desiaks
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“वीर जी जरा आराम से करो, आपके ऐसे करने से पूरे शरीर में खुजली सी मच उठती है.."
पिंकी ये सुनकर थोड़ा और आगे को जाती है। फिर चोरी से देखती है तो उसे पता चलता है की ये सुखजीत चाची हैं, जो की बिटू के साथ चिपकी होती हैं। ये सब देखकर वो हैरान रह जाती है क्योंकी उसे विश्वास नहीं होता है। और तभी वो देखती है की बिटू उसके चूचियों पर हाथ फेरता है और सुखजीत चाची की कमर पिंकी की तरफ होती है।
बिटू- वाह रे... तेरे इस जिश्म का मैं कब से दीवाना हूँ।
पिंकी ये सब देख रही होती है और उधर सुखजीत के होंठ बिटू के होंठों के बीच में होते हैं, और वो दोनों पागल हो रहे होते हैं।
पिंकी मन में- “सुखजीत चाची बड़ी ही चालू चीज निकली। अपने पति को छोड़कर बाहरी बबदों से मजे लेती हैं.."
उधर अब दोनों पागल हो रहे होते हैं, दोनों एक दूसरे के जिश्म को मसल रहे होते हैं। ये सब पिंकी देख रही होती है। और तो और अब दोनों ही पागलों की तरह लगे हुए होते हैं। उसके बाद ऐसे ही पिंकी उसको देख रही होती है। ये सब देखकर वो भी पागल हो रही होती है।
बिटू अब सुखजीत की पाजामी को नीचे करता है जिससे की वो पागल हो जाती है, और कहती है की ऐसे मत करो। पर तभी सुखजीत चाची उससे कहती है की मुझे पागल मत करो और बिटू अब उसकी पाजामी को नीचे करके उसकी चूत पर हाथ रख देता है। चूत पर हाथ रखते ही वो मचल उठती है और फिर वो बिटू का लण्ड पकड़कर ऊपर-नीचे करती है।
पिंकी भी ये सब देखकर अपनी चूत पर हाथ राख देती है। क्योंकी वो बहुत ही पागल हो रही होती है। उधर बिटू का पूरा लण्ड उसके हाथों में होता है और फिर उसके बाद ऐसे ही सुखजीत उससे कहती है की डाल दो। तब वो उंगली को डालता है और वो मचल उठती है। फिर वो उसे कहता है की अभी जब ये अंदर जाएगा तब मजा आएगा।
सुखजीत- “दे दो फिर ना प्लीज़्ज़...” कहकर सुखजीत अपने दोनों हाथों से अपने चूतरों को पकड़कर खोल देती है।
फिर बिटू अपना लण्ड उसकी चूत पर सेट करके एक धक्के से अपना लण्ड उसकी चूत में डाल देता है। और ठप-ठप की आवाज से वो सुखजीत को चोदने लगता है।
उधर पिंकी सुखजीत को इस तरह से चुदते हुए देखकर पूरी गरम और पागल हो जाती है। वो अपनी चूत पर अपना हाथ रखकर जोर-जोर से अपनी चूत को मसलने लगती है। वो अपनी चूत मसलने में इतनी मगन हो जाती है, की उसे ये पता नहीं होता की वो इस टाइम है कहां।
इतने में उसके पैर के नीच एक सुखी टहनी आ जाती है। जो उसके पैर के नीचे आने की वजह से टूट जाती है। और उसकी आवाज दूर तक जाती है, ये आवाज बिटू तक जाती है। जब बिटू ये आवाज सुनकर रुक जाता है, तो पिंकी गाण्ड फट जाती है। पिंकी झट से अपनी सलवार को बाँधकर वहां से भाग जाती है।
सुखजीत तभी एकदम से टूि का लण्ड अपनी चूत से निकालकर बोली- “हाए भाईजी, लगता है किसी ने हम दोनों को देख लिया है। अब पंगा जरूर पड़ेगा..."
बिटू- भाभी कुछ नहीं होता, वो एक कुत्ता था। तू लण्ड अंदर ले जल्दी।
सुखजीत- “यहाँ पंगा होने वाला है, और तुझे अंदर डालने की पड़ी है..” कहकर सुखजीत वहां से भाग जाती है, और जाकर चरणजीत के पास बैठ जाती है।
चरणजीत सुखजीत को देखकर स्माइल करती है और बोलती है- “क्या बात है बहनजी... आपकी लिपस्टिक का रंग फीका पड़ गया है, किससे चुसवा कर आए हो?"
सुखजीत- “उसी से जिसके साथ मोटर में पूरी रात बिगाई थी...” कहकर सुखजीत फिर से अपने पर्स से लिपस्टिक निकालकर लगा लेती है।
पिंकी अब अपनी दोस्तों के पास आ जाती है।
दोस्त- क्या बात है पिंकी, तू पेशाब करने गई थी, या कुछ और करने गई थी?
पिंकी- ओहह नहीं यार पेशाब तो मैंने कभी का कर लिया था। बस मम्मी ने एक काम बता दिया था। जिस वजह से थोड़ी लेट हो गई थी।
दोस्तों- चल कोई बात नहीं चल अब डान्स करते हैं।
पिंकी- “ठीक है...” फिर वो अपनी दोस्तों के साथ डान्स करने लगती है। डान्स करते-करते भी पिंकी ये ही सोच रही थी, की उसकी सुखजीत चाची कितनी बड़ी हरामी है। अपने पति के होते हुए भी किसी दूसरे मर्द से अपनी चूत मरवा रही थी। उसके दिमाग में अब ये बात घर कर गई थी।
पर साथ ही पिंकी की चूत में अब आग लगी थी। क्योंकी उसने अब एक लाइव चुदाई देख ली थी, पर उसकी चूत में कुछ गया नहीं था। अब वो लण्ड के लिए तरस रही थी।
फिर डान्स करते-करते गगन और उसके दोस्त भी आ गये। फिर सुखजीत चरणजीत सब मिलकर डान्स कर रहे थे। गगन सुखजीत का दीवाना हो गया था, इसलिए वो बार-बार सुखजीत को छूने की कोशिश कर रहा था। फिर एक डान्स स्टेप करते-करते उसने एक बार सुखजीत के चूतरों पर हाथ फेर ही दिया।
थोड़ी देर बाद पार्टी खतम हो गई, और सब अपने-अपने घर चले गये।
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पिंकी ये सुनकर थोड़ा और आगे को जाती है। फिर चोरी से देखती है तो उसे पता चलता है की ये सुखजीत चाची हैं, जो की बिटू के साथ चिपकी होती हैं। ये सब देखकर वो हैरान रह जाती है क्योंकी उसे विश्वास नहीं होता है। और तभी वो देखती है की बिटू उसके चूचियों पर हाथ फेरता है और सुखजीत चाची की कमर पिंकी की तरफ होती है।
बिटू- वाह रे... तेरे इस जिश्म का मैं कब से दीवाना हूँ।
पिंकी ये सब देख रही होती है और उधर सुखजीत के होंठ बिटू के होंठों के बीच में होते हैं, और वो दोनों पागल हो रहे होते हैं।
पिंकी मन में- “सुखजीत चाची बड़ी ही चालू चीज निकली। अपने पति को छोड़कर बाहरी बबदों से मजे लेती हैं.."
उधर अब दोनों पागल हो रहे होते हैं, दोनों एक दूसरे के जिश्म को मसल रहे होते हैं। ये सब पिंकी देख रही होती है। और तो और अब दोनों ही पागलों की तरह लगे हुए होते हैं। उसके बाद ऐसे ही पिंकी उसको देख रही होती है। ये सब देखकर वो भी पागल हो रही होती है।
बिटू अब सुखजीत की पाजामी को नीचे करता है जिससे की वो पागल हो जाती है, और कहती है की ऐसे मत करो। पर तभी सुखजीत चाची उससे कहती है की मुझे पागल मत करो और बिटू अब उसकी पाजामी को नीचे करके उसकी चूत पर हाथ रख देता है। चूत पर हाथ रखते ही वो मचल उठती है और फिर वो बिटू का लण्ड पकड़कर ऊपर-नीचे करती है।
पिंकी भी ये सब देखकर अपनी चूत पर हाथ राख देती है। क्योंकी वो बहुत ही पागल हो रही होती है। उधर बिटू का पूरा लण्ड उसके हाथों में होता है और फिर उसके बाद ऐसे ही सुखजीत उससे कहती है की डाल दो। तब वो उंगली को डालता है और वो मचल उठती है। फिर वो उसे कहता है की अभी जब ये अंदर जाएगा तब मजा आएगा।
सुखजीत- “दे दो फिर ना प्लीज़्ज़...” कहकर सुखजीत अपने दोनों हाथों से अपने चूतरों को पकड़कर खोल देती है।
फिर बिटू अपना लण्ड उसकी चूत पर सेट करके एक धक्के से अपना लण्ड उसकी चूत में डाल देता है। और ठप-ठप की आवाज से वो सुखजीत को चोदने लगता है।
उधर पिंकी सुखजीत को इस तरह से चुदते हुए देखकर पूरी गरम और पागल हो जाती है। वो अपनी चूत पर अपना हाथ रखकर जोर-जोर से अपनी चूत को मसलने लगती है। वो अपनी चूत मसलने में इतनी मगन हो जाती है, की उसे ये पता नहीं होता की वो इस टाइम है कहां।
इतने में उसके पैर के नीच एक सुखी टहनी आ जाती है। जो उसके पैर के नीचे आने की वजह से टूट जाती है। और उसकी आवाज दूर तक जाती है, ये आवाज बिटू तक जाती है। जब बिटू ये आवाज सुनकर रुक जाता है, तो पिंकी गाण्ड फट जाती है। पिंकी झट से अपनी सलवार को बाँधकर वहां से भाग जाती है।
सुखजीत तभी एकदम से टूि का लण्ड अपनी चूत से निकालकर बोली- “हाए भाईजी, लगता है किसी ने हम दोनों को देख लिया है। अब पंगा जरूर पड़ेगा..."
बिटू- भाभी कुछ नहीं होता, वो एक कुत्ता था। तू लण्ड अंदर ले जल्दी।
सुखजीत- “यहाँ पंगा होने वाला है, और तुझे अंदर डालने की पड़ी है..” कहकर सुखजीत वहां से भाग जाती है, और जाकर चरणजीत के पास बैठ जाती है।
चरणजीत सुखजीत को देखकर स्माइल करती है और बोलती है- “क्या बात है बहनजी... आपकी लिपस्टिक का रंग फीका पड़ गया है, किससे चुसवा कर आए हो?"
सुखजीत- “उसी से जिसके साथ मोटर में पूरी रात बिगाई थी...” कहकर सुखजीत फिर से अपने पर्स से लिपस्टिक निकालकर लगा लेती है।
पिंकी अब अपनी दोस्तों के पास आ जाती है।
दोस्त- क्या बात है पिंकी, तू पेशाब करने गई थी, या कुछ और करने गई थी?
पिंकी- ओहह नहीं यार पेशाब तो मैंने कभी का कर लिया था। बस मम्मी ने एक काम बता दिया था। जिस वजह से थोड़ी लेट हो गई थी।
दोस्तों- चल कोई बात नहीं चल अब डान्स करते हैं।
पिंकी- “ठीक है...” फिर वो अपनी दोस्तों के साथ डान्स करने लगती है। डान्स करते-करते भी पिंकी ये ही सोच रही थी, की उसकी सुखजीत चाची कितनी बड़ी हरामी है। अपने पति के होते हुए भी किसी दूसरे मर्द से अपनी चूत मरवा रही थी। उसके दिमाग में अब ये बात घर कर गई थी।
पर साथ ही पिंकी की चूत में अब आग लगी थी। क्योंकी उसने अब एक लाइव चुदाई देख ली थी, पर उसकी चूत में कुछ गया नहीं था। अब वो लण्ड के लिए तरस रही थी।
फिर डान्स करते-करते गगन और उसके दोस्त भी आ गये। फिर सुखजीत चरणजीत सब मिलकर डान्स कर रहे थे। गगन सुखजीत का दीवाना हो गया था, इसलिए वो बार-बार सुखजीत को छूने की कोशिश कर रहा था। फिर एक डान्स स्टेप करते-करते उसने एक बार सुखजीत के चूतरों पर हाथ फेर ही दिया।
थोड़ी देर बाद पार्टी खतम हो गई, और सब अपने-अपने घर चले गये।
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