Bhai Bahan XXX भाई की जवानी - Page 3 - SexBaba
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Bhai Bahan XXX भाई की जवानी

विशाल चाय का कप उठाकर एक सिप लेता है, और कहता है- "बहुत अच्छी चाय बनाई है.."

आरोही- "बैंक यू भैया... और आरोही भी चाय का सिप लेते हुए साथ में चिप्स भी लेती है, और लूडा का गेम स्टार्ट करके पहली चाल आरोही खुद चलती है। एकदम से आरोही की गोटी खुल जाती है।

विशाल का चेहरा देखने लायक था, और विशाल अपनी चाल चलता है मगर विशाल की गोटी नहीं खुली। आरोही का लक आज और भी बदिया चल रहा था। हर चाल में आरोही की गोटी खुल रही थी और आरोही अपनी गोटी को विशाल के पास ले जाती है, और जैसे ही विशाल की गाटी खलती है। आरोही फिर से विशाल की गोटी पीट देती है।

इस बार इतनी बुरी हार मिलती है विशाल को की बिना तोड़ के मारी गोटी अंदर बंद थी और आरोही की चारों गोटी मंजिल पर पहुँच चुकी थी।

आरोही को जैसे ही आखिरी गोटी जाती है, खुशी के मारे एक जोरदार चीख मारती है- "हाई मैं जीत गईई..."

विशाल- हाँ हाँ इतना क्यों चीख रही है? चल कैरम खेलते हैं, तब पता चलेगा कौन जीतता है?

आरोही- वो सब बाद में पहले मुझे जीतने की खुशी में चाकलेट खिलाओ।

विशाल- अच्छा बाबा खिला दूँगा।

तभी टीवी पर 'आशिक बनाया आपने' का मुख्य घाना शुरू हो गया, और किसिंग सीन पर आरोही और विशाल की नजर पड़ती है। विशाल एकदम से चैनल बदल देता है। आरोही चाय के खाली कप लेकर किचेन में चली जाती है, और फिर थोड़ी देर बाद वापस आकर विशाल के पास बैठकर टीवी देखने लगती है।

आरोही- विशाल भैया एक बात पूछ?

विशाल- हाँ पूछो आरोही क्या बात है?

आरोही- भैया जो प्रिया ने किया है क्या वो सही है?

विशाल- लब मैरेज?

आरोही- जी।
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विशाल- लोब मैरेज तो ठीक है मगर उसे इस तरह घर से भागना नहीं चाहिए था।

आरोही- मगर भैया इस तरह भी तो घर वाले राजी नहीं होते।

विशाल- हाँ वो तो है। उनकी लाइफ वो जाने हमें क्या लेना?

आरोही- भैया अगर आपको किसी से प्यार हो गया तो क्या आप भी ऐसा ही करोगे?

विशाल- मुझे प्यार व्यार के चक्कर में नहीं पड़ना पहले पढ़ लिख जाऊँ, फिर जहां मम्मी पापा कहेंगे मैं वहीं शादी कर लूँगा।

आरोही- क्या भैया.. आप बिना देखे ही तैयार हो जाओगे?
 
आरोही- क्या भैया.. आप बिना देखे ही तैयार हो जाओगे?

विशाल- तो क्या हुआ? मम्मी पापा मेरा कुरा थोड़े चाहेंगे? त भी क्या बातें लेकर बैठ गई? चल कुछ खाना तैयार कर बड़े जोरों की भूख लगी है।

आरोही- जी भैया जाती हैं। मगर मुझे आपसे इस बारे में और बात करनी है।

विशाल- ठीक है कर लेना। मैं कही भागा नहीं जा रहा।

आरोही चली जाती हैं और विशाल अपना लैपटाप उठाकर चालू करता है। जैसे ही लैपटाप खुलता है विशाल को एक जोरदार झटका लगता है। सामने स्क्रीन पर नंगी नंगी पिक देखकर विशाल के लौड़े में हलचल हो जाती है। मगर विशाल सोचता है- "ये सब मेरे लैपटाप पर कैसे खुल गया? क्या ये आरोही ने सर्च किया है? उसके अलावा घर में और कोई है भी तो नहीं..."

विशाल- "ओह माई गोड... ये आरोही किस रास्ते चल पड़ी है? जरूर में सब प्रिया की वजह से हो रहा है। अब मैं आरोही का कैसे समझाऊँ की ये रास्ता गलत है। सिवाय बदनामी के कुछ हासिल नहीं होगा.." यही सब सोचते हए विशाल परेशान सा हो जाता है, और अपनी बाइक लेकर बाहर जाने लगता है।

तभी आरोही बाइक की आवाज सुनकर किचैन से बाहर आती है, और कहती है- "कहां जा रहे हो भैया?"
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विशाल- अपनी कुछ बुक लानी है।

आरोही- भैया जल्दी आ जाना। खाना थोड़ी देर में तैयार हो जापगा।

विशाल- ठीक है आ जाऊँगा।

आरोही- भैया मेरे फोन में रीचार्ज भी करा देना। कई दिन से वाटसप बंद है।

विशाल- "ठीक है करा देगा..." और विशाल बाइक लेकर निकल जाता है।

आरोही दरवाजा बंद करके जैसे ही अंदर आती है, सोफे पर रखा लैपटाप देखकर- "ओह माई गोड. मैंने हिस्ट्री तो डिलिट ही नहीं की थी। कहीं विशाल में तो नहीं देख लिया?" और आरोही लैपटाप ऑन करती है फिर से स्क्रीन पर वही पिक आ जाती है। आरोही बड़े गौर से अपनी नजरें इन पिक पर लगा देती है। एक पिक में दो लड़कियां आपस में किस कर रही थीं।

आरोही सोचती है- "दो लड़कियां आपस में कैसे किस कर रही हैं? तभी आरोही को एक पिक और नजर आती है जिसमें दो लड़कियां एक दूसरे की चूत चाट रही थी..' आरोही ये सब देखकर बहत हँगन थी और थोड़ी देर देखने के बाद आरोही ये सब लैपटाप में डिलिट कर देती है और लैपटाप बंद करके किचन में खाना बनाने पहुँच जाती है।

उधर विशाल बड़ा परेशान था की आरोही को कैसे समझा। तभी विशाल को एक आईडिया समझ में आता है

और विशाल अपनी एक किताब और एक चाकलेंट लेकर घर वापस आने लगता है। तभी विशाल को याद आता है की आरोही का माबाइल रीचार्ज भी करना है। विशाल बाइक रोककर आरोही का मोबाइल रीचार्ज करवाकर घर आ जाता है।

आरोही- भैया खाना तैयार है, लगा दूं?

विशाल- हाँ लगा दे, और ये ले अपनी चाकलेट।

आरोही मुश्कुराते हुए- "बैंक यू भैया.."

विशाल भी मुस्कुराए बिना रह ना सका, और दोनों मिलकर खाना खाते हैं।

आरोही- भैया आपने मेरा मोबाइल रीचार्ज करा दिया?

विशाल- ही चैक कर लो।

आरोही खाना खाकर बर्तन किचेन में ले जाती है। विशाल अपना लैपटाप उठाकर चाल करता है। मगर उसमें से सारी पोर्न पेज हिस्ट्री गायब थी।

विशाल मन में "ओह तो ये सब आरोही ने ही डिलिट किया है." विशाल के दिमाग में एक प्लान आता है

आरोही को समझाने का- "क्यों ना एक नये नाम से ई-मेल आईडी बनाऊँ और आरोही को समझाऊँ। सीधे-सीधे तो मैं आरोही को समझा नहीं सकता.." और विशाल अपनी फेसबुक खोलता है और एक नई आइंडी बनता है, राज नामें से। और फिर आराही को दोस्तों रिक्वेस्ट भेज देता है और फिर लैपटाप बंद करके सामने टेबल पर रखकर अपनी किताबें उठाकर पटने लगता है।

आरोही किचंन से काम निपटाकर बाहर आती है- "क्या कर रहे हो भैया?"

विशाल- पढ़ाई कर रहा है।

आरोही- भैया में ऊपर रूम की सफाई करने जा रही है।

विशाल- "ठीक है.." और यूँ ही करीब आधा घंटा गजर जाता है।

विशाल अपने मोबाइल पर फेसबुक पर राज वाली आईडी चेक करता है। आरोही दोस्त रिक्वेस्ट आक्सेप्ट कर चुकी थी। विशाल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, और विशाल मेसेज़ बाक्स में पहुँचकर आरोही को एक मेसेज़ भेजता है- "मिस आराहा- मेरी दोस्ती आक्सेप्ट करने के लिए धन्यवाद..."
 
विशाल अपने मोबाइल पर फेसबुक पर राज वाली आईडी चेक करता है। आरोही दोस्त रिक्वेस्ट आक्सेप्ट कर चुकी थी। विशाल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, और विशाल मेसेज़ बाक्स में पहुँचकर आरोही को एक मेसेज़ भेजता है- "मिस आराहा- मेरी दोस्ती आक्सेप्ट करने के लिए धन्यवाद..."

"
आरोही भी इस वक़्त आनलाइन थी- "बालेकम। आपका नाम राज है?"

विशाल (राज)- "जी मेरा नाम राज है और में 21 साल का एक खूबसूरत लड़का हैं। अभी स्कूल में पढ़ता हैं, और मैं मुंबई में रहता हूँ। आप बताइए?"

आरोही- जी मेरा नाम आरोही हैं और मैं इंटर की पढ़ाई कर रही हैं। अभी 19 साल की हैं।

विशाल- वाउ... बहुत प्यारा नाम है। और सुनाओं आपके घर में कौन-कौन है?

आरोही- मम्मी पापा और एक भाई है। और तुम्हारे?

विशाल- मेरे भी आपकी तरह सेम है। मम्मी पापा और एक चुलबुली बहन है।

आरोही- क्या नाम है आपकी बहन का?

विशाल- जी पूजा। आपकी हाबीस क्या है?

आरोही- घूमना, गेम खेलना, और नई-नई डिशेस बनाना।
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विशाल- एक बात पछ आरोही, अगर बुरा ना मानो ता?

आरोही- हाँ हाँ पूछो राज क्या पूछना है?

विशाल- तुम्हारा कोई बायफ्रेंड है?

आरोही- नहीं।

विशाल- रियली?

आरोही- हाँ हाँ सच में नहीं है। बस मेरा भाई ही मेरा फंड है। कभी ऐसा लगा ही नहीं की मेरा कोई दोस्त नहीं

विशाल- ओह लगता है तुम्हें अपने भाई से बहुत प्यार है?

आरोही- हाँ वो तो है।

विशाल- मगर एक भाई से वो वाला प्यार तो नहीं कर सकते।

आरोही की तरफ से इस बात का कोई जवाब नहीं आता। थोड़ी देर इंतजार करने के बाद विशाल एक और मेसेज़ करता है।

विशाल- क्या हुआ आरोही, क्या मेरी बात का बुरा लग गया?

आरोही- नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है। आप ठीक कह रहे हैं।

विशाल- क्या तुम्हारे भाई की कोई गर्लफ्रेंड है?

आरोही- नहीं।

विशाल- नहीं है, तुम कैसे कह सकती हो?

आरोही- मैं भाई के साथ रहती हैं, अगर कोई होती तो मुझे पता चल जाता।

विशाल- क्या मालूम तुम्हारे भाई ने तुमसे छिपाया हो? तुमने कभी अपने भाई की जासूसी की है?

आरोही- नहीं तो... कैसी जासूसी?

विशाल- "भाई की किताबों में किसी लड़की का फोटो देखा हो, या भाई के फोन पर किसी लड़की की काल आई हो.."

आरोही- नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। अब में आफलाइन होती हैं, काफी देर हो गई चैटिंग करते हुए।
 
आरोही- नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। अब में आफलाइन होती हैं, काफी देर हो गई चैटिंग करते हुए।

विशाल- अच्छा ठीक है। ये तो बता दो फिर आजलाइन कब आओगी?

आरोही- देखती हूँ, 9:00 बजे के बाद। बाड़।

विशाल- "बाइ आरोही." और विशाल अपने मोबाइल में आईंडी लोग आउट कर देता है।

थोड़ी देर बाद आरोही नीचे आती है।

विशाल- आरोही सफाई हो गई?

आरोही आकर बिल्कुल विशाल के बराबर में बैठ जाती है, और कहती है- "जी भैया हो गई."

विशाल- आरोही तू भी अब कुछ पढ़ाई कर ले एउजाम्स सिर पर हैं।
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आराही- भैया आप फिकर मत करो, मैं एग्जाम्स की पूरी तैयारी कर चुकी हैं। देखना इस बार आपसे आगे ना निकली तो कहना।

विशाल- हाँ हाँ देखेंगे। ये एग्जाम्स है कोई लड़ो का गेम नहीं। जिसे त हँसी मजाक में जीत लेंगी।

आरोही- भैया मेरे लिए तो पढ़ाई भी एक गेम ही है।

विशाल- अच्छा आरोही आज डिनर में क्या बनायंगी?

आरोही- भैया आज तो आप होटल से ले आजा।

विशाल- ठीक है।

तभी आरोही साफे से उठती है।

विशाल- अब कहां चली?

आरोही- "भैया नहाने जा रही हैं."

कहकर आरोही नहाने के लिए बाथरूम में पहुँचती है और एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतार देती है। शावर खोलकर ठंडे-ठंडे पानी के नीचे खड़ी हो जाती है। आज आरोही को नहाते हए बड़ा अच्छा लग रहा था। और आरोही जैसे ही अपने जिम पर साबुन मलने लगती है एकदम से आरोही का पोर्न पिक याद आ जाती है। जैसे जैसे आरोही अपने जिस्म पर साबुन लगा रही थी आगही की मस्ती बढ़ती जा रही थी। फिर जैसे ही आरोही का हाथ अपनी चूत पर पहुँचता है। एकदम से आरोही की आँखें बंद हो जाती हैं और उंगलियां अपने आप चूत की फांका के बीच चलने लगती हैं।

आरोही को कितना प्यारा अहसास हो रहा था, और ये जो भी कुछ हो रहा था, इसका होश आरोही को भी नहीं था। जाने कितनी देर तक आरोही अपनी चत मसले जा रही थी।

विशाल बाहर बैठा ये सोच रहा था की आरोही से कैसे बात करें की आरोही इस रास्ते पर ना चले।

उधर अंदर आरोही की उंगली ने अब तक चूत के छेद को टटोलना शुरू कर दिया था। इसका होश आरोही को तब आता है जब उंगली ने चूत में हल्का सा दर्द पैदा कर दिया था। आरोही दर्द में एकदम आअहह... की सिसकारी के साथ होश में आती है, और खुद को इस हालत में देख कर खुद ही शर्मा जाती है।

आरोही- "ओह शिट... ये सब मैं क्या करने लगी?" फिर आरोही जल्दी-जल्दी नहाकर बाहर निकलती है, और हाल में आकर शीशे के सामने अपने बाल सुखाने लगी। आरोही ने काटन का पीला शूट पहना था, जिसकी कमीज काफी छोटी थी। गीले बाल होने के कारण पीछे से आरोही की कमीज भी गीली हो चुकी थी। जिस कारण कमर पीछे से साफ दिखाई दे रही थी।

विशाल सोफे पर बैठा हुआ था। जैसे ही उसकी नजर आरोही की तरफ पहुँचती है। विशाल को झटका सा लगता है। विशाल अपनी नजरें वहां से हटाना चाह रहा था, मगर जाने क्यों बार-बार नजर वहीं जा रही थी।
 
विशाल सोफे पर बैठा हुआ था। जैसे ही उसकी नजर आरोही की तरफ पहुँचती है। विशाल को झटका सा लगता है। विशाल अपनी नजरें वहां से हटाना चाह रहा था, मगर जाने क्यों बार-बार नजर वहीं जा रही थी।

आरोही भी इस बात से बेखबर भी, और अपने बाल सवार कर जैसे ही पलटती है, विशाल को अपनी और घरते पाती हैं। विशाल भी एकदम से अपनी नजरें हटा लेता है। आरोही भी आकर विशाल के बराबर में बैठ जाती है।

और दोनों पढ़ाई में बिजी हो जाते हैं।

शाम के 7:00 बज चुके थे। आराही चाय बनाने किचन में चली जाती है। तभी विशाल के फोन पर मम्मी का फोन आता है।

आरोही- भैया लीजिए चाय।

विशाल- आरोही।

आरोही- जी भैया।

विशाल- अभी मम्मी का फोन आया था। मामा प्रिया की शादी अपने यहां धूम धाम से करने को कह रहे हैं, और हम दोनों को भी बुलाया है।

आरोही- वाउ... भैया फिर तो बड़ा मजा आयेंगा। कब निकालना है हमें?

विशाल- "सुबह 7-8 बजे तक निकल जायेंगे। तुम एक काम करो, अभी कपड़े तैयार कर लो और बैग भी पैक कर लेना। मैं होटल से खाना ले आता हैं.'

आरोही. जी भैया ठीक है।

विशाल जैसे ही बाइक स्टार्ट करता है आरोही दौड़ कर आती है।

आरोही- भैया, मार्केट से प्रिया- के लिए कोई गिफ्ट लेते आना।

विशाल- "अच्छा ठीक है ले आऊँगा.." और विशाल मार्केट चला जाता है।

आरोही अपने और विशाल के कपड़े तैयार करने लगती हैं। और ही आरोही को करीब एक घंटा गुजर जाता है। तभी विशाल की बाइक की आवाज आती है और आरोही उठकर दरवाजा खोलती है। फिर दोनों मिलकर खाना खाते हैं। रात के 9:00 बज चुके थे। आरोही बर्तन उठाकर किचेन में चली जाती है, और विशाल उठकर ऊपर चला जाता है और बेड पर लेटकर अपने मोबाइल पर राज की आईडी लोग इन करता है।

आरोही अभी किचेन में बर्तन साफ कर रही थी। करीब आधे घंटे बाद आरोही किचेन से काम निबटा कर बाहर आती है। रात के 9:30 बज चुके थे। आरोही मम्मी के गम में पहुँच कर अपने मोबाइल पर चैट रूम खोलती है। राज के दो मेसेज़ आय हए थे।

राज- हेला आरोही।

राज- क्या आज आनलाइन नहीं आओगी?

फिर आरोही मेसेज़ टाइप करती है- "हेलो राज हाऊ आर यू?

राज- आई आम फाइन। तुम बताओ? मैं काफी देर में तुम्हारे आनलाइन होने का इंतजार कर रहा था।

आरोही- अच्छा। में किचन में बिजी थी।

राज- ओह।

आरोही- अच्छा बताओ क्या बात करनी थी मुझसे?

राज- वेरी सारी। तुमसे बातें करना बड़ा अच्छा सा लगने लगा है।
 
आरोही- एक ही दिन में?

राज- हाँ ऐसा लग ही नहीं रहा हमें दोस्त बने हुए सिर्फ एक दिन हुआ है। मुझे तो लगता है जैसे मैं तुमको बरसों से जानता हूँ, और अपनी कल्पना से तुम्हारी तस्वीर भी दंख चुका हूँ।

आरोही- अच्छा जी.. तुम्हारी कल्पना में मैकसी दिखती हूँ? क्या मुझे बताओगे?

राज- क्यों नहीं प्यारा सा मासूम चेहरा, हल्के सुनहरे बाल जो कभी-कभी चेहरे पर अपना प्यार बिखेरते रहते हैं, और काली-काली आँखों में काजल की लंबी सी डोरी। अफफ्फ... कितनी प्यारी लगती हो। और दो गुलाब की कलियों के समान होंठ इस चेहरे को और खूबसूरत बनाए हुए हैं, जिनके ऊपर एक छोटा सा तिल जो दुनियां बालों की बुरी नजरों से तुमको हमेशा बचाए रखें।

आरोही- तुमको कैसे पता मेरे होठों के ऊपर एक तिल है?

राज- ये तो मेरी कल्पना है।

आराही- अच्छा?

राज- आरोही एक बात बताओगी?

आरोही- क्या? ‘

राज- लोव मॅरेज या अरेंज मैरेज, किसको सही मानती हो?

आराही- अरे ये सवाल तो आज मैं अपने भाई से कर रही थी।

राज- अच्छा ।

आरोही- हाँ... तुमको कौन सी सही लगती है।

राज- मुझे तो अरेंज मैरेज ही सही लगती है। माँ बाप अपने बच्चों के लिए हमेशा अच्छा ही करते हैं।

आरोही- हाँ बा तो हैं। मगर जिसे कभी देखा नहीं, बात नहीं की, उसके साथ पूरी जिंदगी बितानी पड़ती है। क्या पता वो हमें पसंद ना आए, या एक दूसरे की पसंद ना मिलें? फिर पूरी जिंदगी क्या समझौते के सहारे गुजारेंगे?

गराज- हाँ ये तो है। मगर शादी से पहले किसी के साथ घूमना, मबी देखना, में भी तो गलत है।

आरोही- गलत क्यों है?

राज- अगर लड़के लड़की एक साथ घूमते फिरते हैं, तो गलत रास्ते पर भी चलने लगते हैं।

आरोही- गलत रास्ता... तुम कहना नया चाह रहे हो राज?

राज- मेरा मतलब सेक्स में है। अगर लड़के लड़की एक साथ घूमते फिरते हैं, अकेले रहते हैं, तो शादी से पहले सेक्स तक पहुँच जाते हैं।

आरोही ये सुनकर कुछ जवाब नहीं देती।

राज- क्या हुआ आरोही, मेरी बात का बुरा तो नहीं लगा?

आरोही- "नहीं ऐसी बात नहीं है। मैं अब आफलाइन होती हैं, काफी देर हो गई है. और आगही आफलाइन हो जाती है।
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*****
 
सुबह दोनों भाई बहन मामा के यहां जाने के लिए बस स्टाप पहुँचते है। मगर आज बस में बहुत भीड़ थी। काई सीट खाली नहीं थी।

विशाल कंडक्टर से पूछता हैं- "सीट मिल जायेगी?"

कंडक्टर- "पिछली सीट की सवारी अगले स्टाप पर उत्तरंगी। तब तक आपको खड़े होकर जाना पड़ेगा..."

आरोही- "चलो भैया थोड़ी देर खड़े होकर चलते हैं। पता नहीं दसरी बस कितनी देर में आयेंगी." और दोनों बस में चढ़ जाते हैं। पहले आरोही चद हैं। विशाल अपने सामान का बैं सीट के ऊपर रख देता है।

तभी दो लड़के और बस में चढ़ जाते हैं, जिससे आराही को अंदर खिसकना पड़ जाता है। विशाल और आगही में फासला सा हो जाता है। बस इस कदर भर जाती है की जरा भी पैर रखना की जगह नहीं मिलती। बस निकल पड़ती है। आरोही के आगे-पीछे लड़के खड़े थे।

विशाल को ये सब अच्छा सा नहीं लग रहा था। विशाल आरोही के पास पहुँचना चाह रहा था। मगर भीड़ के कारण पहुँचना मुश्किल था। बस में चलते हुए बार-बार झटके भी लग रहे थे। एक लड़का जो बिल्कुल आरोही के पीछे खड़ा था।

आरोही को अपनी गाण्ड की दरार में कुछ चुभता हआ महसूस हुआ। आरोही एकदम पलटकर जैसे ही पीछे देखती है, वो लड़का मुश्कुरा देता है, जैसे वो ये सब जानबूझ कर कर रहा हो। पीछे खड़ा विशाल भी भीड़ के कारण कुछ नहीं कर सकता था। और वो लड़का आरोही से चिपकता जा रहा था। लड़के का लण्ड अब आरोही की गाण्ड में साफ-साफ महसस होने लगा।

आरोही सांस रोके चुपचाप खड़ी रहती है, और लण्ड को अपनी गाण्ड की दरार में महसूस कर रही थी। करीब 10 मिनट बाद एक सबारी उतरती है तो विशाल आगे बढ़ जाता है और उस लड़के को पीछे हटाते हुए आरोही को कवर कर लेता है। आरोही विशाल की तरफ देखकर मुश्करा देती है, जैसे कह रही हो- "बैंक यू भैया.."

बस फिर से चल पड़ी और जैसे ही बस में झटका लगता है विशाल एकदम आरोही की तरफ दबने लगा। अब बिल्कुल वही सिचुयेशन विशाल की हो जाती है, जो थोड़ी देर पहले उस लड़के की थी। विशाल चाहकर भी पीछे नहीं खिसक सकता था।

आरोही को फिर से अपनी गाण्ड पर लण्ड का अहसास होने लगा। मगर इस बार आरोही के पीछे उसका भाई खड़ा था। बिशाल का बड़ा अजीब लग रहा था। ये सब उसके साथ क्या हो रहा था? आरोही की नरम मुलायम गाण्ड का स्पर्श विशाल के लण्ड को खड़ा होने पर मजबूर कर रहा था। और जैसे-जैसे बस चलते हुए झटके ले रही थी, लण्ड का तनाव भी बढ़ता जा रहा था।

आरोही का भी लगातार अपनी गाण्ड पर लण्ड का दवाब बढ़ता हआ महसूस हो रहा था। आरोही के अंदर भी लण्ड के अहसास में हलचल मचा कर रख दी थी। आरोही अब साफ-साफ अपने भाई का लण्ड अपनी गाण्ड की दरार में महसूस करने लगी। अब आराही खद भी आगे झकने की बजाय अपना दबाब पीछे देने लगी, जिससे विशाल का लण्ड थोड़ा सा और आरोही की गाण्ड की दरार में घुसने लगा।

ही दोनों की सिचुयशन लगभग 15 मिनट तक रही। इस बीच आरोही की चूत में भी चिपचिपा रस निकलने लगा था। तभी अगले स्टाप पर बस रुकती है, और बहुत सी सवारियां उतर जाती हैं। विशाल और आरोही को सीट मिल जाती है। विशाल को अब आरोही की तरफ देखते हुए भी झिझक महसूस हो रही थी। काफी देर दोनों खामोश बैठे रहते हैं।

आरोही थोड़ी देर बाद खामोशी तोड़ते हुए पूछती है- "भैया और कितनी दूर रह गया है?"

विशाल- अभी दो घंटे और लग जायंगे।

आरोही- ओह चला तब तक म्यूजिक ही सुन लेती हूँ।

आरोही हेडफोन लीड निकालकर अपने कानों में लगाकर म्यूजिक सुनने लगती हैं। करीब दो घंटे बाद दोनों मामा के घर पहुँच जाते हैं। शादी की तैयारी बड़ी जोरों से चल रही थी, घर के दरवाजे पर अजय फूलों की सजावट में लगा हुआ था।

विशाल- हेलो अजय क्या हो रहा है?
 
अजय- अरें विशाल... आओ आओ कैसे हो?

विशाल- एकदम फस्ट क्लास... तुम मुजाओ?

अजय- अ आरोही तुम ऊपर चली जाओ, प्रिया की हल्दी की धम चल रही है।

आरोही- "अच्छा.. और आरोही भागकर ऊपर चली जाती है।

विशाल- अजय ये सब प्रोग्राम कैसे बन गया?

अजय- प्रिया की शादी का अभी तक किसी को मालूम नहीं है। कहीं आस पड़ोस वालों को पता चल गया तो जाने क्या-क्या बातें बनायेंगे? अपनी इज्जत की खातिर पापा ने में प्रोग्राम बनाया है।

विशाल- चलो यही सही भी है की सौंप भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे।

अजय. चल यार अंदर चलते हैं, पहले कुछ खा पी लेते हैं। फिर बैठ कर बातें करेंगे।

विशाल- ठीक है।

अजय और विशाल टहलते हए ऊपर पहुँच जाते हैं। अफफ्फ ऊपर क्या मस्त प्रोग्राम चल रहा था, औरतों का डान्स।

मगर तभी मामी ने दोनों को झाँकतें देख लिया, और विशाल से बालती है- "यहां पर पुरुषों का आना मना है, बाहर निकला..."

अजय. "चल यार यहां से चलते हैं... और बाहर निकलते हए अजय बोलता है- "ये प्रोग्राम तो मैं जरा देखूगा.."

फिर अजय विशाल का हाथ पकड़कर एक स्टोर रूम में ले जाता है। जहां एक छोटी सी खिड़की लगी थी। अजय एक स्टूल पर विशाल को बैठाता है और दोनों अंदर का प्रोग्राम देखने लगते हैं। अंदर एक लड़की 'दीदी तेरा देवर दीवाना' पर डान्स कर रही थी।

विशाल- अजय ये लड़की कौन है?

अजप- हा... अपने पड़ोस की शर्माजी की लड़की है।

विशाल- बहुत अच्छा डान्स करती है।

अजय- हाँ यार मगर किसी का घास नहीं डालती।

विशाल- तूने भी ट्राई किया है क्या?

अजय- हाँ मगर लगता है दाल गालेगी नहीं।

थोड़ी देर बाद एक और लड़की डान्स करने लगती है- "ये गलियां ये चौबरा, यहां आना ना दोबारा..."

विशाल- ये लड़की कौन है।

अजय- सोनिया... प्रिया की दोस्त एक नंबर की चाल। इसी में प्रिया को बिगाड़ा है।

विशाल- तो इसे तू पकड़ ले।

अजय- क्या पकडू इसको? पहले से ही इसके 10-12 बापड हैं।
 
अजय- क्या पकडू इसको? पहले से ही इसके 10-12 बापड हैं।

विशाल- क्या बात कर रहा है?

अजय- हौं, मैं सही कह रहा हूँ। एक नंबर की रंडी है। जानें कितनों से चुदवा चुकी है।

विशाल- कैसी गंदी बातें करता हैं त?

और अबकी बार डान्स करने आरोही खड़ी हो जाती है- "मेहन्दी लगा के रखना, डोली सजा के रखना..."

अजय- अरे आराही का भी डान्स आता है? ये तो हमें मालूम ही नहीं था।

विशाल अपना मोबाइल निकालकर वीडियो क्लिप बना लेता है। आरोही का डान्स भी आता है में तो आज तक विशाल को भी नहीं पता था।

फिर थोड़ी देर बाद डान्म का प्रोग्राम खतम हो जाता है, और यूँ ही रात के 10:00 चुके थे। अजय विशाल का सोने के लिए गैस्टरूम में बिस्तर लगा देता है।

अजय- कुछ चाहिए तो बोल देना।

विशाल- तू कहां चला?

अजय- देखता हैं कोई चिड़िया फैंस जाय तो?

विशाल- क्या तू भी इसी लाइन पर चल रहा है?

अजय- कहें तो तेरे लिए भी ट्रॅट दूं?

विशाल- नहीं बस शुक्रिया।

आरोही उधर प्रिया के रूम में ही लेट जाती है, और कहती है- "प्पिया कल तुम्हारी फिर से शादी हो जायेंगी."

प्रिया- हौं यार, आखीरकार मम्मी पापा मन ही गये। पहले से मान जाते तो घर से भागना तो नहीं पड़ता।

आरोही- तू ना बहुत जिद्दी है, अपने मन की करके छोड़ती है।

प्रिया- मेरी जान, प्यार में सब जायज है।

आरोही- क्या दोबारा हनीमून पर जायेगी?

प्रिया- हौं पार जरूर जाऊँगी... हनीमून की बात ही कुछ और है। इस दिन रात एक दूजे की बौहा में प्यार ही करते रहो। पता है एक बार तो पूरे दिन राहुल ने कपड़े भी नहीं पहनने दिए।

आरोही- क्या पूरे दिन?"

प्रिया- हाँ। उस दिन तो जाने क्या खा लिया था राहुल ने की मुझ पर सारे स्टाइल आजमा लिए।

आरोही- स्टाइल... कैसे स्टाइल?

प्रिया- - सेक्स करने में तरह-तरह की पोजीशन बनाते हैं, उसको स्टाइल या कामसूत्र भी कहते हैं।

आरोही- तुझे तो लगता है सेक्स का पूरा ज्ञान हो चुका है।

प्रिया- "हाँ यार, मैं तो सेक्स को बहुत पसंद करती हैं। आई लोव सेक्स। ओहह... यार जिस वक़्त लण्ड अंदर होता हैं, मत पूछ कितना मजा आता है। इससे बड़ा दुनियां में और काई सुख ही नहीं है." और यूँ ही बातें करते हए दोनों सो जाती हैं।

उधर विशाल राज वाली आईडी खोलकर देखता है की कहीं आरोही आनलाइन तो नहीं है? मगर आरोही तो प्रिया के साथ कामसूत्र का पाठ पढ़ रही थी। फिर विशाल हाय, हेलो के दो-चार मेसेज़ भेज देता है।

सुबह जिया की बारात आती है और बड़ी धूम-धाम से शादी निपट जाती है, और प्रिया राहुल के साथ ससुराल चली जाती है।
 
विशाल भी आरोही और मम्मी पापा के साथ घर आ चुका था राजेश और मुमन सफर के कारण अपने रूम में आराम करते हैं। विशाल और आरोही एग्जाम के कारण पढ़ाई में लगे हुए थे।

विशाल- आरोही।

आरोही- जी भैया।

विशाल- तू डान्स बड़ा अच्छा करती है।

आरोही एकदम चौंक जाती है- "मैया, आपने कहां देख लिया?

विशाल अपना मोबाइल निकालते हए आरोही को डान्स क्लिप दिखाता है।

आरोही- ओहह... भैया हमें मालूम नहीं था की आप चोरी छुपे लड़कियों को देखते हो।

विशाल- ऐसा कुछ नहीं है। वो तो अजय हाथ पकड़कर ले गया था।

आरोही- "हम कैसे यकीन कर लें भैया? आपने भी तो लड़कियों को चोरी छिपे देखा है, और जब आपने हमें डान्स करते देखकर हमारी वीडियो तक बना ली, तो क्या मालूम आपने दूसरी लड़लियों की भी वीडियो बनाई होगी..." फिर आरोही हसते हुए विशाल से बोलती है- "कहीं ऐसा तो नहीं भैया की आपकी कोई गर्लफ्रेंड भी हो
और हमें पता भी नहीं?"

विशाल- देख आरोही ऐसा कुछ नहीं है तू भी बात को कहां से कहां ले जाती है। चल जाकर मम्मी को उठा, शाम के 6:00 बज चुके हैं. खाना भी बनाना है।

आरोही- "जी भैया अभी उठती है. और आरोही उठकर मम्मी के रूम में पहुँचती है।

आरोही के कदम एकदम रुक जाते हैं। अंदर बिस्तर पर मम्मी पापा एक दूसरे से लिपटे हर सो रहे थे। आरोही बाहर से ही दरवाजा बजाती है।

मम्मी आहट सुनकर हड़बड़ाकर उठ जाती हैं। थोड़ी देर बाद सुमन बाहर आती है, और किचन में पहुँचकर खाना तैयार करती है। आरोही भी मम्मी की हेल्प करनें किचेन में च गई। और फिर सब मिलकर खाना खाते हैं।

राजेश- सुमन मेरी कमर में बड़ा दर्द हो रहा है, जरा थोड़ी मब लगा देना।

सुमन- "अच्छा चलिए जम में जाकर बैंड पर लेट जाइए, मैं अभी आती हैं. और पीछे-पीछे सुमन भी गम में चली जाती है।

आरोही भी उठकर ऊपर वाले रूम में चली जाती है। अभी सिर्फ रात के 8:00 ही बजे थे।

विशाल सोचता है- "आरोही इतनी जल्दी ऊपर कैसे चली गई?" फिर कुछ सोचते हुए विशाल अपना मोबाइल निकालता है और राज वाली आईडी खोलता है। आरोही आनलाइन थी।

आरोही- हेलो राज, कैसे हो? दो दिन में तुमसे बात नहीं हो पाई। सारी।

राज- अरे आरोही, सारी किसलिए? होगी आपकी काई मजबूरी।

आरोही- हाँ, मैं मामा की लड़की की शादी में चली गई थी।

राज- ओह कोई बात नहीं। और सुनाओं कैसी हो?

आरोही. एकदम बदिया। तुम बताओं राज?

राज- क्या बात है आज बड़े अच्छे मूड में लग रही हो?

आरोही- राज तुमसे बातें करते हुए बड़ा अच्छा सा लगता है।

राज- अच्छा चलो एक गेम खेलते हैं।

आरोही- कैंसा गेम?

राज- मैं तुम्हारी पसंद गेस करेंगा और तुम मेरी। देखते हैं किसके जबाब ज्यादा सही निकलते है?

आरोही- चला ठीक हैं। तो बताओं मेरा फेवरिट कलर कौन सा है?

राज- पीला।

आरोही- बाउ... बिल्कुल सही जवाब दिया तुमनें।

राज- अच्छा अब तुम बताओं की मेरा फेवरिट कलर कौन सा है?

आरोही सोचती हैं कौन सा कलर हो सकता है? तभी कुछ सोचते हुए- "ब्लू..'

राज- क्या बात है, एकदम सही जवाब।

आरोही- अच्छा राज ये बताओ मेरा सबसे पसंदीदा फल कौन सा है?

राज- सेब।

आरोही- वाउ.. यू अरे ग्रेट। एकदम सही जवाब। मैं तो तुम्हारी फैन हो गई।

राज- अच्छा जी... जरा हमें भी तो बताइए की हमारा पसंदीदा फल कौन सा है?
 
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