hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
अभी मैं बोल रहा था कि आंटी मेरे बहुद करीब हो गई,,,,,,अच्छा बता मेरे साथ रोल प्ले करेगा क्या,,,,
ज़रूर आंटी जी,,,,आप बोलो आपको कॉन्सा रोप प्ले करना है,,,,,,
मुझे तो यही वाला करना है,,,,,तू सन्नी ओर मैं तेरी अलका आंटी,,,,,
ये तो अभी कर चुके है ,,,आप कोई न्यू बताओ अब,,,,
अच्छा तू बता तुझे कॉन्सा रोल प्ले करना है,,,,,
ऐसे नही चुदाई करते हुए बताउन्गा,,,,,इतना बोलकर मैं आंटी के उपर चढ़ गया,,,मस्ती की वजह से लंड
पहले से अकड़ चुका था मैं लंड को आंटी की चूत मे घुसा दिया,,,,
आहह कुछ सबर कर बेटा,,पहले बता ना रोल कॉन्सा प्ले करना है फिर मस्ती करते है,,,,
नाह्ीऊ आंटी जी मस्ती करते करते रोल की बात करते है,,इतना बोलकर मैने झटके लगाना शुरू कर दिया,,मेरा
पूरा लंड आंटी की चूत की जड तक जाने लगा था,,
आहह आछ्ह्ह्ह्ह बाट्टा कून्न्स्सा रूल्ली प्पलाय क्काररन्ना हाइी ,,,,,ब्बातता ना
स्सच्च बूलुउउ औउन्नती ज्जिई,,,,
हां बोल न्ना अबीतता आज्ज तटूउ कककुउहह बहिी बूल्ल,,
मुउजझी आअज आपपक्के साथ मा बेटे का रोल प्लाय क्कारन्ना हाइईइ,,,आंटी मूह खोल कर
मुझे देखने लगी लेकिन उनके खुले मूह से भी सिकियाँ निकल रही थी,,,,,,
क्या बोल रहा है बेटा कुछ शरम कर,,,,,
शरम कैसी आंटी जी,,,,इसमे क्या बुरी बात है,,,,,मुझे शुरू से भारी बदन की लॅडीस अच्छी लगती है ऑर जैसा
बदन आपका है वैसा ही बदन मेरी माँ का भी है,,,,,,उसके बूब्स भी बहुत बड़े बड़े है,,,,मस्त गान्ड
है उनकी,,,,,,
क्या बूल्ल राहहा हहाई सन्नी,,,,,,
सही तो बोल राहहा हूँ,,,,अब अगर मेरी जगह करण का लंड होता आपकी चूत मे तो क्या अपने उसको चोदने
से मना कर देना था,,,,,जबकि आपको पता हो कि करण का लंड भी मेरे लंड जितना बड़ा है,,,,,
आंटी मेरी तरफ बड़ी हैरत से देख रही थी,,,,,क्या बोल रहा है बेटा कुछ तो शरम कर,,,,,
मैं बेशर्म ही ठीक हूँ अगर बेशर्म रहके माँ के साथ मस्ती कर सकता हूँ तो ठीक है मैं बेशर्म
ही सही,,,,लेकिन एक बात पक्की है अगर एक बार आप भी करण का लंड चूत मे लोगि तो मस्ती किए बिना नही रह
पाओगी,,,उसका लंड भी 9 इंच लंबा है,,,,जब चूत मे जाएगा आपकी तो मस्त कर देगा आपको,,,,,
बस कर सन्नी ऐसे मत बोल प्लज़्ज़्ज़,,,,ये सब अजीब है,,,,,बहुत बुरा लगता है सुनने मे
बुरा क्या इसमे आंटी जी,,,एक बार चुदाई करके तो देखो कारण से,,मज़ा आ जाएगा,.,अगर इस टाइम मेरी जगह
यहाँ करण होता तो अप उसके साथ मस्ती किए बिना रह नही पाती,,,,,
बस बहुत हो गया सन्नी,,,क्या तेरी माँ होती यहाँ तो तू उसको चोद लेता,,,,,
हाँ बिल्कुल चोद लेता अगर वो मना नही करती,,,,,ऑर मैं तो कब्से मोका ढूँढ रहा था आपको ऑर अपनी
माँ को चोदने का,,,,आपको चोदने का मोका मिल गया अब माँ के साथ पता नही कब मोका मिलेगा,,,,
क्या बोल रहा है तू,,कुछ तो सोच सन्नी,,कुछ तो शरम कर,,,,,,वो मुझे समझा रही थी लेकिन चूत मे
अंदर बाहर होता लंड उसको मस्त करता जा रहा था,,,,,
प्ल्ज़्ज़ आंटी एकक बार मेरी माँ बन जाओ,,,,रियल मे ना सही रोल प्ले मे सही एक बार मुझे अपनी माँ को
चोद लेने दो ,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,इतना बोलकर मैं अपनी स्पीड तेज काद्री,,,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ,,,
ठीक है बेटा,,,,आजज्ज तूऊ मुउज़्झहह्ी अपनी माँ सरिता समझ ले,,,,
ऑर आप भी मुझे अपना बेटा करण समझ लो आंटी जी,,,,,,,,मैने स्पीड ऑर भी ज़्यादा तेज करदी,,,,पहले तो
सिसकियों के साथ आंटी सन्नी सन्नी कर रही थी लेकिन जल्दी ही वो करण करण करने लगी,,,मैं उनकी तरफ देख
कर हँसने लगा,,,,लेकिन मस्ती मे शरमाने की जगह आंटी मुझे करण ही बुला रही थी,.
माज्जा आ राहहा हहाइी म,,,,बूल्लू म्मा ंमाज़्जा आ र्हाहहा हाइईइ
हाँ कार्रान्ण बेटा भ्हुत्त मा ज्जा आ राहा हहा,,,टीज़्ज चोद आपपननीी माँ कूओ कार्रान्ण बेटा
ऊरर टीज़्जज आहह उउउहह स्पीदड़ काम मॅट काररन्ना ब्बीत्ताअ,,,
त्ीिक हाइी मा जिित्टनीी टटेज बूलूओगीइ उउतन्ना तेज करूँगा,,,,बस मुज्झहही आपपन्ना अबबीतता ब्बांना
क्कार म्मा्स्स्ती कार्रत्ती र्राहूऊ,,,,,,
आंटी मुझे अपना बेटा करण बना रही थी ऑर मैं उनको अपनी माँ सरिता,,,इस बात से पक्का हो गया था कि आंटी
'भी करण से चुदने को तैयार हो जाएगी ,,,मुझे पक्का यकीन था सीलिए मैं कारण को मेसेज कर चुका था
जब आंटी वॉशरूम मे थी,,,,वो अब किसी भी पल मेरी माँ को लेके यहाँ आने वाला था,,,,,
रोल प्ले करते हुए मैं तेज़ी से आंटी को चोद्ता रहा ऑर आंटी भी मुझे तेज़ी से झटके मारने को बोलती
रही,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,
कौन आ गगया ब्बीतता इतनी सुबह हहूऊंम ल्ल्लूग्गू क्कू ददीईसस्तटुउर्ब्ब क्कररनी,,,,,,,
माँ आप लेटी रहो आराम से मैं देख कर आता हूँ,,,,,,,
लेकिन बेटा अपनी हालत तो देख ज़रा,,,,,आंटी ने मेरे जिस्म पर लगे आयिल की तरफ इशारा किया,,,
कोई बात नही माँ आप फ़िक्र मत करो,,,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर टवल लपेट कर बाहर चला गया,,,,मैने
देखा कि गेट पर माँ ऑर करण थे,,,लेकिन जैसे ही मैने गेट खोला तो साथ मे शिखा भी थी,,,,
गेट खुलते ही करण मेरे गले लग गया,,,,साले मार लिया मैदान ,,,,,कहाँ है माँ,,,,,
मैने सबको अंदर आने को बोला,,,,शिखा ऑर माँ मुझे देख कर बहुत खुश थी,,,,,
बता ना माँ कहाँ है,,,,मैने गेट बंद किया ऑर टवल के अंदर अपने लंड पर इशारा किया,,,,जो फुल मस्ती
मे खड़ा हुआ था,,,,,माँ ऑर शिखा की नज़र उसपे चली गई,,,,
साले इतनी सुबह सुबह लगा हुआ है मेरी माँ को चोदने मे,,,,
तू भी तो करण बेटा मुझे रात से चोद रहा है,,,,,फिर क्या हुआ अगर इसने तेरी माँ को चोद लिया,,,,इतना
बोलकर माँ और करण हँसने लगे साथ मे शिखा भी,,
मैं सब को चुप रहने को बोला ऑर अंदर चलने को बोला लेकिन कोई आवाज़ किए बिना,,,,,
ज़रूर आंटी जी,,,,आप बोलो आपको कॉन्सा रोप प्ले करना है,,,,,,
मुझे तो यही वाला करना है,,,,,तू सन्नी ओर मैं तेरी अलका आंटी,,,,,
ये तो अभी कर चुके है ,,,आप कोई न्यू बताओ अब,,,,
अच्छा तू बता तुझे कॉन्सा रोल प्ले करना है,,,,,
ऐसे नही चुदाई करते हुए बताउन्गा,,,,,इतना बोलकर मैं आंटी के उपर चढ़ गया,,,मस्ती की वजह से लंड
पहले से अकड़ चुका था मैं लंड को आंटी की चूत मे घुसा दिया,,,,
आहह कुछ सबर कर बेटा,,पहले बता ना रोल कॉन्सा प्ले करना है फिर मस्ती करते है,,,,
नाह्ीऊ आंटी जी मस्ती करते करते रोल की बात करते है,,इतना बोलकर मैने झटके लगाना शुरू कर दिया,,मेरा
पूरा लंड आंटी की चूत की जड तक जाने लगा था,,
आहह आछ्ह्ह्ह्ह बाट्टा कून्न्स्सा रूल्ली प्पलाय क्काररन्ना हाइी ,,,,,ब्बातता ना
स्सच्च बूलुउउ औउन्नती ज्जिई,,,,
हां बोल न्ना अबीतता आज्ज तटूउ कककुउहह बहिी बूल्ल,,
मुउजझी आअज आपपक्के साथ मा बेटे का रोल प्लाय क्कारन्ना हाइईइ,,,आंटी मूह खोल कर
मुझे देखने लगी लेकिन उनके खुले मूह से भी सिकियाँ निकल रही थी,,,,,,
क्या बोल रहा है बेटा कुछ शरम कर,,,,,
शरम कैसी आंटी जी,,,,इसमे क्या बुरी बात है,,,,,मुझे शुरू से भारी बदन की लॅडीस अच्छी लगती है ऑर जैसा
बदन आपका है वैसा ही बदन मेरी माँ का भी है,,,,,,उसके बूब्स भी बहुत बड़े बड़े है,,,,मस्त गान्ड
है उनकी,,,,,,
क्या बूल्ल राहहा हहाई सन्नी,,,,,,
सही तो बोल राहहा हूँ,,,,अब अगर मेरी जगह करण का लंड होता आपकी चूत मे तो क्या अपने उसको चोदने
से मना कर देना था,,,,,जबकि आपको पता हो कि करण का लंड भी मेरे लंड जितना बड़ा है,,,,,
आंटी मेरी तरफ बड़ी हैरत से देख रही थी,,,,,क्या बोल रहा है बेटा कुछ तो शरम कर,,,,,
मैं बेशर्म ही ठीक हूँ अगर बेशर्म रहके माँ के साथ मस्ती कर सकता हूँ तो ठीक है मैं बेशर्म
ही सही,,,,लेकिन एक बात पक्की है अगर एक बार आप भी करण का लंड चूत मे लोगि तो मस्ती किए बिना नही रह
पाओगी,,,उसका लंड भी 9 इंच लंबा है,,,,जब चूत मे जाएगा आपकी तो मस्त कर देगा आपको,,,,,
बस कर सन्नी ऐसे मत बोल प्लज़्ज़्ज़,,,,ये सब अजीब है,,,,,बहुत बुरा लगता है सुनने मे
बुरा क्या इसमे आंटी जी,,,एक बार चुदाई करके तो देखो कारण से,,मज़ा आ जाएगा,.,अगर इस टाइम मेरी जगह
यहाँ करण होता तो अप उसके साथ मस्ती किए बिना रह नही पाती,,,,,
बस बहुत हो गया सन्नी,,,क्या तेरी माँ होती यहाँ तो तू उसको चोद लेता,,,,,
हाँ बिल्कुल चोद लेता अगर वो मना नही करती,,,,,ऑर मैं तो कब्से मोका ढूँढ रहा था आपको ऑर अपनी
माँ को चोदने का,,,,आपको चोदने का मोका मिल गया अब माँ के साथ पता नही कब मोका मिलेगा,,,,
क्या बोल रहा है तू,,कुछ तो सोच सन्नी,,कुछ तो शरम कर,,,,,,वो मुझे समझा रही थी लेकिन चूत मे
अंदर बाहर होता लंड उसको मस्त करता जा रहा था,,,,,
प्ल्ज़्ज़ आंटी एकक बार मेरी माँ बन जाओ,,,,रियल मे ना सही रोल प्ले मे सही एक बार मुझे अपनी माँ को
चोद लेने दो ,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,इतना बोलकर मैं अपनी स्पीड तेज काद्री,,,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ,,,
ठीक है बेटा,,,,आजज्ज तूऊ मुउज़्झहह्ी अपनी माँ सरिता समझ ले,,,,
ऑर आप भी मुझे अपना बेटा करण समझ लो आंटी जी,,,,,,,,मैने स्पीड ऑर भी ज़्यादा तेज करदी,,,,पहले तो
सिसकियों के साथ आंटी सन्नी सन्नी कर रही थी लेकिन जल्दी ही वो करण करण करने लगी,,,मैं उनकी तरफ देख
कर हँसने लगा,,,,लेकिन मस्ती मे शरमाने की जगह आंटी मुझे करण ही बुला रही थी,.
माज्जा आ राहहा हहाइी म,,,,बूल्लू म्मा ंमाज़्जा आ र्हाहहा हाइईइ
हाँ कार्रान्ण बेटा भ्हुत्त मा ज्जा आ राहा हहा,,,टीज़्ज चोद आपपननीी माँ कूओ कार्रान्ण बेटा
ऊरर टीज़्जज आहह उउउहह स्पीदड़ काम मॅट काररन्ना ब्बीत्ताअ,,,
त्ीिक हाइी मा जिित्टनीी टटेज बूलूओगीइ उउतन्ना तेज करूँगा,,,,बस मुज्झहही आपपन्ना अबबीतता ब्बांना
क्कार म्मा्स्स्ती कार्रत्ती र्राहूऊ,,,,,,
आंटी मुझे अपना बेटा करण बना रही थी ऑर मैं उनको अपनी माँ सरिता,,,इस बात से पक्का हो गया था कि आंटी
'भी करण से चुदने को तैयार हो जाएगी ,,,मुझे पक्का यकीन था सीलिए मैं कारण को मेसेज कर चुका था
जब आंटी वॉशरूम मे थी,,,,वो अब किसी भी पल मेरी माँ को लेके यहाँ आने वाला था,,,,,
रोल प्ले करते हुए मैं तेज़ी से आंटी को चोद्ता रहा ऑर आंटी भी मुझे तेज़ी से झटके मारने को बोलती
रही,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,
कौन आ गगया ब्बीतता इतनी सुबह हहूऊंम ल्ल्लूग्गू क्कू ददीईसस्तटुउर्ब्ब क्कररनी,,,,,,,
माँ आप लेटी रहो आराम से मैं देख कर आता हूँ,,,,,,,
लेकिन बेटा अपनी हालत तो देख ज़रा,,,,,आंटी ने मेरे जिस्म पर लगे आयिल की तरफ इशारा किया,,,
कोई बात नही माँ आप फ़िक्र मत करो,,,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर टवल लपेट कर बाहर चला गया,,,,मैने
देखा कि गेट पर माँ ऑर करण थे,,,लेकिन जैसे ही मैने गेट खोला तो साथ मे शिखा भी थी,,,,
गेट खुलते ही करण मेरे गले लग गया,,,,साले मार लिया मैदान ,,,,,कहाँ है माँ,,,,,
मैने सबको अंदर आने को बोला,,,,शिखा ऑर माँ मुझे देख कर बहुत खुश थी,,,,,
बता ना माँ कहाँ है,,,,मैने गेट बंद किया ऑर टवल के अंदर अपने लंड पर इशारा किया,,,,जो फुल मस्ती
मे खड़ा हुआ था,,,,,माँ ऑर शिखा की नज़र उसपे चली गई,,,,
साले इतनी सुबह सुबह लगा हुआ है मेरी माँ को चोदने मे,,,,
तू भी तो करण बेटा मुझे रात से चोद रहा है,,,,,फिर क्या हुआ अगर इसने तेरी माँ को चोद लिया,,,,इतना
बोलकर माँ और करण हँसने लगे साथ मे शिखा भी,,
मैं सब को चुप रहने को बोला ऑर अंदर चलने को बोला लेकिन कोई आवाज़ किए बिना,,,,,