hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
कविता के साथ मैं उसके घर मे चला गया,,उसकी मोम ने आते ही,,,,तू कहाँ रह गई थी ये
बेचारी अकेली आई है घर पे,,उसकी मोम सोनिया की तरफ इशारा करते हुए बोली,,लगता है
तुम दोनो मे फिर से फाइट हुई है,,,पता नही तुम दोनो कब बड़ी होगी,,जब देखो बच्चों की
तरह लड़ती रहती हो,,,कुछ तो शरम किया करो,,बड़ी हो गई हो तुम दोनो,,,तभी उसकी मोम
की नज़र मेरे पे पड़ी,,,अरे सन्नी बेटा तुम भी आए हो ही साथ मे,
,,,,नमस्ते आंटी,
,,,,नमस्ते बेटा,,,,बड़े दिन बाद आए हो लगता है कुछ ज़्यादा ही बिज़ी हो स्टडी मे,
,,,,,स्टडी ऑर ये कोई ग़लत फहमी हुई है आंटी आपको ,,,सोनिया गुस्से मे बोली,
,,,,,लगता है मामला कुछ गर्म है तुम लोगो के बीच मे,,,,सन्नी छाई लोगे या कॉफी,
,,,,कुछ नही आंटी थॅंक्स हम अभी कॅंटीन से खा पीक आए है,
,,,,,तो ठीक है तुम लोग अपनी फाइट जारी रखो में अंदर चली हून,भला
मैं क्या करूँगी तुम लोगो की फाइट मे वैसे भी समझा समझा के थक गई हूँ,,इतना बोल कर
नीलम आंटी अंदर चली गयी,,जब वो जा रही थे तो मैं उनकी मटकती हुई गान्ड को देख रहा
था तभी मैने देखा कि कामिनी भाभी मेरी तरफ देख रही थी,,,मैने नज़रें दूसरी ओर करली
नमस्ते सन्नी भैया,,,
,मैने फिर उसकी तरफ देख कर बोला नमस्ते भाभी जी,,,मैने जब उसकी तरफ देखा तो वो हँसने लगी ऑर हँसती हुई अपने रूम मे चली गई,,मुझे शक हुआ कि उसने मुझे उसकी सासू माँ की गान्ड को घूरते देख ही लिया था ,,मैं भी क्या करू जबसे मोम ऑर बुआ को चोदा है तबसे बड़ी उमर की लॅडीस की तरफ खुच ज़्यादा ही ध्यान जाने लगा है
मेरा,,,,,
तू इसको यहाँ क्यू लेके आई,,,सोनिया गुस्से मे कविता को बोली,
,,,,,बोलो तो चला जाता हूँ मैं सोनिया जी
,,,,,,जाओ जल्दी जाओ ,,ऑर वापिस भी मत आना,
,,,,क्यू जाउ मैं तेरे घर नही आया मैं तो कविता के घर आया हूँ,,
,,,ओह्हो तुम दोनो यहाँ फाइट शुरू मत करो,,चलो मेरे रूम मे चलते है,,,,कविता के घर मे 3 बेड रूम थे,,एक उसके मोम डॅड का जो नीचे ही था ओर उसके साथ वाला भैया ऑर भाभी का,,कविता का रूम उपर था,,,हम लोग उपेर उसके रूम मे चले गये,,,,
कविता तू इसको यहाँ क्यू लेके आई सोनिया ने रूम एंटर करते ही फिर से बोला,
,,,,अरे बाबा इसके साथ नही आती तो कैसे आती,,,तुम मेरा अक्तिवा लेके खुद घर आ गई ऑर सारे पैसे भी उसी
मे थे मेरे पास कुछ नही था तभी सन्नी को बोला कि मुझे घर छोड़ दे,
,,,,,,घर छोड़ने को बोला था फिर अंदर क्यू आया ये बाहर से छोड़ के चला जाता,,
,,,,क्यू इसने मुझे घर तक छोड़ा मैं इसको चाइ कॉफी के बिना कैसे जाने देती,,ऑर फाइट तेरी ऑर इसकी है मैं बीच
मे क्यू आऊ,,,सन्नी तुम बैठो मैं कुछ पीने को लेके आती हूँ,
,,,,,कविता नीचे चली गई ऑर चेर पे बैठ गया जबकि सोनिया गुस्से मे दूर जाके बेड पे बैठ गई,
,,कुछ देर तो हम चुप रहे फिर मैने सोनिया को सॉरी बोला,,,,सोनिया प्लीज़ मुझे माफ़ करदो अगर मेरे से कोई ग़लती
हुई हो तो,,,बट वो कुछ नही बोली,,मैं उठकर बेड पर उसके पास जाके बैठ गया,,,वो गुस्से
मे थोड़ा साइड को हो गई,,,देख अगर मेरे पे गुस्सा है तो 2-4 थप्पड़ लगा दे मेरे वैसे भी
बहुत दिल करता है तेरे थप्पड़ खाने को,,,बता ना प्ल्ज़्ज़ क्या बात है,,,,अगर तू थियेटर वाली
हरकत पे गुस्सा है तो मैं आज के बाद कविता के साथ फ्लर्ट नही करूँगा,,,,बोल ना प्लीज़ अगर
नही बोलना तो मैं चला जाता हूँ तू एक बार बोल दे बस,,,तभी सोनिया मेरे गले लग गई ऑर
रोने लगी
,,,,,अरे पगली रो क्यू रही है मुझे बता क्या बात है प्लीज़ अगर मेरी ग़लती है
तो बता ना प्लीज़
,,,,,,नही तुम्हारी कोई ग़लती नही है सारी ग़लती मेरी है सब मेरी वजह से हुआ,,
,,,,लेकिन हुआ क्या ये तो बता,,
,,,,तभी कविता कोल्ड-ड्रिंक्स लेके अंदर आ गई ,,सोनिया को मेरे
गले लगकर रोते देख वो भी कोल्ड्ड्रिंक्स को साइड पे रख कर हमारे साथ बैठ गई,
,,,,,,,क्या हुआसोनिया रो क्यू रही हो,
,,,,,,कुछ नही हुआ कविता,,बस ऐसे ही कुछ दिन से सन्नी ऑर तेरे से फाइट नही की थी इसलिए बोर हो गई थी तभी तो बिना किसी वजह जानबूझ कर फाइट की ऑर हँसने लगी,,,मुझे अजीब लगा कि थोड़ी देर पहले ये रो रही थी ऑर अब हँसने लगी,,कोई तो बात ज़रूर थी ,,मैने फिर पूछा बट वो बोली कोई बात नही है सन्नी ब्लॅकी मैं तो
मज़ाक कर रही थी,
,,,,तभी कविता ने एक हल्का सा थप्पड़ सोनिया के सर मे मारा,,,मज़ाक की
बच्ची हम लोग कितना गुस्से मे थे तुझे कुछ पता भी है,,हम सोच रहे थे पता नही
क्या बात है क्यू नाराज़ है सोनिया,,,,एक मज़ाक के लिए तू मुझे भी छोड़कर अकेली आ गई ये
ठीक नही किया तूने,
,,,,,,सॉरी बाबा बोला ना मज़ाक कर रही थी,,,,,फिर दोनो हँसने लगी,बट
मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था कुछ तो गड़बड़ थी,,,हम लोग कोल्ड्ड्रिंक्स पीने लगे,,'
बेचारी अकेली आई है घर पे,,उसकी मोम सोनिया की तरफ इशारा करते हुए बोली,,लगता है
तुम दोनो मे फिर से फाइट हुई है,,,पता नही तुम दोनो कब बड़ी होगी,,जब देखो बच्चों की
तरह लड़ती रहती हो,,,कुछ तो शरम किया करो,,बड़ी हो गई हो तुम दोनो,,,तभी उसकी मोम
की नज़र मेरे पे पड़ी,,,अरे सन्नी बेटा तुम भी आए हो ही साथ मे,
,,,,नमस्ते आंटी,
,,,,नमस्ते बेटा,,,,बड़े दिन बाद आए हो लगता है कुछ ज़्यादा ही बिज़ी हो स्टडी मे,
,,,,,स्टडी ऑर ये कोई ग़लत फहमी हुई है आंटी आपको ,,,सोनिया गुस्से मे बोली,
,,,,,लगता है मामला कुछ गर्म है तुम लोगो के बीच मे,,,,सन्नी छाई लोगे या कॉफी,
,,,,कुछ नही आंटी थॅंक्स हम अभी कॅंटीन से खा पीक आए है,
,,,,,तो ठीक है तुम लोग अपनी फाइट जारी रखो में अंदर चली हून,भला
मैं क्या करूँगी तुम लोगो की फाइट मे वैसे भी समझा समझा के थक गई हूँ,,इतना बोल कर
नीलम आंटी अंदर चली गयी,,जब वो जा रही थे तो मैं उनकी मटकती हुई गान्ड को देख रहा
था तभी मैने देखा कि कामिनी भाभी मेरी तरफ देख रही थी,,,मैने नज़रें दूसरी ओर करली
नमस्ते सन्नी भैया,,,
,मैने फिर उसकी तरफ देख कर बोला नमस्ते भाभी जी,,,मैने जब उसकी तरफ देखा तो वो हँसने लगी ऑर हँसती हुई अपने रूम मे चली गई,,मुझे शक हुआ कि उसने मुझे उसकी सासू माँ की गान्ड को घूरते देख ही लिया था ,,मैं भी क्या करू जबसे मोम ऑर बुआ को चोदा है तबसे बड़ी उमर की लॅडीस की तरफ खुच ज़्यादा ही ध्यान जाने लगा है
मेरा,,,,,
तू इसको यहाँ क्यू लेके आई,,,सोनिया गुस्से मे कविता को बोली,
,,,,,बोलो तो चला जाता हूँ मैं सोनिया जी
,,,,,,जाओ जल्दी जाओ ,,ऑर वापिस भी मत आना,
,,,,क्यू जाउ मैं तेरे घर नही आया मैं तो कविता के घर आया हूँ,,
,,,ओह्हो तुम दोनो यहाँ फाइट शुरू मत करो,,चलो मेरे रूम मे चलते है,,,,कविता के घर मे 3 बेड रूम थे,,एक उसके मोम डॅड का जो नीचे ही था ओर उसके साथ वाला भैया ऑर भाभी का,,कविता का रूम उपर था,,,हम लोग उपेर उसके रूम मे चले गये,,,,
कविता तू इसको यहाँ क्यू लेके आई सोनिया ने रूम एंटर करते ही फिर से बोला,
,,,,अरे बाबा इसके साथ नही आती तो कैसे आती,,,तुम मेरा अक्तिवा लेके खुद घर आ गई ऑर सारे पैसे भी उसी
मे थे मेरे पास कुछ नही था तभी सन्नी को बोला कि मुझे घर छोड़ दे,
,,,,,,घर छोड़ने को बोला था फिर अंदर क्यू आया ये बाहर से छोड़ के चला जाता,,
,,,,क्यू इसने मुझे घर तक छोड़ा मैं इसको चाइ कॉफी के बिना कैसे जाने देती,,ऑर फाइट तेरी ऑर इसकी है मैं बीच
मे क्यू आऊ,,,सन्नी तुम बैठो मैं कुछ पीने को लेके आती हूँ,
,,,,,कविता नीचे चली गई ऑर चेर पे बैठ गया जबकि सोनिया गुस्से मे दूर जाके बेड पे बैठ गई,
,,कुछ देर तो हम चुप रहे फिर मैने सोनिया को सॉरी बोला,,,,सोनिया प्लीज़ मुझे माफ़ करदो अगर मेरे से कोई ग़लती
हुई हो तो,,,बट वो कुछ नही बोली,,मैं उठकर बेड पर उसके पास जाके बैठ गया,,,वो गुस्से
मे थोड़ा साइड को हो गई,,,देख अगर मेरे पे गुस्सा है तो 2-4 थप्पड़ लगा दे मेरे वैसे भी
बहुत दिल करता है तेरे थप्पड़ खाने को,,,बता ना प्ल्ज़्ज़ क्या बात है,,,,अगर तू थियेटर वाली
हरकत पे गुस्सा है तो मैं आज के बाद कविता के साथ फ्लर्ट नही करूँगा,,,,बोल ना प्लीज़ अगर
नही बोलना तो मैं चला जाता हूँ तू एक बार बोल दे बस,,,तभी सोनिया मेरे गले लग गई ऑर
रोने लगी
,,,,,अरे पगली रो क्यू रही है मुझे बता क्या बात है प्लीज़ अगर मेरी ग़लती है
तो बता ना प्लीज़
,,,,,,नही तुम्हारी कोई ग़लती नही है सारी ग़लती मेरी है सब मेरी वजह से हुआ,,
,,,,लेकिन हुआ क्या ये तो बता,,
,,,,तभी कविता कोल्ड-ड्रिंक्स लेके अंदर आ गई ,,सोनिया को मेरे
गले लगकर रोते देख वो भी कोल्ड्ड्रिंक्स को साइड पे रख कर हमारे साथ बैठ गई,
,,,,,,,क्या हुआसोनिया रो क्यू रही हो,
,,,,,,कुछ नही हुआ कविता,,बस ऐसे ही कुछ दिन से सन्नी ऑर तेरे से फाइट नही की थी इसलिए बोर हो गई थी तभी तो बिना किसी वजह जानबूझ कर फाइट की ऑर हँसने लगी,,,मुझे अजीब लगा कि थोड़ी देर पहले ये रो रही थी ऑर अब हँसने लगी,,कोई तो बात ज़रूर थी ,,मैने फिर पूछा बट वो बोली कोई बात नही है सन्नी ब्लॅकी मैं तो
मज़ाक कर रही थी,
,,,,तभी कविता ने एक हल्का सा थप्पड़ सोनिया के सर मे मारा,,,मज़ाक की
बच्ची हम लोग कितना गुस्से मे थे तुझे कुछ पता भी है,,हम सोच रहे थे पता नही
क्या बात है क्यू नाराज़ है सोनिया,,,,एक मज़ाक के लिए तू मुझे भी छोड़कर अकेली आ गई ये
ठीक नही किया तूने,
,,,,,,सॉरी बाबा बोला ना मज़ाक कर रही थी,,,,,फिर दोनो हँसने लगी,बट
मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था कुछ तो गड़बड़ थी,,,हम लोग कोल्ड्ड्रिंक्स पीने लगे,,'