hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
"भैयाजी, बस एक बार, एक बार तो मार लेने दो बहू रानी की गांड. मन कसकता है भैयाजी, इतनी मस्त गोरी गोरी मतवाली गांड है. बस एक बार ..." रज्जू मिन्नत करते हुए बोला.
"आज नहीं, तू ढीली कर देगा. बाद में एक कोरी गांड दिलवा दूंगा, तुझे भी और रघू को भी. और देखो, बहू को हफ़्ते भर जम के चोदना है, यहां से जायेगी तो अपनी पूरी प्यास बुझा कर जायेगी लीना बेटी. बोलेगी कि मान गये, गांव में जो चुदाई हुई उससे दिल बाग बाग हो गया, समझे ना?"
"हां भैयाजी, हम पूरा चोद देंगे लीना भाभी को. पर अनिल भैया नाराज ना हो जायें ... आखिर उनकी लुगाई है ... कहेंगे कि मेरी जोरू को पूरा ढीला कर दिया बुढिया रंडी की तरह ... और वो रधिया भी नखरे करेगी भैयाजी, आप भी बहू रानी के पीछे पड़ोगे तो वो किससे चुदवायेगी?" रघू धक्के लगाता हुआ बोला.
"अरे अनिल कुछ नहीं कहेगा. लीना की खुशी में उसकी खुशी है. रही रधिया की बात, अनिल भैया चोद देंगे उसको, आखिर गांव का ऐसा माल उसको कहां मिलेगा. तुम लोग बस लीना बिटिया के सब छेद पूरे चोद दो" मौसाजी लंड पेलते हुए बोले.
"फ़ुकला हो जायेगी बहू की चूत और गांड भैयाजी. हाथ भी चला जायेगा" रज्जू मस्ती में बोला.
"परवा नहीं. उसको ठीक करने के नुस्खे हैं कई, चलो अब बातें मत करो, कम से कम दो बार और चोदना है आज शाम तक इस घर की बहू रानी को" मौसाजी लंड पेलते हुए बोले.
"बहूरानी की तो आज खूब ठुकाई कर रहे हैं ये तीनों नासपीटे भैयाजी. उनको कुछ बोलो नहीं तो लीना दीदी का कचूमर निकाल देंगे आज." राधा मुझको बोली.
"उसकी फ़िकर मत कर राधा रानी. तू नहीं जानती मेरी बीवी को. ऐसे दस मर्द और खड़े कर दो तो उनको भी झेल लेगी." मैं बोला.
"ठीक कहता है अनिल. आखिर हमारे घर की बहू है, चुदाई में अव्वल नंबर, हमारा नाम रोशन करेगी" मौसी अपनी बुर सहलाते हुए बोलीं. दो चार बार झड़ कर तृप्त हो गयी थीं.
"मौसी, आप ऐसे मत लेटो, मेरे सामने आकर लेटो. जरा हम दोनों आप का प्रसाद तो चख लें" राधा मौसी की टांग पकड़कर बोली. मौसी खिसक कर हमारे सामने खटिया पर लेट गयीं. राधा ने तुरंत मुंह डाल दिया.
"अरी सब मत खाना, अनिल को भी दे" मौसी बोलीं.
राधा ने अब तक आधा केला मौसी की बुर से निकाल लिया था और स्वाद ले लेकर खा रही थी. मौसी की बात पर उसने सिर बाजू में किया और मैंने भी भोग लगाना शुरू कर दिया. "बहुत मस्त है मौसी, मजा आ गया"
"अरे ये तो हमेशा का है हमारे यहां. तेरे मौसाजी को ज्यादा शौक नहीं है पर जब भी रघू रज्जू आते हैं तो अक्सर उनको खिला देती हूं. लीना नहीं चखाती क्या तुझको?"
"मौसी, उसको भी सिखा देना. बड़ा मस्त पकवान है. वैसे मौसी, आप वो बच्चे वाली क्या बात कर रही थीं? राधा को बच्चा होने वाला है क्या?" मैंने पूछा.
"अरे नहीं, वो गोलियां लेती है ना. पर अब मैं बंद करने वाली हूं. नौ महने में बच्चा हो जायेगा. दूध की बड़ी जरूरत है हमको. तेरे मौसाजी ही बोल रहे थे कि भाभी, अब जरा खालिस दूध का इंतजाम करो. और लीना भी मुझको पूछ रही थी सुबह. कह रही थी कि गांव में इतना बड़ा मकान है, खेत हैं नौकर चाकर हैं तो दूध का इंतजाम क्यों नहीं है? पहले मैं चकरा गयी, दस भैंसे बंधी हैं तो ये दूध का क्या कह रही है! फ़िर समझ में आया. मैंने पूछा कि चखना है क्या तो हंसने लगी बदमाश. उसको मैंने कहा कि अगली बार आयेगी तो राधा का दूध चखाऊंगी. और इसीलिये मैं कह रही थी कि जम के मसलो इस छोकरी के मम्मे, तब तो ज्यादा दूध निकलेगा इसका. कई दिन हो गये ऐसा दूध पिये. जब विमला बाई थी तो वो आकर सब को पिला जाती थी. मस्त दूध था उसका, पर वो साल भर पहले दूसरे गांव चली गयी अपने भाई के यहां. उसका मर्द यहां नहीं है ना. कह रही थी कि भाई बुला रहा है, उनका अच्छा खासा लफ़ड़ा चलता है, भाई, भाभी और विमला बाई की खूब जमती है. वैसे विमला बाई इस महने आयेगी, पर अभी तक खबर नहीं आयी"
मैंने सप्प से राधा की गांड में से लंड खींचा और बोला "अब मौसी जी, आप आओ. गांड मरवाओ तब मुझे होगी शान्ति"
"आज नहीं, तू ढीली कर देगा. बाद में एक कोरी गांड दिलवा दूंगा, तुझे भी और रघू को भी. और देखो, बहू को हफ़्ते भर जम के चोदना है, यहां से जायेगी तो अपनी पूरी प्यास बुझा कर जायेगी लीना बेटी. बोलेगी कि मान गये, गांव में जो चुदाई हुई उससे दिल बाग बाग हो गया, समझे ना?"
"हां भैयाजी, हम पूरा चोद देंगे लीना भाभी को. पर अनिल भैया नाराज ना हो जायें ... आखिर उनकी लुगाई है ... कहेंगे कि मेरी जोरू को पूरा ढीला कर दिया बुढिया रंडी की तरह ... और वो रधिया भी नखरे करेगी भैयाजी, आप भी बहू रानी के पीछे पड़ोगे तो वो किससे चुदवायेगी?" रघू धक्के लगाता हुआ बोला.
"अरे अनिल कुछ नहीं कहेगा. लीना की खुशी में उसकी खुशी है. रही रधिया की बात, अनिल भैया चोद देंगे उसको, आखिर गांव का ऐसा माल उसको कहां मिलेगा. तुम लोग बस लीना बिटिया के सब छेद पूरे चोद दो" मौसाजी लंड पेलते हुए बोले.
"फ़ुकला हो जायेगी बहू की चूत और गांड भैयाजी. हाथ भी चला जायेगा" रज्जू मस्ती में बोला.
"परवा नहीं. उसको ठीक करने के नुस्खे हैं कई, चलो अब बातें मत करो, कम से कम दो बार और चोदना है आज शाम तक इस घर की बहू रानी को" मौसाजी लंड पेलते हुए बोले.
"बहूरानी की तो आज खूब ठुकाई कर रहे हैं ये तीनों नासपीटे भैयाजी. उनको कुछ बोलो नहीं तो लीना दीदी का कचूमर निकाल देंगे आज." राधा मुझको बोली.
"उसकी फ़िकर मत कर राधा रानी. तू नहीं जानती मेरी बीवी को. ऐसे दस मर्द और खड़े कर दो तो उनको भी झेल लेगी." मैं बोला.
"ठीक कहता है अनिल. आखिर हमारे घर की बहू है, चुदाई में अव्वल नंबर, हमारा नाम रोशन करेगी" मौसी अपनी बुर सहलाते हुए बोलीं. दो चार बार झड़ कर तृप्त हो गयी थीं.
"मौसी, आप ऐसे मत लेटो, मेरे सामने आकर लेटो. जरा हम दोनों आप का प्रसाद तो चख लें" राधा मौसी की टांग पकड़कर बोली. मौसी खिसक कर हमारे सामने खटिया पर लेट गयीं. राधा ने तुरंत मुंह डाल दिया.
"अरी सब मत खाना, अनिल को भी दे" मौसी बोलीं.
राधा ने अब तक आधा केला मौसी की बुर से निकाल लिया था और स्वाद ले लेकर खा रही थी. मौसी की बात पर उसने सिर बाजू में किया और मैंने भी भोग लगाना शुरू कर दिया. "बहुत मस्त है मौसी, मजा आ गया"
"अरे ये तो हमेशा का है हमारे यहां. तेरे मौसाजी को ज्यादा शौक नहीं है पर जब भी रघू रज्जू आते हैं तो अक्सर उनको खिला देती हूं. लीना नहीं चखाती क्या तुझको?"
"मौसी, उसको भी सिखा देना. बड़ा मस्त पकवान है. वैसे मौसी, आप वो बच्चे वाली क्या बात कर रही थीं? राधा को बच्चा होने वाला है क्या?" मैंने पूछा.
"अरे नहीं, वो गोलियां लेती है ना. पर अब मैं बंद करने वाली हूं. नौ महने में बच्चा हो जायेगा. दूध की बड़ी जरूरत है हमको. तेरे मौसाजी ही बोल रहे थे कि भाभी, अब जरा खालिस दूध का इंतजाम करो. और लीना भी मुझको पूछ रही थी सुबह. कह रही थी कि गांव में इतना बड़ा मकान है, खेत हैं नौकर चाकर हैं तो दूध का इंतजाम क्यों नहीं है? पहले मैं चकरा गयी, दस भैंसे बंधी हैं तो ये दूध का क्या कह रही है! फ़िर समझ में आया. मैंने पूछा कि चखना है क्या तो हंसने लगी बदमाश. उसको मैंने कहा कि अगली बार आयेगी तो राधा का दूध चखाऊंगी. और इसीलिये मैं कह रही थी कि जम के मसलो इस छोकरी के मम्मे, तब तो ज्यादा दूध निकलेगा इसका. कई दिन हो गये ऐसा दूध पिये. जब विमला बाई थी तो वो आकर सब को पिला जाती थी. मस्त दूध था उसका, पर वो साल भर पहले दूसरे गांव चली गयी अपने भाई के यहां. उसका मर्द यहां नहीं है ना. कह रही थी कि भाई बुला रहा है, उनका अच्छा खासा लफ़ड़ा चलता है, भाई, भाभी और विमला बाई की खूब जमती है. वैसे विमला बाई इस महने आयेगी, पर अभी तक खबर नहीं आयी"
मैंने सप्प से राधा की गांड में से लंड खींचा और बोला "अब मौसी जी, आप आओ. गांड मरवाओ तब मुझे होगी शान्ति"