hotaks444
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[font=Arial, Helvetica, sans-serif]फ़रज़ाना के जाने के बाद मैं फिर से चारपाई पे लेट गया और अपने लंड को सलवार से निकल के सहलाने लगा और बिल्लो के नंगे और सेक्सी जिस्म को ध्यान मैं रख के आहें भरने लगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन इस के साथ मुझे काफ़ी हेरनी भी हो रही थी की आख़िर बिल्लो है क्या चीज़ क्यूंकी जिस तरह उस ने बिना झिझके मेरे सामने ब्रा और पनटी उतार के नंगी हुयी थी उस की वो बात ही मुझे हेरान कर देने के लिए काफ़ी थी जिस से मुझे अब बिल्लो पे शक़ हो रहा था की वो अब कच्ची कली नहीं है बल्कि फूल बन चुकी है और अपना रस भी किसी को पीला चुकी है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif](मैं बस अपने लंड को प्यार से आहिस्ता आहिस्ता सहला ही रहा था लेकिन मूठ नहीं लगा रहा था)[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]इन ख्याल मैं कितना वक़्त गुज़रा पता ही नहीं चला की फरी बाजी भी खेतों मैं आ गई और मुझे इस तरह अपना लंड हाथ मैं लिए हिलाते देख के बोली विक्की थोड़ी तो शरम किया करो ये सब करना होता है तो सामने रूम मैं चले जाया करो यहाँ अच्छा नहीं है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं बाजी की आवाज़ सुनके के चौंक गया और साथ ही उठ क बैठ गया तो बाजी को मुस्कुराता देख के बोला यार बाजी क्या बताऊ आज बड़ी खुमारी चढ़ रही है इस लिए ध्यान ही नहीं रहा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात सुनके के हँसती हुयी आगे बढ़ी और बोली क्यूं भाई कहीं छोटी पे तो गरम नहीं हो रहे क्यूंकी वो ही यहाँ से गई है और अब तुम अपने हत्यार को सहला रहे हो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने हंसते हो अरे नहीं बाजी फ़रज़ाना नहीं उस की सहेली बिल्लो गरम कर गई है साली पूरा नंगा जिस्म दिखा गई है तो बाजी हेरान हो के बोली क्या मतलब ज़रा पूरी बात बता मुझे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने बाजी को सारी बात बता दी जो कुछ हुआ था तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे उठाया और रूम मैं ले गई और मुझे कपड़े उतरने को बोली तो मैं खुश हो गया [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन तभी बाजी ने कहा ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं है अभी सिर्फ़ ऊपर ऊपर से ही मैं तुम्हें फारिघ् कर देती हूँ कुछ करने नहीं दूँगागी क्यूं जो भी होगा आज रात को ही होगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं बाजी की बात से हेरान हुआ तो बाजी ने कहा अभी कुछ पूछना नहीं क्यूंकी ये भी सर्प्राइज़ है और अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई और मेरी तरफ बढ़ने लगी तो मैं चारपाई पे लेट गया जो के रूम मैं ही पे पड़ी हुआ थी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरे पास आयी और नीचे बैठ के अपने हाथ मैं मेरा लंड पकड़ लिया और और फिर थोडा नीचे को झुकी और अपना मूह मेरे लंड की तरफ झुकाके हल्की किस कर दी मेरे लंड पे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]उस के बाद बाजी ने आहिस्ता से अपना मूह खोला और मेरे लंड को अपने मूह मैं ले क चूसने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड क नीचे की गोलियों को सहलाने लगी और कभी चाटने लगती जिस से मेरा मज़े के मारे बुरा हाल होने लगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईई ऊऊहह मैं ग्याआ बाजी ये क्या कर रही हूऊऊऊऊ उनम्म्ममह मेरिइईईईईईई बाजिीइईईईईईई पूरा मूह मैं लो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]पल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाज़ करने लगा और साथ ही बाजी का सर अपने लंड की तरफ दबाने लगा की [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकालने वाला है तो मैने बाजी का सर ज़ोर से अपने लंड की तरफ दबा दिया और अपना लंड अपनी बड़ी बहन के मूह मैं घुसने की कोशिश करने लगा मेरे जिस्म को झटका सा लगा और मेरे लंड ने पानी निकल दिया जो की सारा मेरी बहन के मूह मैं गिरा और कुछ होठोंस पे लग गया तब मैं आअहह की आवाज़ निकलते ही बाजी का सर छोड के अपनी आखें बंद कर के लेट गया[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]थोड़ी देर बाद बाजी मुझे हिलाया और बोली चलो भाई उठो अब और खुद बाहर निकल गई तो मैने भी उठ के अपनी सलवार बांधी और बाहर निकल के बाजी के पास जा के बैठ गया जो के चारपाई पे बैठ चुकी थी और बाजी का हाथ पकड़ के बोला बाजी आप ने बताया नहीं की आज रात क्या ख़ास्स बात ह गी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात सुनके के हंस पड़ी और बोली अरे मेरी जान इतना परेशान होने की कोई बात नहीं बस मज़ा ही कराईंगे हम और वो भी घर पे ही लेकिन किस तरह ये मत पूछना क्यूंकी मैं नहीं बताउंगी मैं बाजी की बात से ये तो समझ गया था की बाजी का इरादा पूरी रात चुदवाने का है [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन ये सब होगा किस तरह सब घर वालों की मोजूदगी मैं ये समझ नहीं आ रही थी क्यूंकि 1 आध रात का तो कोई मसाला ही नहीं था जब चाहे कर सकते थे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन पूरी रात ये समझ नहीं आ रहा था खैर मैने अपना सर झटका और बाजी की तरफ मुस्कुराके और बोला ठीक है बाजी मैं अब आप से कुछ नहीं पूछूँगा और रात के होने का इंतज़ार करूँगा[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी भी मुस्कुराते हुए मेरी गॉल खींच के बोली हाँ भाई ये ही अच्छा है की तुम अभी कुछ ना बोलो और फिर उस के बाद हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे की अचानक बाजी ने कहा विकी क्या तेरा दिल कर रहा बिल्लो के साथ करने के लिए.[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने बाजी की तरफ देखा और बाजी की आँखों मैं मुस्कान देख के हिम्मत पकड़ी और हाँ मैं सर हिला दिया और बोला लेकिन बाजी ये सब होगा कैसे बाजी ने कहा विक्की ये काम तुम मुझ पे छोड दो कल का दिन तो नहीं परसों बिल्लो को मैं तुम्हारे पास भेज दूँगागी तो दिल खोल के मज़े करना वो तुम्हें मना नहीं करेगी ठीक है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]जहाँ बिल्लो का सुनके कर के परसों उस की चुत मेरे सामने होगी खुशी हुयी वहाँ थोड़ी हेरनी भी हुयी की आख़िर बाजी बिल्लो को किस तरह मनाईंगी मेरे लिए और वो किस तरह बाजी की बात मान के मेरे चुदवाने आएगी और ये बात मैने बाजी से भी बोली की बाजी बिल्लो को आप मानोगी किस तरह बाजी मेरी बात सुनके के हंसते हो बोली अरे मेरे भोले भाई तुम क्या समझते हो की [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अगर तुम्हारी बहन या रीदा अपने ही भाइयों से चुदवा सकती हैं तो क्या बिल्लो को किसी का लंड अपनी चुत के लिए नहीं मिल सकता बाजी की बात सुनके के मैने थोडा हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला लेकिन बाजी बिल्लो तो फ़रज़ाना से कोई 1 साल ही बड़ी होगी तो क्या वो अभी से इन सब चक्कर मैं पड़ चुकी है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात पे हहेहेहेहहे कर के हंसते हो बोली भाई तुम किस दुनिया मैं रहते हो यहाँ तो फ़रज़ाना से 2 3 साल छोटी लड़कियाँ भी बड़े बड़े लंड पूरे मज़े से अपनी चुत मैं ले के चुदवाती हैं[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]उस के बाद मैं चुप हो गया और सोच मैं पड़ गया की अगर बिल्लो जो की मेरी छोटी बहन की सहेली है और बाजी के कहेअनुसार पूरा मज़ा ले चुकी है तो क्या मेरी छोटी बहन फ़रज़ाना भी यहाँ तक आ के मेरा जहन इस बात को मानने से इनकार कर देता की नहीं मेरी छोटी बहन ऐसी नहीं हो सकती[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]शाम तक मैं इन्ही सोचों मैं गुम रहा और बाजी ने भेंसों को चारा पानी डाला उस के बाद दूध भी निकल लिया तो हम दोनो बहन भाई घर की तरफ चल दिए और घर पहुँच के देखा की अबू आ चुके थे लेकिन सर दर्द की वजा से चारपाई पे लेते आराम कर रहे थे तो मैने भी अबू का हाल चाल पूछा और फिर सब ने रात का खाना खाया तो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी ने फरी बाजी को बोला की चलो बेटी आज तुम्हारे अबू की तबीयत ठीक नहीं तो तुम ही मेरे साथ खेतों पे चलो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी ने फॉरन ही अम्मी से कहा की अम्मी मेरी भी तबीयत खराब है कल से ये तो अबू नहीं थे और भाई को दूध निकलना नहीं आता था तो मुझे जाना पड़ा आप फरीदा को ही अपने साथ ले जाओ[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी बाजी की बात सुनके के सोच मैं पड़ गई और फिर फ़रीदा को ही साथ ले के चली गई तो अबू ने फरी बाजी से कहा की उन को ज़रा सहारा दे कर उन के रूम मैं ले चलो तो मैं भी उठा और अबू को सहारा दे के उन के क रूम की तरफ चल दिया और जब मैं और बाजी अबू को ले के उन के रूम मैं दाखिल हो तो अबू सीधे हो के खुद ही अपने बिस्तेर पे चले गये[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अबू के इस तरह सीधे होने पे जहाँ मैं हेरान हुआ तो वहीं बाजी के फेस पे स्माइले आ गई और बाजी ने मुझे देख के बोली भाई मेरा ख्याल है की तुम भी आज रात यहाँ अबू के पास ही सो जाओ[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने हाँ मैं सर हिलाया और अबू के करीब बिछे बिस्तेर पे लेट गया जो की अम्मी का था तो बाजी हम दोनो को रूम मैं ही छोड के निकल गई और हम दोनो छत की तरफ देखते हो चुप लेटे रहे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]हम दोनो मैं से कोई भी एक दूसरे की तरफ ना तो देख रहा था और ना ही कोई बात कर रहा था कोई 1 घन्टेसे ऊपर ही टाइम गुज़र चुका था हमें इस तरह लेते हुए की तब जा के बाजी रूम मैं आयी और दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया और हुमारी तरफ देख के मुस्कुराने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी भी थोड़ी देर तक हुमारी तरफ देख मुस्कुराती रही और फिर अपनी क़मीज़ पकड़ के उतार दी तो अबू उठ के बैठ गये . बाजी ऊपर से बिलकुल नंगी हो गयी बिना ब्रा के [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]फिर बाजी ने अपनी सलवार भी निकल दी और हुमारी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ बैठा और बाजी को बिना कपड़ों के सिर्फ़ पनटी मैं अपने बाप और भाई के सामने खड़ा देखने लगा तो बाजी ने अपने हाथ अपनी पनटी पे रखे और पनटी निकालने लगी [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]पनटी उतार के बाजी हुमारे करीब आ गई और हुमारी तरफ देखते हो बोली क्यूं जी आप कपड़े नहीं उतरोगे क्या तो अबू ने मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दिए तो मैं भी सर झुका के हल्का सा हंस दिया तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अबू बिस्तेर से उतरे और अपने कपड़े उतरने लगे तो बाजी ने कहा चलो भाई अब तुम भी अपने कपड़े निकालो इसी तरह बैठे रहगे यहाँ , बाजी की बात सुनके के मैं भी उठ बैठा और अपने कपड़े उतार के साइड मैं फैंक दिए [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]तो बाजी बारी बारी हम दोनो बाप और भाई के लंड को देख के मुस्कुराने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन इस के साथ मुझे काफ़ी हेरनी भी हो रही थी की आख़िर बिल्लो है क्या चीज़ क्यूंकी जिस तरह उस ने बिना झिझके मेरे सामने ब्रा और पनटी उतार के नंगी हुयी थी उस की वो बात ही मुझे हेरान कर देने के लिए काफ़ी थी जिस से मुझे अब बिल्लो पे शक़ हो रहा था की वो अब कच्ची कली नहीं है बल्कि फूल बन चुकी है और अपना रस भी किसी को पीला चुकी है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif](मैं बस अपने लंड को प्यार से आहिस्ता आहिस्ता सहला ही रहा था लेकिन मूठ नहीं लगा रहा था)[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]इन ख्याल मैं कितना वक़्त गुज़रा पता ही नहीं चला की फरी बाजी भी खेतों मैं आ गई और मुझे इस तरह अपना लंड हाथ मैं लिए हिलाते देख के बोली विक्की थोड़ी तो शरम किया करो ये सब करना होता है तो सामने रूम मैं चले जाया करो यहाँ अच्छा नहीं है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं बाजी की आवाज़ सुनके के चौंक गया और साथ ही उठ क बैठ गया तो बाजी को मुस्कुराता देख के बोला यार बाजी क्या बताऊ आज बड़ी खुमारी चढ़ रही है इस लिए ध्यान ही नहीं रहा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात सुनके के हँसती हुयी आगे बढ़ी और बोली क्यूं भाई कहीं छोटी पे तो गरम नहीं हो रहे क्यूंकी वो ही यहाँ से गई है और अब तुम अपने हत्यार को सहला रहे हो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने हंसते हो अरे नहीं बाजी फ़रज़ाना नहीं उस की सहेली बिल्लो गरम कर गई है साली पूरा नंगा जिस्म दिखा गई है तो बाजी हेरान हो के बोली क्या मतलब ज़रा पूरी बात बता मुझे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने बाजी को सारी बात बता दी जो कुछ हुआ था तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे उठाया और रूम मैं ले गई और मुझे कपड़े उतरने को बोली तो मैं खुश हो गया [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन तभी बाजी ने कहा ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं है अभी सिर्फ़ ऊपर ऊपर से ही मैं तुम्हें फारिघ् कर देती हूँ कुछ करने नहीं दूँगागी क्यूं जो भी होगा आज रात को ही होगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं बाजी की बात से हेरान हुआ तो बाजी ने कहा अभी कुछ पूछना नहीं क्यूंकी ये भी सर्प्राइज़ है और अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई और मेरी तरफ बढ़ने लगी तो मैं चारपाई पे लेट गया जो के रूम मैं ही पे पड़ी हुआ थी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरे पास आयी और नीचे बैठ के अपने हाथ मैं मेरा लंड पकड़ लिया और और फिर थोडा नीचे को झुकी और अपना मूह मेरे लंड की तरफ झुकाके हल्की किस कर दी मेरे लंड पे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]उस के बाद बाजी ने आहिस्ता से अपना मूह खोला और मेरे लंड को अपने मूह मैं ले क चूसने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड क नीचे की गोलियों को सहलाने लगी और कभी चाटने लगती जिस से मेरा मज़े के मारे बुरा हाल होने लगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईई ऊऊहह मैं ग्याआ बाजी ये क्या कर रही हूऊऊऊऊ उनम्म्ममह मेरिइईईईईईई बाजिीइईईईईईई पूरा मूह मैं लो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]पल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाज़ करने लगा और साथ ही बाजी का सर अपने लंड की तरफ दबाने लगा की [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकालने वाला है तो मैने बाजी का सर ज़ोर से अपने लंड की तरफ दबा दिया और अपना लंड अपनी बड़ी बहन के मूह मैं घुसने की कोशिश करने लगा मेरे जिस्म को झटका सा लगा और मेरे लंड ने पानी निकल दिया जो की सारा मेरी बहन के मूह मैं गिरा और कुछ होठोंस पे लग गया तब मैं आअहह की आवाज़ निकलते ही बाजी का सर छोड के अपनी आखें बंद कर के लेट गया[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]थोड़ी देर बाद बाजी मुझे हिलाया और बोली चलो भाई उठो अब और खुद बाहर निकल गई तो मैने भी उठ के अपनी सलवार बांधी और बाहर निकल के बाजी के पास जा के बैठ गया जो के चारपाई पे बैठ चुकी थी और बाजी का हाथ पकड़ के बोला बाजी आप ने बताया नहीं की आज रात क्या ख़ास्स बात ह गी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात सुनके के हंस पड़ी और बोली अरे मेरी जान इतना परेशान होने की कोई बात नहीं बस मज़ा ही कराईंगे हम और वो भी घर पे ही लेकिन किस तरह ये मत पूछना क्यूंकी मैं नहीं बताउंगी मैं बाजी की बात से ये तो समझ गया था की बाजी का इरादा पूरी रात चुदवाने का है [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन ये सब होगा किस तरह सब घर वालों की मोजूदगी मैं ये समझ नहीं आ रही थी क्यूंकि 1 आध रात का तो कोई मसाला ही नहीं था जब चाहे कर सकते थे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन पूरी रात ये समझ नहीं आ रहा था खैर मैने अपना सर झटका और बाजी की तरफ मुस्कुराके और बोला ठीक है बाजी मैं अब आप से कुछ नहीं पूछूँगा और रात के होने का इंतज़ार करूँगा[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी भी मुस्कुराते हुए मेरी गॉल खींच के बोली हाँ भाई ये ही अच्छा है की तुम अभी कुछ ना बोलो और फिर उस के बाद हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे की अचानक बाजी ने कहा विकी क्या तेरा दिल कर रहा बिल्लो के साथ करने के लिए.[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने बाजी की तरफ देखा और बाजी की आँखों मैं मुस्कान देख के हिम्मत पकड़ी और हाँ मैं सर हिला दिया और बोला लेकिन बाजी ये सब होगा कैसे बाजी ने कहा विक्की ये काम तुम मुझ पे छोड दो कल का दिन तो नहीं परसों बिल्लो को मैं तुम्हारे पास भेज दूँगागी तो दिल खोल के मज़े करना वो तुम्हें मना नहीं करेगी ठीक है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]जहाँ बिल्लो का सुनके कर के परसों उस की चुत मेरे सामने होगी खुशी हुयी वहाँ थोड़ी हेरनी भी हुयी की आख़िर बाजी बिल्लो को किस तरह मनाईंगी मेरे लिए और वो किस तरह बाजी की बात मान के मेरे चुदवाने आएगी और ये बात मैने बाजी से भी बोली की बाजी बिल्लो को आप मानोगी किस तरह बाजी मेरी बात सुनके के हंसते हो बोली अरे मेरे भोले भाई तुम क्या समझते हो की [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अगर तुम्हारी बहन या रीदा अपने ही भाइयों से चुदवा सकती हैं तो क्या बिल्लो को किसी का लंड अपनी चुत के लिए नहीं मिल सकता बाजी की बात सुनके के मैने थोडा हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला लेकिन बाजी बिल्लो तो फ़रज़ाना से कोई 1 साल ही बड़ी होगी तो क्या वो अभी से इन सब चक्कर मैं पड़ चुकी है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात पे हहेहेहेहहे कर के हंसते हो बोली भाई तुम किस दुनिया मैं रहते हो यहाँ तो फ़रज़ाना से 2 3 साल छोटी लड़कियाँ भी बड़े बड़े लंड पूरे मज़े से अपनी चुत मैं ले के चुदवाती हैं[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]उस के बाद मैं चुप हो गया और सोच मैं पड़ गया की अगर बिल्लो जो की मेरी छोटी बहन की सहेली है और बाजी के कहेअनुसार पूरा मज़ा ले चुकी है तो क्या मेरी छोटी बहन फ़रज़ाना भी यहाँ तक आ के मेरा जहन इस बात को मानने से इनकार कर देता की नहीं मेरी छोटी बहन ऐसी नहीं हो सकती[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]शाम तक मैं इन्ही सोचों मैं गुम रहा और बाजी ने भेंसों को चारा पानी डाला उस के बाद दूध भी निकल लिया तो हम दोनो बहन भाई घर की तरफ चल दिए और घर पहुँच के देखा की अबू आ चुके थे लेकिन सर दर्द की वजा से चारपाई पे लेते आराम कर रहे थे तो मैने भी अबू का हाल चाल पूछा और फिर सब ने रात का खाना खाया तो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी ने फरी बाजी को बोला की चलो बेटी आज तुम्हारे अबू की तबीयत ठीक नहीं तो तुम ही मेरे साथ खेतों पे चलो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी ने फॉरन ही अम्मी से कहा की अम्मी मेरी भी तबीयत खराब है कल से ये तो अबू नहीं थे और भाई को दूध निकलना नहीं आता था तो मुझे जाना पड़ा आप फरीदा को ही अपने साथ ले जाओ[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी बाजी की बात सुनके के सोच मैं पड़ गई और फिर फ़रीदा को ही साथ ले के चली गई तो अबू ने फरी बाजी से कहा की उन को ज़रा सहारा दे कर उन के रूम मैं ले चलो तो मैं भी उठा और अबू को सहारा दे के उन के क रूम की तरफ चल दिया और जब मैं और बाजी अबू को ले के उन के रूम मैं दाखिल हो तो अबू सीधे हो के खुद ही अपने बिस्तेर पे चले गये[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अबू के इस तरह सीधे होने पे जहाँ मैं हेरान हुआ तो वहीं बाजी के फेस पे स्माइले आ गई और बाजी ने मुझे देख के बोली भाई मेरा ख्याल है की तुम भी आज रात यहाँ अबू के पास ही सो जाओ[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने हाँ मैं सर हिलाया और अबू के करीब बिछे बिस्तेर पे लेट गया जो की अम्मी का था तो बाजी हम दोनो को रूम मैं ही छोड के निकल गई और हम दोनो छत की तरफ देखते हो चुप लेटे रहे[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]हम दोनो मैं से कोई भी एक दूसरे की तरफ ना तो देख रहा था और ना ही कोई बात कर रहा था कोई 1 घन्टेसे ऊपर ही टाइम गुज़र चुका था हमें इस तरह लेते हुए की तब जा के बाजी रूम मैं आयी और दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया और हुमारी तरफ देख के मुस्कुराने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी भी थोड़ी देर तक हुमारी तरफ देख मुस्कुराती रही और फिर अपनी क़मीज़ पकड़ के उतार दी तो अबू उठ के बैठ गये . बाजी ऊपर से बिलकुल नंगी हो गयी बिना ब्रा के [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]फिर बाजी ने अपनी सलवार भी निकल दी और हुमारी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ बैठा और बाजी को बिना कपड़ों के सिर्फ़ पनटी मैं अपने बाप और भाई के सामने खड़ा देखने लगा तो बाजी ने अपने हाथ अपनी पनटी पे रखे और पनटी निकालने लगी [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]पनटी उतार के बाजी हुमारे करीब आ गई और हुमारी तरफ देखते हो बोली क्यूं जी आप कपड़े नहीं उतरोगे क्या तो अबू ने मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दिए तो मैं भी सर झुका के हल्का सा हंस दिया तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अबू बिस्तेर से उतरे और अपने कपड़े उतरने लगे तो बाजी ने कहा चलो भाई अब तुम भी अपने कपड़े निकालो इसी तरह बैठे रहगे यहाँ , बाजी की बात सुनके के मैं भी उठ बैठा और अपने कपड़े उतार के साइड मैं फैंक दिए [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]तो बाजी बारी बारी हम दोनो बाप और भाई के लंड को देख के मुस्कुराने लगी[/font]