hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
नीलू बहुत मुस्कुरा मुस्कुरा कर आईस्क्रीम को चाटने का लूत्फ उठा रही थी। राहुल को भी मजा आने लगा राहुल भी जीभ को इधर-उधर आइसक्रीम पर फेर कर आनंद ले रहा था। तभी नीलू ने अपनी जीभ को थोड़ा सा आगे बढ़ाई और जीभ के नोक को राहुल की जीभ से स्पर्श करने लगी।जैसे ही नीलू की जीभ राहुल की जीभ से स्पर्श हुई राहुल का पूरा बदन एक अजीब से रोमांच से गनगना गया। राहुल अपनी जीभ को बस ऐसे ही कौन पर चिपकाए रहा और नीलू राहुल की जीभ से जीभ को सटाते हुए उसकी जीभ को चाटने लगी। राहुल की सांसे तेज चलने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है लेकिन राहुल को भी मजा आने लगा था क्योंकि उसके बदन में एक अजीब सी हलचल मची हुई
थी। एक अजीब से सुख का अहसास राहुल के बदन में दौड़ने लगा था। नीलू तो देश-दुनिया से बेखबर होकर उसकी जीभ को अपनी जीभ से चाटने लगी थी थोड़ी ही देर में कौन को हटाकर नीलू जीभ से जीभ की जगह अपने होठों को राहुल के होठों पर चिपका दी। अपने होंठ पर नीलू के होठों का स्पर्श पाते ही राहुल के तो होश उड़ गए उसके बदन में जैसे करंट दौड़ने लग गया हो।
नीलू आइसक्रीम को छोड़कर राहुल के होटो को चूसना शुरू कर दी। राहुल की आंखें बंद हो चली थी गर्म गर्म सांसे नथुनों से निकलकर नीलू के गालों पर टकरा रही थे जिससे नीलु का जोश और ज्यादा बढ़ने लगा था।
राहुल की होठचुसाई में नीलू इतनी मग्न हो गई थी की उसके हाथ से आइसक्रीम कब छूट गई उसे पता ही नहीं चला। धीरे से नीलू ने अपनी एक हथेली को राहुल के सर के पीछे टेक दी और बालों में अपनी उंगलियों को उलझाने लगी। राहुल का दिल जोरों से धड़क रहा था उसका लंड एकदम से टनटना कर खड़ा हो गया।
राहुल को क्या करना है यह राहुल को बिल्कुल भी पता नहीं था वह तो बस स्थिर होकर बैठा था बाकी का सारा काम नीलु ही कर रही थी उसको होठो को चूसते चूसते अपने जीभ को एकदम से राहुल के मुंह में प्रवेश करा दी। राहुल के लिए सब पहली बार था इसलिए मारे उत्तेजना के उसकी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी। इतनी ज्यादा तेज की ऐसा लग रहा था की उसकी सांसे उखड़ रही है।
नीलू तो एक हाथ उसके सिर पर रख कर उसके बालो को सहलाते हुए अपनी जीभ को राहुल के मुंह में डालकर राहुल की जीभ को चाट रही थी। थोड़ी ही देर में राहुल भी अपनी जीभ को हल्के हल्के से नीलू की जीभ पर घिसने लगा। नीलू की भी सांसे तेज चलने लगी थी उसने इस तरह की किस बहुत बार की थी लेकिन जो मजा आज राहुल के साथ आ रहा था ऐसा मज़ा उसे कभी भी नहीं आया। नीलू राहुल को एकदम स्मूच देने लगी राहुल गनगना जा रहा था।
नीलू इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी की उसने राहुल के बाल को अपनी मुट्ठी में कसते हुए राहुल के होठो को अपने होठो से कस के चिपका ली और उसके होठों को चूसने लगी नीलू ने राहुल के होठो को ईतने कस के अपने मुंह में भर के चूस रही थी कि राहुल को सांस लेने में तकलीफ होने लगी उसकी सांसे रुँधने लगी।
नीलू को तो बहुत मजा आ रहा था लेकिन राहुल की तकलीफ बढ़ते जा रही थी उससे अब ज्यादा देर सांस रोक पाना मुश्किल था और नीलू थी की उसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। ना चाहते हुए भी राहुल अपने होठ को नीलू के होठों पर जबरदस्ती खींचकर अलग किया। नीलू के होठों के चंगुल से अपने होठों को आजाद कर के राहुल जोर-जोर से हँफने लगा वही हाल नीलू का भी था वह भी जोर जोर से सांस अंदर बाहर कर रहे थी।
दोनों हाँफते हुए एक दूसरे को देखने लगे देखते ही देखते नीलू मुस्कुराने लगीऔर नीलू को मुस्कुराता हुआ देखकर राहुल भी मुस्कुरा दिया। दोनो एक दूसरे को देख कर हंसे जा रहे थे।
नीचे गिरी आइसक्रीम कौन पिघलकर पानी-पानी हो गई थी उस पर नीलू की नजर पड़ी तो उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर गई क्योंकि उसे तुरंत ख्याल आया कि जिस तरह से यो आइस क्रीम कौन गर्मी से पिघल कर पानी पानी हो गई है उसी तरह उसके जिस्म की गर्मी भी उसे पिघलाकर पानी पानी कर रही है जिससे उसकी पेंटी भी गीली हो चुकी थी।
राहुल के लिए यह पहला अनुभव था लड़की के संसर्ग में आज पहली बार उसने चुंबन का सुख लिया था। और इस चुंबन ने उसके पूरे बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ा दिया था। उसका रोम रोम पुलकित हो चूका था। जो सुख नीलू ने आज उसे दि थी इस दुख को वह शब्दों में बयान नहीं कर सकता था। नीलू राहुल की तरफ ही घूरे जा रही थी। जब उसकी नजर पेंट में बने तंबू पर गई
तंबू का उभार देखकर उसकी बुर फुदकनेे लगी। राहुल को जब उसकी नजरों का नीसाना कहां है इस बारे में पता चला तो वह शर्माकर अपनी हथेली से अपने पैंट के आगे का भाग ढँक लिया।और नीलु राहुल की ईस हरकत को देख कर उसकी मासूमियत पर मुस्कुरा दी पर मुस्कुराते हुए बोली।
नीलु; ओह राहुल आज तुम्हें किस करने में मुझे इतना आनंद आया है कि पूछो मत मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि मैं कितना खुश हूं। क्या राहुल तुम्हें भी उतना ही मजा आया जितना कि मुझे।
( नीरु के इस सवाल पर राहुल शर्मा गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे कैसे कहे। लेकिन वह जानता था कि जवाब तो देना ही पड़ेगा नीलू उसे एसे छोड़ने वाली नहीं थी इस लिए वह सिर्फ हां मैं सिर हिला दिया। लेकिन तभी नीलू उसे बीच में टोकते हुए बोली।)
नीलु; ऐसे नहीं राहुल बोल कर बताओ कि तुम्हे मजा आया कि नहीं? ( राहुल जानता था कि नीलु ऐसे पीछा छोड़ेगी नहीं उसे बोलना ही पड़ेगा। इसलिए वह बोला)
राहुल; ( शरमाते हुए) हां मुझे भी बहुत मजा आया।
( राहुल का जवाब सुनकर नीलू बहुत प्रसन्न हुई क्योंकि वह समझ गई थी कि राहुल भी लाइन पर आने लगा है उसे भी लड़कियों से मिलने वाले सुख का मजा अच्छा लगने लगा है।)
नीलु; अच्छा एक बात बताओ राहुल क्या तुमने कभी किसी लड़की को इस तरह से किस किया है या किसी लड़की ने तुम्हें इस तरह से कीस की है?
( राहुल क्या कहता वो तो आज तक किसी भी लड़की के इतने करीब ना गया था ना किसी लड़की को अपने ईतने करीब आने दिया था आज यह पहली बार ही था। इसलिए वह बोला।)
राहुल; नहीं ऐसा मेरे साथ कभी भी नहीं हुआ।
( राहुल का जवाब सुनकर नीलू बहुत खुश हुई और मन ही मन में सोची कि वास्तव में राहुल शत-प्रतिशत वर्जिन है। वो भी मन ही मन मे प्रसन्न हो रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। वह आगे के प्लान के बारे में सोचने लगी वह राहुल को ज्यादा उत्तेजित कर देना चाहती थी ताकि वह खुद नीलू को पाने के लिए बेताब हो जाए उसकी तड़प इतनी बढ़ जाये कि वह खुद नीलू के बगैर एक पल भी ना रह पाए।
नीलू के दिमाग में राहुल को और भी ज्यादा उत्तेजित करने का प्लान बन चुका था और वह उसी प्लान के तहत काम करते हुए अपना अगला कदम बढ़ा रही थी।
पार्क में बैठे बैठे दोनों को काफी समय बीत चुका था। शाम ढलना शुरु हो चुका था । नीलू भी अपनी अगली चाल फेंकते हुए बोली।
नीलु; राहुल अब काफी समय हो चुका है अब हमें चलना चाहिए हम दोनों ने यहां काफी समय गुजार लिए।
( नीलु की बात सुनकर राहुल बेमन से बोला।)
राहुल; हाँ हाँ क्यों नही। सच मे काफी समय हो गया है।( राहुल का मन नहीं कर रहा था यहाँ से जाने का लेकिन क्या करता जाना तो पड़ता ही इसलिए वह बेंच पर से खड़ा हो गया। राहुल को खड़ा होता देख नीलू भी
अपना पर्स उठाते हुए खड़ी हो गई। और कैसे अपने प्लान को अंजाम दे उस बारे में सोचते हुए पार्क के चारों तरफ अपनी नजर दौड़ाने लगी। नीलु अपना मुंह ऐसे बनाने लगी जैसे कि उसे दर्द हो रहा है। नीलू का बिगड़ा हुआ मुंह देखकर परेशान होता हुआ राहुल बोला।
राहुल; क्या हुआ नीलू कुछ तकलीफ है क्या।
( नीलू अभी भी पार्क के चारो तरफ अपनी नजर दौड़ाई जा रहे थी। और ऐसे ही राहुल की तरफ देखें बिना ही बोली।)
नीलु: कैसे बताऊं तुम्हें तकलीफ ही एैसी है की तुम्हे बता भी नहीं सकती। (अपने पेट पर हाथ रखते हुए) क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
( नीलू की परेशानी राहुल से सही नहीं जा रही थी राहुल भी बहुत परेशान हो रहा था कि आखिरकार ऐसी क्या तकलीफ है कि नीलु उसे बता नहीं सकती। फिर भी राहुल जोर देकर नीलू से पूछा)
राहुल : नीलू आखिर ऐसी कौन सी तकलीफ है कि तुम मुझे नहीं बता रही हो। बताओगीे नहीं तो पता कैसे चलेगा।
थी। एक अजीब से सुख का अहसास राहुल के बदन में दौड़ने लगा था। नीलू तो देश-दुनिया से बेखबर होकर उसकी जीभ को अपनी जीभ से चाटने लगी थी थोड़ी ही देर में कौन को हटाकर नीलू जीभ से जीभ की जगह अपने होठों को राहुल के होठों पर चिपका दी। अपने होंठ पर नीलू के होठों का स्पर्श पाते ही राहुल के तो होश उड़ गए उसके बदन में जैसे करंट दौड़ने लग गया हो।
नीलू आइसक्रीम को छोड़कर राहुल के होटो को चूसना शुरू कर दी। राहुल की आंखें बंद हो चली थी गर्म गर्म सांसे नथुनों से निकलकर नीलू के गालों पर टकरा रही थे जिससे नीलु का जोश और ज्यादा बढ़ने लगा था।
राहुल की होठचुसाई में नीलू इतनी मग्न हो गई थी की उसके हाथ से आइसक्रीम कब छूट गई उसे पता ही नहीं चला। धीरे से नीलू ने अपनी एक हथेली को राहुल के सर के पीछे टेक दी और बालों में अपनी उंगलियों को उलझाने लगी। राहुल का दिल जोरों से धड़क रहा था उसका लंड एकदम से टनटना कर खड़ा हो गया।
राहुल को क्या करना है यह राहुल को बिल्कुल भी पता नहीं था वह तो बस स्थिर होकर बैठा था बाकी का सारा काम नीलु ही कर रही थी उसको होठो को चूसते चूसते अपने जीभ को एकदम से राहुल के मुंह में प्रवेश करा दी। राहुल के लिए सब पहली बार था इसलिए मारे उत्तेजना के उसकी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी। इतनी ज्यादा तेज की ऐसा लग रहा था की उसकी सांसे उखड़ रही है।
नीलू तो एक हाथ उसके सिर पर रख कर उसके बालो को सहलाते हुए अपनी जीभ को राहुल के मुंह में डालकर राहुल की जीभ को चाट रही थी। थोड़ी ही देर में राहुल भी अपनी जीभ को हल्के हल्के से नीलू की जीभ पर घिसने लगा। नीलू की भी सांसे तेज चलने लगी थी उसने इस तरह की किस बहुत बार की थी लेकिन जो मजा आज राहुल के साथ आ रहा था ऐसा मज़ा उसे कभी भी नहीं आया। नीलू राहुल को एकदम स्मूच देने लगी राहुल गनगना जा रहा था।
नीलू इतनी ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी की उसने राहुल के बाल को अपनी मुट्ठी में कसते हुए राहुल के होठो को अपने होठो से कस के चिपका ली और उसके होठों को चूसने लगी नीलू ने राहुल के होठो को ईतने कस के अपने मुंह में भर के चूस रही थी कि राहुल को सांस लेने में तकलीफ होने लगी उसकी सांसे रुँधने लगी।
नीलू को तो बहुत मजा आ रहा था लेकिन राहुल की तकलीफ बढ़ते जा रही थी उससे अब ज्यादा देर सांस रोक पाना मुश्किल था और नीलू थी की उसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। ना चाहते हुए भी राहुल अपने होठ को नीलू के होठों पर जबरदस्ती खींचकर अलग किया। नीलू के होठों के चंगुल से अपने होठों को आजाद कर के राहुल जोर-जोर से हँफने लगा वही हाल नीलू का भी था वह भी जोर जोर से सांस अंदर बाहर कर रहे थी।
दोनों हाँफते हुए एक दूसरे को देखने लगे देखते ही देखते नीलू मुस्कुराने लगीऔर नीलू को मुस्कुराता हुआ देखकर राहुल भी मुस्कुरा दिया। दोनो एक दूसरे को देख कर हंसे जा रहे थे।
नीचे गिरी आइसक्रीम कौन पिघलकर पानी-पानी हो गई थी उस पर नीलू की नजर पड़ी तो उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर गई क्योंकि उसे तुरंत ख्याल आया कि जिस तरह से यो आइस क्रीम कौन गर्मी से पिघल कर पानी पानी हो गई है उसी तरह उसके जिस्म की गर्मी भी उसे पिघलाकर पानी पानी कर रही है जिससे उसकी पेंटी भी गीली हो चुकी थी।
राहुल के लिए यह पहला अनुभव था लड़की के संसर्ग में आज पहली बार उसने चुंबन का सुख लिया था। और इस चुंबन ने उसके पूरे बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ा दिया था। उसका रोम रोम पुलकित हो चूका था। जो सुख नीलू ने आज उसे दि थी इस दुख को वह शब्दों में बयान नहीं कर सकता था। नीलू राहुल की तरफ ही घूरे जा रही थी। जब उसकी नजर पेंट में बने तंबू पर गई
तंबू का उभार देखकर उसकी बुर फुदकनेे लगी। राहुल को जब उसकी नजरों का नीसाना कहां है इस बारे में पता चला तो वह शर्माकर अपनी हथेली से अपने पैंट के आगे का भाग ढँक लिया।और नीलु राहुल की ईस हरकत को देख कर उसकी मासूमियत पर मुस्कुरा दी पर मुस्कुराते हुए बोली।
नीलु; ओह राहुल आज तुम्हें किस करने में मुझे इतना आनंद आया है कि पूछो मत मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि मैं कितना खुश हूं। क्या राहुल तुम्हें भी उतना ही मजा आया जितना कि मुझे।
( नीरु के इस सवाल पर राहुल शर्मा गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे कैसे कहे। लेकिन वह जानता था कि जवाब तो देना ही पड़ेगा नीलू उसे एसे छोड़ने वाली नहीं थी इस लिए वह सिर्फ हां मैं सिर हिला दिया। लेकिन तभी नीलू उसे बीच में टोकते हुए बोली।)
नीलु; ऐसे नहीं राहुल बोल कर बताओ कि तुम्हे मजा आया कि नहीं? ( राहुल जानता था कि नीलु ऐसे पीछा छोड़ेगी नहीं उसे बोलना ही पड़ेगा। इसलिए वह बोला)
राहुल; ( शरमाते हुए) हां मुझे भी बहुत मजा आया।
( राहुल का जवाब सुनकर नीलू बहुत प्रसन्न हुई क्योंकि वह समझ गई थी कि राहुल भी लाइन पर आने लगा है उसे भी लड़कियों से मिलने वाले सुख का मजा अच्छा लगने लगा है।)
नीलु; अच्छा एक बात बताओ राहुल क्या तुमने कभी किसी लड़की को इस तरह से किस किया है या किसी लड़की ने तुम्हें इस तरह से कीस की है?
( राहुल क्या कहता वो तो आज तक किसी भी लड़की के इतने करीब ना गया था ना किसी लड़की को अपने ईतने करीब आने दिया था आज यह पहली बार ही था। इसलिए वह बोला।)
राहुल; नहीं ऐसा मेरे साथ कभी भी नहीं हुआ।
( राहुल का जवाब सुनकर नीलू बहुत खुश हुई और मन ही मन में सोची कि वास्तव में राहुल शत-प्रतिशत वर्जिन है। वो भी मन ही मन मे प्रसन्न हो रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। वह आगे के प्लान के बारे में सोचने लगी वह राहुल को ज्यादा उत्तेजित कर देना चाहती थी ताकि वह खुद नीलू को पाने के लिए बेताब हो जाए उसकी तड़प इतनी बढ़ जाये कि वह खुद नीलू के बगैर एक पल भी ना रह पाए।
नीलू के दिमाग में राहुल को और भी ज्यादा उत्तेजित करने का प्लान बन चुका था और वह उसी प्लान के तहत काम करते हुए अपना अगला कदम बढ़ा रही थी।
पार्क में बैठे बैठे दोनों को काफी समय बीत चुका था। शाम ढलना शुरु हो चुका था । नीलू भी अपनी अगली चाल फेंकते हुए बोली।
नीलु; राहुल अब काफी समय हो चुका है अब हमें चलना चाहिए हम दोनों ने यहां काफी समय गुजार लिए।
( नीलु की बात सुनकर राहुल बेमन से बोला।)
राहुल; हाँ हाँ क्यों नही। सच मे काफी समय हो गया है।( राहुल का मन नहीं कर रहा था यहाँ से जाने का लेकिन क्या करता जाना तो पड़ता ही इसलिए वह बेंच पर से खड़ा हो गया। राहुल को खड़ा होता देख नीलू भी
अपना पर्स उठाते हुए खड़ी हो गई। और कैसे अपने प्लान को अंजाम दे उस बारे में सोचते हुए पार्क के चारों तरफ अपनी नजर दौड़ाने लगी। नीलु अपना मुंह ऐसे बनाने लगी जैसे कि उसे दर्द हो रहा है। नीलू का बिगड़ा हुआ मुंह देखकर परेशान होता हुआ राहुल बोला।
राहुल; क्या हुआ नीलू कुछ तकलीफ है क्या।
( नीलू अभी भी पार्क के चारो तरफ अपनी नजर दौड़ाई जा रहे थी। और ऐसे ही राहुल की तरफ देखें बिना ही बोली।)
नीलु: कैसे बताऊं तुम्हें तकलीफ ही एैसी है की तुम्हे बता भी नहीं सकती। (अपने पेट पर हाथ रखते हुए) क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
( नीलू की परेशानी राहुल से सही नहीं जा रही थी राहुल भी बहुत परेशान हो रहा था कि आखिरकार ऐसी क्या तकलीफ है कि नीलु उसे बता नहीं सकती। फिर भी राहुल जोर देकर नीलू से पूछा)
राहुल : नीलू आखिर ऐसी कौन सी तकलीफ है कि तुम मुझे नहीं बता रही हो। बताओगीे नहीं तो पता कैसे चलेगा।