hotaks444
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राज: ओह्ह सॉरी मेरा मतलब वो नही था…..वैसे में भी बोर हो जाता हूँ….घर जाकर भी अकेले रूम मे बैठा-2 उकता जाता हूँ…..
अनीता: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है कि नही…..
राज: नही….
अनीता: क्यों हॅंडसम अच्छी शक्ल सूरत है बॉडी भी अच्छी बनाई हुई है…..फिर क्यों नही है…..
राज : वैसे और भी एक बहुत खूबी है मुझमे…..पर आप तो जानती है ना…आज कल की लड़कियों को….बस महँगे-2 गिफ्ट और बदले में क्या….बस पैसे बर्बाद…..
अनीता: अच्छा शाम को क्या कर रहे हो…..?
राज: कुछ ख़ास नही….
अनीता: तो चलो आज रुक्मणी के घर मे पार्टी करते है….ड्रिंक तो कर ही लेते हो ना.
राज: जी कभी-2
अनीता: और कोई शौक भी है तो बता दो…..उसका अरेंज्मेंट भी कर लेंगे…
राज: जी शौक तो बहुत है…..जैसे-2 जान पहचान बढ़ेगी…..आपको पता चल जाएगा…
अनीता: अच्छा ऐसी बात है…चलो देखते है…..
इस दौरान राज बार-2 अनीता की बड़ी-2 चुचियों को उसके ब्लाउज मे देख रहा था…और अनीता राज के लंड को उसके पाजामे मे झटके ख़ाता हुआ सॉफ देख रही थी…. अनीता उठी, और अपनी मोटी गान्ड मटकाते हुए जाने लगी…..”भूलना नही आज शाम रुक्मणी के घर पर……रुकमणी से घर का अड्रेस समझ लेना….” अनीता ने जाते हुए कहा. थोड़ी देर बाद रुक्मणी उसके पास आई…..”तो क्या इरादा है राज” राज ने चोंक कर रुक्मणी की तरफ देखा…..”जी इरादा तो नेक है……बस आपके हुकम का इंतजार है….” रुक्मणी ने अपने होंटो को दाँतों से काटते हुए कहा…..”अच्छा ये लो इसमे मेरा अड्रेस लिखा है….और मोबाइल नंबर. भी घर आ जाना अगर रास्ता ढूँढने में तकलीफ़ हो तो फोन कर देना…
राज: जी ठीक है….वैसे आपके घर वाले मतलब आपके हज़्बेंड कोई ऐतराज तो नही होगा.
रुक्मणी: अर्रे कहाँ वो तो ना ही उठ सकते है, और ना ही चल फिर सकते है…
ये कह कर रुक्मणी भी चली गयी….दोनो ने 1 घंटा पहले ही, छुट्टी ले ली…..रुक्मणी पहले अनीता के साथ उसके फ्लॅट मे गयी….वहाँ पर से अनीता ने अपनी एक साड़ी एक नाइटी और कुछ समान लिया….और फिर अपनी सास को बोला कि वो आज रुक्मणी के घर पर ही रहेगी.. वो पहले भी कई बार रुक्मणी के घर रात बिता चुकी थी…..फिर दोनो रुक्मणी के घर की तरफ ऑटो से चली गयी….रुक्मणी ने रास्ते मे से, खाने पीने की कुछ चीज़ें खरीदी और फिर घर पहुँच गई….
घर मे आकर उसने अपनी नौकरानी बिमला को बुलाया…..जब बिमला आई तो उसने उसे रात का खाना तैयार करने के लिए कहा…..और उसे कहा कि, वो 2 बोतल वाइन की अपनी पति से मंगवा दे…रुक्मणी ने उसे पैसे दिए….और बिमला पास ही के घर में चली गयी….जहा पर वो किराए पर रहती थी…..उसका पति दो बोतल वाइन ले आया….और बिमला ने वो वाइन रुक्मणी को लाकर दी…..रात की चुदाई की पार्टी का इंतज़ाम हो चुका था…..
दूसरी तरफ राज ने भी अपना काम ख़तम किया, और स्टेशन से बाहर आकर अपना मोबाइल निकाला , और घर पर फोन किया….फोन नाजिया ने उठाया….राज ने उससे कहा कि, आज रात कुछ ज़रूरी काम से उसे स्टेशन पर ही रुकना पड़ेगा….राज कुछ देर मार्केट मे घमता रहा….जब अंधेरा होने लगा तो, उसका फोन बजने लगा…..फोन अनीता का था….
अनीता: हेलो राज कहाँ रह गये……
राज: जी अभी आ रहा हूँ….थोड़ी देर मे पहुँच जाउन्गा….
अनीता: ठीक है…..जल्दी आओ…..
फोन कट…..राज ने बाइक रुक्मणी के दिए हुए पते की तरफ घमा दी….राज जानता था कि आज रात बहुत लंबी होने वाली है….इसलिए वो एक मेडिसिन की दुकान पर रुका और एक दो गोली वियाग्रा की ले ली….वैसे तो राज के जिस्म और लंड मे इतनी जान थी कि, वो एक साथ रुक्मणी और अनीता की चुदाई तसल्ली से कर सकता था…..पर राज आज उन्दोनो की गान्ड और बुर पर अपने लंड की ऐसी छाप छोड़ना चाहता था कि वो दोनो उसकी गुलाम हो जाए….और राज ये भी जानता था कि, रुक्मणी और अनीता दोनो मालदार औरतें है…..दोनो के पास बहुत पैसा है…..वो वक़्त आने पर राज की कोई भी जोरूरत पूरी कर सकती थी…
पर उसके लिए राज को उन दोनो को अपने लंड का आदी बनाना था…यही सोच कर उसने वियाग्रा खरीद ली फिर रुक्मणी के घर की तरफ चल पड़ा…..थोड़ी ही देर में वो रुक्मणी के घर के पास पहुँच गया….उसने अनीता को फोन किया, और अनीता ने फोन उठाया….
अनीता: हां बोलो राज कहाँ पहुँचे……
राज: जी मे उस गली मे पहुँच गया हूँ….पर समझ में नही आ रहा कि घर कॉन सा है…
अनीता : देखो तुम सीधा गली के एंड में आ जाओ…..राइट साइड पर सबसे आखरी घर है….उसके सामने खाली प्लॉट है…..
अनीता: ठीक है समझ गया……
और राज ने फोन काटा….”अनीता क्या हुआ पहुँचा कि नही अभी तक”
अनीता: हां पहुँच गया है….तू जाकर गेट खोल और उसकी बाइक अंदर करवा ली….साला आज मुर्गा हाथ में आया है…..
अनीता: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है कि नही…..
राज: नही….
अनीता: क्यों हॅंडसम अच्छी शक्ल सूरत है बॉडी भी अच्छी बनाई हुई है…..फिर क्यों नही है…..
राज : वैसे और भी एक बहुत खूबी है मुझमे…..पर आप तो जानती है ना…आज कल की लड़कियों को….बस महँगे-2 गिफ्ट और बदले में क्या….बस पैसे बर्बाद…..
अनीता: अच्छा शाम को क्या कर रहे हो…..?
राज: कुछ ख़ास नही….
अनीता: तो चलो आज रुक्मणी के घर मे पार्टी करते है….ड्रिंक तो कर ही लेते हो ना.
राज: जी कभी-2
अनीता: और कोई शौक भी है तो बता दो…..उसका अरेंज्मेंट भी कर लेंगे…
राज: जी शौक तो बहुत है…..जैसे-2 जान पहचान बढ़ेगी…..आपको पता चल जाएगा…
अनीता: अच्छा ऐसी बात है…चलो देखते है…..
इस दौरान राज बार-2 अनीता की बड़ी-2 चुचियों को उसके ब्लाउज मे देख रहा था…और अनीता राज के लंड को उसके पाजामे मे झटके ख़ाता हुआ सॉफ देख रही थी…. अनीता उठी, और अपनी मोटी गान्ड मटकाते हुए जाने लगी…..”भूलना नही आज शाम रुक्मणी के घर पर……रुकमणी से घर का अड्रेस समझ लेना….” अनीता ने जाते हुए कहा. थोड़ी देर बाद रुक्मणी उसके पास आई…..”तो क्या इरादा है राज” राज ने चोंक कर रुक्मणी की तरफ देखा…..”जी इरादा तो नेक है……बस आपके हुकम का इंतजार है….” रुक्मणी ने अपने होंटो को दाँतों से काटते हुए कहा…..”अच्छा ये लो इसमे मेरा अड्रेस लिखा है….और मोबाइल नंबर. भी घर आ जाना अगर रास्ता ढूँढने में तकलीफ़ हो तो फोन कर देना…
राज: जी ठीक है….वैसे आपके घर वाले मतलब आपके हज़्बेंड कोई ऐतराज तो नही होगा.
रुक्मणी: अर्रे कहाँ वो तो ना ही उठ सकते है, और ना ही चल फिर सकते है…
ये कह कर रुक्मणी भी चली गयी….दोनो ने 1 घंटा पहले ही, छुट्टी ले ली…..रुक्मणी पहले अनीता के साथ उसके फ्लॅट मे गयी….वहाँ पर से अनीता ने अपनी एक साड़ी एक नाइटी और कुछ समान लिया….और फिर अपनी सास को बोला कि वो आज रुक्मणी के घर पर ही रहेगी.. वो पहले भी कई बार रुक्मणी के घर रात बिता चुकी थी…..फिर दोनो रुक्मणी के घर की तरफ ऑटो से चली गयी….रुक्मणी ने रास्ते मे से, खाने पीने की कुछ चीज़ें खरीदी और फिर घर पहुँच गई….
घर मे आकर उसने अपनी नौकरानी बिमला को बुलाया…..जब बिमला आई तो उसने उसे रात का खाना तैयार करने के लिए कहा…..और उसे कहा कि, वो 2 बोतल वाइन की अपनी पति से मंगवा दे…रुक्मणी ने उसे पैसे दिए….और बिमला पास ही के घर में चली गयी….जहा पर वो किराए पर रहती थी…..उसका पति दो बोतल वाइन ले आया….और बिमला ने वो वाइन रुक्मणी को लाकर दी…..रात की चुदाई की पार्टी का इंतज़ाम हो चुका था…..
दूसरी तरफ राज ने भी अपना काम ख़तम किया, और स्टेशन से बाहर आकर अपना मोबाइल निकाला , और घर पर फोन किया….फोन नाजिया ने उठाया….राज ने उससे कहा कि, आज रात कुछ ज़रूरी काम से उसे स्टेशन पर ही रुकना पड़ेगा….राज कुछ देर मार्केट मे घमता रहा….जब अंधेरा होने लगा तो, उसका फोन बजने लगा…..फोन अनीता का था….
अनीता: हेलो राज कहाँ रह गये……
राज: जी अभी आ रहा हूँ….थोड़ी देर मे पहुँच जाउन्गा….
अनीता: ठीक है…..जल्दी आओ…..
फोन कट…..राज ने बाइक रुक्मणी के दिए हुए पते की तरफ घमा दी….राज जानता था कि आज रात बहुत लंबी होने वाली है….इसलिए वो एक मेडिसिन की दुकान पर रुका और एक दो गोली वियाग्रा की ले ली….वैसे तो राज के जिस्म और लंड मे इतनी जान थी कि, वो एक साथ रुक्मणी और अनीता की चुदाई तसल्ली से कर सकता था…..पर राज आज उन्दोनो की गान्ड और बुर पर अपने लंड की ऐसी छाप छोड़ना चाहता था कि वो दोनो उसकी गुलाम हो जाए….और राज ये भी जानता था कि, रुक्मणी और अनीता दोनो मालदार औरतें है…..दोनो के पास बहुत पैसा है…..वो वक़्त आने पर राज की कोई भी जोरूरत पूरी कर सकती थी…
पर उसके लिए राज को उन दोनो को अपने लंड का आदी बनाना था…यही सोच कर उसने वियाग्रा खरीद ली फिर रुक्मणी के घर की तरफ चल पड़ा…..थोड़ी ही देर में वो रुक्मणी के घर के पास पहुँच गया….उसने अनीता को फोन किया, और अनीता ने फोन उठाया….
अनीता: हां बोलो राज कहाँ पहुँचे……
राज: जी मे उस गली मे पहुँच गया हूँ….पर समझ में नही आ रहा कि घर कॉन सा है…
अनीता : देखो तुम सीधा गली के एंड में आ जाओ…..राइट साइड पर सबसे आखरी घर है….उसके सामने खाली प्लॉट है…..
अनीता: ठीक है समझ गया……
और राज ने फोन काटा….”अनीता क्या हुआ पहुँचा कि नही अभी तक”
अनीता: हां पहुँच गया है….तू जाकर गेट खोल और उसकी बाइक अंदर करवा ली….साला आज मुर्गा हाथ में आया है…..