hotaks444
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जैसे ही मेरी गांड में लन्ड टच हुआ, मैं पागल हो उठी, मुझे लगा कि बिना देरी किए सीधे घुसा दें … पर बोल नहीं पाई.
राज अंकल अंकित से बोले- अंकित आ जा, तू भी कहीं एडजस्ट हो जा, शुरू हो जा!अंकित बोला- आप दोनों कर लो, फिर मैं आराम से करूंगा.फिर मुन्ना अंकल बोले- आजा अंकित तू बर्दाश्त नहीं कर पायेगा, संध्या जैसी खूबसूरत माल सामने चुदवा रही हो तो कोई मर्द खुद को संभाल नहीं सकता!अंकित बोला- अंकल, आप दोनों करो पहले, मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा तब देख लूंगा.
तभी मुन्ना अंकल बोले- जैसी तेरी मर्जी, फिर देखना कोई उठे तो बताना! हम दोनों शुरू होते हैं.अंकित बोला- ठीक है अंकल!
इतने में मुन्ना अंकल ने खड़े होकर मेरी एक टांग को उठाकर फैला दिया. जैसे ही मेरी टांगों को चौड़ा किया मुन्ना अंकल एकदम से मेरी चूत देखकर शायद पागल से हो गए और बोले- यार इसे सीधा लिटाओ, यह तो बहुत ही गजब की आइटम है, क्या कमर है पतली नाजुक सी … देखो राज इसकी कमसिन जवानी बिल्कुल खिल रही है.
और मुन्ना अंकल सीधे मेरे दोनों टांगों के बीच अपना मुंह रख कर अपने होंठ, जीभ पूरी नाक घुसाकर मेरी चूत में रगड़ने लगे. फिर ऊपर किया और बोले- संध्या की चूत की सुगंध जाने कैसी है बहुत मस्त टेस्टी और साफ-सुथरी माल है ये, आज हम दोनों के लौड़े से यह पागल हो जाएगी.मुन्ना अंकल मेरी चूत को चाटने लगे और जीभ से अंदर तक रगड़ने लगे. मेरी सांसें बहुत जोर से चलने लगी.
तभी राज अंकल ने अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर चढ़ा दिए और बोले- यार मुन्ना, बहुत जबरदस्त माल है यह संध्या! इसको तो लगता है कि अभी अपन जमकर चोद दें. यह बहुत बड़ी आइटम हो गई है, आज तक मैंने इतनी मस्त लड़की नहीं देखी. सच में गजब है, खुद मैं सोच नहीं पा रहा हूं कैसे कंट्रोल करूं!
और राज अंकल जमकर मेरे दूध दोनों हाथों से बहुत जोर से दबाने लगे. और फिर मेरे होठों के ऊपर अचानक अपने होंठों को रख दिए. अंकल के होंठ बहुत गर्म थे, उनके गर्म होंठ मेरे तपते होंठ पर जैसे ही रख गये, सबसे पहले उनकी गर्म गर्म सांसें मेरी सांसों से मिल गई, मुझे अब कुछ होश नहीं रहा, सच में ऐसा लगा कि मुझे दोनों अंकल मस्त कर दें.
अब मुझसे चुपचाप नहीं रहा जा रहा था, मैं समझ नहीं पा रही थी कि मैं क्या करूं … मेरा पूरा जिस्म टूटने लगा और मैं कसमसाने लगी. कि इतने में मुन्ना अंकल ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में जोर से घुसा दी, सट से उनकी उंगलियां अंदर घुसी और मैं राज अंकल से लिपट गई, उनके ऊपर मेरे हाथ अपने आप चले गए, मैंने जोर से अपनी बांहों में राज अंकल को कस लिया और इतनी जोर से उनके होंठों को चूमा, चूसा कि उनके होंठ में मुझे पता भी नहीं चला और मेरे दांत गड़ गए.
तभी राज अंकल बोले- संध्या, है तो तू मेरी बेटी जैसी … पर कोई औरत तेरे बराबर सेक्सी नहीं और सुंदर तो तुझसे ज्यादा कोई हो ही नहीं सकती. तुमने जितने जोर से मुझे अपनी बांहों में कस कर दबाया, उस तरह से सुहागरात में मेरी बीवी ने भी नहीं कसा, अब इतना सब कर दिया तो अब नाटक बंद कर शर्म झिझक छोड़, अपनी आंखें खोल और जो तेरे अंदर आये वो सब बोल संध्या, जितना खुल कर के सेक्सी बातें गंदी बात करेगी और सुनेगी उतना ही जोश बढ़ेगा, उतना ही तुझे मजा आयेगा.
यह कहकर राज अंकल मेरी दोनों आंखों को चूमने लगे और बोले- खोल सेक्सी इन आंखों को!मैं भी सब देखना चाहती थी तो मैंने धीरे से अपनी आंखों को खोल दी. मेरे आंखों के बिल्कुल सामने राज़ अंकल का चेहरा और वो एकटक मेरी आंखों में आंखें डालकर मुझे देख रहे थे. मैं भी करीब एक मिनट पलकें बिना गिराए उनसे आंखें मिलाए रही.
तभी जोर से मेरे दूध को दबाते हुए राज अंकल बोले- बाप रे … तेरी नशीली आंखों में तो हवश और चुदाई भरी है संध्या! इतनी सेक्सी आंखें … ओह माई गॉड … तेरी आंखों का कोई जवाब नहीं, तू तो ऐसे किसी मर्द को देख ले तो वह बेमौत मर जाये! या तुझे वहीं का वहीं चोद देगा.
राज अंकल बोले मुन्ना अंकल से- अबे मुन्ना, ये तो बहुत चुदासी है, इसकी आंखें बेहद सेक्सी हैं यार … ये कयामत है, हम दोनों बहुत लकी हैं जो ये हमें चोदने को मिल रही है. तू भी इससे नजरें मिला ले, तब तक नीचे इसकी चूत को मैं भी प्यार कर लूं!मुन्ना अंकल बोले- ठीक है राज, तू आ जा! मैं भी तुझे एक बात बता दूं कि ये संध्या वर्जिन नहीं है, इससे पहले ये कई बार शायद चुद चुकी है, इसकी चूत बहुत चिकनी है. जैसे ही मैंने दो उंगलियां डाली, सट से संध्या की चूत में घुस गई. इसकी चूत से रस भी बहुत निकल रहा है पर बहुत टेस्टी और अलग ही तरह की सुगंध है. इतनी सेक्सी और मस्त चूत मैंने पचपन साल की उम्र में आज तक नहीं देखी ना चोदी!
राज अंकल बोले- अरे यार, इसको यहाँ से कहीं और ले चलें, तब खुल के चोदने में मजा आयेगा हमें भी इसे भी! वरना हम लोगों को लगा रहेगा कि कोई उठ ना जाए. कोई देख ना ले! यहाँ इस तरह से ना आवाज निकाल सकते, ना बोल सकते, अब यहाँ 12-15 लोग सो रहे हैं, तो अच्छा यही होगा कि अगर कहीं अगल-बगल ले चलें तो ज्यादा, बहुत ज्यादा मज़ा आएगा यह चुदाई जितनी खुलके की जाए उतनी ही मजेदार होती है.
मुझसे बोले राज अंकल- तू बता सोनू, तुझे कोई दिक्कत तो नहीं? बस थोड़ी देर की बात होगी, अपन बीस पच्चीस मिनट में वापस आ जाएंगे.मैं उस समय किसी हालत में बस चुदवाना चाहती थी, मुझे दिमाग में कुछ नहीं सूझा, मैंने हाँ में सिर हिला दिया.
फिर राज अंकल बोले- बता सोनू? बोल तू?उस समय मुझसे दो दो मर्द नंगे लिपटे हुए थे, मैं अपने होशोहवास में नहीं थी, मैं बिना सोचे समझे बोली- जैसा आपको ठीक लगे अंकल … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं!इतना सुनते ही राज अंकल अंकित से बोले- यार तेरा घर है, तू यहीं का है, बता, यहाँ पर तो कोई रूम खाली नहीं तो अगल बगल घर कहीं कोई खाली जगह है क्या? कोई इंतजाम करा!
तब अंकित बोला- बहुत रात हो गई है. बगल वाले घर में एक अंकल हैं उनका घर ऊपर खाली रहता है, नीचे परिवार रहता है. अगर उनका फोन उठ गया तो हो जाएगी व्यवस्था, वैसे भले ही वे बुजुर्ग हैं, बुड्ढे हैं लगभग 65 साल के होंगें, पर वह बहुत रसिया हैं, कई बार वो अंकल नई लड़कियों की मांग करते रहते हैं, मुझसे खुले हुए हैं.
राज अंकल अंकित से बोले- अंकित आ जा, तू भी कहीं एडजस्ट हो जा, शुरू हो जा!अंकित बोला- आप दोनों कर लो, फिर मैं आराम से करूंगा.फिर मुन्ना अंकल बोले- आजा अंकित तू बर्दाश्त नहीं कर पायेगा, संध्या जैसी खूबसूरत माल सामने चुदवा रही हो तो कोई मर्द खुद को संभाल नहीं सकता!अंकित बोला- अंकल, आप दोनों करो पहले, मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा तब देख लूंगा.
तभी मुन्ना अंकल बोले- जैसी तेरी मर्जी, फिर देखना कोई उठे तो बताना! हम दोनों शुरू होते हैं.अंकित बोला- ठीक है अंकल!
इतने में मुन्ना अंकल ने खड़े होकर मेरी एक टांग को उठाकर फैला दिया. जैसे ही मेरी टांगों को चौड़ा किया मुन्ना अंकल एकदम से मेरी चूत देखकर शायद पागल से हो गए और बोले- यार इसे सीधा लिटाओ, यह तो बहुत ही गजब की आइटम है, क्या कमर है पतली नाजुक सी … देखो राज इसकी कमसिन जवानी बिल्कुल खिल रही है.
और मुन्ना अंकल सीधे मेरे दोनों टांगों के बीच अपना मुंह रख कर अपने होंठ, जीभ पूरी नाक घुसाकर मेरी चूत में रगड़ने लगे. फिर ऊपर किया और बोले- संध्या की चूत की सुगंध जाने कैसी है बहुत मस्त टेस्टी और साफ-सुथरी माल है ये, आज हम दोनों के लौड़े से यह पागल हो जाएगी.मुन्ना अंकल मेरी चूत को चाटने लगे और जीभ से अंदर तक रगड़ने लगे. मेरी सांसें बहुत जोर से चलने लगी.
तभी राज अंकल ने अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर चढ़ा दिए और बोले- यार मुन्ना, बहुत जबरदस्त माल है यह संध्या! इसको तो लगता है कि अभी अपन जमकर चोद दें. यह बहुत बड़ी आइटम हो गई है, आज तक मैंने इतनी मस्त लड़की नहीं देखी. सच में गजब है, खुद मैं सोच नहीं पा रहा हूं कैसे कंट्रोल करूं!
और राज अंकल जमकर मेरे दूध दोनों हाथों से बहुत जोर से दबाने लगे. और फिर मेरे होठों के ऊपर अचानक अपने होंठों को रख दिए. अंकल के होंठ बहुत गर्म थे, उनके गर्म होंठ मेरे तपते होंठ पर जैसे ही रख गये, सबसे पहले उनकी गर्म गर्म सांसें मेरी सांसों से मिल गई, मुझे अब कुछ होश नहीं रहा, सच में ऐसा लगा कि मुझे दोनों अंकल मस्त कर दें.
अब मुझसे चुपचाप नहीं रहा जा रहा था, मैं समझ नहीं पा रही थी कि मैं क्या करूं … मेरा पूरा जिस्म टूटने लगा और मैं कसमसाने लगी. कि इतने में मुन्ना अंकल ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में जोर से घुसा दी, सट से उनकी उंगलियां अंदर घुसी और मैं राज अंकल से लिपट गई, उनके ऊपर मेरे हाथ अपने आप चले गए, मैंने जोर से अपनी बांहों में राज अंकल को कस लिया और इतनी जोर से उनके होंठों को चूमा, चूसा कि उनके होंठ में मुझे पता भी नहीं चला और मेरे दांत गड़ गए.
तभी राज अंकल बोले- संध्या, है तो तू मेरी बेटी जैसी … पर कोई औरत तेरे बराबर सेक्सी नहीं और सुंदर तो तुझसे ज्यादा कोई हो ही नहीं सकती. तुमने जितने जोर से मुझे अपनी बांहों में कस कर दबाया, उस तरह से सुहागरात में मेरी बीवी ने भी नहीं कसा, अब इतना सब कर दिया तो अब नाटक बंद कर शर्म झिझक छोड़, अपनी आंखें खोल और जो तेरे अंदर आये वो सब बोल संध्या, जितना खुल कर के सेक्सी बातें गंदी बात करेगी और सुनेगी उतना ही जोश बढ़ेगा, उतना ही तुझे मजा आयेगा.
यह कहकर राज अंकल मेरी दोनों आंखों को चूमने लगे और बोले- खोल सेक्सी इन आंखों को!मैं भी सब देखना चाहती थी तो मैंने धीरे से अपनी आंखों को खोल दी. मेरे आंखों के बिल्कुल सामने राज़ अंकल का चेहरा और वो एकटक मेरी आंखों में आंखें डालकर मुझे देख रहे थे. मैं भी करीब एक मिनट पलकें बिना गिराए उनसे आंखें मिलाए रही.
तभी जोर से मेरे दूध को दबाते हुए राज अंकल बोले- बाप रे … तेरी नशीली आंखों में तो हवश और चुदाई भरी है संध्या! इतनी सेक्सी आंखें … ओह माई गॉड … तेरी आंखों का कोई जवाब नहीं, तू तो ऐसे किसी मर्द को देख ले तो वह बेमौत मर जाये! या तुझे वहीं का वहीं चोद देगा.
राज अंकल बोले मुन्ना अंकल से- अबे मुन्ना, ये तो बहुत चुदासी है, इसकी आंखें बेहद सेक्सी हैं यार … ये कयामत है, हम दोनों बहुत लकी हैं जो ये हमें चोदने को मिल रही है. तू भी इससे नजरें मिला ले, तब तक नीचे इसकी चूत को मैं भी प्यार कर लूं!मुन्ना अंकल बोले- ठीक है राज, तू आ जा! मैं भी तुझे एक बात बता दूं कि ये संध्या वर्जिन नहीं है, इससे पहले ये कई बार शायद चुद चुकी है, इसकी चूत बहुत चिकनी है. जैसे ही मैंने दो उंगलियां डाली, सट से संध्या की चूत में घुस गई. इसकी चूत से रस भी बहुत निकल रहा है पर बहुत टेस्टी और अलग ही तरह की सुगंध है. इतनी सेक्सी और मस्त चूत मैंने पचपन साल की उम्र में आज तक नहीं देखी ना चोदी!
राज अंकल बोले- अरे यार, इसको यहाँ से कहीं और ले चलें, तब खुल के चोदने में मजा आयेगा हमें भी इसे भी! वरना हम लोगों को लगा रहेगा कि कोई उठ ना जाए. कोई देख ना ले! यहाँ इस तरह से ना आवाज निकाल सकते, ना बोल सकते, अब यहाँ 12-15 लोग सो रहे हैं, तो अच्छा यही होगा कि अगर कहीं अगल-बगल ले चलें तो ज्यादा, बहुत ज्यादा मज़ा आएगा यह चुदाई जितनी खुलके की जाए उतनी ही मजेदार होती है.
मुझसे बोले राज अंकल- तू बता सोनू, तुझे कोई दिक्कत तो नहीं? बस थोड़ी देर की बात होगी, अपन बीस पच्चीस मिनट में वापस आ जाएंगे.मैं उस समय किसी हालत में बस चुदवाना चाहती थी, मुझे दिमाग में कुछ नहीं सूझा, मैंने हाँ में सिर हिला दिया.
फिर राज अंकल बोले- बता सोनू? बोल तू?उस समय मुझसे दो दो मर्द नंगे लिपटे हुए थे, मैं अपने होशोहवास में नहीं थी, मैं बिना सोचे समझे बोली- जैसा आपको ठीक लगे अंकल … मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं!इतना सुनते ही राज अंकल अंकित से बोले- यार तेरा घर है, तू यहीं का है, बता, यहाँ पर तो कोई रूम खाली नहीं तो अगल बगल घर कहीं कोई खाली जगह है क्या? कोई इंतजाम करा!
तब अंकित बोला- बहुत रात हो गई है. बगल वाले घर में एक अंकल हैं उनका घर ऊपर खाली रहता है, नीचे परिवार रहता है. अगर उनका फोन उठ गया तो हो जाएगी व्यवस्था, वैसे भले ही वे बुजुर्ग हैं, बुड्ढे हैं लगभग 65 साल के होंगें, पर वह बहुत रसिया हैं, कई बार वो अंकल नई लड़कियों की मांग करते रहते हैं, मुझसे खुले हुए हैं.