desiaks
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वैसे भी अब उस बौने चुदक्कड़ के सब्र का पैमाना भर चुका था। जल्दी जल्दी किसी प्रकार खींच खांच कर अंततः मुझे साड़ी और पेटीकोट से मुक्त कर दिया। वह बार बार मेरे चेहरे को देखता जा रहा था कि कहीं मैं जाग तो नहीं रही हूँ, मगर मैं भी एक नंबर की नौटंकी बाज, उसे अहसास तक नहीं होने दिया कि मैं पूरे होशोहवास में हूं। अब सिर्फ रह गयी मेरी पैंटी। उधर उसकी हालत खराब और इधर मेरी। उफ्फ्फ, इंतजार की घड़ियां कितनी लंबी होती हैं, इसका अहसास मुझे अब हो रहा था। पैंटी के ऊपर से ही मेरी फूली हुई योनी को बड़े ही अविश्वसनीय नजरों से एकटक देखता रह गया। मेरी योनी के रस से भीगी पैंटी देख कर शायद उसे कुछ कुछ आभास होने लगा कि मैं जाग रही हूं। आखिर वह भी एक नंबर का चुदक्कड़ जो ठहरा, लेकिन मैं भी कम कमीनी नहीं थी, अब नींद का ढोंग छोड़ कर नशे का ढोंग करने लगी।
नशे से बोझिल अधमुंदी आंखों से देखती हुई लड़खड़ाती आवाज में बुदबुदाई, “क्क्क्क्य्य्य्य्आ्आ्आ क्क्क्क्र्र्र्र्र र्र्र्र्रहे होओ्ओ्ओ्ओ” बोलना अभी खत्म भी नहीं हुआ कि घासीराम एक ही झटके में मेरी पैंटी को नोच फेंका और लो, विस्मय से उसकी आंखें फटी की फटी रह गयीं, मुह खुला का खुला रह गया।
“बाप रे, बाप, ऐसी चूत!” अनायास उसके मुह से निकला।
“आ्आ्आ्आ्आ्आह्ह्ह्ह्ह्, नंगी क क क्योंओंओं कककर्र्र््र दिया कमीनेए्ए्ए्ए?” मैं अब भी नशे में टुन्न होने का दिखावा कर रही थी।
“मैडमजी, आप का तो कहना ही क्या। चूची तो चूची, इत्त्त्त्त््त्त्आ्आ्आ्आ्आ चिकना और मालपुवे जैसा बूर पहली बार देखा। साली चुदक्कड़।” अब वह खुल कर मैदाने जंग में कूद पड़ने को उतावला हो उठा था। फटाफट अपने बनियान और अंडरवियर को उतार फेंंका। अब चौंकने की बारी मेरी थी। मादरजात नंगा मोटा ताजा, काला कलूटा, ठिंगना, तोंदू बदन किसी जंगली भालू की तरह दिख रहा था, उस पर आठ इंच का लंबा, जांघों के बीच झूलता, लपलपाता काला लिंग!
“ओह्ह्ह्ह भगवान, यह ततततुम ममममेरे साथ ककक्या्आ्आ कककककरने जजजजा्आ्आ रहे हो?” मैं हकलाहट का प्रदर्शन करते हुए घबराई आवाज बना कर बोली।
“इतना भी भोली मत बनो मैडम जी। आप की भीगी चूत और मेरा टनटन करता लौड़ा, अब आगे क्या होने वाला है यह भी बताना पड़ेगा क्या?” उसकी हिम्मत की कायल हो गई मैं।
“बबबबताआआने की जजजजरू्ऊ्ऊ्ऊरत नहीं है, लेकिन पपपपप्लीईईईज, मेरे साथ ऐसा मत ककककरो। मैं ऐसी औरत ननननहींईंईंई हूँ, छोड़ दो मममुझे, जजजजानेएएए दो।” मैं उठने की कोशिश करती हुई अपना ड्रामा जारी रखे हुए थी।
नशे से बोझिल अधमुंदी आंखों से देखती हुई लड़खड़ाती आवाज में बुदबुदाई, “क्क्क्क्य्य्य्य्आ्आ्आ क्क्क्क्र्र्र्र्र र्र्र्र्रहे होओ्ओ्ओ्ओ” बोलना अभी खत्म भी नहीं हुआ कि घासीराम एक ही झटके में मेरी पैंटी को नोच फेंका और लो, विस्मय से उसकी आंखें फटी की फटी रह गयीं, मुह खुला का खुला रह गया।
“बाप रे, बाप, ऐसी चूत!” अनायास उसके मुह से निकला।
“आ्आ्आ्आ्आ्आह्ह्ह्ह्ह्, नंगी क क क्योंओंओं कककर्र्र््र दिया कमीनेए्ए्ए्ए?” मैं अब भी नशे में टुन्न होने का दिखावा कर रही थी।
“मैडमजी, आप का तो कहना ही क्या। चूची तो चूची, इत्त्त्त्त््त्त्आ्आ्आ्आ्आ चिकना और मालपुवे जैसा बूर पहली बार देखा। साली चुदक्कड़।” अब वह खुल कर मैदाने जंग में कूद पड़ने को उतावला हो उठा था। फटाफट अपने बनियान और अंडरवियर को उतार फेंंका। अब चौंकने की बारी मेरी थी। मादरजात नंगा मोटा ताजा, काला कलूटा, ठिंगना, तोंदू बदन किसी जंगली भालू की तरह दिख रहा था, उस पर आठ इंच का लंबा, जांघों के बीच झूलता, लपलपाता काला लिंग!
“ओह्ह्ह्ह भगवान, यह ततततुम ममममेरे साथ ककक्या्आ्आ कककककरने जजजजा्आ्आ रहे हो?” मैं हकलाहट का प्रदर्शन करते हुए घबराई आवाज बना कर बोली।
“इतना भी भोली मत बनो मैडम जी। आप की भीगी चूत और मेरा टनटन करता लौड़ा, अब आगे क्या होने वाला है यह भी बताना पड़ेगा क्या?” उसकी हिम्मत की कायल हो गई मैं।
“बबबबताआआने की जजजजरू्ऊ्ऊ्ऊरत नहीं है, लेकिन पपपपप्लीईईईज, मेरे साथ ऐसा मत ककककरो। मैं ऐसी औरत ननननहींईंईंई हूँ, छोड़ दो मममुझे, जजजजानेएएए दो।” मैं उठने की कोशिश करती हुई अपना ड्रामा जारी रखे हुए थी।