hotaks444
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कुछ देर बाद माँ ने मुझे हटने को बोला ओर मैने भी लंड को माँ की गान्ड से निकाल
लिया ऑर माँ भी उठकर खड़ी हो गई ऑर जल्दी ही पलट कर पीठ को मामा की तरफ कर दिया जबकि
अपनी चूत को मेरे सामने पेश कर दिया ऑर खुद के हाथों को बेड पर लगा कर सहारा लेते
हुए पीठ की तरफ झुक कर मामा के उपर हो गई मामा ने अपने लंड को माँ की गान्ड मे
डाल दिया ऑर उपर से मैं माँ के उपर चढ़ गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुस दिया ऑर
जल्दी से माँ के एक बूब को मुँह मे भर लिया,,,,,माँ ने अपनी टाँगों को पूरी तरह खोल
दिया था ऑर मैं अपनी टाँगों को मोड़ कर माँ के हल्का सा उपर की तरफ झुक गया था ऑर
माँ के बूब को चूस्ते हुए माँ की चूत मारने लगा ,,,,,आअहह ीसस्सीए हहिि ब्बीत्ताअ
त्तीज्जीइ ससीए छ्छूड़दूव आपपनन्ी माआ ककूऊ ऊओरर त्तीज्जी ससी ,,बहाररल्लूऊऊ
म्मेररीए प्पूउर्रीए ब्बूबब क्कू आपपंनी म्मूउउहह म्मीई ऊरर क्खहाआ ज्जाऊओ
ईसस्क्कूऊ आअहह ,,,,,,,,, मैने माँ के एक बूब को तो कभी दूसरे को तेज़ी से चूसने ऑर
काटने लगा माँ भी मुझे ऑर तेज़ी से चूत चोदने को ऑर बूब्स चूसने को बोल रही थी मैने
माँ के चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर खुश थी उसने चेहरे पर खुशी ऑर एक
पूरी तरह से संतुष्टि की झलक थी वो बहुत ज़्यादा खुश थी आज मेरे से ऑर मामा से एक साथ'
चुदने के बाद,,,,मैं भी बहुत खुश था क्यूकी कुछ देर पहले छत पर सोनिया के गले
लगने के बाद जो आग लगी थी मेरे जिस्म मे वो आग ना तो बाथरूम मे शवर के नीचे ठंडी
हुई थी ना ही बाथरूम मे मूठ मारने के बाद लेकिन अब वो आग माँ की चुदाई करके ठंडी
करने वाला था मैं अपने लंड के सुलगते लावे को माँ की चूत या मुँह मे निकालकर ऑर
माँ भी उस गर्म लावे को किसी शरबत की तरह पीने वाली थी,,,,,,,माँ इतनी ज़्यादा मस्त ऑर
खुश हो गई थी कि तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए माँ की चूत ने पानी छोड़ दिया था लेकिन माँ ने
मुझे या मामा को रुकने को नही बोला था बल्कि आगे भी चुदाई के मज़ा लेना शुरू कर
दिया था
चुदाई करते टाइम मामा तो कुछ नही बोलता था ऑर ना ही सिसकियाँ लेता था वो बस चुप चाप
शांति से चुदाई करता था लेकिन उसकी चुदाई शांत नही होती थी बल्कि जोरदार ऑर धमाकेदार
होती थी,,,,,,माँ तो पक्की खिलाड़ी थी इसलिए टिकी रहती थी मामा के सामने लेकिन अगर कोई नया
खिलाड़ी दे दिया जाए मामा को तो पक्का वो जान ही निकाल देगा उसकी,,,एक तो 9 इंच का काला लंबा
लंड उपर से किसी फ़ौजी की तरह भरा हुआ शरीर,,,,अगर गली से कोई सील बंद लड़की मिल जाती
मामा को तो आज की डेट मे वो चोद चोद कर ही मार डालता उसको,,,,लेकिन मैं भी कम नही '
था जहाँ मामा का लंड काला ऑर लंबा था 9 इंच का वही मेरा लंड सांवला ऑर 9 इंच के
करीब ही लंबा हो गया था अब तक लेकिन मोटा तो मामा के लंड से कहीं ज़्यादा था,,मेरे
को अगर किसी लड़की की सील तोड़नी पड़ती तो मुश्किल होती क्यूकी लड़की इतना दर्द नही बर्दाश्त कर
पाती ऑर इसका एक उदाहरण मनीषा से मिल चुका था मुझे जिसकी गान्ड से बहुत खून निकला था
जब मेरा मूसल गया था उसकी गान्ड मे ,,,,,,,लेकिन माँ को तो मेरे मूसल से प्यार हो गया
था वो खुद कहती थी कि इतना मज़ा विशाल ऑर मामा के लंड से नही आता जितना मेरे लंड से
आता है लेकिन एक साथ 2 लंड लेने मे ऑर भी ज़्यादा मज़ा आता है बल्कि माँ तो एक साथ 3 लंड
लेना चाहती थी एक टाइम पर,,,,,एक गान्ड मे एक चूत मे ऑर एक मुँह मे,,,,,,,,,,,
काफ़ी चुड़क्कड़ हो गई थी मेरी माँ लेकिन एक बात थी कि घर से बाहर किसी मर्द से नही
चुदवाया था आज तक,,क्यूकी घर मे ही उसकी सारी खुजली दूर हो जाती थी बाहर जाने की कभी
ज़रूरत ही महसूस नही हुई थी,,,,,,,,
मैं माँ के उपर झुक कर माँ के बूब्स को चूस्ता हुआ लंड को तेज़ी से माँ की चूत मे पेल
रहा था जबकि मामा नीचे से माँ की गान्ड की धज्जियाँ उड़ा रहा था लेकिन माँ को चूत
ऑर गान्ड की धज्जियाँ उड़वाने मे ही असली मज़ा आता था इसलिए तो लगातार सिसकियाँ निकल रही
थी माँ के मुँह से,,,,,,,,
,हम लोग करीब 20 मिनट से ऐसे ही चुदाई कर रहे थे इसी
बीच माँ एक बार पानी निकाल चुकी थी लेकिन ना तो मेरा ना ही मामा का पानी निकला था अभी
तक ,,,,तभी मुझे लगा कि माँ फिर से झड़ने वाली है ऑर मामा भी सिसकियाँ लेने लगे है
मामा तभी सिसकियाँ लेता है जबा पानी निकालने वाला होता है इसलिए मैने भी अपनी स्पीड
तेज करदी ताकि सबके साथ झड सकूँ ,,तभी माँ ने फिर से पानी निकाल दिया ऑर मामा ने भी
शायद पानी निकाल दिया था क्यूकी मुझे महसूस हो रहा था कि मामा अब रुक गया है ऑर माँ
की चुदाई नही कर रहा है तभी माँ ने मुझे हटने को बोला लेकिन मैने माँ की इशारा किया
कि मेरा भी बस होने ही वाला है तो माँ ने बोला कि बस कर बेटा बाकी का मेरे मुँह मे करले
मेरी चूत अब ऑर बर्दाश्त नही कर सकती इतना बोलते ही माँ ने मुझे साइड किया ऑर जल्दी से
मामा के उपर से उतर गई मैने देखा कि माँ की गान्ड से मामा का पानी रिस्ता हुआ नीचे
मॅट्रेस पर गिरने लगा था लेकिन मेरा अभी तक नही हुआ था इसलिए माँ के नीचे उतरते ही
मैं वापिस माँ पर चढ़ गया इस से पहले माँ मुझे रोकती मैने लंड को माँ की चूत मे
घुसा दिया ऑर जल्दी से चुदाई करने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,ब्ब्ब्बासस्स क्कार्र ब्बीतता आब्ब्ब ऊरर
बबार्रददासशहतत न्नाहहिि हूत्ताआ ,,,हहययययईईई आआहह
आब्ब्बबब क्क्कय्या ज्जानन्न ल्लीगगाआ आआपपनन्िईीईई म्माआ क्क्कीईईई आअहह
म्म्माअरर्र्ररर गगग्गययईीीईई ,,,,,,,,,तभी माँ ने मामा की तरफ़ देखते हुए मामा को मुझे
हटाने को बोला लेकिन मामा वही लेटा हुआ हँस कर हमारी तरफ देखता रहा,,,,,,,,,,,क्यू बड़ा
दिल कर रहा था ना बेटे का लंड लेने को अब भुगतो ,,,,,,,,मामा फिर से हँसने लगा,,,,,,,,
बाआसस्स क्कार्र ब्बेटया म्माअरर ज्जाोउन्नगगीइ म्माईिईन्न्णणन् आहह ऊओरर न्नाहहीी
हूत्ताअ आब्ब्ब म्मीररीए ससीई आअहह हहाआत्तज्जा म्मेररीए उऊप्पाररर ससीए
आहह म्मार्र गगयइी,,,,,,,,,माँ ब्बास 2 ममिंनुउठती म्मीर्रा हहूननी हहिि
व्वाल्लाअ हहाइईइ इत्टना बोलके मैने स्पीड तेज करदी ऑर माँ के हाथों को मॅट्रेस पर
दबा कर माँ के लिप्स मे अपने लिप्स जाकड़ दिए ताकि माँ कुछ बोल नही सके लेकिन फिर भी माँ
की दबी दबी दर्द भरी हल्की सिसकियाँ निकल रही थी,,,,मेरा बस होने ही वाला था इसलिए मेरी
स्पीड भी बहुत तेज थी लेकिन माँ से मेरा मूसल ऑर ज़्यादा बर्दाश्त नही हो रहा था अपनी
चूत मे वो तड़प कर इधर उधर हिल रही थी लेकिन मैने भी कस्के पकड़ा हुआ था अपनी
माँ को ऑर तेज़ी से चुदाई कर रहा था तभी मुझे लगा कि मेरा पानी निलकलने वाला है तो मैं
जल्दी से उठा ऑर लंड को हाथ मे लेके माँ के मुँह के पास चला गया ऑर हाथ से लंड को तेज़ी
से सहलाते हुए सारा पानी माँ के मुँह मे निकाल दिया ऑर माँ ने भी सारा पानी पी लिया मैं'
वही साइड पर ज़मीन पर गिर गया ऑर तेज़ी से हाँफने लगा,,,,,,,माँ की हालत बहुत खराब हो गई
थी लेकिन मैं खुश था क्यूकी जितनी गर्मी थी मेरे जिस्म मे अब सब निकल चुकी थी माँ के
मुँह मे
जब हालत ठीक हुई तो माँ उठकर कपड़े पहनने लगी,,,,,,,,,,
सन्नी-अरे रूको ना माँ अभी मुझे ऑर करना है,,,,,,,,,
माँ--नही बेटा ये घर नही है जहाँ पूरा दिन नंगे रहके मस्ती करते रहे यहाँ तो बहुत ही
मुश्किल से टाइम मिलता है मस्ती करने का ,,,वैसे भी आज के लिए इतना काफ़ी है ऑर चूत चुदवा
कर तेरे से चूत का भोसड़ा नही बनवाना मुझे,,,,एक बार मे ही जान निकाल दी मेरी दूसरी
बार मे तो पक्का मार ही डालेगा,,,,,इतना बोलते बोलते माँ ने कपड़े पहन लिए ऑर मामा ने
भी अपने कपड़े पहन लिए माँ अपनी साड़ी बाँध रही थी जबकि मामा तो कपड़े पहन कर
दरवाजे तक चला गया था माँ ने भी साड़ी के पल्लू को सेट किया ऑर मामा की तरफ बढ़ कर बाहर
जाने लगी तभी मैने माँ को हाथ पकड़ कर रोक लिया,,,,,,,जब तक मामा दरवाजा खोलकर
बाहर जा चुका था ,,,,,
मामा--चलो बहना जल्दी करो कोई आ जाएगा,,,,,,,,,,,
माँ--देखो ना भाई ये सन्नी बच्चो की तरह ज़िद्द कर रहा है,,,,चल जल्दी कपड़े पहन ले सन्नी
बेटा बाकी का हम बाद मे कर लेंगे,,लेकिन अभी नही अभी मुझे जाना है,,,,,लेकिन मैं नही
माना,,,,,मेरे अंदर तो आग लगी हुई थी जो इतनी जल्दी नही भुजनी थी इसलिए माँ ने मेरी हालत
देखी ऑर मुझे लेटा कर जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे लेके सहलाने लगी जबकि बाहर खड़े
मामा को इशारा किया कि बाहर ध्यान रखे ऑर मेरे लंड पर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे
ले लिया ओर अच्छी तरह से चूस कर पानी निकाल दिया तब जाके मुझे चैन मिला ,,,फिर मैने भी
कपड़े पहने जब तक माँ ऑर मामा जी वहाँ से जा चुके थे,,,,,,
मैं वहाँ से बाहर निकला ऑर चाचा जी के घर चला गया ,,वहाँ मामा बाहर आँगन मे
बैठा हुआ था जबकि माँ रसोई मे चली गई थी,,,दोपेहर का खाना तैयार करने ,,मुझे थोड़ी
थकान तो थी लेकिन माँ की चुदाई से सब थकान दूर हो गई थी लेकिन सोनिया शायद थकान
से चूर होके सो चुकी थी,,,,,,,,तभी चाची भी रूम से निकल कर बाहर मेरे ऑर मामा जी के
पास आ गई,,,,,हम लोग बैठ कर बातें करने लगे,,,,,,,ऑर माँ खाना तैयार करती रही,,,,
खाने बना कर माँ बाहर आई ऑर मुझे सोनिया को जगाने को बोला ऑर खाना खाने को बोला लेकिन
मैने माँ को मना कर दिया ऑर बोल दिया कि आप खुद जाके उसको उठा दो मुझे नही जाना,,,तो
माँ ने दोबारा मुझे नही बोला ऑर खुद जाके सोनिया को लेने चली गई,,,,,,,,कुछ देर बाद सोनिया
माँ के साथ वहाँ आ गई फिर हम लोगो ने खाना खाया ऑर चाचा जी के रूम मे चले गये
ऑर वहीं बैठ कर बातें करते रहे,,,,दोपेहर से शाम कब हो गई पता ही नही चला,मैने
रूम मे सबका मनोरंजन करने के लिए एक से बढ़ कर एक जोक सुनाया सब लोगो का हँस हँस के
बुरा हाल था चाचा जी भी बहुत खुश थे लेकिन एक शक्स था जो झूठी हसी हँस रहा था वो
थी सोनिया,,,दिल से उदास थी लेकिन चेहरे पर झूठी मुस्कान लेके सबको जता रही थी कि वो भी
बहुत खुश है,,,,,,,,,,,शाम को डॉक्टर आ गया चेक-अप करने के लिए उसने हम सब लोगो को रूम से
बाहर निकाल दिया ऑर खुद चाचा जी का चेक-अप करने लगा,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद वो भी
बाहर आ गया,,,,,,,,,
लिया ऑर माँ भी उठकर खड़ी हो गई ऑर जल्दी ही पलट कर पीठ को मामा की तरफ कर दिया जबकि
अपनी चूत को मेरे सामने पेश कर दिया ऑर खुद के हाथों को बेड पर लगा कर सहारा लेते
हुए पीठ की तरफ झुक कर मामा के उपर हो गई मामा ने अपने लंड को माँ की गान्ड मे
डाल दिया ऑर उपर से मैं माँ के उपर चढ़ गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुस दिया ऑर
जल्दी से माँ के एक बूब को मुँह मे भर लिया,,,,,माँ ने अपनी टाँगों को पूरी तरह खोल
दिया था ऑर मैं अपनी टाँगों को मोड़ कर माँ के हल्का सा उपर की तरफ झुक गया था ऑर
माँ के बूब को चूस्ते हुए माँ की चूत मारने लगा ,,,,,आअहह ीसस्सीए हहिि ब्बीत्ताअ
त्तीज्जीइ ससीए छ्छूड़दूव आपपनन्ी माआ ककूऊ ऊओरर त्तीज्जी ससी ,,बहाररल्लूऊऊ
म्मेररीए प्पूउर्रीए ब्बूबब क्कू आपपंनी म्मूउउहह म्मीई ऊरर क्खहाआ ज्जाऊओ
ईसस्क्कूऊ आअहह ,,,,,,,,, मैने माँ के एक बूब को तो कभी दूसरे को तेज़ी से चूसने ऑर
काटने लगा माँ भी मुझे ऑर तेज़ी से चूत चोदने को ऑर बूब्स चूसने को बोल रही थी मैने
माँ के चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर खुश थी उसने चेहरे पर खुशी ऑर एक
पूरी तरह से संतुष्टि की झलक थी वो बहुत ज़्यादा खुश थी आज मेरे से ऑर मामा से एक साथ'
चुदने के बाद,,,,मैं भी बहुत खुश था क्यूकी कुछ देर पहले छत पर सोनिया के गले
लगने के बाद जो आग लगी थी मेरे जिस्म मे वो आग ना तो बाथरूम मे शवर के नीचे ठंडी
हुई थी ना ही बाथरूम मे मूठ मारने के बाद लेकिन अब वो आग माँ की चुदाई करके ठंडी
करने वाला था मैं अपने लंड के सुलगते लावे को माँ की चूत या मुँह मे निकालकर ऑर
माँ भी उस गर्म लावे को किसी शरबत की तरह पीने वाली थी,,,,,,,माँ इतनी ज़्यादा मस्त ऑर
खुश हो गई थी कि तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए माँ की चूत ने पानी छोड़ दिया था लेकिन माँ ने
मुझे या मामा को रुकने को नही बोला था बल्कि आगे भी चुदाई के मज़ा लेना शुरू कर
दिया था
चुदाई करते टाइम मामा तो कुछ नही बोलता था ऑर ना ही सिसकियाँ लेता था वो बस चुप चाप
शांति से चुदाई करता था लेकिन उसकी चुदाई शांत नही होती थी बल्कि जोरदार ऑर धमाकेदार
होती थी,,,,,,माँ तो पक्की खिलाड़ी थी इसलिए टिकी रहती थी मामा के सामने लेकिन अगर कोई नया
खिलाड़ी दे दिया जाए मामा को तो पक्का वो जान ही निकाल देगा उसकी,,,एक तो 9 इंच का काला लंबा
लंड उपर से किसी फ़ौजी की तरह भरा हुआ शरीर,,,,अगर गली से कोई सील बंद लड़की मिल जाती
मामा को तो आज की डेट मे वो चोद चोद कर ही मार डालता उसको,,,,लेकिन मैं भी कम नही '
था जहाँ मामा का लंड काला ऑर लंबा था 9 इंच का वही मेरा लंड सांवला ऑर 9 इंच के
करीब ही लंबा हो गया था अब तक लेकिन मोटा तो मामा के लंड से कहीं ज़्यादा था,,मेरे
को अगर किसी लड़की की सील तोड़नी पड़ती तो मुश्किल होती क्यूकी लड़की इतना दर्द नही बर्दाश्त कर
पाती ऑर इसका एक उदाहरण मनीषा से मिल चुका था मुझे जिसकी गान्ड से बहुत खून निकला था
जब मेरा मूसल गया था उसकी गान्ड मे ,,,,,,,लेकिन माँ को तो मेरे मूसल से प्यार हो गया
था वो खुद कहती थी कि इतना मज़ा विशाल ऑर मामा के लंड से नही आता जितना मेरे लंड से
आता है लेकिन एक साथ 2 लंड लेने मे ऑर भी ज़्यादा मज़ा आता है बल्कि माँ तो एक साथ 3 लंड
लेना चाहती थी एक टाइम पर,,,,,एक गान्ड मे एक चूत मे ऑर एक मुँह मे,,,,,,,,,,,
काफ़ी चुड़क्कड़ हो गई थी मेरी माँ लेकिन एक बात थी कि घर से बाहर किसी मर्द से नही
चुदवाया था आज तक,,क्यूकी घर मे ही उसकी सारी खुजली दूर हो जाती थी बाहर जाने की कभी
ज़रूरत ही महसूस नही हुई थी,,,,,,,,
मैं माँ के उपर झुक कर माँ के बूब्स को चूस्ता हुआ लंड को तेज़ी से माँ की चूत मे पेल
रहा था जबकि मामा नीचे से माँ की गान्ड की धज्जियाँ उड़ा रहा था लेकिन माँ को चूत
ऑर गान्ड की धज्जियाँ उड़वाने मे ही असली मज़ा आता था इसलिए तो लगातार सिसकियाँ निकल रही
थी माँ के मुँह से,,,,,,,,
,हम लोग करीब 20 मिनट से ऐसे ही चुदाई कर रहे थे इसी
बीच माँ एक बार पानी निकाल चुकी थी लेकिन ना तो मेरा ना ही मामा का पानी निकला था अभी
तक ,,,,तभी मुझे लगा कि माँ फिर से झड़ने वाली है ऑर मामा भी सिसकियाँ लेने लगे है
मामा तभी सिसकियाँ लेता है जबा पानी निकालने वाला होता है इसलिए मैने भी अपनी स्पीड
तेज करदी ताकि सबके साथ झड सकूँ ,,तभी माँ ने फिर से पानी निकाल दिया ऑर मामा ने भी
शायद पानी निकाल दिया था क्यूकी मुझे महसूस हो रहा था कि मामा अब रुक गया है ऑर माँ
की चुदाई नही कर रहा है तभी माँ ने मुझे हटने को बोला लेकिन मैने माँ की इशारा किया
कि मेरा भी बस होने ही वाला है तो माँ ने बोला कि बस कर बेटा बाकी का मेरे मुँह मे करले
मेरी चूत अब ऑर बर्दाश्त नही कर सकती इतना बोलते ही माँ ने मुझे साइड किया ऑर जल्दी से
मामा के उपर से उतर गई मैने देखा कि माँ की गान्ड से मामा का पानी रिस्ता हुआ नीचे
मॅट्रेस पर गिरने लगा था लेकिन मेरा अभी तक नही हुआ था इसलिए माँ के नीचे उतरते ही
मैं वापिस माँ पर चढ़ गया इस से पहले माँ मुझे रोकती मैने लंड को माँ की चूत मे
घुसा दिया ऑर जल्दी से चुदाई करने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,ब्ब्ब्बासस्स क्कार्र ब्बीतता आब्ब्ब ऊरर
बबार्रददासशहतत न्नाहहिि हूत्ताआ ,,,हहययययईईई आआहह
आब्ब्बबब क्क्कय्या ज्जानन्न ल्लीगगाआ आआपपनन्िईीईई म्माआ क्क्कीईईई आअहह
म्म्माअरर्र्ररर गगग्गययईीीईई ,,,,,,,,,तभी माँ ने मामा की तरफ़ देखते हुए मामा को मुझे
हटाने को बोला लेकिन मामा वही लेटा हुआ हँस कर हमारी तरफ देखता रहा,,,,,,,,,,,क्यू बड़ा
दिल कर रहा था ना बेटे का लंड लेने को अब भुगतो ,,,,,,,,मामा फिर से हँसने लगा,,,,,,,,
बाआसस्स क्कार्र ब्बेटया म्माअरर ज्जाोउन्नगगीइ म्माईिईन्न्णणन् आहह ऊओरर न्नाहहीी
हूत्ताअ आब्ब्ब म्मीररीए ससीई आअहह हहाआत्तज्जा म्मेररीए उऊप्पाररर ससीए
आहह म्मार्र गगयइी,,,,,,,,,माँ ब्बास 2 ममिंनुउठती म्मीर्रा हहूननी हहिि
व्वाल्लाअ हहाइईइ इत्टना बोलके मैने स्पीड तेज करदी ऑर माँ के हाथों को मॅट्रेस पर
दबा कर माँ के लिप्स मे अपने लिप्स जाकड़ दिए ताकि माँ कुछ बोल नही सके लेकिन फिर भी माँ
की दबी दबी दर्द भरी हल्की सिसकियाँ निकल रही थी,,,,मेरा बस होने ही वाला था इसलिए मेरी
स्पीड भी बहुत तेज थी लेकिन माँ से मेरा मूसल ऑर ज़्यादा बर्दाश्त नही हो रहा था अपनी
चूत मे वो तड़प कर इधर उधर हिल रही थी लेकिन मैने भी कस्के पकड़ा हुआ था अपनी
माँ को ऑर तेज़ी से चुदाई कर रहा था तभी मुझे लगा कि मेरा पानी निलकलने वाला है तो मैं
जल्दी से उठा ऑर लंड को हाथ मे लेके माँ के मुँह के पास चला गया ऑर हाथ से लंड को तेज़ी
से सहलाते हुए सारा पानी माँ के मुँह मे निकाल दिया ऑर माँ ने भी सारा पानी पी लिया मैं'
वही साइड पर ज़मीन पर गिर गया ऑर तेज़ी से हाँफने लगा,,,,,,,माँ की हालत बहुत खराब हो गई
थी लेकिन मैं खुश था क्यूकी जितनी गर्मी थी मेरे जिस्म मे अब सब निकल चुकी थी माँ के
मुँह मे
जब हालत ठीक हुई तो माँ उठकर कपड़े पहनने लगी,,,,,,,,,,
सन्नी-अरे रूको ना माँ अभी मुझे ऑर करना है,,,,,,,,,
माँ--नही बेटा ये घर नही है जहाँ पूरा दिन नंगे रहके मस्ती करते रहे यहाँ तो बहुत ही
मुश्किल से टाइम मिलता है मस्ती करने का ,,,वैसे भी आज के लिए इतना काफ़ी है ऑर चूत चुदवा
कर तेरे से चूत का भोसड़ा नही बनवाना मुझे,,,,एक बार मे ही जान निकाल दी मेरी दूसरी
बार मे तो पक्का मार ही डालेगा,,,,,इतना बोलते बोलते माँ ने कपड़े पहन लिए ऑर मामा ने
भी अपने कपड़े पहन लिए माँ अपनी साड़ी बाँध रही थी जबकि मामा तो कपड़े पहन कर
दरवाजे तक चला गया था माँ ने भी साड़ी के पल्लू को सेट किया ऑर मामा की तरफ बढ़ कर बाहर
जाने लगी तभी मैने माँ को हाथ पकड़ कर रोक लिया,,,,,,,जब तक मामा दरवाजा खोलकर
बाहर जा चुका था ,,,,,
मामा--चलो बहना जल्दी करो कोई आ जाएगा,,,,,,,,,,,
माँ--देखो ना भाई ये सन्नी बच्चो की तरह ज़िद्द कर रहा है,,,,चल जल्दी कपड़े पहन ले सन्नी
बेटा बाकी का हम बाद मे कर लेंगे,,लेकिन अभी नही अभी मुझे जाना है,,,,,लेकिन मैं नही
माना,,,,,मेरे अंदर तो आग लगी हुई थी जो इतनी जल्दी नही भुजनी थी इसलिए माँ ने मेरी हालत
देखी ऑर मुझे लेटा कर जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे लेके सहलाने लगी जबकि बाहर खड़े
मामा को इशारा किया कि बाहर ध्यान रखे ऑर मेरे लंड पर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे
ले लिया ओर अच्छी तरह से चूस कर पानी निकाल दिया तब जाके मुझे चैन मिला ,,,फिर मैने भी
कपड़े पहने जब तक माँ ऑर मामा जी वहाँ से जा चुके थे,,,,,,
मैं वहाँ से बाहर निकला ऑर चाचा जी के घर चला गया ,,वहाँ मामा बाहर आँगन मे
बैठा हुआ था जबकि माँ रसोई मे चली गई थी,,,दोपेहर का खाना तैयार करने ,,मुझे थोड़ी
थकान तो थी लेकिन माँ की चुदाई से सब थकान दूर हो गई थी लेकिन सोनिया शायद थकान
से चूर होके सो चुकी थी,,,,,,,,तभी चाची भी रूम से निकल कर बाहर मेरे ऑर मामा जी के
पास आ गई,,,,,हम लोग बैठ कर बातें करने लगे,,,,,,,ऑर माँ खाना तैयार करती रही,,,,
खाने बना कर माँ बाहर आई ऑर मुझे सोनिया को जगाने को बोला ऑर खाना खाने को बोला लेकिन
मैने माँ को मना कर दिया ऑर बोल दिया कि आप खुद जाके उसको उठा दो मुझे नही जाना,,,तो
माँ ने दोबारा मुझे नही बोला ऑर खुद जाके सोनिया को लेने चली गई,,,,,,,,कुछ देर बाद सोनिया
माँ के साथ वहाँ आ गई फिर हम लोगो ने खाना खाया ऑर चाचा जी के रूम मे चले गये
ऑर वहीं बैठ कर बातें करते रहे,,,,दोपेहर से शाम कब हो गई पता ही नही चला,मैने
रूम मे सबका मनोरंजन करने के लिए एक से बढ़ कर एक जोक सुनाया सब लोगो का हँस हँस के
बुरा हाल था चाचा जी भी बहुत खुश थे लेकिन एक शक्स था जो झूठी हसी हँस रहा था वो
थी सोनिया,,,दिल से उदास थी लेकिन चेहरे पर झूठी मुस्कान लेके सबको जता रही थी कि वो भी
बहुत खुश है,,,,,,,,,,,शाम को डॉक्टर आ गया चेक-अप करने के लिए उसने हम सब लोगो को रूम से
बाहर निकाल दिया ऑर खुद चाचा जी का चेक-अप करने लगा,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद वो भी
बाहर आ गया,,,,,,,,,