hotaks444
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[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी इतना बोल के खामोश हो गई और हुमारी तरफ देखने लगी और हुमारी स्वालिया नज़रओं को देख के बोली फरीदा मुझे डराने की कोशिश कर रही थी की वो सब को बता देगी तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने भी उसे बोल दिया की ठीक है जाओ जिसे बताना है बता दे तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]फरीदा मेरे पास से उठ के अम्मी के पास चली गई लेकिन अम्मी को कुछ बताया भी नहीं उस ने अभी तक अब देखते हैं क्या करती है अम्मी को बतती है या फिर हुमारे साथ शामिल होती है या फिर हमनें हुमारे हॉल पे छोटी है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी की बातें सुन के अबू ने सिरफ्र इतना ही कहा ठीक है देखते हैं क्या होता है और खामोशी से खाना खाया और उठ के चले गये तो बाजी ने कहा भाई तैयार हो ना फरीदा बरी आने वाली है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने बाजी की बात सुन के सोच मैं पड़ गया और बोला नहीं बाजी मुझे फरीदा के साथ कोई इंटरेस्ट नहीं है पता नहीं क्यों फरीदा मेरे दिल से उतार चुकी है और मेरा उस के साथ करने का कोई इरादा भी नहीं है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली क्या मतलब तो क्या मैं यूँ ही फरीदा को सेट करती फिर रही हूँ क्यों क तुम तो बोल रहे हो क तुम फरीदा के साथ कुछ करना ही नहीं चाहते[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं बाजी की बात सुन के हंस दिया और बोला बाजी ऐसी बात नहीं है की मैं फरीदा को चोदना नहीं चाहता किसे नई चुत अच्छी नहीं लगती लेकिन मेरा दिल चाहता है की जैसे उस ने हमनें बदनाम करने और मरवाने की कोशिश की थी और अबू को बता दिया था तो अब अबू ही उस की चुत का रास्ता भी खोआलाइन [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मेरी बात सुन के बाजी भी सोच मैं पड़ गई और फिर हंसते हो बोली तो फिर लगता है के आज की रात मुझे अबू को अपने रूम मैं बुलाना पड़ेगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]क्यों के जुब फरीदा को पता चले गा के अबू बही इस मैं शामिल हैं तो वो ज़ाहिर है के अम्मी या की तरफ भागेगी उन्हें ब्ताने के लिए या फिर मेरी तरफ भागेगी चुवाने के लिए जिस से हमनें फरीदा को अबू से आसानी से छुड़वा सकते हैं[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन अगर फरीदा फिर भी तैयार नहीं होई इस सब के लिए तो फिर क्या करो गी तो बाजी हंस दी और बोली यार फिर आख़िरी रास्ता ये होगा की [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]उसे तुम्हारी और अम्मी की चुदाई भी दिखा दी जाए क्यों क जुब वो देखेगी क घर मैं सब चुदाई का मज़ा ले रहे हैं तो खुद ही छुड़वाने को मान जाए गी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं अब बाजी की बात ख़तम होते ही बोला यार बाजी तुम ये सब कहाँ बैठ के सोचती रही हो तो बाजी हँसती होई बोली मेरी जान बस तुम्हारे दिल मैं बैठना चाहती हूँ जिन्दी भर के लियी और कहीं नहीं[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं भी हंस दिया और बोला बाजी वाइज़ तो आप मेरे दिल मैं अपनी जगा इतनी पकई कर चुकी हो क कुछ भी हो जाए आप की जगा कोई नहीं चीन सकता[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात सुन के कुछ देर तक मेरी आँखों मैं देखती रही और फिर एक आहह भरते हो बोली विक्की मेरे भाई ये तो वक़्त आने पे ही पता चलेगा की किस के लिए दिल मैं जगा बचती है और किस के लिए नहीं [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अभी इन बातों का कोई फाइयदा नहीं क्यों की अभी इन बातों का टाइम नहीं आया और इतना बोल के बाजी उठी और अबू की तरफ चल दी और अबू के साथ काम मैं लग गई[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी के जाने के बाद मैं भी उठा और चारपाई पे जा के लेट गया और सो गया जुब आँख खुली तो शाम हो रही थी तो मैं उठा और नहा के अबू और बाजी के साथ घर की तरफ चल दिया[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]घर आ के वो ही डेली की रूटीन थी कुछ देर गुपैयन हांकने के बाद खाना खाया और सब लोग सोने के लिए अपने अपने रूम की तरफ चल दिए तो मैं भी अपने रूम मैं आ के बिस्तेर पे लेट गया और सोने की कोशिश क्लारने लगा लेकिन नींद नहीं आ रही थी क्यों की शाम को तो मैं सो के उठा था [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]खैर मैं आखेँ बंद किए लेटा हुआ था क अचानक मुझे याद आया क आज तो बाजी ने अबू को अपने रूम मैं बुलाया हो गा क्यों ना जा के उन दोनो की चुदाई को चुप के देखा जाए और एंजाय किया जाए[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अभी मैं उठा ही था बाजी के रूम की तरफ जाने के लिए क मैने देखा की अम्मी मेरे रूम मैं आ गई उस वक़्त अम्मी ने गुलाबी रंग का एक सूट पहना हुआ था जिस मैं वो बड़ी प्यारी लग रही थी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी रूम मैं ऐइ और दरवाजे लॉक कर दिया और मेरी तरफ मूडी और बोली क्या बात है आज मेरे शेर को नींद नहीं अभी तक तो मैने कहा अम्मी वो आज शाम तक सोता रहा ना इस लिए[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी... हन बेटा अब रात रात भर अपनी बड़ी बेहन की खिदमत करोगे तो नींद दिन मैं ही आया करेगी ना और वेसे भी तुम्हें अपनी अम्मी का ख्याल तो आता ही नहीं है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं... अरे नहीं अम्मी आप मोका ही नहीं देती तो भला मैं कैसे आप की खिदमत कर सकता हूँ[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी... मेरे पास आ के बैठ गई और बोली क्यों बेटा अब भी क्या मुझे ही खिदमत का मोका देना पड़ेगा तुम खुद से अपनी अम्मी की खिदमत नहीं काए सकते[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं... अम्मी दिल तो मेरा भी बौहत करता है आप की खिदमत को लेकिन डर लगता है की कहीं आप बुरा ना मान जाय इस लिए दोबारा आप के पास नहीं आया[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी... अरे मेरे भोले राजा बेटा मैं भला क्यों नाराज़ होने लगी अब तो मैं हर तरह से तुम्हारी हूँ जिस तरह दिल चाहे मेरी खिदमत किया करो और अपनी खिदमत करवा लिया करो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]तेरे अम्मी तेरे मोटे लंबे लंड की दीवानी हो गई है बिलकुल तारे बड़ी बहन की तरह....... तुने ही तो मुझे मज़े दिए है मेरे बेटे ..नहीं तो तेरे अब्बू तो बस...चोद के छोड देते थे ...[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी की तरफ से इतनी क्लियर बात सुन के मेरा लूँद जो के खड़ा हो चुका था झटके खाने लगा तो मैने अम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और अम्मी के लीपस पे अपने होन्ट रख दिए और किस करने लगा तो अम्मी ने भी मेरा सर पकड़ लिया और किस मैं मेरा साथ देने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अब हम दोनो मा बेटा बड़े प्यार से एक दोसरे को किस कर रहे थे की तभी मैने अपना एक हाथ अम्मी के बूबस पे रखा और हल्के से मसालने और दबाने लगा तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी भी अपनी ज़ुबान को मेरे मुह मैं घुसा के किस करने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]थोड़ी देर ये सब चलता रहा और उस के बाद हम दोनो एक दोसरे को छोड के एक दोसरे की आँखों मैं झाँकने लगे खामोशी से तो फिर[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने भी उसे बोल दिया की ठीक है जाओ जिसे बताना है बता दे तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]फरीदा मेरे पास से उठ के अम्मी के पास चली गई लेकिन अम्मी को कुछ बताया भी नहीं उस ने अभी तक अब देखते हैं क्या करती है अम्मी को बतती है या फिर हुमारे साथ शामिल होती है या फिर हमनें हुमारे हॉल पे छोटी है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी की बातें सुन के अबू ने सिरफ्र इतना ही कहा ठीक है देखते हैं क्या होता है और खामोशी से खाना खाया और उठ के चले गये तो बाजी ने कहा भाई तैयार हो ना फरीदा बरी आने वाली है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैने बाजी की बात सुन के सोच मैं पड़ गया और बोला नहीं बाजी मुझे फरीदा के साथ कोई इंटरेस्ट नहीं है पता नहीं क्यों फरीदा मेरे दिल से उतार चुकी है और मेरा उस के साथ करने का कोई इरादा भी नहीं है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली क्या मतलब तो क्या मैं यूँ ही फरीदा को सेट करती फिर रही हूँ क्यों क तुम तो बोल रहे हो क तुम फरीदा के साथ कुछ करना ही नहीं चाहते[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं बाजी की बात सुन के हंस दिया और बोला बाजी ऐसी बात नहीं है की मैं फरीदा को चोदना नहीं चाहता किसे नई चुत अच्छी नहीं लगती लेकिन मेरा दिल चाहता है की जैसे उस ने हमनें बदनाम करने और मरवाने की कोशिश की थी और अबू को बता दिया था तो अब अबू ही उस की चुत का रास्ता भी खोआलाइन [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मेरी बात सुन के बाजी भी सोच मैं पड़ गई और फिर हंसते हो बोली तो फिर लगता है के आज की रात मुझे अबू को अपने रूम मैं बुलाना पड़ेगा [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]क्यों के जुब फरीदा को पता चले गा के अबू बही इस मैं शामिल हैं तो वो ज़ाहिर है के अम्मी या की तरफ भागेगी उन्हें ब्ताने के लिए या फिर मेरी तरफ भागेगी चुवाने के लिए जिस से हमनें फरीदा को अबू से आसानी से छुड़वा सकते हैं[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]लेकिन अगर फरीदा फिर भी तैयार नहीं होई इस सब के लिए तो फिर क्या करो गी तो बाजी हंस दी और बोली यार फिर आख़िरी रास्ता ये होगा की [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]उसे तुम्हारी और अम्मी की चुदाई भी दिखा दी जाए क्यों क जुब वो देखेगी क घर मैं सब चुदाई का मज़ा ले रहे हैं तो खुद ही छुड़वाने को मान जाए गी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं अब बाजी की बात ख़तम होते ही बोला यार बाजी तुम ये सब कहाँ बैठ के सोचती रही हो तो बाजी हँसती होई बोली मेरी जान बस तुम्हारे दिल मैं बैठना चाहती हूँ जिन्दी भर के लियी और कहीं नहीं[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं भी हंस दिया और बोला बाजी वाइज़ तो आप मेरे दिल मैं अपनी जगा इतनी पकई कर चुकी हो क कुछ भी हो जाए आप की जगा कोई नहीं चीन सकता[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी मेरी बात सुन के कुछ देर तक मेरी आँखों मैं देखती रही और फिर एक आहह भरते हो बोली विक्की मेरे भाई ये तो वक़्त आने पे ही पता चलेगा की किस के लिए दिल मैं जगा बचती है और किस के लिए नहीं [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अभी इन बातों का कोई फाइयदा नहीं क्यों की अभी इन बातों का टाइम नहीं आया और इतना बोल के बाजी उठी और अबू की तरफ चल दी और अबू के साथ काम मैं लग गई[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]बाजी के जाने के बाद मैं भी उठा और चारपाई पे जा के लेट गया और सो गया जुब आँख खुली तो शाम हो रही थी तो मैं उठा और नहा के अबू और बाजी के साथ घर की तरफ चल दिया[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]घर आ के वो ही डेली की रूटीन थी कुछ देर गुपैयन हांकने के बाद खाना खाया और सब लोग सोने के लिए अपने अपने रूम की तरफ चल दिए तो मैं भी अपने रूम मैं आ के बिस्तेर पे लेट गया और सोने की कोशिश क्लारने लगा लेकिन नींद नहीं आ रही थी क्यों की शाम को तो मैं सो के उठा था [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]खैर मैं आखेँ बंद किए लेटा हुआ था क अचानक मुझे याद आया क आज तो बाजी ने अबू को अपने रूम मैं बुलाया हो गा क्यों ना जा के उन दोनो की चुदाई को चुप के देखा जाए और एंजाय किया जाए[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अभी मैं उठा ही था बाजी के रूम की तरफ जाने के लिए क मैने देखा की अम्मी मेरे रूम मैं आ गई उस वक़्त अम्मी ने गुलाबी रंग का एक सूट पहना हुआ था जिस मैं वो बड़ी प्यारी लग रही थी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी रूम मैं ऐइ और दरवाजे लॉक कर दिया और मेरी तरफ मूडी और बोली क्या बात है आज मेरे शेर को नींद नहीं अभी तक तो मैने कहा अम्मी वो आज शाम तक सोता रहा ना इस लिए[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी... हन बेटा अब रात रात भर अपनी बड़ी बेहन की खिदमत करोगे तो नींद दिन मैं ही आया करेगी ना और वेसे भी तुम्हें अपनी अम्मी का ख्याल तो आता ही नहीं है[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं... अरे नहीं अम्मी आप मोका ही नहीं देती तो भला मैं कैसे आप की खिदमत कर सकता हूँ[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी... मेरे पास आ के बैठ गई और बोली क्यों बेटा अब भी क्या मुझे ही खिदमत का मोका देना पड़ेगा तुम खुद से अपनी अम्मी की खिदमत नहीं काए सकते[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]मैं... अम्मी दिल तो मेरा भी बौहत करता है आप की खिदमत को लेकिन डर लगता है की कहीं आप बुरा ना मान जाय इस लिए दोबारा आप के पास नहीं आया[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी... अरे मेरे भोले राजा बेटा मैं भला क्यों नाराज़ होने लगी अब तो मैं हर तरह से तुम्हारी हूँ जिस तरह दिल चाहे मेरी खिदमत किया करो और अपनी खिदमत करवा लिया करो[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]तेरे अम्मी तेरे मोटे लंबे लंड की दीवानी हो गई है बिलकुल तारे बड़ी बहन की तरह....... तुने ही तो मुझे मज़े दिए है मेरे बेटे ..नहीं तो तेरे अब्बू तो बस...चोद के छोड देते थे ...[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी की तरफ से इतनी क्लियर बात सुन के मेरा लूँद जो के खड़ा हो चुका था झटके खाने लगा तो मैने अम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और अम्मी के लीपस पे अपने होन्ट रख दिए और किस करने लगा तो अम्मी ने भी मेरा सर पकड़ लिया और किस मैं मेरा साथ देने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अब हम दोनो मा बेटा बड़े प्यार से एक दोसरे को किस कर रहे थे की तभी मैने अपना एक हाथ अम्मी के बूबस पे रखा और हल्के से मसालने और दबाने लगा तो [/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]अम्मी भी अपनी ज़ुबान को मेरे मुह मैं घुसा के किस करने लगी[/font]
[font=Arial, Helvetica, sans-serif]थोड़ी देर ये सब चलता रहा और उस के बाद हम दोनो एक दोसरे को छोड के एक दोसरे की आँखों मैं झाँकने लगे खामोशी से तो फिर[/font]