desiaks
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#56
“ प्लीज़ सर …….अगर आपको ग़लत लगे तो मुझे बोल दीजिएगा …….” उसने कहा …..और फिर कुछ सेकेंड्स से लिए चुप हो गया ….और फिर आगे बोलना शुरू किया ….” सर ………..यह जो न….नेहा जी हैं ना ……….इनके बारे में कुछ बात करनी है आ… आपसे …………” उसकी आवाज़ अब लड़खड़ाने लगी थी ….
मैं चौंक गया था ……पर अपने चेहरे से जाहिर नही होने दिया ….उसके और थोड़ा नज़दीक आकर , मैने पूछा ………” क्या बात करनी है
करण ………सॉफ सॉफ बोलो ……..”
“ सर ………म..मुझे नही मालूम की आप लोगो की दोस्ती किस ह…हद तक है ………..बस मुझे ऐसा लगता है कि …….आ.आ…आप और नेहा जी काफ़ी गहरे..दोस्त हैं ………..पर जाने क्यों म..मुझे ऐसा भी लगता है कि , नेहा जी अच्छि लड़की नही हैं………………” वो
जैसे फूस-फुसाता हुआ सा बोल रहा था ……..
“ क्या कहना चाह रहे हो करण …………? “ मैने थोड़ी तेज़ आवाज़ में बोला …..
“ सर ………मैने प…प….पहले ही कहा था कि आप प्लीज़ बुरा मत मानीएगा …. “ वो मेरे चेहरे को देखता हुआ बोला …….
मैने कहा “ नही मैं नाराज़ नही हो रहा हूँ करण……….पर बिना किसी वजह के तुम किसी लड़की के बारे में कैसे कुछ बोल सकते हो ………जल्दी से पूरी बात समझाओ “
“ मुझे लगता है कि नेहा जी अच्छि लड़की नही हैं सर ……………शादी शुदा होते हुए भी वो दूसरे आदमियों के साथ कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ रहती हैं ……….” उसने कहा तो मैं फिर से चौंक गया ……..” दूसरे आदमी ?………….मतलब कौन ? “
“श….शरद सर …………..मैने नेहा जी को उनके कॅबिन में , उनके साथ बहुत नज़दीक होकर बात करते हुए देखा है सर ……क…क….कयि बार तो इतना क्लोज़, जितना आम तौर पर नही होना चाहिए…………..म..म..मुझे लगता है सर, कोई ना कोई बात ज़रूर है
……………” वो टेबल पर दोनो हाथ रख कर , बिल्कुल फुसफुसाता हुआ बोल रहा था……….और उसकी आख़िरी बात ने मुझे फिर से एक और झटका दिया था ……………
“ हो सकता है तुम्हे कोई ग़लत-फहमी हुई हो करण …………..? “ मैं अपनी जगह पर सीधा बैठ गया…..और ऐसे शो किया जैसे मुझे
उसकी बात से कोई फरक ही ना पड़ा हो ………….
“ मे बी !!.............श..श...शायद यह मेरी ग…ग़लत फहमी ही हुई हो सर……………..पर यह कोई एक बार की बात नही है सर..........बहुत बार ऐसा हो चुका है , कि मैं शरद सर के कमरे में गया और ...न...नेहा जी मुझे वहाँ मिली ..............और हर बार वो द..दोनो , आ...अकेले ही होते हैं जो मुझे लगा मैने आपको बता दिया……..आख़िर वो आपकी भी तो द…दो…दोस्त हैं…… ” करण ने मेरी तरफ
देखते हुए जवाब दिया ………उसकी आँखें हमेशा की तरह भाव-शून्य थी ……………..फिर वो अपनी ड्रिंक धीरे धीरे सीप करने लगा …….
मैं कुछ देर ऐसे ही बैठा हुआ सोचता रहा ......फिर एक ही घूंठ में अपना गिलास खाली किया और वेटर को बिल लाने की लिए बोला
………..5 मिनिट बाद ही हम दोनो फिर से साइट की तरफ जा रहे थे ………..करण खिड़की से बाहर देख रहा था ……….शायद ठंडी हवा का असर था, जो अब वो पहले से ठीक लग रहा था …….हम दोनो ही बिल्कुल चुप-चाप थे ……….पर मेरे अंदर ना जाने कितने सवाल अब घूमने लगे थे ……….
“ प्लीज़ सर …….अगर आपको ग़लत लगे तो मुझे बोल दीजिएगा …….” उसने कहा …..और फिर कुछ सेकेंड्स से लिए चुप हो गया ….और फिर आगे बोलना शुरू किया ….” सर ………..यह जो न….नेहा जी हैं ना ……….इनके बारे में कुछ बात करनी है आ… आपसे …………” उसकी आवाज़ अब लड़खड़ाने लगी थी ….
मैं चौंक गया था ……पर अपने चेहरे से जाहिर नही होने दिया ….उसके और थोड़ा नज़दीक आकर , मैने पूछा ………” क्या बात करनी है
करण ………सॉफ सॉफ बोलो ……..”
“ सर ………म..मुझे नही मालूम की आप लोगो की दोस्ती किस ह…हद तक है ………..बस मुझे ऐसा लगता है कि …….आ.आ…आप और नेहा जी काफ़ी गहरे..दोस्त हैं ………..पर जाने क्यों म..मुझे ऐसा भी लगता है कि , नेहा जी अच्छि लड़की नही हैं………………” वो
जैसे फूस-फुसाता हुआ सा बोल रहा था ……..
“ क्या कहना चाह रहे हो करण …………? “ मैने थोड़ी तेज़ आवाज़ में बोला …..
“ सर ………मैने प…प….पहले ही कहा था कि आप प्लीज़ बुरा मत मानीएगा …. “ वो मेरे चेहरे को देखता हुआ बोला …….
मैने कहा “ नही मैं नाराज़ नही हो रहा हूँ करण……….पर बिना किसी वजह के तुम किसी लड़की के बारे में कैसे कुछ बोल सकते हो ………जल्दी से पूरी बात समझाओ “
“ मुझे लगता है कि नेहा जी अच्छि लड़की नही हैं सर ……………शादी शुदा होते हुए भी वो दूसरे आदमियों के साथ कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ रहती हैं ……….” उसने कहा तो मैं फिर से चौंक गया ……..” दूसरे आदमी ?………….मतलब कौन ? “
“श….शरद सर …………..मैने नेहा जी को उनके कॅबिन में , उनके साथ बहुत नज़दीक होकर बात करते हुए देखा है सर ……क…क….कयि बार तो इतना क्लोज़, जितना आम तौर पर नही होना चाहिए…………..म..म..मुझे लगता है सर, कोई ना कोई बात ज़रूर है
……………” वो टेबल पर दोनो हाथ रख कर , बिल्कुल फुसफुसाता हुआ बोल रहा था……….और उसकी आख़िरी बात ने मुझे फिर से एक और झटका दिया था ……………
“ हो सकता है तुम्हे कोई ग़लत-फहमी हुई हो करण …………..? “ मैं अपनी जगह पर सीधा बैठ गया…..और ऐसे शो किया जैसे मुझे
उसकी बात से कोई फरक ही ना पड़ा हो ………….
“ मे बी !!.............श..श...शायद यह मेरी ग…ग़लत फहमी ही हुई हो सर……………..पर यह कोई एक बार की बात नही है सर..........बहुत बार ऐसा हो चुका है , कि मैं शरद सर के कमरे में गया और ...न...नेहा जी मुझे वहाँ मिली ..............और हर बार वो द..दोनो , आ...अकेले ही होते हैं जो मुझे लगा मैने आपको बता दिया……..आख़िर वो आपकी भी तो द…दो…दोस्त हैं…… ” करण ने मेरी तरफ
देखते हुए जवाब दिया ………उसकी आँखें हमेशा की तरह भाव-शून्य थी ……………..फिर वो अपनी ड्रिंक धीरे धीरे सीप करने लगा …….
मैं कुछ देर ऐसे ही बैठा हुआ सोचता रहा ......फिर एक ही घूंठ में अपना गिलास खाली किया और वेटर को बिल लाने की लिए बोला
………..5 मिनिट बाद ही हम दोनो फिर से साइट की तरफ जा रहे थे ………..करण खिड़की से बाहर देख रहा था ……….शायद ठंडी हवा का असर था, जो अब वो पहले से ठीक लग रहा था …….हम दोनो ही बिल्कुल चुप-चाप थे ……….पर मेरे अंदर ना जाने कितने सवाल अब घूमने लगे थे ……….