hotaks444
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जब मैं आंटी के रूम मे पहुँचा तो आंटी ने जल्दी से फोन कट किया ऑर बेड पर रख दिया
ओर मेरी तरफ देख कर शरमाने लगी ऑर हल्की स्माइल देने लगी,,,,
उठ गये तुम बेटा,,,,आंटी ने बेड से उठते हुए मेरे करीब आते हुए पूछा,,,,
जी आंटी जी,,,,मैं तो कबका उठा गया ,,अब तो नहा धो कर फ्रेश भी हो गया,,,,कॉलेज जो जाने
का टाइम हो रहा है,,,,,
अभी आंटी मुझे देख कर शर्मा रही थी ,,स्माइल कर रही थी लेकिन मेरे कॉलेज जाने की बात
सुनके वो उदास हो गई ,,,,,,,,,,,,,,तुमको कॉलेज जाना है आज सन्नी,,वो बड़ी उदास होके बोली
जी आंटी जी,,,कुछ दिन बाद टेस्ट शुरू है तो तब तक कॉलेज जाना ही होगा,,,वैसे भी माँ ने आपको
बताया तो था कि गाओं जाने की वजह से मेरी बहुत छुट्टियाँ हो गई थी वर्ना मैं भी अब करण
के साथ घूमने चला जाता,,,,
ओह्ह हां बेटा मैं तो भूल ही गई थी सरिता दीदी ने बोला था,,,लेकिन क्या करू बेटा तू चला
जाएगा तो मैं घर मे बोर हो जाउन्गा,,,,,अकेले रहने को दिल नही करता मेरा,,,,,
जब करण जाता है तब भी आप घर मे अकेली ही होती हो आंटी जी तब बोर नही होती क्या,,,
बेटा तब तेरी शिखा दीदी होती है ना मेरे पास तो हम दोनो का बातें करके टाइम पास हो
जाता है,,,लेकिन अब तो वो भी नही है घर पे इसलिए बोल रही थी बेटा,,,,
दिल तो मेरा भी नही करता जाने का आंटी जी,,,दिल करता है बस घर बैठ कर वीडियोगेम खेलता
रहूं ऑर आपसे बातें करता रहूं लेकिन क्या करूँ मजबूरी है,,,,लेकिन आप फिकर मत करो
मैं 2 अवर्स मे वापिस आ जाउन्गा,,
इतना सुनकर आंटी खुश हो गई,,,,ठीक है बेटा ,,तो चल जल्दी से नाश्ता कर ले फिर कॉलेज जा ऑर
जल्दी वापिस आ फिर बैठ कर बातें करते है,,,तब तक मैं भी घर का काम कर लूँगी,,,,
आंटी जल्दी से रूम से बाहर जाने लगी ऑर जाते हुए अपनी गान्ड को कुछ ज़्यादा ही मटकाने लगी,,
मैं भी उनके पीछे पीछे डाइनिंग टेबल पर चला गया ऑर जाके चेयर पर बैठ गया,,,
आंटी किचन मे गई ऑर नाश्ता लेके आ गई,,,,फिर हम दोनो बैठ कर नाश्ता करने लगे
रात नींद कैसी आई बेटा,,आंटी ने हल्का शरमाते हुए पूछा,,,
जी बहुत अच्छी आंटी नींद आंटी जी,,अकेला सोता करण के रूम मे तो नींद ही नही आती लेकिन आपके
साथ सोया तो पता ही नही चला कब नींद आ गई,,,,,,,,वैसे मुझे तो नींद अच्छी आई थी लेकिन
आपको कोई प्रोबलम तो नही हुई मेरे वहाँ सोने से,,,,
कुछ खास प्रोबलम नही हुई बेटा,,,,बस तुम सोते टाइम स्नोरिंग बहुत करते हो,,,इतना बोलकर आंटी
हँसने लगी,,,
सॉरी आंटी जी ,,,,,,वो जब मैं गहरी नींद मे होता हूँ तो स्नोरिंग शुरू हो जाती है ,,कुछ पता
नही चलता ,,,,,लेकिन क्या मैं सिर्फ़ स्नोरिंग करता हूँ,,,,मेरा मतलब मेरे हाथ पैर तो नही
चल रहे थे क्यूकी माँ अक्सर बोलती है कि सोते टाइम मेरे हाथ पैर भी बहुत चलते है,,
काश तेरे हाथ पैर भी चलते ,,आंटी के हल्के से शरमाते हुए धीरे से बोला
क्या बोला आंटी जी,,,,,
कुछ नही बेटा,,,मैने बोला कि तेरे हाथ पैर नही चल रहे थे जस्ट स्नोरिंग चल रही थी
तेरी,,,,,
शूकर है आंटी जी,,,,,स्नोरिंग ही चल रही थी वर्ना हाथ पैर चलते तो आपका सोना मुश्किल हो
जाता ऑर आज रात मुझे करण के रूम मे सोना पड़ता,,,,,
ऐसे कैसे सोना पड़ता बेटा,,,ऑर तुम चाहे जितने मर्ज़ी हाथ पैर चला सकते हो सोते टाइम मुझे
कुछ प्रोबलम नही है,,,वो क्या है ना मेरी भी नींद बहुत गहरी होती है मुझे भी सोते टाइम
कुछ पता नही चलता,,,,,
अच्छा तो आपको मेरी स्नोरिंग का कैसे पता चला,,,,,,
वो तो मैं रात को पानी पीने के लिए उठी थी तब पता चला,,,पूरे रूम मे तेरी आवाज़ गूँज रही
थी,,,आंटी फिर हँसने लगी ऑर उनको देख कर मैं भी हँसने लगा,,तभी आंटी ने शरमा कर
अपने फेस को झुका लिया,,,,,ऑर उनके इस शरमाने वाले अंदाज़ ने मुझे पागल कर दिया,,,,
खैर ऐसे ही बातें होती रही ओर हम नाश्ता करते रहे फिर नाश्ता करके मैं कॉलेज चला
गया,,,,,
कॉलेज पहुँचा तो देखा कि आज कॉलेज मे ज़्यादा लोग नही थे कॉलेज खाली-खाली लग रहा
था ,,,मेरा भी दिल नही था कॉलेज आने का अब आ गया तो टाइम पास तो करना ही था इसलिए अपनी
फवर्ट जगह पर चला गया,,,,कॅंटीन मे,,,,
कॅंटीन मे गया तो वहाँ सुमित बैठा हुआ था,,मैं भी जाके उसके पास ही बैठ गया,,,आज
कॅंटीन भी खाली ही पड़ी थी ,,हम दोनो के अलावा 2-4 लोग ऑर थे वहाँ पर,,,,,
हेलो सन्नी भाई,,,,मैं सुमित के पास जाके बैठा तो उसने मुझे हेलो बोला ऑर मैने भी उसको
हेलो बोला ऑर उसके पास बैठ गया,,,,,
तू यहाँ क्या कर रहा है सुमित ,,,,
कुछ नही भाई बस बोर हो रहा था तो यहाँ आ गया,,,वैसे भी बाहर क्या करता,,कुछ दिन बाद
टेस्ट शुरू है इसलिए बहुत कम लोग आए है आज कॉलेज ऑर आगे भी कुछ दिन ऐसा ही होगा,,बोर होने
से बचना है तो कॅंटीन का सहारा ही लेना पड़ेगा,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगा ऑर हँसते हुआ
कॅंटीन के छोटू को आवाज़ लगा कर मेरे लिए कॉफी मंगवाने लगा,,,,
ओर मेरी तरफ देख कर शरमाने लगी ऑर हल्की स्माइल देने लगी,,,,
उठ गये तुम बेटा,,,,आंटी ने बेड से उठते हुए मेरे करीब आते हुए पूछा,,,,
जी आंटी जी,,,,मैं तो कबका उठा गया ,,अब तो नहा धो कर फ्रेश भी हो गया,,,,कॉलेज जो जाने
का टाइम हो रहा है,,,,,
अभी आंटी मुझे देख कर शर्मा रही थी ,,स्माइल कर रही थी लेकिन मेरे कॉलेज जाने की बात
सुनके वो उदास हो गई ,,,,,,,,,,,,,,तुमको कॉलेज जाना है आज सन्नी,,वो बड़ी उदास होके बोली
जी आंटी जी,,,कुछ दिन बाद टेस्ट शुरू है तो तब तक कॉलेज जाना ही होगा,,,वैसे भी माँ ने आपको
बताया तो था कि गाओं जाने की वजह से मेरी बहुत छुट्टियाँ हो गई थी वर्ना मैं भी अब करण
के साथ घूमने चला जाता,,,,
ओह्ह हां बेटा मैं तो भूल ही गई थी सरिता दीदी ने बोला था,,,लेकिन क्या करू बेटा तू चला
जाएगा तो मैं घर मे बोर हो जाउन्गा,,,,,अकेले रहने को दिल नही करता मेरा,,,,,
जब करण जाता है तब भी आप घर मे अकेली ही होती हो आंटी जी तब बोर नही होती क्या,,,
बेटा तब तेरी शिखा दीदी होती है ना मेरे पास तो हम दोनो का बातें करके टाइम पास हो
जाता है,,,लेकिन अब तो वो भी नही है घर पे इसलिए बोल रही थी बेटा,,,,
दिल तो मेरा भी नही करता जाने का आंटी जी,,,दिल करता है बस घर बैठ कर वीडियोगेम खेलता
रहूं ऑर आपसे बातें करता रहूं लेकिन क्या करूँ मजबूरी है,,,,लेकिन आप फिकर मत करो
मैं 2 अवर्स मे वापिस आ जाउन्गा,,
इतना सुनकर आंटी खुश हो गई,,,,ठीक है बेटा ,,तो चल जल्दी से नाश्ता कर ले फिर कॉलेज जा ऑर
जल्दी वापिस आ फिर बैठ कर बातें करते है,,,तब तक मैं भी घर का काम कर लूँगी,,,,
आंटी जल्दी से रूम से बाहर जाने लगी ऑर जाते हुए अपनी गान्ड को कुछ ज़्यादा ही मटकाने लगी,,
मैं भी उनके पीछे पीछे डाइनिंग टेबल पर चला गया ऑर जाके चेयर पर बैठ गया,,,
आंटी किचन मे गई ऑर नाश्ता लेके आ गई,,,,फिर हम दोनो बैठ कर नाश्ता करने लगे
रात नींद कैसी आई बेटा,,आंटी ने हल्का शरमाते हुए पूछा,,,
जी बहुत अच्छी आंटी नींद आंटी जी,,अकेला सोता करण के रूम मे तो नींद ही नही आती लेकिन आपके
साथ सोया तो पता ही नही चला कब नींद आ गई,,,,,,,,वैसे मुझे तो नींद अच्छी आई थी लेकिन
आपको कोई प्रोबलम तो नही हुई मेरे वहाँ सोने से,,,,
कुछ खास प्रोबलम नही हुई बेटा,,,,बस तुम सोते टाइम स्नोरिंग बहुत करते हो,,,इतना बोलकर आंटी
हँसने लगी,,,
सॉरी आंटी जी ,,,,,,वो जब मैं गहरी नींद मे होता हूँ तो स्नोरिंग शुरू हो जाती है ,,कुछ पता
नही चलता ,,,,,लेकिन क्या मैं सिर्फ़ स्नोरिंग करता हूँ,,,,मेरा मतलब मेरे हाथ पैर तो नही
चल रहे थे क्यूकी माँ अक्सर बोलती है कि सोते टाइम मेरे हाथ पैर भी बहुत चलते है,,
काश तेरे हाथ पैर भी चलते ,,आंटी के हल्के से शरमाते हुए धीरे से बोला
क्या बोला आंटी जी,,,,,
कुछ नही बेटा,,,मैने बोला कि तेरे हाथ पैर नही चल रहे थे जस्ट स्नोरिंग चल रही थी
तेरी,,,,,
शूकर है आंटी जी,,,,,स्नोरिंग ही चल रही थी वर्ना हाथ पैर चलते तो आपका सोना मुश्किल हो
जाता ऑर आज रात मुझे करण के रूम मे सोना पड़ता,,,,,
ऐसे कैसे सोना पड़ता बेटा,,,ऑर तुम चाहे जितने मर्ज़ी हाथ पैर चला सकते हो सोते टाइम मुझे
कुछ प्रोबलम नही है,,,वो क्या है ना मेरी भी नींद बहुत गहरी होती है मुझे भी सोते टाइम
कुछ पता नही चलता,,,,,
अच्छा तो आपको मेरी स्नोरिंग का कैसे पता चला,,,,,,
वो तो मैं रात को पानी पीने के लिए उठी थी तब पता चला,,,पूरे रूम मे तेरी आवाज़ गूँज रही
थी,,,आंटी फिर हँसने लगी ऑर उनको देख कर मैं भी हँसने लगा,,तभी आंटी ने शरमा कर
अपने फेस को झुका लिया,,,,,ऑर उनके इस शरमाने वाले अंदाज़ ने मुझे पागल कर दिया,,,,
खैर ऐसे ही बातें होती रही ओर हम नाश्ता करते रहे फिर नाश्ता करके मैं कॉलेज चला
गया,,,,,
कॉलेज पहुँचा तो देखा कि आज कॉलेज मे ज़्यादा लोग नही थे कॉलेज खाली-खाली लग रहा
था ,,,मेरा भी दिल नही था कॉलेज आने का अब आ गया तो टाइम पास तो करना ही था इसलिए अपनी
फवर्ट जगह पर चला गया,,,,कॅंटीन मे,,,,
कॅंटीन मे गया तो वहाँ सुमित बैठा हुआ था,,मैं भी जाके उसके पास ही बैठ गया,,,आज
कॅंटीन भी खाली ही पड़ी थी ,,हम दोनो के अलावा 2-4 लोग ऑर थे वहाँ पर,,,,,
हेलो सन्नी भाई,,,,मैं सुमित के पास जाके बैठा तो उसने मुझे हेलो बोला ऑर मैने भी उसको
हेलो बोला ऑर उसके पास बैठ गया,,,,,
तू यहाँ क्या कर रहा है सुमित ,,,,
कुछ नही भाई बस बोर हो रहा था तो यहाँ आ गया,,,वैसे भी बाहर क्या करता,,कुछ दिन बाद
टेस्ट शुरू है इसलिए बहुत कम लोग आए है आज कॉलेज ऑर आगे भी कुछ दिन ऐसा ही होगा,,बोर होने
से बचना है तो कॅंटीन का सहारा ही लेना पड़ेगा,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगा ऑर हँसते हुआ
कॅंटीन के छोटू को आवाज़ लगा कर मेरे लिए कॉफी मंगवाने लगा,,,,