरा गिफ्ट मुझे दे दिया… ये एक बहुत ही वेल नोन ब्रांड का स्मार्ट फोन था जो अभी-2 लॉंच हुआ था…
मेने भाभी के गालों को किस कर के थॅंक्स कहा… तो वो मुस्कराते हुए बोली – ये तो आपका उधार था जो मेने पटाया है.. इसका थॅंक्स में आपसे कैसे ले सकती हूँ..
उसी दिन शाम को हम भाभी को लेकर विदा हो लिए… एमएलए साब ने विदा के तौर पर भैया और भाभी को एक शानदार रेनो फ्लूयेन्स कार गिफ्ट में दी…जिसे अच्छे से डेकरेट कर के नव बधू को विदा किया…
भैया खुद गाड़ी चलके लाए और उनकी दुलहानियाँ उनके आगोश में थी…
बड़े भैया तो दूसरे दिन ही अपनी ड्यूटी पर निकल गये…, छोटे भैया भी दो दिन अपनी दुल्हन को भरपूर प्यार देकर अपनी ड्यूटी लौट गये…
वो अब एसपी प्रोमोट हो चुके थे…, तो लाज़िमी है, ज़िम्मेदारियाँ भी बढ़ गयी थी.. इसलिए वो ज़्यादा समय नही दे पाए अपनी नव व्यहता पत्नी को…
लेकिन उनका प्लान था.. कि कुछ दिनो के बाद वो भाभी को साथ रखने वाले थे… इसमें घर पर भी किसी को एतराज नही था…!
इधर कॉलेज में रागिनी मुझसे हर संभव मिलने का मौका ढूढ़ती रहती…
मुझे नही पता कि उसके मन में क्या चल रहा था… लेकिन कुछ तो था जो मेरी समझ से परे था…
छोटी चाची की प्रेग्नेन्सी को भी पूरा समय हो चुका था… जिससे मोहिनी भाभी ज़्यादातर उनके पास ही रहती थी…
आक्शर मे भी उनके पास चला जाता, उनकी खैर खबर लेने, या कोई बाज़ार का अर्जेंट काम हो तो, ये सब जानने के लिए.
लेकिन शायद इतना काफ़ी नही था, कोई तो एक ऐसी अनुभवी औरत चाहिए थी, जो अब 24 घंटे उनके पास रह सके…
सो चाचा अपनी ससुराल जाकर अपने छोटे साले की पत्नी (सलहज) को ले आए…जो चाची की उमर की ही थी…
30 वर्षीया सरला मामी, भरे पूरे बदन की मस्त माल थी, खास कर उनकी गान्ड देख कर किसी का भी लंड ठुमके लगाने पर मजबूर हो जाए..