hotaks444
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बुआ कूल रहते हुए बोली, “शरमाओ मत राज. अब हम दोनो समझदार अडल्ट्स हैं.” ऐसा कहते हुए बुआ ने वो तौलिया अपने शरीर पर बाँध ली, इस बीच, इस से पहले कि वो छिप पाते, एक बार फिर से मुझे उनके डार्क ब्राउन निपल्स की एक झलक मिल गयी. बुआ ने रूम में लगे बड़े से शीशे की तरफ जाकर, अपने गीले बालों में कंघी करते हुए बताया, “भाभी ने तो मुझको डॉली वाले रूम में रहने के लिए कहा था, लेकिन जब मैं डॉली के रूम में गयी, तो वहाँ पर बहुत सारे कोकरोच थे. मुझे दुनिया में अगर किसी चीज़ से सबसे ज़्यादा डर लगता है, तो कोकरोच से. इसलिए मैं तुम्हारे रूम में आ गयी. तुमको कोई प्राब्लम तो नही है ना, अगर मैं तुम्हारे साथ इस रूम में रुक जाऊ तो?”
मैने बिना कुछ सोचे बोला, “मुझे क्या प्राब्लम होगी बुआ? यू आर मोस्ट वेलकम, इस रूम में बहुत जगह है, मैं तो अपना एक फोल्डिंग बेड लगा लूँगा, आप आराम से मेरे ही रूम में रहें.”
बुआ खुश होते हुए बोली, “ओके तो फिर ठीक है, आज भैया और भाभी तो कहीं बाहर जा रहे हैं.” आगे एक रहस्य भरी आवाज़ में मुझसे पूछा, “एनी प्लॅन्स?”
"नो...नो प्लॅन्स." अभी भी मैं अंजाने में, रूम में घुसकर बुआ को नंगा देखने के बाद थोड़ा शरमा रहा था. और मेरा चेहरा अभी भी लाल था. मैने कुछ हकलाते हुए बोला, “आप कहो तो पिज़्ज़ा या कुछ और ऑर्डर कर देते हैं...” मैने शीशे में बुआ के चेहरे को देखा, बुआ मुझे देख रही थी, और मुस्कुरा रही थी.
“गुड आइडिया, और वैसे भी भाभी बता रही थी, तुमको मुझसे बहुत सारी बातें करनी हैं,” बुआ ने एक कुटिल मुस्कान के साथ कहा. शीशे के सामने से घूमते हुए, बुआ ने पास आते हुए, हम दोनो के बीच की दूरी को कम कर दिया.
"हे भगवान! तुम तो बहुत बड़े हो गये हो!" मेरे बिल्कुल पास आते हुए बुआ ने कहा. “लास्ट टाइम जब मैने तुमको चेक किया था, तब तुम्हारी हाइट मेरे बराबर थी, 5 फुट 4 इंच. अब तो तुम मुझसे पूरा 6 इंच लंबे हो गये हो.”
बुआ ने अपने पंजों की उंगलियों पर उँचा होते हुए, बस अपने पुर शरीर पर तौलिया लपेटे हुए, मेरे कंधे से कंधा मिला कर हाइट को फिर से चेक किया. मैं शायद इस वजह से कुछ ज़्यादा ही मर्दाना फील करते हुए, घमंड भरे अंदाज में कहा, “पूरे 5 फुट 10 इंच.” बुआ ने मुझे एक किस किया, और फिर से दूर हो गयी.
"ठीक है, अब मुझको कपड़े पहन लेने चाहिए" बुआ ने थोड़ा रुकते हुए मेरी तरफ देखते हुए कहा. बस एक पल लिए मुझे लगा कि बुआ अपनी टवल हटाने वाली है.
"ओह हां,मुझे भी तो नहाना है." मैने मासूम बनते हुए कहा, फिर मन ही मन सोचा, बच्चू, अगर इतने भोले भाले होते तो शुरू में ही ना रूम से बाहर चले गये होते.
"ठीक है राज, आल्मिराह में से अपने कपड़े निकाल लो, और नहा लो, ये तुम्हारा ही रूम हैं, जब तक तुम नहा कर आते हो, मैं भी अपने कपड़े निकाल के पहन लेती हूँ. मैने बुआ की बात मानते हुए आल्मिराह से अपने कपड़े निकाले, और बाथरूम में नहाने चला गया.
जब मैं नहा के अपने रूम में लौट के आया, तो मैने पाया कि रूम अंदर से लॉक नही है. मैने धीरे से दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुल गया. अंदर देखा, तो बुआ बेड पर नंगी बैठ कर अपनी झान्टो को रेज़र से सॉफ कर रही थी. मैं काफ़ी देर तक बिना कोई आवाज़ किए, बुआ को अपनी झान्टे सॉफ करते देखता रहा, बुआ भी इतनी मगन थी, की उनको होश ही नही था कि मैं रूम में दाखिल हो चुका हूँ.
कुछ देर बाद, जब बुआ ने सिर उठा के डोर की तरफ देखा, तो मुझे वहाँ देख कर बोली, "ओह शिट! सॉरी राज, मुहे पता ही नही चला, तुम कब आ गये!"
बुआ ने बिल्कुल नॉर्मल रहते हुए कहा, “बहुत दिनों से इनको सॉफ नही किया था, आज तुम्हारे इस मिरर में देखा, तो लगा कि इनको सॉफ कर लेना चाहिए.”
मैं बुआ के नंगे मम्मों को घूरे जा रहा था, बुआ की डार्क ब्राउन निपल्स टाइट होकर खड़े हो चुके थे, और बस कुछ ही दूरी पर मेरे सामने मेरी बुआ ने नंगे मम्मे मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे.
मुझको अपने मम्मों की तरफ घूरता हुआ पाकर, बुआ ने पूछा, “ तान्या के तो तुमने देखे होंगे.” इस से पहले कि मैं कुछ सोच के जवाब दे पाता, बुआ ने रेज़र रख दिया, और अपनी ब्रा, पैंटी और सलवार सूट पहन लिया.
मुन्नी बुआ कपड़े पहन के नीचे ड्रॉयिंग हॉल में चली गयी, कुछ देर इस घटना के बारे में सोचता हुआ मैं अपने रूम में बेड पर लेटकर सोचता रहा. कुछ देर बाद, फिर मैं भी नीचे ड्रॉयिंग हॉल में आ गया, वहाँ मुन्नी बुआ और पापा आपस में बातें कर रहे थे.
"मम्मी कहाँ है?" मैने ड्रॉयिंग हॉल में दाखिल होते हुए पूछा.
"बस अभी आ ही रही होगी." पापा बोले. "गॉड, आइ हेट दीज़ बिज़्नेस डिन्न्स," पापा ने थोड़ा असहज होते हुए कहा, उतना ही असहज, जितना कि मैं अपने आप को फील कर रहा था. बुआ ने मेरी तरफ मजाक मे आँख मारी, तभी मम्मी भी आ गयी.
"भाभी, इस ड्रेस में बहुत अच्छी लग रही हो!" मुन्नी बुआ ने मम्मी की तारीफ़ करते हुए कहा. और वाकई में मम्मी उस ड्रेस में कमाल लग रही थी. बहुत दिनों के बाद मैने मम्मी को इतना सज़ा सँवरा, इतनी बढ़िया ड्रेस में देखा था. और मुझे भी अपने आप पर विश्वास नही हुआ, जब मैने मम्मी के उस ड्रेस के बड़े गले में से दिख रहे दोनो मम्मों के बीच की दरार, जिसको अँग्रेज़ी में क्लीवेज कहते हैं, उस क्लीवेज को देखकर मेरी नज़र वहाँ से हट ही नही रही थी.
"मुझे विश्वास नही होता, तुम मुझे ऐसी ड्रेस पहले तो खरीदवाते हो, और फिर बिज़्नेस पार्टीस में पहनने के लिए भी फोर्स करते हो," मम्मी ने पापा को कहा. लेकिन वाकई में मम्मी उस ड्रेस में कमाल लग रही थी, और मुन्नी बुआ ने मेरे दिमाग़ में चल रही बात को बोल दिया.
"भैया, भाभी पर पार्टी में नज़र रखना" बुआ ने पापा को चेतावनी देते हुआ कहा. “आज तो पार्टी में सबकी नज़र भाभी पर ही रहेगी, सारे मर्द झाँक झाँक कर कोशिश करेंगे, की सामने से थोड़ा सा और दिख जाए!” ये सोच कर कि आज मम्मी को कितनी अटेन्षन मिलने वाली है, पापा का चेहरे खुशी से चमक रहा था.
“ओके, ठीक है, तो फिर हम उनको देखने के लिए कुछ और इंतज़ाम कर देते हैं” पापा ने अपने कोट की जेब में से एक मखमली छोटा लंबा सा बॉक्स निकालते हुए कहा. और मुस्कुराते हुए पापा ने उस बॉक्स को मम्मी के हाथों में रख दिया, और बोले, “लो इसको पहन लो.” मम्मी ने उस छोटे लंबे से बॉक्स को खोला, और एक सोने की चैन में लटके सिंगल डाइमंड पेंडेंट को निकाल लिया. वो डाइमंड वाकई बहुत खूबसूरत था, और जो भी देखता बस देखता ही रह जाता.
“ये तुमने अच्छा किया भैया!” बुआ बोली. “लेकिन अब सारे मर्दों के साथ औरतें भी ईर्ष्या की नज़रों से भाभी को देखेंगी. मर्दों की नज़र भाभी की क्लीवेज पर होगी तो औरतों की डाइमंड पर.” मेरे सिवाय, वो तीनों ज़ोर ज़ोर से इस बात पर हँसने लगे, मैं चुप चाप खड़ा हुआ हैरत से उनकी बातों को सुन कर, अपने कानों पर विश्वास नही कर पा रहा था.
“बस अब एक अच्छी से एअर रिंग्स की कमी है,” बुआ बोली. “लो, ये तुम मेरी पहन लो.” बुआ ने अपने कानों में पहनी हुई एअर रिंग्स को उतारते हुए कहा. मैने बुआ को जब एअर रिंग्स उतारते हुए देखा, तब मैने गौर किया, कि वो एअर रिंग्स भी डाइमंड की थी.
"ओह दीदी! सच में? आप मुझे क्या सच में आज शाम को इतने सुंदर एअर रिंग्स पार्टी में पहनने के लिए दे रही हो?" मम्मी ने एग्ज़ाइटेड होते हुए पूछा.
"हां, क्यों नही...इनको तुम ही रख लो, मुझे तो ये राजीव के पापा ने दिलवाए थे." बुआ ने वो एअर रिंग्स अपने कानों में से उतार कर, मम्मी के कानों में पहना दिए.
“नही, मैं इनको रखूँगी नही, लेकिन आज पार्टी में पहनने के लिए देने के लिए, सच में थॅंक यू, दीदी.” मम्मी ने खुश होते हुए कहा. मम्मी ने तुरंत उनको पहनकर शीशे में अपने आप को निहारा, और गले में लटके डाइमंड को देख कर मन्त्र मुग्ध हो गयी, क्योंकि वो उनके मम्मों को और ज़्यादा सेक्सी लुक दे रहा था. “अब चलो भी, मैं तो तय्यार हूँ,” मम्मी ने शॉल ओढाते हुए कहा. मैने देखा, जाने से पहले मम्मी ने झुक कर बुआ के कानों में कुछ कहा. उसके बाद बुआ ने मेरी तरफ देखा, और फिर कुछ जवाब में मम्मी के कानों में दिया.
"ओके, तुम दोनो मस्ती करो. और अगर ज़्यादा ड्रिंक कर लो, तो वहीं उसी होटेल मे रूम लेकर रुक जाना, ड्राइव करने की कोई ज़रूरत नही है." बुआ ने हिदायत देते हुए मम्मी पापा को कहा.
"हां, हो सकता है, हम वहीं पर रुक जाए!" पापा अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान लाते हुए बोले. "वैसे ज़्यादा पीने की वजह से नही, किसी और वजह से भी!" पापा ने किसी षड्यंत्र भरे अंदाज में कहा. मम्मी ने पापा के कंधे पर प्यार में एक घूँसा मार दिया.
"इस उमर में तो सुधर जाओ, बच्चे बड़े हो गये हैं. एक डाइमंड क्या दिलवा दिया, जाने अब मुझसे क्या क्या चाहते हैं!" मम्मी ने बनावटी गुस्से में कहा.
मैने बिना कुछ सोचे बोला, “मुझे क्या प्राब्लम होगी बुआ? यू आर मोस्ट वेलकम, इस रूम में बहुत जगह है, मैं तो अपना एक फोल्डिंग बेड लगा लूँगा, आप आराम से मेरे ही रूम में रहें.”
बुआ खुश होते हुए बोली, “ओके तो फिर ठीक है, आज भैया और भाभी तो कहीं बाहर जा रहे हैं.” आगे एक रहस्य भरी आवाज़ में मुझसे पूछा, “एनी प्लॅन्स?”
"नो...नो प्लॅन्स." अभी भी मैं अंजाने में, रूम में घुसकर बुआ को नंगा देखने के बाद थोड़ा शरमा रहा था. और मेरा चेहरा अभी भी लाल था. मैने कुछ हकलाते हुए बोला, “आप कहो तो पिज़्ज़ा या कुछ और ऑर्डर कर देते हैं...” मैने शीशे में बुआ के चेहरे को देखा, बुआ मुझे देख रही थी, और मुस्कुरा रही थी.
“गुड आइडिया, और वैसे भी भाभी बता रही थी, तुमको मुझसे बहुत सारी बातें करनी हैं,” बुआ ने एक कुटिल मुस्कान के साथ कहा. शीशे के सामने से घूमते हुए, बुआ ने पास आते हुए, हम दोनो के बीच की दूरी को कम कर दिया.
"हे भगवान! तुम तो बहुत बड़े हो गये हो!" मेरे बिल्कुल पास आते हुए बुआ ने कहा. “लास्ट टाइम जब मैने तुमको चेक किया था, तब तुम्हारी हाइट मेरे बराबर थी, 5 फुट 4 इंच. अब तो तुम मुझसे पूरा 6 इंच लंबे हो गये हो.”
बुआ ने अपने पंजों की उंगलियों पर उँचा होते हुए, बस अपने पुर शरीर पर तौलिया लपेटे हुए, मेरे कंधे से कंधा मिला कर हाइट को फिर से चेक किया. मैं शायद इस वजह से कुछ ज़्यादा ही मर्दाना फील करते हुए, घमंड भरे अंदाज में कहा, “पूरे 5 फुट 10 इंच.” बुआ ने मुझे एक किस किया, और फिर से दूर हो गयी.
"ठीक है, अब मुझको कपड़े पहन लेने चाहिए" बुआ ने थोड़ा रुकते हुए मेरी तरफ देखते हुए कहा. बस एक पल लिए मुझे लगा कि बुआ अपनी टवल हटाने वाली है.
"ओह हां,मुझे भी तो नहाना है." मैने मासूम बनते हुए कहा, फिर मन ही मन सोचा, बच्चू, अगर इतने भोले भाले होते तो शुरू में ही ना रूम से बाहर चले गये होते.
"ठीक है राज, आल्मिराह में से अपने कपड़े निकाल लो, और नहा लो, ये तुम्हारा ही रूम हैं, जब तक तुम नहा कर आते हो, मैं भी अपने कपड़े निकाल के पहन लेती हूँ. मैने बुआ की बात मानते हुए आल्मिराह से अपने कपड़े निकाले, और बाथरूम में नहाने चला गया.
जब मैं नहा के अपने रूम में लौट के आया, तो मैने पाया कि रूम अंदर से लॉक नही है. मैने धीरे से दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुल गया. अंदर देखा, तो बुआ बेड पर नंगी बैठ कर अपनी झान्टो को रेज़र से सॉफ कर रही थी. मैं काफ़ी देर तक बिना कोई आवाज़ किए, बुआ को अपनी झान्टे सॉफ करते देखता रहा, बुआ भी इतनी मगन थी, की उनको होश ही नही था कि मैं रूम में दाखिल हो चुका हूँ.
कुछ देर बाद, जब बुआ ने सिर उठा के डोर की तरफ देखा, तो मुझे वहाँ देख कर बोली, "ओह शिट! सॉरी राज, मुहे पता ही नही चला, तुम कब आ गये!"
बुआ ने बिल्कुल नॉर्मल रहते हुए कहा, “बहुत दिनों से इनको सॉफ नही किया था, आज तुम्हारे इस मिरर में देखा, तो लगा कि इनको सॉफ कर लेना चाहिए.”
मैं बुआ के नंगे मम्मों को घूरे जा रहा था, बुआ की डार्क ब्राउन निपल्स टाइट होकर खड़े हो चुके थे, और बस कुछ ही दूरी पर मेरे सामने मेरी बुआ ने नंगे मम्मे मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे.
मुझको अपने मम्मों की तरफ घूरता हुआ पाकर, बुआ ने पूछा, “ तान्या के तो तुमने देखे होंगे.” इस से पहले कि मैं कुछ सोच के जवाब दे पाता, बुआ ने रेज़र रख दिया, और अपनी ब्रा, पैंटी और सलवार सूट पहन लिया.
मुन्नी बुआ कपड़े पहन के नीचे ड्रॉयिंग हॉल में चली गयी, कुछ देर इस घटना के बारे में सोचता हुआ मैं अपने रूम में बेड पर लेटकर सोचता रहा. कुछ देर बाद, फिर मैं भी नीचे ड्रॉयिंग हॉल में आ गया, वहाँ मुन्नी बुआ और पापा आपस में बातें कर रहे थे.
"मम्मी कहाँ है?" मैने ड्रॉयिंग हॉल में दाखिल होते हुए पूछा.
"बस अभी आ ही रही होगी." पापा बोले. "गॉड, आइ हेट दीज़ बिज़्नेस डिन्न्स," पापा ने थोड़ा असहज होते हुए कहा, उतना ही असहज, जितना कि मैं अपने आप को फील कर रहा था. बुआ ने मेरी तरफ मजाक मे आँख मारी, तभी मम्मी भी आ गयी.
"भाभी, इस ड्रेस में बहुत अच्छी लग रही हो!" मुन्नी बुआ ने मम्मी की तारीफ़ करते हुए कहा. और वाकई में मम्मी उस ड्रेस में कमाल लग रही थी. बहुत दिनों के बाद मैने मम्मी को इतना सज़ा सँवरा, इतनी बढ़िया ड्रेस में देखा था. और मुझे भी अपने आप पर विश्वास नही हुआ, जब मैने मम्मी के उस ड्रेस के बड़े गले में से दिख रहे दोनो मम्मों के बीच की दरार, जिसको अँग्रेज़ी में क्लीवेज कहते हैं, उस क्लीवेज को देखकर मेरी नज़र वहाँ से हट ही नही रही थी.
"मुझे विश्वास नही होता, तुम मुझे ऐसी ड्रेस पहले तो खरीदवाते हो, और फिर बिज़्नेस पार्टीस में पहनने के लिए भी फोर्स करते हो," मम्मी ने पापा को कहा. लेकिन वाकई में मम्मी उस ड्रेस में कमाल लग रही थी, और मुन्नी बुआ ने मेरे दिमाग़ में चल रही बात को बोल दिया.
"भैया, भाभी पर पार्टी में नज़र रखना" बुआ ने पापा को चेतावनी देते हुआ कहा. “आज तो पार्टी में सबकी नज़र भाभी पर ही रहेगी, सारे मर्द झाँक झाँक कर कोशिश करेंगे, की सामने से थोड़ा सा और दिख जाए!” ये सोच कर कि आज मम्मी को कितनी अटेन्षन मिलने वाली है, पापा का चेहरे खुशी से चमक रहा था.
“ओके, ठीक है, तो फिर हम उनको देखने के लिए कुछ और इंतज़ाम कर देते हैं” पापा ने अपने कोट की जेब में से एक मखमली छोटा लंबा सा बॉक्स निकालते हुए कहा. और मुस्कुराते हुए पापा ने उस बॉक्स को मम्मी के हाथों में रख दिया, और बोले, “लो इसको पहन लो.” मम्मी ने उस छोटे लंबे से बॉक्स को खोला, और एक सोने की चैन में लटके सिंगल डाइमंड पेंडेंट को निकाल लिया. वो डाइमंड वाकई बहुत खूबसूरत था, और जो भी देखता बस देखता ही रह जाता.
“ये तुमने अच्छा किया भैया!” बुआ बोली. “लेकिन अब सारे मर्दों के साथ औरतें भी ईर्ष्या की नज़रों से भाभी को देखेंगी. मर्दों की नज़र भाभी की क्लीवेज पर होगी तो औरतों की डाइमंड पर.” मेरे सिवाय, वो तीनों ज़ोर ज़ोर से इस बात पर हँसने लगे, मैं चुप चाप खड़ा हुआ हैरत से उनकी बातों को सुन कर, अपने कानों पर विश्वास नही कर पा रहा था.
“बस अब एक अच्छी से एअर रिंग्स की कमी है,” बुआ बोली. “लो, ये तुम मेरी पहन लो.” बुआ ने अपने कानों में पहनी हुई एअर रिंग्स को उतारते हुए कहा. मैने बुआ को जब एअर रिंग्स उतारते हुए देखा, तब मैने गौर किया, कि वो एअर रिंग्स भी डाइमंड की थी.
"ओह दीदी! सच में? आप मुझे क्या सच में आज शाम को इतने सुंदर एअर रिंग्स पार्टी में पहनने के लिए दे रही हो?" मम्मी ने एग्ज़ाइटेड होते हुए पूछा.
"हां, क्यों नही...इनको तुम ही रख लो, मुझे तो ये राजीव के पापा ने दिलवाए थे." बुआ ने वो एअर रिंग्स अपने कानों में से उतार कर, मम्मी के कानों में पहना दिए.
“नही, मैं इनको रखूँगी नही, लेकिन आज पार्टी में पहनने के लिए देने के लिए, सच में थॅंक यू, दीदी.” मम्मी ने खुश होते हुए कहा. मम्मी ने तुरंत उनको पहनकर शीशे में अपने आप को निहारा, और गले में लटके डाइमंड को देख कर मन्त्र मुग्ध हो गयी, क्योंकि वो उनके मम्मों को और ज़्यादा सेक्सी लुक दे रहा था. “अब चलो भी, मैं तो तय्यार हूँ,” मम्मी ने शॉल ओढाते हुए कहा. मैने देखा, जाने से पहले मम्मी ने झुक कर बुआ के कानों में कुछ कहा. उसके बाद बुआ ने मेरी तरफ देखा, और फिर कुछ जवाब में मम्मी के कानों में दिया.
"ओके, तुम दोनो मस्ती करो. और अगर ज़्यादा ड्रिंक कर लो, तो वहीं उसी होटेल मे रूम लेकर रुक जाना, ड्राइव करने की कोई ज़रूरत नही है." बुआ ने हिदायत देते हुए मम्मी पापा को कहा.
"हां, हो सकता है, हम वहीं पर रुक जाए!" पापा अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान लाते हुए बोले. "वैसे ज़्यादा पीने की वजह से नही, किसी और वजह से भी!" पापा ने किसी षड्यंत्र भरे अंदाज में कहा. मम्मी ने पापा के कंधे पर प्यार में एक घूँसा मार दिया.
"इस उमर में तो सुधर जाओ, बच्चे बड़े हो गये हैं. एक डाइमंड क्या दिलवा दिया, जाने अब मुझसे क्या क्या चाहते हैं!" मम्मी ने बनावटी गुस्से में कहा.