hotaks444
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लेकिन भाई तू ये सब इतनी जल्दी जैसे करेगा,,,क्या कोई प्लान है तेरे दिमाग़ मे सुरेश के बाप से इस बारे
मे बात करने का या कोई दूसरा ही प्लान है तेरे दिमाग़ मे ,,शैतानी प्लान,,,,,वो थोड़ा खुश होके बोला
क्यूकी उसको पता है मुझे जानभूज कर गान्ड पंगा लेने की आदत जो है,,,,
हाँ भाई एक प्लान तो है लेकिन देखते है कितना कामयाब होता है,,,,अगर कामयाब हुआ तो समझ ले तेरी
शादी जल्दी ही हो जाएगी रितिका से,,,तू बस बॅंड बाजा तैयार रखना,,,,
मैने इतना बोला तो करण खुश हो गया लेकिन मैं सोच मे पड़ गया कि इसको सपना तो दिखा दिया है
रितिका से शादी का लेकिन उस सपने को हक़ीक़त का रूप कैसे दे सकता हूँ मैं,,,
फिर कुछ देर बाद मैं करण के घर से निकल पड़ा,,,,अलका ऑर शिखा तो मुझे रात रोकना चाहती थी
वहाँ लेकिन मैं नही रुका ऑर चला आया वहाँ से,,,,
घर आते आते मैं यही सोच सोच कर परेशान हो रहा था कि अब आगे करना क्या है,,,इतनी टेन्षन थी
मेरे दिमाग़ मे,,,लेकिन जैसे ही घर पहुँचा तो देखा घर के अंदर कविता की अक्तिवा खड़ी हुई थी
जिसको देख कर मेरी आधी टेन्षन ख़ात्म हो गई,,,,ऑर बाकी की आधी अंदर जाके कविता को देख कर हो जानी
थी,,,,,
बेल बजाने पर माँ ने दरवाजा खोला,,,,,मैं अंदर गया ऑर सीधा उपर रूम मे जाने लगा ,,माँ भी
मेरे साथ साथ उपर की तरफ आ रही थी,,,,मैं जैसे ही उपर पहुँचा तो देखा कि सोनिया के रूम का
दरवाजा खुला हुआ था ऑर अंदर बेड पर सोनिया ऑर कविता बैठी हुई थी,,,,,
मैं अंदर घुसा तो कविता ने मुझे हाई बोला ऑर मैं भी उसको हेलो बोला ,,इतने मे माँ भी रूम
मे आ गई,,,,,
कविता बेटी डिन्नर मे 2 सब्जी बना रही हूँ ,,,दाल खानी है तो बता दो वो भी बना दूँगी,,,,,
नही आंटी जी सब्जी ही ठीक है,,,,,,,
ठीक है बेटा,,,,,
तभी माँ नीचे जाने लगी तो कविता ने माँ को आवाज़ लगा दी,,,,,आंटी जी रुकिया एक मिंट,,,,,
माँ रुक गई,,,,हां बोलो बेटी,,,,,
आंटी जी सोनिया के रूम मे चादर ही पड़ी है ,,आज कल रात को ठंड होने लगी है अगर आप एक
कंबल दे देती तो,,,,
अरे हाँ माँ मैं भी आपको बोलने वाली थी कि रात को अब ठंड होने लगी है मुझे भी एक कंबल
दे देना,,,
अच्छा बेटी नीचे 2 कंबल निकाल देती हूँ डिन्नर करने आओगी तो लेती आना,,,,
कविता बोली,,,,,ठीक है आंटी जी,,,,,,
तभी पीछे से सोनिया भी बोली,,,,,,,,,,ओके मोम,,,,,
फिर माँ नीचे चली गई,,,,
मालकिन जी आज रात आप यहीं रुकने वाली हो क्या,,,,मैने मज़ाक मज़ाक मे कविता को बोला,,,,
हाँ रुकने वाली है तुझे कोई प्रोबलम है क्या ब्लॅकी,,,ये बात सोनिया ने बोली तो कविता हँसने लगी,,
तुझे किसी ने पूछा क्या,,मैं कविता से बात कर रहा हूँ तू बीच मे अपनी चोंच मत घुसाया
कर,,,मैने चिड़ते हुए सोनिया से बोला,,,,
अरे बाबा तुम लोग फाइट मत शुरू करना ,,ये बात कविता ने हम दोनो को चुप करवाते हुए बोली,,,
हां सन्नी आज रात मैं यहीं रुकने वाली हूँ,,,,सोचा क्यूँ ना सोनिया के साथ मिलकर नेक्स्ट एग्ज़ॅम की
तैयारी करलूँ,,,,क्यू मेरे यहाँ रुकने से तेरे को कोई प्रोबलम है क्या सन्नी,,
नही नही मालकिन जी मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था,,,,,,,आपका घर है जब तक दिल करे रूको,,,,
मैने इतना बोला ऑर अपने कुछ कपड़े लेके वहाँ से शोबा के रूम मे चला गया ऑर फ्रेश होके बाहर
आ गया ,,,तभी रूम के बाहर मुझे सोनिया मिल गई,,,,
तुझे कोई प्रोबलम है क्या कविता के यहाँ रुकने से,,,ये बात सोनिया हल्के गुस्से से बोल रही थी,,,,
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया ऑर ऐसे बिहेव करने लगा कि मुझे उस से कोई बात नही करनी,,
उसने फिर से वही बात पूछी मेरे से,,,,,तो मैने बिना कुछ बोले ना मे सर हिला दिया ऑर उसको बता
दिया कि मुझे कविता के यहाँ रुकने से कोई प्रोबलम नही है,,,,
तभी वो मेरे करीब आई,,,,,ये अच्छी बात है क्यूकी वैसे भी वो तेरी हेल्प के लिए यहाँ रुकी है,,,
मैं थोड़ा हैरान होके,,,,,मेरी हेल्प,,,कैसी हेल्प,,,,
मेरे साथ तो तूने एग्ज़ॅम की तैयारी करनी नही है सन्नी ऑर ना ही मुझे तेरे साथ बैठ कर स्टडी करनी
है,,,ऑर बिना मेरी हेल्प के तेरा पास होना मुश्किल है ऑर तेरी वजह से मैं अपना अक्तिवा नही मिस करना
चाहती इसलिए मैने कविता को यहाँ रोक लिया है ताकि तेरी कुछ हेल्प कर सके वो,,,,आज रात वो तेरी हेल्प
करेगी स्टडी मे,,,,ऑर उसके साथ होने पर मुझे तेरे से कोई टेन्षन नही होगी ऑर ना ही उसके साथ होने
पर तू अपनी कोई घटिया हरकत कर सकता है मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,,,
सोनिया ने इतना कुछ गुस्से मे एक ही साथ बोला ऑर वापिस अपने रूम मे चली गई,,,,
मैं शोबा के रूम मे चला गया ऑर बाथरूम मे घुस गया
डाइनिंग टेबल पर जब डॅड को भी पता चला कि कविता आज रात यहीं रुकने वाली है तो वो भी खुश थे
क्यूकी वो चाहते थे कि मैं उन लोगो एक साथ मिलकर स्टडी करूँ ऑर नेक्स्ट एग्ज़ॅम की तैयारी अच्छे से करूँ,,
डिन्नर के बाद मैं सोनिया के रूम मे गया तो सोनिया ऑर कविता मेरे से पहले डिन्नर करके वापिस रूम
मे आके स्टडी करने लगी थी,,,,सोनिया ऑर कविता सोनिया के बेड पर कंबल टाँगों पर लेके आराम से बैठ
कर स्टडी कर रही थी ऑर हल्की हल्की बात-चीत भी,,,,मैं भी रूम मे गया ऑर जाके अपने बेड पर बैठ
गया ऑर बुक निकाल कर स्टडी करने लगा,,,
मैं अपने बेड पर था ऑर वो दोनो साथ वाले बेड पर,,,,कविता मेरी हेल्प कर रही थी लेकिन बार बार जब
मैं उसको कोई सवाल करता तो वो मेरी बुक पर देख कर मुझे उस सवाल का जवाब देने लगती ऑर सब कुछ
समझाने लगती,,,,उसको मेरी बुक देखने के लिए आगे की तरफ झुकना पड़ता ऑर मुझे भी अपनी बुक उसके
करीब करनी पड़ती जिस वजह से मुझे भी उसकी तरफ झुकना पड़ता,,,,हम दोनो के बेड मे करीब 3 फीट
का फाँसला था,,,,
अरे बार बार मुझसे नही होता इतनी दूर से ये सब,,,तुम यहीं आ जाओ इस बेड पर सन्नी,,,कविता ने थोड़ा
तंग होते हुए बोला,,,वो बार बार मेरी तरफ झुक झुक कर तंग हो गई थी,,,,
नही नही,,,ये इस बेड पर नही आएगा ,,,,सोनिया ने एक दम से कविता की बात ख़तम होने से पहले ही
बोला,,,
मुझे भी नही आना तेरे गंदे बेड पर,,,मैने भी सोनिया को चिड़ाते हुए जवाब दिया,,,,इस गंदे बेड पर
बैठने से अच्छा है मैं नीचे ज़मीन पर बैठ जाउ,,,,
मेरी बात पर ऑर हम दोनो की फाइट पर कविता हँसने लगी,,,,,,,,,,,ओके बाबा तुम मत आओ यहाँ ,,,मैं आती
हूँ तुम्हारे पास,,,,कविता एक दम से हँसते हुए ये सब बोल गई ऑर तभी सोनिया ने उसकी तरफ गुस्से से
देखा ,,,,
अरे अब मेरी तरफ गुस्से से क्यूँ देख रही हो,,,खुद उसकी हेल्प नही करती तुम ऑर मुझे उसकी हेल्प के लिए
यहाँ रोक लिया है,,,,अब जब मैं उसकी हेल्प करने लगी हूँ तो फिर भी तुम गुस्सा कर रही हो,,,अब
मेरे से बार बार ऐसे झुक कर बात नही की जाती,,,या तो उसको इस बेड पर आने दो या मुझे जाना होगा
वहाँ नही तो बेड को खींच कर थोड़ा करीब कर्लो,,,,
नही मुझे अपने बेड को इसके बेड के करीब भी नही करना,,मेरा बेड तो इसके बेड से जितना दूर रहे
उतना अच्छा है,,,ये बात फिर सोनिया ने बोली ,,,वो भी गुस्से से,,,,,
तो ठीक है फिर मैं जाती हूँ उसके बेड पर,,,,,कविता ने इतना बोला तो मेरा दिल खुश हो गया लेकिन
सोनिया उसको गुस्से से देखने लगी ऑर बोली,,,,,,,ठीक है तुझे जाना है तो जा ,,मुझे क्या,,,,
कविता उठी ऑर मेरे बेड पर आ गई मैने उसके लिए जगह बना दी ऑर खिसक कर एक तरफ हो गया,,,उसने
बेड पर आते टाइम अपना कंबल भी उठा लिया था फिर मेरे साथ बैठ कर अपनी पीठ बेड की दीवार से
लगा कर टाँगों को घुटनो से मोड़ कर बैठ गई ऑर टाँगों पर कंबल भी ले लिया,,,मैं बिना कंबल
के उसके पास ही बैठ हुआ था,,,,मेरा ऑर सोनिया का बेड 4 बाइ 6 फीट का था,,,,कविता ऑर मैं इतने पास
पास बैठे हुए थे कि हम दोनो की बीच बस कुछ ही दूरी थी,,,
मेरी तो हालत खराब थी अगर इस टाइम सोनिया नही होती रूम मे तो मैं पक्का इसको पकड़ लेता ऑर किस
कर देता,,,,लेकिन कविता को कुछ भी नही हो रहा था वो तो चुप चाप स्टडी करने मे बिज़ी थी,,,ऑर उधर
सोनिया भी,,,,इसलिए मैने भी अपना ध्यान स्टडी पर ही लगा कर रखा ऑर स्टडी करता रहा,,,,लेकिन जब भी
मैं कविता से कुछ पूछता ऑर वो मुझे जवाब देती तो वो मेरे बहुद करीब आ जाती ऑर मुझे जवाब
देते टाइम शरमाने लगती,,,,उसकी यही अदा मुझे पागल कर रही थी,,,,,ये बात उसको भी पता चल गई थी
लेकिन फिर भी वो स्टडी की तरफ ही ज़्यादा ध्यान दे रही थी शायद वो भी सोनिया की वजह से डरी हुई थी,,
हम लोगो को रात स्टडी करते हुए करीब 2 बज गये थे तभी मुझे हल्की हल्की नींद आने लगी ऑर मैं
बेड पर लेट गया,,लेकिन कविता ने मुझे उठने को बोला,,,,
ओये ब्लॅकी अभी नही सोना इतनी जल्दी,,,,चल उठ ऑर स्टडी कर,,,,कविता हँसते हुए बोली,,,,
अरे मेरी माँ मैं सो नही रहा बस पीठ मे दर्द होने लगा है तो पीठ सीधी करने के लिए कुछ देर
लेटना चाहता हूँ,,,मैने इतनी बात बोली तो कविता हँसने लगी ऑर साथ मे सोनिया भी,,,,उन दोनो को पता
था कि मैं अगर गेम खेलता रहूं तो पूरी रात नही थकता लेकिन स्टडी के टाइम मैं कुछ ही देर मे
थक जाता हूँ,,,,,
ठीक है ब्लॅकी कुछ देर आराम करले लेकिन सोना नही वर्ना मुँह पर पानी मार कर उठा दूँगी तुझे,,,
कविता ने इतनी बात मज़ाक मे बोली,,,
ओके नही सोता मालकिन जी लेकिन थोड़ी देर लेट तो सकता हूँ ना,,,,,मैने इतना बोला ऑर लेट गया,,,,लेकिन पता
नही चला कब मेरी आँख लग गई ऑर मैं नींद मे सपने देखने लगा,,,
मैं शायद कविता के इतना करीब होके सो रहा था इसलिए सपने मे भी मुझे कविता ही नज़र आ रही
थी ऑर वो भी उतनी ही करीब जितनी करीब वो बैठी हुई थी,,,सपने मे मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर
कविता मेरे करीब थी,,,,कुछ देर बाद वो भी शायद थक गई थी इसलिए लेट गई ,,,वो मेरे साथ ही लेट
गई थी मेरे बहुद करीब होके ,,वो इतना करीब थी कि उसका फेस मेरे फेस से बस 5-6 इंच दूर था '
मुझे उसकी साँसे अपने होंठों पर महसूस हो रही थी,,,गर्म ओर बहुद मद-होश करने वाली एक
मस्त खुश्बू आ रही थी उसकी सांसो से जो मुझे भी मस्त करने लगी थी,,,वो खुश्बू मेरी नाक
से बहती हुई मेरे एक एक अंग तक पहुँच रही थी ऑर मेरा हर एक अंग उस महक से अजीब सी मस्ती मे डूबता
जा रहा था ऑर उसी मस्ती मे डूबता हुआ मैं पता नही कब उसके करीब हो गया पता तो तब चला जब
मेरे होंठ उसके होंठों से टच हुए थे,,,,उसके सॉफ्ट होंठों का टच उस मस्ती को ऑर भड़काने
लगा था जो उसकी मदहोश सांसो की वजह से पैदा हो रही थी पूरे जिस्म मे,,ऑर पता नही कब मैने
हिम्मत करके अपने होंठों को खोला ऑर उसके एक होंठ को अपने होंठों मे भरने की कोशिश करने
लगा लेकिन उसने अपने लिप्स को थोड़ा सा भी नही खोला था ,,मैने बहुत कोशिश की उसके लिप्स खोलने की
लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ ,,,तभी ना जाने कब मेरा एक हाथ उसकी कमर पर चला गया,,,,उसने एक ढीला
सा कुर्ता पहना हुआ था जो उसकी कमर से थोड़ा उपर उठा हुआ था,,ऑर मेरा हाथ उसी कुर्ते की वजह से
नगी हुई कमर पर रखा गया था,,,मेरा हाथ उसकी कमर पर जैसे ही उसको महसूस हुआ उसकी कमर
ने एक हल्की सी लहर के साथ हिलाना शुरू कर दिया,,,मेरा हाथ भी उस हिलती कमर पर हल्के से हिलने लगा
जिस से मेरा खुद पर क़ाबू करना मुश्किल हो गया ऑर मेरा हाथ उसकी कमर पर अच्छी तरह से जकड़ा गया
ऑर मैने एक बार कस्के उसकी कमर को दबा दिया जिस से उसके मुँह से हल्की अह्ह्ह्ह निकल गई ,,,ये तो पक्का
था उसको हल्का दर्द हुआ था ऑर दर्द की वजह से उसके मुँह से आह निकल गई थी लेकिन मेरे लिए इतना ही
काफ़ी था कि उसके होंठों मे थोड़ी से जगह बन गई थी मेरी ज़ुबान के लिए ऑर मैने जल्दी से अपनी ज़ुबान
को उसने लिप्स से अंदर की तरफ घुसा दिया ऑर अपनी ज़ुबान को उसके उपर वाले लिप्स की तरफ मोड़ कर उसके
दांतो को महसूस करते हुआ फिर ज़ुबान को उसके मुँह मे घुसा दिया,,,
मे बात करने का या कोई दूसरा ही प्लान है तेरे दिमाग़ मे ,,शैतानी प्लान,,,,,वो थोड़ा खुश होके बोला
क्यूकी उसको पता है मुझे जानभूज कर गान्ड पंगा लेने की आदत जो है,,,,
हाँ भाई एक प्लान तो है लेकिन देखते है कितना कामयाब होता है,,,,अगर कामयाब हुआ तो समझ ले तेरी
शादी जल्दी ही हो जाएगी रितिका से,,,तू बस बॅंड बाजा तैयार रखना,,,,
मैने इतना बोला तो करण खुश हो गया लेकिन मैं सोच मे पड़ गया कि इसको सपना तो दिखा दिया है
रितिका से शादी का लेकिन उस सपने को हक़ीक़त का रूप कैसे दे सकता हूँ मैं,,,
फिर कुछ देर बाद मैं करण के घर से निकल पड़ा,,,,अलका ऑर शिखा तो मुझे रात रोकना चाहती थी
वहाँ लेकिन मैं नही रुका ऑर चला आया वहाँ से,,,,
घर आते आते मैं यही सोच सोच कर परेशान हो रहा था कि अब आगे करना क्या है,,,इतनी टेन्षन थी
मेरे दिमाग़ मे,,,लेकिन जैसे ही घर पहुँचा तो देखा घर के अंदर कविता की अक्तिवा खड़ी हुई थी
जिसको देख कर मेरी आधी टेन्षन ख़ात्म हो गई,,,,ऑर बाकी की आधी अंदर जाके कविता को देख कर हो जानी
थी,,,,,
बेल बजाने पर माँ ने दरवाजा खोला,,,,,मैं अंदर गया ऑर सीधा उपर रूम मे जाने लगा ,,माँ भी
मेरे साथ साथ उपर की तरफ आ रही थी,,,,मैं जैसे ही उपर पहुँचा तो देखा कि सोनिया के रूम का
दरवाजा खुला हुआ था ऑर अंदर बेड पर सोनिया ऑर कविता बैठी हुई थी,,,,,
मैं अंदर घुसा तो कविता ने मुझे हाई बोला ऑर मैं भी उसको हेलो बोला ,,इतने मे माँ भी रूम
मे आ गई,,,,,
कविता बेटी डिन्नर मे 2 सब्जी बना रही हूँ ,,,दाल खानी है तो बता दो वो भी बना दूँगी,,,,,
नही आंटी जी सब्जी ही ठीक है,,,,,,,
ठीक है बेटा,,,,,
तभी माँ नीचे जाने लगी तो कविता ने माँ को आवाज़ लगा दी,,,,,आंटी जी रुकिया एक मिंट,,,,,
माँ रुक गई,,,,हां बोलो बेटी,,,,,
आंटी जी सोनिया के रूम मे चादर ही पड़ी है ,,आज कल रात को ठंड होने लगी है अगर आप एक
कंबल दे देती तो,,,,
अरे हाँ माँ मैं भी आपको बोलने वाली थी कि रात को अब ठंड होने लगी है मुझे भी एक कंबल
दे देना,,,
अच्छा बेटी नीचे 2 कंबल निकाल देती हूँ डिन्नर करने आओगी तो लेती आना,,,,
कविता बोली,,,,,ठीक है आंटी जी,,,,,,
तभी पीछे से सोनिया भी बोली,,,,,,,,,,ओके मोम,,,,,
फिर माँ नीचे चली गई,,,,
मालकिन जी आज रात आप यहीं रुकने वाली हो क्या,,,,मैने मज़ाक मज़ाक मे कविता को बोला,,,,
हाँ रुकने वाली है तुझे कोई प्रोबलम है क्या ब्लॅकी,,,ये बात सोनिया ने बोली तो कविता हँसने लगी,,
तुझे किसी ने पूछा क्या,,मैं कविता से बात कर रहा हूँ तू बीच मे अपनी चोंच मत घुसाया
कर,,,मैने चिड़ते हुए सोनिया से बोला,,,,
अरे बाबा तुम लोग फाइट मत शुरू करना ,,ये बात कविता ने हम दोनो को चुप करवाते हुए बोली,,,
हां सन्नी आज रात मैं यहीं रुकने वाली हूँ,,,,सोचा क्यूँ ना सोनिया के साथ मिलकर नेक्स्ट एग्ज़ॅम की
तैयारी करलूँ,,,,क्यू मेरे यहाँ रुकने से तेरे को कोई प्रोबलम है क्या सन्नी,,
नही नही मालकिन जी मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था,,,,,,,आपका घर है जब तक दिल करे रूको,,,,
मैने इतना बोला ऑर अपने कुछ कपड़े लेके वहाँ से शोबा के रूम मे चला गया ऑर फ्रेश होके बाहर
आ गया ,,,तभी रूम के बाहर मुझे सोनिया मिल गई,,,,
तुझे कोई प्रोबलम है क्या कविता के यहाँ रुकने से,,,ये बात सोनिया हल्के गुस्से से बोल रही थी,,,,
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया ऑर ऐसे बिहेव करने लगा कि मुझे उस से कोई बात नही करनी,,
उसने फिर से वही बात पूछी मेरे से,,,,,तो मैने बिना कुछ बोले ना मे सर हिला दिया ऑर उसको बता
दिया कि मुझे कविता के यहाँ रुकने से कोई प्रोबलम नही है,,,,
तभी वो मेरे करीब आई,,,,,ये अच्छी बात है क्यूकी वैसे भी वो तेरी हेल्प के लिए यहाँ रुकी है,,,
मैं थोड़ा हैरान होके,,,,,मेरी हेल्प,,,कैसी हेल्प,,,,
मेरे साथ तो तूने एग्ज़ॅम की तैयारी करनी नही है सन्नी ऑर ना ही मुझे तेरे साथ बैठ कर स्टडी करनी
है,,,ऑर बिना मेरी हेल्प के तेरा पास होना मुश्किल है ऑर तेरी वजह से मैं अपना अक्तिवा नही मिस करना
चाहती इसलिए मैने कविता को यहाँ रोक लिया है ताकि तेरी कुछ हेल्प कर सके वो,,,,आज रात वो तेरी हेल्प
करेगी स्टडी मे,,,,ऑर उसके साथ होने पर मुझे तेरे से कोई टेन्षन नही होगी ऑर ना ही उसके साथ होने
पर तू अपनी कोई घटिया हरकत कर सकता है मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,,,
सोनिया ने इतना कुछ गुस्से मे एक ही साथ बोला ऑर वापिस अपने रूम मे चली गई,,,,
मैं शोबा के रूम मे चला गया ऑर बाथरूम मे घुस गया
डाइनिंग टेबल पर जब डॅड को भी पता चला कि कविता आज रात यहीं रुकने वाली है तो वो भी खुश थे
क्यूकी वो चाहते थे कि मैं उन लोगो एक साथ मिलकर स्टडी करूँ ऑर नेक्स्ट एग्ज़ॅम की तैयारी अच्छे से करूँ,,
डिन्नर के बाद मैं सोनिया के रूम मे गया तो सोनिया ऑर कविता मेरे से पहले डिन्नर करके वापिस रूम
मे आके स्टडी करने लगी थी,,,,सोनिया ऑर कविता सोनिया के बेड पर कंबल टाँगों पर लेके आराम से बैठ
कर स्टडी कर रही थी ऑर हल्की हल्की बात-चीत भी,,,,मैं भी रूम मे गया ऑर जाके अपने बेड पर बैठ
गया ऑर बुक निकाल कर स्टडी करने लगा,,,
मैं अपने बेड पर था ऑर वो दोनो साथ वाले बेड पर,,,,कविता मेरी हेल्प कर रही थी लेकिन बार बार जब
मैं उसको कोई सवाल करता तो वो मेरी बुक पर देख कर मुझे उस सवाल का जवाब देने लगती ऑर सब कुछ
समझाने लगती,,,,उसको मेरी बुक देखने के लिए आगे की तरफ झुकना पड़ता ऑर मुझे भी अपनी बुक उसके
करीब करनी पड़ती जिस वजह से मुझे भी उसकी तरफ झुकना पड़ता,,,,हम दोनो के बेड मे करीब 3 फीट
का फाँसला था,,,,
अरे बार बार मुझसे नही होता इतनी दूर से ये सब,,,तुम यहीं आ जाओ इस बेड पर सन्नी,,,कविता ने थोड़ा
तंग होते हुए बोला,,,वो बार बार मेरी तरफ झुक झुक कर तंग हो गई थी,,,,
नही नही,,,ये इस बेड पर नही आएगा ,,,,सोनिया ने एक दम से कविता की बात ख़तम होने से पहले ही
बोला,,,
मुझे भी नही आना तेरे गंदे बेड पर,,,मैने भी सोनिया को चिड़ाते हुए जवाब दिया,,,,इस गंदे बेड पर
बैठने से अच्छा है मैं नीचे ज़मीन पर बैठ जाउ,,,,
मेरी बात पर ऑर हम दोनो की फाइट पर कविता हँसने लगी,,,,,,,,,,,ओके बाबा तुम मत आओ यहाँ ,,,मैं आती
हूँ तुम्हारे पास,,,,कविता एक दम से हँसते हुए ये सब बोल गई ऑर तभी सोनिया ने उसकी तरफ गुस्से से
देखा ,,,,
अरे अब मेरी तरफ गुस्से से क्यूँ देख रही हो,,,खुद उसकी हेल्प नही करती तुम ऑर मुझे उसकी हेल्प के लिए
यहाँ रोक लिया है,,,,अब जब मैं उसकी हेल्प करने लगी हूँ तो फिर भी तुम गुस्सा कर रही हो,,,अब
मेरे से बार बार ऐसे झुक कर बात नही की जाती,,,या तो उसको इस बेड पर आने दो या मुझे जाना होगा
वहाँ नही तो बेड को खींच कर थोड़ा करीब कर्लो,,,,
नही मुझे अपने बेड को इसके बेड के करीब भी नही करना,,मेरा बेड तो इसके बेड से जितना दूर रहे
उतना अच्छा है,,,ये बात फिर सोनिया ने बोली ,,,वो भी गुस्से से,,,,,
तो ठीक है फिर मैं जाती हूँ उसके बेड पर,,,,,कविता ने इतना बोला तो मेरा दिल खुश हो गया लेकिन
सोनिया उसको गुस्से से देखने लगी ऑर बोली,,,,,,,ठीक है तुझे जाना है तो जा ,,मुझे क्या,,,,
कविता उठी ऑर मेरे बेड पर आ गई मैने उसके लिए जगह बना दी ऑर खिसक कर एक तरफ हो गया,,,उसने
बेड पर आते टाइम अपना कंबल भी उठा लिया था फिर मेरे साथ बैठ कर अपनी पीठ बेड की दीवार से
लगा कर टाँगों को घुटनो से मोड़ कर बैठ गई ऑर टाँगों पर कंबल भी ले लिया,,,मैं बिना कंबल
के उसके पास ही बैठ हुआ था,,,,मेरा ऑर सोनिया का बेड 4 बाइ 6 फीट का था,,,,कविता ऑर मैं इतने पास
पास बैठे हुए थे कि हम दोनो की बीच बस कुछ ही दूरी थी,,,
मेरी तो हालत खराब थी अगर इस टाइम सोनिया नही होती रूम मे तो मैं पक्का इसको पकड़ लेता ऑर किस
कर देता,,,,लेकिन कविता को कुछ भी नही हो रहा था वो तो चुप चाप स्टडी करने मे बिज़ी थी,,,ऑर उधर
सोनिया भी,,,,इसलिए मैने भी अपना ध्यान स्टडी पर ही लगा कर रखा ऑर स्टडी करता रहा,,,,लेकिन जब भी
मैं कविता से कुछ पूछता ऑर वो मुझे जवाब देती तो वो मेरे बहुद करीब आ जाती ऑर मुझे जवाब
देते टाइम शरमाने लगती,,,,उसकी यही अदा मुझे पागल कर रही थी,,,,,ये बात उसको भी पता चल गई थी
लेकिन फिर भी वो स्टडी की तरफ ही ज़्यादा ध्यान दे रही थी शायद वो भी सोनिया की वजह से डरी हुई थी,,
हम लोगो को रात स्टडी करते हुए करीब 2 बज गये थे तभी मुझे हल्की हल्की नींद आने लगी ऑर मैं
बेड पर लेट गया,,लेकिन कविता ने मुझे उठने को बोला,,,,
ओये ब्लॅकी अभी नही सोना इतनी जल्दी,,,,चल उठ ऑर स्टडी कर,,,,कविता हँसते हुए बोली,,,,
अरे मेरी माँ मैं सो नही रहा बस पीठ मे दर्द होने लगा है तो पीठ सीधी करने के लिए कुछ देर
लेटना चाहता हूँ,,,मैने इतनी बात बोली तो कविता हँसने लगी ऑर साथ मे सोनिया भी,,,,उन दोनो को पता
था कि मैं अगर गेम खेलता रहूं तो पूरी रात नही थकता लेकिन स्टडी के टाइम मैं कुछ ही देर मे
थक जाता हूँ,,,,,
ठीक है ब्लॅकी कुछ देर आराम करले लेकिन सोना नही वर्ना मुँह पर पानी मार कर उठा दूँगी तुझे,,,
कविता ने इतनी बात मज़ाक मे बोली,,,
ओके नही सोता मालकिन जी लेकिन थोड़ी देर लेट तो सकता हूँ ना,,,,,मैने इतना बोला ऑर लेट गया,,,,लेकिन पता
नही चला कब मेरी आँख लग गई ऑर मैं नींद मे सपने देखने लगा,,,
मैं शायद कविता के इतना करीब होके सो रहा था इसलिए सपने मे भी मुझे कविता ही नज़र आ रही
थी ऑर वो भी उतनी ही करीब जितनी करीब वो बैठी हुई थी,,,सपने मे मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर
कविता मेरे करीब थी,,,,कुछ देर बाद वो भी शायद थक गई थी इसलिए लेट गई ,,,वो मेरे साथ ही लेट
गई थी मेरे बहुद करीब होके ,,वो इतना करीब थी कि उसका फेस मेरे फेस से बस 5-6 इंच दूर था '
मुझे उसकी साँसे अपने होंठों पर महसूस हो रही थी,,,गर्म ओर बहुद मद-होश करने वाली एक
मस्त खुश्बू आ रही थी उसकी सांसो से जो मुझे भी मस्त करने लगी थी,,,वो खुश्बू मेरी नाक
से बहती हुई मेरे एक एक अंग तक पहुँच रही थी ऑर मेरा हर एक अंग उस महक से अजीब सी मस्ती मे डूबता
जा रहा था ऑर उसी मस्ती मे डूबता हुआ मैं पता नही कब उसके करीब हो गया पता तो तब चला जब
मेरे होंठ उसके होंठों से टच हुए थे,,,,उसके सॉफ्ट होंठों का टच उस मस्ती को ऑर भड़काने
लगा था जो उसकी मदहोश सांसो की वजह से पैदा हो रही थी पूरे जिस्म मे,,ऑर पता नही कब मैने
हिम्मत करके अपने होंठों को खोला ऑर उसके एक होंठ को अपने होंठों मे भरने की कोशिश करने
लगा लेकिन उसने अपने लिप्स को थोड़ा सा भी नही खोला था ,,मैने बहुत कोशिश की उसके लिप्स खोलने की
लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ ,,,तभी ना जाने कब मेरा एक हाथ उसकी कमर पर चला गया,,,,उसने एक ढीला
सा कुर्ता पहना हुआ था जो उसकी कमर से थोड़ा उपर उठा हुआ था,,ऑर मेरा हाथ उसी कुर्ते की वजह से
नगी हुई कमर पर रखा गया था,,,मेरा हाथ उसकी कमर पर जैसे ही उसको महसूस हुआ उसकी कमर
ने एक हल्की सी लहर के साथ हिलाना शुरू कर दिया,,,मेरा हाथ भी उस हिलती कमर पर हल्के से हिलने लगा
जिस से मेरा खुद पर क़ाबू करना मुश्किल हो गया ऑर मेरा हाथ उसकी कमर पर अच्छी तरह से जकड़ा गया
ऑर मैने एक बार कस्के उसकी कमर को दबा दिया जिस से उसके मुँह से हल्की अह्ह्ह्ह निकल गई ,,,ये तो पक्का
था उसको हल्का दर्द हुआ था ऑर दर्द की वजह से उसके मुँह से आह निकल गई थी लेकिन मेरे लिए इतना ही
काफ़ी था कि उसके होंठों मे थोड़ी से जगह बन गई थी मेरी ज़ुबान के लिए ऑर मैने जल्दी से अपनी ज़ुबान
को उसने लिप्स से अंदर की तरफ घुसा दिया ऑर अपनी ज़ुबान को उसके उपर वाले लिप्स की तरफ मोड़ कर उसके
दांतो को महसूस करते हुआ फिर ज़ुबान को उसके मुँह मे घुसा दिया,,,