Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला - Page 20 - SexBaba
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Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला

"ओह! हां ऐसे ही! ऐसे ही करते रहो!" वो किसी तरह अपनी गान्ड को बेड पर से उछालते हुए बोली, और चूत के दाने को धीरज की जीभ के उपर दबाने लगी. धीरज चूत के दाने को चूसे जा रहा था, और उसने अब दो उंगलियाँ डॉली की पनिया रही चूत में घुसा दी थी.

"हे भगवान! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह्ह्ह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है! ओह हां" डॉली जो से चीखी, और अपनी दोनो टाँगें भींच ली और धीरज की जीभ को चूत के दाने से दूर कर दिया. जैसे ही वो हान्फते हुए बेड पर गिरी, धीरज ने अपने बालों को उसकी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए, फडक रही चूत में से निकल रहे पानी को चाटना शुरू कर दिया. धीरज मन ही मन सोचने लगा, ये तो बस पहला ही राउंड था.

नेक्स्ट रूम में तान्या मन ही मन मुस्कुरा रही थी, और राज उसके पास लेटे हुए करवटें बदल रहा था. शुरूवात में तो उस ने बगल के रूम से आ रही आवाज़ों पर कोई ध्यान नही दिया, लेकिन जब आवाज़ें तेज हो गयी, और वो डॉली दीदी की कराहने की आवाज़ों को सॉफ सुनने लगी, तो उसको यकीन हो गया कि धीरज उसकी ननद की चुदाई कर रहा है. उसको इस बात का पता नही था कि धीरज ये सब जान बूझ कर कर रहा है. और अंत में डॉली की आह ऊ की कराह जब एक लंबी आअहह में बदल गयी, तो राज बेड से उठकर पाजामा पहने हुए ही बाल्कनी में चला गया. 

"तुम ठीक तो हो ना?" तान्या ने पूछा, और पीछे से उसकी कमर में बाहें डाल दी. तान्या ने भी बस एक ट्रॅन्स्परेंट सा गाउन पहना हुआ था.

"उन आवाज़ों को सुनकर.... उस.... शोर में कोई सो सकता है क्या? उनको कुछ तो शरम होनी चाहिए!" राज गुर्राते हुए बोला. तान्या ने आज पहली बार राज इतना ज़्यादा नाराज़ देखा था. तान्या उसको शांत करने की कोशिश करने लगी. 

"मुझे लगता है, वो अब कर चुके हैं, चाहो तो अंदर बेड पर आ जाओ." तान्या ने अपने बदन को राज के बदन पर घिसते हुए कहा, तान्या सोच रही थी, हो सकता है अपनी बेहन की चुदाई की आवाज़ों से राज का भी चुदाई का मन कर रहा हो.

"अब तुम तो शुरू मत करो!" राज उस से दूर होते हुए गुस्से में बोला. “इस बीच हाउस में एक बेशरम कपल ही बहुत है." राज बेड रूम में जाकर धडाम से बेड पर लेट गया, और फिर उसने एक गहरी लंबी साँस ली.

तान्या बाल्कनी में ही रुक कर खड़ी होकर सोचने लगी, कितना अच्छा होता यदि बगल वाले रूम में धीरज के साथ वो खुद होती. तान्या तो मन ही मन डॉली के साथ में धीरज को एक साथ शेयर करने को भी तय्यार थी, बस वो भी डॉली की तरह मस्त होकर कराहना चाहती थी. तान्या ने अपने सिर को झटका और यथार्थ में आ गयी, और बेडरूम में फिर से अंदर आ गयी. बेडरूम में अंदर आते ही उसको बगल वाले रूम से बेड के चरमराने की आवाज़ सुनाई दी. हे भगवान, वो अभी भी चालू हैं. तान्या मुस्कुराइ और फिर से बाल्कनी में लौट आई.

धीरज अभी भी अपनी बीवी की चूत में से निकल रही मलाई को चाट रहा था. धीरज चूत के आस पास के सेन्सिटिव हिस्से को अपनी जीभ से चाट रहा था, और बीच बीच में चूत के खुले हुए होंठों को भी चाट लेता. जब डॉली तो थोड़ा होश आया, और उसकी साँसें संयत हुई, वो बेहद गरम हो चुकी थी, और उसकी चूत में आग लगी हुई थी. 

“हे भगवान, धीरज! ये तुम क्या कर रहे हो!” डॉली चीख कर बोली, और उसने अपनी जांघें और ज़्यादा फैला दी, और फिर से उसने धीरज के बालों को पकड़ लिया. धीरज अब भी अपनी बीवी की चूत को चाटे जा रहा था, धीरज तो जिंदगी भर उसकी चूत को चाटते रहना चाहता था, फिर भी उसका मन नही भरता. फिर से चूत के दाने को उसने मूँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया, और फिर से दो उंगलियाँ चूत में अंदर घुसा दी. 

जैसे ही धीरज ने चूत के दाने को चूसना शुरू किया, और दो उंगलियों को चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया, डॉली चीख कर बोली, "ओह धीरज! बहुत मज़ाआअ... आ रहा... है." जिस तरह से डॉली मचल रही थी, धीरज को चूत के दाने को मूँह में रखना मुश्किल होता जा रहा था. 

"हे भगवान! हे भगवान! हे भगवान!" डॉली चीख रही थी, और उसके सारे शरीर में दौरे से पड़ रहे थे, और उसकी चूत में से निकल रहा रस धीरज की थोड़ी और उंगलियों को गीला कर रहा था. धीरज ने चूत के दाने को छोड़ कर चूत में से निकल रहे रस को चाटना शुरू कर दिया. डॉली का बदन काँप रहा था, और धीरज के चूत को अंदर बाहर चाटने से उसकी चूत फडक रही थी.

इस से पहले कि डॉली की साँस में साँस आती, धीरज ने डॉली के उपर आते हुए अपने फन्फनाते लंड को एक झटके में डॉली की चूत में पेल दिया. डॉली की नरम गीली चूत ने धीरज के लंड को अपने आगोश में भर लिया, और डॉली के हिप्स धीरज के झटकों के साथ उपर नीचे होकर ताल से ताल मिलाने लगे. 

"ओह! ओह! ओह! ऑश!" डॉली की कराहों में धीरज के झटकों की तीव्रता झलक रही थी. 
 
धीरज का लंड उसकी गरमा गरम मस्त मखमली चूत में घुसकर चूत में लगी आग को भुजाने की कोशिश कर रहा था. 

"ओह धीरज! मैं फिर से होने वाली हूँ! ओह धीरज! धीरज! धीरज!" डॉली अपनी उंगलियाँ धीरज के हिप्स में गढ़ाए जा रही थी. धीरज ने अपनी बाहें डॉली की बाहों के नीचे ले जाकर, उसको रोल कर दिया, और डॉली को अपने उपर ले आया.

डॉली उठकर उसके लंड के उपर बैठ गयी, और किसी कामुक औरत की तरह लंड की सवारी करने लगी. धीरज बस मुस्कुरा रहा था, और उनके बेड का हेडरेस्ट दीवार से टकरा कर ठक ठक की आवाज़ कर रहा था. 

डॉली जल्दी जल्दी उपर नीचे होकर अपनी चूत में धीरज के लंड को अंदर बाहर कर रही थी. धीरज ने उसके खड़े हुए निपल्स को पकड़ लिया, और उसकी घुंडीयों को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच लेकर उनको मसलने लगा, और उपर नीचे हो रही चून्चियो से उनको अपनी तरफ खींचने लगा. डॉली की चुदाई ने उसको झड़ने पर मजबूर कर दिया था, उसकी टाँगों में कसाव बढ़ने लगा, उसकी गोलियों सिंकूडने लगी, और बस कुछ ही सेकेंड में लावा फूटने वाला था. 

"आ! आ! आ! अहह!" डॉली'स के कराहने की आवाज़ उसके उपर नीच होने से मिलते हुए निकल रही थी. धीरज उसकी चूत में से निकल रहे जूस को अपने लंड पर महसूस कर रहा था. और जैसे ही लंड से वीर्य की धार निकली और उसकी प्यासी चूत में पानी की एक पिचकारी छूटी, डॉली की चूत ने धीरज के लंड को जकड लिया. डॉली का बदन काँप उठा, और वो ढेर होकर उसकी छाती पर लेट गयी, उसकी चूंचियाँ दोनो की छातियो के बीच कुशन का काम कर रही थी, और उसकी चूत बार बार खुल कर बंद हो रही थी, और लंड में से ज़्यादा से ज़्यादा पानी निचोड़ने की कोशिश कर रही थी. 

दोनो तेज तेज साँसें ले रहे थे, लेकिन डॉली हाँफ रही थी. उसका सिर धीरज के कंधों पर था. धीरज ने डॉली के बालों पर हाथ फिराते हुए उसको माथे पर किस कर लिया, और मन ही मन सोचने लगा कि तान्या इतनी आवाज़ों को सुनकर क्या सोच रही होगी. 

तान्या के समझ में नही आ रहा था कि राज बगल के रूम से आ रही आवाज़ों से इतना ज़्यादा क्यों परेशान है. तान्या को तो ये सब बहुत एग्ज़ाइटिंग लग रहा था, और वो चाहती थी कि राज भी कुछ करे.

राज के भी कुछ समझ में नही आ रहा था, वो अपनी सग़ी बड़ी बेहन की चुदाई की आवाज़ों से इतना ज़्यादा क्यों परेशान हो रहा है. डॉली दीदी अपने पति से ही तो चुदवा रही थी, किसी गैर मर्द से तो नही. आख़िर राज चाहता क्या है? क्या डॉली दीदी की शादी के बाद भी उनके उपर अभी भी उसका हक़ है? बेड पर लेट कर राज अपनी दीदी की कराहने की आवाज़ों को सुनने लगा, और उसके दिमाग़ में दीदी की चुदाई की पिक्चर चलने लगी. राज अपनी दीदी के नंगे बदन और उनकी उछल रही चूंचियों की कल्पना करने लगा. वी उस पल को याद करने लगा जब दीदी उसकी उपर बैठ कर उसको चोदा करती थी, और दीदी ने कैसे उसको पागल कर दिया था. 

"चलो राज हम भी थोड़ी अपनी आवाज़ें निकालते हैं," तान्या ने राज के पाजामे में बन रहे टेंट को देखते हुए बोला, और खिसक कर उसके पास आ गयी.

"ये कोई कॉंपिटेशन हो रहा है क्या?" राज खीज कर बोला, और फिर उसको एहसास हुआ कि वो बेकार में अपना गुस्सा तान्या पर निकाल रहा है. तान्या की तो इसमे कोई ग़लती नही है, वो तो बहुत अच्छी बीवी है. 

"आइ'म सॉरी," वो बोला, और तान्या की तरफ घूमकर देखा, तान्या अपना नाइट्गाउन उतार चुकी थी. 

"शो मी यू'आर सॉरी," तान्या मुस्कुराते हुए बोली, और अपनी नंगी जांघों को उसके पाजामे में बन रहे टेंट के उपर घिसने लगी. राज ने तान्या को सर्प्राइज़ कर दिया जब वो तान्या को उसकी पीठ के बल लिटाते हुए उसके उपर आ गया और अपने पाजामा उतार दिया. 

जैसे ही राज तान्या के उपर आया, वो अपने लंड को तान्या की गीली चूत के सामने ले आया, वो ऐसा इसलिए कर रहा था जिस से उसके दिमाग़ से अपनी सग़ी बड़ी बेहन डॉली की चुदाई के बार में सोचने से वो अपने दिमाग़ को हटा सके. राज समझ नही पा रहा था कि वो हमेशा डॉली दीदी की चुदाई के बारे में ही क्यों सोचता रहता है, और तभी उसने अपने हथियार को अपनी बीवी की इंतेजार कर रही गीली मुलायम चूत में घुसा दिया.

बगल के रूम से आ रही चुदाई की आवाज़ सुनकर तान्या की चूत पहले से ही चिकनी होकर चुदने के लिए तय्यार हो चुकी थी. अपनी आँखें बंद कर के तान्या आवाज़ों को सुनकर ही अंदाज़ा लगा रही थी कि बगल के रूम में धीरज क्या कर रहा होगा, जिस से डॉली की ऐसी आवाज़ें निकल रही हैं. तान्या अपने एक्सपीरियेन्स से जानती थी कि कैसे धीरज किस तरह पहले अपनी जीभ से चूत को चाटता है और फिर अपना मूसल जैसा लंड चूत में पेल देता है. राज के लंड का तान्या की चूत में अंदर बाहर होना जारी था, और अब तान्या भी अपनी गान्ड उपर की तरफ उछाल कर राज का साथ देने लगी थी. 
 
झडने से पहले जैसे ही राज ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ाई, तान्या भी झडने के करीब पहुँच गयी थी. वो झडने के करीब थी लेकिन इतना करीब भी नही. तान्या ने अपना सिर पिल्लो पर ज़ोर से रख दिया, और सोचने लगी हो सकता है उसकी चूत की आग को बस अब धीरज ही ठंडी कर पाए.शायद तान्या की चूत को अब धीरज के लंड से चुदने में ज़्यादा मज़ा आने लगा था.

"गुड मॉर्निंग," तान्या ने टेरेस पर आते हुए वहाँ पर पहले से बैठे धीरज और डॉली को विश किया. 

"गुड मॉर्निंग , आआओ यहाँ बैठ कर कॉफी पियो," धीरज बोला.

"ये लो बिस्कट भी लो," डॉली ने अपनी भाभी की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा, शायद डॉली को शरम आ रही थी, कि हो सकता है कल रात उसकी आवाज़ों को तान्या और राज ने सुन लिया होगा. 

"किसी बीच पर वाकेशन्स पर भूख कुछ ज्याद ही लगती है," तान्या ने मुस्कुराते हुए कहा और बॉक्स में से एक क्रीम वाला बिस्कट निकाल कर खाने लगी. धीरज जब कॉफी की चुस्की ले रहा था, तान्या ने क्रीम के बिस्कट को बीच में से खोलकर उसकी क्रीम को चाटते हुए धीरज की तरफ देखा. डॉली तान्या के पीछे बैठी थी, इसलिए उसको कुछ पता नही चल रहा था, लेकिन धीरज को कॉफी पीते हुए एक दम खाँसी आ गयी, और वो खांस कर तान्या की देखकर मुस्कुराने लगा. 

जैसे ही तान्या ने राज को स्विम करने वाला निकर और टी-शर्ट पहन कर टेरेस पर आते हुए देखा, वो बोली "उठ गये कुंभकारण." राज बैठते हुए सब की तरफ देखकर मुस्कुराया और एक कप में उसने केट्ल से कॉफी उंड़ेल ली. 

"मैने सोचा हम तो आज सुबह बीच पर जाने वाले थे ना," राज थोड़ा एग्ज़ाइटेड होते हुए बोला.

"हां चल रहे हैं ना!" तान्या उठ कर खड़ी हो गयी, और उसने डॉली को भी बाँह से पकड़ कर खड़ा कर दिया. "बस थोड़ी देर में हम चेंज कर के तय्यार होकर आते हैं."

"हम अभी आता हैं," डॉली ने धीरज के गाल पर किस किया और तान्या के पीछे पीछे रूम्स की तरफ चली गयी. कुछ देर बाद धीरज ने बातें शुरू करने की कोशिश की लेकिन राज की तरफ से प्रॉपर रेस्पॉन्स ना मिलने पर दोनो के बीच अजीब सी खामोशी छा गयी, और दोनो चुपचाप समुंदर के किनारे पर लहरों को दम तोड़ते हुए देखने लगे.

"ये मेरे उपर सूट तो कर रहा है ना?" डॉली ने फुसफुसाते हुए तान्या से पूछा, हालाँकि टेरेस पर बैठा हुआ कोई उनकी बात नही सुन सकता था. "एक तो क्लीवेज बहुत ज़्यादा दिखाई दे रहा है, और उपर से मेरे हिप्स तो सारे दिखाई दे रहे हैं."

"तभी तो मज़ा आएगा!" तान्या ने डॉली की पीठ पर स्ट्रिंग को बाँधते हुए कहा, और फिर डॉली के बिकिनी टॉप के ट्राइंगल्स को उसके भारी भारी मम्मों पर फिट करने लगी. "अब देखना." तान्या बोली, और डॉली का हाथ पकड़ कर बेडरूम से उसको बाहर खींच लाई.

"ओके, बाय्स!" डॉली ने ज़ोर से टेरेस पर आते हुए बोला, "वी'आर रेडी!" धीरज और राज ने जब दोनो को इस तरह टेरेस पर आते हुए देखा, तो दोनो के मूँह खुले के खुले रह गये.

जैसे ही धीरज ने उन दोनो के अर्ध नग्न कामुक बदन को देखा वो बोला "ओहमाइगॉड!" और बोलते हुए, उसको कॉफी पीते हुए फिर से खाँसी आ गयी. 

"ये स्विम सूट्स तुमने कहाँ से खरीदे?"

"कहाँ से नही, बल्कि क्यूँ करीदे ये सवाल है," राज ने पूछा, उसको विश्वास नही हो रहा था कि उसकी बीवी और बेहन क्यों सबके के सामने अंग प्रदर्शन करना चाहती हैं. "डॉली दीदी, माइ गॉड! आप को मैने पहली बार इस तरह देखा है, आप इसको नही पहनो प्लीज़!"

"अच्छा, तुम्हारी बीवी पहन ले तो कुछ नही?" तान्या ने पूछा, और खिसक कर राज के सामने आ गयी. राज जब अपनी बीवी की चूंचियों को निहार रहा था, उस वक़्त धीरज उसकी भरपूर गान्ड की गोलाईयों पर नज़रें टिकाए हुए था. 

"नही ! मेरा वो मतलब नही था!" राज अपनी बेहन डॉली के नग्न शरीर को देख कर लगे झटके से उबरने का प्रयास करते हुए बोला. "तुम दोनो को नही पहनने चाहिए, क्यों धीरज, सही कह रहा हूँ ना?" राज ने जीजू से सहमति पाने के लिए पूछा.
 
"मुझे लगता है तुम दोनो बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही हो, और बीच पर सब लड़के बस तुम दोनो को ही देखेंगे, और हम से जलने लगेंगे" धीरज ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, और बारी बारी अपनी बीवी और सलहज का चक्षु चोदन करने लगा, और मन ही मन ग़लतफहमी में सोचने लगा, कि इस दुनिया में बस एक वो ही इकलौता मर्द है जिसने इन दोनो मस्त माल को चोदा है. 

"चलो इस से पहले कि फिर से हमारा मूड चेंज हो जाए, चलो जल्दी से बीच पर चलते हैं" डॉली ने एक हाथ से बीच बॅग और दूसरा हाथ धीरज की बाँह में डालते हुए कहा, और सीढ़ियाँ उतार कर बीच की तरफ बढ़ चली. तान्या ने भी राज की बाँह में बाँह डालने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन राज ने उसको दूर कर दिया, और तान्या को घूर कर देखा. 

"ठीक है, मोटूराम," तान्या राज को देखकर मुस्कुराइ और फिर उसने भाग कर धीरज का दूसरा हाथ पकड़ लिया. बीच पर जीतने भी लड़के थे वो तान्या को टू पीस बिकिनी में दौड़ते हुए देखने लगे, और दौड़ते हुए उसके मम्मों को, और चड्डी में उसके हिप्स को उपर नीचे होता हुआ देखने लगे. राज ने भी हताश होकर अपनी सिर को झटक दिया, और फिर उन तीनों के साथ शामिल होने के लिए उनकी तरफ दौड़ने लगा. 

"थोड़ा सनस्क्रीन लोशन लगा लो जिस से स्किन बर्न नही होगी," धीरज ने बीच बॅग में से सनस्क्रीन लोशन की बॉटल निकालते हुए डॉली से कहा. डॉली और तान्या ने थोड़ी सी सुनसान सी जगह पर एक चटाई सांड पर बिछा दी, और उसके उपर दोनो अपने पेट के बल लेट गयी. बिकिनी की चड्डी में से आधे ढके दोनो के चुतड़ों को धीरज निहारने लगा. दोनो की चड्डियों में से गान्ड की गोलाईयों के भरपूर दर्शन हो रहे थे.

"चलो आप मेरे सनस्क्रीन लोशन लगाओ और राज को डॉली दीदी के लगाने दो," तान्या बोली. "मैं नही चाहती तुम दोनो फिर से सारी दोपहर बियर पीक और नहाती हुई लड़कियों को देखते रहो, और हम दोनो बोर होती रहें," तान्या मुस्कुराते हुए बोली.

"तान्या!" डॉली ने झिड़कते हुए कहा, उसके दिल की धड़कन अपने आपत्ति के सामने अपने भाई से लोशन लगवाने की बात सुनकर ही हज़ारों गुना बढ़ गयी थी. डॉली ने अपनी दोनो जांघों को सिकोड कर चिपका लिया, और अपने एग्ज़ाइट्मेंट को छुपाने का प्रयास करने लगा

"ठीक है, जैसा तुम चाहो," धीरज ने ऐसा दिखाने की कोशिश की जैसे वो औरों के कहने पर तान्या के चुतड़ों पर लोशन लगा रहा है, हालाँकि मन ही मन तो वो भी ऐसा ही चाहता था. 

"दट'स ओके," राज बोला. "मैं तान्या के लगा देता हूँ और तुम डॉली दीदी के लगा दो." डॉली ने पीछे घूमकर देखा और अपनी हताशा छुपाने की कोशिशी की

"नही बेवकूफ़ तुम दीदी के लगाओ." तान्या मज़ाक करते हुए बोली और खुद धीरज के पास खिसक आई. "कम ऑन, जीजू. जैसा ये चाहती है वैसे ही कर लो." राज ने अपने कंधे उँचकाए और तान्या की बात मानने को तयार हो गया. और ज़्यादा बिना कुछ बोले अपनी दीदी की तरफ ध्यान से देखने लगा.

अपनी हथेलियों पर लोशन को रब कर के राज अपनी डॉली दीदी के पैरों के पीछे की तरफ प्यार और तरीके से लोशन लगाने लगा. जैसे ही उसके हाथ उपर डॉली की जांघों तक पहुँचे, डॉली ने अपनी सुडौल जांघें फैला ली. राज अपनी आधी नंगी सग़ी बड़ी बेहन के बदन पर लोशन लगाते हुए अपने दिमाग़ में कुछ और सोचने लगा ताकि उसका ध्यान भटक सके. राज के दिल की धड़कन भी तेज हो चुकी थी, उसको पसीने आ रहे थे, और उसके दिमाग़ में ना चाहते हुए भी वो सब चित्र घूमने लगे, जब राज ने डॉली को पहली बार घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा था. 

दूसरी तरफ धीरज ने तान्या के उपर लोशन लगाते हुए मसाज करना शुरू कर दिया था. राज की पीठ धीरज की तरफ थी, और डॉली का फेस दूसरी तरफ, इस बात का फ़ायदा उठाते हुए, वो तान्या की जांघों के अन्दुरनि हिस्सों को सहलाते हुए, बिकिनी की चड्डी के उपर से ही चूत के लिप्स को सहला रहा था. तान्या के मूँह से हल्की सी कराह निकल गयी, जब धीरज ने थोड़ा ज़्यादा बोल्ड होते हुए, राज और डॉली के उपर निगाह रखते हुए, तान्या की चड्डी को साइड में कर उसकी चूत में एक उंगली घुसा दी, और गरम हो चुकी चूत से निकल रही गर्माहट को महसूस करने लगा. 

जैसे ही धीरज ने अपनी सलहज की चिकनी हो चुकी चूत में उंगली करनी शुरू की, तान्या ने अपनी मूँह पर हाथ रख लिया. धीरज दूसरे हाथ से उसकी गान्ड की गोलाईयों पर लोशन लगा रहा था, वो ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहा था मानो दोनो हाथों से लोशन ही लगा रहा हो.

"सब जगह लगा देना राज," धीरज ने अपने सेयेल को डॉली की गान्ड पर लोशन लगाते हुए डेकःकर कहा. "डॉली को कहीं सन बर्न ना हो जाए."

"हां, राज सब जगह लगा दो" डॉली धीरे से बोली. "मुझे सुन बर्न नही होना चाहिए." अपने सगे भाई से लोशन लगवाते अपनी स्किन पर उसके हाथों से सहलाते हुए डॉली बेहद गरम हो चुकी थी, और उसकी चूत में आग लगनी शुरू हो गयी थी, किसी तरह उसने पानी साँसों पर काबू कर रखा था. वो अपनी जांघों को सिकोड कर अपनी चूत की मसल्स को दबाकर, दोनो टाँगों के बीच लग रही आग को ठंडा करने की कोशिश कर रही थी. राज का लंड भी अपनी दीदी के नंगे बदन को सहला कर सलामी मारने लगा था, और वो बार बार पोज़िशन बदल कर अपने निकर में बने टेंट को छुपाने की कोशिश कर रहा था.

शायद अब शरम का परदा हट चुका था, और धीरज बड़े मज़े से अपनी सलहज की चूत में उंगली अंदर बाहर कर के उसको उंगली से चोद रहा था, जब की उसक पति राज, और धीरज की बीवी डॉली बस कुछ ही फीट की दूरी पर थे. जैसे ही तान्या झडने को हुई, उसने अपनी मुत्ठियाँ भींच ली, और धीरज के हाथ के उपर अपनी चूत को घिसने लगी. राज और डॉली के उपर निगाह रखते हुए तान्या ने अपनी गान्ड थोड़ी उपर उठा ली, जिस से धीरज को और ज़्यादा आसानी हो गयी. धीरज ने चूत में से उंगली निकाल कर, अंगूठा घुसा दिया, और बीच वाली उंगली से चूत के फडक रहे दाने को घिसने लगा. 
 
इस तरह चोरी छुपे उंगली से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था, और वो मज़ा ही तान्या को चरम पर पहुँचा रहा था. तान्या ने चरम पर पहुँच कर, झडते हुए, अपने हाथ को अपने मूँह पर ज़ोर से दबा लिया, और धीरज का सारा हाथ चूत से निकले पानी से गीला हो गया. अपनी साँसों को संयत करते हुए तान्या ने देखा उसका पति राज अभी भी अपनी बेहन की गान्ड की गोलाईयों को सहला रहा है. राज बड़े प्यार से हल्के हल्के छू रहा था, लेकिन डॉली ने अपनी टाँगें फैला रखी थी, और लग रहा था कि वो इस सब का भरपूर मज़ा ले रही है.

लेकिन शॉक तो तान्या को ये देखकर लगा कि उसके पति राज का लंड भी अपनी बेहन के स्पर्श पाकर पैंट में टेंट बना रहा है. हे भगवान!

राज का लंड अपनी सग़ी बड़ी बेहन की गान्ड को देख और छूकर खड़ा हो गया था. तान्या मन ही मन सोचने लगी, किस मर्द का लंड ऐसी गान्ड को देख और छूकर खड़ा नही होगा. लेकिन फिर भी, डॉली उसकी बड़ी बेहन है! तान्या ने सोचते हुए अपनी आँखें और मूँह को बंद कर लिया और मंद मंद मुस्कुराते हुए अभी हाल ही में अपने झड़ने और चूत की आग के ठंडा पड़ने के बारे मे सोचने लगी. डॉली ने अपना फेस अब तान्या और धीरज की तरफ कर लिया, धीरज तान्या की पीठ पर सन स्क्रीन लोशन लगा रहा था. 

अपने छोटे भाई राज से चुतड़ों को सहलाते हुए लोशन लगवा कर डॉली की चूत में आग लगी हुई थी. डॉली ने धीरज और तान्या की तरफ देखा कहीं वो दोनो राज के इतनी देर से गान्ड पर लोशन लगाने को नोटीस तो नही कर रहे, लेकिन उन दोनो में से किसी का ध्यान इस तरफ नही था. तान्या को अपनी आँखे बंद कर के लेटी हुई थी, और धीरज उसकी पीठ पर लोशन लगा रहा था. डॉली ने भी एक हल्की कराह के साथ अपनी आँखें बंद कर ली, और अपने भाई से मसाज करवाते हुए अपनी गान्ड को मटकाने लगी.

राज को पता था कि उसको ऐसा नही करना चाहीए, लेकिन वो अपनी दीदी की गान्ड की गोलाईयों पर से अपना हाथ हटाने में अपने आप को असमर्थ पा रहा था. दोनो की शादी से पहले उन दिनों की तस्वीर उसकी दिमाग़ में घूमने लगी जब डॉली दीदी उसके उपर चढ़ कर मचलते हुए अपनी चूत उसके लंड पर घिसकर चुदवाया करती थी, उन सब यादों ने राज को थोड़ा बेचैन कर दिया. राज को पता था, कि उसको अब रुक जाना चाहिए लेकिन उसके हाथ उसके दिमाग़ की सुन ही नही रहे थे. राज ने पीछे घूमकर देखा कहीं उसकी इस हरकत को कोई देख तो नही रहा है, और फिर सोचने लगा, डॉली दीदी क्यों इतनी देर से शांत लेटी पड़ी है, वो कुछ क्यों नही बोलती? वो तो अपनी गान्ड को हिला हिला कर उसको और ज़्यादा प्रोत्साहित कर रही हैं. हे भगवान! ये क्या हो रहा है? या क्या होने वाला है? तभी हल्की हल्की बरसात की बूँदा बाँदी शुरू हो गयी...

आज मौसम बड़ा बे-ईमान है
बड़ा बे-ईमान है आज मौसम
आने वाला कोई तूफान है
कोई तूफान है, आज मौसम

"बताओ पानी में कौन कौन चलेगा?" धीरज ने खड़े होकर लहरों की तरफ देखते हुए पूछा. राज ने थोड़ा झेन्पते हुए अपने दीदी की गान्ड से अपने हाथ दूर हटा लिए, और निकर में बने टेंट को छुपाने केक लिए पानी में चलाने के बारे में सोचने लगा.

"मैं आपके साथ चलता हूँ," राज ने कहा, इस बात को सुनकर डॉली थोड़ा विस्मित हो गयी. 

अपने लोशन से चिकनी हुई हथेलियों को अपने निकर पर पोंछता हुआ राज अपने जीजू के साथ पानी में जाने के लिए उनके पीछे पीछे दौड़ने लगा.

"मैं नही जा रही, मुझे यहीं आराम करना है," डॉली बोली, उसकी आवाज़ में मेसेज पूरी ना होने की वजह से आई हताशा सॉफ झलक रही थी. उक्सो राज के हाथों का स्पर्श बहुत अच्छा लगा रहा था, और वो.... और क्या? वो फिर से राज से चुदना चाहती थी? क्या वो वाकई में अपने सगे छोटे भाई से चुद कर समाज की नज़रों में ग़लत काम को फिर से करना चाहती थी? क्या उसको मालूम भी था कि अब जब की उन दोनो की शादी हो चुकी है, इस सब के क्या परिणाम हो सकते हैं? आँखें बंद कर के, डॉली अपने सगे भाई के साथ नंगे लेटे होने की कल्पना करने लगी, और सोचने लगी कि कैसे वो राज के फनफना रहे लंड को अपने मूँह में अंदर तक ले जाकर चूसेगी. 

राज और धीरज एक साथ लहरों में कूद पड़े. राज लहरों के बीच थोड़ा अंदर तक चला गया ताकि दीदी की गान्ड को सहलाने से उसके निकर में बना टेंट चुप सके, और ठंडा ठंडा पानी लंड को जल्दी बैठा दे. धीरज ने अपने हाथ की उंगलियों को अपनी नाक के नीचे ले जाकरतान्या की चूत की गंध को सूँघा और फिर पानी में दोनो हाथ लेजाकर उनको मलते हुए, उन पर लगे तान्या की चूत के पानी को धो दिया.

धीरज और राज दोनो लहरों में तैर कर दोपहर तक टीनेजर्स की तरह पानी में मस्ती करते रहे. लंच के बाद दोनो की बीवियाँ तो एक बड़े से अंब्रेला के नीचे बैठ गयी, और वो दोनो फिर से पानी में मस्ती करते रहे. डॉली और तान्या बीच चेर्स पर बैठ कर गप्पे हान्कति रही. उन दोनो बीच चेर्स पर बैठे देख, सामने से निकल रहा हर मर्द बिकिनी से झाँकते उनके अध नंगे बदन का रस पान कर रहा था. 

शाम को नहाने और हल्का सा डिन्नर करने के बाद दोनो कपल्स टेरेस पर बैठ कर गप्पें मारते रहे. टेबल के नीचे से तान्या ने अपने पैर के पंजे से धीरज के पैर को सहलाया, मानो वो उसको बीच पर चूत में उंगली घुसाकर जो उसने तान्या को ऑर्गॅज़म दिया था, उसके लिए थॅंक यू कह रही हो.

उस रात भी पहले वाली रात का एग्ज़ॅक्ट रिपीट ही हुआ, लेकिन इस बार जैसे ही बगल के रूम से आवाज़ें आनी शुरू हुई, राज ने अपनी बीवी को पीठ के बल सीधा लिटा दिया, और उसके उपर चढ़ गया, राज का ऐसा रूप तान्या ने पहले कभी नही देखा था. सुबह अपनी दीदी की गान्ड की नंगी गोलाईयों पर हाथ फिराने के बाद राज का लंड तभी से खड़ा ही था, राज ने आव देखा ना ताव और अपनी बीवी की चुदने को बेकरार चूत में अपना लंड घुसा दिया. अपनी आँखें बंद किए हुए और बगल के रूम से दीदी की चुदते हुए कराहने की आ रही आवाज़ को सुनकर राज और ज़्यादा जोश से तान्या को चोदने लगा, मानो आज तान्या को तृप्त करने में कोई कसर बाकी नही रखेगा. 
 
तान्या को इस बात से बिल्कुल अन्भिग्य थी कि उसका पति क्या सोचते हुए उसकी मस्त चुदाई कर रहा है. तभी तान्या के दिमाग़ में विचार आया और वो अपने पति के डॉली दीदी की गान्ड सहलाने और बगल के रूम से आ रही चुदाई की आवाज़ों से राज के जबरदस्त एग्ज़ाइटेड होने का कनेक्षन ढूँढने लगी. भाई बेहन के पवित्र रिश्ते के बारे में ऐसा सोचते हुए उसको अपने आप पर थोड़ी आत्म ग्लानि भी हो रही थी, लेकिन इस वक़्त तो वो राज से हो रही मस्त चुदाई का आनंद ले रही थी. तान्या ने अपने दिमाग़ में आ रहे फालतू के विचारों को झिड़क के उस बारे में सोचना बंद कर दिया, और राज की गान्ड की गोलाईयों में अपने हाथ के नाखूनों को गढ़ाने लगी, और उसकी गान्ड पर अपने हाथ से दबाव बनाकर उसको और ज़्यादा अंदर तक लंड पेल कर चुदाई करने के लिए आमंत्रित करने लगी.

"ओह भगवान! ओह्ह्ह्ह! बस ऐसे ही करते रहो! बस ऐसे ही," डॉली की चुदते हुए चीखने की आवाज़ें राज के कानों को सुनाई दे रही थी, और ऐसा लग रहा था मानो उसकी डॉली दीदी उसके साथ उसी रूम में हो. राज अपनी बीवी तान्या की चूत में लंड को अंदर बाहर करते हुए अपने नीचे दीदी को लेटे होने की कल्पना कर रहा था. जैसे जैसे धीरज और डॉली दीदी की चुदाई की आवाज़ें बढ़ती जा रही थी, राज उतने ज़्यादा जोश से अपनी बीवी की चुदाई कर रहा था. राज अपनी बीवी की चूत में इतने ज़्यादा जोश से लंड को अंदर बाहर कर रहा था, इतने जोश के साथ आज से पहले उसने तान्या को पहले कभी नही चोदा था, और तान्या भी कराहते हुए चुदाई में उसका भरपूर सहयोग कर रही थी. 

चुदाई के बाद जैसे ही निढाल होकर धीरज और तान्या बेड पर लेटे हुए हाफते हुए अपनी साँसों को संयत करने का प्रयत्न कर रहे थे, तभी बगल के रूम से आ रही चुदाई की आवाज़ सुनकर दोनो एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे. 

"मुझे चुदाई में बहुत मज़ा आता है धीरज!" डॉली ने धीरज से चिपकते हुए उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा. अब डॉली की बारी थी, ध्यान से बगल के रूम से आ रही आवाज़ों को सुनने की, बेड के चरमराने की, बेड के हेडबोर्ड के दीवार से टकराने की, और कराहों को सुनने की. इस से पहले की डॉली नींद के आगोश में डूबती, वो आज दिन भर जो कुछ हुआ उसके बारे में सोचने लगी, और ख़ासकर राज के उसकी गान्ड को सहलाने वाले पलों को फिर से याद करने लगी. 

जब राज तान्या के उपर से हटा, तो पलट कर लेटने से पहले उसने तान्या के होंठों को चूम लिया. 

लेकिन ये तो पाप है!

राज को अपने आप से घृणा होने लगी. हालाँकि राज अपनी दीदी को चोद नही रहा था, लेकिन उपर वाला तो उसके दिमाग़ में जो कुछ चल रहा था वो सब कुछ देख रहा था. राज ने महसूस किया उसकी बीवी तान्या उसकी पीठ से चिपक गयी है. राज को पश्चाताप होने लगा, और उसकी आँखें भर आई. राज मन ही मन सोचने लगा क्या वो इतना कमजोर हो गया है?

तान्या अगली सुबह जल्दी उठ गयी, और जाने से पहले एक स्लिप पर राज के लिए नोट छोड़ गयी कि वो एटीएम से शॉपिंग के लिए रुपय निकालने जा रही है. धीरज अगले 24 घंटे जब तक के लिए बीच हाउस बुक था, बीच में पानी का और ज़्यादा आनंद लें चाहता था, लेकिन राज ने बहुत थके होने का बहाना बनाकर उसके साथ जाने से मना कर दिया. धीरज अकेला ही बीच की तरफ चला गया, उस बीच हाउस में राज और डॉली अकेले रह गये. जब से वो घूमने आए थे उन दोनो को पहली बार एकांत में बातें करने का मौका मिला था. 

"और दीदी कैसा चल रहा है?" राज ने डॉली से उसके हालचाल जानने के लिए पूछा.
 
बीच पर कुछ दूर जाकर धीरज अपने सनग्लास लेने के लिए फिर से बीच हाउस लौटने लगा. 
बीच हाउस पहुँच कर, वो जैसे ही अंदर घुसा, और जैसे ही डॉली को आवाज़ देने वाला था, तभी उसको डॉली के ज़ोर ज़ोर से बोलने की आवाज़ सुनाई दी. वो चुपचाप खड़े होकर भाई बेहन की बहस को सुनने लगा.

"तुम सूनाओ, मेरे पास कहने और बताने को बचा ही क्या है?" डॉली ने कहा.

"आप कहना क्या चाहती हैं दीदी?" राज ने थोड़ा गुस्सा और थोड़ा कन्फ्यूज़ होते हुए पूछा.

"तुम्हारे पास तो हर मर्ज की दावा है ना राज, क्यूंकी तुम मर्द हो, तुम्हारे सब गुनाह माफ़, और मैं तो एक लड़की हूँ, सब कुछ ग़लत मैने ही किया है, एक लड़की को ख्वाहिश रखने का अधिकार तो हो ही नही सकता ना," डॉली चीखते हुए बोली.

"मुझे तुम्हारे रूम से आ रही आवाज़ों को सुनकर तो ऐसा ही लगा था, कि तुम्हारी लाइफ धीरज के साथ मस्त चल रही होगी," राज तेज आवाज़ में बोला. धीरज चुपचाप खड़े होकर दोनो की बातों को गौर से सुन रहा था.

"हां, तुम को तो सब कुछ ठीक ही लगेगा," डॉली मजाकिया लहजे में बोली. "तुम को शायद पता नही है मैं जब भी धीरज से चुदवाती हूँ, मेरे दिमाग़ में, मेरे जहन में बस ये ही रहता है कि तुम मुझे चोद रहे हो, बस ये सोचकर ही मैं झड पाती हूँ, जब कभी मैं अपने दिमाग़ से इन ख्यालों को आने से रोक कर वास्तविकता में जीते हुए धीरज से चुदते हुए महसूस करती हूँ, मैं झड ही नही पाती, मेरी चूत पानी छोड़ती ही नही है, मैं संतुष्ट हो ही नही पाती हूँ, मेरी चूत को तुम्हारे लंड का चस्का लग चुका है राज, वो तुम नही समझ पाओगे. तुम्हारा क्या है, तुम तो तान्या की चूत में पानी चोदकर अच्छे से झड कर सो जाते होंगे. क्यों सही कह रही हूँ ना?"

"ये आप कैसी बात कर रही हो दीदी?" राज गुस्से में चीखते हुए बोला. "आप ऐसा कैसे सोच सकती हैं कि मुझे तान्या को चोदने में आप से ज़्यादा मज़ा आता हैं. लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं, दीदी!" राज अपनी दीदी को भरोसा दिलाते हुए बोला.

बेहन की चूत! धीरज का मूँह खुला का खुला रह गया, जैसे ही उसने भाई बेहन के बीच इस वार्तालाप को सुना. इन्सेस्ट? राज और डॉली?

बेहनचोद! मुझे मालूम ही नही था. हे भगवान, धीरज को मानो जो कुछ उसने सुना था उस को पचा पाने के लिए थोड़े समय की ज़रूरत थी.

"सच सच बताओ तान्या को चोदने में क्या तुमको मज़ा नही आता!" धीरज अपनी बीवी की चीखने की आवाज़ सुन रहा था. "मुझे विश्वास दिलाओ कि तुमको भी मुझे चोदने में ज़्यादा मज़ा आता है."

"सच कह रहा हूँ दीदी," राज एक गहरी साँस लेते हुए बोला, "लेकिन अब जब हम दोनो की शादी हो चुकी है, तो अब रोजाना तो हम एक दूसरे को चोद नही सकते, बस उन पुरानी यादों के सहारे ही, एक दूसरे को चोदने की कल्पना करने के सिवा अब और कर भी क्या सकते हैं..."

"मुझे तो विश्वास नही होता?" डॉली तेज आवाज़ में बोली.

"आप को चोदना तो बस अब एक ख्वाब ही बन कर रह गया है," राज इतना धीरे से बोला कि धीरज उसको सुन नही पाया.

धीरज ने ज़्यादा रिस्क ना लेते हुए, मेन डोर को ज़ोर से बंद किया और फिर खोला, और फिर ज़ोर से बोलते हुए अंदर घुस आया, “कोई है?” 

“मैं अपने सनग्लासस भूल गया था,” अंदर आकर अपनी बीवी और साले को पास पास खड़ा हुआ देखकर उनको अपने आने का रीज़न बताते हुए बोला.

"वो देखो ड्रेसिंग टेबल पर रखा है," डॉली ने कहा, वो अभी अपने भाई राज की तरफ ही देख रही थी. "चलो मैं भी तुम्हारे साथ बीच पर ही चलती हूँ," डॉली ने धीरज को कहा और उसके पीछे पीछे बाहर निकल आई.

"राज तुम नही आओगे?" धीरज ने बाहर निकलते हुए पूछा.

"नही" राज हल्के से बोला. "तान्या एटीएम से लौट कर आ ही रही होगी." किसी तरह अपनी दीदी को कनखियों से बाहर जाते देखते हुए राज बोला.
 
धीरज और डॉली एक दूसरे की बाहों में बाँहें डाल कर बीच की तरफ चल दिए, दोनो का ही मूड थोड़ा ऑफ था. धीरज के दिल और दिमाग़ में उथल पुथल मची हुई थी, राज और डॉली, भाई बेहन के बीच इन्सेस्ट की बात सुनकर उसका मन विचलित हो रहा था. ऐसा कैसे हो सकता था? उसको पहले इस बात का कभी मालूम क्यों नही चला? धीरज ने अपनी बीवी डॉली का हाथ अपने हाथ से दबा दिया, और सोचने लगा कि डॉली के दिमाग़ में क्या कुछ चल रहा होगा.

जैसे ही धीरज ने डॉली का हाथ अपने हाथ से दबाया, डॉली को आत्मग्लानि के साथ पश्चाताप होने लगा. धीरज उसका कितना ज़्यादा ख्याल रखता था, और एक वो थी जो अपनी चूत में लगी आग को अपने भाई के लंड से ही भुजवाना चाहती थी, उसको अपने आप से घृणा होने लगी.

धीरज और डॉली दोनो दोपहर तक बीच पर समुंदर के पानी में खेलते रहे और मज़ाक करते रहे. पानी मे खेलते हुए धीरज अपनी बीवी के सुंदर सुडौल और गुदाज बदन के स्पर्श का आनंद लेता रहा. कभी वो डॉली की गान्ड की गोलाईयों को दबा देता, तो कभी उसकी गुदाज जांघों के बीच अपना हाथ ले जाता, तो कभी उसकी चूंचियों को अपने हाथ में भरकर दबा देता, धीरज अपनी बीवी के प्रति अपने प्यार को दर्शाने का कोई मौका नही छोड़ रहा था. दोनो को एहसास ही नही हुआ कब वो हँसी ठिठोली करते हुए बीच पर बहुत दूर एक एकांत जगह पहुँच चुके हैं. धीरज अपनी बीवी से उस बारे में बात करना चाहता था, जो कुछ उसने अपने कानों से सुना था, लेकिन पहले वो ये सुनिश्चित कर लेना चाहता था, कि डॉली को विश्वास हो जाए कि वो ये सब सुनकर बिल्कुल अपसेट नही है.

एक सुनसान जगह जब वो बीच पर पानी के थोड़ा अंदर जाकर बैठ गये, तो धीरज उसकी मस्त गोल गोल चूंचियों को सहलाने लगा, और दूसरे हाथ से उसके गान्ड की गोलाईयों को सहलाते हुए दबाने लगा. ठीक उसी तरह जैसे कल वो तान्या की गान्ड को सहला रहा था. धीरज ने डॉली की बिकिनी की पैंटी को साइड में कर उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी. 

"म्म्म्मम. कोई देख लेगा धीरज मान जाओ प्लीज़," डॉली ने प्रतिरोध करने की कोशिश की, लेकिन वो भी धीरज की उंगली को अपनी गीली गीली चूत में घुस्वा कर पूरे मज़े ले रही थी.

"यहाँ कोई नही है, कौन देखेगा यहाँ," धीरज ने जवाब दिया और अपने निकर के नाडे को खोलने लगा. दोनो के शरीर का निचला हिस्सा पानी में दोबा हुआ था.धीरज ने डॉली की पैंटी को थोड़ा और ज़्यादा साइड में खिसका कर उसकी पनिया रही चूत में दो उंगलियाँ घुसा दी.

"ओह्ह!" डॉली कराह उठी. "हमको यहाँ पर खुले में ये सब नही करना चाहिए," वो बोली, लेकिन साथ ही साथ उसने अपनी दोनो टाँगों को और ज़्यादा फैला दिया,और अपनी गान्ड को उठाकर धीरज की उंगलियों को अपनी चूत में और ज़्यादा अंदर तक घुसाने में मदद करने लगी. धीरज एक हाथ से उसकी चूत में उंगली घुसा रहा था, और दूसरे हाथ से अपने लंड को निक्कर में से निकाल रहा था. इस से पहले की डॉली कुछ और विरोध करती, धीरज उसकी दोनो टाँगों के बीच में आ गया और उंगलियों के जगह अपने फन्फनाते हुए लंड को डॉली की चूत में घुसा दिया. 

"ओह!" डॉली के मूँह से चीख निकल गयी, जैसे ही धीरज ने अपना पूरा लंड उसकी मस्त मखमली चूत के छेद की गहराई तक अंदर पेल दिया. पानी के अंदर रेत पर अपने पंजों को जमाकर वो डॉली की चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा. डॉली की आँखें फटी की फटी ही रह गयी थी, और वो आस पास देख रही थी कि कहीं कोई उन दोनो को देख तो नही रहा. जब आस पास कोई दिखाई नही दिया, वो उसने अपने दोनो टाँगें और ज़्यादा फैला दी, और चुदाई में धीरज के लंड के उपर गान्ड उछाल उछाल कर, चुदाई में उसका सहयोग देने लगी. 

धीरज और डॉली इस तरह खुले आसमान के नीचे पहली बार चुदाई कर रहे थे, हालाँकि डॉली पूरी तरह से नंगी नही थी, उसकी गान्ड की गोलाइयाँ अभी भी स्विम सूट की पैंटी में क़ैद थी, लेकिन अपनी बीवी की इस तरह खुले में चुदाई का धीरज भरपूर मज़ा ले रहा था. और जिस तरह से डॉली कराह रही थी और अपनी गान्ड उछाल रही थी, उस से सॉफ जाहिर था कि वो भी चुदाई का भरपूर मज़ा ले रही है. धीरज मन ही मन सोचने लगा, कि आज रात वो डॉली की डॉगी पोज़िशन में उसको घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी गान्ड की गोलाईयों पर थप्पड़ मारते हुए उसको चोदेगा. 

"ओह!" डॉली कराह उठी और धीरज के धक्कों से ताल मिलाने के लिए अपनी गान्ड और उपर उछालने लगी. दोनो लंबी लंबी साँसें लेते हुए झड गये, और पानी के बीच चुदाई के अंतिम लंबे लंबे झटके दोनो के बदन के मिलते ही चप छाप की आवाज़ कर रहे थे. जैसे ही धीरज के लंड ने वीर्य की अंतिम पिचकारी डॉली की गरमा गरम चूत में छोड़ी, उसने अपना लंड अंदर तक चूत की गहराई में घुसा दिया.

"ओह्ह्ह्ह, धीरज!" डॉली ने झडते हुए ऐंठते हुए चीख कर धीरज का नाम लिया. "हम तो जानवरों की तरह खुले में चुदाई कर रहे हैं."

"तुम को देखकर तो वैसे भी मैं जानवर बन ही जाता हूँ," धीरज मुस्कुराते हुए बोला, और अपने मुरझा रहे लंड को चूत से बाहर निकाल कर, डॉली की पैंटी के पतले वाले हिस्से को फिर से चूत के उपर लाकर चूत के छेद को ढक दिया. धीरज ने झुक कर अपनी बीवी डॉली को किस किया, और अपनी जीभ उसके मूँह में घुसा दी. डॉली ने भी धीरज को अपनी बाँहों में भर लिया, और दोनो के जीभ एक दूसरे के साथ अठखेलियाँ करने लगी. 

"मुझे विश्वास नही होता, हम ने आज इस तरह खुले में ये सब किया है," डॉली हंसते हुए किस को तोड़ते हुए बोली. ऐसा लग रहा है जैसे हम 16-17 साल के सेक्स के लिए क्रेज़ी टीनेजर्स हो.

"टीनेजर्स नही, लेकिन सेक्स के लिए क्रेज़ी तो ज़रूर हैं," धीरज हंसते हुए, डॉली की पैंटी में से बाहर निकली हुए गोलाईयों पर एक थप्पड़ मारते हुए बोला. दोनो पानी में से बाहर निकल कर बीच के रेत पर एक सुनसान जगह पास पास बैठ गये, और समुंदर की लहरों को किनारे पर दम तोड़ते हुए देखकर अपनी साँसों को संयत करने की कोशिश करने लगे. 
 
“मैने तुम्हारी और राज की बातों को सुन लिया था,” धीरज ने बहुत देर बाद चुप्पी तोड़ते हुए कहा. 

"ओह, वैसा कुछ भी नही है, सच में," डॉली ने अपनी घबराहट को छुपाते हुए जवाब दिया.धीरज ने अपनी एक बाँह डॉली के कंधे पर रख दी, और उसको अपने पास खींच लिया.

"मैं तुमको अपनी जान से ज़्यादा प्यार करता हूँ,” धीरज डॉली के माथे पर किस करता हुआ बोला. “मैं हमेशा हर परेशानी में तुम्हारे साथ हूँ, क्या तुम अपने और राज की इन्सेस्ट रिलेशन्षिप के बारे में कुछ बताना चाहोगी?”

"मैं.... मैं... पता नही कहाँ से शुरूवात करूँ.... ये सब बहुत साल पुरानी बात हैं,” डॉली हकलाते हुए बोली. धीरज ने डॉली का चेहरा अपनी तरफ घुमाकर उसके होंठों पर एक गहरा किस कर लिया.

"इट'स ऑलराइट," धीरज उसको भरोसा दिलाते हुए बोला. "शुरूवात से बताओ, मैं तुम्हारे साथ हूँ, मुझे तुम पर पूरा भरोसा है."

धीरज अपनी बीवी और उसके सगे छोटे भाई के बीच जो कुछ हुआ था उसको जानने के लिए बेकरार हो रहा था. उसको लग रहा था कि शायद उन दोनो के बीच कुछ ऐसा है, जिस वजह से दोनो भाई बेहन अपनी शादी शुदा जिंदगी की सेक्स लाइफ का भरपूर मज़ा नही ले पा रहे हैं, कहीं कुछ तो है.

जैसे ही डॉली ने अपने छोटे भाई राज को पॉर्न देख कर मूठ मारते हुए देखने की स्टोरी को बताना शुरू किया, उसकी आँखों से आँसू निकल कर, उसके गालों पर होते हुए नीचे टपकने लगे. वो बिना रुके बताती चली गयी कि कैसे वो अपने भाई का पॉर्न अडिक्षन दूर करने के चक्कर में इस इन्सेस्ट के दलदल में धँसती चली गयी, और फिर वो खुद भी इसको एंजाय करने लगी. धीरज अपनी बीवी की आवाज़ में कंपन्न महसूस कर रहा था, और डॉली के दिल की ज़ोर से चल रही हार्ट बीट को सुन पा रहा था, जब डॉली अपने छोटे भाई से अपनी पहली चुदाई के बारे में बता रही थी.

डॉली महसूस कर रही थी, कि अपने पति को ये सब बताकर उसके दिल इतने सालों से रखा हुआ ये पाप का बोझ हल्का हो रहा है. वो अपने आप को बेहद हल्का महसूस कर रही थी, जो कुछ उसने अपने पति से इतने सालों से छुपा रखा था, अपने छोटे भाई के साथ चुदाई में उसको हो अपार आनंद मिलता था, और उसके साथ चुदाई करने की फॅंटसीस और वो ड्रीम्स, सब कुछ डॉली एक साँस में बताए चली जा रही थी. बीच बीच में सूबकते हुए डॉली अपने ड्रीम्स केबारे में बता रही थी, और कैसे कल उसकी चूत पनिया गयी थी, जब राज कल उसकी जांघों और गान्ड की गोलाईयों पर सनस्क्रीन लोशन लगा रहा था. 

धीरज मन ही मन मुस्कुरा रहा था, वो सोच रहा था कि कल जब वो उनके पास ही तान्या की चूत में उंगली घुसा रहा था, तब राज अपनी दीदी की गान्ड की गोलाईयों को सहला कर मज़ा ले रहा था. धीरज के दिमाग़ में भी ये सब सुनकर हलचल मचने लगी. धीरज को कल की राज की गान्ड सहलाने पर डॉली की चूत के पनियाने की बात सुनकर ये विश्वास हो गया कि डॉली का अभी भी राज से चुदाई करवाने को मन भरा नही है, उसकी चूत भी भी राज के लंड की दीवानी है. और शायद राज भी अपनी दीदी की चूत का दीवाना है. धीरज मन ही मन अपने और तान्या के रिश्तों को उन दोनो भाई बेहन के इन्सेस्ट रिश्ते के साथ तराजू में रखकर तोलने लगा. 

"अगर आप मुझे डाइवोर्स देना चाहो तो....," डॉली ने किसी तरह अपने दिल पर पत्थर रखते हुए कहा, वो इतनी देर से धीरज के चुप रहने को उसका गुस्सा होना समझ रही थी. “लेकिन मैं नही चाहती की राज और तान्या की मॅरीड लाइफ पर किसी तरह का कोई परेशानी आए.” डूली अपने पति से दूर होकर उठ कर खड़े होते हुए बोली.

"एक मिनट रूको," धीरज ने उसको एक बाँह से पकड़ खींच कर फिर से पाने पास बिठा लिया. “मैने कहा था ना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, क्यों कहा था ना?"

"लेकिन... तब तुमने ये सब सुना नही था..."

"लेकिन वेकीन कुछ नही! मुझे तुम्हारे और राज के इन्सेस्ट रिलेशन्स के बारे में वो कहने से पहले पता था. और अभी कुछ मिनट पहले जो तुम्हारी चुदाई की है उस से पहले भी पता था. जानू मैं तुम से कभी डाइवोर्स नही लूँगा. तुम्हारे और राज के बीच वो ही सब कुछ हुआ है जो मेरे और संध्या के बीच था, बस फ़र्क सिर्फ़ इतना है ही मेरे और संध्या के बीच अब कोई सेक्षुयल रिलेशन्स नही है, और ना ही मैं उसको चोदने के लिए फेंटसाइस करता हूँ.” धीरज ने एक बार फिर प्यार से डॉली को किस कर लिया. 

"ओह धीरज, मैं तुम्हारे लिए डिज़र्व नही करती." डॉली सूबकते हुए धीरज से लिपट गयी. दोनो चिपक कर बीच की बालू पर लेट गये. बहुत देर तक ऐसे ही चिपक कर लेटे रहने के बाद धीरज ने चुप्पी तोड़ी.

“जो कुछ कल सुन स्क्रीन लोशन लगाते हुए हुआ, या जो कुछ तुम ड्रीम्स देखती हो या फेंटसाइस करती हो, उसको सुनकर तो यही लगता है कि अभी ही तुम्हारे मन मैं अपने भाई राज के लिए सेक्षुयल फीलिंग्स हैं.” डॉली ने उसकी बात का विस्रोध करना चाहा, लेकिन फिर सच को स्वीकार करते हुए उसने हामी में अपनी गर्दन हिला दी. 

"इट'स ओके," धीरज उसको भरोसा दिलाते हुए बोला. "जो कुछ तुम दोनो भाई बेहन के बीच हुआ , आइ थिंक इट'स ओन्ली नॅचुरल."

"क्या सच में तुम को ये नॅचुरल लगता है?" डॉली ने विश्वास ना करते हुए कहा.

हां हर किसी को अपना पहला प्यार और पहली चुदाई जिंदगी भर याद रहती है. फ़र्क सिर्फ़ इतना है, कि तुम्हारी पहली चुदाई अपने छोटे भाई के साथ हुई.” धीरज उसको समझाते हुए बोला.
 
हां हर किसी को अपना पहला प्यार और पहली चुदाई जिंदगी भर याद रहती है. फ़र्क सिर्फ़ इतना है, कि तुम्हारी पहली चुदाई अपने छोटे भाई के साथ हुई.” धीरज उसको समझाते हुए बोला.

"तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे कि ये नॉर्मल हो." डॉली धीमे से बोले, और खिसक कर धीरज के और ज़्यादा पास आ गयी.

“शायद नॉर्मल तो नही, लेकिन ऐसा भी नही है कि ऐसा पहले कभी सुना ना हो. तुम और राज चुदाई करने वाले दुनिया में अकेले भाई बेहन नही हो... तुम को पता ही है मैं भी संध्या को चोदा करता था....” धीरज बात को बीच में छोड़ कर सोचने लगा कि आगे क्या बोले. धीरज मन ही मन सोचने लगा कि कैसा होगा जब वो चारों एक दूसरे की फीलिंग्स को जान जाएँगे. क्या वो अपने पति पत्नी को शेर करने को तय्यार हो पाएँगे? क्या राज अपनी बीवी तान्या को धीरज से चुद्वाने को तय्यार होगा, अगर चोदने को उसको डॉली मिल जाए तो? 

"लेकिन फिर भी ये इन्सेस्ट है! ये एक पाप है, चाहे दुनिया में कितने भी भाई बेहन आपस में ये सब करते हो,” डॉली हकलाते हुए बोली. “तुम्हारी और संध्या की बात अलग थी, तुम पति हो, एक मर्द हो, क्या तुम बर्दाश्त कर पाओगे कि तुम्हारी बीवी अपने भाई से करवा चुकी है, और अभी भी उस से सेक्स करने के लिए फेंटसाइस करती है. तुम इसको जस्टिफाइ नही कर पाओगे.” 

धीरज मन ही मन उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा, और सोचने लगा, कि डॉली और राज चारों की आपस में चुदाई के लिए कभी तय्यार नही होंगे, और शायद तान्या भी इसके लिए तय्यार ना हो.

"ओके, इट'स रॉंग, लेकिन इतना भी ग़लत नही जितना तुम सोच रही हो, सब से ग़लती हो जाती है" धीरज बोला.

"ये कोई छोटी ग़लती नही है, धीरज," डॉली धीमे से बोली. "जो कुछ हम भाई बेहन ने किया है, उसके परिणाम तो भुगतने ही पड़ेंगे, हम ऊप्स कहकर इस सब को भूलकर आगे तो नही बढ़ सकते."

"हरगिज़ नही," धीरज ने जवाबा दिया. "तुम दोनो में से ना ही कोई भुला पाया है. तुम अभी भी उसको फेंटसाइस करती हो, और जैसा राज सुबह कह रहा था, वो भी तुम को ही फेंटसाइस करता है."

"तुम कहना क्या चाहते हो?" डॉली ने पूछा. जो कुछ हो चुका था उसके बाद डॉली अभी भी अपने छोटे भाई राज की उसके प्रति फीलिंग्स के बारे में सुनने को आतुर थी. 

"जब उसने कहा था, कि उसको उसको तान्या को चोदने में उतना मज़ा नही आता जितना तुमको चोदने में आता है." धीरज बोला, उसकी आवाज़ ना चाहते हुए भी थोड़ी तल्ख़ हो गयी थी. 

"ओह." डॉली बोली, उसके दिमाग़ में अपने भाई के साथ कन्फ्यूज़्ड रिलेशन्षिप के बारे विचार आने लगे. धीरज और डॉली दोनो उफान मार रही लहरों को देखने लगे. डॉली अपने पति के मन में चल रही उथल पुथल का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगी. 

"मुझे लगता है तुम्हारे और राज के बीच अभी बहुत कुछ होना बाकी है," धीरज फाइनली बोला. "जब तक तुम दोनो अपनी सेक्षुयल टेन्षन को दूर नही कर लेते, दोनो अपनी फॅमिली लाइफ को हेल्ती नही रख पाओगे."


माना तूफान के आगे, नही चलता ज़ोर किसी का
मौजो का दोष नही है, यह दोष है और किसी का
मझधार मे नैय्या डोले, तो मांझी पार लगाए
मांझी जो नाव डुबोय उसे कौन बचाए

"तो तुम क्या सजेस्ट करोगे, हमको क्या करना चाहिए?" डॉली ने पूछा, शायद वो समझ नही पाई कि धीरज क्या कहना चाहता है.

"तुम क्या सोचती हो?" धीरज ने डॉली को माथे पर चूमते हुए उसको अपने प्यार का भरोसा दिलाते हुए पूछा.

"तुम मज़ाक तो नही कर रहे हो ना!" डॉली उठ कर बैठते हुए बोली, और अविश्वास में अपना मूँह खोल कर अपने पति की तरफ देखने लगी. 

“सचमुच मैं कोई मज़ाक नही कर रहा हूँ,” धीरज शांत आवाज़ में बोला. “ इस बारे में थोड़ा सोचो डॉली, तुम ने अपनी वर्जिनिटी अपने भाई के साथ खोई, तुम अब भी अपने भाई से चुद्वाने के सपने देखती हो, और राज के बस टच करने से तुम्हारी चूत पनिया जाती है. ये सब सुनकर ऐसा नही लगता कि अभी तुम दोनो के बीच बहुत कुछ होने बाकी है?” डॉली अच्मभित होकर अपने पति की आँखों में देखने लगी, और धीरज के मन की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करने लगी. क्या वो चाहता है कि उसकी बीवी अपने सगे छोटे भाई से चुद्वाये. 

"क्यों?"डॉली ने शांत स्वर में पूछा, "तुम ऐसा क्यूँ कह रहे हो? क्या तुम चाहते हो कि मैं राज के साथ सेक्स करूँ?”

“क्या तुमको लगता है ऐसा करने से हम दोनो की सेक्स लाइफ में कोई इंप्रूव्मेंट आएगा? मुझे लगता है पिछले एक दो महीने से हम दोनो की सेक्स लाइफ वैसे ही बहुत इंप्रूव हो चुकी है, तुम को नही लगता ऐसा करने से कहीं वो फिर से खराब ना हो जाए? मुझे तो विश्वास नही होता,” डॉली ने अपना सिर अविश्वास में हिलाते हुए कहा. 

"तुम दोनो ही एक दूसरे के साथ चुदाई के सपने देखते हो, और अपने पति पत्नी से सेक्स के दौरान एक दूसरे को फेंटसाइस करते हो," धीरज ने जवाब दिया. "मुझे तो लगता है तुम दोनो के जहाँ में बस एक दूसरे को चोदने से बड़ा कोई दूसरा सुख है ही नही."

"अगर जेहन में ना भी हो तो भी...?" डॉली फुसफुसाते हुए बोली. "और तान्या के बारे में क्या? मैं ऐसा कर के उसको दुख नही पहुँचाना चाहती." 
 
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