hotaks444
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हम दोनो एक दूसरे को बाहों मे भरके किस करने लगे,,,हम दोनो का उपर का जिस्म नंगा
था,,उसके हाथ मेरी पीठ पर थिरक रहे थे और मेरे हाथ उसकी पीठ पर,उसके छोटे
छोटे बूब्स मेरी छाती पर चिपक गये थे,,,,उसकी रेशमी पीठ पर मेरे हाथ फिसलते
जा रहे थे,,,,,हम लोग मस्ती मे इतनी जबरदस्त किस कर रहे थे कि हम दोनो को साँस
लेना भी मुश्किल हो रहा था,,,फिर एक दम हम दोनो एक दूसरे से दूर हुए और अपनी हालत को
क़ाबू मे करते हुए खुलकर साँसे लेने लगे दिल की धड़कन को क़ाबू करने लगा,,,
लेकिन ज़्यादा देर तक नही वो फिर से आगे बढ़ी और मुझे बाहों मे भरके किस करने लगी,,
अब वो पूरी तरह से अपनी रज़ामंदी दिखा चुकी थी और पूरी तरह से बहक चुकी थी,अब
तक वो अपनी हालत पर क़ाबू करने की मेरे से दूर होने की कोशिश कर रही थी लेकिन अब
उसकी हालत भी मेरे जैसी हो गयी थी,,,अब हम दोनो का एक दूसरे से दूर होना मुमकिन नही
था,,,जैसे बाहर का मौसम बिगड़ गया था बिजली चमक रही थी बदल गरज रहे थे
वैसे हम दोनो के जिस्म मे भी तूफान उठने लगा था,,,तभी मैने अपने हाथ उसकी गान्ड
पर रखे और उसको अपनी गोद मे उठा लिया,,,,उसने भी जल्दी से अपनी टाँगों को मेरी कमर
के इर्द गिर्द लपेट लिया और मेरे से पूरी तरह चिपक गयी,,,,
मैं उसको गोद मे उठाकर किस करता हुआ उपर छत पर बने स्टोर रूम मे ले आया,,,अंदर
आते ही मैने उसको एक टेबल पर बिठा दिया,,,,ये वही टेबल था जिस पर मैने पहली बार
सरिता और विशाल को चुदाई करते देखा था,,,मैने उसको टेबल पर बिठा दिया और इधर
उधर देखने लगा,,,,,,तभी मेरी नज़र पड़ी एक पुराने मॅट्रेस पर,,,जब घर का काम
करवाया था तो कुछ पुराना समान यहाँ रख दिया था उसी समान मे एक पुराना मॅट्रेस
भी था,,,,,,मैने मॅट्रेस को ज़मीन पर बिछा दिया,,,,और पलट कर सोनिया की तरफ देखा
तो वो टेबल पर बैठी हुई अपने उपर के जिस्म को अपने हाथों से कवर करने की कोशिश कर
रही थी,,,,पूरे जिस्म को कवर कर पाना उसके लिए मुश्किल था लेकिन फिर भी वो कोशिश
कर रही थी,,,,
जब मैने मॅट्रेस को ज़मीन पर बिछा दिया तो वो समझ गयी अब क्या होने वाला है और
अब वो खुद भी इस सब के लिए तैयार थी,,,,मैने मॅट्रेस बिछा कर एक पुरानी चद्दर को
भी मॅट्रेस पर बिछा दिया,,,चद्दर बिछ गयी तो मैने आगे बढ़ कर रूम का दरवाजा अंदर
से बंद किया और टेबल पर उसकी तरफ चला गया,,,फिर से उसके करीब जाके उसके लिप्स पर
किस करने लगा,,,,अब तक उसके हाथ जो उसके जिस्म को च्छुपाने की कोशिश कर रहे थे
अब वो हाथ फिर से मेरे जिस्म पर थिरकने लगे थे,,,,,मैने उसको गोद मे उठा लिया और
आगे बढ़के उसको मॅट्रेस पर लेटा दिया,,,,
उसको नीचे लेटा कर मैं खुद उसके उपर झुक कर उसके लिप्स पर किस करने लगा,,,वो भी
आज पूरी तरह से मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और
वो बड़े प्यार से मेरी पीठ के हर हिस्से को छू कर महसूस कर रही थी,,,मेरी पूरी
पीठ पर अपने हाथ घुमा रही थी,,,मेरा एक हाथ मॅट्रेस पर टिका हुआ था और उसी हाथ
के सहारे मैं सोनिया के उपर झुका हुआ था जबकि मेरा दूसरा हाथ सोनिया के पेट पर टिका
हुआ था जिस से अब मैने हल्के से उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया था,,,उसके पेट का
मखमली एहसास मुझे पागल कर रहा था,,आज पहली बार उसने मुझे खुद को अपनी रज़ामंदी
से छूने का मौका दिया था और इस मोके के मिलने से मुझे एक अजीब एहसास हो रहा था,,आज
तक बहुत चुदाई कर चुका था बहुत सेक्स कर चुका था बहुत जिस्मो से खेल चुका था लेकिन
सोनिया के साथ खेलने का नही,, सेक्स करने का नही,, प्यार करने का दिल कर रहा था,,,,
मैं कोई जल्दबाज़ी नही करना चाहता था उसको हर्ट नही करना चाहता था इसलिए मैं अपने
हाथ को उसके पेट और कमर पर ही घुमा रहा था ,,उसके बूब्स की तरफ नही जा रहा था
,,,,लेकिन उसके पेट का मखमली एहसास मुझे मस्त कर रहा था और उसी मस्ती मे मेरा हाथ
उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगा,,जैसे जैसे मैं उसके बूब्स की तरफ बढ़ता उसके दिल की
धड़कन तेज होने लगती,,,,उसका पेट तेज़ी से साँसे लेने के साथ उपर नीचे होने लगता,,वो
थोड़ा डर जाती और घबरा जाती,,,उसके डर से मैं थोड़ा परेशान हो जाता और हाथ को वापिस
नीचे की तरफ ले आता,,,जब मेरा हाथ उसके पेट पर पहुँच जाता तो उसकी हालत थोड़ी ठीक
हो जाती लेकिन जैसे ही मस्ती मे मेरा हाथ वापिस उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगता उसके साँसे
फिर से उखाड़ने लगती ,,दिल की धड़कन बढ़ने लगती,,,,पेट तेज़ी से उपर नीचे होने लगता
एक तो हम दोनो किस कर रहे थे इसलिए हम दोनो को सांस लेने मे मुश्किल हो रही थी
क्यूकी हम दोनो अपने क़ाबू से बाहर हो गये थे और मस्ती मे पागलो की तरह किस कर रहे
थे और इधर मेरे हाथ उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगता तो उसकी हालत और ज़्यादा खराब हो
जाती और वो बेचैन हो जाती,,,,,
काफ़ी टाइम उसको किस करते हुए मैं अपने हाथ उसके बूब्स की तरफ लेके जाने की कोशिश
करता रहा लेकिन वो हर बार डर जाती और मैं अपने हाथ को वापिस उसके पेट पर ले आता
,,,उसको भी इस बात का एहसास हो गया था कि उसके डर की वजह से मैं आगे नही बढ़ रहा
तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा जो उसके पेट पर थिरक रहा था और उसको पकड़ कर उपर की
तरफ ले गयी और अपने एक बूब पर रख दिया,,,,,ऐसी हरकत करके उसने अपनी रज़ामंदी जता
दी थी और बता दिया था कि मैं आगे बढ़ सकता हूँ,,,,
मेरा हाथ उसके एक बूब पर टिक गया था ,,मुझे बड़ा मस्त एहसास मिल रहा था उसके कोमल
कोमल बूब का,,,उसका बूब ज़्यादा बड़ा नही था बस उमर के हिसाब से उसकी छाती से बाहर
निकला था,,,उसपे आज तक किसी का हाथ नही लगा था,,,,शायद सोनिया का भी नही,,उसके
लिए वो जिस्म उसका था लेकिन उसके जिस्म पर हक़ सिर्फ़ मेरा था,,,
मैने हल्के हल्के उसके बूब को प्यार से सहलाना और हल्के हल्के मसलना शुरू किया,,जैसे
ही मेरे हाथ का दबाव उसको अपने बूब पर हुआ उसने मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ा और कुछ
ज़्यादा ही मस्ती मे तेज़ी से मुझे किस करने लगी,,,मैने उसके बूब को मसलना शुरू कर
दिया और उसके बूब्स की डुँड़ी को जो एक काली मिर्च के दाने जितनी बड़ी थी ,उसको अपनी उंगलियों
मे पकड़ कर हल्के से मसलना शुरू कर दिया,,,,मेरे ऐसा करते ही वो मचलने लगी थी
मेरा हाथ बारी बारी से उसके दोनो बूब्स को मसल रहा था उसके बूब्स की डुँड़ी को उंगलियों
मे पकड़ कर दबा रहा था,,,,,,
कुछ देर उसके बूब्स मसल्ने और किस करने के बाद मैने उसके लिप्स से दूर हुआ और सर को
उपर उठाकर उसके चहरे की तरफ देखने लगा,,,,उसके गुबाली लिप्स मेरे थूक से पूरी तरह
गीले हो गये थे और अब थोड़े गहरे लाल रंग के हो गये थे,,,,ऐसे लग रहा था उसके
जिस्म का सारा खून उसके लिप्स मे उतर आया था,,,,वो मुँह को थोड़ा सा खोल कर तेज़ी से साँसे
ले रही थी,,,,जब हम किस कर रहे थे तो हम दोनो को सांस लेना भी मुश्किल लग रहा
था,,,,,
मैं उसकी तरफ देख रहा था और वो मेरी तरफ,,,वो मेरे सर से लेके मेरी छाती तक अपनी
नज़रे घुमा रही थी और मैं भी अपनी नज़रो से उसके जिस्म को महसूस कर रहा था,,मेरा
ध्यान उसके छोटे छोटे बूब्स पर टिका हुआ था,,,,जो एक बड़े नींबू के आकर के थे और
रंग मे बिल्कुल गोरे थे,,,उसके उपर हल्के ब्राउन कलर की एक काली मिर्च के आकर की डुंड़ीयाँ
थी,,,,,मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था और मैने अपने सर को उसके बूब्स की तरफ बढ़ाना
शुरू कर दिया था,,,कुछ ही पल मे मेरे लिप्स उसके एक बूब्स पर टिक गये और मैने उसके
बूब को हल्के से अपने लिप्स मे भर लिया और चूसने लगा ,,,मेरे लिप्स अभी उसके बूब पर
टच ही हुए थे कि उसने मचलना शुरू कर दिया था,,,,उसका जिस्म रुक रुक कर झटके
खाने लगा था,,,,मैने उसके दोनो बूब्स को हाथ मे पकड़ा और हल्के से दबाते हुए उसके
बूब्स को किस करने लगा ,,,,अपने लिप्स मे भरके चूसने लगा,,,साथ साथ उसके बूब्स की
डुंदीयों को अपने लिप्स मे भरके अपनी ज़ुबान के साथ खेलने लगा,,,उसकी डुंड़ीयाँ अब तक
काफ़ी हार्ड हो गयी थी,,
मैं काफ़ी टाइम उसके दोनो बूब्स से खेलता रहा,,,चूस्ता रहा,,,हल्के हल्के काट-ता रहा और
वो बस बिना पानी की मछली के जैसे मचलती रही,,,,,उसका जिस्म अकड़ता और कभी ढीला
पड़ जाता और कभी उसकी टाँगे झटके मारने लगती,,,उसके हाथ अकड़ जाते और वो अपने हाथों
की उंगलियों मे चद्दर को कस्के पकड़ लेती ,
उसके बूब्स को चूस्ते हुए मेरा एक हाथ उसकी कमर और पेट से होता हुआ नीचे की तरफ बढ़ने
लगा,,,,मेरा हाथ उसकी पयज़ामी तक पहुँच गया और मैने उसकी पयज़ामी के नाडे को पकड़
लिया ,,,जैसे ही मैने उसके नाडे को पकड़ा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे रोक दिया
मैने भी अपना हाथ उसके नाडे से उठा लिया और उसके बूब्स से उपर उठके उसकी तरफ देखने
लगा,,,,वो कुछ परेशान थी ,,डरी हुई थी,,,,मैने हल्के से मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा
और उसको बता दिया कि जब तक उसकी रज़ामंदी नही होगी मैं आगे नही बढ़ुंगा,,,हम दोनो
ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे,,,,,,,तभी उसके हल्के से मुस्कुरा कर मुझे देखा और अपने
हाथों से अपनी पयज़ामी के नाडे को खोल दिया और शरमा कर अपने चहरे को दूसरी तरफ टर्न
कर लिया,,,,,
मैं उसकी हरकत से खुश हो गया और वापिस उसके बूब्स को चूसने लगा,,,मेरा हाथ उसकी कमर
से होता हुआ वापिस उसकी पयज़ामी की तरफ बढ़ने लगा,,,,,मैने अपने हाथ को उसकी पयज़ामी
के उपर से उसकी चूत पर रखा तो उसकी धड़कन बढ़ने लगी जिसका एहसास मुझे उसके बूब्स
चूस्ते हुए होने लगा था,,,,,,
मैने उसकी पयज़ामी को पकड़ा और नीचे करने लगा लेकिन वो पयज़ामी को नीचे करने मे मेरा
साथ नही दे रही थी,,,,तभी मैने अपने एक हाथ को उसकी कमर के नीचे किया और उसको
मॅट्रेस से हल्का उपर उठा दिया,,,,वो मेरी इस हरकत से थोड़ी परेशान हो गयी और मेरी
तरफ देखने लगी,,,मैने हँसके उसकी तरफ देखा और अपने काम मे लगा रहा ,,उसकी कमर
उपर उठी और मैने अपने हाथ से उसकी पयज़ामी को उसकी गान्ड से थोड़ा नीचे कर दिया और
उसकी चूत मेरे सामने नंगी हो गयी,,,,
मेरा ध्यान उसकी चूत पर टिक गया,,,,,उसकी चूत एक दम गोरी थी,,,,उसके छोटे छोटे लिप्स
जो चूत के अंदर ही घुसे हुए थे आपस मे चिपके हुए थे,,,,हल्के हल्के रोयेदार बाल
थे उसकी चूत पर,,,,उसकी चूत एक दम सील पॅक थी,,उसकी चूत के लिप्स मे हल्की सी
भी जगह नही दिख रही थी जिस से मैं चूत के अंदर देख सकु,,,
मैं उसकी चूत को घूर रहा था तभी उसने शरमा कर अपने हाथ अपनी चूत पर रख लिए
और अपनी चूत को मेरे से छुपा लिया,,,मैं उसकी हालत समझ गया था और उसके चेहरे की
तरफ प्यार से देखने लगा और वापिस अपने काम मे लग गया और उसकी पयज़ामी को उसकी टाँगों से
नीचे की तरफ ले जाने लगा,,,,कुछ ही देर मे उसकी पयज़ामी निकल गयी थी और पेंटी ना होने
की वजह से वो एक दम नंगी हो गयी थी मेरे सामने,,,,,
उसने शरम से अपनी आँखें बंद की हुई थी और अपने हाथों से अपनी चूत को कवर किया हुआ
था ,,,वो एक दम नंगी थी मेरे सामने बस अपनी चूत को मेरे से छुपाया हुआ था,,मैने
भी कोई जल्दबाज़ी नही की उसकी चूत तक जाने की,,,,,,,लेकिन फिर भी मैं एक झलक उसकी
सील पॅक हल्के गुलाबी रंग की छोटे छोटे लिप्स वाली चूत को देखना चाहता था इसलिए
मैने अपने हाथ उसके हाथ पर रख दिए और उसकी चूत से उसके हाथ हटाने लगा लेकिन मैं
ज़रा सा भी ज़ोर नही लगा रहा था ,,,,बस उसको इशारा कर रहा था हाथ हटाने के लिए
था,,उसके हाथ मेरी पीठ पर थिरक रहे थे और मेरे हाथ उसकी पीठ पर,उसके छोटे
छोटे बूब्स मेरी छाती पर चिपक गये थे,,,,उसकी रेशमी पीठ पर मेरे हाथ फिसलते
जा रहे थे,,,,,हम लोग मस्ती मे इतनी जबरदस्त किस कर रहे थे कि हम दोनो को साँस
लेना भी मुश्किल हो रहा था,,,फिर एक दम हम दोनो एक दूसरे से दूर हुए और अपनी हालत को
क़ाबू मे करते हुए खुलकर साँसे लेने लगे दिल की धड़कन को क़ाबू करने लगा,,,
लेकिन ज़्यादा देर तक नही वो फिर से आगे बढ़ी और मुझे बाहों मे भरके किस करने लगी,,
अब वो पूरी तरह से अपनी रज़ामंदी दिखा चुकी थी और पूरी तरह से बहक चुकी थी,अब
तक वो अपनी हालत पर क़ाबू करने की मेरे से दूर होने की कोशिश कर रही थी लेकिन अब
उसकी हालत भी मेरे जैसी हो गयी थी,,,अब हम दोनो का एक दूसरे से दूर होना मुमकिन नही
था,,,जैसे बाहर का मौसम बिगड़ गया था बिजली चमक रही थी बदल गरज रहे थे
वैसे हम दोनो के जिस्म मे भी तूफान उठने लगा था,,,तभी मैने अपने हाथ उसकी गान्ड
पर रखे और उसको अपनी गोद मे उठा लिया,,,,उसने भी जल्दी से अपनी टाँगों को मेरी कमर
के इर्द गिर्द लपेट लिया और मेरे से पूरी तरह चिपक गयी,,,,
मैं उसको गोद मे उठाकर किस करता हुआ उपर छत पर बने स्टोर रूम मे ले आया,,,अंदर
आते ही मैने उसको एक टेबल पर बिठा दिया,,,,ये वही टेबल था जिस पर मैने पहली बार
सरिता और विशाल को चुदाई करते देखा था,,,मैने उसको टेबल पर बिठा दिया और इधर
उधर देखने लगा,,,,,,तभी मेरी नज़र पड़ी एक पुराने मॅट्रेस पर,,,जब घर का काम
करवाया था तो कुछ पुराना समान यहाँ रख दिया था उसी समान मे एक पुराना मॅट्रेस
भी था,,,,,,मैने मॅट्रेस को ज़मीन पर बिछा दिया,,,,और पलट कर सोनिया की तरफ देखा
तो वो टेबल पर बैठी हुई अपने उपर के जिस्म को अपने हाथों से कवर करने की कोशिश कर
रही थी,,,,पूरे जिस्म को कवर कर पाना उसके लिए मुश्किल था लेकिन फिर भी वो कोशिश
कर रही थी,,,,
जब मैने मॅट्रेस को ज़मीन पर बिछा दिया तो वो समझ गयी अब क्या होने वाला है और
अब वो खुद भी इस सब के लिए तैयार थी,,,,मैने मॅट्रेस बिछा कर एक पुरानी चद्दर को
भी मॅट्रेस पर बिछा दिया,,,चद्दर बिछ गयी तो मैने आगे बढ़ कर रूम का दरवाजा अंदर
से बंद किया और टेबल पर उसकी तरफ चला गया,,,फिर से उसके करीब जाके उसके लिप्स पर
किस करने लगा,,,,अब तक उसके हाथ जो उसके जिस्म को च्छुपाने की कोशिश कर रहे थे
अब वो हाथ फिर से मेरे जिस्म पर थिरकने लगे थे,,,,,मैने उसको गोद मे उठा लिया और
आगे बढ़के उसको मॅट्रेस पर लेटा दिया,,,,
उसको नीचे लेटा कर मैं खुद उसके उपर झुक कर उसके लिप्स पर किस करने लगा,,,वो भी
आज पूरी तरह से मुझे किस का रेस्पॉन्स दे रही थी,,,उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और
वो बड़े प्यार से मेरी पीठ के हर हिस्से को छू कर महसूस कर रही थी,,,मेरी पूरी
पीठ पर अपने हाथ घुमा रही थी,,,मेरा एक हाथ मॅट्रेस पर टिका हुआ था और उसी हाथ
के सहारे मैं सोनिया के उपर झुका हुआ था जबकि मेरा दूसरा हाथ सोनिया के पेट पर टिका
हुआ था जिस से अब मैने हल्के से उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया था,,,उसके पेट का
मखमली एहसास मुझे पागल कर रहा था,,आज पहली बार उसने मुझे खुद को अपनी रज़ामंदी
से छूने का मौका दिया था और इस मोके के मिलने से मुझे एक अजीब एहसास हो रहा था,,आज
तक बहुत चुदाई कर चुका था बहुत सेक्स कर चुका था बहुत जिस्मो से खेल चुका था लेकिन
सोनिया के साथ खेलने का नही,, सेक्स करने का नही,, प्यार करने का दिल कर रहा था,,,,
मैं कोई जल्दबाज़ी नही करना चाहता था उसको हर्ट नही करना चाहता था इसलिए मैं अपने
हाथ को उसके पेट और कमर पर ही घुमा रहा था ,,उसके बूब्स की तरफ नही जा रहा था
,,,,लेकिन उसके पेट का मखमली एहसास मुझे मस्त कर रहा था और उसी मस्ती मे मेरा हाथ
उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगा,,जैसे जैसे मैं उसके बूब्स की तरफ बढ़ता उसके दिल की
धड़कन तेज होने लगती,,,,उसका पेट तेज़ी से साँसे लेने के साथ उपर नीचे होने लगता,,वो
थोड़ा डर जाती और घबरा जाती,,,उसके डर से मैं थोड़ा परेशान हो जाता और हाथ को वापिस
नीचे की तरफ ले आता,,,जब मेरा हाथ उसके पेट पर पहुँच जाता तो उसकी हालत थोड़ी ठीक
हो जाती लेकिन जैसे ही मस्ती मे मेरा हाथ वापिस उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगता उसके साँसे
फिर से उखाड़ने लगती ,,दिल की धड़कन बढ़ने लगती,,,,पेट तेज़ी से उपर नीचे होने लगता
एक तो हम दोनो किस कर रहे थे इसलिए हम दोनो को सांस लेने मे मुश्किल हो रही थी
क्यूकी हम दोनो अपने क़ाबू से बाहर हो गये थे और मस्ती मे पागलो की तरह किस कर रहे
थे और इधर मेरे हाथ उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगता तो उसकी हालत और ज़्यादा खराब हो
जाती और वो बेचैन हो जाती,,,,,
काफ़ी टाइम उसको किस करते हुए मैं अपने हाथ उसके बूब्स की तरफ लेके जाने की कोशिश
करता रहा लेकिन वो हर बार डर जाती और मैं अपने हाथ को वापिस उसके पेट पर ले आता
,,,उसको भी इस बात का एहसास हो गया था कि उसके डर की वजह से मैं आगे नही बढ़ रहा
तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा जो उसके पेट पर थिरक रहा था और उसको पकड़ कर उपर की
तरफ ले गयी और अपने एक बूब पर रख दिया,,,,,ऐसी हरकत करके उसने अपनी रज़ामंदी जता
दी थी और बता दिया था कि मैं आगे बढ़ सकता हूँ,,,,
मेरा हाथ उसके एक बूब पर टिक गया था ,,मुझे बड़ा मस्त एहसास मिल रहा था उसके कोमल
कोमल बूब का,,,उसका बूब ज़्यादा बड़ा नही था बस उमर के हिसाब से उसकी छाती से बाहर
निकला था,,,उसपे आज तक किसी का हाथ नही लगा था,,,,शायद सोनिया का भी नही,,उसके
लिए वो जिस्म उसका था लेकिन उसके जिस्म पर हक़ सिर्फ़ मेरा था,,,
मैने हल्के हल्के उसके बूब को प्यार से सहलाना और हल्के हल्के मसलना शुरू किया,,जैसे
ही मेरे हाथ का दबाव उसको अपने बूब पर हुआ उसने मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ा और कुछ
ज़्यादा ही मस्ती मे तेज़ी से मुझे किस करने लगी,,,मैने उसके बूब को मसलना शुरू कर
दिया और उसके बूब्स की डुँड़ी को जो एक काली मिर्च के दाने जितनी बड़ी थी ,उसको अपनी उंगलियों
मे पकड़ कर हल्के से मसलना शुरू कर दिया,,,,मेरे ऐसा करते ही वो मचलने लगी थी
मेरा हाथ बारी बारी से उसके दोनो बूब्स को मसल रहा था उसके बूब्स की डुँड़ी को उंगलियों
मे पकड़ कर दबा रहा था,,,,,,
कुछ देर उसके बूब्स मसल्ने और किस करने के बाद मैने उसके लिप्स से दूर हुआ और सर को
उपर उठाकर उसके चहरे की तरफ देखने लगा,,,,उसके गुबाली लिप्स मेरे थूक से पूरी तरह
गीले हो गये थे और अब थोड़े गहरे लाल रंग के हो गये थे,,,,ऐसे लग रहा था उसके
जिस्म का सारा खून उसके लिप्स मे उतर आया था,,,,वो मुँह को थोड़ा सा खोल कर तेज़ी से साँसे
ले रही थी,,,,जब हम किस कर रहे थे तो हम दोनो को सांस लेना भी मुश्किल लग रहा
था,,,,,
मैं उसकी तरफ देख रहा था और वो मेरी तरफ,,,वो मेरे सर से लेके मेरी छाती तक अपनी
नज़रे घुमा रही थी और मैं भी अपनी नज़रो से उसके जिस्म को महसूस कर रहा था,,मेरा
ध्यान उसके छोटे छोटे बूब्स पर टिका हुआ था,,,,जो एक बड़े नींबू के आकर के थे और
रंग मे बिल्कुल गोरे थे,,,उसके उपर हल्के ब्राउन कलर की एक काली मिर्च के आकर की डुंड़ीयाँ
थी,,,,,मेरा ध्यान उसके बूब्स पर था और मैने अपने सर को उसके बूब्स की तरफ बढ़ाना
शुरू कर दिया था,,,कुछ ही पल मे मेरे लिप्स उसके एक बूब्स पर टिक गये और मैने उसके
बूब को हल्के से अपने लिप्स मे भर लिया और चूसने लगा ,,,मेरे लिप्स अभी उसके बूब पर
टच ही हुए थे कि उसने मचलना शुरू कर दिया था,,,,उसका जिस्म रुक रुक कर झटके
खाने लगा था,,,,मैने उसके दोनो बूब्स को हाथ मे पकड़ा और हल्के से दबाते हुए उसके
बूब्स को किस करने लगा ,,,,अपने लिप्स मे भरके चूसने लगा,,,साथ साथ उसके बूब्स की
डुंदीयों को अपने लिप्स मे भरके अपनी ज़ुबान के साथ खेलने लगा,,,उसकी डुंड़ीयाँ अब तक
काफ़ी हार्ड हो गयी थी,,
मैं काफ़ी टाइम उसके दोनो बूब्स से खेलता रहा,,,चूस्ता रहा,,,हल्के हल्के काट-ता रहा और
वो बस बिना पानी की मछली के जैसे मचलती रही,,,,,उसका जिस्म अकड़ता और कभी ढीला
पड़ जाता और कभी उसकी टाँगे झटके मारने लगती,,,उसके हाथ अकड़ जाते और वो अपने हाथों
की उंगलियों मे चद्दर को कस्के पकड़ लेती ,
उसके बूब्स को चूस्ते हुए मेरा एक हाथ उसकी कमर और पेट से होता हुआ नीचे की तरफ बढ़ने
लगा,,,,मेरा हाथ उसकी पयज़ामी तक पहुँच गया और मैने उसकी पयज़ामी के नाडे को पकड़
लिया ,,,जैसे ही मैने उसके नाडे को पकड़ा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे रोक दिया
मैने भी अपना हाथ उसके नाडे से उठा लिया और उसके बूब्स से उपर उठके उसकी तरफ देखने
लगा,,,,वो कुछ परेशान थी ,,डरी हुई थी,,,,मैने हल्के से मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा
और उसको बता दिया कि जब तक उसकी रज़ामंदी नही होगी मैं आगे नही बढ़ुंगा,,,हम दोनो
ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे,,,,,,,तभी उसके हल्के से मुस्कुरा कर मुझे देखा और अपने
हाथों से अपनी पयज़ामी के नाडे को खोल दिया और शरमा कर अपने चहरे को दूसरी तरफ टर्न
कर लिया,,,,,
मैं उसकी हरकत से खुश हो गया और वापिस उसके बूब्स को चूसने लगा,,,मेरा हाथ उसकी कमर
से होता हुआ वापिस उसकी पयज़ामी की तरफ बढ़ने लगा,,,,,मैने अपने हाथ को उसकी पयज़ामी
के उपर से उसकी चूत पर रखा तो उसकी धड़कन बढ़ने लगी जिसका एहसास मुझे उसके बूब्स
चूस्ते हुए होने लगा था,,,,,,
मैने उसकी पयज़ामी को पकड़ा और नीचे करने लगा लेकिन वो पयज़ामी को नीचे करने मे मेरा
साथ नही दे रही थी,,,,तभी मैने अपने एक हाथ को उसकी कमर के नीचे किया और उसको
मॅट्रेस से हल्का उपर उठा दिया,,,,वो मेरी इस हरकत से थोड़ी परेशान हो गयी और मेरी
तरफ देखने लगी,,,मैने हँसके उसकी तरफ देखा और अपने काम मे लगा रहा ,,उसकी कमर
उपर उठी और मैने अपने हाथ से उसकी पयज़ामी को उसकी गान्ड से थोड़ा नीचे कर दिया और
उसकी चूत मेरे सामने नंगी हो गयी,,,,
मेरा ध्यान उसकी चूत पर टिक गया,,,,,उसकी चूत एक दम गोरी थी,,,,उसके छोटे छोटे लिप्स
जो चूत के अंदर ही घुसे हुए थे आपस मे चिपके हुए थे,,,,हल्के हल्के रोयेदार बाल
थे उसकी चूत पर,,,,उसकी चूत एक दम सील पॅक थी,,उसकी चूत के लिप्स मे हल्की सी
भी जगह नही दिख रही थी जिस से मैं चूत के अंदर देख सकु,,,
मैं उसकी चूत को घूर रहा था तभी उसने शरमा कर अपने हाथ अपनी चूत पर रख लिए
और अपनी चूत को मेरे से छुपा लिया,,,मैं उसकी हालत समझ गया था और उसके चेहरे की
तरफ प्यार से देखने लगा और वापिस अपने काम मे लग गया और उसकी पयज़ामी को उसकी टाँगों से
नीचे की तरफ ले जाने लगा,,,,कुछ ही देर मे उसकी पयज़ामी निकल गयी थी और पेंटी ना होने
की वजह से वो एक दम नंगी हो गयी थी मेरे सामने,,,,,
उसने शरम से अपनी आँखें बंद की हुई थी और अपने हाथों से अपनी चूत को कवर किया हुआ
था ,,,वो एक दम नंगी थी मेरे सामने बस अपनी चूत को मेरे से छुपाया हुआ था,,मैने
भी कोई जल्दबाज़ी नही की उसकी चूत तक जाने की,,,,,,,लेकिन फिर भी मैं एक झलक उसकी
सील पॅक हल्के गुलाबी रंग की छोटे छोटे लिप्स वाली चूत को देखना चाहता था इसलिए
मैने अपने हाथ उसके हाथ पर रख दिए और उसकी चूत से उसके हाथ हटाने लगा लेकिन मैं
ज़रा सा भी ज़ोर नही लगा रहा था ,,,,बस उसको इशारा कर रहा था हाथ हटाने के लिए