hotaks444
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]सानिया खुशी से चहक कर बोली-"अरे कोई मुश्किल नहीं होगी। आप आराम से बैठ जाना, अब तो मुझे आपके सामने पुरी तरह से नंगे होने में कोई हिचक भी नहीं है और कल के सेक्स गेम के बाद तो मुझे बिल्कुल भी झिझक नहीं रह गई है आपसे। बल्कि जैसा कि मैंने कहा भी कि मैं तो आपसे चुदाने को बेचैन हूँ। आप सामने बैठ कर देखना, आपके लिए मैं ऐसे मजे से चुदवाऊँगी कि आपको भी फ़ख्र होगा कि आपने भी कोई लाईव शो देखा है।" जमील मुस्कुरा कर कहा-"हाँ, कल के ट्रेलर को देख कर मुझे भी समझ आ गया कि अगर इस लाईव शो को नहीं देखा तो अब तक का सब बेकार हो जाएगा। बस थोड़ी तैयारी करनी है, बाबू से बात भी करना है।...अच्छा अब तुम जाओ और ठीक से कपड़े-वपड़े पहनो, बाई आनेवाली होगी काम करने और तुम ऐसे मेरे शर्ट में उसके सामने जाओगी, क्या अच्छा लगेगा। ऐसे छोटे लोग दस जगह बात को नमक-मिर्च लगा कर फ़ैला देंगे, काफ़ी बदनामी हो जायेगी।" अब सानिया बोली-"ठीक है, जाती हूँ पर एक बार चुम्मा तो लीजिए प्यार से।" जमील सानिया के होठों पर एक गहरा चुम्बन जड़ दिया। पर सानिया बोली, "और मेरे नीचे वाली होठ का क्या?" जमील हिचका-"क्या बोल रही हो, तुम मेरी बेटी हो ना।" सानिया-"तो क्या हुआ, ऐसा रहा तो आप मुझे किस तरह चोद पाएँगे? चलिए अब हिचक छोड़िए और मेरे बूर को एक प्यार भरा चुम्मा दीजिए, उसको चुभलाईए एक बार तब हटुँगी यहाँ से नहीं तो ऐसे हीं टाँग खोल कर आपने इसी बेड पर लेट जाऊँगी, बाई जो समझे।" सानिया के चेहरे पर एक कुटिल हँसी थी। और जमील को हार मानना पड़ा। वो सानिया की जाँघो की तरफ़ झुका तो सानिया थोड़ा नीचे की ओर पसर कर हल्का सा लेट गयी और अपनी जाँघ खोल दी। जमील की नाक में सानिया के चूत से निकल रही एक हल्की खट्टी महक पहुँच रही थी। जमील बहुत एक्साईटेड था, आज पहली बार सानिया की चूत को इतने पास से देख रहा था। पहली बार देख रहा था, उसकी चूत की हल्के गुलाबी होठ पर भी ८-१० बाल निकल आए थे। उसकी झाँट अब थोड़ी निकल आई थी, वैसे भी सानिया को झाँट साफ़ किए आज नौ दिन हो गया था। जमील के होठ जब सानिया के बूर पर चिपके तो सानिया का बदन थड़थड़ा उठा। सानिया के मुँह से एक आआआहह्ह्ह्ह निकल गया। जमील ने उसके चूत की दोनों होठों को अपने मुँह में भर कर चुभलाने लगा। सानिया सिसकी भर उठी। अभी १०-१५ सेकेण्ड हीं बिता कि बाहर की कौलबेल बज उठी। बाई आ गयी थी। सानिया अपने कमरे की तरफ़ भागी और जमील अपने लुंगी को ठीक करता हुआ दरवाजा खोलने चल पड़ा। मैं तब शहर से बाहर था जब जमील का फ़ोन मुझे आया। वो आमने-सामने बैठ कर बात करने को बेताब था। मैं समझ रहा था कि अब कोई देर नहीं है, सानिया ने अपने बाप को पटा लिया है। खैर मैं तीन दिन बाद शुक्रवार को सुबह लौटा और शाम को जमील के घर पहुँच गया।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]