hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
सोनाली तुरंत सोफे पर से खड़ी हो गयी और अपनी चूत पर हाथ रख
लिया जिससे मेरा वीर्य उसकी चूत से चूह कर नीचे कार्पेट पर ना गिर
पड़े.
वो सीधे बाथरूम मे गयी और टाय्लेट पर बैठ गयी. मुझे उसके
पेशाब करने की आवाज़ सुनाई दे रही थी.
उसने दरवाज़ा खुला रखा था जिससे मुझे सब दिखाई दे रहा था. वो
पेशाब करती हुई बड़ी अच्छी लग रही थी.
"सॉरी डार्लिंग मुझे जोरों से पेशाब आ रही थी." सोनाली ने दो
टिश्यू पेपर उठा अपनी चूत पौन्छ्ते हुए कहा.
"तुम्हे ये सब बताने के पीछे दो कारण है." सोनाली ने टाय्लेट की
फ्लश खींची और वापस लिविंग रूम मे आ गयी. वो सोफे पर आकर
मेरे बगल में बैठ गयी और अपनी सिर मेरी छाती पे रख मेरी
आँखों मे देखने लगी.
"बताओ मुझे तुमने ऐसा क्यों सोचा?" मैने फिर से सोनाली से पूछा.
"ठीक है बताती हूँ. पहली बात मुझे ऐसा लगा कि हमारा प्यार
इतना मजबूत हो गया है कि मेरी बात सुन तुम मुझे माफ़ कर दोगे,
एक बार तो मैने सोचा की तुम्हे नही बताऊ पर मुझे विश्वास सा था
कि तुम मुझे ज़रूर समझ लोगे." में मुस्कुराया मुझे उसके
आत्मविश्वास पर गर्व सा हो गया.
"और दूसरी और सबसे बड़ी बात, मुझे ऐसा लगने लगा कि तुम्हे पता
चल जाएगा इससे बेहतर है कि में ही तुम्हे बता दूं. उस रात
प्रियंका ने मुझे और विजय को चुदाई करते हुए देख लिया था.
शायद में और विजय इतनी ज़ोर से सिसक रहे थे कि अपने कमरे में
जाते हुए उसने हमारे आवाज़ें सुन ली होगी."
"तुम्हे तो पता ही है कि उसका कमरा मेरे कमरे के बगल में है.
उसने विजय को मुझे चोद्ते और मेरी चूत की फोटो खींचते हुए भी
देख लिया था." सोनाली ने बताया.
"फिर क्या हुआ?"
सोनाली ने मेरे होठों को चूमते हुए कहा, "वो कुतिया ये सब देखने
के बाद एक दम अंजान बनी रही जैसे उसे कुछ पता ही ना हो. उस दिन
के बाद में विजय से दूर रहने लगी, में नही चाहती थी कि ये सब
दुबारा हम दोनो के बीच हो."
में सोनाली के निपल से खेलने लगा. मैने देखा कि वो गर्माती जा
रही थी, उसके निपल तन कर खड़े हो चुके थे.
"तीन दिन पहले वो मेरे पास आई और मुझसे कहा कि उसे पता है कि
मेरे और विजय के बीच क्या हुआ था. उसने मुझे धमकी दी कि वो
सबकुछ तुम्हे बता देगी अगर मैने उसके लिए कुछ नही किया तो."
सोनाली ने कहा.
"इसका मतलब है कि उसने तुम्हे ब्लॅकमेल किया."
"हां कुतिया छिनाल साली." "ओह राज कितना अच्छा लग रहा है,
ज़रा ज़ोर से मेरे निप्प्प्ल को दबाओ ना."
में उसके निपल को जोरों से भींचने लगा. मैने अपना हाथ नीचे
बढ़ाया और उसकी चूत से खेलने लगा.
"वो तुमसे क्या करवाना चाहती थी?" मैने पूछा.
सोनाली मुझे बताने लगी कि किस तरह प्रियंका ने उसे फँसाया था.
सोनाली बाथरूम मे स्नान कर रही थी उसी वक्त प्रियंका बाथरूम मे
आ गयी, उसने दरवाज़ा खटखटाने की ज़रूरत नही समझी.
"प्रियंका तुम यहाँ क्या कर रही हो? देख नही सकती के में स्नान कर
रही हूँ." सोनाली गुस्सा करते हुए बोली.
"तो क्या हुआ, मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है." प्रियंका ने
कहा.
प्रियंका अपनी बेहन सोनाली के सुंदर बदन को घुरे जा रही थी.
उसे जलन और नफ़रत थी अपनी बेहन की सुंदरता और उसकी प्यारी
चुचियों से. ऐसा नही था कि प्रियंका बदसूरत थी, पर बहुत
सुंदर भी नही थी.
प्रियंका को जलन थी सोनाली के तीखे नाक नक्श से, उसे चिढ़ थी
उसके दोस्तों से जो वो अपने साथ घर लेकर आती थी. प्रियंका कभी
अपने किसी दोस्त को घर नही लाती थी.
"तुम राकेश को तो जानती हो ना?" प्रियंका ने पूछा.
लिया जिससे मेरा वीर्य उसकी चूत से चूह कर नीचे कार्पेट पर ना गिर
पड़े.
वो सीधे बाथरूम मे गयी और टाय्लेट पर बैठ गयी. मुझे उसके
पेशाब करने की आवाज़ सुनाई दे रही थी.
उसने दरवाज़ा खुला रखा था जिससे मुझे सब दिखाई दे रहा था. वो
पेशाब करती हुई बड़ी अच्छी लग रही थी.
"सॉरी डार्लिंग मुझे जोरों से पेशाब आ रही थी." सोनाली ने दो
टिश्यू पेपर उठा अपनी चूत पौन्छ्ते हुए कहा.
"तुम्हे ये सब बताने के पीछे दो कारण है." सोनाली ने टाय्लेट की
फ्लश खींची और वापस लिविंग रूम मे आ गयी. वो सोफे पर आकर
मेरे बगल में बैठ गयी और अपनी सिर मेरी छाती पे रख मेरी
आँखों मे देखने लगी.
"बताओ मुझे तुमने ऐसा क्यों सोचा?" मैने फिर से सोनाली से पूछा.
"ठीक है बताती हूँ. पहली बात मुझे ऐसा लगा कि हमारा प्यार
इतना मजबूत हो गया है कि मेरी बात सुन तुम मुझे माफ़ कर दोगे,
एक बार तो मैने सोचा की तुम्हे नही बताऊ पर मुझे विश्वास सा था
कि तुम मुझे ज़रूर समझ लोगे." में मुस्कुराया मुझे उसके
आत्मविश्वास पर गर्व सा हो गया.
"और दूसरी और सबसे बड़ी बात, मुझे ऐसा लगने लगा कि तुम्हे पता
चल जाएगा इससे बेहतर है कि में ही तुम्हे बता दूं. उस रात
प्रियंका ने मुझे और विजय को चुदाई करते हुए देख लिया था.
शायद में और विजय इतनी ज़ोर से सिसक रहे थे कि अपने कमरे में
जाते हुए उसने हमारे आवाज़ें सुन ली होगी."
"तुम्हे तो पता ही है कि उसका कमरा मेरे कमरे के बगल में है.
उसने विजय को मुझे चोद्ते और मेरी चूत की फोटो खींचते हुए भी
देख लिया था." सोनाली ने बताया.
"फिर क्या हुआ?"
सोनाली ने मेरे होठों को चूमते हुए कहा, "वो कुतिया ये सब देखने
के बाद एक दम अंजान बनी रही जैसे उसे कुछ पता ही ना हो. उस दिन
के बाद में विजय से दूर रहने लगी, में नही चाहती थी कि ये सब
दुबारा हम दोनो के बीच हो."
में सोनाली के निपल से खेलने लगा. मैने देखा कि वो गर्माती जा
रही थी, उसके निपल तन कर खड़े हो चुके थे.
"तीन दिन पहले वो मेरे पास आई और मुझसे कहा कि उसे पता है कि
मेरे और विजय के बीच क्या हुआ था. उसने मुझे धमकी दी कि वो
सबकुछ तुम्हे बता देगी अगर मैने उसके लिए कुछ नही किया तो."
सोनाली ने कहा.
"इसका मतलब है कि उसने तुम्हे ब्लॅकमेल किया."
"हां कुतिया छिनाल साली." "ओह राज कितना अच्छा लग रहा है,
ज़रा ज़ोर से मेरे निप्प्प्ल को दबाओ ना."
में उसके निपल को जोरों से भींचने लगा. मैने अपना हाथ नीचे
बढ़ाया और उसकी चूत से खेलने लगा.
"वो तुमसे क्या करवाना चाहती थी?" मैने पूछा.
सोनाली मुझे बताने लगी कि किस तरह प्रियंका ने उसे फँसाया था.
सोनाली बाथरूम मे स्नान कर रही थी उसी वक्त प्रियंका बाथरूम मे
आ गयी, उसने दरवाज़ा खटखटाने की ज़रूरत नही समझी.
"प्रियंका तुम यहाँ क्या कर रही हो? देख नही सकती के में स्नान कर
रही हूँ." सोनाली गुस्सा करते हुए बोली.
"तो क्या हुआ, मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है." प्रियंका ने
कहा.
प्रियंका अपनी बेहन सोनाली के सुंदर बदन को घुरे जा रही थी.
उसे जलन और नफ़रत थी अपनी बेहन की सुंदरता और उसकी प्यारी
चुचियों से. ऐसा नही था कि प्रियंका बदसूरत थी, पर बहुत
सुंदर भी नही थी.
प्रियंका को जलन थी सोनाली के तीखे नाक नक्श से, उसे चिढ़ थी
उसके दोस्तों से जो वो अपने साथ घर लेकर आती थी. प्रियंका कभी
अपने किसी दोस्त को घर नही लाती थी.
"तुम राकेश को तो जानती हो ना?" प्रियंका ने पूछा.